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POLITY के महारथी बनें: आज ही करें संविधान का संपूर्ण अभ्यास!

POLITY के महारथी बनें: आज ही करें संविधान का संपूर्ण अभ्यास!

भारतीय लोकतंत्र के इस अनूठे सफर में आपका स्वागत है! अपने संवैधानिक ज्ञान की गहराई को मापने और अपनी तैयारी को धार देने के लिए तैयार हो जाइए। आइए, आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में डुबकी लगाएं और अपनीPOLITY की समझ को एक नई ऊँचाई दें!

भारतीयPOLITY और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता’, ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘लोकतांत्रिक’ शब्दों का क्या महत्व है?

  1. ये शब्द भारत की शासन प्रणाली के मूल सिद्धांतों को दर्शाते हैं।
  2. ये शब्द केवल प्रतीकात्मक हैं और इनका कोई कानूनी आधार नहीं है।
  3. ये शब्द केवल विदेशी नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं।
  4. ये शब्द केवल राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए जोड़े गए थे।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना, जिसे संविधान का दर्पण कहा जाता है, भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है। ये शब्द न केवल भारत की शासन प्रणाली के मूलभूत आदर्शों और उद्देश्यों को व्यक्त करते हैं, बल्कि न्यायिक व्याख्याओं में भी महत्वपूर्ण रहे हैं (जैसे केशवानंद भारती मामले में)।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘संप्रभु’ का अर्थ है कि भारत किसी भी बाहरी शक्ति के नियंत्रण से मुक्त है। ‘समाजवादी’ (42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया) सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देता है। ‘पंथनिरपेक्ष’ (42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया) का अर्थ है कि राज्य का कोई विशेष धर्म नहीं होगा और सभी धर्मों के प्रति समान आदर होगा। ‘लोकतांत्रिक’ का अर्थ है कि सरकार जनता द्वारा चुनी जाएगी और जनता के प्रति उत्तरदायी होगी।
  • गलत विकल्प: (b) गलत है क्योंकि प्रस्तावना की व्याख्या में इन शब्दों का महत्वपूर्ण कानूनी महत्व है, भले ही यह स्वयं प्रत्यक्ष रूप से लागू करने योग्य न हो। (c) और (d) भी गलत हैं क्योंकि ये शब्द केवल प्रतीकात्मक नहीं हैं और इनका प्रभाव केवल विदेश नीति तक सीमित नहीं है, बल्कि आंतरिक शासन और नागरिकों के अधिकारों से भी जुड़ा है।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान के किस भाग में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग II
  4. भाग V

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग III मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) का वर्णन करता है, जो अनुच्छेद 12 से 35 तक विस्तृत हैं। ये अधिकार भारतीय नागरिकों को राज्य की मनमानी शक्तियों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकार न्यायोचित (justiciable) होते हैं, जिसका अर्थ है कि यदि इनका उल्लंघन होता है तो नागरिक सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) या उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) में जा सकते हैं। ये अधिकार लोकतंत्र के लिए आवश्यक माने जाते हैं।
  • गलत विकल्प: भाग IV में राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) हैं, भाग II नागरिकता से संबंधित है, और भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।

प्रश्न 3: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति किस अनुच्छेद के तहत आती है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 123
  3. अनुच्छेद 111
  4. अनुच्छेद 108

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को क्षमा, लघुकरण, परिहार, या दंड के प्रविलंबन या माफी देने की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति उन्हें उन मामलों में प्राप्त है जहाँ दंड न्यायालय की अवमानना के संबंध में हो, या उन सभी मामलों में जहाँ सजा या दंडादेश किसी ऐसे अपराध के लिए दिया गया हो जो संघ की कार्यपालिका शक्ति के विस्तार के अंतर्गत आता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति यह शक्ति मंत्रिपरिषद की सलाह पर प्रयोग करते हैं। यह न्यायपालिका के निर्णय को पलटती नहीं है, बल्कि दंड की प्रकृति या अवधि को बदलती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 अध्यादेश जारी करने की शक्ति है, अनुच्छेद 111 विधियों पर अनुमति देने की शक्ति है, और अनुच्छेद 108 संयुक्त बैठक बुलाने से संबंधित है।

प्रश्न 4: ‘मूल अधिकार’ (Fundamental Rights) संविधान के किस अनुच्छेद के तहत ‘राज्य’ की परिभाषा में शामिल नहीं किए जाने वाले तत्वों की पहचान करते हैं, जब तक कि वे विशेष रूप से ऐसा करने के लिए न कहा गया हो?

