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पुंछ में सेना का ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’: 2 आतंकी ढेर, LoC पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम

पुंछ में सेना का ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’: 2 आतंकी ढेर, LoC पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास एक सफल सैन्य अभियान चलाया, जिसे ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ नाम दिया गया। इस अभियान के दौरान, घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया गया और उनके पास से तीन हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया। यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में अत्यंत महत्वपूर्ण है और सीमा पार से आतंकवाद को प्रायोजित करने की निरंतर कोशिशों को उजागर करती है।

परिचय: राष्ट्रीय सुरक्षा की लकीर, पुंछ की भूमिका (Introduction: The Line of National Security, The Role of Poonch)

जम्मू और कश्मीर का पुंछ जिला, नियंत्रण रेखा (Line of Control – LoC) पर अपनी सामरिक स्थिति के कारण, ऐतिहासिक रूप से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र रहा है। यह क्षेत्र अक्सर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों द्वारा घुसपैठ के प्रयासों का निशाना बनता रहा है, जिनका उद्देश्य राज्य में अस्थिरता फैलाना और हिंसा को बढ़ावा देना होता है। ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ नामक यह हालिया सैन्य कार्रवाई, इसी निरंतर संघर्ष में भारतीय सेना की सतर्कता, तत्परता और प्रभावी प्रतिक्रिया का प्रमाण है।

भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ के माध्यम से न केवल घुसपैठ के प्रयास को विफल किया, बल्कि 2 आतंकवादियों को मार गिराकर और उनके हथियार व गोला-बारूद को जब्त कर, भविष्य में होने वाले संभावित हमलों को भी रोका। यह घटना भारतीय सेना के उच्च मनोबल, उत्कृष्ट प्रशिक्षण और सीमा सुरक्षा के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

‘ऑपरेशन शिवशक्ति’: एक विस्तृत विश्लेषण (Operation Shivshakti: A Detailed Analysis)

1. ऑपरेशन का उद्भव और उद्देश्य (Origin and Objective of the Operation):

  • खुफिया जानकारी: यह ऑपरेशन पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास संदिग्ध आतंकवादी गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू किया गया था। सेना को इनपुट मिले थे कि आतंकवादी समूह भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने और आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहे हैं।
  • घुसपैठ को रोकना: ऑपरेशन का प्राथमिक उद्देश्य नियंत्रण रेखा पार करके भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने के आतंकवादियों के प्रयास को विफल करना था।
  • आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना: घुसपैठियों को मार गिराना और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों तथा गोला-बारूद को जब्त करना, इस घटना के दूसरे महत्वपूर्ण उद्देश्य थे। इससे आतंकवादियों के नेटवर्क को बाधित करने और भविष्य की आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलती है।
  • सीमा सुरक्षा को मजबूत करना: इस सफल ऑपरेशन ने सीमा पर भारतीय सेना की प्रभावी उपस्थिति और निगरानी क्षमता को भी रेखांकित किया।

2. सैन्य रणनीति और क्रियान्वयन (Military Strategy and Execution):

  • उच्च अलर्ट: खुफिया जानकारी मिलते ही, पुंछ सेक्टर में सेना को उच्च अलर्ट पर रखा गया था।
  • सटीक जानकारी: सेना की निगरानी इकाइयों ने घुसपैठियों की गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी, जिससे उनके सटीक स्थान और इरादों का पता लगाया जा सके।
  • समन्वित प्रतिक्रिया: सेना, विशेष रूप से भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री और स्पेशल फोर्सेज, ने एक समन्वित प्रतिक्रिया बल का गठन किया।
  • नियंत्रण रेखा पर घेराबंदी: घुसपैठ के संभावित रास्तों को सील कर दिया गया और आतंकवादियों को भागने का कोई अवसर न मिले, इसके लिए एक मजबूत घेराबंदी (cordon) की गई।
  • लक्षित हमला: घेराबंदी के बाद, सेना ने आतंकवादियों पर सटीक और लक्षित हमला किया। यह सुनिश्चित किया गया कि न्यूनतम नागरिक हताहत हों और सैन्य कर्मियों को भी कोई नुकसान न हो।
  • परिणाम: इस कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए, और उनके पास से AK-47 राइफलें, पिस्तौलें, ग्रेनेड और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया।

3. बरामदगी का महत्व (Significance of the Recovery):

