रणनीतिज्ञ का इतिहास टेस्ट: आज की चुनौती
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! समय के सागर में गोता लगाने और अपने ज्ञान की गहराई को मापने के लिए तैयार हो जाइए। आज का अभ्यास सत्र आपको प्राचीन काल की गलियों से लेकर आधुनिक युग की हलचल तक एक रोमांचक यात्रा पर ले जाएगा। हर प्रश्न आपके ऐतिहासिक बोध को पैना करने और आपकी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक अवसर है। आइए, अपनी तैयारी को परखें और इतिहास के शिखर पर विजय प्राप्त करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ऋग्वेदीय काल के संदर्भ में सत्य नहीं है?
- समाज पितृसत्तात्मक था।
- गायों को विनिमय का माध्यम माना जाता था।
- स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्राप्त था।
- राज्य की अनुपस्थिति में ‘गण’ व्यवस्था प्रचलित थी।
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ऋग्वेदीय काल (लगभग 1500-1000 ईसा पूर्व) में राज्य की अनुपस्थिति में ‘सभा’ और ‘समिति’ जैसी जनसभाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं, जो राजा को सलाह देती थीं। ‘गण’ शब्द का प्रयोग सामान्यतः किसी समूह या कबीले के लिए होता था, लेकिन यह एक स्थापित राजनीतिक इकाई या ‘राज्य’ का विकल्प नहीं था।
- संदर्भ एवं विस्तार: ऋग्वेदीय समाज निश्चित रूप से पितृसत्तात्मक था, जिसमें पिता परिवार का मुखिया होता था। गाय उस समय के लिए सबसे मूल्यवान संपत्ति और विनिमय का प्रमुख माध्यम थी, जिसे ‘गोधन’ कहा जाता था। महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार था, जैसा कि घोषा, लोपामुद्रा और अपाला जैसी विदुषी स्त्रियों के उल्लेख से स्पष्ट है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) ऋग्वेदीय काल की सामाजिक व्यवस्था के बारे में सत्य हैं। विकल्प (d) गलत है क्योंकि ‘गण’ उस अर्थ में एक स्थापित राजनीतिक विकल्प या ‘राज्य’ नहीं था जैसा कि बाद के कालों में विकसित हुआ।
प्रश्न 2: अशोक के किस शिलालेख में कलिंग युद्ध के विनाशकारी परिणामों का उल्लेख है और उसके पश्चाताप को व्यक्त किया गया है?
- मास्की शिलालेख
- कालसी शिलालेख
- 13वां शिलालेख
- रुम्मिनदेई स्तंभ लेख
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अशोक का 13वां शिलालेख उसके द्वारा कलिंग पर किए गए युद्ध (लगभग 260 ईसा पूर्व) के विवरण और उसके पश्चाताप का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें युद्ध की भयानकता का वर्णन है और बताया गया है कि इस युद्ध के बाद अशोक ने कभी हिंसा न करने और धम्म विजय का मार्ग अपनाने का संकल्प लिया।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह शिलालेख उसके साम्राज्य के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित मानसेहरा (पाकिस्तान) और सहस्रम (भारत) में भी पाया गया है। अशोक ने इस घटना के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया और उसे अपने शासन का आधार बनाया।
- गलत विकल्प: मास्की शिलालेख (कर्नाटक) में अशोक का नाम ‘अशोक’ के रूप में मिलता है, जो प्रारंभिक शिलालेखों में नहीं मिलता। कालसी शिलालेख (उत्तराखंड) उसके प्रमुख शिलालेखों में से एक है जिसमें धम्म नीति का प्रसार है। रुम्मिनदेई स्तंभ लेख (लुम्बिनी, नेपाल) अशोक द्वारा लुम्बिनी की यात्रा और वहाँ के कर में छूट देने का उल्लेख करता है।
प्रश्न 3: गुप्त काल में ‘रत्नावली’ नामक प्रसिद्ध संस्कृत नाटक की रचना किसने की थी?
