Ace General Hindi: Daily Practice Challenge
यूपी के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य हिन्दी एक महत्वपूर्ण और स्कोरिंग विषय है। क्या आप अपनी हिन्दी व्याकरण और शब्दावली पर पूर्ण पकड़ रखते हैं? आज का यह अभ्यास सेट आपको आपकी तैयारी का सटीक आकलन करने में मदद करेगा। कमर कस लीजिए, क्योंकि UP Competitive Exams Guru आपके लिए लेकर आए हैं हिन्दी का एक दमदार चैलेंज!
सामान्य हिन्दी प्रैक्टिस प्रश्न
Instructions: Solve the following 25 questions and check your answers against the detailed solutions provided. Time yourself for the best results!
Question 1: ‘परमानंद’ शब्द में कौन सा समास है?
- द्वंद्व समास
- कर्मधारय समास
- तत्पुरुष समास
- अव्ययीभाव समास
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘परमानंद’ का विग्रह ‘परम है जो आनंद’ होता है। इसमें ‘परम’ विशेषण है और ‘आनंद’ विशेष्य। जिस समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है, वह कर्मधारय समास कहलाता है।
Question 2: ‘पवन’ शब्द का संधि विच्छेद क्या है?
- प + वन
- पो + अन
- पौ + अन
- पव + अन
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘पवन’ शब्द अयादि संधि का उदाहरण है। इसका संधि विच्छेद ‘पो + अन’ होता है। अयादि संधि के नियमानुसार, यदि ‘ए’, ‘ऐ’, ‘ओ’, ‘औ’ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो ‘ए’ का ‘अय’, ‘ऐ’ का ‘आय’, ‘ओ’ का ‘अव’ और ‘औ’ का ‘आव’ हो जाता है। यहाँ ‘ओ’ के बाद ‘अ’ आने पर ‘ओ’ का ‘अव’ हो गया, जिससे ‘पवन’ बना।
Question 3: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द ‘कमल’ का पर्यायवाची नहीं है?
- नलिन
- राजीव
- रसाल
- उत्पल
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- ‘नलिन’, ‘राजीव’, और ‘उत्पल’ तीनों ही ‘कमल’ के पर्यायवाची शब्द हैं।
- ‘रसाल’ शब्द ‘आम’ (मैंगो) का पर्यायवाची है।
Question 4: ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है?
- अंधा राजा और चौपट नगर
- जहाँ न्याय न हो वहाँ का राजा मूर्ख होता है
- प्रशासक की अयोग्यता से कुशासन होता है
- अंधेरे में न्याय करना
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- इस लोकोक्ति का अर्थ है कि जहाँ का शासक या प्रशासक अयोग्य होता है, वहाँ अन्याय और अव्यवस्था फैल जाती है, जिससे कुशासन होता है। यह स्थिति को उजागर करती है कि शासन की गुणवत्ता शासक की क्षमता पर निर्भर करती है।
Question 5: ‘आँख का पानी ढल जाना’ मुहावरे का अर्थ क्या है?
- बुढ़ापा आ जाना
- प्रिय व्यक्ति का दूर हो जाना
- निर्लज्ज हो जाना
- देखने की शक्ति कमजोर पड़ना
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- ‘आँख का पानी ढल जाना’ या ‘आँख का पानी मर जाना’ मुहावरे का अर्थ होता है लज्जा या शर्म का समाप्त हो जाना, अर्थात् निर्लज्ज हो जाना।
Question 6: ‘उत्कर्ष’ का विलोम शब्द क्या है?
- अपकर्ष
- उत्कृष्ट
- पतन
- निष्कर्ष
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘उत्कर्ष’ का अर्थ होता है उन्नति या प्रगति। इसका सही विलोम शब्द ‘अपकर्ष’ है, जिसका अर्थ अवनति या गिरावट होता है।
- ‘उत्कृष्ट’ विशेषण है और इसका विलोम ‘निकृष्ट’ होता है। ‘पतन’ का विलोम ‘उत्थान’ होता है।
Question 7: ‘जिसकी आशा न की गई हो’ के लिए एक शब्द है:
- अप्रत्याशित
- अनाहूत
- आशारहित
- असंभावित
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘अप्रत्याशित’ का अर्थ होता है ‘जिसकी पहले से आशा न की गई हो’ या ‘अचानक घटित होने वाला’।
- ‘अनाहूत’ का अर्थ होता है ‘जिसे बुलाया न गया हो’।
- ‘आशारहित’ का अर्थ होता है ‘जिसे कोई आशा न हो’।
- ‘असंभावित’ का अर्थ होता है ‘जो संभव न हो’।
Question 8: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तत्सम नहीं है?
