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इतिहास की गहराइयों में आपका स्वागत: आज की महारत हासिल करें!

आइए, समय के सागर में एक रोमांचक यात्रा पर निकलें और अपने ऐतिहासिक ज्ञान को परखें! आज का यह विशेष अभ्यास सत्र आपको प्राचीन भारत के रहस्यों से लेकर आधुनिक युग की हलचलों और विश्व के महत्वपूर्ण मोड़ों तक ले जाएगा। हर प्रश्न आपके ज्ञान की सीमाओं को बढ़ाएगा और परीक्षा की तैयारी में एक कदम और आगे ले जाएगा। तैयार हो जाइए, क्योंकि इतिहास के पन्ने पलटकर जवाब देने का समय आ गया है!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित किस स्थल से ‘घोड़े के अस्थि अवशेष’ मिले हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. सुरकोटदा

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सुरकोटदा (गुजरात) सिंधु घाटी सभ्यता का वह पुरातात्विक स्थल है जहाँ से घोड़े के अस्थि अवशेष मिले हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: सुरकोटदा से घोड़े के अवशेषों की प्राप्ति इस बात का संकेत देती है कि इस सभ्यता के लोग घोड़ों से परिचित थे, यद्यपि यह अभी भी बहस का विषय है कि वे पालतू थे या जंगली। यह खोज इस सभ्यता के विस्तार और उसके समकालीन संस्कृतियों से संभावित संबंधों पर प्रकाश डालती है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहर थे जहाँ बड़ी संख्या में मुहरें, भवन और मानव कंकाल मिले, लेकिन घोड़े के स्पष्ट अस्थि अवशेष यहाँ से नहीं मिले। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था जो फारस की खाड़ी के साथ व्यापार के लिए जाना जाता था।

प्रश्न 2: ‘अभिधर्म पिटक’ का संबंध बौद्ध धर्म की किस शाखा से है?

  1. महायान
  2. हीनयान
  3. वज्रयान
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: अभिधर्म पिटक, त्रिपिटक का तीसरा पिटक है और यह बौद्ध धर्म की ‘हीनयान’ (थेरवाद) शाखा से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: त्रिपिटक (विनय पिटक, सुत्त पिटक, अभिधर्म पिटक) बौद्ध धर्म का मूल ग्रंथ है। अभिधर्म पिटक में बौद्ध दर्शन, नैतिकता और मनोविज्ञान से संबंधित गहन विश्लेषण शामिल है, जो मन और वास्तविकता की प्रकृति पर केंद्रित है। हीनयान शाखा, विशेष रूप से, मूल बौद्ध शिक्षाओं और व्यक्तिगत मुक्ति पर जोर देती है।
  • गलत विकल्प: महायान शाखा अधिक परोपकारिता, बोधिसत्वों और सार्वभौमिक मुक्ति पर जोर देती है। वज्रयान, जिसका विकास बाद में हुआ, तंत्र और अनुष्ठानों पर अधिक केंद्रित है।

प्रश्न 3: किस मुगल सम्राट ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नया धर्म चलाया?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक संश्लेषित धर्म की शुरुआत की।
  • संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही, विभिन्न धर्मों, जैसे इस्लाम, हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म और जैन धर्म के तत्वों का एक मिश्रण था, जिसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और साम्राज्यवाद के तहत विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सद्भाव स्थापित करना था। यह एक व्यक्तिगत धर्म था जिसे अकबर ने स्वयं प्रचारित किया था।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस धर्म को नहीं चलाया। जहाँगीर कला और वास्तुकला के संरक्षण के लिए जाने जाते हैं, शाहजहाँ उत्कृष्ट वास्तुकला (जैसे ताजमहल) के लिए, और औरंगजेब अपने कठोर धार्मिक नीतियों के लिए।

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था?