  1. अनुच्छेद 12
  2. अनुच्छेद 13
  3. अनुच्छेद 14
  4. अनुच्छेद 15

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 मौलिक अधिकारों के संदर्भ में ‘राज्य’ (State) को परिभाषित करता है। इसमें भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, तथा भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं। यह परिभाषा मौलिक अधिकारों को राज्य की मनमानी शक्तियों से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस परिभाषा में वे संस्थाएँ भी शामिल हैं जो सीधे तौर पर सरकारी न हों लेकिन जिनमें राज्य का पर्याप्त नियंत्रण या वित्त पोषण हो।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधियों को शून्य घोषित करना’ से संबंधित है यदि वे मौलिक अधिकारों के असंगत हों। अनुच्छेद 14 ‘विधि के समक्ष समानता’ और ‘विधियों का समान संरक्षण’ की गारंटी देता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उद्देश्य नहीं है?

  1. लोक कल्याण की अभिवृद्धि
  2. आय, स्थिति, सुविधा और अवसर की असमानताओं को कम करना
  3. सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करना
  4. सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (भाग IV) का मुख्य उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जिसमें लोक कल्याण (अनुच्छेद 38), आय, स्थिति, सुविधा और अवसर की असमानताओं को कम करना (अनुच्छेद 38), और समान नागरिक संहिता (अनुच्छेद 44) जैसे लक्ष्य शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करते हैं। ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन शासन के संचालन में राज्य के लिए मूलभूत माने जाते हैं।
  • गलत विकल्प: सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना एक महत्वपूर्ण सामाजिक लक्ष्य है, लेकिन यह सीधे तौर पर DPSP के अनुच्छेद-वार उल्लिखित प्रमुख उद्देश्यों में से एक नहीं है, जैसा कि अन्य विकल्प हैं। हालाँकि, धर्मनिरपेक्षता (प्रस्तावना का हिस्सा) और विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द एक अंतर्निहित लक्ष्य हो सकता है, लेकिन इसे DPSP के विशिष्ट ‘उद्देश्य’ के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है, जबकि अन्य विकल्प सीधे तौर पर DPSP के मुख्य अनुच्छेदों में वर्णित हैं।

प्रश्न 6: भारतीय संसद की संरचना किस अनुच्छेद में वर्णित है?

  1. अनुच्छेद 79
  2. अनुच्छेद 80
  3. अनुच्छेद 81
  4. अनुच्छेद 82

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 79 के अनुसार, भारत की संसद राष्ट्रपति और दो सदनों, जिन्हें क्रमशः राज्यों की परिषद (राज्य सभा) और लोगों की सभा (लोक सभा) कहा जाता है, से मिलकर बनेगी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद भारतीय संसद कीTripods (राष्ट्रपति, राज्य सभा, लोक सभा) संरचना को स्थापित करता है, जो भारत की विधायी शक्ति का सर्वोच्च निकाय है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 80 राज्य सभा की संरचना से संबंधित है, अनुच्छेद 81 लोक सभा की संरचना से संबंधित है, और अनुच्छेद 82 परिसीमन आयोग के गठन और शक्तियों से संबंधित है।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी रिट केवल सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जा सकती है?

  1. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. प्रतिषेध (Prohibition)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) की रिट सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) द्वारा उस व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जाती है जो किसी सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से आसीन है। यह पूछती है कि आप किस अधिकार से पद पर हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से सार्वजनिक पद धारण न करे, जो लोकहित के लिए महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: परमादेश (Mandamus) किसी सरकारी अधिकारी को उसका कर्तव्य निभाने का आदेश देता है। उत्प्रेषण (Certiorari) और प्रतिषेध (Prohibition) निचली अदालतों या न्यायाधिकरणों को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने या उनके द्वारा दिए गए आदेशों को रद्द करने के लिए जारी की जाती हैं। ये निजी व्यक्तियों के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकतीं।

प्रश्न 8: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?

  1. अनुच्छेद 76
  2. अनुच्छेद 148
  3. अनुच्छेद 280
  4. अनुच्छेद 324

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) के पद का प्रावधान करता है। राष्ट्रपति, जो ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करते हैं जो उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य हो।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह सरकारी पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से संबंधित है। अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 324 भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) से संबंधित है।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संघवाद (Federalism) के संबंध में सत्य नहीं है?

