History of the Modern World 1858 AD to 1945 AD
आधुनिक विश्व का इतिहास (1858 ई. से 1945 ई.)
1858: भारत में ब्रिटिश राज की शुरुआत
- 1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी से सत्ता ले ली।
- भारत सरकार अधिनियम, 1858 पारित हुआ।
- वायसराय की नियुक्ति शुरू हुई।
- ब्रिटेन ने भारत को “क्राउन का हिस्सा” घोषित किया।
- भारतीय समाज और राजनीति पर ब्रिटिश प्रभाव बढ़ा।
1871: जर्मनी का एकीकरण
- प्रशा के चांसलर ओटो वॉन बिस्मार्क ने जर्मनी का नेतृत्व किया।
- फ्रांस-प्रशा युद्ध (1870-71) के बाद जर्मन साम्राज्य बना।
- बिस्मार्क की “आयरन एंड ब्लड” नीति कारगर रही।
- बर्लिन को राजधानी बनाया गया।
- जर्मनी यूरोप की प्रमुख शक्ति बन गया।
1914-1918: प्रथम विश्व युद्ध
- 28 जून 1914 को आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या से युद्ध शुरू हुआ।
- प्रमुख गुट: मित्र राष्ट्र (ब्रिटेन, फ्रांस, रूस) और धुरी राष्ट्र (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी)।
- नए हथियारों जैसे टैंक, जहाज, और जहरीली गैस का उपयोग।
- 1917 में अमेरिका मित्र राष्ट्रों में शामिल हुआ।
- 1918 में युद्ध समाप्त, और वर्साय की संधि (1919) पर हस्ताक्षर हुए।
1917: रूसी क्रांति
- ज़ार निकोलस II के शासन का अंत।
- व्लादिमीर लेनिन और बोल्शेविक पार्टी का उदय।
- साम्यवादी शासन की स्थापना।
- भूमि, कारखानों, और संसाधनों का राष्ट्रीयकरण।
- सोवियत संघ (USSR) का निर्माण।
1920: लीग ऑफ नेशंस की स्थापना
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद शांति बनाए रखने के लिए बनाया गया।
- सदस्य देशों में सहयोग और विवादों का समाधान।
- अमेरिका ने इसमें भाग नहीं लिया।
- कमजोर संरचना और नीतियों के कारण विफल।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की स्थापना हुई।
1929: महामंदी (ग्रेट डिप्रेशन)
- अमेरिकी शेयर बाजार के पतन से शुरुआत।
- वैश्विक व्यापार में भारी गिरावट।
- उद्योगों और बैंकों का दिवालिया होना।
- बड़े पैमाने पर बेरोजगारी।
- हिटलर जैसे नेताओं को सत्ता में आने का अवसर मिला।
1933: हिटलर का उदय
- एडॉल्फ हिटलर ने जर्मनी में नाजी पार्टी का नेतृत्व किया।
- वर्साय की संधि की शर्तों का विरोध।
- “आर्य जाति” की श्रेष्ठता पर जोर।
- जर्मनी का सैन्य और आर्थिक पुनर्निर्माण।
- हिटलर की विस्तारवादी नीतियों ने द्वितीय विश्व युद्ध को जन्म दिया।
1939-1945: द्वितीय विश्व युद्ध
- जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण (1939) से युद्ध शुरू हुआ।
- मित्र राष्ट्र: ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, रूस।
- धुरी राष्ट्र: जर्मनी, जापान, इटली।
- हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए गए।
- 1945 में युद्ध समाप्त; संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना।
महत्वपूर्ण घटनाओं की सूची (1858-1945)
वर्ष | घटना | महत्व |
---|---|---|
1858 | भारत में ब्रिटिश राज की शुरुआत | उपनिवेशवाद का प्रभाव। |
1871 | जर्मनी का एकीकरण | यूरोपीय शक्ति संतुलन बदला। |
1914-1918 | प्रथम विश्व युद्ध | नए राजनीतिक गुट बने। |
1917 | रूसी क्रांति | साम्यवाद का उदय। |
1920 | लीग ऑफ नेशंस की स्थापना | शांति बनाए रखने का असफल प्रयास। |
1929 | ग्रेट डिप्रेशन | वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी प्रभाव। |
1939-1945 | द्वितीय विश्व युद्ध | संयुक्त राष्ट्र संघ का निर्माण। |
निष्कर्ष
1858 से 1945 का समय वैश्विक परिवर्तनों का काल था। इस दौरान उपनिवेशवाद, राष्ट्रवाद, औद्योगिकीकरण, और दो विश्व युद्धों ने आधुनिक दुनिया की संरचना को आकार दिया। यह समयकाल शक्ति, राजनीति और समाज के नए समीकरणों का गवाह बना।
1. 1858 ई. का भारत सरकार अधिनियम क्या था?