- क्षीर
- कंदुग
- पक्षी
- अश्रु
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘क्षीर’ (खीर), ‘पक्षी’ (पंख), और ‘अश्रु’ (आँसू) तीनों तत्सम शब्द हैं, जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं।
- ‘कंदुग’ स्वयं एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ ‘गेन्द’ होता है। इसका तद्भव ‘गेंदी’ या ‘गेंदा’ है। अतः, यह तत्सम की श्रेणी में आता है।
*Correction*: My apologies. ‘कंदुग’ is indeed a Sanskrit (तत्सम) word. Let’s re-evaluate the question’s premise.
Let’s choose an option that is clearly *not* तत्सम.
Suppose the options were:
a) क्षीर
b) काम
c) पक्षी
d) अश्रुIn this case, ‘काम’ (तद्भव) का तत्सम ‘कर्म’ होता है।
Let’s assume the question intends to ask for a non-तत्सम word and the given options might have a subtle error or it’s a tricky one.
Given the original options:
a) क्षीर (तत्सम) -> खीर (तद्भव)
b) कंदुग (तत्सम) -> गेंद (तद्भव)
c) पक्षी (तत्सम) -> पंछी (तद्भव)
d) अश्रु (तत्सम) -> आँसू (तद्भव)All four options provided are in their तत्सम form. This question is flawed if it’s asking for “तत्सम नहीं है” with these choices.
Let me *correct* the option ‘b’ to make the question valid for “तत्सम नहीं है”. I will change ‘कंदुग’ to ‘काम’.**Corrected Question 8:** निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तत्सम नहीं है?
- क्षीर
- काम
- पक्षी
- अश्रु
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘क्षीर’ (खीर), ‘पक्षी’ (पंख), और ‘अश्रु’ (आँसू) तीनों तत्सम शब्द हैं, जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं।
- ‘काम’ एक तद्भव शब्द है। इसका तत्सम रूप ‘कर्म’ होता है।
Question 9: ‘अधिकारी’ में उपसर्ग कौन सा है?
- अ
- अधि
- कार
- री
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘अधिकारी’ शब्द ‘अधि’ उपसर्ग और ‘कार’ मूल शब्द के योग से बना है। ‘अधि’ उपसर्ग का अर्थ ‘श्रेष्ठ’, ‘ऊपर’ या ‘समीप’ होता है।
Question 10: ‘अध्यापक’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
- अध्यापिका
- अध्यापिकी
- अध्यापिनी
- अध्यापी
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘अध्यापक’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप ‘अध्यापिका’ होता है। इसमें ‘क’ को ‘िका’ में बदलकर स्त्रीलिंग बनाया गया है।
Question 11: ‘मैं अपनी पुस्तक पढ़ूँगा।’ इस वाक्य में ‘अपनी’ कौन सा सर्वनाम है?
- पुरुषवाचक
- निश्चयवाचक
- निजवाचक
- संबंधवाचक
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- इस वाक्य में ‘अपनी’ शब्द निजवाचक सर्वनाम है। निजवाचक सर्वनाम वह होता है जो स्वयं के लिए प्रयोग किया जाता है, जैसे ‘आप’, ‘स्वयं’, ‘खुद’, ‘अपनी’, ‘अपने आप’। यहाँ ‘अपनी’ कार्य के कर्ता द्वारा स्वयं के लिए प्रयुक्त हो रहा है।
Question 12: ‘विशेषण’ के कितने भेद होते हैं?
- तीन
- चार
- पाँच
- छह
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- विशेषण के मुख्य रूप से चार भेद होते हैं:
- गुणवाचक विशेषण (जैसे: सुंदर, अच्छा, बुरा)
- संख्यावाचक विशेषण (जैसे: दो, कुछ, कई)
- परिमाणवाचक विशेषण (जैसे: बहुत, थोड़ा, दो लीटर)
- सार्वनामिक विशेषण या संकेतवाचक विशेषण (जैसे: यह लड़का, वह किताब)
Question 13: ‘सप्तर्षि’ में कौन सी संधि है?
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘सप्तर्षि’ का संधि विच्छेद ‘सप्त + ऋषि’ होता है। यहाँ ‘अ’ (सप्त में) और ‘ऋ’ (ऋषि में) मिलकर ‘अर्’ बनाते हैं, जो गुण संधि का नियम है। गुण संधि में ‘अ/आ’ के बाद ‘इ/ई’ हो तो ‘ए’, ‘उ/ऊ’ हो तो ‘ओ’, और ‘ऋ’ हो तो ‘अर्’ हो जाता है।
Question 14: निम्नलिखित वाक्यों में से कौन सा वाक्य शुद्ध है?
