PDF DOWNLOAD FREE -आधुनिक भारत NCERT नोट्स PART 1
NCERT KE SATH SATH IS NOTES KO JO POINTWISE HAI ZARUR LIKH LIJIYE
YAH BAHUT IMPORTANT HAI , IS KE BAAD NCERT PDF KO DOWNLOAD KIJIYE
- सल्तनत कालीन स्थापत्य | ( Architecture during Sultunate )
- ढाई दिन का झोंपड़ा ( अजमेर ) कुतुबुद्दीन ऐबक
- सुल्तानगढ़ी का मकबरा दिल्ली इल्तुतमिश
- इल्तुतमिश का मकबरा दिल्ली इल्तुतमिश
- जामी मस्जिद बदायूँ इल्तुतमिश
- मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह बदायूँ इल्तुतमिश
- हौज – ए – खास बदायूँ इल्तुतमिश
- हौज – ए – शौम्सी बदायूँ इल्तुतमिश
- शक्सी ईदगाह बदायूँ इल्तुतमिश
- अतारकिन का दरवाजा नागौर इल्तुतमिश
- कुवावुत – इस्लम – मस्जिद दिल्ली कुतुबुद्दीन ऐबक
- कुतुबमीनार दिल्ली कुतुबुद्दीन ऐबक एवं इल्तुतमिश
- जामा मस्जिद दिल्ली कुतुबुद्दीन ऐबक
- लाल महल दिल्ली बलबन
- अलाई दरवाजा दिल्ली अलाउद्दीन खिलजी
- आदिलाबाद का किला दिल्ली मुहम्मद – बिन – तुगलक
- . ‘ जहाँपनाह नगर दिल्ली मुहम्मद – बिन – तुगलक
- फिरोजशाह कोटला दिल्ली फिरोज तुगलक
- जामा मस्जिद ,हौज – ए – खास , दिल्ली फिरोज तुगलक
- . काली मस्जिद दिल्ली फिरोज तुगलक
- खिड़की मस्जिद दिल्ली फिरोज तुगलक
- खान – ए – जहाँ तेलंगानी का मकबरा फिरोज तुगलक ( दिल्ली )
- हौज – खास मदरसा दिल्ली फिरोज तुगलक
- जमायत – ए – खाना मस्जिद दिल्ली अलाउद्दीन खिलजी
- सिरी फोर्ट दिल्ली अलाउद्दीन खिलजी
- हौज – ए – खास दिल्ली अलाउद्दीन खिलजी
- शक्सी ताल दिल्ली अलाउद्दीन खिलजी
- तुगलकाबाद नगर ग्याशुद्दीन तुगलक
- बेगमपुरी मस्जिद दिल्ली फिरोज तुगलक –
- मोठ मस्जिद दिल्ली सिकन्दर लोदी का वजीर
- सिकन्दर लोदी का मकबरा खैरपुर इब्राहिम लोदी
- अटाला मस्जिद जौनपुर इब्राहिम शाह शर्की
- झंझरी मस्जिद जौनपुर इब्राहिम शाह शर्की
- बड़ा सोना मस्जिद गौड़ सिकन्दर शाह
- कंदम्ब रसुल मस्जिद गौड़ नुसरत शाह
- हिंडोलाभवन नरवदा पठार हुशंगशाह
- लाल दरवाजा मस्जिद जौनपुर मुहम्मद शाह
- अदीना मस्जिद पंडुआ सिकन्दर शाह
- माण्डु का किला हुशंग शाह
- गोल गुम्बद मस्जिद मुहम्मद आदिलशाह
- चार मीनार – कुलीकुतुब शाह |
- बीबी का मस्जिद – मुजफ्फर शाह गुजराती की पुत्री
- विट्ठल स्वामी मंदिर – कृष्णदेव राय
- व्याशुद्दीन तुगलक ने दिल्ली पर तुगलक वंश ( 1320-98 ई . ) का शासन प्रारंभ किया ।
- 1321 ई . में प्रताप रुद्रदेव के विरूद्ध तेलंगाना में ग्यासुद्दीन तुगलक ने सैन्य अभियान करवाया । तेलंगाना का सैन्य अभियान जौना खाँ ( मुहम्मद – बिन – तुगलक ) के नेतृत्व में हुआ । ग्यासुद्दीन तुगलक ने 29 बार मंगोल आक्रमण को विफल किया ।
- ग्यासुद्दीन ने अपने साम्राज्य में सिंचाई की व्यवस्था की तथा सम्भवतः नहरों ( canals ) का निर्माण करने वाला पहला शासक था ।
- ग्यासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली के समीप तुगलकाबाद नाम का एक नया नगर स्थापित किया । रोमन शैली में निर्मित तुगलकाबाद में छप्पनकोट नामक एक दुर्ग का निर्माण भी हुआ ।
- ग्यासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ई ० में बंगाल के अभियान से लौटते समय जूना खाँ द्वारा निर्मित लकड़ी के महल में दबकर हो गयी ।
- बिहार के मैथिली कवि विद्यापति की रचनाओं में ग्यासुद्दीन तुगलक के महत्वपूर्ण विवरण प्राप्त होते हैं ।
- ग्यासुद्दीन तुगलक के मृत्यु के बाद जौना खाँ , मुहम्मद बिन तुगलक के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा ।
- भारतीय इतिहास में मुहम्मद बिन तुगलक पागल , सनकी , रक्तपिपासु आदि नामों से जाना जाता है ।
- मुहम्मद बिन तुगलक के काल में दिल्ली सल्तनत का साम्राज्य सर्वाधि क विस्तृत था ।
- मुहम्मद बिन तुगलक मध्यकालीन सभी सुल्तानों में सर्वाधिक शिक्षित तथा विद्वान था
- मुहम्मद बिन तुगलक ने चार योजनाओं को क्रियान्वित किया जो इस प्रकार थे ( i ) राजधानी दिल्ली का दौलताबाद स्थानान्तरण । ( i ) सोना चाँदी के स्थान पर ताँबे एवं पीतल के सांकेतिक मुद्रा ( Token currency ) का प्रचलन । ( i ) दोआब क्षेत्र में भू – राजस्व की दर कुल उपज का 1/2 करना । ( iv ) कराचिल एवं खुरासन का विफल अभियान । .
- मुहम्मद तुगलक ने एक नये कृषि विभाग दीवान – ए – अमीर कोही की स्थापना की । अफ्रीकी यात्री इब्नबतूता मुहम्मद तुगलक के समय में भारत आया था ।
- 1333 ई ० में मुहम्मद – बिन – तुगलक ने इब्नबतूता को दिल्ली का काजी नियुक्त किया । मुहम्मद – बिन – तुगलक ने इब्नबतूता को 1342 ई ० में राजदूत बना कर चीन . भेजा ।
- मुहम्मद – बिन – तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ई ० में स्वतन्त्र राज्य विजयनगर की स्थापना की ।
- 1347 ई ० में महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने बहमनी साम्राज्य की स्थापना की । मुहम्मद – बिन – तुगलक के शासनकाल में सर्वाधिक विद्रोह हुए जिसके परिणामस्वरूप लगभग पूरा दक्षिण का राज्य स्वतन्त्र हो गया ।
- मुहम्मद – बिन – तुगलक के शासनकाल में कान्हा नायक ने विद्रोह कर स्वतन्त्र वारंगल राज्य की स्थापना की । मुहम्मद – बिन – तुगलक ने इंशा – ए – महरु नामक पुस्तक की रचना की ।
- 1341 ई ० में चीनी सम्राट तोगनतिमुख ने अपना राजदूत भेजकर मुहम्मद • बिन तुगलक से हिमाचल प्रदेश के बौद्ध मन्दिरों के जीर्णोद्धार के लिए अनुमति मांगी ।
- जैन सन्त जिन चन्द्रसूरी को मुहम्मद तुगलक ने सम्मानित किया ।
- मुहम्मद – बिन – तुगलक की मृत्यु थट्टा में हुई । मुहम्मद तुगलक की मृत्यु पर बदायूनी ने लिखा कि ” सुल्तान को उसकी प्रजा से और प्रजा को अपने सुल्तान से मुक्ति मिल गई । “
- मुहम्मद – बिन – तुगलक की मृत्यु के पश्चात् उसका चचेरा भाई फिरोजशाह -तुगलक ( 1351-88 ई . ) दिल्ली की गद्दी पर बैठा ।
- मालवा के शासक महमूद खिलजी ने मुहम्मद शाह के समय दिल्ली पर . आक्रमण किया ।
- मुहम्मद शाह की मृत्यु ( 1444 ई . ) के बाद उसका पुत्र अलाउद्दीन . आलमशाह के नाम से गद्दी पर बैठा ।
- आलमशाह ( 1445-51 ई . ) अपनी राजधानी दिल्ली से हटाकर बदायूं ले . गया ।
- 1451 ई ० में आलमशाह ने बहलोल लोदी को दिल्ली का राज्य पूर्णत : सौंप दिया और स्वयं बदायूं की जागीर में रहने लगा । 37 वर्ष के शासन के बाद सैय्यद वंश का अन्त हो गया तथा लोदी वंश की नींव पड़ी ।
- लोदी वंश ( 1451-89 ई . )
- लोदी वंश ( 1451-89 ई . ) की स्थापना बहलोल लोदी ने 1451 ई . में किया ।
- बहलोल लोदी ( 1451-89 ई . ) दिल्ली में प्रथम अफगान शासक था ।
- बहलोल लोधी ने शाह गाजी की उपाधि धारण की ।
- बहलोल लोदी ने बहलोल सिक्के का प्रचलन किया । 1489 ई ० में बहलोल लोदी की मृत्यु हो गयी । बहलोल लोदी का पुत्र सुल्तान सिकन्दर शाह लोदी 1489 ई . में सिंहासन पर बैठा ।