- 1857 के विद्रोह के बाद लागू हुआ।
- ईस्ट इंडिया कंपनी का अंत हुआ।
- भारत का प्रशासन सीधे ब्रिटिश सरकार के तहत आया।
- गवर्नर-जनरल को वायसराय का पद मिला।
- ब्रिटिश संसद ने भारत के लिए कानून बनाने की शक्ति प्राप्त की।
- रानी विक्टोरिया का घोषणापत्र जारी किया गया।
- भारतीयों को धार्मिक स्वतंत्रता का वादा दिया गया।
- सैनिक नीति में बदलाव किया गया।
- अंग्रेज़ों और भारतीयों के बीच भेदभाव का अंत करने का आश्वासन।
- आधुनिक प्रशासन की नींव रखी।
2. प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के कारण क्या थे?
- साम्राज्यवाद की प्रतिस्पर्धा।
- राष्ट्रवाद की वृद्धि।
- गुप्त सैन्य गठबंधन (Triple Alliance और Triple Entente)।
- बाल्कन संकट।
- औद्योगिक क्रांति और हथियारों की दौड़।
- सरायेवो हत्या कांड (आर्चड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या)।
- जर्मनी और ब्रिटेन के बीच नौसैनिक प्रतिस्पर्धा।
- ऑस्ट्रिया-हंगरी और सर्बिया के बीच तनाव।
- यूरोप में शक्ति संतुलन बिगड़ना।
- राजनैतिक और कूटनीतिक विफलताएं।
3. लीग ऑफ नेशंस की स्थापना क्यों हुई?
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद शांति बनाए रखने के लिए।
- 1920 में वर्साय संधि के तहत स्थापित।
- देशों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए मंच।
- विश्व युद्धों को रोकने का प्रयास।
- वैश्विक सहयोग बढ़ाने की योजना।
- मानवाधिकार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा।
- सामूहिक सुरक्षा की नीति अपनाई।
- असफलता का मुख्य कारण – सदस्य देशों की निष्क्रियता।
- जर्मनी और जापान जैसे देशों की सदस्यता छोड़ना।
- संयुक्त राष्ट्र संघ का आधार बनी।
4. 1917 की रूसी क्रांति का महत्व क्या था?
- ज़ार शासन का अंत।
- बोल्शेविक पार्टी का उदय।
- लेनिन के नेतृत्व में क्रांति।
- समाजवाद की स्थापना।
- प्रथम साम्यवादी राज्य का निर्माण।
- औद्योगिक और कृषि सुधार।
- श्रमिक वर्ग का सशक्तिकरण।
- द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की भूमिका मजबूत हुई।
- शीत युद्ध की पृष्ठभूमि बनी।
- विश्व राजनीति पर गहरा प्रभाव।
5. वर्साय संधि (1919) के मुख्य प्रावधान क्या थे?