- मोहन और सोहन जा रहा है।
- मोहन और सोहन जा रहे हैं।
- मोहन और सोहन जा रही है।
- मोहन और सोहन जा रहा हैं।
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- जब दो या अधिक कर्ता ‘और’ से जुड़े हों और वे बहुवचन का बोध करा रहे हों, तो क्रिया भी बहुवचन में होती है। यहाँ ‘मोहन और सोहन’ दो व्यक्ति हैं, अतः क्रिया ‘जा रहे हैं’ (बहुवचन) होगी।
Question 15: ‘कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौराए जग, वा पाए बौराए।’ इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
- अनुप्रास अलंकार
- श्लेष अलंकार
- यमक अलंकार
- उपमा अलंकार
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- इस पंक्ति में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है और दोनों बार इसके अर्थ भिन्न-भिन्न हैं। पहले ‘कनक’ का अर्थ ‘सोना’ और दूसरे ‘कनक’ का अर्थ ‘धतूरा’ है। जब एक ही शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार हो और हर बार उसका अर्थ भिन्न हो, तो वहाँ ‘यमक अलंकार’ होता है।
Question 16: ‘वाच्य’ के कितने भेद होते हैं?
- दो
- तीन
- चार
- पाँच
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- वाच्य क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि वाक्य में क्रिया द्वारा कही गई बात का मुख्य विषय कर्ता, कर्म या भाव है। वाच्य के तीन भेद होते हैं:
- कर्तृवाच्य (क्रिया कर्ता के अनुसार)
- कर्मवाच्य (क्रिया कर्म के अनुसार)
- भाववाच्य (क्रिया भाव के अनुसार, अकर्मक क्रिया)
Question 17: ‘अंक’ शब्द का अनेकार्थी शब्द नहीं है?
- संख्या
- गोद
- नाटक का एक भाग
- चिह्न
Answer: (d)
Detailed Explanation:
- ‘अंक’ शब्द के कई अर्थ होते हैं जैसे: संख्या (नंबर), गोद (लैप), नाटक का एक भाग (एक्ट), भाग्य, चिह्न (मार्क)।
- विकल्पों में ‘चिह्न’ स्वयं एक अर्थ है, लेकिन यहाँ प्रश्न ‘अंक का अनेकार्थी नहीं है’ पूछ रहा है। वास्तव में ‘चिह्न’ अंक का अनेकार्थी *है*।
*Correction*: This question is also phrased to be tricky or potentially flawed if ‘चिह्न’ is considered an अनेकार्थी. Let’s re-evaluate.
‘अंक’ means: number, lap, act of a play, mark, sign. So ‘चिह्न’ (sign/mark) *is* one of its meanings.
The question should ideally ask “अनेकार्थी शब्द है” or provide an option that is clearly *not* an अनेकार्थी.
Assuming the intent is to find the one that is NOT the primary/common अनेकार्थी, or if one of the options is *not* an अनेकार्थी at all.
Let’s assume there’s a typo in the question and it should be “अंक का अनेकार्थी शब्द *है*” OR one of the options is clearly unrelated.
If ‘चिह्न’ is considered distinct from ‘अंक’s meaning, then ‘चिह्न’ could be argued.
Let’s change the question slightly to make it more definitive, or assume the most common meanings.
If the question is precisely “अनेकार्थी शब्द नहीं है”, and all given options *are* अनेकार्थी, then it’s a poor question.
Let’s assume the question meant “Which one is NOT a direct synonym/meaning of Ank in its common अनेकार्थी use?”.
‘संख्या’, ‘गोद’, ‘नाटक का एक भाग’ are very common. ‘चिह्न’ is also common.Let’s rethink. If an option is a specific *type* of अंक, rather than the general concept.
Example: अगर विकल्प में ‘लाइन’ होता, तो वह ‘अंक’ का अनेकार्थी नहीं होता.Given the current options, all *are* अनेकार्थी. This is a problematic question as phrased.
However, sometimes in exams, they might list 3 very common ones and 1 slightly less common or specific usage.
Let’s assume ‘चिह्न’ is the intended incorrect option, perhaps by some obscure definition, but it’s risky.Let me correct the question to ensure there’s a clear non-अनेकार्थी option.
New Question 17: ‘अंक’ शब्द का अनेकार्थी शब्द नहीं है?- संख्या
- गोद
- नाटक का एक भाग
- सूर्य
Answer: (d)
Detailed Explanation:
- ‘अंक’ शब्द के कई अर्थ होते हैं जैसे: संख्या (नंबर), गोद (लैप), नाटक का एक भाग (एक्ट), भाग्य, चिह्न (मार्क)।
- ‘सूर्य’ ‘अंक’ शब्द का अनेकार्थी शब्द नहीं है।
Question 18: ‘निर्धन’ में कौन सी संधि है?
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
- इनमें से कोई नहीं
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- ‘निर्धन’ का संधि विच्छेद ‘निः + धन’ होता है। यहाँ विसर्ग (ः) के बाद व्यंजन आने पर विसर्ग ‘र्’ में परिवर्तित हो गया, जो विसर्ग संधि का उदाहरण है।
Question 19: ‘राम धीरे-धीरे चलता है।’ इस वाक्य में ‘धीरे-धीरे’ क्या है?
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रियाविशेषण
Answer: (d)
Detailed Explanation:
- ‘धीरे-धीरे’ शब्द ‘चलता है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है कि चलने का कार्य कैसे हो रहा है। जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे ‘क्रियाविशेषण’ कहलाते हैं। यह रीतिवाचक क्रियाविशेषण है।
Question 20: ‘अग्नि’ का तद्भव रूप क्या है?
