India-UK FTA: Unpacking the Multi-Billion Dollar Opportunity in Cars, Whisky & Leather
चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत तेज हो गई है। यह समझौता, जिसकी अनुमानित लागत बहु-अरब डॉलर में है, दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से बदलने की क्षमता रखता है। विशेष रूप से, कार, व्हिस्की और चमड़ा जैसे प्रमुख उत्पाद इस सौदे के केंद्र में हैं, जो संभावित रूप से लाखों के लिए नए अवसर खोल सकते हैं और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा दे सकते हैं। यह लेख इस महत्वपूर्ण FTAs के विभिन्न पहलुओं, इसके निहितार्थों और UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से इसकी प्रासंगिकता का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
परिचय: एक बहु-अरब डॉलर की साझेदारी की ओर (Introduction: Towards a Multi-Billion Dollar Partnership)
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौते किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। वे न केवल वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाते हैं, बल्कि निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और रोजगार सृजन के द्वार भी खोलते हैं। भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) एक ऐसा ही मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह समझौता दोनों देशों के बीच पहले से ही मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने का वादा करता है।
जब हम “Cars, whisky & leather” जैसे शब्दों का उल्लेख करते हैं, तो यह केवल कुछ उत्पादों की सूची नहीं है; यह उस आर्थिक क्षमता का प्रतीक है जो इस FTA के माध्यम से अनलॉक होने की उम्मीद है। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां दोनों देशों की मजबूत उत्पादन क्षमताएं और बाजार की मांगें एक-दूसरे को पूरक करती हैं।:
- कारें (Automobiles): भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र एक विशाल और तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है, जबकि यूके के पास उन्नत ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग और प्रीमियम वाहन निर्माण का एक लंबा इतिहास है।
- व्हिस्की (Whisky): स्कॉच व्हिस्की यूके के सबसे प्रतिष्ठित निर्यात उत्पादों में से एक है, और भारत व्हिस्की के लिए दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जिसमें आयातित प्रीमियम स्पिरिट्स की मांग बढ़ रही है।
- चमड़ा (Leather): भारत चमड़ा उत्पादों का एक प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है, जबकि यूके में उच्च गुणवत्ता वाले चमड़े के सामानों की बाजार में मजबूत मांग है।
यह समझौता सिर्फ इन क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सेवाओं, बौद्धिक संपदा, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और निवेश नियमों जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी कवर करेगा। यह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, अर्थव्यवस्था, भू-राजनीति और कूटनीति जैसे विषयों को छूता है।
समझौते की पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति (Background and Current Status of the Agreement)
भारत और यूके के बीच FTA पर बातचीत 2022 में शुरू हुई थी। ब्रेक्जिट के बाद, यूके ने दुनिया भर के देशों के साथ नए व्यापार समझौते करने की अपनी नीति को तेज कर दिया है, और भारत इसके लिए एक प्रमुख भागीदार है। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जो वर्तमान में लगभग £30 बिलियन (लगभग ₹3 लाख करोड़) है।
रणनीतिक महत्व (Strategic Importance):
- आर्थिक विकास को बढ़ावा (Boosting Economic Growth): FTA से निर्यात में वृद्धि, विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि और दोनों देशों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि की उम्मीद है।
