इतिहास महा-संग्राम: आज ही परखें अपना ज्ञान!
इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक सफर के लिए तैयार हो जाइए! आज हम आपके लिए लाए हैं, 25 चुनिंदा प्रश्न जो आपके ज्ञान की गहराई को परखेंगे और आपको विभिन्न ऐतिहासिक युगों से रूबरू कराएंगे। अपनी तैयारी को धार दें और आज ही इस ज्ञानवर्धक मुकाबले में हिस्सा लें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sind) के रूप में जाना जाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, को सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल माना जाता है। इसे अक्सर ‘सिंधु का बाग’ कहा जाता था क्योंकि यह अपने विशाल शहरी नियोजन, स्नानागारों और अनाज भंडारों के लिए प्रसिद्ध था, जो उस समय की उन्नत कृषि और शहरी जीवन का प्रतीक था।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में राखालदास बनर्जी द्वारा की गई थी। यह स्थल वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के तट पर स्थित था। इसकी सबसे महत्वपूर्ण संरचनाओं में ग्रेट बाथ (विशाल स्नानागार) और ग्रिड-आधारित सड़क प्रणाली शामिल हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा (पहला खोजा गया स्थल), लोथल (एक प्रमुख बंदरगाह शहर) और कालीबंगा (अग्निवेदियों के लिए प्रसिद्ध) भी महत्वपूर्ण स्थल थे, लेकिन ‘सिंधु का बाग’ विशेषण मुख्य रूप से मोहनजोदड़ो से जुड़ा है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म शुरू किया था?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत की थी। यह एक संश्लेषणात्मक धर्म था जो विभिन्न धर्मों के सिद्धांतों का मिश्रण था, जिसका उद्देश्य साम्राज्य में धार्मिक सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर ने इस धर्म को सभी प्रमुख धर्मों (इस्लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म आदि) के सार को मिलाकर एक ऐसे विश्वास के रूप में प्रस्तुत किया जो सभी के लिए स्वीकार्य हो। हालांकि, यह धर्म जनता के बीच व्यापक रूप से नहीं फैला और केवल कुछ ही दरबारी इसे अपना पाए।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब जैसे अकबर के उत्तराधिकारियों ने दीन-ए-इलाही को आगे नहीं बढ़ाया। जहाँगीर अपनी कला और वास्तुकला की संरक्षकता के लिए जाने जाते हैं, जबकि शाहजहाँ अपनी भव्य वास्तुकला (जैसे ताजमहल) के लिए और औरंगजेब अपनी धार्मिक रूढ़िवादिता के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 3: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- नाना साहेब
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान, कानपुर शहर से पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने विद्रोह का नेतृत्व किया था। उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ स्थानीय सैनिकों और नागरिकों को एकजुट किया।
- संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब को उनकी पेंशन बंद किए जाने के कारण अंग्रेजों से गहरा असंतोष था। कानपुर में उनके नेतृत्व में विद्रोहियों ने शहर पर कब्जा कर लिया था, लेकिन बाद में सर कॉलिन कैम्पबेल के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने इसे पुनः प्राप्त कर लिया।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
प्रश्न 4: किस गुप्त सम्राट को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-375 ईस्वी) को भारतीय इतिहासकार वी. ए. स्मिथ द्वारा ‘भारत का नेपोलियन’ कहा गया है। यह उपाधि उनकी सैन्य विजयों और विशाल साम्राज्य के विस्तार के कारण दी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत में कई अभियान चलाए और दक्षिण भारत के राज्यों को भी अपने अधीन किया। उनके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित ‘प्रयाग प्रशस्ति’ (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनकी विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है, जिसमें गंगा घाटी से लेकर दक्षिण तक उनके साम्राज्य की पहुँच बताई गई है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के संस्थापक थे। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी साम्राज्य का विस्तार किया और कला व साहित्य के संरक्षक थे, लेकिन समुद्रगुप्त की सैन्य उपलब्धियाँ कहीं अधिक व्यापक थीं। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
- 1300 ईस्वी
- 1336 ईस्वी
- 1450 ईस्वी
- 1526 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम ने 1336 ईस्वी में की थी। यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित था और दक्षिण भारत में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा।
- संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य ने अपनी कला, वास्तुकला, साहित्य और व्यापार के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की। इसका सबसे प्रसिद्ध शासक कृष्ण देवराय थे, जिनके शासनकाल में साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था। साम्राज्य का पतन 1565 ईस्वी में तालीकोटा के युद्ध के बाद हुआ।
- गलत विकल्प: 1300 ईस्वी दिल्ली सल्तनत के प्रारंभिक काल से संबंधित है। 1450 ईस्वी लोदी वंश के उदय के करीब है। 1526 ईस्वी में भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना हुई थी।
प्रश्न 6: किस अधिनियम ने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया?