- सिकन्दर लोदी ने 1504 ई ० में आगरा शहर की स्थापना की तथा इसे अपनी नयी राजधानी बनाया । सिकन्दर लोदी ने भूमि माप के लिए सिकन्दरी गज का प्रचलन करवाया ।
- सिकन्दर लोदी ( 1489-1517 ई . ) गुलरुखी के उपनाम कविताएँ लिखता था ।
- सिकन्दर लोदी ने मुसलमानों द्वारा ताजिया निकालने तथा मुस्लिम स्त्रियों . द्वारा पीरों एवं सन्तों की मजार पर जाने को प्रतिबंधित कर दिया ।
- . सिकन्दर लोदी ने संस्कृत के ग्रन्थ आयुर्वेद का फरंहग – ए – सिकन्दरी के नाम
- . से फारसी में अनुवाद करवाया ।
- सिकन्दर लोदी ने नगरकोट के ज्वालामुखी मन्दिर की मूर्ति को तोड़कर 6 . उसके टुकड़ों को कसाइयों को मांस तौलने के लिए दे दिया था ।
- . 21 नवम्बर , 1517 ई ० को सिकन्दर लोदी की मृत्यु हो गयी ।
- सिकन्दर लोदी के मृत्यु के बाद 22 नवम्बर 1517 ई ० को उसका पुत्र इब्राहिम शाह लोदी गद्दी पर बैठा । बा इब्राहिम लोदी ( 1517-26 ई . ) के शासनकाल की महत्वपूर्ण घटना पानीपत का प्रथम युद्ध है ।
- पानीपत का प्रथम युद्ध ( अफगानिस्तान ) के शासक ‘ बाबर ‘ तथा इब्राहिम लोदी के बची 1526 ई . में हुआ ।
- उपरोक्त युद्ध में इब्राहिम लोदी को परास्त कर भारत में मुगल वंश की स्थापना की ।
- बाबर को भारत पर आक्रमण का न्यौता पंजाब के शासक दौलत खाँ लोधी ने दिया था ।
- दौलत खाँ लोधी , इब्राहिम लोधी का चाचा था । में )
- सल्तनत साम्राज्य एक प्रकार का ‘ धार्मिक राजतन्त्र ‘ ( Religious Monarchy ) ।
- सल्तनत काल में इस्लाम को राजधर्म घोषित किया गया । प्रान्त अलाउद्दीन खिलजी ने सर्वप्रथम ‘ खलीफा ‘ के वर्चस्व को चुनौती दी तथा सल उसके नाम का ‘ खुतबा ‘ पढ़ने एवं उसके नाम के सिक्के ‘ ढालने की प्रथा जात बन्द कर दी ।
- इक्त अलाउद्दीन खिलजी के पुत्र कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी ने स्वयं को ” खलीफा ‘ घोषित कर खलीफा के महत्व को नकार दिया । “
- सल्तनत काल में , सुल्तान प्रशासन के सभी विभागों का प्रमुख होता था ।
- सुल्तान को प्रशासन में मदद करने के लिए मजलिस – ए – खिलवत नामक गाँवों मंत्रिपरिषद् थी । होते . परंतु , सुल्तान मजलिस – ए – खिलवत की सलाह मानने को बाध्य नहीं था ।
- सुल्तान अपने दैनिक कार्य बार – ए – आजम ( जनसभा हॉल ) में निपटाता था । .
- मुहम्मद – बिन – तुगलक ने दीवान – ए – अमीर कोही नाम कृषि विभाग की : स्थापना की ।
- अलाउद्दीन खिलजी ने वित्त मंत्रालय के अधीन दीवान – ए – मुस्तखराज श नामक एक नया विभाग स्थापित किया । दीवान – ए – मुस्तखराज का कार्य कर अधिशेष ‘ का हिसाब रखना था ।
- जलालुद्दीन खिलजी ने भी एक नए विभाग दीवान – ए – वकूफ की स्थापना की । ‘ दीवान – ए – वकूफ ‘ की स्थापना आय – व्यय के कागजातों की देखभाल करने के लिए किया गया था ।
- सल्तनत प्रशासन में सुल्तान के बाद सर्वाधिक शक्तिशाली मन्त्री वजीर था । वजीर , वित्त मंत्रालयका प्रधान होता था । न वजीर गुप्तचर , डाक , धर्मार्थ संस्थाएँ तथा कारखानों आदि का भी प्रधान होता था , वह सुल्तान की अनुपस्थिति में उसके कार्यों का सम्पादन करता था । नायब वजीर वजीर का सहायक था तथा वजीर की अनुपस्थिति में उसके कार्यों को देखता था ।
- सल्तनत काल में कुछ अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी निम्नवत् धे
- . मजमुआदार – आय – व्यय को ठीक रखने वाला पदाधिकारी ।
- . आरिज – ए – मुमालिक – सेना मन्त्री ।
- . सद्र – उस – सुदूर – धर्म एवं राजकीय दान विभाग का अध्यक्ष ।
- . वकील – ए – दर – सुल्तान की व्यक्तिगत सेवाओं का प्रबन्धक ।
- . अमीर – ए – हाजिब – दरबारी शिष्टाचार को लागू करवाने वाला पदाधिकारी ।
- खजीन – खजाँची ।
- . काजी – उल – कुजात – मुख्य न्यायाधीश ।
- अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण व्यवस्था ( Market controll Policy ) लागू की ।
- बाजार नियंत्रण व्यवस्था के अंतर्गत सभी वस्तुओं के सरकार दाम निर्धारित थे ।
- अलाउद्दीन ने व्यापारियों की बेईमानी से आम जनता को बचाने के लिए मुहतसिब एवं बरीद जैसे गुप्तचार नियुक्त किए थे ।
- सरजांदार – सुल्तान के अंग – रक्षकों का नायक ।
- . शहना – ए – पील – हस्तिशाला का अध्यक्ष ।
- . बरीद – गुप्तचर ।
- अमीर – ए – आखुर – अश्वशाला का अध्यक्ष ।
- सल्तनत को 13 वीं शताब्दी में सैनिक क्षेत्रों में बाँटा गया , जिसे इक्ता कहा जाता था । इक्ता का प्रधान मुक्ति ( एक शक्तिशाली सैन्य – अधिकारी ) होता था ।
- 14 वीं शताब्दी में शिक्कों ( जिलों ) का गठन हुआ ।
- ‘ शिक्क ‘ का शासन देखने की जिम्मेदारी नाजीम या अमील नामक अधिकारी की थी ।
- गाँवों में मुकदम की सहायता के लिए पटवारी एवं कारकून ( क्लर्क ) होते थे ।
- सबसे छोटी प्रशासनिक इकाई ग्राम थी । .
- ग्राम का प्रमुख मुकदम ,, खुत अथवा चौधरी कहलाता था ।
- इब्नबतुता में प्रशासन की सबसे छोटी इकाई सादी ( 100 गाँवों का समूह ) को माना है ‘ नगर ‘ का प्रशासन अमीर – ए – सदा नामक अधिकारी के हाथों में थी ।
- अशोक ने किस बौद्ध भिक्षु से बौद्ध धर्म की शिक्षा ग्रहण की ? उपगुप्त से
- . सुल्तान फिरोज तुगलक की आत्मकथा का नाम क्या – फुतुहात – ए – फिरोजशाही .
- अमीर खुसरो किस सुल्तान का दरबारी कवि था ? अलाउद्दीन खिलजी का .
- सैयद वंश का संस्थापक कौन था ? – खिज़ खाँ
- . मेवाड का कौन सा राणा विक्षिप्त हो गया तथा उसके पुत्र द्वारा मार डाला गया ? राणा कुम्भा
- राजवल्लभ , घसीटी बेगम , शौकत जंग किसके प्रधान शत्रु थे ? सिराजुद्दौला के
- किसके शासनकाल में भारत में प्रथम रेलवे लाइन बिछाई गई ? – लॉर्ड डलहौजी के शासनकाल में
- अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरि का शासक कौन था ? रामचन्द्र देव
- कनिष्क के शासनकाल में चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन किस नगर में हुआ था ? – कुण्डलवन ( कश्मीर ) .
- ईसा पूर्व छठी सदी में विश्व की प्रथम गणतन्त्रात्मक व्यवस्था कहाँ थी ? – वैशाली .
- राजगृह का राजकीय चिकित्सक जीवक को , जिसे गणिका के पुत्र के रूप में माना जाता है , उसका नाम सलावती
- पानीपत का प्रथम युद्ध इब्राहीम लोदी व के मध्य 1526 ई . में हुआ था . पानीपत के युद्ध में इब्राहीम लोदी की पराजय के प्रमुख कारण – एकता का अभाव , अकुशल सेनापतित्व तथा अफगान सरदारों की उससे क्षुब्धता . बाबर
- किसके शासनकाल में मंगोल सेनानायक तैमूर ने 1398 ई . में भारत पर आक्रमण किया था ? – सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद
- बंगाल के सेन वंश के राजा लक्ष्मण के किस दरबारी कवि ने ‘ गीतगोविन्द ‘ की रचना की ? . जयदेव .
