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उज्ज्वला योजना: मोदी कैबिनेट के 5 फैसले, असम-त्रिपुरा में 4 नए प्रोजेक्ट्स के साथ सब्सिडी जारी रहने की गारंटी

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, भारत सरकार के मंत्रिमंडल ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों के लिए एलपीजी (LPG) सब्सिडी को जारी रखने का निर्णय। इसके साथ ही, पूर्वोत्तर के दो राज्यों, असम और त्रिपुरा में इस योजना के विस्तार के लिए 4 नए परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। ये निर्णय न केवल देश के करोड़ों गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी राहत हैं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम हैं। आइए, इन निर्णयों के विभिन्न पहलुओं, उनके महत्व और UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से उनकी प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा करें।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY), जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था, भारत सरकार की एक फ्लैगशिप योजना है जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन, यानी एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है। इस योजना ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं के जीवन में क्रांति ला दी है, उन्हें धुएं के खतरों से मुक्त किया है और उनके स्वास्थ्य में सुधार किया है। हालिया कैबिनेट फैसलों में इस योजना को और मजबूत करने के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी सरकार की सक्रियता दिखी है।

1. उज्ज्वला योजना: सब्सिडी जारी रहने की गारंटी – क्या है पूरा मामला?

यह फैसला उन लाखों लाभार्थियों के लिए बेहद मायने रखता है जो अपनी एलपीजी सिलेंडरों की खरीद के लिए सरकारी सब्सिडी पर निर्भर हैं। कोविड-19 महामारी के बाद से, एलपीजी की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि ने कई गरीब परिवारों के लिए ईंधन की लागत वहन करना मुश्किल बना दिया था। ऐसे समय में, सब्सिडी का जारी रहना न केवल उनके मासिक बजट को स्थिर रखेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि वे स्वच्छ ईंधन के उपयोग को जारी रख सकें, न कि सस्ते लेकिन हानिकारक विकल्पों जैसे कि लकड़ी, गोबर के उपले, या कोयले की ओर लौटें।

“सब्सिडी का निरंतर प्रवाह यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक तंगी के बावजूद, परिवार स्वच्छ ईंधन के विकल्प पर बने रहें, जो उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।”

सब्सिडी का महत्व:

  • आर्थिक राहत: यह सीधे तौर पर गरीब परिवारों के वित्तीय बोझ को कम करता है।
  • स्वास्थ्य सुरक्षा: धुएं से होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों (जैसे COPD, फेफड़ों का कैंसर) को रोकने में मदद मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, घर के अंदर वायु प्रदूषण (Indoor Air Pollution) के कारण होने वाली मौतों में खाना पकाने का धुआं एक प्रमुख कारण है।
  • पर्यावरण संरक्षण: जीवाश्म ईंधन (जैसे लकड़ी) के कम उपयोग से वनों की कटाई कम होती है और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी नियंत्रित होता है।
  • महिलाओं का सशक्तिकरण: महिलाओं को खाना पकाने के लिए बाहर समय बिताने की आवश्यकता कम हो जाती है, जिससे उन्हें शिक्षा और आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिक अवसर मिलता है।

यह एक ‘सब्सिडी’ क्यों है, ‘मुफ्त सिलेंडर’ क्यों नहीं?

यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह एक ‘सब्सिडी’ है, न कि ‘मुफ्त सिलेंडर’ योजना। सरकार एलपीजी सिलेंडर की बाजार कीमत और एक निश्चित राशि (जो सब्सिडी के रूप में दी जाती है) के बीच के अंतर का भुगतान करती है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है, जिसका उपयोग वे सिलेंडर खरीदते समय कर सकते हैं। इस प्रणाली का उद्देश्य सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकना और लक्षित लाभार्थियों तक उसका सीधा लाभ पहुंचाना है।

2. असम और त्रिपुरा में 4 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी: पूर्वोत्तर में PMUY का विस्तार

कैबिनेट के इस फैसले का एक और महत्वपूर्ण पहलू असम और त्रिपुरा में 4 नई परियोजनाओं को मंजूरी देना है। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र पर सरकार के विशेष ध्यान को दर्शाता है, जहाँ भौगोलिक और अवसंरचनात्मक चुनौतियों के कारण एलपीजी वितरण को सुगम बनाना एक जटिल कार्य हो सकता है।

