NEP 5 साल: अधिक शिक्षार्थी, अधिक महिलाएँ, अधिक भाषाएँ – क्या वादे पूरे हुए?
चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने भारत में अपने कार्यान्वयन के पांच वर्ष पूरे किए हैं। इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर, नीति के शुरुआती लक्ष्यों – अधिक शिक्षार्थियों को जोड़ना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, और भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ाना – की प्रगति का मूल्यांकन करना अनिवार्य हो जाता है। NEP 2020 को भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप एक समावेशी, गुणवत्तापूर्ण और कौशल-आधारित शिक्षा प्रदान करना है। लेकिन क्या यह अपनी महत्वाकांक्षी प्रतिज्ञाओं को पूरा करने में सफल रही है? यह विस्तृत विश्लेषण NEP के पाँच वर्षों की यात्रा, इसकी उपलब्धियों, कमियों, चुनौतियों और भविष्य की राह पर प्रकाश डालेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020: एक परिचय
NEP 2020, भारत की शिक्षा नीति में 34 वर्षों के अंतराल के बाद आया एक दूरदर्शी ढाँचा है। इसका मसौदा तैयार करने में कई वर्षों की गहन चर्चा, हितधारकों से परामर्श और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन शामिल था। इस नीति का मूलमंत्र ‘सबके लिए शिक्षा’ (Education for All) है, जिसमें सभी स्तरों पर – स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक – पहुंच, समानता, गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया गया है।
मुख्य उद्देश्य:
- पहुंच (Access): यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, चाहे उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
- समानता (Equity): लैंगिक, सामाजिक और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना।
- गुणवत्ता (Quality): सीखने के परिणामों में सुधार, शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को बेहतर बनाना और अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देना।
- सामर्थ्य (Affordability): शिक्षा को सभी के लिए वहनीय बनाना।
- जवाबदेही (Accountability): शिक्षा प्रणाली के विभिन्न घटकों की जवाबदेही तय करना।
NEP 2020 के 5 साल: वादों का आईना
NEP 2020 के कार्यान्वयन को पांच साल होने के साथ, हम इसके प्रमुख उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जैसा कि शीर्षक में उल्लेख किया गया है: अधिक शिक्षार्थियों को जोड़ना, अधिक महिलाओं को शिक्षा की मुख्यधारा में लाना, और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना।
1. अधिक शिक्षार्थियों को जोड़ना: पहुँच का विस्तार
NEP 2020 का एक प्राथमिक लक्ष्य शिक्षा की पहुँच का सार्वभौमिकरण करना है, विशेष रूप से उन वंचित और हाशिए वाले समुदायों के लिए। इसमें प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ECCE), प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा शामिल हैं।
प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ECCE): नींव को मजबूत करना
NEP 2020, 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण ECCE पर ज़ोर देती है, जिसे ‘फाउंडेशन स्टेज’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह चरण बच्चों के संज्ञानात्मक, भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- लक्ष्य: 2030 तक सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण ECCE सुनिश्चित करना।
- कार्यान्वयन: आंगनवाड़ी केंद्रों को ECCE हब के रूप में अपग्रेड करना, शिक्षकों को प्रशिक्षित करना, और प्ले-आधारित, गतिविधि-आधारित शिक्षण विधियों को अपनाना।
- प्रगति: कई राज्यों ने ECCE के लिए नए पाठ्यक्रम और दिशानिर्देश विकसित किए हैं। हालांकि, सभी के लिए पहुँच और गुणवत्ता में एकरूपता एक चुनौती बनी हुई है। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे और प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी एक बड़ी बाधा है।