- प्रथम विश्व युद्ध का अंत।
- जर्मनी को युद्ध अपराधी घोषित किया गया।
- जर्मनी को युद्ध हर्जाना देना पड़ा।
- जर्मन सेना को सीमित किया गया।
- अलसास और लोरेन फ्रांस को सौंपे गए।
- लीग ऑफ नेशंस की स्थापना।
- जर्मनी के उपनिवेश विभाजित हुए।
- पोलैंड को स्वतंत्रता दी गई।
- ऑस्ट्रिया-हंगरी का विभाजन।
- जर्मनी में आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ।
6. औद्योगिक क्रांति (18वीं-19वीं सदी) का प्रभाव क्या था?
- उत्पादन प्रक्रिया में मशीनों का उपयोग।
- आर्थिक वृद्धि में तेजी।
- शहरों का विकास।
- श्रमिक वर्ग की समस्याएं बढ़ीं।
- व्यापार और परिवहन का विस्तार।
- वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति।
- साम्राज्यवाद को बढ़ावा।
- सामाजिक असमानता बढ़ी।
- पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हुईं।
- औद्योगिक सभ्यता की नींव रखी।
7. महात्मा गांधी का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान क्या था?
- 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटे।
- असहयोग आंदोलन (1920)।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)।
- नमक सत्याग्रह।
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942)।
- सत्य और अहिंसा का प्रचार।
- ग्रामीण विकास और खादी का प्रचार।
- सामाजिक सुधारों पर बल।
- हिंदू-मुस्लिम एकता की कोशिश।
- स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक बने।
8. द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के कारण क्या थे?
- वर्साय संधि की कठोर शर्तें।
- जर्मनी और इटली में फासीवाद का उदय।
- जापान का विस्तारवाद।
- राष्ट्र संघ की विफलता।
- हिटलर का आक्रामक रवैया।
- आर्थिक मंदी और बेरोजगारी।
- सैन्य संधियों की दौड़।
- पोलैंड पर जर्मन आक्रमण।
- शक्तिशाली देशों के बीच अविश्वास।
- वैश्विक सामरिक असंतुलन।
9. हिटलर और नाजी पार्टी के उदय के मुख्य कारण क्या थे?
- वर्साय संधि का अपमान।
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी का आर्थिक संकट।
- वेमर गणराज्य की असफलता।
- राष्ट्रवाद की भावना।
- नाजी प्रचार और हिटलर का करिश्माई नेतृत्व।
- रोजगार के वादे।
- साम्यवाद का विरोध।
- सेना और उद्योगपतियों का समर्थन।
- प्रचार तंत्र का उपयोग।
- लोकतंत्र का पतन।
10. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना क्यों हुई?
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शांति बनाए रखने के लिए।
- 1945 में स्थापित।
- विश्व के देशों को सहयोग के लिए मंच।
- युद्धों को रोकने की नीति।
- मानवाधिकार और विकास को बढ़ावा।
- शीत युद्ध की पृष्ठभूमि।
- वैश्विक समस्याओं के समाधान का प्रयास।
- सुरक्षा परिषद, महासभा आदि अंग।
- गरीबी उन्मूलन और शिक्षा पर जोर।
- विश्व शांति की नींव रखी।
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11. इटली के एकीकरण (1859-1870) के मुख्य कारण क्या थे?
- ग्यूसेपे माज़िनी ने एकता का विचार फैलाया।
- ग्यूसेपे गैरीबाल्डी के सैन्य प्रयास।
- विक्टर इमैनुएल II का नेतृत्व।
- कैवोर की कूटनीति।
- फ्रांस और प्रशा का समर्थन।
- ऑस्ट्रिया की कमजोरी।
- राष्ट्रवाद की भावना।
- सांस्कृतिक एकता।
- विदेशी शासन का विरोध।
- इटली में स्वतंत्रता का आंदोलन।
12. जापान की मीज़ी क्रांति (1868) का महत्व क्या था?
- शोगुन प्रणाली का अंत।
- सम्राट मीज़ी का उदय।
- औद्योगिकीकरण की शुरुआत।
- पश्चिमी तकनीक और शिक्षा को अपनाया।
- सेना का आधुनिकीकरण।
- सामंती व्यवस्था का अंत।
- अर्थव्यवस्था का तीव्र विकास।
- साम्राज्यवादी नीतियों को अपनाया।
- एशिया में शक्ति के रूप में उभरा।
- जापान के वैश्विक प्रभाव का विस्तार।
13. बाल्कन क्षेत्र को यूरोप का “बारूद का ढेर” क्यों कहा जाता था?