- 1793 का चार्टर अधिनियम
- 1813 का चार्टर अधिनियम
- 1833 का चार्टर अधिनियम
- 1853 का चार्टर अधिनियम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1813 के चार्टर अधिनियम ने ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत के साथ व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया, हालांकि चीन के साथ चाय व्यापार और भारत के साथ अफीम व्यापार पर उसका एकाधिकार बना रहा।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने भारत में ईसाई मिशनरियों को धर्म प्रचार की अनुमति दी और भारत के शिक्षा के लिए प्रति वर्ष ₹1 लाख की राशि का प्रावधान किया। इसका मुख्य उद्देश्य कंपनी के व्यापारिक लाभ को कम करना और ब्रिटिश सरकार के बढ़ते नियंत्रण को दर्शाना था।
- गलत विकल्प: 1793 का अधिनियम कंपनी के एकाधिकार को 20 साल के लिए बढ़ाया गया था। 1833 के अधिनियम ने कंपनी के सभी व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया और उसे केवल प्रशासनिक निकाय बना दिया। 1853 का अधिनियम अंतिम चार्टर अधिनियम था जिसने ब्रिटिश संसद को किसी भी समय कंपनी के शासन को समाप्त करने का अधिकार दिया।
प्रश्न 7: ‘कुतुबुद्दीन ऐबक’ ने अपनी राजधानी कहाँ स्थापित की थी?
- दिल्ली
- लाहौर
- आगरा
- बदायूँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने अपनी राजधानी शुरुआत में लाहौर में स्थापित की थी। बाद में, इल्तुतमिश ने राजधानी को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया।
- संदर्भ और विस्तार: ऐबक, जो मोहम्मद गोरी का एक गुलाम था, ने 1206 ईस्वी में भारत में गुलाम वंश की स्थापना की। उसने दिल्ली में कुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया था। लाहौर को राजधानी बनाने का कारण यह था कि ऐबक के लिए उत्तरी भारत में अपनी शक्ति को सुदृढ़ करना आवश्यक था, और लाहौर उस समय एक महत्वपूर्ण सैन्य और प्रशासनिक केंद्र था।
- गलत विकल्प: दिल्ली बाद में इल्तुतमिश द्वारा राजधानी बनी। आगरा को सिकंदर लोदी ने राजधानी बनाया था। बदायूँ भी एक महत्वपूर्ण शहर था, जहाँ ऐबक ने एक मस्जिद का निर्माण करवाया था।
प्रश्न 8: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1905-1910
- 1921-1925
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी द्वारा सर्बिया पर युद्ध की घोषणा के साथ शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को जर्मनी द्वारा युद्धविराम पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में प्रमुख धुरी राष्ट्र (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया) और मित्र राष्ट्र (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका) शामिल थे। यह मानव इतिहास के सबसे घातक संघर्षों में से एक था, जिसने दुनिया के राजनीतिक मानचित्र को बदल दिया।
- गलत विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि है। 1905-1910 प्रथम विश्व युद्ध से पहले का दौर है, जिसमें रूस-जापान युद्ध जैसी घटनाएं हुईं। 1921-1925 विश्व युद्धों के बीच की अवधि है।
प्रश्न 9: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- कार्ल मार्क्स
- फ्रेडरिक एंगेल्स
- व्लादिमीर लेनिन
- एडम स्मिथ
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) कार्ल मार्क्स द्वारा लिखित एक मौलिक कृति है। इस पुस्तक में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के विश्लेषण और आलोचना को प्रस्तुत किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दास कैपिटल’ को मार्क्सवाद का केंद्रीय ग्रंथ माना जाता है। इसका पहला खंड 1867 में प्रकाशित हुआ था। इस पुस्तक में मार्क्स ने पूंजीवाद के अंतर्निहित विरोधाभासों, मजदूरी श्रम के शोषण और वर्ग संघर्ष की व्याख्या की है।