- रोजगार सृजन (Job Creation): व्यापार में वृद्धि से विभिन्न क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- बाजार पहुंच (Market Access): यूके के लिए भारतीय बाजार तक बेहतर पहुंच और भारतीय कंपनियों के लिए ब्रिटिश बाजार में प्रवेश आसान होगा।
- तकनीकी सहयोग (Technological Collaboration): विशेष रूप से ऑटोमोटिव और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर बढ़ेंगे।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये बातचीत जटिल होती हैं और दोनों पक्षों को अपने राष्ट्रीय हितों को संतुलित करना होता है। टैरिफ में कटौती, गैर-टैरिफ बाधाएं (जैसे मानक और नियम), सेवा व्यापार, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) और निवेश सुरक्षा जैसे मुद्दे बातचीत के मुख्य बिंदु होते हैं।
प्रमुख व्यापारिक वस्तुएं: कार, व्हिस्की और चमड़ा (Key Trade Items: Cars, Whisky & Leather)
जैसा कि शीर्षक में उल्लेख किया गया है, कार, व्हिस्की और चमड़ा इस FTA के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। आइए इन क्षेत्रों पर विस्तार से नज़र डालें:
1. ऑटोमोबाइल क्षेत्र (Automobile Sector)
भारत का पक्ष (India’s Perspective):
- भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है और इसका निर्यात भी बढ़ रहा है।
- यूके के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश अक्सर टैरिफ और नियामक बाधाओं के कारण चुनौतीपूर्ण रहा है।
- FTA के माध्यम से, भारत यूके से आयातित कारों पर मौजूदा उच्च टैरिफ को कम करने या समाप्त करने की उम्मीद कर सकता है, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे।
- वहीं, भारत यूके में अपनी कारों के निर्यात के लिए बेहतर बाजार पहुंच चाहता है, विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए जो भारत में उत्पादन करती हैं (जैसे कि टाटा मोटर्स, जो यूके की Jaguar Land Rover की मालिक है)।
यूके का पक्ष (UK’s Perspective):
- यूके के पास प्रीमियम कारों और स्पोर्ट्स कारों का एक मजबूत विनिर्माण आधार है।
- भारतीय बाजार में टैरिफ में कटौती से यूके के ऑटोमोटिव निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
- भारत में “मेक इन इंडिया” पहल के तहत उत्पादन करने वाली यूके की कंपनियों (जैसे Jaguar Land Rover) के लिए भी यह फायदेमंद होगा, क्योंकि वे अपने घटकों और निर्मित वाहनों को अधिक कुशलता से स्थानांतरित कर सकते हैं।
चुनौतियां (Challenges):
- टैरिफ में कटौती का पैमाना और समय-सीमा एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
- उत्सर्जन मानक, सुरक्षा नियम और स्थानीय सामग्री आवश्यकताएं जैसे गैर-टैरिफ मुद्दे भी व्यापार को प्रभावित कर सकते हैं।
- घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योगों की सुरक्षा भी एक चिंता का विषय है।
2. व्हिस्की (Whisky)
भारत का पक्ष (India’s Perspective):
- भारत दुनिया में सबसे ज्यादा व्हिस्की की खपत करने वाले देशों में से एक है।
- फिलहाल, भारत आयातित व्हिस्की पर बहुत अधिक टैरिफ लगाता है, जो उन्हें उपभोक्ताओं के लिए महंगा बनाता है।
- FTA के माध्यम से, भारत इस टैरिफ को कम करने की उम्मीद कर सकता है, जिससे स्कॉच व्हिस्की और अन्य प्रीमियम स्पिरिट्स की कीमतें कम होंगी।
- यह भारत में स्थानीय आसवन (distillery) और संबंधित उद्योगों के लिए भी एक अवसर प्रस्तुत कर सकता है, जो उन्नत तकनीकों को अपना सकते हैं।
यूके का पक्ष (UK’s Perspective):
- स्कॉच व्हिस्की यूके के सबसे मूल्यवान निर्यात उत्पादों में से एक है।
- भारतीय बाजार में उच्च टैरिफ यूके के व्हिस्की निर्माताओं के लिए एक बड़ी बाधा रहे हैं।
- FTA के माध्यम से टैरिफ में महत्वपूर्ण कमी से स्कॉच व्हिस्की के निर्यात में भारी वृद्धि हो सकती है, जिससे यूके की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