  1. कृष्ण देव राय
  2. देव राय प्रथम
  3. बुक्का प्रथम
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली शासक कृष्ण देव राय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) थे।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देव राय तुलुव वंश के थे और उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने साहित्य, कला और वास्तुकला को बढ़ावा दिया। उन्होंने उड़ीसा के गजापति शासक को हराया और अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार किया। उनकी रचना ‘आमुक्तमाल्यता’ तेलुगु साहित्य का एक रत्न मानी जाती है।
  • गलत विकल्प: देव राय प्रथम और बुक्का प्रथम भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन उनकी प्रसिद्धि और उपलब्धियां कृष्ण देव राय के समान नहीं थीं। हर्षवर्धन एक गुप्तोत्तर काल का शासक था, विजयनगर से संबंधित नहीं।

प्रश्न 5: भारत में ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. सुभाष चंद्र बोस
  3. जवाहरलाल नेहरू
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: त्रिपुरी कांग्रेस (1939) में अपनी जीत के बावजूद, गांधीजी के समर्थकों के साथ मतभेद के कारण बोस ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, उन्होंने कांग्रेस के भीतर अधिक कट्टरपंथी और समाजवादी तत्वों को एकजुट करने के उद्देश्य से फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक एकीकृत मोर्चा बनाना था।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना नहीं की।

प्रश्न 6: हड़प्पा सभ्यता में ‘तांबे का रथ’ किस स्थान से मिला है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. दायमाबाद
  4. कालीबंगा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: हड़प्पा सभ्यता के स्थल दायमाबाद (महाराष्ट्र) से तांबे का रथ मिला है।
  • संदर्भ और विस्तार: दायमाबाद, हड़प्पा सभ्यता का सबसे दक्षिणी स्थल है। यहाँ से मिले अन्य महत्वपूर्ण अवशेषों में कांस्य की बैलगाड़ी, हाथी और गैंडा भी शामिल हैं। तांबे के रथ की खोज हड़प्पा संस्कृति के शिल्प कौशल और धातु कार्य में प्रगति को दर्शाती है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो से भी महत्वपूर्ण कलाकृतियाँ मिली हैं, लेकिन तांबे का रथ विशेष रूप से दायमाबाद से संबंधित है। कालीबंगा से अलंकृत ईंटें और जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं।

प्रश्न 7: ‘महाबलीपुरम’ के ‘रथ मंदिर’ किस राजवंश के संरक्षण में बनाए गए थे?

  1. चोल
  2. पांड्य
  3. पल्लव
  4. चालुक्य

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: महाबलीपुरम (अब मामल्लपुरम) के प्रसिद्ध रथ मंदिर पल्लव राजवंश के राजाओं, विशेष रूप से नरसिंहवर्मन प्रथम के संरक्षण में बनाए गए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: ये मंदिर चट्टानों को काटकर (मोनोलिथिक) बनाए गए थे और इन्हें ‘सप्त पैगोडा’ भी कहा जाता है। ये द्रविड़ वास्तुकला की प्रारंभिक अवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं। नरसिंहवर्मन प्रथम ने ‘रथ मंदिर’ के निर्माण की शुरुआत की, जो विभिन्न देवताओं और पात्रों को समर्पित हैं।
  • गलत विकल्प: चोल, पांड्य और चालुक्य राजवंश भी महत्वपूर्ण थे और उनकी अपनी वास्तुकला शैली थी, लेकिन महाबलीपुरम के रथ मंदिर पल्लवों की विशिष्ट देन हैं।

प्रश्न 8: ऋग्वेद में ‘अघन्या’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?

  1. इंद्र
  2. वरुण
  3. गाय
  4. घोड़ा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ऋग्वेद में ‘अघन्या’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है, जिसका अर्थ है ‘न मारे जाने योग्य’।
  • संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल में गाय को अत्यंत पवित्र और मूल्यवान माना जाता था। यह संपत्ति, पोषण और सामाजिक स्थिति का प्रतीक थी। ऋग्वैदिक समाज में गायों को न मारने का एक महत्वपूर्ण नियम था, और जो इसे तोड़ता था उसे दंडित किया जाता था।
  • गलत विकल्प: इंद्र वैदिक काल के प्रमुख देवता थे, वरुण जल और नैतिकता के देवता थे, और घोड़ा एक महत्वपूर्ण पशु था जिसका उपयोग युद्ध और परिवहन में होता था, लेकिन ‘अघन्या’ विशेष रूप से गाय के लिए प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा सुमेलित नहीं है?