- विभिन्न जातीय समूहों का क्षेत्र।
- ऑस्ट्रिया-हंगरी और ओटोमन साम्राज्य का संघर्ष।
- राष्ट्रवाद की लहर।
- बाल्कन युद्ध (1912-1913)।
- रूस और ऑस्ट्रिया का हस्तक्षेप।
- सर्बिया और ऑस्ट्रिया के बीच तनाव।
- सरायेवो हत्या कांड।
- प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत।
- क्षेत्रीय विवाद।
- वैश्विक शक्तियों की प्रतिस्पर्धा।
14. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885) के कारण क्या थे?
- भारतीयों को राजनीतिक मंच देना।
- अंग्रेज़ों की नीतियों का विरोध।
- राष्ट्रवादी भावना को बढ़ावा।
- शिक्षा के प्रसार का प्रभाव।
- भारत में समानता और न्याय की मांग।
- ब्रिटिश सरकार के प्रति असंतोष।
- भारतीय नेताओं का एकजुट होना।
- भारतीयों को प्रशासन में भागीदारी का आग्रह।
- भारतीय प्रेस और सामाजिक आंदोलनों का समर्थन।
- औपनिवेशिक शोषण का विरोध।
15. क्रीमिया युद्ध (1853-1856) का महत्व क्या था?
- रूस और तुर्की के बीच युद्ध।
- ब्रिटेन और फ्रांस का तुर्की का समर्थन।
- काला सागर पर नियंत्रण का संघर्ष।
- आधुनिक युद्ध तकनीक का उपयोग।
- फ्लोरेंस नाइटिंगेल की नर्सिंग सेवाएं।
- रूस की हार।
- शांति संधि (पेरिस संधि, 1856)।
- यूरोप में शक्ति संतुलन।
- ओटोमन साम्राज्य की कमजोर स्थिति।
- राष्ट्रवाद और कूटनीति पर प्रभाव।
16. फासीवाद और नाज़ीवाद में क्या समानताएं थीं?
- दोनों अधिनायकवादी विचारधाराएं।
- राष्ट्रवाद को महत्व।
- सैन्य शक्ति का जोर।
- लोकतंत्र का विरोध।
- अल्पसंख्यकों के प्रति शत्रुता।
- प्रचार तंत्र का उपयोग।
- आर्थिक संकट का लाभ उठाया।
- एक नेता का प्रभुत्व।
- साम्यवाद का विरोध।
- द्वितीय विश्व युद्ध में भूमिका।
17. 1911 की चीनी क्रांति के परिणाम क्या थे?
- मांचू राजवंश का अंत।
- चीन गणराज्य की स्थापना।
- सुंयात सेन का नेतृत्व।
- सामंती व्यवस्था का पतन।
- पश्चिमी प्रभाव का बढ़ना।
- आधुनिक चीन की नींव।
- क्षेत्रीय युद्ध और अस्थिरता।
- चीनी राष्ट्रवाद का उदय।
- साम्यवाद और लोकतंत्र के बीच संघर्ष।
- वैश्विक राजनीति पर प्रभाव।
18. औद्योगिक क्रांति का भारतीय समाज पर प्रभाव क्या था?
- हस्तशिल्प उद्योग का पतन।
- कृषि पर निर्भरता बढ़ी।
- रेलवे और परिवहन का विकास।
- भारतीय बाजार का ब्रिटिश उपनिवेशीकरण।
- आर्थिक शोषण।
- मजदूर वर्ग की समस्याएं।
- आधुनिक शिक्षा का प्रसार।
- राष्ट्रीय आंदोलन को बल।
- शहरों का विकास।
- समाज में वर्गभेद।
19. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की स्थापना का उद्देश्य क्या था?