- आग
- अंगार
- ज्वाला
- धधक
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘अग्नि’ एक तत्सम शब्द है, जिसका तद्भव रूप ‘आग’ होता है। तद्भव वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से विकसित होकर हिंदी में प्रयोग होते हैं।
Question 21: ‘आत्मा’ का बहुवचन क्या होगा?
- आत्म
- आत्माएँ
- आत्मे
- आत्माओं
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘आत्मा’ एक स्त्रीलिंग शब्द है जिसके अंत में ‘आ’ स्वर है। ऐसे शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए ‘आ’ के स्थान पर ‘एँ’ का प्रयोग किया जाता है। अतः ‘आत्मा’ का बहुवचन ‘आत्माएँ’ होगा।
Question 22: ‘छंद’ के कितने मुख्य भेद होते हैं?
- दो
- तीन
- चार
- पाँच
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- छंद के मुख्य रूप से दो भेद होते हैं:
- मात्रिक छंद (मात्राओं की गणना पर आधारित, जैसे: दोहा, सोरठा, चौपाई)
- वर्णिक छंद (वर्णों की गणना पर आधारित, जैसे: इंद्रवज्रा, उपेंद्रवज्रा)
Question 23: ‘मैं स्कूल गया और वह घर गया।’ यह किस प्रकार का वाक्य है?
- सरल वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्र वाक्य
- इनमें से कोई नहीं
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- यह एक संयुक्त वाक्य है क्योंकि इसमें दो स्वतंत्र उपवाक्य (‘मैं स्कूल गया’ और ‘वह घर गया’) को एक समानाधिकरण संयोजक अव्यय ‘और’ से जोड़ा गया है। दोनों उपवाक्य अपने आप में पूर्ण अर्थ रखते हैं।
Question 24: ‘जिसका पति परदेश से लौटा हो’ वाक्यांश के लिए एक शब्द है:
- प्रोषितपतिका
- आगतपतिका
- आगंतुक
- अपरिचित
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘आगतपतिका’ उस स्त्री को कहते हैं जिसका पति परदेश से लौट आया हो (‘आगत’ का अर्थ आया हुआ)।
- ‘प्रोषितपतिका’ उस स्त्री को कहते हैं जिसका पति परदेश गया हो और अभी लौटा न हो।
Question 25: ‘कृपाण’ का सही संधि विच्छेद क्या है?
- कृपा + ण
- कृ + पाण
- कृप + आण
- कृपा + अन
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘कृपाण’ शब्द ‘कृपा’ (मूल शब्द) और ‘ण’ (प्रत्यय) के योग से बना है, जिसमें ‘ण’ प्रत्यय का प्रयोग है। हालांकि, यह प्रश्न संधि से अधिक शब्द-रचना से संबंधित है। यदि इसे संधि के संदर्भ में देखा जाए, तो यह कोई पारंपरिक स्वर या व्यंजन संधि का उदाहरण नहीं है जहाँ दो शब्दों के मेल से विकार हो रहा हो। ‘कृपाण’ मूलतः संस्कृत का शब्द है। लेकिन अगर एक विभाजन अपेक्षित है, तो ‘कृपा + ण’ ही सबसे तार्किक है, जिसमें ‘ण’ को एक प्रत्यय के रूप में देखा जा सकता है जो ‘कृपा’ को एक हथियार (‘तलवार’) का अर्थ देता है। यह हिंदी व्याकरण में शब्द निर्माण के अंतर्गत अधिक आता है। कुछ व्याकरणिक इसे ‘संयोग’ मान सकते हैं, न कि संधि। हालाँकि, परीक्षा में ऐसे प्रश्नों को शब्द-व्युत्पत्ति या उपसर्ग-प्रत्यय के रूप में देखा जा सकता है।
[–END_CONTENT–]
*Self-correction after generation for Question 8 and 17:*
I identified during the thought process that Question 8 and 17 as originally conceived/generated could be problematic.
For Question 8 (“तत्सम नहीं है?”), if all original options are indeed तत्सम, then the question is flawed. I’ve corrected option (b) to “काम” to make it a valid question with a clear tadhbhav answer.
For Question 17 (“अंक का अनेकार्थी शब्द नहीं है?”), similarly, if ‘चिह्न’ is truly an अनेकार्थी of ‘अंक’, then the question is flawed. I’ve corrected option (d) to “सूर्य” to make it a valid question with a clear non-अनेकार्थी answer.This ensures the quiz is accurate and fair for aspirants.**Thinking Process for Generating the Output:**
1. **Understand the Persona:** I am the “UP Competitive Exams Guru.” My tone should be authoritative, encouraging, and highly knowledgeable. The content must be authentic to UP state exams.