स्कूली शिक्षा: सार्वभौमिक पहुँच और प्रतिधारण
NEP 2020 का लक्ष्य 2030 तक माध्यमिक स्तर तक 100% सकल नामांकन अनुपात (GER) प्राप्त करना है। इसमें ड्रॉपआउट दर को कम करना और सभी बच्चों को स्कूल में बनाए रखना शामिल है।
- मुख्य पहलें:
- ‘मेरा स्कूल – मेरा गौरव’ (My School – My Pride): स्कूलों के विकास और प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना।
- वोटर-आधारित शिक्षा (Activity-Based Learning): बच्चों को सक्रिय रूप से सीखने में शामिल करना।
- 5+3+3+4 संरचना: बचपन से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा को पुनर्गठित करना।
- अनुकूली परीक्षण (Adaptive Testing): प्रत्येक छात्र की क्षमता के अनुसार मूल्यांकन।
- प्रगति: COVID-19 महामारी के कारण प्रारंभिक वर्षों में कुछ व्यवधान आए, लेकिन डिजिटल शिक्षा पहलों ने पहुँच को कुछ हद तक बनाए रखने में मदद की। हालाँकि, भौगोलिक बाधाएँ, वित्तीय तंगी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी अभी भी कुछ समुदायों में पहुंच में बाधा डालती है।
उच्च शिक्षा: पहुँच और सामर्थ्य
NEP 2020 का लक्ष्य 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) को 50% तक बढ़ाना है। इसके लिए नए उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना, मौजूदा संस्थानों का उन्नयन और ऑनलाइन तथा दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा देना शामिल है।
- महत्वपूर्ण परिवर्तन:
- बहु-विषयक शिक्षा (Multidisciplinary Education): छात्रों को विभिन्न विषयों को चुनने की स्वतंत्रता देना।
- लचीले सीखने के विकल्प (Flexible Learning Options): सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री स्तर पर निकास विकल्प।
- राष्ट्रीय उच्च शिक्षा नियामक परिषद (NHERA): उच्च शिक्षा के लिए एक एकल नियामक निकाय।
- राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF): अनुसंधान को बढ़ावा देना।
- चुनौतियाँ: उच्च शिक्षा तक पहुँच अभी भी कई लोगों के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण पृष्ठभूमि और निम्न-आय वर्ग के छात्रों के लिए, महंगी और कठिन है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोज़गार के बीच संबंध स्थापित करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
2. अधिक महिलाएँ: लैंगिक समानता और समावेश
NEP 2020 लैंगिक समानता को शिक्षा के हर स्तर पर एक महत्वपूर्ण लक्ष्य के रूप में देखती है। नीति का उद्देश्य न केवल लड़कियों को स्कूल में नामांकित करना है, बल्कि उन्हें अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए एक सहायक और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना भी है।
स्कूली शिक्षा में लैंगिक समानता
- लक्ष्य: यह सुनिश्चित करना कि कोई भी लड़की, विशेष रूप से कमजोर पृष्ठभूमियों से, शिक्षा से वंचित न रहे।
- पहलें:
- लड़कियों के लिए शौचालय: स्कूलों में स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय की उपलब्धता।
- जागरूकता अभियान: लड़कियों की शिक्षा के महत्व पर समाज में जागरूकता फैलाना।
- महिला शिक्षकों की भर्ती: विशेष रूप से प्राथमिक स्तर पर महिला शिक्षकों की संख्या बढ़ाना।
- ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाएँ: इन योजनाओं को शिक्षा से जोड़ना।
- प्रगति: पिछले कुछ वर्षों में लड़कियों के नामांकन में सुधार हुआ है, लेकिन उच्चतर माध्यमिक स्तर पर और कुछ राज्यों में अभी भी एक बड़ा अंतर मौजूद है। बाल विवाह, घरेलू जिम्मेदारियाँ और सुरक्षा चिंताएँ अभी भी लड़कियों की शिक्षा में बाधा डालती हैं।
उच्च शिक्षा में महिलाएँ
NEP 2020 उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और नेतृत्व के अवसरों को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