- श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा।
- बेहतर कामकाजी परिस्थितियां।
- न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण।
- बाल श्रम का उन्मूलन।
- वैश्विक श्रम कानूनों का निर्माण।
- काम के घंटे सीमित करना।
- सामाजिक सुरक्षा का विस्तार।
- श्रम विवादों का समाधान।
- देशों के बीच सहयोग।
- 1919 में लीग ऑफ नेशंस के तहत स्थापित।
20. प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप का नक्शा कैसे बदला?
- ऑस्ट्रिया-हंगरी का विभाजन।
- पोलैंड की स्वतंत्रता।
- चेकोस्लोवाकिया और यूगोस्लाविया का निर्माण।
- जर्मनी के क्षेत्रीय नुकसान।
- तुर्की साम्राज्य का विघटन।
- लीग ऑफ नेशंस का गठन।
- औपनिवेशिक क्षेत्रों का पुनर्वितरण।
- रूस में साम्यवादी शासन।
- फ्रांस और ब्रिटेन की शक्ति बढ़ी।
- नए राष्ट्रों का उदय।
21. ग्रेट डिप्रेशन (1929) के मुख्य कारण क्या थे?
- अमेरिकी शेयर बाजार का पतन।
- बैंकिंग प्रणाली की असफलता।
- अधिक उत्पादन और कम मांग।
- कृषि संकट।
- अंतर्राष्ट्रीय ऋण समस्या।
- उपभोक्ता क्रय शक्ति की कमी।
- वैश्विक व्यापार में गिरावट।
- बेरोजगारी का बढ़ना।
- सरकार की आर्थिक नीतियों की विफलता।
- विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।
22. म्यूनिख समझौता (1938) का उद्देश्य क्या था?
- द्वितीय विश्व युद्ध को टालना।
- जर्मनी को चेकोस्लोवाकिया के सुडेटनलैंड की अनुमति।
- ब्रिटेन और फ्रांस की तुष्टीकरण नीति।
- हिटलर के विस्तारवादी कदमों का समर्थन।
- यूरोप में शांति बनाए रखने का असफल प्रयास।
- चेकोस्लोवाकिया की अस्थिरता।
- जर्मनी की शक्ति में वृद्धि।
- युद्ध की पृष्ठभूमि।
- तुष्टीकरण की विफलता।
- यूरोप के छोटे देशों पर खतरा।
23. भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (1947) के मुख्य प्रावधान क्या थे?
- भारत और पाकिस्तान का विभाजन।
- ब्रिटिश शासन का अंत।
- दो स्वतंत्र राष्ट्रों का निर्माण।
- गवर्नर-जनरल प्रणाली जारी।
- संविधान सभा को अधिकार।
- रियासतों को स्वतंत्रता का विकल्प।
- नागरिक अधिकारों का आश्वासन।
- प्रशासनिक व्यवस्था का हस्तांतरण।
- राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन का अंत।
- आधुनिक भारत की नींव।
24. द्वितीय विश्व युद्ध के प्रभाव क्या थे?
- यूरोप की आर्थिक तबाही।
- संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना।
- अमेरिका और सोवियत संघ का उदय।
- औपनिवेशिक देशों की स्वतंत्रता।
- शीत युद्ध की शुरुआत।
- जर्मनी और जापान की हार।
- परमाणु हथियारों का उपयोग।
- वैश्विक पुनर्निर्माण।
- मानवाधिकारों का प्रसार।
- वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव।
25. भारत में 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन क्यों महत्वपूर्ण था?
- महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ।
- ब्रिटिश शासन के खिलाफ व्यापक आंदोलन।
- “करो या मरो” का नारा।
- सभी वर्गों की भागीदारी।
- हिंसक और अहिंसक दोनों रूपों में आंदोलन।
- ब्रिटिश सरकार का दमन।
- नेताओं की गिरफ्तारी।
- भारतीय जनता का अद्वितीय साहस।
- स्वतंत्रता संग्राम में निर्णायक मोड़।
- 1947 में स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त।
Modern World History 1453 AD to 1815 AD