- गलत विकल्प: फ्रेडरिक एंगेल्स मार्क्स के घनिष्ठ सहयोगी थे और उन्होंने ‘दास कैपिटल’ के बाद के खंडों को संपादित किया। व्लादिमीर लेनिन एक प्रमुख मार्क्सवादी सिद्धांतकार और रूसी क्रांति के नेता थे। एडम स्मिथ एक शास्त्रीय अर्थशास्त्री थे जो ‘राष्ट्रों की संपत्ति’ (The Wealth of Nations) के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 10: बौद्ध धर्म की किस संगीति का आयोजन पाटलिपुत्र में सम्राट अशोक के संरक्षण में हुआ था?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: तृतीय बौद्ध संगीति ईसा पूर्व 250 में पाटलिपुत्र में मौर्य सम्राट अशोक के संरक्षण में आयोजित की गई थी। इस संगीति की अध्यक्षता मोग्गालिपुत्त तिस्स ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति का मुख्य उद्देश्य बौद्ध संघ से अवसरवादी और भ्रष्ट तत्वों को बाहर निकालना और त्रिपिटक (बौद्ध धर्मग्रंथ) के पाठ को शुद्ध करना था। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया और इसे भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: प्रथम बौद्ध संगीति राजगृह में अजातशत्रु के संरक्षण में, द्वितीय बौद्ध संगीति वैशाली में कालाशोक के संरक्षण में और चतुर्थ बौद्ध संगीति कश्मीर में कनिष्क के संरक्षण में हुई थी।
प्रश्न 11: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) की नीति का प्रयोग सबसे पहले किस ब्रिटिश गवर्नर-जनरल ने किया था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड वेलेजली (1798-1805), जो भारत के गवर्नर-जनरल थे, ने ‘सहायक संधि’ की नीति का प्रभावी ढंग से प्रयोग किया। इस नीति के माध्यम से उन्होंने भारतीय राज्यों को ब्रिटिश संरक्षण में लेना शुरू किया।
- संदर्भ और विस्तार: सहायक संधि के तहत, भारतीय शासक अपनी सेना को भंग करके एक ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखने के लिए सहमत होते थे और अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी को नजराना देते थे। बदले में, कंपनी उस भारतीय शासक को बाहरी आक्रमणकारियों से सुरक्षा प्रदान करती थी और आंतरिक मामलों में भी हस्तक्षेप करती थी। हैदराबाद, मैसूर, तंजौर आदि राज्यों ने इस संधि को स्वीकार किया था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक को भारत में अंग्रेजी शिक्षा और सामाजिक सुधारों के लिए याद किया जाता है। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल के विभाजन जैसे कार्य किए थे।
प्रश्न 12: किस मुगल बादशाह ने ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1679 ईस्वी में गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले ‘जजिया’ कर को पुनः लागू कर दिया था। इससे पहले अकबर ने इसे समाप्त कर दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: औरंगजेब की धार्मिक नीतियों का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसे कई इतिहासकार उनकी धार्मिक कट्टरता का प्रमाण मानते हैं। इस कर के लागू होने से हिन्दू जनता में व्यापक असंतोष फैला।
- गलत विकल्प: अकबर ने जजिया कर समाप्त किया था। जहाँगीर और शाहजहाँ के शासनकाल में भी जजिया लागू नहीं था, हालांकि कुछ स्थानीय अपवाद हो सकते हैं।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी नदी सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल नहीं है?