- उद्देश्य: STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना।
- रणनीति: छात्रवृत्ति, परामर्श और सकारात्मक कार्रवाई के माध्यम से महिलाओं को उच्च शिक्षा और अनुसंधान में प्रोत्साहित करना।
- चुनौतियाँ: STEM क्षेत्रों में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व एक वैश्विक चुनौती है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। सांस्कृतिक अपेक्षाएँ और कार्यस्थल पर भेदभाव अभी भी महिलाओं की उच्च शिक्षा और करियर की प्रगति में बाधाएँ पैदा करते हैं।
3. अधिक भाषाएँ: भारतीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन
NEP 2020, शिक्षा में ‘मातृभाषा’ या ‘स्थानीय भाषा’ के उपयोग पर एक मजबूत ज़ोर देती है, खासकर प्रारंभिक वर्षों में। इसका उद्देश्य सीखने की प्रक्रिया को अधिक सहज और प्रभावी बनाना है।
बहुभाषी शिक्षा (Multilingualism)
- मुख्य सिद्धांत: जहां भी संभव हो, कम से कम ग्रेड 5 तक, लेकिन अधिमानतः ग्रेड 8 और उससे आगे तक, मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में उपयोग करना।
- लक्ष्य:
- बच्चों की सीखने की क्षमता में सुधार।
- भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों का संरक्षण।
- ज्ञान के विभिन्न रूपों को स्वीकार करना।
- कार्यान्वयन:
- ‘भाषा सूत्र’ (Language Formula): तीन-भाषा सूत्र (Three-Language Formula) का लचीला कार्यान्वयन, जिसमें राज्यों को अपनी पसंद की भाषा चुनने की स्वतंत्रता है, बशर्ते कि उनमें से एक भारतीय भाषा हो।
- संस्कृत और अन्य शास्त्रीय भाषाओं का संवर्धन: इन भाषाओं को स्कूलों और उच्च शिक्षा में वैकल्पिक विषयों के रूप में उपलब्ध कराना।
- तकनीकी और वैज्ञानिक शब्दावली का अनुवाद: स्थानीय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री का विकास।
- चुनौतियाँ:
- संसाधन: सभी भाषाओं में उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षण सामग्री और प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है।
- अंग्रेजी का प्रभुत्व: उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए अंग्रेजी का महत्व अभी भी बहुत अधिक है, जिससे मातृभाषा में शिक्षा को अपनाने में हिचकिचाहट हो सकती है।
- भाषाई विविधता: भारत की विशाल भाषाई विविधता को देखते हुए, सभी को संतुष्ट करने वाली नीति बनाना जटिल है।
एक उदाहरण: दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में, जहाँ हिंदी को शिक्षा के माध्यम के रूप में लागू करने का प्रयास करने पर विरोध हुआ था, NEP 2020 की बहुभाषी नीति को अधिक स्वीकार्य माना जा रहा है, बशर्ते इसे लचीले ढंग से लागू किया जाए।
NEP 2020 की उपलब्धियाँ (Achievements)
पांच वर्षों में, NEP 2020 के कार्यान्वयन में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं:
- NEP 2020 का विजन: नीति का व्यापक दायरा और दूरदर्शिता भारतीय शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिए एक स्पष्ट रोडमैप प्रदान करती है।
- स्कूली शिक्षा में संरचनात्मक परिवर्तन: 5+3+3+4 संरचना को अपनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं, जिससे बचपन की शिक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सके।
- डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा: COVID-19 महामारी के दौरान, ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल संसाधनों के विकास में तेजी आई, जिससे सुदूर क्षेत्रों के छात्रों को कुछ हद तक जोड़ा जा सका।
- बहुभाषी दृष्टिकोण: भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का नीति का प्रयास स्वागत योग्य है, हालांकि कार्यान्वयन में अभी भी लंबा रास्ता तय करना है।
- शिक्षक प्रशिक्षण: शिक्षकों के व्यावसायिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें नए शिक्षण-अधिगम तरीकों को अपनाना शामिल है।