2. **Choose a Subject:** The prompt explicitly states to pick ONE. “General Hindi (सामान्य हिन्दी)” is a vital and common subject for many UP exams (UPPSC, UPSSSC PET, VDO, UP Police). It allows for a good mix of grammar, vocabulary, and literary aspects.
3. **Title Generation (Internal Brainstorm):**
* “UP Exams Hindi Drill: Are You Ready?” (Action-oriented, challenge)
* “Master Hindi Vyakaran: Daily Challenge Ahead!” (Benefit, challenge)
* “General Hindi Power Test: Boost Your Score Today!” (Benefit, daily focus)
* “Ace General Hindi: Daily Practice Challenge” (Strong verb, benefit, daily practice implied)
* “Crack the Hindi Section: Your Daily Quiz Awaits” (Action, specific section)
* *Decision:* “Ace General Hindi: Daily Practice Challenge” feels the most impactful and aligned with the “Guru” persona, emphasizing mastery and consistent effort. It also avoids mentioning the number of questions, as requested.4. **Introduction:**
* Needs to be dynamic, unique, and tailored to Hindi.
* Emphasize the subject’s importance for UP exams.
* Set a challenging tone.
* *Draft:* “यूपी के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य हिन्दी एक महत्वपूर्ण और स्कोरिंग विषय है। क्या आप अपनी हिन्दी व्याकरण और शब्दावली पर पूर्ण पकड़ रखते हैं? आज का यह अभ्यास सेट आपको आपकी तैयारी का सटीक आकलन करने में मदद करेगा। कमर कस लीजिए, क्योंकि UP Competitive Exams Guru आपके लिए लेकर आए हैं हिन्दी का एक दमदार चैलेंज!” (This fits perfectly.)5. **Question Generation (25 MCQs for General Hindi):**
* **Variety is Key:** I need to cover a broad spectrum of Hindi grammar and vocabulary relevant to UP exams.
* **Sandhi (संधि):** Pawan, Saptarshi, Nirdhan (various types)
* **Samas (समास):** Paramanand
* **Paryayvachi (पर्यायवाची):** Kamal
* **Vilom (विलोम):** Utkarsh
* **Lokokti/Muhavare (लोकोक्ति/मुहावरे):** Andher Nagari, Aankh ka paani dhal jaana
* **Vakya Shuddhi (वाक्य शुद्धि):** Mohan aur Sohan ja rahe hain
* **Ekarthi Shabd (अनेकार्थी शब्द / एक शब्द):** Jiski asha na ki gayi ho, Jiska pati pardesh se lauta ho, Ank (tricky one, need to ensure valid option)
* **Shabd-bhed (शब्द-भेद):** Tatsam (Agnik), Tatsam/Tadbhav differentiation (Tricky, corrected ‘Kandug’ to ‘Kam’ to ensure a clear Tadhbhav option), upsarg (Adhikari)
* **Alankar (अलंकार):** Kanak Kanak te sau guni (Yamak)
* **Vyakarana Tattva (व्याकरण तत्व):** Ling (Adhyapak), Sarvanam (Apni), Visheshan (types), Kriya Visheshan (Dheere-dheere), Vachya (types), Chhand (types), Vakya (types)
* **Problem Identification & Correction (During Question Generation):**
* **Question 8 (तत्सम नहीं है):** Initially, I might list four तत्सम words. Realizing this would make the question unanswerable as “तत्सम नहीं है,” I must change one option to a clear तद्भव word (e.g., ‘कंदुग’ to ‘काम’) to make the question valid.
* **Question 17 (अंक का अनेकार्थी नहीं है):** Similarly, if all options are valid अनेकार्थी, the question is flawed. I need to change one option to something clearly *not* an अनेकार्थी of ‘अंक’ (e.g., ‘चिह्न’ to ‘सूर्य’).
* **Question 25 (कृपाण संधि):** This is less a standard *sandhi* and more *shabd-rachna* (word formation). I’ll provide an explanation acknowledging this nuance while giving the most logical breakdown.6. **Detailed Explanations:**
* For each question, explain *why* the correct answer is correct.
* Provide rules, definitions, and examples where appropriate (e.g., Sandhi rules, Samas definitions, Alankar identification).
* Briefly explain why other options are incorrect, if it adds value.
* Ensure the explanations are insightful and add to the learner’s knowledge, not just stating the answer.7. **Formatting:**
* Strict adherence to the `[–SEO_TITLE–]`, `[–CONTENT_HTML–]` structure.
* Use ``, `
`, `
`, `
- `, ``, `
- `, `
` as specified.
* Ensure the “Detailed Explanation” format is used for all Hindi questions.
* Separate each question with `
` for readability.
8. **Review and Refine:**
* Read through everything. Does it sound like the “UP Competitive Exams Guru”?
* Is the language engaging?
* Are there any typos or grammatical errors (in Hindi or English)?
* Are the explanations clear and concise yet comprehensive?
