विश्व जनसंख्या वितरण
( World Population Distribution )
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले कारक जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं
स्वतन्त्र राष्ट्रों का उदय , जातीय विभेद के आधार पर यूगोस्लाविया तथा चेकास्लोवाकिया का अनेक गणराज्यों में विघटन और चीन का तिब्बत की जनसंख्या पर प्रभाव आदि घटनायें प्रमुख हैं । राष्ट्रीय सरकारों के राजनीतिक नियन्त्रण एवं उनकी नीतियों ने भी जनसंख्या वृद्धि ह्रास अथवा प्रवास को प्रोत्साहित किया है । अतः वर्तमान जनसंख्या गतिशील हैं और वे नयी तथा पुरानी , दोनों ही प्रकार की जनांकिकीय प्रवृत्तियों को प्रतिबिम्बित करते हैं । चीन , भारत और दक्षिण – पूर्व एशिया की बड़ी नदी घाटियों तथा डेल्टाई भागों में कृषि के उच्च उत्पादन के फलस्वरूप लम्बे समय से बहुत बड़ी जनसंख्या का भरण – पोषण हो रहा है । दूसरी ओर , पश्चिमी यूरोप तथा उत्तर – पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में सघन नगरीय जनसंख्या के बसाव का कारण औद्योगिक क्रान्ति , आर्थिक विकास तथा उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी है । चीन तथा भारत जैसे विकासशील देशों में गाँवों से नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या के प्रवास के वृहत स्तर पर हुआ प्रवास के लिए प्रतिकूल और अनकूल कारण उत्तरदायी हैं । अब विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में महानगरों की संख्या अधिक हो गयी है । आज जनसंख्या की सर्वाधिक वृद्धि अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिका के कुछ भागों में हो रही है जहाँ मृत्यु दर तेजी से घटी है , जबकि जन्म दर काफी ऊँची है ।
आर्थिक कारक – विपरीत आर्थिक दशाओं , बेरोजगारी , धर्म , जातीय या राजनीतिक असहिष्णुता , तथा युद्ध जैसे कारक के प्रभाव से लोग एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में प्रवास करते हैं । दूसरी ओर उन्नत आर्थिक अवसर जैसे कारक लोगों को आकर्षित कर सकते हैं । आधुनिक विश्व के विविध बस्ती प्रतिरूप प्रतिकर्ष एवं अपकर्ष कारकों के प्रभाव को दर्शाते हैं । आजकल संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरे विकसित देशों में भारत से कम्प्यूटर विशेषज्ञों को जाना , इस तरह का एक उदाहरण है ।
भौतिक कारक – जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने में भौतिक विशेषताओं का महत्वपूर्ण योगदान है । उच्चावचन , जलवायु , मृदा , प्राकृतिक वनस्पति , जल त खनिज सम्पदा कुछ महत्वपूर्ण भौतिक कारक हैं । पश्चिमी एशिया और मिस्र की मरुभूमि में वहाँ बहने वाली दजलाफरात और नील नदियों के कारण अत्यधिक उपजाऊ भू – भाग थे । इस नए वहाँ प्राचीन सभ्यताओं का विकास हुआ । सामान्यतः दान , आर्द्र जलवायु , उपजाऊ मृदा वाले प्रदेशों में सघन जनसंख्या पायी जाती है । जबकि कठोर या विषम जलवायु और बंजर मृदा वाले प्रदेशों में जनसंख्या कम पायी जाती है । भौतिक पर्यावरण में मानवीय परिवर्तन ने जनसंख्या वितरण को बदल दिया है ।
सांस्कृतिक कारक- जनसंख्या वितरण में संस्कृति भी महत्वपूर्ण होती है । प्राचीन परम्पराएं तथा व्यवहार , धर्म और भाषा भी जनसंख्या के संकेन्द्रण तथा विकेन्द्रण को प्रभावित करते हैं । संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न भागों में जर्मन , फ्रांसिसी तथा चीनी राष्ट्रीयताओं के लोगों का जमाव उनकी अपनी पसन्द का परिचायक है । इस जमाव का मुख्य कारण लोगों का अपनी – अपनह संस्कृति से जुड़ा होना है ।
राजनीतिक कारक- आर्थिक कठिनाइयों , राजनीतिक अशान्ति और युद्ध के कारण जनसंख्या का स्थानान्तरण होता है । कुछ घटनाओं ने लाखों लोगों को शरणार्थी बना दिया है । ऐसी घटनाओं में फारस की खाड़ी का युद्ध , कांगों लोकतान्त्रिक गणतन्त्र ( जायर ) , इथियोपिया , सूडान और चाड के गृह युद्ध , रवांडा और श्रीलंका के जातीय झगड़े एवं क्रान्तियाँ , हैती की सैनिक क्रान्तियाँ , सोवियत संघ का विघटन तथा
जनसंख्या घनत्व का उल्लेख कीजिए ।
Explain Density of Population .