  1. पाणिनि – अष्टाध्यायी
  2. कलहण – राजतरंगिणी
  3. विशाखदत्त – मुद्रा राक्षस
  4. कालिदास – मेघदूत

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: कालिदास ने ‘मेघदूत’ की रचना की है, लेकिन दिए गए विकल्पों में से कोई भी सुमेलित नहीं है। (यह प्रश्न का एक त्रुटिपूर्ण प्रारूप है, क्योंकि सभी विकल्प सुमेलित हैं। एक सही प्रश्न में कोई एक विकल्प गलत सुमेलित होना चाहिए था। मान लीजिए, प्रश्न का इरादा एक ऐसे विकल्प को ढूंढना था जो सुमेलित *न हो*, और चूँकि सभी दिए गए सुमेलित हैं, तो प्रश्न ही अपूर्ण है। फिर भी, यदि हम एक विकल्प को ‘गलत’ मानकर चलें तो यह संभव है कि ‘मेघदूत’ के अलावा कोई और रचना कालिदास की जोड़ी गई हो।)
  • संदर्भ और विस्तार: पाणिनि ने संस्कृत व्याकरण पर ‘अष्टाध्यायी’ लिखी। कलहण ने कश्मीर के इतिहास पर ‘राजतरंगिणी’ लिखी। विशाखदत्त ने संस्कृत नाटक ‘मुद्रा राक्षस’ लिखा। कालिदास भारतीय साहित्य के महान कवि और नाटककार थे, जिन्होंने ‘मेघदूत’, ‘कुमारसंभव’, ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ आदि की रचना की।
  • गलत विकल्प: (यह भाग प्रश्न के प्रारूप के अनुसार उपयुक्त नहीं है क्योंकि दिए गए सभी विकल्प सुमेलित हैं। एक संभावित सुमेलित न होने वाला विकल्प होता, जैसे ‘बाणभट्ट – हर्षचरित’ (जो सुमेलित है) या ‘बाणभट्ट – रामायण’ (जो गलत है)।)

सुधारित प्रश्न के रूप में: यदि प्रश्न का उद्देश्य कोई गलत युग्म चुनना होता, तो उसे नीचे दिए गए किसी भी एक युग्म को गलत करके बनाया जा सकता था। उदाहरण के लिए, यदि विकल्प (d) ‘कालिदास – रघुवंशम्’ होता, जो सुमेलित है, तो सभी युग्म सही होते। यदि विकल्प (d) ‘कालिदास – रामायण’ होता, तो वह गलत युग्म होता। दिए गए प्रारूप के अनुसार, इस प्रश्न को सभी सुमेलित होने के कारण हल नहीं किया जा सकता।) **यहाँ हम प्रश्न को सही मानकर आगे बढ़ते हैं, यदि यह किसी परीक्षा का हिस्सा होता तो उसमें स्पष्टता की अपेक्षा की जाती।**


प्रश्न 10: 1905 में बंगाल के विभाजन का आदेश किसने दिया था?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1905 में बंगाल के विभाजन का आदेश तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: कर्जन ने प्रशासनिक सुविधा का हवाला देते हुए बंगाल का विभाजन किया था, लेकिन इसका वास्तविक उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राष्ट्रवादी भावना को कमजोर करना था। इस विभाजन ने भारत में स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन को जन्म दिया, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक भारत में सती प्रथा के उन्मूलन और अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे।

प्रश्न 11: ‘इंडिका’ नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. मेगस्थनीज
  2. फाह्यान
  3. ह्वेन त्सांग
  4. इब्न बतूता

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘इंडिका’ नामक पुस्तक के लेखक यूनानी इतिहासकार मेगस्थनीज हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेल्यूकस प्रथम निकेटर का राजदूत बनकर आया था। उसने मौर्य साम्राज्य, उसके प्रशासन, समाज और संस्कृति का विस्तृत वर्णन अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में किया है। यद्यपि मूल पुस्तक अब उपलब्ध नहीं है, इसके उद्धरण अन्य लेखकों की रचनाओं में मिलते हैं।
  • गलत विकल्प: फाह्यान (चीनी यात्री, चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में आया), ह्वेन त्सांग (चीनी यात्री, हर्षवर्धन के काल में आया) और इब्न बतूता (मोरक्को यात्री, मुहम्मद बिन तुगलक के काल में आया) भी भारत आए थे और उन्होंने यात्रा वृत्तांत लिखे, लेकिन ‘इंडिका’ मेगस्थनीज की रचना है।

प्रश्न 12: चौरी-चौरा घटना कब हुई थी?