- रावी
- चेनाब
- गंगा
- सतलज
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सिंधु घाटी सभ्यता के अधिकांश प्रमुख स्थल सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों (जैसे रावी, चेनाब, झेलम, व्यास, सतलज) के किनारे विकसित हुए थे। गंगा नदी का सभ्यता के मुख्य विकास क्षेत्र से सीधा संबंध नहीं था।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा रावी नदी के तट पर, मोहनजोदड़ो सिंधु नदी के तट पर, लोथल भोगवा नदी (जो सिंधु की एक सहायक नदी में मिलती है), और कालीबंगा घग्गर नदी के तट पर स्थित थे। गंगा के मैदान में इस सभ्यता का विस्तार बहुत सीमित था।
- गलत विकल्प: रावी, चेनाब और सतलज सभी सिंधु नदी की महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ हैं और इनके तट पर महत्वपूर्ण हड़प्पाकालीन स्थल पाए गए हैं।
प्रश्न 14: ‘खुदाई खिदमतगार’ नामक संगठन की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- खान अब्दुल गफ्फार खान
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘खुदाई खिदमतगार’ (ईश्वर के सेवक) नामक अहिंसक आंदोलन की स्थापना 1929 में पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत (वर्तमान पाकिस्तान) में खान अब्दुल गफ्फार खान ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगठन पठान समुदाय में राष्ट्रीय चेतना और अहिंसक प्रतिरोध को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। इसके सदस्य लाल कुर्ती पहनते थे, इसलिए उन्हें ‘लाल कुर्ती’ के नाम से भी जाना जाता था। इन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन ‘खुदाई खिदमतगार’ का गठन और नेतृत्व खान अब्दुल गफ्फार खान ने किया था, जिन्हें ‘सीमांत गांधी’ भी कहा जाता है।
प्रश्न 15: ऋग्वैदिक काल में ‘अधन्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त होता था?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- भेड़
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ऋग्वैदिक काल में ‘अधन्य’ शब्द गाय के लिए प्रयुक्त होता था। ‘अधन्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’।
- संदर्भ और विस्तार: गाय को ऋग्वैदिक समाज में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता था। यह संपत्ति, भोजन (दूध, घी) और विनिमय का माध्यम थी। गाय की हत्या को गंभीर अपराध माना जाता था।
- गलत विकल्प: घोड़ा, बैल और भेड़ भी उस काल में महत्वपूर्ण थे, लेकिन ‘अधन्य’ विशेष रूप से गाय के लिए ही प्रयुक्त होता था।
प्रश्न 16: किस फ्रांसीसी यात्री ने भारत में शाहजहाँ के शासनकाल का विवरण अपनी यात्रा वृतांत में लिखा है?
- मार्को पोलो
- अल्बेरुनी
- फ्रांस्वा बर्नियर
- निकोलस मनुच्ची
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: फ्रांसीसी चिकित्सक और यात्री फ्रांस्वा बर्नियर ने 17वीं शताब्दी के मध्य में भारत की यात्रा की और शाहजहाँ के शासनकाल का विस्तृत विवरण अपने ग्रंथ ‘ट्रैवल इन द मुगल एम्पायर’ (Travels in the Mughal Empire) में प्रस्तुत किया।
- संदर्भ और विस्तार: बर्नियर ने मुगल दरबार, सामाजिक जीवन, अर्थव्यवस्था और लोगों की जीवन शैली का आलोचनात्मक और तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। उन्होंने दारा शिकोह के व्यक्तिगत चिकित्सक के रूप में भी कार्य किया था।
- गलत विकल्प: मार्को पोलो 13वीं शताब्दी में भारत आया था (ज्यादातर देवगिरी के काकतीय साम्राज्य से संबंधित)। अल्बेरुनी महमूद गजनवी के साथ 11वीं शताब्दी में आया था और उसने ‘किताब-उल-हिंद’ लिखी। निकोलस मनुच्ची एक इतालवी यात्री थे जिन्होंने शाहजहाँ और दारा शिकोह के दरबारों का वर्णन किया, लेकिन बर्नियर का विवरण अधिक व्यापक माना जाता है।
प्रश्न 17: ‘नील दर्पण’ (Neel Darpan) नाटक के लेखक कौन हैं?