इन परियोजनाओं का उद्देश्य:

  • पहुंच बढ़ाना: दूरदराज के इलाकों और कम सेवा वाले क्षेत्रों में एलपीजी की पहुंच सुनिश्चित करना।
  • अवसंरचना का विकास: एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, डीपो और वितरण नेटवर्क का विस्तार करना।
  • रोजगार सृजन: इन परियोजनाओं से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना: देश के अन्य हिस्सों की तुलना में पूर्वोत्तर में एलपीजी कवरेज को बढ़ाना।

यह कदम भारत के सभी घरों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन से जोड़ने के सरकार के व्यापक लक्ष्य ‘हर घर जल, हर घर एलपीजी’ के अनुरूप है। पूर्वोत्तर जैसे पहाड़ी और कनेक्टिविटी की समस्या वाले क्षेत्रों में, एलपीजी की उपलब्धता न केवल जीवन स्तर में सुधार करती है, बल्कि स्थानीय समुदायों को अधिक आत्मनिर्भर भी बनाती है।

3. मोदी कैबिनेट के 5 महत्वपूर्ण फैसले: एक व्यापक अवलोकन

यह सिर्फ उज्ज्वला योजना तक सीमित नहीं है। हाल के कैबिनेट निर्णयों में अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी छुआ गया है, जो देश के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से लिए गए हैं। हालांकि विशिष्ट 5 फैसलों का विवरण समाचार में नहीं दिया गया है, लेकिन सामान्य तौर पर, ऐसे निर्णय अक्सर निम्नलिखित क्षेत्रों से संबंधित हो सकते हैं:

  • कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादकता में सुधार और ग्रामीण अवसंरचना के विकास से संबंधित नीतियां।
  • बुनियादी ढांचा: सड़क, रेलवे, बंदरगाहों और हवाई अड्डों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश।
  • स्वास्थ्य और शिक्षा: सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना, नई स्वास्थ्य पहलों की शुरुआत, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार।
  • रोजगार सृजन: युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसर पैदा करने वाली योजनाएं।
  • रक्षा और सुरक्षा: रक्षा उपकरणों की खरीद या नई सुरक्षा नीतियों को मंजूरी।
  • डिजिटल इंडिया: डिजिटल अवसंरचना और सेवाओं के विस्तार से संबंधित निर्णय।

इन सभी पहलों का उद्देश्य भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ाना है। प्रत्येक निर्णय का अपना महत्व है और यह देश के विकास के एक विशिष्ट पहलू को संबोधित करता है।

4. उज्ज्वला योजना: लाभ, विपक्ष और चुनौतियाँ

किसी भी बड़ी सरकारी योजना की तरह, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की भी अपनी खूबियाँ और खामियाँ हैं।

लाभ (Pros):

  • स्वच्छ ईंधन तक पहुंच: करोड़ों घरों को पहली बार एलपीजी मिला।
  • स्वास्थ्य में सुधार: पारंपरिक ईंधन के धुएं से मुक्ति।
  • पर्यावरणीय लाभ: वनों की कटाई और वायु प्रदूषण में कमी।
  • महिलाओं का सशक्तिकरण: खाना पकाने में लगने वाले समय और श्रम में कमी।
  • DBT प्रणाली: सब्सिडी के कुशल हस्तांतरण में मदद।

विपक्ष (Cons) / आलोचनाएं:

  • पुनः भराई दर (Refill Rate) की समस्या: कई लाभार्थी पहली बार कनेक्शन लेने के बाद सिलेंडर दोबारा भरवाने में असमर्थ पाते हैं, खासकर एलपीजी की बढ़ती कीमतों के कारण। वे फिर से लकड़ी जैसे पारंपरिक ईंधनों का उपयोग करने लगते हैं।
  • जागरूकता की कमी: कुछ लाभार्थियों को एलपीजी के सुरक्षित उपयोग, भंडारण और रखरखाव के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होती।
  • अवसंरचना की कमी: विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में एलपीजी डीलरशिप और वितरकों की कमी।
  • सब्सिडी का अंत: सरकार ने पहले ही चरणबद्ध तरीके से सब्सिडी को समाप्त करने का संकेत दिया था, जो लाभार्थियों के लिए एक चिंता का विषय था। वर्तमान सब्सिडी विस्तार इसी चिंता को दूर करता है।
  • कनेक्शन के अलावा अन्य खर्च: चूल्हा (stove) और पहले सिलेंडर की लागत कुछ परिवारों के लिए अभी भी भारी हो सकती है, भले ही कनेक्शन के लिए कुछ सहायता दी गई हो।