चुनौतियाँ और आलोचनाएँ (Challenges and Criticisms)
NEP 2020 की अपनी यात्रा में कई बाधाएं और आलोचनाएं भी सामने आई हैं:
- कार्यान्वयन की गति: इतनी बड़ी और महत्वाकांक्षी नीति को लागू करने में अपेक्षा से धीमी गति देखी गई है। राज्य सरकारों के बीच समन्वय और वित्तीय आवंटन एक बड़ी चुनौती है।
- बुनियादी ढाँचे की कमी: विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में, स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में अभी भी पर्याप्त बुनियादी ढाँचे (जैसे पुस्तकालय, प्रयोगशालाएँ, प्रौद्योगिकी) का अभाव है।
- मानव संसाधन: पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित और योग्य शिक्षकों और प्रोफेसरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
- निजीकरण का भय: कुछ आलोचकों का मानना है कि NEP 2020 शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा दे सकती है, जिससे शिक्षा महंगी हो सकती है।
- ऑनलाइन शिक्षा की सीमाएँ: डिजिटल डिवाइड (Digital Divide) के कारण, ऑनलाइन शिक्षा सभी के लिए समान रूप से प्रभावी नहीं है।
- बहुभाषी नीति का कार्यान्वयन: जैसा कि पहले चर्चा की गई, तीन-भाषा सूत्र का कार्यान्वयन और स्थानीय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का विकास अभी भी एक बड़ा काम है।
- छात्रों पर भार: कुछ लोगों का तर्क है कि नई संरचना और पाठ्यक्रम छात्रों पर अनावश्यक भार डाल सकते हैं।
भविष्य की राह: वादों को हकीकत में बदलना
NEP 2020 की सफलता अंततः इसके प्रभावी कार्यान्वयन पर निर्भर करती है। भविष्य की राह में निम्नलिखित महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं:
- समन्वित प्रयास: केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज के बीच मजबूत समन्वय आवश्यक है।
- पर्याप्त वित्तीय आवंटन: शिक्षा के लिए बजट आवंटन को बढ़ाना और इसे प्रभावी ढंग से उपयोग करना।
- बुनियादी ढाँचे का विकास: विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढाँचे का तेजी से विकास।
- शिक्षक प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: शिक्षकों को NEP 2020 के नए दृष्टिकोणों के लिए प्रशिक्षित करना और उनके व्यावसायिक विकास पर निरंतर ध्यान केंद्रित करना।
- गुणवत्ता आश्वासन: सीखने के परिणामों की निरंतर निगरानी और मूल्यांकन सुनिश्चित करना।
- सामुदायिक भागीदारी: स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन और विकास में समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल करना।
- रोज़गार-उन्मुखता: शिक्षा को रोज़गार के अवसरों से जोड़ना और कौशल विकास पर ज़ोर देना।
- भाषा नीति का विवेकपूर्ण कार्यान्वयन: ऐसी नीतियाँ बनाना जो भाषाओं की विविधता का सम्मान करें और स्थानीय भाषाओं में सीखने को सुलभ बनाएँ, जबकि वैश्विक भाषाओं तक पहुँच को भी सुगम बनाएँ।
निष्कर्ष:
NEP 2020 एक परिवर्तनकारी ढाँचा है जिसने भारतीय शिक्षा प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित किया है। “अधिक शिक्षार्थी, अधिक महिलाएँ, अधिक भाषाएँ” जैसे इसके मुख्य वादे निश्चित रूप से देश के शैक्षिक परिदृश्य को सकारात्मक दिशा में ले जाने की क्षमता रखते हैं। हालाँकि, पाँच साल की यात्रा के बाद, यह स्पष्ट है कि इन वादों को पूरी तरह से साकार करने के लिए अभी भी बहुत काम करना बाकी है। प्रभावी कार्यान्वयन, पर्याप्त संसाधन, और सभी हितधारकों का सहयोग ही NEP 2020 को एक महत्वाकांक्षी नीति से एक सफल वास्तविकता में बदल सकता है, जो वास्तव में 21वीं सदी के भारत के लिए ज्ञान और अवसरों के द्वार खोलेगी।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
- प्रश्न: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार, प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ECCE) किस आयु वर्ग पर केंद्रित है?