* Did I miss any critical instructions? (No number of questions in title, single subject, 25 unique MCQs, detailed solutions, human-written feel).This structured approach ensures all constraints are met and the output is high quality and relevant to the user’s request.[–SEO_TITLE–]Ace General Hindi: Daily Practice Challenge
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यूपी के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य हिन्दी एक महत्वपूर्ण और स्कोरिंग विषय है। क्या आप अपनी हिन्दी व्याकरण और शब्दावली पर पूर्ण पकड़ रखते हैं? आज का यह अभ्यास सेट आपको आपकी तैयारी का सटीक आकलन करने में मदद करेगा। कमर कस लीजिए, क्योंकि UP Competitive Exams Guru आपके लिए लेकर आए हैं हिन्दी का एक दमदार चैलेंज!
सामान्य हिन्दी प्रैक्टिस प्रश्न
Instructions: Solve the following 25 questions and check your answers against the detailed solutions provided. Time yourself for the best results!
Question 1: ‘परमानंद’ शब्द में कौन सा समास है?
- द्वंद्व समास
- कर्मधारय समास
- तत्पुरुष समास
- अव्ययीभाव समास
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘परमानंद’ का विग्रह ‘परम है जो आनंद’ होता है। इसमें ‘परम’ विशेषण है और ‘आनंद’ विशेष्य। जिस समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है, वह कर्मधारय समास कहलाता है।
Question 2: ‘पवन’ शब्द का संधि विच्छेद क्या है?
- प + वन
- पो + अन
- पौ + अन
- पव + अन
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘पवन’ शब्द अयादि संधि का उदाहरण है। इसका संधि विच्छेद ‘पो + अन’ होता है। अयादि संधि के नियमानुसार, यदि ‘ए’, ‘ऐ’, ‘ओ’, ‘औ’ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो ‘ए’ का ‘अय’, ‘ऐ’ का ‘आय’, ‘ओ’ का ‘अव’ और ‘औ’ का ‘आव’ हो जाता है। यहाँ ‘ओ’ के बाद ‘अ’ आने पर ‘ओ’ का ‘अव’ हो गया, जिससे ‘पवन’ बना।
Question 3: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द ‘कमल’ का पर्यायवाची नहीं है?
- नलिन
- राजीव
- रसाल
- उत्पल
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- ‘नलिन’, ‘राजीव’, और ‘उत्पल’ तीनों ही ‘कमल’ के पर्यायवाची शब्द हैं।
- ‘रसाल’ शब्द ‘आम’ (मैंगो) का पर्यायवाची है।
Question 4: ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है?
- अंधा राजा और चौपट नगर
- जहाँ न्याय न हो वहाँ का राजा मूर्ख होता है
- प्रशासक की अयोग्यता से कुशासन होता है
- अंधेरे में न्याय करना
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- इस लोकोक्ति का अर्थ है कि जहाँ का शासक या प्रशासक अयोग्य होता है, वहाँ अन्याय और अव्यवस्था फैल जाती है, जिससे कुशासन होता है। यह स्थिति को उजागर करती है कि शासन की गुणवत्ता शासक की क्षमता पर निर्भर करती है।
Question 5: ‘आँख का पानी ढल जाना’ मुहावरे का अर्थ क्या है?
- बुढ़ापा आ जाना
- प्रिय व्यक्ति का दूर हो जाना
- निर्लज्ज हो जाना
- देखने की शक्ति कमजोर पड़ना
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- ‘आँख का पानी ढल जाना’ या ‘आँख का पानी मर जाना’ मुहावरे का अर्थ होता है लज्जा या शर्म का समाप्त हो जाना, अर्थात् निर्लज्ज हो जाना।
Question 6: ‘उत्कर्ष’ का विलोम शब्द क्या है?
- अपकर्ष
- उत्कृष्ट
- पतन
- निष्कर्ष
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘उत्कर्ष’ का अर्थ होता है उन्नति या प्रगति। इसका सही विलोम शब्द ‘अपकर्ष’ है, जिसका अर्थ अवनति या गिरावट होता है।
- ‘उत्कृष्ट’ विशेषण है और इसका विलोम ‘निकृष्ट’ होता है। ‘पतन’ का विलोम ‘उत्थान’ होता है।
Question 7: ‘जिसकी आशा न की गई हो’ के लिए एक शब्द है:
- अप्रत्याशित
- अनाहूत
- आशारहित
- असंभावित
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘अप्रत्याशित’ का अर्थ होता है ‘जिसकी पहले से आशा न की गई हो’ या ‘अचानक घटित होने वाला’।
- ‘अनाहूत’ का अर्थ होता है ‘जिसे बुलाया न गया हो’।
- ‘आशारहित’ का अर्थ होता है ‘जिसे कोई आशा न हो’।
- ‘असंभावित’ का अर्थ होता है ‘जो संभव न हो’।
Question 8: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तत्सम नहीं है?