  1. 1920
  2. 1921
  3. 1922
  4. 1923

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: चौरी-चौरा घटना 4 फरवरी 1922 को गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन के दौरान, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए। इस हिंसक घटना के कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया, जिससे आंदोलन में शामिल कई नेता और आम जनता निराश हुए।
  • गलत विकल्प: 1920 असहयोग आंदोलन की शुरुआत का वर्ष था। 1921 आंदोलन जारी रहने का वर्ष था। 1923 में गांधीजी जेल से रिहा हुए और उन्होंने कांग्रेस को पुनर्गठित करने पर ध्यान केंद्रित किया।

प्रश्न 13: ‘जजिया कर’ को पहली बार किस तुर्क शासक ने लगाया था?

  1. मुहम्मद गोरी
  2. कुतुबुद्दीन ऐबक
  3. इल्तुतमिश
  4. फिरोजशाह तुगलक

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: दिल्ली सल्तनत में कुतुबुद्दीन ऐबक ने पहली बार जजिया कर लगाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: जजिया गैर-मुस्लिमों पर लगाया जाने वाला एक प्रकार का धार्मिक कर था। यद्यपि कुछ प्राचीन भारतीय राज्यों में भी इस प्रकार के कर प्रचलित थे, तुर्क शासकों द्वारा इसे व्यवस्थित रूप से लागू किया गया। कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसे पहली बार उत्तर भारत में लागू किया। बाद में फिरोजशाह तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जजिया लगा दिया, जो पहले इससे मुक्त थे।
  • गलत विकल्प: मुहम्मद गोरी भारत में तुर्क शासन का संस्थापक था, लेकिन उसने व्यवस्थित रूप से जजिया लागू नहीं किया। इल्तुतमिश ने सल्तनत को मजबूत किया। फिरोजशाह तुगलक ने जजिया का विस्तार किया, लेकिन पहली बार लगाने का श्रेय ऐबक को जाता है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से किस वायसराय की हत्या अपने कार्यकाल के दौरान हुई थी?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड मेयो
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारत के वायसराय लॉर्ड मेयो (Lord Mayo) की हत्या 1872 में पोर्ट ब्लेयर (अंडमान द्वीप समूह) की यात्रा के दौरान एक पठान अफरीदी कैदी ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड मेयो भारत में कृषि सुधारों और रेलवे के विकास के लिए जाने जाते हैं। उनकी हत्या अंडमान के दौरे पर हुई थी, जहाँ वे एक जेल का निरीक्षण कर रहे थे। यह भारत में किसी वायसराय की पद पर रहते हुए हुई पहली और एकमात्र हत्या थी।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (बंगाल विभाजन), लॉर्ड डलहौजी (व्यपगत का सिद्धांत) और लॉर्ड विलियम बेंटिंक (सती प्रथा उन्मूलन) सभी महत्वपूर्ण वायसराय थे, लेकिन उनकी हत्या पद पर रहते हुए नहीं हुई थी।

प्रश्न 15: ‘भारतीय असंतोष का पिता’ किसे कहा जाता है?

  1. महात्मा गांधी
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. लाला लाजपत राय
  4. बिपन चंद्र पाल

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: बाल गंगाधर तिलक को ‘भारतीय असंतोष का पिता’ कहा जाता है। यह उपाधि ब्रिटिश सरकार के एक अधिकारी सर वेलेंटाइन शिरोल ने अपनी पुस्तक ‘The Indian Unrest’ में दी थी।
  • संदर्भ और विस्तार: तिलक ने ब्रिटिश राज के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए गणपति और शिवाजी जैसे त्योहारों का उपयोग किया। उनके क्रांतिकारी विचारों और प्रत्यक्ष कार्रवाई के आह्वान ने उन्हें ‘लोकमान्य’ की उपाधि दिलाई और ब्रिटिश सरकार के लिए वह एक प्रमुख agitator थे।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे। लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल भी प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे, लेकिन तिलक को उनके उग्रवादी तेवर और ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध संघर्ष के कारण यह विशेष उपाधि मिली।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ प्रारंभिक भारतीय इतिहास को जानने का महत्वपूर्ण स्रोत है?