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
- दीनबंधु मित्र
- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र हैं। यह नाटक 1860 में प्रकाशित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाटक बंगाल में नील किसानों पर यूरोपीय नील बागान मालिकों द्वारा किए गए अत्याचारों और शोषण को दर्शाता है। यह नाटक इतना मार्मिक था कि इसने नील विद्रोह (1859-1860) को काफी प्रेरित किया। इसने तत्कालीन ब्रिटिश सरकार पर किसानों की दुर्दशा को देखने के लिए दबाव बनाया।
- गलत विकल्प: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंदमठ’ लिखा, शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘देवदास’ और रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘गीतांजलि’ जैसे प्रसिद्ध कार्य किए।
प्रश्न 18: किस गुप्त शासक ने चांदी के सिक्के जारी किए जिन्हें ‘रूपक’ कहा जाता था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) (शासनकाल 380-415 ईस्वी) ने अपने शासनकाल में बड़ी संख्या में चांदी के सिक्के जारी किए, जिन्हें ‘रूपक’ या ‘रुप्यका’ कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय के चांदी के सिक्के पश्चिमी क्षत्रपों के सिक्कों की शैली से प्रभावित थे। इन सिक्कों पर ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि खुदी होती थी। उसने सोने के सिक्के भी जारी किए थे, जिन्हें ‘दिनार’ कहा जाता था।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने अपने राज्यरोहण के उपलक्ष्य में सोने के सिक्के जारी किए थे। समुद्रगुप्त ने भी विभिन्न प्रकार के सोने के सिक्के जारी किए थे, लेकिन चांदी के सिक्कों का व्यापक प्रचलन चंद्रगुप्त द्वितीय के समय में अधिक हुआ। कुमारगुप्त ने भी सोने और चांदी के सिक्के जारी किए, लेकिन चंद्रगुप्त द्वितीय का योगदान महत्वपूर्ण था।
प्रश्न 19: अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा कब की गई थी?
- 1776
- 1789
- 1799
- 1812
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: संयुक्त राज्य अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा 4 जुलाई 1776 को की गई थी। यह घोषणा महाद्वीपीय कांग्रेस (Continental Congress) द्वारा फिलाडेल्फिया में अपनाई गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: थॉमस जेफरसन इस घोषणा के मुख्य लेखक थे। इस घोषणा ने तेरह अमेरिकी उपनिवेशों को ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र घोषित किया और एक नए राष्ट्र, संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। यह घटना प्रबुद्धता (Enlightenment) के विचारों से बहुत प्रभावित थी।
- गलत विकल्प: 1789 फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत का वर्ष है। 1799 में नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस में सत्ता में आया। 1812 में अमेरिका और ब्रिटेन के बीच एक और युद्ध हुआ।
प्रश्न 20: वेदों में ‘अहिंसा’ का सर्वप्रथम उल्लेख किस उपनिषद में मिलता है?
- छांदोग्य उपनिषद
- बृहदारण्यक उपनिषद
- ईश उपनिषद
- कठोपनिषद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अहिंसा’ का उल्लेख सर्वप्रथम छांदोग्य उपनिषद में मिलता है। यह उपनिषद ऋग्वेद से जुड़ा हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: छांदोग्य उपनिषद में अहिंसा को एक महत्वपूर्ण नैतिक सिद्धांत के रूप में वर्णित किया गया है, जिसे मनुष्य को अपने आचरण में उतारना चाहिए। यह उपनिषद यज्ञ, आत्मा और ब्रह्म जैसे दार्शनिक विचारों को भी प्रस्तुत करता है।
- गलत विकल्प: बृहदारण्यक उपनिषद, ईश उपनिषद और कठोपनिषद भी महत्वपूर्ण उपनिषद हैं जिनमें विभिन्न दार्शनिक विचार मिलते हैं, लेकिन अहिंसा का प्रारंभिक उल्लेख छांदोग्य उपनिषद में ही मिलता है।
प्रश्न 21: ‘रेड क्लिफ रेखा’ (Radcliffe Line) किन दो देशों के बीच सीमा निर्धारित करती है?
- भारत और चीन
- भारत और पाकिस्तान
- भारत और बांग्लादेश
- भारत और अफगानिस्तान
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: रेड क्लिफ रेखा भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा का निर्धारण करती है। इसका नाम इसके निर्माता सर सिरिल रेडक्लिफ के नाम पर रखा गया है।
- संदर्भ और विस्तार: 1947 में भारत के विभाजन के समय, ब्रिटिश सरकार ने पंजाब और बंगाल प्रांतों की सीमाओं को विभाजित करने के लिए रेडक्लिफ की अध्यक्षता में एक सीमा आयोग का गठन किया था। यह रेखा जल्दबाजी में खींची गई थी और इसके कारण बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा और विस्थापन हुआ।
- गलत विकल्प: भारत और चीन के बीच मैक मोहन रेखा है। भारत और बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) के बीच भी ऐतिहासिक रूप से सीमाएँ रही हैं, लेकिन रेडक्लिफ रेखा मुख्य रूप से भारत-पाकिस्तान सीमा को संदर्भित करती है। भारत और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा है।
प्रश्न 22: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?