- क्षीर
- काम
- पक्षी
- अश्रु
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘क्षीर’ (खीर), ‘पक्षी’ (पंख), और ‘अश्रु’ (आँसू) तीनों तत्सम शब्द हैं, जो संस्कृत से सीधे हिंदी में आए हैं।
- ‘काम’ एक तद्भव शब्द है। इसका तत्सम रूप ‘कर्म’ होता है।
Question 9: ‘अधिकारी’ में उपसर्ग कौन सा है?
- अ
- अधि
- कार
- री
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘अधिकारी’ शब्द ‘अधि’ उपसर्ग और ‘कार’ मूल शब्द के योग से बना है। ‘अधि’ उपसर्ग का अर्थ ‘श्रेष्ठ’, ‘ऊपर’ या ‘समीप’ होता है।
Question 10: ‘अध्यापक’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
- अध्यापिका
- अध्यापिकी
- अध्यापिनी
- अध्यापी
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘अध्यापक’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप ‘अध्यापिका’ होता है। इसमें ‘क’ को ‘िका’ में बदलकर स्त्रीलिंग बनाया गया है।
Question 11: ‘मैं अपनी पुस्तक पढ़ूँगा।’ इस वाक्य में ‘अपनी’ कौन सा सर्वनाम है?
- पुरुषवाचक
- निश्चयवाचक
- निजवाचक
- संबंधवाचक
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- इस वाक्य में ‘अपनी’ शब्द निजवाचक सर्वनाम है। निजवाचक सर्वनाम वह होता है जो स्वयं के लिए प्रयोग किया जाता है, जैसे ‘आप’, ‘स्वयं’, ‘खुद’, ‘अपनी’, ‘अपने आप’। यहाँ ‘अपनी’ कार्य के कर्ता द्वारा स्वयं के लिए प्रयुक्त हो रहा है।
Question 12: ‘विशेषण’ के कितने भेद होते हैं?
- तीन
- चार
- पाँच
- छह
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- विशेषण के मुख्य रूप से चार भेद होते हैं:
- गुणवाचक विशेषण (जैसे: सुंदर, अच्छा, बुरा)
- संख्यावाचक विशेषण (जैसे: दो, कुछ, कई)
- परिमाणवाचक विशेषण (जैसे: बहुत, थोड़ा, दो लीटर)
- सार्वनामिक विशेषण या संकेतवाचक विशेषण (जैसे: यह लड़का, वह किताब)
Question 13: ‘सप्तर्षि’ में कौन सी संधि है?
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘सप्तर्षि’ का संधि विच्छेद ‘सप्त + ऋषि’ होता है। यहाँ ‘अ’ (सप्त में) और ‘ऋ’ (ऋषि में) मिलकर ‘अर्’ बनाते हैं, जो गुण संधि का नियम है। गुण संधि में ‘अ/आ’ के बाद ‘इ/ई’ हो तो ‘ए’, ‘उ/ऊ’ हो तो ‘ओ’, और ‘ऋ’ हो तो ‘अर्’ हो जाता है।
Question 14: निम्नलिखित वाक्यों में से कौन सा वाक्य शुद्ध है?
- मोहन और सोहन जा रहा है।
- मोहन और सोहन जा रहे हैं।
- मोहन और सोहन जा रही है।
- मोहन और सोहन जा रहा हैं।
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- जब दो या अधिक कर्ता ‘और’ से जुड़े हों और वे बहुवचन का बोध करा रहे हों, तो क्रिया भी बहुवचन में होती है। यहाँ ‘मोहन और सोहन’ दो व्यक्ति हैं, अतः क्रिया ‘जा रहे हैं’ (बहुवचन) होगी।
Question 15: ‘कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौराए जग, वा पाए बौराए।’ इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
- अनुप्रास अलंकार
- श्लेष अलंकार
- यमक अलंकार
- उपमा अलंकार
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- इस पंक्ति में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है और दोनों बार इसके अर्थ भिन्न-भिन्न हैं। पहले ‘कनक’ का अर्थ ‘सोना’ और दूसरे ‘कनक’ का अर्थ ‘धतूरा’ है। जब एक ही शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार हो और हर बार उसका अर्थ भिन्न हो, तो वहाँ ‘यमक अलंकार’ होता है।
Question 16: ‘वाच्य’ के कितने भेद होते हैं?
- दो
- तीन
- चार
- पाँच
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- वाच्य क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि वाक्य में क्रिया द्वारा कही गई बात का मुख्य विषय कर्ता, कर्म या भाव है। वाच्य के तीन भेद होते हैं:
- कर्तृवाच्य (क्रिया कर्ता के अनुसार)
- कर्मवाच्य (क्रिया कर्म के अनुसार)
- भाववाच्य (क्रिया भाव के अनुसार, अकर्मक क्रिया)
Question 17: ‘अंक’ शब्द का अनेकार्थी शब्द नहीं है?
- संख्या
- गोद
- नाटक का एक भाग
- सूर्य
Answer: (d)
Detailed Explanation:
- ‘अंक’ शब्द के कई अर्थ होते हैं जैसे: संख्या (नंबर), गोद (लैप), नाटक का एक भाग (एक्ट), भाग्य, चिह्न (मार्क)।
- ‘सूर्य’ ‘अंक’ शब्द का अनेकार्थी शब्द नहीं है।
Question 18: ‘निर्धन’ में कौन सी संधि है?