  1. भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है।
  2. सभी राज्यों को केंद्र के समान विधायी अधिकार प्राप्त हैं।
  3. संविधान सर्वोच्च है और शक्तियों का विभाजन स्पष्ट है।
  4. आपातकाल के दौरान एकात्मक प्रवृत्ति प्रबल हो जाती है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संघवाद को ‘एकात्मकता की ओर झुकाव वाला संघवाद’ (Quasi-federal) माना जाता है। जहाँ शक्तियों का विभाजन है, वहीं एकल नागरिकता (भाग II) और आपातकालीन प्रावधान (भाग XVIII) जैसी एकात्मक विशेषताएं भी हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: जबकि राज्यों को अपनी विधायी शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार है, केंद्र को राष्ट्रीय हित में या कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में विधायी शक्तियाँ प्राप्त हैं (जैसे कि राज्य सूची पर कानून बनाना)। इसलिए, सभी राज्यों को केंद्र के समान विधायी अधिकार प्राप्त हैं, यह कथन गलत है।
  • गलत विकल्प: (a) भारत में एकल नागरिकता है, जो एकात्मक प्रवृत्ति है। (c) संविधान सर्वोच्च है और शक्तियों का विभाजन संविधान में वर्णित है। (d) आपातकाल के दौरान, अनुच्छेद 352, 356, और 360 के तहत, केंद्र सरकार को अत्यधिक शक्तियाँ मिल जाती हैं, जिससे संघवाद एकात्मक स्वरूप ले लेता है।

प्रश्न 10: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?

  1. 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
  2. 5 वर्ष या 60 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
  3. 7 वर्ष या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
  4. 4 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का प्रावधान अनुच्छेद 148 में है। CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, इनमें से जो भी पहले हो, होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों की लेखा परीक्षा करता है। इसका मुख्य कार्य लोक निधि के व्यय पर अंकुश लगाना है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प CAG के कार्यकाल के लिए गलत हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक (अनिश्चित काल) होता है।

प्रश्न 11: पंचायती राज व्यवस्था को भारतीय संविधान की किस अनुसूची में शामिल किया गया है?

  1. 11वीं अनुसूची
  2. 10वीं अनुसूची
  3. 12वीं अनुसूची
  4. 9वीं अनुसूची

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा दिया गया और इसे संविधान की 11वीं अनुसूची में जोड़ा गया। इस अनुसूची में पंचायती राज संस्थाओं को 29 कार्य सौंपे गए हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: 11वीं अनुसूची ने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243O तक पंचायती राज से संबंधित प्रावधान हैं।
  • गलत विकल्प: 10वीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। 12वीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई)। 9वीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से संबंधित है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट दी गई है।

प्रश्न 12: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 370

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जा सकती है। यह युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में या ऐसी आशंका होने पर राष्ट्रपति द्वारा की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: 44वें संविधान संशोधन, 1978 के बाद, राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा केवल ‘सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर या ‘बाहरी आक्रमण’ या ‘युद्ध’ के आधार पर की जा सकती है। इसके लिए मंत्रिमंडल की लिखित सहमति आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण राष्ट्रपति शासन से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर से संबंधित था, जिसे अब निरस्त कर दिया गया है।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

  1. आयरलैंड
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका
  4. कनाडा

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) की प्रेरणा आयरलैंड के संविधान से ली गई है, जहाँ उन्हें ‘डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ सोशल पॉलिसी’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: आयरलैंड के संविधान के नीति निर्देशक तत्व भी भारतीय संविधान के समान ही सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
  • गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम से संसदीय प्रणाली, विधि का शासन ली गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, राष्ट्रपति का पद लिया गया है। कनाडा से संघात्मक व्यवस्था, अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र में निहित होना आदि लिया गया है।

प्रश्न 14: किसी सदस्य को दल-बदल के आधार पर अयोग्य ठहराने का उपबंध संविधान की किस अनुसूची में है?