- कालिदास
- विशाखदत्त
- हर्षवर्धन
- बाणभट्ट
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘रत्नावली’ नामक प्रसिद्ध संस्कृत नाटक की रचना सम्राट हर्षवर्धन (लगभग 606-647 ईस्वी) ने की थी, जो स्वयं एक कुशल कवि और नाटककार थे।
- संदर्भ एवं विस्तार: हर्षवर्धन के शासनकाल को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण युग माना जाता है। उन्होंने ‘प्रियदर्शिका’ और ‘नागानन्द’ जैसे अन्य नाटकों की भी रचना की। उनके दरबारी कवि बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ (हर्षवर्धन की जीवनी) और ‘कादम्बरी’ जैसे उत्कृष्ट ग्रंथ लिखे।
- गलत विकल्प: कालिदास गुप्त काल के सर्वश्रेष्ठ कवियों में से थे, जिन्होंने ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’, ‘मेघदूतम्’ आदि की रचना की। विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ और ‘देवीचंद्रगुप्तम’ जैसे नाटक लिखे। बाणभट्ट हर्षवर्धन के दरबारी थे, स्वयं लेखक थे, लेकिन ‘रत्नावली’ के नहीं।
प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य में ‘अष्टदिग्गज’ कौन थे?
- साम्राज्य के आठ प्रमुख सेनापति
- कृष्णदेवराय के दरबार के आठ महान तेलुगु कवि
- आठ प्रमुख मंत्री जो शासन चलाते थे
- विजयनगर के आठ प्रमुख व्यापारी नेता
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासक कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) के दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वान और कवि थे, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था।
- संदर्भ एवं विस्तार: इन कवियों में अल्लसानी पेद्दाना (जिन्हें ‘आंध्र कविता पितामह’ भी कहा जाता है), नंदी तिम्मना, धुरजटी, मादयगारी मल्लन, रामराज भूषण, पिंगलसूरन, भट्टुमूर्ति और तेनाली राम (जिन्हें ‘तेनाली रामकृष्ण’ भी कहा जाता है) प्रमुख थे। इन्होंने तेलुगु साहित्य को समृद्ध किया।
- गलत विकल्प: ‘अष्टदिग्गज’ सैन्य या प्रशासनिक अधिकारी नहीं थे, बल्कि साहित्यिक विभूतियाँ थीं।
प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड कर्ज़न
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के समय भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग थे, जो 1856 से 1862 तक इस पद पर रहे।
- संदर्भ एवं विस्तार: लॉर्ड कैनिंग वह गवर्नर-जनरल थे जिनके कार्यकाल में ही भारत का शासन कंपनी से ब्रिटिश क्राउन के अधीन हस्तांतरित हुआ (1858 का भारत सरकार अधिनियम)। विद्रोह को दबाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी, हालांकि वे इस दौरान एक कठिन दौर से गुजरे।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह से ठीक पहले तक गवर्नर-जनरल थे और उनकी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) जैसी नीतियों को विद्रोह के कारणों में गिना जाता है। लॉर्ड विलियम बेंटिंक भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे (1833 के चार्टर एक्ट के बाद)। लॉर्ड कर्ज़न 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 6: प्रथम गोलमेज सम्मेलन (1930-1931) में किन भारतीय राजनीतिक दलों ने भाग लिया था?
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- मुस्लिम लीग और भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग
- केवल राजशाही वर्ग के प्रतिनिधि
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रथम गोलमेज सम्मेलन (1930-1931) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में व्यस्त होने के कारण भाग नहीं लिया था। इसमें मुख्य रूप से मुस्लिम लीग, भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स, तथा विभिन्न रजवाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- संदर्भ एवं विस्तार: भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए तीन गोलमेज सम्मेलन आयोजित किए गए थे। द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931) में महात्मा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था।
- गलत विकल्प: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रथम गोलमेज सम्मेलन में शामिल नहीं हुई थी। विकल्प (c) और (d) गलत हैं क्योंकि कांग्रेस की अनुपस्थिति में यह केवल कांग्रेस के साथ संभव नहीं था, और राजशाही वर्ग के साथ-साथ अन्य समूह भी थे।
प्रश्न 7: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद काल’ का प्रारंभ किस ईसा पूर्व शताब्दी में माना जाता है?