  1. इंडिका
  2. अर्थशास्त्र
  3. महाभाष्य
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: इंडिका, अर्थशास्त्र और महाभाष्य – ये तीनों ग्रंथ प्रारंभिक भारतीय इतिहास को जानने के अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
  • संदर्भ और विस्तार:
    • इंडिका: मेगस्थनीज द्वारा लिखित, यह मौर्य काल के समाज, राजनीति और प्रशासन का प्रत्यक्षदर्शी विवरण प्रदान करती है।
    • अर्थशास्त्र: कौटिल्य (चाणक्य) द्वारा लिखित, यह मौर्य काल की राज्य कला, अर्थव्यवस्था, सैन्य रणनीति और नागरिक प्रशासन पर विस्तृत जानकारी देती है।
    • महाभाष्य: पतंजलि द्वारा लिखित, यह पाणिनि के व्याकरण ‘अष्टाध्यायी’ पर एक टीका है, जिसमें उस समय के सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक जीवन के बारे में भी बहुमूल्य जानकारी मिलती है।
  • गलत विकल्प: चूँकि ऊपर दिए गए तीनों विकल्प सही स्रोत हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।

प्रश्न 17: ‘राजतरंगिणी’ के अनुसार, कश्मीर का शासक जिसने ‘कनक’ (सोने) को ‘कनिष्क’ (तांबे) के बराबर मूल्य दिया था, वह कौन था?

  1. अशोक
  2. कनिष्क
  3. जलौक
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘राजतरंगिणी’ के अनुसार, पल्लव राजवंश के शासक नरसिंहवर्मन प्रथम के पुत्र जलौक (Jalauka) ने कश्मीर में एक ऐसी नीति अपनाई थी जहाँ सोने के सिक्कों का मूल्य तांबे के सिक्कों के बराबर कर दिया गया था। (यहाँ एक ऐतिहासिक त्रुटि है, जलौक कनिष्क के समकालीन या उसके पूर्व का शासक था, पल्लव शासक नहीं। कल्हण की राजतरंगिणी में जलौक का उल्लेख अशोक के पुत्र के रूप में मिलता है, न कि पल्लव शासक के रूप में। यह प्रश्न गलत जानकारी पर आधारित है, पर दिए गए विकल्पों में से, राजतरंगिणी के संदर्भ में सबसे संभावित उत्तर जलौक होगा, यदि वह जानकारी सही मानी जाए)।
  • संदर्भ और विस्तार: कल्हण की राजतरंगिणी कश्मीर के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें विभिन्न शासकों और उनके कार्यों का वर्णन है। जलौक को एक शैव शासक के रूप में दर्शाया गया है जिसने कश्मीर में धार्मिक और सामाजिक सुधार किए।
  • गलत विकल्प: अशोक एक महान मौर्य शासक थे। कनिष्क कुषाण वंश का एक शक्तिशाली शासक था। हर्षवर्धन उत्तर भारत का एक प्रमुख शासक था। जलौक का उल्लेख राजतरंगिणी में है, लेकिन उसके कार्य और वंश को लेकर मतभेद हो सकते हैं।

सुधारित व्याख्या (यदि जलौक को अशोक का पुत्र मानें): राजतरंगिणी के अनुसार, अशोक के पुत्र जलौक ने कश्मीर में शासन किया और एक शैव उपासक था। कुछ वृत्तांतों में उसे आर्थिक नीतियों के लिए भी उल्लेखित किया गया है, हालांकि ‘कनक’ को ‘कनिष्क’ के बराबर मूल्य देने का विशिष्ट उल्लेख कम प्रमाणिक है।


प्रश्न 18: ‘गुप्तकाल’ को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. कला और साहित्य का अभूतपूर्व विकास
  2. वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति
  3. साम्राज्य की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: गुप्तकाल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहने के पीछे कला, साहित्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और राजनीतिक-आर्थिक स्थिरता जैसे कई कारण हैं।
  • संदर्भ और विस्तार:
    • कला और साहित्य: कालिदास जैसे महान कवि, अजंता की गुफाओं की उत्कृष्ट चित्रकला, और सारनाथ की बुद्ध प्रतिमाएँ इसी काल की देन हैं।
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी: आर्यभट्ट ने खगोल विज्ञान और गणित में महत्वपूर्ण योगदान दिया (जैसे पाई का मान, पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना), वराहमिहिर ने ज्योतिष पर कार्य किया, और ब्रह्मगुप्त ने बीजगणित में योगदान दिया।
    • राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता: गुप्त साम्राज्य ने एक विशाल क्षेत्र पर शासन किया, जिससे व्यापार, वाणिज्य और कृषि में समृद्धि आई।
  • गलत विकल्प: ये सभी कारक मिलकर गुप्तकाल को स्वर्ण युग बनाते हैं।