  • हथियारों की गुणवत्ता: बरामद किए गए हथियारों की गुणवत्ता और मात्रा यह दर्शाती है कि आतंकवादी समूह अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सुसज्जित थे।
  • विनाशकारी क्षमता: बड़ी मात्रा में गोला-बारूद की बरामदगी इस बात का संकेत है कि इन आतंकवादियों का इरादा बड़े पैमाने पर विनाशकारी हमले करना हो सकता था।
  • समर्थन नेटवर्क का संकेत: हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति, सीमा पार से मिलने वाले समर्थन नेटवर्क की ओर इशारा करती है।

पुंछ सेक्टर: सुरक्षा परिप्रेक्ष्य (Poonch Sector: Security Perspective)

पुंछ जिला, नियंत्रण रेखा (LoC) पर एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इसकी भौगोलिक स्थिति, जिसमें घने जंगल, पहाड़ी इलाके और गहरी घाटियाँ शामिल हैं, घुसपैठ के लिए अनुकूल हो सकती है।

  • ऐतिहासिक संदर्भ: 1947-48 के युद्ध के बाद से, पुंछ नियंत्रण रेखा का एक प्रमुख बिंदु रहा है। इस क्षेत्र में अक्सर सीमा पार से संघर्ष विराम उल्लंघन और घुसपैठ के प्रयास होते रहे हैं।
  • सामरिक महत्व: पुंछ की स्थिति भारत को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की गतिविधियों पर नजर रखने की अनुमति देती है। वहीं, यह पाकिस्तानी सेना और आतंकवादी समूहों के लिए भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश का एक संभावित मार्ग है।
  • आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र: पिछले कुछ वर्षों में, पुंछ और इसके आसपास के जिलों में आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर हमलों की कई घटनाएं देखी गई हैं। ये घटनाएं अक्सर सीमा पार से समर्थन का संकेत देती हैं।
  • जनसंख्या का प्रभाव: इस क्षेत्र में स्थानीय आबादी भी रहती है, जिनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सेना के लिए एक अतिरिक्त चुनौती होती है।

‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ की प्रासंगिकता (Relevance of ‘Operation Shivshakti’)

यह सैन्य अभियान कई मायनों में प्रासंगिक है:

  1. राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना: घुसपैठ के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल करने से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होती है।
  2. पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश: यह कार्रवाई पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश देती है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्पित है और घुसपैठ के किसी भी प्रयास का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
  3. सेना की क्षमता का प्रदर्शन: यह अभियान भारतीय सेना की घुसपैठ को रोकने, आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने की उच्च क्षमता को प्रदर्शित करता है।
  4. सकारात्मक जनमत: ऐसे सफल अभियान जनता का मनोबल बढ़ाते हैं और सुरक्षा बलों में विश्वास पैदा करते हैं।

चुनौतियाँ और विचारणीय बिंदु (Challenges and Points to Consider)

जबकि ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ एक सफलता है, इसके साथ जुड़ी कुछ चुनौतियाँ और विचारणीय बिंदु भी हैं:

  • सतत निगरानी: पुंछ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ को रोकने के लिए निरंतर और प्रभावी निगरानी की आवश्यकता होती है। तकनीकी प्रगति (जैसे ड्रोन, सेंसर) इसमें सहायक हो सकती है।
  • मौसम और स्थलाकृति: खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी इलाके, सेना के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं, जो आतंकवादियों को घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • खुफिया जानकारी की सटीकता: घुसपैठ के प्रयासों को समय पर विफल करने के लिए सटीक और समय पर खुफिया जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
  • स्थानीय सहयोग: सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय आबादी का सहयोग भी सुरक्षा अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • सीमा पार से समर्थन: जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक घुसपैठ का खतरा बना रहेगा।
  • हथियारों की आपूर्ति: आतंकवादियों के हाथों में आधुनिक और उन्नत हथियारों का पहुंचना, एक गंभीर चिंता का विषय है।

“जब तक सीमा पर एक भी गोली चलती है, जब तक सीमा पार से एक भी आतंकवादी हमारी धरती पर कदम रखता है, तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे। हमारी सेना हर पल राष्ट्र की रक्षा के लिए तत्पर है।”

– एक काल्पनिक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी का बयान

सीमा पार से आतंकवाद: एक निरंतर समस्या (Cross-Border Terrorism: A Persistent Problem)

पाकिस्तान का आतंकवाद को राज्य-प्रायोजित नीति के रूप में इस्तेमाल करना, दक्षिण एशिया की सुरक्षा के लिए एक प्रमुख खतरा बना हुआ है। पुंछ में हुई यह घटना, सीमा पार से भारत में अस्थिरता फैलाने के लगातार प्रयासों का एक उदाहरण है।