- ईसा पूर्व छठी शताब्दी
- ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी
- ईसा पूर्व पहली शताब्दी
- ईसा पूर्व आठवीं शताब्दी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: महाजनपद काल, जिसमें 16 बड़े राज्यों का उदय हुआ, का प्रारंभ ईसा पूर्व छठी शताब्दी (लगभग 600 ईसा पूर्व) से माना जाता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह काल बुद्ध के समकालीन था और बौद्ध तथा जैन धर्मों के उदय का काल भी है। इस काल में उत्तर भारत में मगध, कौशल, अवंती, वत्स जैसे शक्तिशाली जनपदों का विकास हुआ। इस समय लोहे का प्रयोग बढ़ा और नगरों का विकास हुआ।
- गलत विकल्प: ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में मौर्य साम्राज्य का अंत हो रहा था। ईसा पूर्व पहली शताब्दी में कुषाण और शक शासकों का प्रभाव बढ़ रहा था। ईसा पूर्व आठवीं शताब्दी उत्तर वैदिक काल के अंतिम चरण का प्रतिनिधित्व करती है, महाजनपद काल का नहीं।
प्रश्न 8: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मुहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल 1325-1351 ईस्वी) ने कृषि के विकास और किसानों की सहायता के लिए ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस विभाग का उद्देश्य बंजर भूमि को खेती के अधीन लाना, फसल चक्रण को बढ़ावा देना और किसानों को ऋण (सौंनध या तकवी) प्रदान करना था। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी महत्वाकांक्षी लेकिन अक्सर विफल रही योजनाओं के लिए जाना जाता है, और यह कृषि सुधार उसी का एक हिस्सा था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्काने-चहलगानी) का गठन किया। बलबन ने राजत्व की नई अवधारणा पेश की और ‘चालीसा’ को समाप्त किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और भू-राजस्व सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया था।
प्रश्न 9: ब्रिटिश सरकार ने किस अधिनियम द्वारा भारत में कंपनी शासन को समाप्त कर दिया और शासन सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन ले लिया?
- 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट
- 1813 का चार्टर एक्ट
- 1853 का चार्टर एक्ट
- 1858 का भारत सरकार अधिनियम
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार ने 1858 का भारत सरकार अधिनियम पारित किया, जिसने ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया और भारत का शासन सीधे ब्रिटिश सम्राट (क्राउन) के अधीन कर दिया।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस अधिनियम के तहत, भारत के गवर्नर-जनरल को ‘वायसराय’ कहा जाने लगा और उसकी सहायता के लिए भारत परिषद का गठन किया गया। इसका उद्देश्य भविष्य में ऐसे विद्रोहों को रोकना और भारत में बेहतर प्रशासन स्थापित करना था।
- गलत विकल्प: 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट भारत में कंपनी शासन को नियंत्रित करने का पहला प्रयास था। 1813 का चार्टर एक्ट ने कंपनी के व्यापार एकाधिकार को समाप्त किया (चीन के साथ चाय व्यापार को छोड़कर)। 1853 का चार्टर एक्ट कंपनी के शासन के लिए अंतिम अधिनियम था, जिसने इसके शासन को अनिश्चित काल तक बढ़ा दिया था।
प्रश्न 10: किस चोल राजा को ‘गंगईकोंडचोलपुरम’ की उपाधि धारण करने और कावेरी नदी पर विशाल बांध (कलिंग) के निर्माण का श्रेय दिया जाता है?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- कुलोत्तुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: राजेंद्र प्रथम (शासनकाल 1014-1044 ईस्वी) ने अपने उत्तर भारतीय अभियान की सफलता के उपलक्ष्य में ‘गंगईकोंडचोल’ (गंगा के विजेता) की उपाधि धारण की और कावेरी नदी पर विशाल सिंचाई परियोजना का निर्माण करवाया, जिसे ‘गंगईकोंडचोलपुरम’ कहा जाता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: राजेंद्र प्रथम चोल वंश के सबसे महान शासकों में से एक थे। उनके साम्राज्य की सीमाएं दक्षिण-पूर्व एशिया तक फैली हुई थीं, और उन्होंने एक शक्तिशाली नौसेना का निर्माण किया था। उन्होंने श्रीविजय (इंडोनेशिया) पर भी विजय प्राप्त की थी।
- गलत विकल्प: राजराज प्रथम (शासनकाल 985-1014 ईस्वी) ने तंजौर में भव्य बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था और चोल नौसेना की नींव रखी थी। कुलोत्तुंग प्रथम ने ‘तिरुक्कूर्रल’ के लेखक तिरुवल्लुवर के समकालीन होने का दावा किया है। विक्रम चोल को ‘कुलसेखर’ की उपाधि से भी जाना जाता है।
प्रश्न 11: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) में कौन सा प्रमुख देश शामिल नहीं था?