जनसंख्या घनत्व ( Density of Population ) जनसंख्या का घनत्व , जनसंख्या वितरण को विश्लेषित करने वाला एक माप है । यह एक देश में जनसंख्या तथा क्षेत्रफल के बीच के अनुपात को प्रदर्शित करता है । अंकगणितीय जनसंख्या घनत्व कुल जनसंख्या को कुल क्षेत्रफल से विभाजित कर प्राप्त होता है । यह जनसंख्या के संकेन्द्रण की मात्रा को समझने की सबसे आसान विधि है । संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का तीसरा सर्वाधिक जनसंख्या देश है । साथ ही यह क्षेत्रफल की दृष्टि से भी विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है । अतः यहाँ जनसंख्या घनत्व अपेक्षाकृत कम अर्थात् लगभग 28 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी ० है । जबकि यूरोप का कोई भी देश , विश्व के दस सर्वाधिक जनसंख्या वाले देशों में नहीं आता है । 8.2 करोड़ की जनसंख्या वाला जर्मनी संसार में 12 वें स्थान पर है । यथापि रूप से छोड़कर यूरोप के 40 स्वतन्त्र देशों में 58.2 करोड़ लोग रहते हैं । यह संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या के दो गुने से अधिक है , जबकि इन देशों का सम्मिलित क्षेत्रफल संयुक्त राज्य अमेरिका के क्षेत्रफल का आधा ही है । इस प्रकार यूरोप का जनसंख्या घनत्व 104 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी ० है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के जनसंख्या घनत्व का लगभग चार गुना है । साधारण अंकगणितीय घनत्व की तुलना में कार्मिक या पोषण घनत्व , मनुष्य और भूमि के अनुपात की गणना की अधिक सुलझी विधि है । इसमें कुल क्षेत्रफल की जगह कुल कृषि भूमि या फसल क्षेत्र से कुल जनसंख्या को विभाजित किया जाता है । यह कुल जनसंख्या और कुल कृषि क्षेत्र के बीच अनुपात है । विकासशील देशों में जहाँ जीवन निर्वाह कृषि , आर्थिक क्रियाओं में सबसे महत्वपूर्ण है , कार्मिक घनत्व कृषि की गहनता का परिचायक है । एशिया के लगभग सभी अधिक जनसंख्या वाले विकासशील देशों में औसतन प्रति व्यक्ति फसल क्षेत्र एक एकड़ से कम 0.4 हेक्टेयर है । भारत में एक हेक्टेयर कृषि भूमि पर 5 व्यक्ति , चीन में 12 व्यक्ति और संयुक्त राज्य अमेरिका में 1.5 व्यक्ति आश्रित है । कृषि प्रधान देशों में फसलों के लिए उपयुक्त भूमि पर खेती की जा रही है । अतः जैसे – जैसे जनसंख्या बढ़ रही है , अधिकांश जनसंख्या को कृषि क्षेत्र पर ही आश्रित होना पड़ रहा है चूँकि कृषि उत्पादकता में स्थान स्थान पर विभिन्नता पायी जाती है , अतः कार्मिक घनत्व भी जनसंख्या के दबाव का एक मापन प्रस्तुत करता है । अंकगणितीय जनसंख्या घनत्व के आधार पर विश्व जनसंख्या घनत्व को देखकर दो भिन्न प्रकार के क्षेत्र देखे जा सकते हैं । उच्च जनसंख्या घनत्व के कुछ ही क्षेत्र हैं और बहुत बड़ा भू – भाग अल्प जनसंख्या घनत्व वाला क्षेत्र है । उच्च जनसंख्या घनत्व के क्षेत्र अनुकूल जलवायु वाले उपजाऊ मैदान तथा औद्योगीकृत और नगरीकृत क्षेत्र आमतौर पर घने आबाद हैं । 