- सांख्य दर्शन के अनुसार संसार का निर्माण प्रकृति से हुआ है . ये द्रव्य ( प्रकृति ) और आत्मा ( पुरुष ) की सत्ता को स्वीकार करते हैं . प्राचीन सांख्य दर्शन के प्रवर्तक कौन माने जाते हैं ? – कपिल मुनि
- . किस राष्ट्रकूट शासक ने एलोरा के विख्यात शिव ( कैलाश ) मंदिर का निर्माण कराया था ? – कृष्ण प्रथम ने
- अकबर काल में भू – राजस्व व्यवस्था की एक प्रसिद्ध नीति ‘ आइन – ए – दहसाला ‘ पद्धति किसके द्वारा निर्मित की गई थी ? . टोडरमल .
- ” ईश्वर केवल मनुष्य के सद्गुण को पहचानता है तथा उसकी जाति नहीं पूछता ; आगामी दुनिया में कोई जाति नहीं होगी . ” यह सिद्धान्त किस भक्ति सन्त का है ? गुरुनानक .
- कलिंग युद्ध के बाद अशोक का हृदय परिवर्तन हो गया था . तत्पश्चात् उसने बौद्ध धर्म अपना लिया था . कलिंग युद्ध की विजय तथा क्षत्रियों का वर्णन अशोक के किस शिलालेख ( Rock Edict ) में है ? – शिलालेख- XIII .
- शुंग राजवंश का संस्थापक कौन था ? – पुष्यमित्र शुंग .
- दिल्ली के किस सुल्तान ने स्वयं को दूसरा सिकन्दर ( सिकन्दर – इ – सानी ) कहा ? . अलाउद्दीन खिलजी ने
- ‘ शेख – उल – हिन्द ‘ ( Shaikh – ul – Hind ) की पदवी किसको दी गई थी ? ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को .
- किसके शासनकाल में मुगलों तथा मेवाड़ के राना के बीच ‘ चित्तौड़ की सन्धि ‘ हस्ताक्षरित हुई ? – जहाँगीर के शासनकाल में .
- ‘ अकबर ऑफ काश्मीर ‘ किसे कहा गया है ? – जैनुल आबदीन ( Zainul Abedin ) को
- दिल्ली के किस सुल्तान ने कृषि के लिए एक अलग विभाग बनाया तथा ‘ फसलों का चक्रण ‘ ( Rotation of Crops ) करने की योजना बनाई ? – मोहम्मद बिन तुगलक ने
- .. कुत्ते तथा मनुष्य के एक साथ कंकाल किस . ‘ इस्तमरारी बन्दोवस्त ‘ ( Permanent Settlement ) ऐतिहासिक स्थान से प्राप्त हुए हैं ? बुर्जहोम ( Burzhom ) से
- दिल्ली के किस सुल्तान ने सर्वप्रथम सिंचाई पर कर लगाया ? – फीरोज तुगलक ने
- किसके शासनकाल में प्रारम्भ किया गया है ? – लॉर्ड कार्नवालिस के शासनकाल में .
- किस गुप्त सम्राट् ने ‘ हूणों को पराजित किया था ? स्कन्दगुप्त ने
- किस अभिलेख में रुद्रदामन प्रथम की विभिन्न उपलब्धियाँ वर्णित हैं ? जूनागढ़ अभिलेख में
- मगध की प्रारंभिक राजधानी कौनसी थी ? राजगृह ( गिरिव्रज )
- किस शासक द्वारा सर्वप्रथम पाटलिपुत्र का राजधानी के रूप में चयन किया गया ? . उदायिन
- . विश्व का पहला गणतंत्र वैशाली में किसके द्वारा स्थापित किया गया ? – लिच्छवियों द्वारा .
- अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरि का शासक कौन था ? रामचन्द्र देव .
- एत्मादुद्दौला का मकबरा आगरा में किसने बनवाया था ? नूरजहाँ ने .
- मुगल प्रशासन में ‘ मुहतसिब ‘ था . लोक आचरण अधिकारी .
- किस सुल्तान ने बेरोजगार युवकों के रोजगार के लिए रोजगार दफ्तर खोला था ? – फिरोज तुगलक
- दशमलव प्रणाली के आधार पर सेना का गठन किया था अलाउद्दीन खिलजी ने ‘
- कुमार सम्भव ‘ महाकाव्य किस कवि ने लिखा है ? – कालिदास ने
- कालिदास किस गुप्त शासक के दरबारी कवि थे ? चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य क
- महावीर स्वामी को निर्वाण ( मृत्यु ) प्राप्त हुआ था – पावापुरी में . .
- बोधगया ( बिहार ) में महाबोधि मंदिर बनाया गया है , जहाँ – गौतमबुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ
- भारत के अंतिम मुगल सम्राट् बहादुरशाह जफर को 1857 ई . के विद्रोह में भाग लेने के कारण अंग्रेजों ने कैद करके कहाँ भेजा था ? – रंगून की जेल में
- . किस बौद्ध संगीति में बौद्ध धर्म की हीनयान और महायान शाखाओं का उदय हुआ ? – चौथी बौद्ध संगीति में .
- किस मुख्य उद्देश्य से अशोक ने अपनी प्रजा में ‘ धम्म ‘ का प्रचार किया था ? – बौद्ध धर्म के प्रचार हेतु .
- शेरशाह सूरी अपने किस कार्य के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध है ? प्रशासनिक सुधार के लिए
- ‘ मुत्तखब – उत – तवारीख ‘ नामक पुस्तक किसने लिखी . • अब्दुल कादिर बदायूँनी ने
- अकबर के दरबार में एक विख्यात हिन्दी कवि कौन थे ? अब्दुर्रहीम .
- विजय नगर के राज दरबार में आने वाला विख्यात मुस्लिम यात्री कौन था ? अब्दुर रज्जाक .
- मुगल सम्राटों में चित्रकला का पारखी कौन था ? – जहाँगीर
- मौर्य साम्राज्य के अन्त के बाद किसका उद्भव हुआ ? – शुंग वंश का •
- भारत में यूरोपीय व्यापारियों के आगमन का सही क्रम पुर्तगाली , डच , अंग्रेज , फ्रांसीसी –
- 1833 के चार्टर एक्ट के अनुसार बंगाल का गवर्नर जनरल अब भारत का गवर्नर जनरल हो गया . इस प्रकार भारत का प्रथम गवर्नर जनरल बना . • लॉर्ड विलियम बैंटिक .
- महमूद गजनवी ने कितनी बार भारत पर आक्रमण किए ? अन्तिम आक्रमण का लक्ष्य ( Target ) क्या था ? – 17 बार , सोमनाथ का मन्दिर .
- . नूरजहाँ का वास्तविक नाम क्या था ? – मेहरुन्निसा .
- किस मुगल सम्राट् की मृत्यु पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरकर हुई , जिसके बारे में कहा गया “ वह जिन्दगी में भी गिरा तथा औंधे मुँह गिरकर जिंदगी से चला गया ? ” – हुमायूँ .
- औरंगजेब ने किस सिख गुरु को फाँसी दी ? गुरु तेगवहादुर को
- गुजरात का सोमनाथ मन्दिर किस देवता को समर्पित न शिव को
- वास्को – डि – गामा प्रारम्भ में भारत के किस बन्दरगाह पर पहुंचा था ? कालीकट पर
- बौद्ध संगीतियों के आयोजन स्थल व आयोजनकर्ताओं के सम्बन्ध में सही क्रम क्या है ? राजगृह – अजातशत्रु , वैशाली – कालाशोक , पाटलिपुत्र अशोक तथा कश्मीर – कनिष्क .
- चन्द्रगुप्त के शासनकाल में कौनसा यूनानी यात्री भारत आया ? मेगस्थनीज
- किस सम्राट् के सम्बन्ध में महरौली अभिलेख से जानकारी प्राप्त होती है ? चन्द्रगुप्त द्वितीय
- . फिरोज तुगलक ने किसकी स्मृति में जौनपुर शहर की नींव डाली थी ? मुहम्मद तुगलक की स्मृति में
- कुव्वत – उल – इस्लाम मस्जिद का निर्माण किसने करवाया था ? कुतुबुद्दीन ऐबक ने .
- शेरशाह की मृत्यु उसकी अन्तिम विजय के समय हो गई थी . यह अन्तिम विजय कौनसी थी ? – कालिंजर की विजय ( 1545 ई . ) .
- पानीपत का दूसरा युद्ध 1556 में किस – किस के बीच हुआ था ? हेमू और बैरम खाँ के बीच
- मारवाड़ के किस वीर ने आजीवन औरंगजेब से संघर्ष किया , किन्तु आत्मसमर्पण नहीं किया ? दुर्गादास
- दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने अपने बाद किसको सिखों का गुरु मनोनीत किया था ? ग्रन्थ साहिब को
- . दिल्ली से दौलताबाद हेतु राजधानी के स्थानान्तरण का आदेश किसने दिया था ? – मुहम्मद बिन तुगलक ने . .