  • रणनीति: पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह, जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM), भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने और हमले करने के लिए प्रशिक्षित हैं।
  • लक्ष्य: उनका मुख्य लक्ष्य कश्मीर घाटी में अशांति फैलाना, सुरक्षा बलों पर हमला करना और भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना है।
  • अंतर्राष्ट्रीय दबाव: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ, पाकिस्तान पर इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए दबाव बनाते रहे हैं, लेकिन अभी तक संतोषजनक परिणाम नहीं मिले हैं।

‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ से सीख (Lessons from ‘Operation Shivshakti’)

यह ऑपरेशन हमें कई महत्वपूर्ण सबक सिखाता है:

  • सतर्कता ही सुरक्षा है: सीमा पर चौबीसों घंटे सतर्क रहना, किसी भी घुसपैठ को रोकने की कुंजी है।
  • आधुनिक तकनीक का उपयोग: निगरानी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक, जैसे नाइट विजन उपकरण, ड्रोन और संचार प्रणाली, का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए।
  • अंतर-एजेंसी समन्वय: खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त अभियान चलाने के लिए सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक है।
  • जनजागरूकता: सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है।

आगे की राह (The Way Forward)

पुंछ में ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ की सफलता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक सतत और बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है:

  1. सीमा अवसंरचना को मजबूत करना: नियंत्रण रेखा पर बाड़ लगाने, निगरानी टावरों और अन्य अवसंरचनात्मक सुविधाओं को मजबूत करना।
  2. खुफिया तंत्र को बढ़ाना: खुफिया जानकारी जुटाने और विश्लेषण करने की क्षमताओं को और बेहतर बनाना, जिसमें मानव और तकनीकी खुफिया स्रोतों का मिश्रण शामिल हो।
  3. सैन्य आधुनिकीकरण: भारतीय सेना को अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करना, ताकि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सके।
  4. कूटनीतिक प्रयास: सीमा पार से आतंकवाद को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राजनयिक दबाव बनाए रखना।
  5. स्थानीय समुदायों के साथ संबंध: सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय आबादी के साथ विश्वास और सहयोग के संबंध बनाना, जो सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
  6. आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना: सीमा पर घुसपैठ को रोकने के साथ-साथ, देश के भीतर आतंकवादी नेटवर्क को भी ध्वस्त करना।

निष्कर्ष (Conclusion)

‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ भारतीय सेना की क्षमता, साहस और दृढ़ संकल्प का एक ज्वलंत उदाहरण है। पुंछ सेक्टर में घुसपैठ के प्रयास को विफल करके, सेना ने न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया, बल्कि सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को एक कड़ा संदेश भी दिया। यह घटना हमें याद दिलाती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए सतर्कता, आधुनिकीकरण और एक मजबूत राष्ट्रीय इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। भारतीय सेना, देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार है, और ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ इसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. हाल ही में समाचारों में चर्चा में रहा ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ किस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में हुआ?
a) पंजाब
b) राजस्थान
c) जम्मू और कश्मीर
d) हिमाचल प्रदेश
उत्तर: c) जम्मू और कश्मीर
व्याख्या: ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ जम्मू और कश्मीर के पुंछ जिले में हुआ, जो नियंत्रण रेखा (LoC) के पास स्थित है।

2. ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ के दौरान मारे गए आतंकवादियों के पास से क्या बरामद हुआ?
a) केवल एके-47 राइफलें
b) तीन हथियार और भारी गोला-बारूद
c) केवल पिस्तौल और ग्रेनेड
d) कोई हथियार बरामद नहीं हुआ
उत्तर: b) तीन हथियार और भारी गोला-बारूद
व्याख्या: ऑपरेशन के दौरान, दो आतंकवादियों को मार गिराया गया और उनके पास से तीन हथियार (संभवतः राइफलें) और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया।

3. नियंत्रण रेखा (LoC) भारत और किस देश के बीच एक सैन्य नियंत्रण रेखा है?
a) चीन
b) अफगानिस्तान
c) पाकिस्तान
d) म्यांमार
उत्तर: c) पाकिस्तान
व्याख्या: नियंत्रण रेखा (LoC) वह सीमा है जो भारत और पाकिस्तान को अलग करती है, जो 1971 के शिमला समझौते के बाद स्थापित हुई थी।