  1. दसवीं अनुसूची
  2. बारहवीं अनुसूची
  3. ग्यारहवीं अनुसूची
  4. नौवीं अनुसूची

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: दसवीं अनुसूची (52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ी गई) संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने और सांसदों को अपनी निष्ठा बदलने से रोकने के उद्देश्य से लाया गया था।
  • गलत विकल्प: बारहवीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है, ग्यारहवीं अनुसूची पंचायती राज से संबंधित है, और नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से संबंधित है।

प्रश्न 15: भारत के राष्ट्रपति को पद से हटाने की प्रक्रिया का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 61
  2. अनुच्छेद 56
  3. अनुच्छेद 60
  4. अनुच्छेद 62

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 61 राष्ट्रपति पर महाभियोग (Impeachment) चलाने की प्रक्रिया का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग केवल संविधान के उल्लंघन के आधार पर लाया जा सकता है। महाभियोग का आरोप संसद के किसी भी सदन द्वारा लगाया जा सकता है, बशर्ते कि ऐसा आरोप सदन की कुल सदस्यता के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित हो और उस सदन की कुल सदस्यता के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा पारित किया गया हो।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान से संबंधित है। अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए चुनाव करने का प्रावधान करता है।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान में ‘धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध’ किस अनुच्छेद में वर्णित है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 14
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 17

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15 राज्य को किसी भी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद करने से रोकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार सार्वजनिक स्थानों तक पहुँच और सार्वजनिक सेवाओं में समानता सुनिश्चित करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की गारंटी देता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत से संबंधित है।

प्रश्न 17: राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission) के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. संबंधित राज्य का राज्यपाल
  2. भारत के राष्ट्रपति
  3. संबंधित राज्य का मुख्यमंत्री
  4. संबंधित राज्य का उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 315 के तहत, राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति संबंधित राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है, लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों को हटाना राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में आता है, जो कदाचार या अक्षमता के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के बाद ही किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्यों की नियुक्ति करते हैं। मुख्यमंत्री की भूमिका केवल सलाह देने तक सीमित है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की इस नियुक्ति में कोई सीधी भूमिका नहीं होती।

प्रश्न 18: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) के उन्मूलन और उसके किसी भी रूप में आचरण को निषिद्ध करता है?

  1. अनुच्छेद 17
  2. अनुच्छेद 18
  3. अनुच्छेद 15
  4. अनुच्छेद 21

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है और किसी भी रूप में इसके आचरण को निषिद्ध करता है। अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी नि:शक्तता को लागू करना विधि द्वारा दंडनीय होगा।
  • संदर्भ और विस्तार: अस्पृश्यता निवारण अधिनियम, 1955 (बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955) इस अनुच्छेद को प्रभावी बनाने के लिए पारित किया गया था।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है।

प्रश्न 19: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?

  1. यह अनुच्छेद 360 के तहत घोषित किया जा सकता है।
  2. इसकी घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जा सकती है यदि उन्हें विश्वास हो कि भारत की वित्तीय स्थिरता या साख संकट में है।
  3. इसकी घोषणा के लिए संसद का अनुमोदन आवश्यक नहीं है।
  4. वित्तीय आपातकाल को किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा वापस लिया जा सकता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। इसके अनुसार, यदि राष्ट्रपति को यह विश्वास हो जाए कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें भारत की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा है, तो वे वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस घोषणा को **दो महीने** के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। यदि संसद द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है, तो यह दो महीने के बाद समाप्त हो जाएगी।
  • गलत विकल्प: कथन (c) असत्य है क्योंकि वित्तीय आपातकाल की घोषणा के लिए संसद का अनुमोदन आवश्यक है। कथन (a), (b), और (d) सत्य हैं।

प्रश्न 20: ‘बंधुआ मजदूरी’ (Bonded Labour) का उन्मूलन भारतीय संविधान के किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है?

  1. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  2. समानता का अधिकार
  3. स्वतंत्रता का अधिकार
  4. संवैधानिक उपचारों का अधिकार

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 23, शोषण के विरुद्ध अधिकार के तहत, मानव के दुर्व्यापार और बंधुआ मजदूरी का प्रतिषेध करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 इस अनुच्छेद को लागू करने के लिए पारित किया गया था। यह किसी भी व्यक्ति से उसकी इच्छा के विरुद्ध या बिना उचित पारिश्रमिक के काम कराने पर रोक लगाता है।
  • गलत विकल्प: समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18) भेदभाव से संबंधित है। स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22) स्वतंत्रता की विभिन्न सुरक्षाओं से संबंधित है। संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32) मौलिक अधिकारों को लागू कराने का अधिकार है।

प्रश्न 21: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) का क्या अर्थ है?