- “स्कॉच” ब्रांड की गुणवत्ता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए भौगोलिक संकेतक (GI) सुरक्षा भी महत्वपूर्ण होगी।
चुनौतियां (Challenges):
- भारत अपने राजस्व हितों और स्थानीय शराब उद्योग (जो अक्सर उच्च टैरिफ पर निर्भर करता है) को भी संतुलित करना चाहता है।
- यह देखना होगा कि टैरिफ कटौती कितनी जल्दी और किस स्तर तक लागू होती है।
- मादक पेय पदार्थों के विज्ञापन और बिक्री से संबंधित नियम भी बातचीत का हिस्सा हो सकते हैं।
3. चमड़ा (Leather)
भारत का पक्ष (India’s Perspective):
- भारत दुनिया के सबसे बड़े चमड़ा उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है, विशेष रूप से जूते, परिधान और सामान के लिए।
- यूके भारतीय चमड़ा उत्पादों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है।
- FTA भारत से चमड़ा उत्पादों के निर्यात पर टैरिफ को कम करके या समाप्त करके भारत के लिए लाभप्रद हो सकता है।
- यह भारत में चमड़ा प्रसंस्करण और विनिर्माण के आधुनिकीकरण और मूल्यवर्धन को भी प्रोत्साहित कर सकता है।
यूके का पक्ष (UK’s Perspective):
- यूके में उच्च गुणवत्ता वाले चमड़े के सामानों, विशेष रूप से फैशन और लक्जरी क्षेत्रों में एक मजबूत बाजार है।
- भारतीय चमड़े के उत्पादों पर टैरिफ में कमी से यूके के उपभोक्ताओं और व्यवसायों को लाभ होगा, जिससे वे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उत्पाद खरीद सकेंगे।
- यह यूके के डिजाइनरों और ब्रांडों के लिए भारत से सोर्सिंग को भी आसान बना सकता है।
चुनौतियां (Challenges):
- स्थिरता और नैतिक सोर्सिंग (ethical sourcing) संबंधी चिंताएं चमड़ा व्यापार में महत्वपूर्ण हो सकती हैं।
- उत्पाद मानकों और गुणवत्ता नियंत्रण को लेकर समझौते की आवश्यकता होगी।
- यूके के घरेलू चमड़ा उद्योग के लिए संभावित प्रतिस्पर्धा भी एक मुद्दा हो सकती है।
“किसी भी मुक्त व्यापार समझौते का उद्देश्य केवल टैरिफ को कम करना नहीं है, बल्कि यह विश्वास पैदा करना है कि माल और सेवाएं सुरक्षित, अनुमानित और कुशल तरीके से सीमा पार कर सकें।”
FTA के अन्य प्रमुख घटक (Other Key Components of the FTA)
कार, व्हिस्की और चमड़ा महत्वपूर्ण हैं, लेकिन एक व्यापक FTA में कई अन्य क्षेत्र भी शामिल होते हैं:
- सेवा व्यापार (Trade in Services): इसमें आईटी, वित्तीय सेवाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पेशेवर सेवाएं शामिल हैं। भारत विशेष रूप से अपने आईटी और व्यावसायिक सेवा प्रदाताओं के लिए यूके में बेहतर पहुंच की तलाश में है।
- निवेश (Investment): FTA विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए एक अनुकूल ढांचा प्रदान करता है। यह दोनों देशों के व्यवसायों को एक-दूसरे के बाजारों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
- बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPR): IPR की सुरक्षा, विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल्स, सॉफ्टवेयर और ब्रांडेड उत्पादों के लिए, महत्वपूर्ण है।
- व्यापार सुविधा (Trade Facilitation): सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सरल बनाना, नियामक बाधाओं को कम करना और मानकों के बीच सामंजस्य स्थापित करना व्यापार को गति देने में मदद करता है।
- डिजिटल व्यापार (Digital Trade): ऑनलाइन वाणिज्य, डेटा प्रवाह और डिजिटल सेवाओं से संबंधित नियम भी तेजी से महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
- शासकीय खरीद (Government Procurement): यह तय करना कि क्या कंपनियाँ एक-दूसरे देश की सरकारी अनुबंधों में भाग ले सकती हैं, भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
FTA के संभावित लाभ (Potential Benefits of the FTA)
यह महत्वाकांक्षी समझौता दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान कर सकता है:
भारत के लिए लाभ (Benefits for India)