चुनौतियाँ:

  • आर्थिक व्यवहार्यता: एलपीजी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और सब्सिडी की स्थिरता लाभार्थियों के लिए एक निरंतर चुनौती है।
  • पहुंच और वितरण: विशेष रूप से दुर्गम क्षेत्रों में एलपीजी की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना।
  • सुरक्षा: एलपीजी के सुरक्षित उपयोग के बारे में निरंतर प्रशिक्षण और जागरूकता।
  • वैकल्पिक ईंधनों पर निर्भरता: जिन समुदायों की आय बहुत कम है, वे अभी भी लकड़ी या अन्य सस्ते ईंधनों पर निर्भर रह सकते हैं।

5. भविष्य की राह: उज्ज्वला योजना और स्वच्छ ऊर्जा की ओर यात्रा

उज्ज्वला योजना की सफलता का मूल्यांकन केवल कनेक्शन देने की संख्या से नहीं, बल्कि लाभार्थियों द्वारा स्वच्छ ईंधन को निरंतर रूप से अपनाने से होता है। सब्सिडी को जारी रखना एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन लंबी अवधि के लिए, निम्नलिखित पर ध्यान देना आवश्यक है:

  • वितरण नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण: एलपीजी डीलरशिप और वितरकों की संख्या बढ़ाना, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में।
  • वैकल्पिक स्वच्छ ईंधनों को बढ़ावा: एलपीजी के अलावा, कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG), बायो-एलपीजी, और सौर कुकिंग जैसे विकल्पों को भी विकसित और बढ़ावा देना।
  • वित्तीय सहायता: एलपीजी चूल्हे की खरीद के लिए और अधिक वहनीय ऋण योजनाएं या सब्सिडी प्रदान करना।
  • जागरूकता अभियान: एलपीजी के सुरक्षित उपयोग, स्वास्थ्य लाभों और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर निरंतर जागरूकता अभियान चलाना।
  • सब्सिडी नीति की समीक्षा: दीर्घकालिक रूप से, सब्सिडी को इस तरह से डिजाइन करना कि वह कमजोर वर्गों का समर्थन करे, लेकिन राजकोषीय घाटे पर भी नियंत्रण रखे।

असम और त्रिपुरा में नए प्रोजेक्ट्स का अनुमोदन इस बात का संकेत है कि सरकार पूर्वोत्तर जैसे विशिष्ट क्षेत्रों की आवश्यकताओं को समझने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। ये पहलें भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी जहां हर किसी के पास स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने का साधन उपलब्ध हो, जो एक स्वस्थ भविष्य और एक स्थायी ग्रह की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) सभी घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करना
b) गरीब परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन (LPG) कनेक्शन प्रदान करना
c) ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना
d) ग्रामीण महिलाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना
उत्तर: b
व्याख्या: PMUY का प्राथमिक लक्ष्य गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान कर उन्हें स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन से जोड़ना है।

2. PMUY के तहत एलपीजी सब्सिडी का हस्तांतरण किस तंत्र के माध्यम से किया जाता है?
a) DBT (Direct Benefit Transfer)
b) आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली
c) नकद भुगतान
d) आधार-आधारित प्रणाली
उत्तर: a
व्याख्या: सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से स्थानांतरित की जाती है।

3. हालिया कैबिनेट फैसले के अनुसार, किन पूर्वोत्तर राज्यों में उज्ज्वला योजना के विस्तार के लिए 4 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है?
a) मेघालय और मणिपुर
b) असम और त्रिपुरा
c) नागालैंड और मिजोरम
d) अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम
उत्तर: b
व्याख्या: समाचार के अनुसार, असम और त्रिपुरा में 4 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है।

4. PMUY के लाभार्थियों के स्वास्थ्य पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
a) हृदय रोगों में वृद्धि
b) श्वसन संबंधी बीमारियों में कमी
c) नेत्र ज्योति में वृद्धि
d) श्रवण शक्ति में सुधार
उत्तर: b
व्याख्या: पारंपरिक ईंधनों के धुएं से मुक्ति मिलने के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों में कमी आती है।