4. पुंछ सेक्टर किस प्रकार की भौगोलिक विशेषता के लिए जाना जाता है?
a) विशाल रेगिस्तान
b) घने जंगल और पहाड़ी इलाके
c) विस्तृत दलदल
d) बर्फीले पठार
उत्तर: b) घने जंगल और पहाड़ी इलाके
व्याख्या: पुंछ जिला अपने घने जंगलों, पहाड़ी ढलानों और गहरी घाटियों के लिए जाना जाता है, जो घुसपैठ के लिए अनुकूल हो सकते हैं।

5. सीमा पार से आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए अक्सर किन आतंकवादी समूहों का नाम लिया जाता है जो भारतीय क्षेत्र में सक्रिय हैं?
a) अल-कायदा और ISIS
b) लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM)
c) बोको हराम और अल-शबाब
d) हक्कानी नेटवर्क और तालिबान
उत्तर: b) लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM)
व्याख्या: ये दोनों समूह पाकिस्तान स्थित हैं और अक्सर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा इनके सदस्यों को पकड़ा या मारा गया है, जिनका आरोप है कि वे भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

6. भारतीय सेना द्वारा सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने में किस तकनीक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है?
a) केवल पारंपरिक गश्त
b) उन्नत निगरानी उपकरण (जैसे ड्रोन, सेंसर)
c) केवल स्थानीय मुखबिरों पर निर्भरता
d) केवल भारी तोपखाने का उपयोग
उत्तर: b) उन्नत निगरानी उपकरण (जैसे ड्रोन, सेंसर)
व्याख्या: आधुनिक तकनीकें, जैसे ड्रोन और सेंसर, सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर निगरानी और घुसपैठ को रोकने में मदद करती हैं।

7. ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a) स्थानीय आबादी की सहायता करना
b) घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करना और आतंकवादियों को मार गिराना
c) सीमा पर बाड़ लगाना
d) सैन्य अभ्यास आयोजित करना
उत्तर: b) घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करना और आतंकवादियों को मार गिराना
व्याख्या: ऑपरेशन का प्राथमिक लक्ष्य घुसपैठ के प्रयास को विफल करना और घुसपैठियों को निष्क्रिय करना था।

8. कौन सा अंतर्राष्ट्रीय समझौता नियंत्रण रेखा (LoC) के निर्माण से संबंधित है?
a) यूएन चार्टर
b) वर्साय की संधि
c) शिमला समझौता
d) ताशकंद समझौता
उत्तर: c) शिमला समझौता
व्याख्या: 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, शिमला समझौते (1972) में नियंत्रण रेखा (LoC) को परिभाषित किया गया था।

9. पुंछ सेक्टर में सेना के सामने मुख्य चुनौतियों में से एक क्या हो सकती है?
a) अत्यधिक शुष्क जलवायु
b) घने शहरी क्षेत्र
c) दुर्गम स्थलाकृति और खराब मौसम
d) शांत सीमावर्ती वातावरण
उत्तर: c) दुर्गम स्थलाकृति और खराब मौसम
व्याख्या: पहाड़ी इलाके और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति, सैन्य अभियानों के लिए चुनौती पेश कर सकती है।

10. सीमा पार से आतंकवाद के संदर्भ में, भारत किस देश पर अक्सर आरोप लगाता है?
a) बांग्लादेश
b) नेपाल
c) पाकिस्तान
d) श्रीलंका
उत्तर: c) पाकिस्तान
व्याख्या: भारत लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान अपनी धरती से भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ जैसे सफल सैन्य अभियानों का विश्लेषण करें और बताएं कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में कैसे योगदान करते हैं। इस संदर्भ में, सीमा पार से आतंकवाद को रोकने में भारतीय सेना द्वारा सामना की जाने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा करें।
2. नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थित पुंछ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सीमा सुरक्षा बनाए रखने में भारतीय सेना की भूमिका का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। घुसपैठ को रोकने के लिए उन्नत तकनीकों और खुफिया जानकारी के महत्व पर प्रकाश डालें।
3. भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीमा पार से आतंकवाद एक निरंतर चुनौती बनी हुई है। ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ के घटनाक्रम के आलोक में, इस समस्या से निपटने के लिए भारत द्वारा अपनाए जा रहे विभिन्न रणनीतियों (सैन्य, कूटनीतिक और आंतरिक) की जांच करें।
4. ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ में बरामद किए गए हथियारों और गोला-बारूद का विश्लेषण करें। यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए क्या संकेत देता है और आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आपूर्ति श्रृंखलाओं से निपटने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?

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