- . फिरोजशाह तुगलक का राज्याभिषेक थट्टा में हुआ तथा पुन : 1351 ई ० में दिल्ली में दोबारा राज्याभिषेक हुआ ।
- फिरोज तुगलक ने 24 कष्टकारी करों को समाप्त किया ।
- फिरोज तुगलक ने शरीयत द्वारा स्वीकृत 4 करों जजिया , जकात , खराज एवं खम्स को ही मुख्य रूप से रखा । ‘ जजिया ‘ गैर – मुसलमानों पर लगाया जाने वाला कर था ।
- फिरोज तुगलक ने ‘ ब्राह्ममर्गों पर भी ‘ जजिया कर ‘ लगाया ।
- फिरोज ने सिंचाई कर हक – ए – शर्ब लगाया जो सिंचित भूमि के कुल उपज का 1/10 था । फिरोज तुगलक ने 5 बड़ी नहरों का निर्माण करवाया । उसने फिरोजाबाद , हिसार , जौनपुर , फतेहाबाद आदि नगरों की स्थापना की ।
- फिरोज तुगलक ने सर्वप्रथम राज्य के आय का प्रमाणिक ब्यौरा तैयार करवाया ।
- फिरोज तुगलक ने अशोक के खिजाबाद ( टोपरा ) एवं मेरठ में स्थित दो स्तम्भों को वहाँ से स्थानांतरित कर दिल्ली में स्थापित किया । फिरोज तुगलक ने अनाथ मुस्लिम महिलाओं , विधवाओं एवं लड़कियों के लिए दीवान – ए – खैरात ( दान – विभाग ) की स्थापना की ।
- फिरोज तुगलक के शासनकाल में सल्तनतकालीन सुल्तानों में दासों की संख्या सर्वाधिक ( लगभग 1,80,000 ) थी । उसने दासों के लिए दीवान – ए – वन्द्गान ( दास विभाग ) की स्थापना की । फिरोज के दरबार में विद्वान जियाउद्दीन बरनी तथा शम्से शिराज अफीफ रहता था । बरनी और शम्से शिराज अफीफ ने तारीख – ए – फिरोजशाही की रचना की ।
- फिरोज तुगलक ने स्वयं आत्मकथा लिखी जो फुतूहाते – फिरोजशाही के नाम से जाना जाता है ।
- फिरोज तुगलक ने दिल्ली के निकट दार – उल – सफा नामक एक खैराती अस्पताल खोला । फिरोज तुगलक ने चाँदी एवं ताँबे के मिश्रण से शशगनी , अद्धा एवं विश्व जैसे सिक्के चलाये ।
- फिरोज तुगलक के काल में खान – ए – जहाँ तेलंगानी के मकबरे का निर्माण . . . हुआ । खान – ए – जहाँ तेलंगानी के मकबरे की तुलना जेरुशलम के उमर मस्जिद से की जाती है ।
- दिल्ली स्थित फिरोजशाह कोटला दुर्ग फिरोज तुगलक द्वारा ही निर्मित करवाया गया ।
- फिरोजशाह ने अपने जाजनगर ( उड़ीसा ) अभियान के दौरान पुरी के जगन्नाथ मन्दिर को ध्वस्त किया तथा नागरकोट अभियान के दौरान ज्वालामुखी मन्दिर को ध्वस्त कर इसे लूटा ।
- फिरोज तुगलक ने लगभग 300 प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों का फारसी अनुवाद आजउद्दीन खालिद द्वारा दलायले – फिरोजशाही के नाम से करवाया ।
- नासिरुद्दीन महमूद तुगलक तुगलक वंश का अन्तिम शासक था । नसिरूँद्दीन महमूद तुगलक के ही शासनकाल में तैमूरलंग ने 1398 ई ० में भारत पर आक्रमण किया ।
- तैमूरलंग के सेनापति खिज्र खाँ ने दिल्ली पर सैय्यद वंश ( 1414-50 ई . ) के शासन की स्थापना की । खिज खाँ ( 1412-21 ई . ) ने रैय्यत – ए – आला की उपाधि धारण की ।
- 20 मई , 1421 ई ० को खिज्र खाँ की मृत्यु हुई ।
- खिज्र खाँ की मृत्यु के बाद उसका पुत्र मुबारक शाह ( 1421-34 ई . ) सुल्तान बना । मुबारक शाह ने यमुना के तट पर मुबारकाबाद नामक नगर बसाया । उसके आश्रय में प्रसिद्ध इतिहासकार ‘ याह्या – बिन – अहमद सरहिन्दी ‘ थे ।
- इसकी पुस्तक तारीख – ए – मुबारक शाही से सैय्यद वंश के विषय में जानकारी मिलती है । 19 फरवरी , 1434 ई ० को उसके एक सरदार सरवर – उल – मुल्क ने एक षड्यन्त्र द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
- मुहम्मद शाह ( 1414-43 ई . ) के काल में दिल्ली सल्तनत में अराजकता व कुव्यवस्था व्याप्त रही ।
- जजिया कर हिन्दुओं से वसूला जाता था ।
- युद्ध से प्राप्त लूट के माल में राज्य के हिस्से को खम्स कहा जाता था ।
- खानों से होने वाली आय , निर्यात – आयात कर , आबकारी कर , यात्रा कर , गृह कर एवं सिंचाई कर इत्यादि राजकीय आय के अन्य स्रोत थे ।
- सिंचाई कर को हक – ए – शर्ब कहा जाता था । ‘ हक – ए – शर्ब ‘ फिरोज तुगलक के शासनकाल में अध्यारोपित किया गया ।
- फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी ‘ जजिया कर ‘ लगाया ।
- सल्तनत काल में राज्य की समस्त भूमि को चार वर्गों में बाँट दिया गया इक्ता , 2. खालसा , 3. अनुदान , 4. समांतों की भूमि ।
- खालसा भूमि पूर्णतः केन्द्रीय सरकार के अधीन थी । भू – राजस्व की सिंचित भूमि पर 10 % तथा गैर – सिंचित भूमि पर 5 % लिया 1 जाता था ।
- ‘ खराज ‘ नामक कर कुल उपज का 1/3 से 2/3 भाग वसूला जाता था ।
- दिल्ली सल्तनत के शासकों में सर्वप्रथम इल्तुतमिश ने शुद्ध अरबी सिक्के सल्तनत काल में जीतल ( ताँबे का ) , टंका ( चाँदी का ) , दिल्लीवाल तथा बहलोली आदि सिक्के तथा स्वर्ण मुहरें प्रचलित थीं ।
- चाँदी के ‘ टंका ‘ का मूल्य 175 ग्रेन था । सल्तनत काल में देश का सबसे बड़ा उद्योग वस्त्रोद्योग था । बंगाल , गुजरात , बनारस , उड़ीसा , सूरत , काम्बे , पटना , बुरहानपुर , दिल्ली , आगरा , मुल्तान एवं थट्टा सल्तनत काल के प्रमुख व्यापारिक केन्द्र थे ।
- सल्तनत काल में बंगाल रेशमी एवं सूती वस्त्रों के उत्पादन के लिये विख्यात था ।
- सल्तनत काल में भारत का विदेश व्यापार ( Foreign Trade ) प्रशांत महासागर तथा भूमध्य सागरीय देशों से होता था ।
- सल्तनत काल में देवल अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के रूप में प्रसिद्ध था ।
- सल्तनत काल में सेना का गठन ‘ दशमलव पद्धति ‘ पर किया गया था ।
- सल्तनत काल में सेना मूल रूप से दो प्रकार की थी । हश्म – ए – कल्ब – सुल्तान द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नियुक्त एवं सीधे उसके ( सुल्तान के ) नियन्त्रण में रहने वाले सैनिक । हश्म – ए – अतरफ – सुल्तान के सामंतों एवं प्रान्तपतियों द्वारा नियुक्त तथा उनके ही नियन्त्रण में रहने वाले सैनिक ।
- सैन्य – विभाग को दीवान – ए – आरज कहा जाता था ।
- 10 अश्वारोहियों की टोली को सर – ए – खैल कहा जाता था । 10 सर – ए – खैल के ऊपर एक सिपहसलार तथा 10 सिपहसलार के ऊपर एक अमीर होता था । 10 अमीर मलिक के अधीन तथा 10 मलिक एक खान के अधीन होते थे ।
- सल्तनत काल में साम्राज्य का प्रधान न्यायाधीश सुल्तान होता था । सुल्तान के पश्चात् इस विभाग का सर्वोच्च पद काजी – उल – कुजात ( मुख्य काजी ) का था ।
- काजी – उल – कुजात शीर्ष स्तर पर मुकदमों का निर्णय देता था ।
- कस्बों एवं गाँवों के विवादों का निपटारा पंचायतों द्वारा किया जाता था ।
- प्रान्तों में वली , काजी – ए – सूबा , दीवान – ए – सूबा तथा सद – ए – सूबा आदि के चार प्रकार के न्यायालयों के अस्तित्व में रहने का प्रमाण मिलता है ।
- इस्लामी कानूनों की व्याख्या मुजतहिद करता था ।
- शान्ति व्यवस्था को बनाने के लिए एक ‘ पुलिस विभाग ‘ था , जिसका प्रमुख कोतवाल होता था ।
- कुवावुत – ईस्लम – मस्जिद भारत में पहली तुर्क मस्जिद थी , इसका निर्माण के 1193 ई ० में हुआ ।
- इल्तुतमिश के मकबरे की दीवारें कुरान की आयतों से सजी हैं ।
- भारत में वैज्ञानिक रूप से पहली बार गोल गुंबद का निर्माण ‘ अलाई दरवाजा ‘ में किया गया ।
- ‘ अटाला मस्जिद ‘ का निर्माण जहाँ हुआ वहाँ पहले अटाला देवी का मन्दिर था ।
- झंझरी मस्जिद का निर्माण ‘ हजरत सईद सद्र जहाँ अजमली ‘ के सम्मान में करवाया गया ।
- 1301 ई ० में साहुदेव नामक एक हिन्दू ने कश्मीर में हिन्दू राज्य की स्थापना की ।