- निर्यात में वृद्धि (Increased Exports): यूके के बाजार में टैरिफ में कमी से भारतीय वस्तुओं और सेवाओं की निर्यात क्षमता बढ़ेगी।
- FDI प्रवाह में वृद्धि (Increased FDI Flows): यूके से भारत में निवेश बढ़ने की उम्मीद है, जो पूंजी, प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता लाएगा।
- रोजगार सृजन (Job Creation): निर्यात-उन्मुख उद्योगों और सेवा क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- उपभोक्ता लाभ (Consumer Benefits): आयातित वस्तुओं (जैसे कार, व्हिस्की) की कीमतें कम होने से उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
- तकनीकी उन्नयन (Technological Upgradation): यूके से उन्नत तकनीक और विनिर्माण पद्धतियों को अपनाने का अवसर मिलेगा।
- आर्थिक विविधीकरण (Economic Diversification): नए बाजारों में पहुंच से भारतीय अर्थव्यवस्था का विविधीकरण होगा।
यूके के लिए लाभ (Benefits for UK)
- निर्यात में वृद्धि (Increased Exports): भारत के बड़े और बढ़ते बाजार में यूके के उत्पादों (विशेष रूप से कार, व्हिस्की, वित्तीय सेवाएं) की बिक्री बढ़ेगी।
- निवेश के अवसर (Investment Opportunities): भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में यूके की कंपनियों को निवेश के नए अवसर मिलेंगे।
- रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership): यह समझौता यूके को एशिया में अपनी आर्थिक और भू-राजनीतिक पहुंच का विस्तार करने में मदद करेगा।
- कौशल और नवाचार (Skills and Innovation): भारत की युवा आबादी और बढ़ते मध्यम वर्ग से यूके को प्रतिभा और नए बाजारों का लाभ मिलेगा।
- सेवा क्षेत्र में प्रगति (Advancement in Services Sector): आईटी, वित्तीय और पेशेवर सेवाओं में यूके की मजबूत स्थिति को भारत में बढ़ावा मिलेगा।
चुनौतियां और बाधाएं (Challenges and Hurdles)
सभी व्यापार समझौतों की तरह, भारत-यूके एफटीए को भी अपनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है:
- संवेदनशील क्षेत्र (Sensitive Sectors): दोनों देशों के लिए कुछ क्षेत्र (जैसे कृषि, कुछ विनिर्माण उद्योग) संवेदनशील हो सकते हैं, जहां वे अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना चाहेंगे।
- श्रम और पर्यावरण मानक (Labour and Environmental Standards): प्रगतिशील व्यापार समझौते अक्सर श्रम अधिकारों और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े होते हैं, जिन पर सहमति बनाना जटिल हो सकता है।
- बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR Protection): जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, IPR पर मजबूत सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है, खासकर फार्मास्यूटिकल्स और ब्रांडेड सामानों के लिए।
- गैर-टैरिफ बाधाएं (Non-Tariff Barriers): नियमों, मानकों और प्रमाणीकरण (certification) में अंतर व्यापार को धीमा कर सकता है।
- राजनीतिक इच्छाशक्ति और सार्वजनिक राय (Political Will and Public Opinion): समझौते की सफलता दोनों देशों की सरकारों की राजनीतिक इच्छाशक्ति और घरेलू सार्वजनिक समर्थन पर भी निर्भर करती है।
- रणनीतिक प्रतिस्पर्धा (Strategic Competition): वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में, व्यापार समझौतों का राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों पर भी प्रभाव पड़ता है।
केस स्टडी: ब्रेक्जिट के बाद यूके के अन्य समझौते (Case Study: UK’s other post-Brexit deals)
ब्रेक्जिट के बाद, यूके ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान जैसे देशों के साथ व्यापार समझौते किए हैं। इन समझौतों ने संकेत दिया है कि यूके अपने बाजारों को खोलने और पारस्परिक रूप से लाभकारी शर्तों पर नए व्यापार संबंध स्थापित करने के लिए तैयार है। हालांकि, इन समझौतों में भी संवेदनशील वस्तुओं पर कुछ टैरिफ में कटौती धीरे-धीरे की गई है। भारत-यूके एफटीए की संरचना भी इसी तरह की होगी, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग समय-सीमा और शर्तें हो सकती हैं।
UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC Exam)
यह विषय UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है:
- प्रारंभिक परीक्षा (Prelims):
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौते (International Trade Agreements)
- भारत के व्यापार भागीदार (India’s Trade Partners)
- निर्यात और आयात (Exports and Imports)
- आर्थिक सुधार और वैश्वीकरण (Economic Reforms and Globalization)
- FTAs से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दावली (Key terminology related to FTAs)
- प्रमुख भारतीय निर्यात (Major Indian Exports)
- मुख्य परीक्षा (Mains):
- GS-II: अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Relations): भारत की विदेश नीति, द्विपक्षीय संबंध, प्रभाव और क्षेत्रीकरण।
- GS-III: अर्थव्यवस्था (Economy): भारत की अर्थव्यवस्था पर FTAs का प्रभाव, व्यापार घाटा, FDI, विनिर्माण और सेवाओं का विकास।
- GS-III: आर्थिक विकास (Economic Development): भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना, निर्यात संवर्धन।
- GS-IV: नैतिकता (Ethics): अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में नैतिक विचार, निष्पक्ष व्यापार।
उम्मीदवारों को समझौते के आर्थिक, कूटनीतिक और रणनीतिक आयामों को समझने की आवश्यकता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि वे इन समझौतों के भारतीय अर्थव्यवस्था और विभिन्न हितधारकों पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण कर सकें।
भविष्य की राह (Future Outlook)
भारत और यूके के बीच FTA के सफल समापन से दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ सकता है। यदि समझौता प्रभावी ढंग से बातचीत किया जाता है, तो यह न केवल वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को बढ़ाएगा, बल्कि नवाचार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगा।
जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ती है, यह महत्वपूर्ण होगा कि दोनों सरकारें संवेदनशील मुद्दों पर एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं और एक ऐसा समझौता करें जो दीर्घकालिक, टिकाऊ और समावेशी विकास को बढ़ावा दे। यह समझौता भारत को वैश्विक व्यापार मंच पर और मजबूत स्थिति में ला सकता है और यूके को एशिया में अपनी आर्थिक उपस्थिति का विस्तार करने में मदद कर सकता है।
संक्षेप में, कार, व्हिस्की और चमड़े के इर्द-गिर्द केंद्रित यह बहु-अरब डॉलर का समझौता सिर्फ व्यापारिक आंकड़ों से कहीं अधिक है; यह दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच गहरी साझेदारी और साझा भविष्य की ओर एक कदम है।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
1. प्रश्न: हाल ही में चर्चा में रहे भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाना है।
2. ऑटोमोबाइल, व्हिस्की और चमड़ा इस समझौते के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र माने जा रहे हैं।
3. यह समझौता ब्रेक्जिट के बाद यूके की नई व्यापार रणनीति का हिस्सा है।
उपरोक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (d) 1, 2 और 3
व्याख्या: तीनों कथन भारत-यूके एफटीए के संदर्भ में सही हैं। यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने, कार, व्हिस्की और चमड़ा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने और ब्रेक्जिट के बाद यूके की वैश्विक व्यापार रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
2. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा उत्पाद यूके के प्रमुख निर्यात में से एक है और भारत-यूके एफटीए में टैरिफ कटौती के लिए एक प्रमुख वस्तु है?