- जर्मनी
- ऑस्ट्रिया-हंगरी
- तुर्की (ओटोमन साम्राज्य)
- रूस
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में केंद्रीय शक्तियों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, बुल्गारिया और तुर्की (ओटोमन साम्राज्य) शामिल थे। रूस मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) का सदस्य था।
- संदर्भ एवं विस्तार: मित्र राष्ट्रों में मुख्य रूप से फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली (1915 से), जापान और बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका (1917 से) शामिल थे। युद्ध का एक मुख्य कारण राष्ट्रवाद, साम्राज्यवाद और सैन्यीकरण की भावनाएं थीं।
- गलत विकल्प: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की केंद्रीय शक्तियों के मुख्य सदस्य थे। रूस मित्र राष्ट्रों के साथ था।
प्रश्न 12: ‘इस्तमरारी बंदोबस्त’ (स्थायी बंदोबस्त) किसके द्वारा लागू किया गया था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- सर जॉन शोर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘इस्तमरारी बंदोबस्त’ या स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) 1793 में लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा बंगाल, बिहार, उड़ीसा और बनारस में लागू किया गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक माना गया और उनसे कहा गया कि वे सरकार को निश्चित भू-राजस्व निश्चित तिथि तक चुकाएँ। यदि वे ऐसा नहीं कर पाते, तो उनकी भूमि नीलाम कर दी जाती। इसका उद्देश्य राजस्व की निश्चितता लाना था, लेकिन इससे जमींदारों की शक्ति बढ़ी और किसानों की स्थिति दयनीय हो गई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी व्यापगत सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड वेलेजली सहायक संधि (Subsidiary Alliance) के लिए प्रसिद्ध हैं। सर जॉन शोर कॉर्नवालिस के बाद गवर्नर-जनरल बने थे और उन्होंने इस व्यवस्था के कुछ प्रावधानों को संशोधित करने का प्रयास किया था।
प्रश्न 13: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल गुजरात में स्थित है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- धोलावीरा
- रोपड़
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: धोलावीरा, हड़प्पा सभ्यता (सिंधु घाटी सभ्यता) का एक प्रमुख स्थल है, जो वर्तमान में भारत के गुजरात राज्य के कच्छ जिले में स्थित है।
- संदर्भ एवं विस्तार: धोलावीरा अपनी अनूठी जल प्रबंधन प्रणाली, बड़े पत्थरों से बने शहर की दीवारों और सार्वजनिक भवनों के लिए जाना जाता है। हाल ही में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो वर्तमान पाकिस्तान में स्थित हैं। रोपड़ (वर्तमान पंजाब, भारत) भी एक महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल है, लेकिन यह गुजरात में नहीं है।
प्रश्न 14: भारत में ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल की स्थापना की थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना का उद्देश्य कांग्रेस के भीतर अधिक आक्रामक और समाजवादी नीतियों को बढ़ावा देना था, और बोस द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश विरोधी संघर्ष को तेज करना चाहते थे।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना नहीं की थी।
प्रश्न 15: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-375 ईस्वी) को उनकी विशाल विजयों और साम्राज्य विस्तार के कारण भारतीय इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने ‘भारत का नेपोलियन’ कहा था।
- संदर्भ एवं विस्तार: समुद्रगुप्त ने उत्तरी भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिणी भारत में भी विजय अभियान चलाए, जैसा कि प्रयाग प्रशस्ति (समुद्रगुप्त का दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित) में वर्णित है। वह एक महान योद्धा, कूटनीतिज्ञ और कला व संगीत का संरक्षक था।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा पर विजय प्राप्त की और कला तथा साहित्य का उत्कृष्ट संरक्षण किया। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया था।
प्रश्न 16: 1942 का ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ किस अन्य नाम से भी जाना जाता था?
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- खिलाफत आंदोलन
- अगस्त क्रांति
- होम रूल आंदोलन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1942 में शुरू हुए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह अगस्त 1942 में आरम्भ हुआ था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह आंदोलन महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के आह्वान के साथ शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को भारत से तुरंत समाप्त करवाना था। इस आंदोलन को कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था।
- गलत विकल्प: सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में शुरू हुआ था। खिलाफत आंदोलन 1919-1924 के बीच चला। होम रूल आंदोलन 1916 में शुरू हुआ था।
प्रश्न 17: शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को किस युद्ध में हराकर भारत पर अपना शासन स्थापित किया?