5. PMUY के कार्यान्वयन से संबंधित प्रमुख चुनौतियों में से एक क्या है?
a) एलपीजी की अत्यधिक उपलब्धता
b) लाभार्थियों द्वारा सिलेंडर पुनः भराने की कम दर (low refill rate)
c) एलपीजी डीलरशिप की अधिकता
d) एलपीजी के उपयोग के प्रति ग्रामीणों का विरोध
उत्तर: b
व्याख्या: एलपीजी की कीमतों में वृद्धि के कारण कई लाभार्थी नियमित रूप से सिलेंडर पुनः भरवाने में कठिनाई महसूस करते हैं।

6. “हर घर जल, हर घर एलपीजी” पहल का संबंध सरकार के किस व्यापक लक्ष्य से है?
a) केवल ग्रामीण विद्युतीकरण
b) सभी घरों को स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने के ईंधन से जोड़ना
c) सभी घरों को पाइप से पानी की आपूर्ति
d) सभी घरों को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना
उत्तर: b
व्याख्या: यह पहल सभी घरों को स्वच्छ ईंधन (एलपीजी) और स्वच्छ जल (जल जीवन मिशन) उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है।

7. एलपीजी सब्सिडी जारी रखने का फैसला निम्न में से किस पर सीधा प्रभाव डालता है?
a) एलपीजी की कीमत में वृद्धि
b) गरीब परिवारों पर वित्तीय बोझ में कमी
c) एलपीजी के उपयोग में गिरावट
d) सरकारी तेल कंपनियों का घाटा
उत्तर: b
व्याख्या: सब्सिडी सीधे तौर पर लाभार्थियों के वित्तीय बोझ को कम करती है।

8. सब्सिडी हस्तांतरण के DBT तंत्र का मुख्य लाभ क्या है?
a) सब्सिडी का कम प्रभावी वितरण
b) सब्सिडी के दुरुपयोग को कम करना और लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचाना
c) वितरण प्रक्रिया को जटिल बनाना
d) एलपीजी की कीमतों में वृद्धि करना
उत्तर: b
व्याख्या: DBT सुनिश्चित करता है कि सब्सिडी सीधे लाभार्थी के पास पहुंचे और लीकेज कम हो।

9. PMUY की सफलता के लिए, एलपीजी डीलरशिप और वितरकों की संख्या को कहाँ बढ़ाने की आवश्यकता है?
a) केवल शहरी क्षेत्रों में
b) केवल व्यावसायिक क्षेत्रों में
c) ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में
d) केवल औद्योगिक क्षेत्रों में
उत्तर: c
व्याख्या: सबसे अधिक आवश्यकता उन क्षेत्रों में है जहाँ पहुँच की समस्या है।

10. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना किस वर्ष शुरू की गई थी?
a) 2014
b) 2016
c) 2018
d) 2020
उत्तर: b
व्याख्या: योजना मई 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया से लॉन्च की गई थी।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) भारत में स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। योजना के प्रमुख लाभों का विश्लेषण करें और इसके कार्यान्वयन में आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डालें। भविष्य में इसकी स्थिरता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
(लगभग 150 शब्द)

2. हालिया कैबिनेट फैसलों में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए एलपीजी सब्सिडी जारी रखने का निर्णय लिया गया है, साथ ही पूर्वोत्तर में इसके विस्तार हेतु नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इस निर्णय के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों का विश्लेषण करें। यह सरकारी नीतियों में ‘समग्र विकास’ के सिद्धांत को कैसे दर्शाता है?
(लगभग 250 शब्द)

3. एलपीजी सब्सिडी को DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से वितरित करना सरकारी व्यय में पारदर्शिता और दक्षता लाने की एक महत्वपूर्ण पहल है। PMUY के संदर्भ में, DBT प्रणाली के लाभों और सीमाओं की विवेचना करें। क्या यह मॉडल भारत की अन्य सब्सिडी योजनाओं के लिए एक मिसाल पेश कर सकता है?
(लगभग 250 शब्द)

4. ग्रामीण भारत में एलपीजी की पहुँच में वृद्धि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, लेकिन केवल कनेक्शन प्रदान करना पर्याप्त नहीं है। स्थायी स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक अवसंरचनात्मक, वित्तीय और जागरूकता-संबंधी उपायों पर एक विश्लेषणात्मक चर्चा करें, जिसमें PMUY के लाभार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
(लगभग 250 शब्द)

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