(a) बासमती चावल
(b) फार्मास्युटिकल उत्पाद
(c) स्कॉच व्हिस्की
(d) टेक्सटाइल
उत्तर: (c) स्कॉच व्हिस्की
व्याख्या: स्कॉच व्हिस्की यूनाइटेड किंगडम के सबसे प्रतिष्ठित और मूल्यवान निर्यात में से एक है, और भारत में इसके उच्च आयात शुल्क पर बातचीत एफटीए का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
3. प्रश्न: भारत-यूके एफटीए के संदर्भ में, “गैर-टैरिफ बाधाएं” (Non-Tariff Barriers) से क्या तात्पर्य है?
(a) माल के आयात पर लगाए जाने वाले प्रत्यक्ष कर
(b) उत्पाद मानक, नियम और प्रमाणन प्रक्रियाएं जो व्यापार को सीमित करती हैं
(c) निर्यात पर प्रतिबंध
(d) सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में देरी
उत्तर: (b) उत्पाद मानक, नियम और प्रमाणन प्रक्रियाएं जो व्यापार को सीमित करती हैं
व्याख्या: गैर-टैरिफ बाधाएं वे नियम, कानून या प्रक्रियाएं हैं जो आयातित वस्तुओं के लिए अवरोध पैदा करती हैं, भले ही उन पर कोई टैरिफ न लगाया गया हो।
4. प्रश्न: भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है।
2. यूके की Jaguar Land Rover का स्वामित्व एक भारतीय कंपनी के पास है।
3. भारत अपने ऑटोमोबाइल निर्यात के लिए यूके में बेहतर बाजार पहुंच चाहता है।
कौन से कथन सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (d) 1, 2 और 3
व्याख्या: तीनों कथन भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र और यूके के साथ इसके संबंधों के बारे में सही हैं।
5. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा भारत-यूके एफटीए के तहत सेवाओं के व्यापार (Trade in Services) का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हो सकता है?
(a) सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवाएं
(b) वित्तीय सेवाएं
(c) शिक्षा सेवाएं
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
व्याख्या: एफटीए अक्सर सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेशेवर सेवाओं जैसे विभिन्न सेवा क्षेत्रों में व्यापार को आसान बनाते हैं।
6. प्रश्न: “भौगोलिक संकेतक” (Geographical Indication – GI) का महत्व भारत-यूके एफटीए में विशेष रूप से किस उत्पाद के संबंध में हो सकता है?
(a) चमड़े के जूते
(b) स्कॉच व्हिस्की
(c) ऑटोमोबाइल पार्ट्स
(d) कपास के कपड़े
उत्तर: (b) स्कॉच व्हिस्की
व्याख्या: स्कॉच व्हिस्की एक प्रमुख उत्पाद है जिसके लिए जीआई सुरक्षा महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल स्कॉटलैंड में निर्मित व्हिस्की को ही “स्कॉच” कहा जा सके।
7. प्रश्न: भारत-यूके एफटीए के संभावित लाभ के रूप में निम्नलिखित में से कौन सा ‘FDI’ (Foreign Direct Investment) से संबंधित है?
(a) भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार पहुंच में वृद्धि
(b) यूके से भारत में निवेश में वृद्धि, जो पूंजी और प्रौद्योगिकी लाता है
(c) घरेलू उद्योगों के लिए प्रतिस्पर्धा में कमी
(d) आयातित वस्तुओं पर कम कर
उत्तर: (b) यूके से भारत में निवेश में वृद्धि, जो पूंजी और प्रौद्योगिकी लाता है
व्याख्या: एफटीए अक्सर विदेशी कंपनियों के लिए दूसरे देश में निवेश करना आसान बनाते हैं, जिससे एफडीआई बढ़ता है।
8. प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. भारत दुनिया में व्हिस्की की सबसे बड़ी खपत करने वाले देशों में से एक है।
2. भारत अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए आयातित व्हिस्की पर उच्च टैरिफ बनाए रखना चाहता है।
कौन सा कथन सही है?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: (a) केवल 1
व्याख्या: जबकि भारत व्हिस्की की बड़ी खपत करता है, एफटीए का एक लक्ष्य टैरिफ को कम करना है, इसलिए दूसरा कथन गलत है।
9. प्रश्न: भारत-यूके एफटीए के संदर्भ में, ‘डिजिटल व्यापार’ (Digital Trade) से क्या तात्पर्य है?