- चौसा का युद्ध
- कन्नौज का युद्ध
- घाघरा का युद्ध
- खानवा का युद्ध
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: शेरशाह सूरी (असली नाम फरीद खान) ने 1539 में चौसा के युद्ध और 1540 में कन्नौज (बिलग्राम) के युद्ध में हुमायूँ को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव हिला दी और खुद सूरी साम्राज्य की स्थापना की। हालांकि, कन्नौज का युद्ध निर्णायक था जिसने हुमायूँ को निर्वासित कर दिया।
- संदर्भ एवं विस्तार: चौसा के युद्ध के बाद हुमायूँ जान बचाकर भागा और कन्नौज में शेरशाह ने उसे पूरी तरह परास्त कर दिया। शेरशाह सूरी ने प्रशासन, भूमि सुधार (रैयतवाड़ी प्रणाली का एक रूप), सड़क निर्माण (ग्रैंड ट्रंक रोड) और मुद्रा व्यवस्था (रुपया) में महत्वपूर्ण सुधार किए।
- गलत विकल्प: चौसा का युद्ध भी महत्वपूर्ण था लेकिन कन्नौज का युद्ध निर्णायक था। घाघरा का युद्ध 1529 में बाबर और महमूद लोदी के बीच हुआ था। खानवा का युद्ध 1527 में बाबर और राणा सांगा के बीच हुआ था।
प्रश्न 18: ऋग्वेद में ‘अदिति’ को क्या माना गया है?
- युद्ध की देवी
- अंधकार की देवी
- देवताओं की माता
- नदी की देवी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ऋग्वेद में अदिति को ‘देवताओं की माता’ या ‘देवताओं की जननी’ के रूप में वर्णित किया गया है। वह अक्सर देवों के लिए मातृसत्तात्मक या सर्व-शक्तिशाली इकाई के रूप में प्रकट होती हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: अदिति का नाम ‘अ’ (नहीं) और ‘दिति’ (बंधन) से बना है, जिसका अर्थ है ‘जो बंधी न हो’ या ‘स्वतंत्र’। उन्हें एक विशाल, सर्वव्यापी देवी माना जाता था, जो स्वर्ग, पृथ्वी और आकाश की निर्माता थीं। मित्र, वरुण, ध्रुव, इंद्र, भग, aryaman, धातु, अंश, प्रभाकर, त्वष्टा, विवस्वान और विष्णु उनके पुत्र माने जाते थे।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद में युद्ध की देवी के रूप में दुर्गा का उल्लेख नहीं है, हालांकि इंद्र युद्ध के प्रमुख देवता हैं। अंधकार की देवी का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। नदी की देवी के रूप में सरस्वती का उल्लेख मिलता है, लेकिन अदिति देवताओं की माता हैं।
प्रश्न 19: ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना किसने की थी?
- गोपाल कृष्ण गोखले
- बाल गंगाधर तिलक
- एम. जी. रानाडे
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गोपाल कृष्ण गोखले, जो महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु भी थे, ने 1905 में ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस संस्था का उद्देश्य भारत में राष्ट्रीय चेतना का विकास करना, सार्वजनिक जीवन को बेहतर बनाना और भारतीयों को संगठित तथा प्रशिक्षित करना था ताकि वे देश सेवा कर सकें। गोखले ने इस संस्था के माध्यम से समाज सुधार और शिक्षा पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: बाल गंगाधर तिलक ‘गरम दल’ के प्रमुख नेता थे और उन्होंने ‘गीतारहस्य’ लिखी। एम. जी. रानाडे गोखले के गुरु थे और उन्होंने ‘विधवा विवाह संघ’ की स्थापना की। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने ‘इंडियन एसोसिएशन’ की स्थापना की थी।
प्रश्न 20: प्रथम एंग्लो-मैसूर युद्ध (1767-1769) में कौन विजयी हुआ?
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी
- हैदर अली
- मराठे
- निजाम
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रथम एंग्लो-मैसूर युद्ध में मैसूर के शासक हैदर अली ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को निर्णायक रूप से परास्त किया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह युद्ध मद्रास की संधि (1769) के साथ समाप्त हुआ, जिसमें कंपनी को हैदर अली के साथ रक्षात्मक संधि करनी पड़ी। इस संधि के अनुसार, यदि कोई बाहरी शक्ति मैसूर पर आक्रमण करे तो कंपनी उसकी सहायता करेगी, जो भविष्य में नहीं किया गया।
- गलत विकल्प: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी इस युद्ध में पराजित हुई थी। मराठे और निजाम इस युद्ध में हैदर अली के विरुद्ध ब्रिटिशों के सहयोगी थे।
प्रश्न 21: सिकंदर महान (Alexander the Great) का भारत पर आक्रमण किस ईसा पूर्व शताब्दी में हुआ था?