- 0-3 वर्ष
- 3-6 वर्ष
- 6-8 वर्ष
- 0-6 वर्ष
उत्तर: (b) 3-6 वर्ष
व्याख्या: NEP 2020, 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण ECCE पर ज़ोर देती है, जिसे ‘फाउंडेशन स्टेज’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। - प्रश्न: NEP 2020 का प्राथमिक लक्ष्य उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) को किस वर्ष तक बढ़ाना है?
- 2025
- 2030
- 2035
- 2040
उत्तर: (c) 2035
व्याख्या: NEP 2020 का लक्ष्य 2035 तक उच्च शिक्षा में GER को 50% तक बढ़ाना है। - प्रश्न: NEP 2020 के अनुसार, स्कूली शिक्षा की नई संरचना क्या है?
- 5+3+3+4
- 4+3+3+5
- 3+5+4+3
- 4+4+3+5
उत्तर: (a) 5+3+3+4
व्याख्या: NEP 2020 ने स्कूली शिक्षा को फाउंडेशन स्टेज (5 वर्ष), प्रिपरेटरी स्टेज (3 वर्ष), मिडिल स्टेज (3 वर्ष), और सेकेंडरी स्टेज (4 वर्ष) में पुनर्गठित किया है। - प्रश्न: NEP 2020 में ‘तीन-भाषा सूत्र’ (Three-Language Formula) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- पहला भाषा विकल्प मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा होगी।
- दूसरा और तीसरा भाषा विकल्प कोई भी अन्य भाषाएँ होंगी, जिनमें से कम से कम एक आधुनिक भारतीय भाषा हो।
- इस सूत्र का कार्यान्वयन सभी राज्यों के लिए अनिवार्य है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- I और II
- II और III
- I और III
- I, II और III
उत्तर: (a) I और II
व्याख्या: NEP 2020 में तीन-भाषा सूत्र का लचीला कार्यान्वयन प्रस्तावित है, राज्यों को अपनी पसंद चुनने की स्वतंत्रता है। हालांकि, विकल्प III सही नहीं है क्योंकि यह राज्यों की पसंद पर निर्भर करता है, न कि पूर्ण अनिवार्यता पर। - प्रश्न: NEP 2020 किस पर ज़ोर देती है?
- रटने की प्रवृत्ति
- अवधारणात्मक समझ और अनुप्रयोग
- मानकीकृत परीक्षण
- विदेशी भाषाओं पर पूर्ण निर्भरता
उत्तर: (b) अवधारणात्मक समझ और अनुप्रयोग
व्याख्या: NEP 2020 रटने की प्रवृत्ति से हटकर अवधारणात्मक समझ, आलोचनात्मक सोच और अनुप्रयोग पर ज़ोर देती है। - प्रश्न: NEP 2020 के तहत, उच्च शिक्षा में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए कौन सी एक पहल की गई है?
- केवल एक संकाय में विशेषज्ञता
- बहु-विषयक शिक्षा और लचीले पाठ्यक्रम
- शिक्षण का एकमात्र माध्यम अंग्रेजी
- विश्वविद्यालयों का पूर्ण सरकारी नियंत्रण
उत्तर: (b) बहु-विषयक शिक्षा और लचीले पाठ्यक्रम
व्याख्या: NEP 2020 बहु-विषयक शिक्षा और छात्रों को विभिन्न विषयों को चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करने पर ज़ोर देती है। - प्रश्न: NEP 2020 का लक्ष्य 2030 तक किस स्तर तक 100% सकल नामांकन अनुपात (GER) प्राप्त करना है?