- 1339-40 ई ० में शाह मीर ( शमशुद्दीन शाह ) ने कश्मीर में प्रथम का मुस्लिम वंश की स्थापना की ।
- हिन्दू मन्दिर एवं मूर्तियों को तोड़ने के कारण कश्मीर के शासक सिकन्दर को बुतशिकन कहा गया ।
- 1420 ई ० में जैन – ऊल – आबदीन कश्मीर के सिंहासन पर बैठा । धार्मिक रूप से आबदीन सहिष्णु था , अत : उसे कश्मीर के अकबर की संज्ञा दी गई ।
- जैन – ऊल – आबदीन ने महाभारत एवं राजतरंगिणी का फारसी में अनुवाद श करवाया ।
- जैन – ऊल – आबदीन ने वूलर झील में जैनालंका नामक कृत्रिम द्वीप का निर्माण करवाया ।
- . . 1588 ई ० में अकबर ने कश्मीर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया ।
- मुहम्मद तुगलक के शासनकाल में बंगाल स्वतन्त्र हो गया था ।
- शम्सुद्दीन इलियास शाह बंगाल 1345 ई ० में बंगाल का नवाब बना । शम्सुद्दीन ने एक नए राजवंश इल्यास शाही राजवंश की स्थापना की ।
- 1375 ई ० में शम्सुद्दीन के मृत्यु के बाद सिकन्दर सुल्तान बना । सिकन्दर शाह ने पांडुआ में अदीना मस्जिद का निर्माण करवाया । 1493 ई ० में शासक बने ‘ अलाउद्दीन हुसैन शाह ‘ ने अपनी राजधानी को पांडुआ से गौड़ स्थानान्तरित किया ।
- चैतन्य महाप्रभु अलाउद्दीन के समकालीन थे । अलाद्दीन ने सत्यपीर नामक आन्दोलन की शुरूआत की । अलाउद्दीन के शासन काल में मालधर बसु ने श्री कृष्ण विजय की रचना कर गुणराज खान की उपाधि धारण की ।
- बंगाल के एक अन्य शासक ‘ नसीब खाँ ‘ के कार्यकाल में महाभारत का बंगला भाषा में अनुवाद तथा गौड़ में कदमरसूल मस्जिद का निर्माण करवाया ।
- बंगाल में हुसैनशाही वंश का अन्तिम शासक ‘ ग्याशुद्दीन महमूदशाह ‘ था ।
- मालवा राज्य 1398 ई ० में तैमूर के आक्रमण के बाद स्वतन्त्र हो गया । मालवा के सूबेदार दिलावर खाँ गोरी 1401 ई ० में मालवा को स्वतन्त्र घोषित कर दिया । दिलावर खाँ ने धार की लाट मस्जिद का निर्माण करवाया ।
- 1405 ई ० में शासक बने हुशंगशाह ने मालवा की राजधानी से माण्डू को स्थानान्तरित किया । ‘ माण्डू के किले ‘ का निर्माण हुशंगशाह ने करवाया था , जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है – दिल्ली दरवाजा ।
- हुशंग शाह ने नर्मदा तट पर होशंगाबाद नगर की स्थापना की । 1435 ई ० में शासक बने महमूदशाह खिलजी ने माण्डू में सात मंजिलों वाले महल का निर्माण करवाया ।
- मेवाड़ के राणा कुंभा ने महमूद खिलजी को युद्ध में परास्त कर चित्तौड़ में कैद कर लिया ।
- राणा कुंभा ने विजय की स्मृति में विजय स्तम्भ ( चित्तौड़ ) का निर्माण करवाया । जहाज महल का निर्माण 1469 ई ० में शासक बने ग्यासुद्दीन खिलजी ने मांडू में करवाया । 1500 ई ० में शासक बने नासिरुद्दीन शाह ने बाज बहादुर एवं रुपमति महल का निर्माण करवाया ।
- खिलजी वंश के अन्तिम शासक ‘ महमूदशाह द्वितीय ‘ ने फतेहाबाद नामक स्थान पर महमूद खिलजी के कुश्क महल का निर्माण करवाया ।
- गुजरात के बहादुरशाह ने महमूदशाह द्वितीय को युद्ध में परास्त कर दिया तथा 1531 ई ० में मालवा का गुजरात में विलय हो गया ।
- 1401 ई ० में जफर खाँ के नेतृत्व में गुजरात स्वतन्त्र हो गया । अहमदशाह गुजरात के स्वतन्त्र राज्य का वास्तविक संस्थापक था ।
- अहमदशाह ने असावल के समीप अहमदनगर नामक नगर की स्थापना की । उसने अपनी राजधानी अहमदनगर स्थानान्तरित की ।
- महमूद बेगड़ा गुजरात का प्रसिद्ध शासक था । महमूद बेगड़ा ने गिरनार के निकट मुस्तफाबाद नामक नगर और चम्मानेर के निकट मुहम्मदाबाद नगर बसाया ।
- महमूद बेगड़ा ने गुजरात के समुद्रतट से पुर्तगालियों को भगाने के लिए मिन तथा कालीकट के शासकों से सन्धि की । 1 . 1507 ई ० में ड्यू द्वीप के पास हुए सामुद्रिक युद्ध में महमूद बेगड़ा ने 2 . पुर्तगालियों को पराजित किया , परन्तु , 1509 ई ० में वह पुर्तगालियों से 3 . हार गया । गुजरात को अकबर ने 1572 ई ० में मुगल साम्राज्य के अधीन कर लिया । जौनपुर की स्थापना फिरोज तुगलक ने अपने भाई जौना खाँ की स्मृति में की थी । जौनपुर में स्वतन्त्र शर्की राज्य का संस्थापक ख्वाजा जहाँ था ।
- 1394 ई ० में फिरोजशाह तुगलक के पुत्र सुल्तान महमूद ने खाजा जहान को मलिक- उस – शर्क ( पूर्व का स्वामी ) की उपाधि प्रदान की । . .
- शर्की वंश का सर्वश्रेष्ठ शासक शम्सुद्दीन इब्राहीम शाह हुआ । शम्सुद्दीन इब्राहिम शाह के समय में , जौनपुर को साहित्य एवं स्थापत्य के कारण भारत का सीराज कहा गया ।
- जौनपुर का अन्तिम शर्की शासक हुसैन शाह शर्की था । जौनपुर राज्य लगभग 75 वर्षों तक स्वतन्त्र रहने के बाद बहलोल लोदी द्वारा दिल्ली सल्तनत में मिला लिया गया ।
- मेवाड़ मध्य काल में सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य था तथा इसकी राजधानी चितौड़ थी । 1303 ई ० में अलाउद्दीन खिलजी ने मेवाड़ के गुहिलौत राजवंश के शासक रत्नसिंह को पराजित कर मेवाड़ को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया । अलाउद्दीन रत्नसिंह की रानी पद्मिनी को प्राप्त करना चाहता था , लेकिन पद्मिनी ने जौहर व्रत ( सती होना ) धारण कर स्वयं को समाप्त कर लिया ।
- 1314 ई ० में सिसोदियों वंश के हम्मीरदेव ने चित्तौड़ पर अधिकार कर लिया । मेवाड़ के अन्य प्रसिद्ध शासक राणा कुंभा ( 1433-68 ई ० ) एवं राणा सांगा ( 1509-28 ई ० ) थे । राणा कुंभा ने मेवाड़ में 22 दुर्गों का निर्माण करवाया , जिसमें कुम्भलगढ़ का दुर्ग मुख्य रूप से प्रसिद्ध है ।
- 1527 ई ० में राणा सांगा एवं बाबर के बीच खनवा का युद्ध हुआ जिसमें बाबर विजयी हुआ । 1576 ई ० में मेवाड़ के प्रसिद्ध शासक राणा प्रताप को अकबर ने हल्दी घाटी के युद्ध में परास्त किया । मेवाड़ को मुगल सम्राट जहाँगीर ने मुगल साम्राज्य में मिला लिया ।
- आधुनिक मारवाड़ का संस्थापक चुन्द था , उसने 1394 ई ० में उसकी स्थापना की । मारवाड़ पर राठौर वंश का शासन था ।
- मारवाड़ के शासक जोधा ने जोधपुर एवं बिक्का ने बिकानेर शहरों की स्थापना की । जोधा ने नन्दौर के प्रसिद्ध दुर्ग का निर्माण करवाया । मारवाड़ का सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक मालदेव ( 1532-62 ई ० ) था , उसने शेरशाह को मारवाड़ जीतने नहीं दिया ।
- महमूद गजनी ने 1010 ई ० में सिन्ध पर अधिकार कर लिया तथा 50 वर्षों तक शासन किया । 1210 ई ० में सिन्ध पर नासिरुद्दीन कुबाचा ने अधिकार कर लिया । 1382 ई ० में फिरोजशाह तुगलक के सूबेदार मलिक राजा फारुकी ने खानदेश की स्थापना स्वतन्त्र मुस्लिम राज्य के रूप में की थी । उसके नाम पर उसके वंश का नाम फारुखी वंश पड़ा ।
- खानदेश की राजधानी बुरहानपुर थी । खानदेश का सैनिक मुख्यालय असीरगढ़ में स्थित था । मल्लिक नासिर ने 1399-1438 ई ० तक तथा आदिल शाह ने 1457-1503 ई ० तक खानदेश पर शासन किया ।
- 1601 ई ० में मुगल सम्राट अकबर ने खानदेश को मुगल साम्राज्य में . मिला लिया ।
- विजय नगर साम्राज्य की राजधानी ‘ तुंगभद्रानदी के किनारे हम्पी थी ।
- हरिहर एवं बुक्का ने अपने पिता संगम के नाम पर संगम वंश की स्थापना
- बुक्का प्रथम ने वेदमार्ग प्रतिष्ठापक की उपाधि धारण की ।
- देवराय प्रथम के शासनकाल में इटली के यात्री निकोलस कॉण्टी ने विजय नगर की यात्रा की ।
- देवराय द्वितीय संगम वंश का सबसे प्रतापी राजा था तथा इसे इमाडिदेवराय के नाम से भी जाना जाता है ।