- ईसा पूर्व चौथी शताब्दी
- ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी
- ईसा पूर्व पांचवीं शताब्दी
- ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सिकंदर महान का भारत पर आक्रमण 326 ईसा पूर्व में हुआ था, जो ईसा पूर्व चौथी शताब्दी का हिस्सा है।
- संदर्भ एवं विस्तार: सिकंदर ने सिंधु नदी पार की और राजा पोरस (पुरु) के साथ झेलम (हाइडैस्पेस) नदी के तट पर प्रसिद्ध झेलम का युद्ध (Battle of the Hydaspes) लड़ा। पोरस की वीरता से प्रभावित होकर सिकंदर ने उसे उसका राज्य वापस कर दिया। सिकंदर की सेना ने व्यास नदी से आगे जाने से इनकार कर दिया था।
- गलत विकल्प: ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में मौर्य साम्राज्य की स्थापना हुई। ईसा पूर्व पांचवीं शताब्दी हख़ामनी साम्राज्य (Persian Empire) के प्रभाव का समय था। ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में भारत में इंडो-ग्रीक शासकों का उदय हुआ।
प्रश्न 22: ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना किसने की थी?
- भगत सिंह
- चंद्रशेखर आजाद
- वी. डी. सावरकर
- खुदीराम बोस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अभिनव भारत’ (Abhinav Bharat Society) नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना विनायक दामोदर सावरकर (वी. डी. सावरकर) ने 1904 में की थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस संगठन की स्थापना मूलतः ‘मित्र मेला’ के रूप में हुई थी, जिसे बाद में ‘अभिनव भारत’ नाम दिया गया। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए सशस्त्र क्रांति को बढ़ावा देना था। सावरकर ने इंग्लैंड में भी क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया।
- गलत विकल्प: भगत सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) से जुड़े थे। चंद्रशेखर आजाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) से जुड़े थे। खुदीराम बोस एक प्रमुख क्रांतिकारी थे जिन्होंने किंग्सफोर्ड की हत्या का प्रयास किया था।
प्रश्न 23: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धर्म की शुरुआत की थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: अकबर, जो सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु थे, ने सभी प्रमुख धर्मों के सिद्धांतों को मिलाकर एक ऐसा धर्म बनाने का प्रयास किया जो उनके साम्राज्य के विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच एकता स्थापित कर सके। हालांकि, यह धर्म अधिक लोकप्रिय नहीं हुआ और केवल कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
- गलत विकल्प: जहाँगीर ने ‘नारोज़’ (ईरानियों का नववर्ष) मनाने की परंपरा को जारी रखा। शाहजहाँ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जैसे ताजमहल। औरंगजेब एक रूढ़िवादी सुन्नी मुसलमान था और उसने गैर-मुस्लिमों पर ज़ज़िया कर पुनः लागू किया था।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी घटना सबसे पहले हुई?
- द्वितीय विश्व युद्ध का अंत
- फ्रांस की क्रांति
- रूसी क्रांति
- अमेरिकी क्रांति
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: कालानुक्रम के अनुसार, फ्रांस की क्रांति (1789-1799) सबसे पहले हुई थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: अमेरिकी क्रांति 1775-1783 तक चली। रूसी क्रांति 1917 में हुई। द्वितीय विश्व युद्ध 1939-1945 तक चला। फ्रांस की क्रांति ने दुनिया भर में राजनीतिक और सामाजिक विचारों को गहराई से प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: बाकी सभी घटनाएं फ्रांस की क्रांति के बाद हुईं।
प्रश्न 25: ‘नील दर्पण’ नामक नाटक के लेखक कौन थे, जिसने नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा का चित्रण किया?
- बंकिम चंद्र चटर्जी
- दीनबंधु मित्र
- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘नील दर्पण’ नामक प्रसिद्ध नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे। यह नाटक 1859-1860 के नील विद्रोह के समय लिखा गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह नाटक किसानों पर यूरोपीय नील बागान मालिकों द्वारा किए गए अत्याचारों और शोषण का मार्मिक चित्रण करता है। इसने ब्रिटिश सरकार और भारतीय जनता के बीच संवेदनशीलता पैदा की और नील विद्रोह को काफी हद तक प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चटर्जी ने ‘आनंदमठ’ लिखी, जिसमें ‘वंदे मातरम’ गीत है। शरतचंद्र चट्टोपाध्याय 20वीं सदी के एक प्रमुख उपन्यासकार थे। रवींद्रनाथ टैगोर भारत के राष्ट्रगान के रचयिता हैं।