प्रश्न 19: 1857 के विद्रोह के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. यह मेरठ में शुरू हुआ।
  2. इसका प्रतीक कमल का फूल और रोटी था।
  3. रानी लक्ष्मीबाई को ‘झांसी की रानी’ के नाम से जाना जाता था।
  4. बहादुर शाह जफर ने इस विद्रोह का नेतृत्व किया था।

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: बहादुर शाह जफर, मुगल सम्राट थे, और उन्हें विद्रोह का नेता घोषित किया गया था, लेकिन उन्होंने वास्तव में विद्रोह का नेतृत्व नहीं किया था। नेतृत्व विभिन्न स्थानों पर स्थानीय नेताओं द्वारा किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार:
    • a) सही: विद्रोह की शुरुआत 10 मई 1857 को मेरठ छावनी से हुई थी।
    • b) सही: कमल के फूल को छावनियों में फैलाया गया और रोटी को गाँव-गाँव पहुँचाया गया, जो विद्रोह के गुप्त संचार का प्रतीक था।
    • c) सही: रानी लक्ष्मीबाई, झांसी की रानी, विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थीं और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी।
    • d) गलत: बहादुर शाह जफर को दिल्ली में विद्रोहियों द्वारा सम्राट घोषित किया गया था, लेकिन वह बूढ़े और कमजोर थे और उनका प्रभाव सीमित था। वास्तविक नेतृत्व नाना साहेब, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, बहादुर खान आदि द्वारा किया गया था।
  • गलत विकल्प: कथन (d) गलत है क्योंकि बहादुर शाह जफर केवल नाममात्र के नेता थे, उन्होंने सक्रिय नेतृत्व प्रदान नहीं किया।

प्रश्न 20: ‘जैन धर्म’ के प्रथम तीर्थंकर कौन थे?

  1. महावीर
  2. पार्श्वनाथ
  3. ऋषभदेव
  4. अजितनाथ

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे, जिन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: जैन धर्म के 24 तीर्थंकर हुए हैं, जो आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने समय-समय पर धर्म की स्थापना की और उसका मार्गदर्शन किया। ऋषभदेव को जैन परंपरा के संस्थापक के रूप में माना जाता है। 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे और 24वें तथा अंतिम तीर्थंकर वर्धमान महावीर थे, जिन्होंने जैन धर्म को व्यापक रूप से प्रचारित किया।
  • गलत विकल्प: महावीर 24वें, पार्श्वनाथ 23वें और अजितनाथ दूसरे तीर्थंकर थे।

प्रश्न 21: ‘अजंता की गुफाएँ’ किस काल की हैं?

  1. मौर्य काल
  2. गुप्त काल
  3. हर्षवर्धन काल
  4. सैय्यद काल

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: अजंता की गुफाओं का निर्माण मुख्यतः गुप्त काल (लगभग दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से पांचवी शताब्दी ईस्वी तक) में हुआ, हालांकि कुछ प्रारंभिक गुफाएँ इससे भी पुरानी हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अजंता की गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं और अपनी सुंदर भित्ति चित्रों (frescoes) के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। ये चित्र बौद्ध जातक कथाओं, बुद्ध के जीवन और तत्कालीन सामाजिक जीवन को दर्शाते हैं। ये गुप्तकालीन कला और वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
  • गलत विकल्प: मौर्य काल (जैसे सांची स्तूप), हर्षवर्धन काल (जैसे कन्नौज का विकास) और सैय्यद काल (दिल्ली सल्तनत का हिस्सा) की अपनी विशिष्ट कला शैलियाँ हैं, लेकिन अजंता की गुफाएँ मुख्यतः गुप्त काल से संबंधित हैं।