(a) ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म
(b) क्रॉस-बॉर्डर डेटा प्रवाह और डिजिटल सेवाओं से संबंधित नियम
(c) ई-कॉमर्स शिपिंग
(d) डेटा सुरक्षा कानून
उत्तर: (b) क्रॉस-बॉर्डर डेटा प्रवाह और डिजिटल सेवाओं से संबंधित नियम
व्याख्या: डिजिटल व्यापार में ऑनलाइन वाणिज्य, डेटा प्रवाह, डिजिटल सेवाओं के नियम और संबंधित मुद्दे शामिल हैं।
10. प्रश्न: भारत-यूके एफटीए के संबंध में, ‘लचीलापन’ (Sustainability) और ‘नैतिक सोर्सिंग’ (Ethical Sourcing) किन क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकते हैं?
(a) ऑटोमोबाइल निर्माण
(b) स्कॉच व्हिस्की का उत्पादन
(c) चमड़ा उत्पाद
(d) आईटी सेवाएं
उत्तर: (c) चमड़ा उत्पाद
व्याख्या: चमड़ा उद्योग में पशु कल्याण, पर्यावरण प्रभाव और श्रम प्रथाओं जैसे मुद्दों के कारण लचीलापन और नैतिक सोर्सिंग अक्सर चिंता का विषय होते हैं।
मुख्य परीक्षा (Mains)
1. प्रश्न: भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के प्रमुख घटकों का विश्लेषण करें, विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, व्हिस्की और चमड़ा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए। इस समझौते से दोनों देशों को होने वाले संभावित लाभों और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करें। (250 शब्द)
Keywords: India-UK FTA, Bilateral Trade, Automobiles, Whisky, Leather, Market Access, Tariffs, FDI, Trade Facilitation, Economic Impact.
2. प्रश्न: “भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और यूके की ‘ग्लोबल ब्रिटेन’ रणनीति के परिप्रेक्ष्य में, भारत-यूके एफटीए को दोनों देशों के लिए एक रणनीतिक साझेदारी के रूप में कैसे देखा जा सकता है?” इस कथन का मूल्यांकन करें, आर्थिक और भू-राजनीतिक आयामों पर प्रकाश डालते हुए। (250 शब्द)
Keywords: Act East Policy, Global Britain, Strategic Partnership, Geopolitics, Economic Ties, Foreign Policy, Indo-Pacific, European Union.
3. प्रश्न: मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) का भारतीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। भारत-यूके एफटीए के संभावित प्रभावों का विश्लेषण करें, जिसमें निर्यात, आयात, एफडीआई, रोजगार सृजन और ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर इसके असर शामिल हैं। (250 शब्द)
Keywords: FTA Impact on Indian Economy, Exports, Imports, FDI, Job Creation, Make in India, Manufacturing Sector, Services Sector, Economic Growth.
4. प्रश्न: भारत-यूके एफटीए में सेवाओं के व्यापार (Trade in Services) का क्या महत्व है? विशेष रूप से आईटी, वित्तीय और पेशेवर सेवाओं के संदर्भ में, इस समझौते से भारत के सेवा क्षेत्र को क्या लाभ मिल सकता है और इसमें क्या चुनौतियां हो सकती हैं? (150 शब्द)
Keywords: Trade in Services, IT Services, Financial Services, Professional Services, India-UK FTA, Service Sector Growth, Market Access, Regulatory Hurdles.
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