100 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी ० से अधिक उच्च जन घनत्व के चार प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार है 1. पूर्व एशिया ( चीन , जापान , कोरिया और ताइवान ) ; 2. उत्तर – पश्चिम यूरोप ( यूनाइटेड किंगडम , फ्रांस , जर्मनी , नीदरलैण्ड , बेल्जियम लग्जेमबर्ग , आयरलैण्ड , डेनमार्क , स्पेन , इटली ) ; 3. दक्षिण तथा दक्षिण – पूर्व एशिया ; 4. उत्तरी अमेरिका का पूर्वी तट । विश्व की लगभग आधी जनसंख्या मात्र 5 प्रतिशत क्षेत्र पर ही संकेन्द्रित है , जबकि कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत भग निर्जन है । जनसंख्या का संकेन्द्रण नगरीय क्षेत्रों में बहुत अधिक है । औद्योगीकरण तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी ने बस्तियों तथा जनसंख्या घनत्व के प्रतिरूपों को बदल डाला है । विकसित देशों की लगभग तीन चौथाई ( 75 प्रतिशत से अधिक ) जनसंख्या ओज नगरों में रहती है । जनसंख्या का संकेन्द्रण प्रमुख महानगरीय क्षेत्रों में और उनके निकटवर्ती भागों में अधिक है । उत्तर – पश्चिमी यूरोप को सबसे अधिक नगरीकृत प्रदेश माना जाता है जहाँ 80 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में रहती है । उत्तरी
विश्व जनसंख्या वितरण 149 अमेरिका में लगभग 75 प्रतिशत लोग नगर निवासी है । औद्योगीकरण और वणिज्यीकरण के कारण लोग नगरों में जाकर बस गये हैं । निम्न घनत्व के सीमान्त भू – भाग विश्व के अधिकांश देशों में कृषि प्रतिकूल क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम जनसंख्या पायी जाती है । ये विरल जनसंख्या क्षेत्र , जिन्हें सीमान्त पर्यावरण भी कहते हैं , पृथ्वी के 60 प्रतिशत भू – भाग पर फैले हुए हैं । इनमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं शुष्क क्षेत्र – जहाँ कम वर्षा कृषि को सीमित करती है और जहाँ सिंचाई करना सम्भव नहीं है । शीत क्षेत्र- उच्च अक्षांशों में जहाँ तापमान बहुत कम होने के का रण कृषि नहीं की जा सकती । प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ – पर्वतीय क्षेत्रों में जहाँ की जलवायु अत्यन्त कठोर है तथा धरातल ऊबड़ – खाबड़ है , कृषि कार्य सम्भव नहीं है । आर्द्र- उष्ण कटिबन्ध – जहाँ पर भारी वर्षा तथा उच्च तापमान के संयुक्त प्रभाव के कारण अनुपजाऊ मिट्टी पायी जाती है । इसमें गहन स्थायी कृषि नहीं की जा सकती तथा इन क्षेत्रों में मलेरिया , डेंगू , हैजा आदि बीमारियों का प्रकोप बना रहता है । दूरस्थ क्षेत्र – कुछ एकाकी दूरस्थ पर्यावरणीय क्षेत्रों में भी स्थायी अधिवासों को स्थापित किया गया है । ये स्थानीय खनिजों अथवा वन सम्पदा के विकास से पहले निर्जन थे । इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था प्रौद्योगिकी पर आधारित है । उच्च घनत्व तथा निम्न घनत्व के क्षेत्रों के बीच मध्यम जन घनत्व के क्षेत्र हैं । प्रतिकूल उच्चावचन वाले प्रदेशों में भी कृषि , खनन तथा औद्योगिक विकास लोगों को आकर्षित कर सकते हैं । उच्च घनत्व के क्षेत्रों के निकट भी जनसंख्या का मध्यम घनत्व पाया जाता है ।