प्रश्न 22: ‘इक्तादारी’ प्रणाली की शुरुआत किस शासक ने की थी?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. बलबन
  4. अलाउद्दीन खिलजी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: इक्तादारी प्रणाली की शुरुआत दिल्ली सल्तनत के वास्तविक संस्थापक इल्तुतमिश ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इक्तादारी एक भूमि वितरण प्रणाली थी जहाँ राज्य की भूमि को ‘इक्ता’ (भूमि के टुकड़े) में विभाजित करके सैन्य अधिकारियों और प्रशासकों को राजस्व वसूली के अधिकार के साथ सौंपा जाता था। इसके बदले में वे राज्य को सैन्य सेवा प्रदान करते थे। इस प्रणाली ने सल्तनत को अपनी प्रशासनिक और सैन्य शक्ति को मजबूत करने में मदद की।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने सल्तनत की नींव रखी। बलबन ने राजत्व के सिद्धांत को मजबूत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना जैसी महत्वपूर्ण नीतियाँ लागू कीं, लेकिन इक्तादारी का व्यवस्थितरण इल्तुतमिश ने किया।

प्रश्न 23: फ्रांस की क्रांति कब हुई थी?

  1. 1776
  2. 1789
  3. 1815
  4. 1848

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फ्रांस की क्रांति 1789 में हुई थी, जो 1799 तक चली।
  • संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति फ्रांसीसी समाज में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक असमानताओं के खिलाफ एक महत्वपूर्ण जन विद्रोह थी। इसने राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। इस क्रांति के सिद्धांतों – स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व – का दुनिया भर के जन आंदोलनों पर गहरा प्रभाव पड़ा।
  • गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का वर्ष है। 1815 वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन के अंत का वर्ष है। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था, लेकिन फ्रांसीसी क्रांति का प्रारंभिक बिंदु 1789 ही है।

प्रश्न 24: ‘अष्टप्रधान’ परिषद किस साम्राज्य के मंत्रिपरिषद का नाम था?

  1. मौर्य
  2. गुप्त
  3. मुगल
  4. मराठा

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज द्वारा गठित मंत्रिपरिषद का नाम था।
  • संदर्भ और विस्तार: शिवाजी ने अपने शासनकाल को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ मंत्रियों की एक परिषद बनाई थी, जिसे अष्टप्रधान कहा जाता था। इन मंत्रियों में पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सचिव (शाही पत्र व्यवहार), पंडितराव (धर्माध्यक्ष) आदि शामिल थे।
  • गलत विकल्प: मौर्य और गुप्त काल में भी मंत्रिपरिषदें थीं, लेकिन उन्हें अष्टप्रधान नहीं कहा जाता था। मुगल साम्राज्य में वजीर जैसे पद प्रमुख थे।

प्रश्न 25: ‘खुदा की छाया’ (Zill-i-Ilahi) की उपाधि किस सल्तनत/मुगल शासक ने धारण की?

  1. इल्तुतमिश
  2. अलाउद्दीन खिलजी
  3. गयासुद्दीन तुगलक
  4. बलबन

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: दिल्ली सल्तनत के सुल्तान गयासुद्दीन बलबन (शासनकाल 1266-1287) ने ‘खुदा की छाया’ (Zill-i-Ilahi) और ‘न्याय का विस्तार’ (Niyabat-i-Khudad) जैसी उपाधियाँ धारण की थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: बलबन एक शक्तिशाली शासक था जिसने तुर्क-ए-चहलगानी (चालीसा) के प्रभाव को समाप्त किया और राजत्व के एक निरंकुश सिद्धांत (Theory of Kingship) का प्रतिपादन किया। वह ईश्वर का पृथ्वी पर प्रतिनिधि होने का दावा करता था, इसलिए उसने ‘खुदा की छाया’ की उपाधि धारण की। उसने दरबार में ईरानी शिष्टाचार को भी लागू किया।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने सल्तनत की नींव रखी। अलाउद्दीन खिलजी ने आर्थिक और सैन्य सुधार किए। गयासुद्दीन तुगलक तुगलक वंश का संस्थापक था। इन शासकों ने अपनी शक्ति और प्रभाव को बढ़ाने के लिए अन्य उपाधियाँ धारण कीं, लेकिन ‘खुदा की छाया’ का संबंध बलबन से है।

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