- देवराय द्वितीय के शासनकाल में फारसी राजदूत अब्दुर्रज्जाक ने विजयनगर की यात्रा की ।
- देवराय द्वितीय को एक अभिलेख में जगबेटकर ( हाथियों का शिकारी ) की उपाधि दी गई है । विजयनगर में सालुव वंश की स्थापना सालुव नरसिंह ने 1485 ई ० में की । सालुव नरसिंह के शासनकाल में आने वाला प्रसिद्ध पुर्तगाली यात्री नूनिज . था ।
- वीर नरसिंह ने विजयनगर में तुलुव वंश की स्थापना 1505 ई ० में की । कृष्णदेव राय तुलुव वंश का महान शासक था , वह 8 अगस्त 1509 ई ० को गद्दी पर बैठा ।
- कृष्णदेव राय ने यवनराज स्थापनाचार्य की उपाधि धारण की । प्र कृष्णदेव राय ने अपने प्रथम सैनिक अभियान ( 1509-10 ई ० ) में बीदर fe के सुल्तान महमूद शाह को हराया ।
- कृष्णदेव राय का अन्तिम सैनिक अभियान बीजापुर के सुल्तान इस्माइल आदिल के विरुद्ध हुआ , उसे हराकर गुलबर्गा के किले को नष्ट कर दिया ।
- कृष्णदेव राय के शासनकाल में पुर्तगाली शासक अल्बुकर्क था । पुर्तगाली यात्री डोमिगोस पायस कृष्णदेव राय के शासनकाल में विजयनगर की यात्रा पर आया था ।
- कृष्णदेव राय ने नागलपुर नामक नए नगर की स्थापना की थी । कृष्णदेव राय के शासनकाल को तेलुगु साहित्य का क्लासिक युग कहा गया है ।
- कृष्णदेव राय के दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ सर्वश्रेष्ठ कवि थे , जिन्हें अष्टदिग्गज कहा गया है ।
- कृष्णदेव राय के अष्टदिग्गज में सर्वाधिक उल्लेखनीय तेलुगु कवि अल्लसानि पेद्वन था , जिन्हें तेलुगु कविता के पितामह की उपाधि प्रदान की गयी थी । ” तेनाली राम ‘ कृष्णदेव राय के दरबार का अन्तिम व आठवाँ कवि था । इनकी प्रसिद्ध रचना पाण्डुराम महात्म्य है ।
- कृष्णदेव राय ने तेलुगु में अमुक्त्माल्यम एवं संस्कृत में जाम्बबती कल्याणम् की रचना की । कृष्णदेव राय वैष्णव धर्म का अनुयायी था ।
- कृष्णदेव राय ने हजारा और विट्ठलस्वामी मन्दिरों का निर्माण करवाया था । कृष्णदेव राय की मृत्यु 1529 ई ० में हो गयी ।
- तुलुव वंश का अन्तिम शासक सदाशिव था । सदाशिव राय के शासनकाल में प्रसिद्ध युद्ध तालीकोटा या राक्षसीतंगड़ी का युद्ध 25 जनवरी 1565 में हुआ । तालीकोटा या राक्षसीतंगड़ी का युद्ध बीजापुर , अहमदनगर , गोलकुण्डा एवं बीदर के संयुक्त मोर्चा का नेता अली अदिल शाह और विजयनगर के सेना का नायक रामराय के बीच हुई , जिसमें रामराय पराजित हुआ ।
- विजयनगर साम्राज्य के चौथे वंश , अरवीडु वंश का संस्थापक ‘ तिरुमल ‘ था । इस वंश की स्थापना तिरुमल ने सदाशिव को अपदस्थ कर 1570 ई ० में पेनुकोंडा में की ।
- अरवीडु शासक वेंकट द्वितीय के शासन काल में ही वाडयार ने 1612 ई ० में मैसूर राज्य की स्थापना की । विजयनगर साम्राज्य का अन्तिम शासक रंग -था
- विजयनगर साम्राज्य के शासक को राय कहा जाता था ।
- विजयनगर साम्राज्य में सारी शक्तियाँ असैनिक और सैनिक दोनों प्रशासन का प्रधान राजा था ।
विजयनगर साम्राज्य ( Vijaynagar Dynasty ) )
- संगम वंश 1336-1485ई ०
- सालुव वंश 1485-1505 ई ०
- तुलुव वंश 1505-1570 ई ०
- अरवीडु वंश1570-1650 ई ०
- विजयनगर साम्राज्य मध्य युग का प्रथम हिन्दू साम्राज्य था ।
- विजय नगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई ० में दक्षिण भारत में तुंगभद्रा नदी के उत्तरी तट पर हुई । विजय नगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने की है । .
- हरिहर एवं बुक्का काकतीय शासक प्रताप रूद्र देव के सेवक थे । . .
- विजयनगर साम्राज्य 6 प्रान्तों में विभक्त था तथा प्रत्येक प्रान्त राजप्रतिनिधि या नायक के अधीन थे ।
- विजयनगर में प्रत्येक गाँव स्वत : पूर्ण इकाई थी । साम्राज्य कई छोटी – छोटी प्रशासनिक इकाइयों में विभक्त थी । सबसे बड़ी प्रशासनिक इकाई मण्डलम ( प्रान्त ) थी जिसका प्रशासनिक अधिकारी नायक अथवा मण्डलेश्वर होता था । मण्डलम के बाद नाडू ( जिला ) , स्थल अनुमण्डल तथा ग्राम होता था ।
- प्रत्येक गाँव के प्रशासन के लिए स्थानीय सभाएँ थी ।
- गाँवों के समूह नाडू में स्थानीय सभाएं कार्य करती थी जिसे नात्वर कहते हैं । इस साम्राज्य की सेना नायकों को नायक कहा जाता था ।
- नायक को वेतन के बदले भूखंड प्रदान किया जाता था , जिसे अमरम कहा जाता था । इस साम्राज्य में आयंगर और नायंकर व्यवस्था प्रचलित थी ।
- बारह प्रशासकीय अधिकारियों की नियुक्ति संगठित ग्रामीण इकाइयों पर शासन हेतु किया गया था जिसको सामूहिक रूप से आयंगर कहा गया
- भू – राजस्व कुल उपज के 1/6 हिस्से की दर से वसूला जाता था ।
- विजयनगर के काल में देवदासी प्रथा , सती प्रथा तथा दास प्रथा का प्रचलन था । विजय नगर में मनुष्यों की खरीद – बिक्री को बेसवग कहते थे ।
- विजय नगर में व्यापारियों के श्रेणियों को चेट्टि कहा जाता था ।
- बहमनी साम्राज्य की स्थापना 1347 ई ० में मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में हुआ था ।
- बहमनी साम्राज्य का संस्थापक अलाउद्दीन बहमनशाह था । बहमनशाह ने गुलबर्गा को अपनी राजधानी बनाया तथा उस का नाम अहसनाबाद रखा । उसने अपने साम्राज्य को चार प्रान्तों में गुलबर्गा , दौलताबाद , बरार एवं बीदर में बाँटा ।
- मुहम्मदशाह प्रथम के काल में ही बारुद का उपयोग पहली बार प्रारम्भ 7 हुआ , जिसने रक्षा – संगठन में नई क्रान्ति ला दी थी । 1397 ई ० में ताजउद्दीन फिरोज बहमनी का शासक बना , वह बहमनी सम्राटों में सर्वाधिक विद्वान था ।
- ताजउद्दीन के शासनकाल में 1417 ई ० में रुसी यात्री निकितिन बहमनी व साम्राज्य की यात्रा पर आया था ।
- ताजउद्दीन फिरोज ने भीमा नदी के तट पर फिरोजाबाद नामक शहर की नींव डाली । फिरोज के शासनकाल में सोनार की बेटी का युद्ध हुआ जिसमें विजयनगर साम्राज्य के शासक देवराय प्रथम की हार हुई थी । 1361 ई ० में मिस्र के खलीफा ने मुहम्मद शाह- को मान्यता प्रदान की तथा दक्षिण भारत का सुल्तान स्वीकार किया ।
- फिरोज की मृत्यु के पश्चात् शिहाबुद्दीन अहमद प्रथम ( 1422-46 AD ) | निबहमनी के सिंहासन पर बैठा । शिहाबुद्दीन अहमद प्रथम ने अपनी राजधानी गुलबर्गा से हटाकर बीदर में स्थापित किया तथा इसका नाम मुहमदाबाद रखा । 1 शिहाबुद्दीन इतिहास में शाह वली अथवा सन्त अहमद के नाम से भी जाने जाते हैं ।
- बहमनी – विजयगनर के संघर्ष का मुख्य क्षेत्र रायचूर दोआव था ।
- बहमनी राजवंश के शासक हुमायूँ को उसकी क्रूरता एवं विलासिता के कारण जालिम हुमायूँ एवं पूर्व का नीरो कहा गया ।
- हुमायूँ ने महमूद गवाँ को प्रधानमन्त्री नियुक्त किया । वह एक योग्य एवं कुशल राजनायक था । हुमायूँ के काल में बहमनी को मिली सफलताओं का श्रेय महमूद गवाँ को जाता है ।
- महमूद गवाँ ने बीदर में एक विद्यालय की स्थापना कराया । महमूद गवाँ ने राज्य को आठ प्रान्तों अथवा अतराफ में विभाजित कर दिया और प्रत्येक में तरफदार की नियुक्ति की ।
- बहमनी वंश का सबसे अन्तिम शासक कलीमउल्लाह था ।
- बहमनी राज्य के पतन के बाद पाँच स्वतन्त्र राज्यों का उदय दक्कन में हुआ ।
- विजय नगर साम्राज्य की राजधानी ‘ तुंगभद्रानदी के किनारे हम्पी थी ।
- हरिहर एवं बुक्का ने अपने पिता संगम के नाम पर संगम वंश की स्थापना बुक्का प्रथम ने वेदमार्ग प्रतिष्ठापक की उपाधि धारण की ।