  1. संसद के सदस्यों को कुछ विशेष छूट और अधिकार प्राप्त हैं।
  2. संसद केवल कानून बना सकती है, कोई अन्य कार्य नहीं।
  3. किसी भी सदस्य को किसी भी परिस्थिति में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
  4. संसद के पास अपनी न्यायपालिका होती है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 संसद सदस्यों को कुछ विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ प्रदान करता है, जो उनके कर्तव्यों के प्रभावी निर्वहन के लिए आवश्यक हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इन विशेषाधिकारों में सदन के अंदर और बाहर भाषण की स्वतंत्रता, किसी भी संसदीय कार्यवाही के संबंध में किसी भी कानूनी कार्यवाही से उन्मुक्ति, और कुछ मामलों में गिरफ्तारी से उन्मुक्ति (संसद सत्र के दौरान) शामिल है। ये विशेषाधिकार किसी भी सदस्य को पूर्णतः गैर-जिम्मेदार नहीं बनाते।
  • गलत विकल्प: (b) गलत है, संसद कानून बनाने के अलावा भी कई कार्य करती है। (c) गलत है, क्योंकि संसद सत्र के दौरान कुछ विशिष्ट प्रकार की गिरफ्तारियों से उन्मुक्ति मिलती है, सभी परिस्थितियों में नहीं। (d) गलत है, संसद के पास अपनी न्यायपालिका नहीं होती, न्यायपालिका स्वतंत्र है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. नीति आयोग (NITI Aayog)
  2. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  3. भारत का निर्वाचन आयोग (ECI)
  4. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अनुच्छेद 315, भारत का निर्वाचन आयोग (ECI) अनुच्छेद 324, और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत संवैधानिक निकाय हैं, जिनका उल्लेख सीधे संविधान में है।
  • संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग (NITI Aayog) भारत सरकार का एक थिंक-टैंक है, जिसे 2015 में योजना आयोग के स्थान पर एक कार्यकारी आदेश द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक गैर-संवैधानिक (statutory) निकाय भी नहीं है, बल्कि एक कार्यकारी निकाय है।
  • गलत विकल्प: UPSC, ECI, और CAG तीनों संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनके पद और कार्य संविधान में वर्णित हैं।

प्रश्न 23: राष्ट्रपति की सलाहकारी क्षेत्राधिकार (Advisory Jurisdiction) का प्रावधान किस अनुच्छेद में है, जिसके तहत वे किसी भी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह ले सकते हैं?

  1. अनुच्छेद 143
  2. अनुच्छेद 142
  3. अनुच्छेद 141
  4. अनुच्छेद 144

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सार्वजनिक महत्व के किसी भी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई सलाह राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं होती। यह प्रावधान राष्ट्रपति को महत्वपूर्ण कानूनी या संवैधानिक मुद्दों पर स्पष्टता प्राप्त करने में मदद करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 142 सर्वोच्च न्यायालय की डिक्री या आदेशों के प्रवर्तन से संबंधित है। अनुच्छेद 141 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर बाध्यकारी होना बताता है। अनुच्छेद 144 सभी प्राधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय की सहायता में कार्य करने के लिए बाध्य करता है।

प्रश्न 24: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन ‘मिनी-कॉन्स्टिट्यूशन’ के रूप में जाना जाता है?

  1. 42वां संशोधन, 1976
  2. 44वां संशोधन, 1978
  3. 73वां संशोधन, 1992
  4. 86वां संशोधन, 2002

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1976, जिसे ‘मिनी-कॉन्स्टिट्यूशन’ भी कहा जाता है, ने संविधान के कई महत्वपूर्ण हिस्सों में व्यापक परिवर्तन किए।
  • संदर्भ और विस्तार: इसने प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्दों को जोड़ा, मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा (भाग IV-A), राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह को मानने के लिए बाध्य किया (अनुच्छेद 74), और लोकसभा व राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 5 से 6 वर्ष कर दिया (जिसे बाद में 44वें संशोधन द्वारा पुनः 5 वर्ष कर दिया गया)।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया और कुछ आपातकालीन प्रावधानों को संशोधित किया। 73वां संशोधन पंचायती राज से और 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार (अनुच्छेद 21A) से संबंधित है।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों को भी प्राप्त है?

  1. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग और जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  2. कानून के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण (अनुच्छेद 14)
  3. अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
  4. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा, सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में अनुच्छेद 21 के दायरे को विस्तृत किया है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, निजता का अधिकार, और अन्य कई अधिकार शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15, 16, और 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आदि) केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं, विदेशियों को नहीं। यह भारत के संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि कुछ मौलिक अधिकार केवल नागरिकों के लिए आरक्षित हैं।

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