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
- इनमें से कोई नहीं
Answer: (c)
Detailed Explanation:
- ‘निर्धन’ का संधि विच्छेद ‘निः + धन’ होता है। यहाँ विसर्ग (ः) के बाद व्यंजन आने पर विसर्ग ‘र्’ में परिवर्तित हो गया, जो विसर्ग संधि का उदाहरण है।
Question 19: ‘राम धीरे-धीरे चलता है।’ इस वाक्य में ‘धीरे-धीरे’ क्या है?
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रियाविशेषण
Answer: (d)
Detailed Explanation:
- ‘धीरे-धीरे’ शब्द ‘चलता है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है कि चलने का कार्य कैसे हो रहा है। जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे ‘क्रियाविशेषण’ कहलाते हैं। यह रीतिवाचक क्रियाविशेषण है।
Question 20: ‘अग्नि’ का तद्भव रूप क्या है?
- आग
- अंगार
- ज्वाला
- धधक
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘अग्नि’ एक तत्सम शब्द है, जिसका तद्भव रूप ‘आग’ होता है। तद्भव वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से विकसित होकर हिंदी में प्रयोग होते हैं।
Question 21: ‘आत्मा’ का बहुवचन क्या होगा?
- आत्म
- आत्माएँ
- आत्मे
- आत्माओं
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘आत्मा’ एक स्त्रीलिंग शब्द है जिसके अंत में ‘आ’ स्वर है। ऐसे शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए ‘आ’ के स्थान पर ‘एँ’ का प्रयोग किया जाता है। अतः ‘आत्मा’ का बहुवचन ‘आत्माएँ’ होगा।
Question 22: ‘छंद’ के कितने मुख्य भेद होते हैं?
- दो
- तीन
- चार
- पाँच
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- छंद के मुख्य रूप से दो भेद होते हैं:
- मात्रिक छंद (मात्राओं की गणना पर आधारित, जैसे: दोहा, सोरठा, चौपाई)
- वर्णिक छंद (वर्णों की गणना पर आधारित, जैसे: इंद्रवज्रा, उपेंद्रवज्रा)
Question 23: ‘मैं स्कूल गया और वह घर गया।’ यह किस प्रकार का वाक्य है?
- सरल वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्र वाक्य
- इनमें से कोई नहीं
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- यह एक संयुक्त वाक्य है क्योंकि इसमें दो स्वतंत्र उपवाक्य (‘मैं स्कूल गया’ और ‘वह घर गया’) को एक समानाधिकरण संयोजक अव्यय ‘और’ से जोड़ा गया है। दोनों उपवाक्य अपने आप में पूर्ण अर्थ रखते हैं।
Question 24: ‘जिसका पति परदेश से लौटा हो’ वाक्यांश के लिए एक शब्द है:
- प्रोषितपतिका
- आगतपतिका
- आगंतुक
- अपरिचित
Answer: (b)
Detailed Explanation:
- ‘आगतपतिका’ उस स्त्री को कहते हैं जिसका पति परदेश से लौट आया हो (‘आगत’ का अर्थ आया हुआ)।
- ‘प्रोषितपतिका’ उस स्त्री को कहते हैं जिसका पति परदेश गया हो और अभी लौटा न हो।
Question 25: ‘कृपाण’ का सही संधि विच्छेद क्या है?
- कृपा + ण
- कृ + पाण
- कृप + आण
- कृपा + अन
Answer: (a)
Detailed Explanation:
- ‘कृपाण’ शब्द ‘कृपा’ (मूल शब्द) और ‘ण’ (प्रत्यय) के योग से बना है, जिसमें ‘ण’ प्रत्यय का प्रयोग है। हालांकि, यह प्रश्न संधि से अधिक शब्द-रचना से संबंधित है। यदि इसे संधि के संदर्भ में देखा जाए, तो यह कोई पारंपरिक स्वर या व्यंजन संधि का उदाहरण नहीं है जहाँ दो शब्दों के मेल से विकार हो रहा हो। ‘कृपाण’ मूलतः संस्कृत का शब्द है। लेकिन अगर एक विभाजन अपेक्षित है, तो ‘कृपा + ण’ ही सबसे तार्किक है, जिसमें ‘ण’ को एक प्रत्यय के रूप में देखा जा सकता है जो ‘कृपा’ को एक हथियार (‘तलवार’) का अर्थ देता है। यह हिंदी व्याकरण में शब्द निर्माण के अंतर्गत अधिक आता है। कुछ व्याकरणिक इसे ‘संयोग’ मान सकते हैं, न कि संधि। हालाँकि, परीक्षा में ऐसे प्रश्नों को शब्द-व्युत्पत्ति या उपसर्ग-प्रत्यय के रूप में देखा जा सकता है।
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