- देवराय प्रथम के शासनकाल में इटली के यात्री निकोलस कॉण्टी ने विजय नगर की यात्रा की ।
- देवराय द्वितीय संगम वंश का सबसे प्रतापी राजा था तथा इसे इमाडिदेवराय के नाम से भी जाना जाता है ।
- देवराय द्वितीय के शासनकाल में फारसी राजदूत अब्दुर्रज्जाक ने विजयनगर की यात्रा की । देवराय द्वितीय को एक अभिलेख में जगबेटकर ( हाथियों का शिकारी ) की उपाधि दी गई है ।
- विजयनगर में सालुव वंश की स्थापना सालुव नरसिंह ने 1485 ई ० में की । सालुव नरसिंह के शासनकाल में आने वाला प्रसिद्ध पुर्तगाली यात्री नूनिज . था । वीर नरसिंह ने विजयनगर में तुलुव वंश की स्थापना 1505 ई ० में की ।
- कृष्णदेव राय तुलुव वंश का महान शासक था , वह 8 अगस्त 1509 ई ० को गद्दी पर बैठा । वि कृष्णदेव राय ने यवनराज स्थापनाचार्य की उपाधि धारण की ।
- कृष्णदेव राय ने अपने प्रथम सैनिक अभियान ( 1509-10 ई ० ) में बीदर fe के सुल्तान महमूद शाह को हराया ।
- कृष्णदेव राय का अन्तिम सैनिक अभियान बीजापुर के सुल्तान इस्माइल आदिल के विरुद्ध हुआ , उसे हराकर गुलबर्गा के किले को नष्ट कर दिया ।
- कृष्णदेव राय के शासनकाल में पुर्तगाली शासक अल्बुकर्क था ।
- पुर्तगाली यात्री डोमिगोस पायस कृष्णदेव राय के शासनकाल में विजयनगर की यात्रा पर आया था । कृष्णदेव राय ने नागलपुर नामक नए नगर की स्थापना की थी ।
- कृष्णदेव राय के शासनकाल को तेलुगु साहित्य का क्लासिक युग कहा गया है ।
- कृष्णदेव राय के दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ सर्वश्रेष्ठ कवि थे , जिन्हें अष्टदिग्गज कहा गया है । कृष्णदेव राय के अष्टदिग्गज में सर्वाधिक उल्लेखनीय तेलुगु कवि अल्लसानि पेद्वन था , जिन्हें तेलुगु कविता के पितामह की उपाधि प्रदान की गयी थी । ” तेनाली राम ‘ कृष्णदेव राय के दरबार का अन्तिम व आठवाँ कवि था । इनकी प्रसिद्ध रचना पाण्डुराम महात्म्य है ।
- कृष्णदेव राय ने तेलुगु में अमुक्त्माल्यम एवं संस्कृत में जाम्बबती कल्याणम् की रचना की ।
- कृष्णदेव राय वैष्णव धर्म का अनुयायी था । कृष्णदेव राय ने हजारा और विट्ठलस्वामी मन्दिरों का निर्माण करवाया था । कृष्णदेव राय की मृत्यु 1529 ई ० में हो गयी ।
- तुलुव वंश का अन्तिम शासक सदाशिव था । सदाशिव राय के शासनकाल में प्रसिद्ध युद्ध तालीकोटा या राक्षसीतंगड़ी का युद्ध 25 जनवरी 1565 में हुआ ।
- तालीकोटा या राक्षसीतंगड़ी का युद्ध बीजापुर , अहमदनगर , गोलकुण्डा एवं बीदर के संयुक्त मोर्चा का नेता अली अदिल शाह और विजयनगर के सेना का नायक रामराय के बीच हुई , जिसमें रामराय पराजित हुआ । विजयनगर साम्राज्य के चौथे वंश , अरवीडु वंश का संस्थापक ‘ तिरुमल ‘ था । इस वंश की स्थापना तिरुमल ने सदाशिव को अपदस्थ कर 1570 ई ० में पेनुकोंडा में की ।
- अरवीडु शासक वेंकट द्वितीय के शासन काल में ही वाडयार ने 1612 ई ० में मैसूर राज्य की स्थापना की । विजयनगर साम्राज्य का अन्तिम शासक रंग -1 || था ।
- विजयनगर साम्राज्य के शासक को राय कहा जाता था ।
- विजयनगर साम्राज्य में सारी शक्तियाँ असैनिक और सैनिक दोनों प्रशासन का प्रधान राजा था ।
- शर्की वंश का सर्वश्रेष्ठ शासक शम्सुद्दीन इब्राहीम शाह हुआ ।
- शम्सुद्दीन इब्राहिम शाह के समय में , जौनपुर को साहित्य एवं स्थापत्य के कारण भारत का सीराज कहा गया । जौनपुर का अन्तिम शर्की शासक हुसैन शाह शर्की था ।
- जौनपुर राज्य लगभग 75 वर्षों तक स्वतन्त्र रहने के बाद बहलोल लोदी द्वारा दिल्ली सल्तनत में मिला लिया गया ।
- मेवाड़ मध्य काल में सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य था तथा इसकी राजधानी चितौड़ थी । 1303 ई ० में अलाउद्दीन खिलजी ने मेवाड़ के गुहिलौत राजवंश के शासक रत्नसिंह को पराजित कर मेवाड़ को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया । अलाउद्दीन रत्नसिंह की रानी पद्मिनी को प्राप्त करना चाहता था , लेकिन पद्मिनी ने जौहर व्रत ( सती होना ) धारण कर स्वयं को समाप्त कर लिया ।
- 1314 ई ० में सिसोदियों वंश के हम्मीरदेव ने चित्तौड़ पर अधिकार कर लिया । मेवाड़ के अन्य प्रसिद्ध शासक राणा कुंभा ( 1433-68 ई ० ) एवं राणा सांगा ( 1509-28 ई ० ) थे ।
- राणा कुंभा ने मेवाड़ में 22 दुर्गों का निर्माण करवाया , जिसमें कुम्भलगढ़ का दुर्ग मुख्य रूप से प्रसिद्ध है ।
- 1527 ई ० में राणा सांगा एवं बाबर के बीच खनवा का युद्ध हुआ जिसमें बाबर विजयी हुआ । 1576 ई ० में मेवाड़ के प्रसिद्ध शासक राणा प्रताप को अकबर ने हल्दी घाटी के युद्ध में परास्त किया । मेवाड़ को मुगल सम्राट जहाँगीर ने मुगल साम्राज्य में मिला लिया । आधुनिक मारवाड़ का संस्थापक चुन्द था , उसने 1394 ई ० में उसकी स्थापना की । मारवाड़ पर राठौर वंश का शासन था ।
- मारवाड़ के शासक जोधा ने जोधपुर एवं बिक्का ने बिकानेर शहरों की स्थापना की । जोधा ने नन्दौर के प्रसिद्ध दुर्ग का निर्माण करवाया ।
- मारवाड़ का सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक मालदेव ( 1532-62 ई ० ) था , उसने शेरशाह को मारवाड़ जीतने नहीं दिया । महमूद गजनी ने 1010 ई ० में सिन्ध पर अधिकार कर लिया तथा 50 वर्षों तक शासन किया । 1210 ई ० में सिन्ध पर नासिरुद्दीन कुबाचा ने अधिकार कर लिया । 1382 ई ० में फिरोजशाह तुगलक के सूबेदार मलिक राजा फारुकी ने खानदेश की स्थापना स्वतन्त्र मुस्लिम राज्य के रूप में की थी । उसके नाम पर उसके वंश का नाम फारुखी वंश पड़ा । खानदेश की राजधानी बुरहानपुर थी ।
- खानदेश का सैनिक मुख्यालय असीरगढ़ में स्थित था । मल्लिक नासिर ने 1399-1438 ई ० तक तथा आदिल शाह ने 1457-1503 ई ० तक खानदेश पर शासन किया ।
- 1601 ई ० में मुगल सम्राट अकबर ने खानदेश को मुगल साम्राज्य में . मिला लिया ।
- महमूद गजनवी की पंजाब विजय के पश्चात् कई सूफी सन्त भारत आये ।
- सूफीमत इस्लाम धर्म में उदार , रहस्यवादी और संश्लेषणात्मक प्रवृतियों का प्रतिनिधित्व करने वाली विचारधारा है ।
- सूफियों का मुख्य उपदेश वाहदत – उल – वजूद था ।
- सूफी जिन आश्रमों में निवास करते थे , उन्हें खनकाह या मठ कहा जाता था ।
- सूफियों के धर्मसंघ दो भागों बा – शारा ( इस्लामी सिद्धान्त के समर्थक ) और बे – शारा ( इस्लामी सिद्धान्त से बँधे नहीं ) में विभाजित थे ।
- भारत में आने वाला पहला सूफी सन्त शेख इस्माल था , जो लाहौर रा आया ।
- भारत में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती , हमीहुन नागौरी , कुतुबुद्दीन बख्तियार की काकी , सरीदुद्दीन गजशंकरी , निजामुद्दीन औलिया आदि सूफी मत के प्रमुख प्रचारक हुए ।
- . . 1588 ई ० में अकबर ने कश्मीर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया । मुहम्मद तुगलक के शासनकाल में बंगाल स्वतन्त्र हो गया था । शम्सुद्दीन इलियास शाह बंगाल 1345 ई ० में बंगाल का नवाब बना । शम्सुद्दीन ने एक नए राजवंश इल्यास शाही राजवंश की स्थापना की ।
- 1375 ई ० में शम्सुद्दीन के मृत्यु के बाद सिकन्दर सुल्तान बना । सिकन्दर शाह ने पांडुआ में अदीना मस्जिद का निर्माण करवाया ।
- 1493 ई ० में शासक बने ‘ अलाउद्दीन हुसैन शाह ‘ ने अपनी राजधानी को पांडुआ से गौड़ स्थानान्तरित किया । चैतन्य महाप्रभु अलाउद्दीन के समकालीन थे ।