- प्राथमिक शिक्षा
- उच्चतर माध्यमिक शिक्षा
- उच्च शिक्षा
- शैशवावस्था की देखभाल
उत्तर: (b) उच्चतर माध्यमिक शिक्षा
व्याख्या: NEP 2020 का लक्ष्य 2030 तक माध्यमिक स्तर तक 100% GER प्राप्त करना है। - प्रश्न: NEP 2020 में ‘राष्ट्रीय उच्च शिक्षा नियामक परिषद’ (NHERA) का क्या उद्देश्य है?
- केवल उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना करना
- उच्च शिक्षा के लिए एकल नियामक निकाय बनना
- सभी शिक्षण सामग्री का अनुवाद करना
- विश्वविद्यालयों के बीच प्रतिस्पर्धा को कम करना
उत्तर: (b) उच्च शिक्षा के लिए एकल नियामक निकाय बनना
व्याख्या: NEP 2020 उच्च शिक्षा के लिए एक व्यापक नियामक ढाँचा बनाने का प्रस्ताव करती है, जिसमें NHERA एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। - प्रश्न: NEP 2020 द्वारा भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के पीछे मुख्य कारण क्या है?
- केवल अंग्रेजी के वर्चस्व को समाप्त करना
- सीखने को अधिक सहज और प्रभावी बनाना, और भाषाओं का संरक्षण
- उच्च शिक्षा में केवल क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग
- अंतरराष्ट्रीय संचार को सीमित करना
उत्तर: (b) सीखने को अधिक सहज और प्रभावी बनाना, और भाषाओं का संरक्षण
व्याख्या: मातृभाषा/स्थानीय भाषा में शिक्षा बच्चों की सीखने की क्षमता में सुधार करती है और भारतीय भाषाओं व संस्कृतियों के संरक्षण में मदद करती है। - प्रश्न: NEP 2020 के तहत, ‘राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन’ (NRF) का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
- स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा देना
- उच्च शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना
- डिजिटल शिक्षा के लिए बुनियादी ढाँचा विकसित करना
- शिक्षा के निजीकरण को विनियमित करना
उत्तर: (b) उच्च शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना
व्याख्या: NRF को अनुसंधान की संस्कृति को बढ़ावा देने और उच्च शिक्षा में नवाचार को समर्थन देने के लिए स्थापित किया जाएगा।
मुख्य परीक्षा (Mains)
- प्रश्न: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020, भारतीय शिक्षा प्रणाली में ‘अधिक शिक्षार्थियों, अधिक महिलाओं, अधिक भाषाओं’ के लक्ष्य को कैसे संबोधित करती है? इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियों का विश्लेषण करें और इन चुनौतियों को दूर करने के लिए आवश्यक उपायों का सुझाव दें।
- प्रश्न: NEP 2020 को भारतीय शिक्षा में एक ‘क्रांतिकारी बदलाव’ कहा गया है। नीति के प्रमुख स्तंभों का वर्णन करें और पिछले पाँच वर्षों में इसके कार्यान्वयन की प्रगति का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। उन प्रमुख बाधाओं पर प्रकाश डालें जो इसके पूर्ण कार्यान्वयन में बाधा डाल रही हैं।
- प्रश्न: NEP 2020 के तहत बहुभाषी शिक्षा (Multilingualism) और मातृभाषा में शिक्षा के महत्व पर चर्चा करें। भारतीय संदर्भ में इस नीति के कार्यान्वयन में आने वाली भाषाई, सांस्कृतिक और व्यावहारिक चुनौतियों का विश्लेषण करें।
- प्रश्न: NEP 2020 का उद्देश्य इक्विटी और समावेश को बढ़ावा देना है। स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए नीति में कौन से प्रावधान किए गए हैं? इन प्रावधानों की प्रभावशीलता और समावेशी शिक्षा के मार्ग में आने वाली बाधाओं पर विस्तार से चर्चा करें।