- सरोजिनी नायडू
- एनी बेसेंट
- इला सेन
- इंदिरा गांधी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट थीं। उन्होंने 1917 में कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
- संदर्भ और विस्तार: एनी बेसेंट आयरिश मूल की थीं और उन्होंने भारत में थियोसोफिकल सोसायटी के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने होम रूल आंदोलन की भी शुरुआत की थी।
- गलत विकल्प: सरोजिनी नायडू 1925 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली पहली भारतीय महिला थीं। इला सेन कांग्रेस से संबंधित थीं लेकिन अध्यक्ष नहीं बनीं। इंदिरा गांधी बाद में प्रधानमंत्री बनीं और कांग्रेस पार्टी की नेता रहीं, लेकिन कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष नहीं थीं।
प्रश्न 23: मेसोपोटामिया सभ्यता का संबंध किन नदियों से था?
- नील और कांगो
- सिंधु और गंगा
- टाइग्रिस और यूफ्रेट्स
- यांग्त्ज़ी और पीली नदी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: मेसोपोटामिया सभ्यता का विकास दजला (टाइग्रिस) और फरात (यूफ्रेट्स) नदियों के बीच की उपजाऊ भूमि में हुआ था। यह क्षेत्र ‘सभ्यता का पालना’ कहलाता है।
- संदर्भ और विस्तार: मेसोपोटामिया में सुमेरियन, अक्कडियन, बेबीलोनियन और असीरियन जैसी प्रमुख सभ्यताएं विकसित हुईं। इन्होंने लेखन (कीलाक्षर लिपि), पहिया, कृषि सिंचाई प्रणाली और खगोल विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण आविष्कार किए।
- गलत विकल्प: नील नदी मिस्र की सभ्यता से संबंधित है। सिंधु और गंगा नदियाँ भारतीय उपमहाद्वीप की सभ्यता से संबंधित हैं। यांग्त्ज़ी और पीली नदी चीन की सभ्यता से संबंधित हैं।
प्रश्न 24: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- कराची अधिवेशन (1931)
- रामगढ़ अधिवेशन (1940)
- मुंबई अधिवेशन (1942)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को मुंबई (तत्कालीन बंबई) में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में पारित हुआ था। इसी अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की मांग के साथ शुरू किया गया था। ब्रिटिश सरकार ने आंदोलनकारियों पर भारी कार्रवाई की और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया, जिससे आंदोलन का नेतृत्व शिथिल पड़ गया, लेकिन इसने जनमानस में क्रांति की भावना को प्रबल किया।
- गलत विकल्प: 1929 का लाहौर अधिवेशन ‘पूर्ण स्वराज’ के प्रस्ताव के लिए जाना जाता है। 1931 का कराची अधिवेशन मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों पर प्रस्तावों के लिए महत्वपूर्ण था। 1940 का रामगढ़ अधिवेशन व्यक्तिगत सत्याग्रह के प्रस्ताव के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 25: किस गुप्त शासक को ‘लिच्छवि-दौहित्र’ कहा जाता था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: समुद्रगुप्त को ‘लिच्छवि-दौहित्र’ कहा जाता था। इसका अर्थ है ‘लिच्छवि राजकुमारी का नाती’।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त की माँ कुमारदेवी, लिच्छवि गणराज्य की राजकुमारी थीं। इस संबंध के कारण समुद्रगुप्त को यह उपाधि प्राप्त हुई, जिसका उल्लेख प्रयाग प्रशस्ति में किया गया है। इस उपाधि से गुप्त साम्राज्य के विस्तार में लिच्छवियों के महत्व और गुप्त वंश के वैवाहिक संबंधों का पता चलता है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश के शासक थे और उन्होंने लिच्छवि राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह किया था। चंद्रगुप्त द्वितीय उनकी रानी ध्रुवदेवी से उत्पन्न पुत्र थे। स्कंदगुप्त गुप्त वंश के अंतिम महान शासकों में से थे।