- अलाद्दीन ने सत्यपीर नामक आन्दोलन की शुरूआत की । अलाउद्दीन के शासन काल में मालधर बसु ने श्री कृष्ण विजय की रचना कर गुणराज खान की उपाधि धारण की ।
- बंगाल के एक अन्य शासक ‘ नसीब खाँ ‘ के कार्यकाल में महाभारत का बंगला भाषा में अनुवाद तथा गौड़ में कदमरसूल मस्जिद का निर्माण करवाया ।
- बंगाल में हुसैनशाही वंश का अन्तिम शासक ‘ ग्याशुद्दीन महमूदशाह ‘ था ।
- मालवा राज्य 1398 ई ० में तैमूर के आक्रमण के बाद स्वतन्त्र हो गया । मालवा के सूबेदार दिलावर खाँ गोरी 1401 ई ० में मालवा को स्वतन्त्र घोषित कर दिया । दिलावर खाँ ने धार की लाट मस्जिद का निर्माण करवाया ।
- 1405 ई ० में शासक बने हुशंगशाह ने मालवा की राजधानी से माण्डू को स्थानान्तरित किया । ‘ माण्डू के किले ‘ का निर्माण हुशंगशाह ने करवाया था , जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है – दिल्ली दरवाजा । हुशंग शाह ने नर्मदा तट पर होशंगाबाद नगर की स्थापना की ।
- 1435 ई ० में शासक बने महमूदशाह खिलजी ने माण्डू में सात मंजिलों वाले महल का निर्माण करवाया । मेवाड़ के राणा कुंभा ने महमूद खिलजी को युद्ध में परास्त कर चित्तौड़ में कैद कर लिया । Ye राणा कुंभा ने विजय की स्मृति में विजय स्तम्भ ( चित्तौड़ ) का निर्माण करवाया । जहाज महल का निर्माण 1469 ई ० में शासक बने ग्यासुद्दीन खिलजी ने मांडू में करवाया ।
- 1500 ई ० में शासक बने नासिरुद्दीन शाह ने बाज बहादुर एवं रुपमति महल का निर्माण करवाया । खिलजी वंश के अन्तिम शासक ‘ महमूदशाह द्वितीय ‘ ने फतेहाबाद नामक स्थान पर महमूद खिलजी के कुश्क महल का निर्माण करवाया । गुजरात के बहादुरशाह ने महमूदशाह द्वितीय को युद्ध में परास्त कर दिया तथा 1531 ई ० में मालवा का गुजरात में विलय हो गया ।
- 1401 ई ० में जफर खाँ के नेतृत्व में गुजरात स्वतन्त्र हो गया । अहमदशाह गुजरात के स्वतन्त्र राज्य का वास्तविक संस्थापक था । अहमदशाह ने असावल के समीप अहमदनगर नामक नगर की स्थापना की । उसने अपनी राजधानी अहमदनगर स्थानान्तरित की । महमूद बेगड़ा गुजरात का प्रसिद्ध शासक था । महमूद बेगड़ा ने गिरनार के निकट मुस्तफाबाद नामक नगर और चम्मानेर के निकट मुहम्मदाबाद नगर बसाया । महमूद बेगड़ा ने गुजरात के समुद्रतट से पुर्तगालियों को भगाने के लिए मिन तथा कालीकट के शासकों से सन्धि की ।
- 1507 ई ० में ड्यू द्वीप के पास हुए सामुद्रिक युद्ध में महमूद बेगड़ाने . पुर्तगालियों को पराजित किया , परन्तु , 1509 ई ० में वह पुर्तगालियों से 3 . हार गया । गुजरात को अकबर ने 1572 ई ० में मुगल साम्राज्य के अधीन कर लिया । जौनपुर की स्थापना फिरोज तुगलक ने अपने भाई जौना खाँ की स्मृति में की थी । जौनपुर में स्वतन्त्र शर्की राज्य का संस्थापक ख्वाजा जहाँ था ।
- 1394 ई ० में फिरोजशाह तुगलक के पुत्र सुल्तान महमूद ने खाजा जहान को मलिक- उस – शर्क ( पूर्व का स्वामी ) की उपाधि प्रदान की ।
- 1699 ई ० में गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की ।
- गुरु गोविंद सिंह के बाद सिक्खों में गुरु की परम्परा समाप्त हो गयी ।
- गुरु गोविंद सिंह ने पाहुल प्रणाली को प्रारम्भ किया । इन्होंने सिक्खों के धार्मिक ग्रन्थ आदिग्रन्थ को वर्तमान रूप दिया । गुरु गोविन्द सिंह की मृत्यु के बाद सिक्खों का नेतृत्व बन्दा सिंह ने किया । बन्दा का उद्देश्य पंजाब में एक सिक्ख राज्य स्थापित करने का था । इसके लिए उसने लौहगढ़ को राजधानी बनाया ।
- मुगल बादशाह फर्रुखसियर के आदेश पर 1716 ई ० में बन्दा सिंह को गुरुदासपुर नांगल नामक स्थान पर पकड़कर मौत के घाट उतार दिया गया ।
अठारहवीं सदी का भारत
उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्ध में सामाजिक और सांस्कृतिक जागरण
Competitive exams ki tayyari ke liye suniye
[2/17, 10:24] Dr अफरोज इकबाल: Competitive exams ki tayyari ke liye suniye
*इसको ज़रूर सुनिए*
[2/17, 10:26] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/LQr9N9D-h-Y
[2/17, 10:27] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/TGZlFK_aenQ
[2/17, 10:27] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/grMRrl-iPYA
*Success*
*For competitive exams*
*अगर आप student हैं तो यह*
*आपके के लिए फायदेमंद है*
*Very very Important for exams*
*Share to all groups of students
*हड़प्पा सभ्यता 1*
[2/16, 18:52] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/7jMjXIEeS2U
*हड़प्पा सभ्यता 1*
[2/16, 18:37] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/VzCXQu-3dhw
*हड़प्पा सभ्यता 2*
[2/16, 18:37] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/aDSzFLyO9rM
*वैदिक संस्कृति 1*
[2/16, 18:38] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/7IXm9X1jMDU
*वैदिक संस्कृति 2*
[2/16, 18:38] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/79rbdO8Higs
*वैदिक संस्कृति 3*
[2/16, 18:39] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/lmcz8yio7Kk
*धार्मिक आंदोलन 1*
[2/16, 18:39] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/oUk9D_4x0Ls
*धार्मिक आंदोलन 2*
[2/16, 18:40] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/MHfiZkTJogc
*धार्मिक आंदोलन 3*
[2/16, 18:40] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/i5GN3ErOMJs
*महाजनपद काल 1*
[2/16, 18:41] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/rN8JDUpTfco
*महाजनपद काल 2*
[2/16, 18:41] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/7QQOoVqi1DQ
*महाजनपद काल 3*
[2/16, 18:42] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/svu2jg2ddk8
*मौतोत्तर युग 1*
[2/16, 18:45] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/N2EGRRgRwrE
*संगम काल*
[2/16, 18:45] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/s3pbMVw8Zh0
*पूर्व मध्य काल*
[2/16, 18:46] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/Ydl7lT14Am0
*गुप्त काल 1*
[2/16, 18:46] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/JX3rC85R8iQ
*गुप्तकाल 2*
[2/16, 18:47] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/FWRXJ1P5ux0
*गुप्तोत्तर काल*
[2/16, 18:48] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/OhcD2nkjKJE
*विजयनगर एवं बहमनी* *साम्राज्य*
[2/16, 18:48] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/qlPuj4Ex8wM
*चोल साम्राज्य*
[2/16, 18:49] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/pFG5TYo9GTg
*दिल्ली सल्तनत*
[2/16, 18:49] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/TGZlFK_aenQ
*History practice set*
[2/16, 18:50] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/f4N7OY-ElMc
*History practice set*
*In English*
[2/16, 18:50] Dr अफरोज इकबाल: https://youtu.be/LQr9N9D-h-Y
*Full MCQ*
[2/16, 18:51] Dr अफरोज इकबाल: https://youtube.com/shorts/ T3Qx46QGaKw?feature=share