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विनाशकारी सुनामी: रूस के कामचटका तट पर 8.8 तीव्रता के भूकंप का भयानक मंजर

विनाशकारी सुनामी: रूस के कामचटका तट पर 8.8 तीव्रता के भूकंप का भयानक मंजर

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र, कामचटका प्रायद्वीप के तट पर एक शक्तिशाली भूकंप के बाद आई सुनामी की पहली झलकियाँ सामने आई हैं। 8.8 की तीव्रता वाले इस भूकंप ने न केवल इस ज्वालामुखी-प्रवण क्षेत्र को हिलाकर रख दिया, बल्कि इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई सुनामी की लहरों ने तटीय इलाकों में विनाश का मंजर पेश किया। यह घटना अंतरराष्ट्रीय भूवैज्ञानिक बिरादरी और आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों के लिए गहन अध्ययन का विषय बन गई है, खासकर प्रशांत महासागर की ‘रिंग ऑफ फायर’ में स्थित इस क्षेत्र की भूगर्भीय सक्रियता को देखते हुए।

कामचटका प्रायद्वीप, अपनी अनूठी भौगोलिक स्थिति और अत्यधिक भूकंपीय गतिविधि के कारण, हमेशा पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों का एक जीवंत उदाहरण रहा है। यह घटना एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं की भयावहता और इनसे निपटने की हमारी तैयारियों पर सोचने को मजबूर करती है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस सुनामी घटना का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, इसके भूवैज्ञानिक कारणों, सुनामी की गतिशीलता, कामचटका क्षेत्र के महत्व, और भारत जैसे देशों के लिए इससे जुड़े सबक पर प्रकाश डालेंगे।

कामचटका: प्रशांत की ‘रिंग ऑफ फायर’ का एक अहम हिस्सा

कामचटका प्रायद्वीप, रूस के सुदूर पूर्व में स्थित एक सुदूर और खूबसूरत लेकिन बेहद सक्रिय भूगर्भीय क्षेत्र है। यह पैसिफिक रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर एक घोड़े की नाल के आकार का क्षेत्र है जहाँ अधिकांश ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप आते हैं। इस क्षेत्र में पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की असाधारण गतिशीलता पाई जाती है।

“कामचटका का प्रायद्वीप पृथ्वी पर उन सबसे भूकंपीय और ज्वालामुखी सक्रिय स्थानों में से एक है। यह प्रशांत प्लेट के उत्तर अमेरिकी प्लेट के नीचे सबडक्शन (subduction) के कारण है, जो लगातार टेक्टोनिक तनाव पैदा करता है।”

कामचटका का भूवैज्ञानिक महत्व:

  • प्लेट टेक्टोनिक्स: कामचटका प्रशांत प्लेट और उत्तर अमेरिकी प्लेट (और कुछ हद तक ओखोटस्क प्लेट) के अभिसरण (convergence) पर स्थित है। प्रशांत प्लेट, जो पृथ्वी की सबसे बड़ी टेक्टोनिक प्लेटों में से एक है, उत्तर अमेरिकी प्लेट के नीचे खिसक रही है। यह प्रक्रिया, जिसे सबडक्शन कहा जाता है, भारी मात्रा में ऊर्जा जारी करती है, जो भूकंप का कारण बनती है।
  • ज्वालामुखी गतिविधि: सबडक्शन के कारण नीचे जाने वाली प्लेट में मौजूद पानी पिघलता है, जिससे मैग्मा बनता है। यह मैग्मा ऊपर उठकर ज्वालामुखी बनाता है। कामचटका 300 से अधिक ज्वालामुखियों का घर है, जिनमें से लगभग 30 सक्रिय हैं, जो इसे दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक बनाते हैं।
  • भूकंपीय हॉटस्पॉट: यह क्षेत्र विश्व के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है, जहाँ अक्सर तीव्र भूकंप आते हैं। 1952 में, कामचटका तट पर एक 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने एक विनाशकारी सुनामी को जन्म दिया था, जिसने हवाई द्वीप समूह को भी प्रभावित किया था।

8.8 तीव्रता का भूकंप: शक्ति का विस्फोट

भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर मापी जाती है, जो भूकंप से निकलने वाली ऊर्जा की मात्रा का एक मापक है। 8.8 की तीव्रता वाले भूकंप को ‘अति भीषण’ (Great) श्रेणी में रखा जाता है।

8.8 तीव्रता के भूकंप का मतलब:

  • ऊर्जा की रिहाई: 8.8 तीव्रता का भूकंप 7.0 तीव्रता के भूकंप की तुलना में लगभग 32 गुना अधिक ऊर्जा जारी करता है, और 8.0 तीव्रता के भूकंप की तुलना में लगभग 5 गुना अधिक।
  • विनाशकारी प्रभाव: ऐसे भूकंप अपने उपरिकेंद्र (epicenter) के आस-पास के क्षेत्रों में व्यापक विनाश का कारण बनते हैं। इमारतों का ढहना, सड़कों और पुलों का टूटना, भूस्खलन और जमीन का धंसना आम है।
  • सुनामी की उत्पत्ति: जब ऐसे शक्तिशाली भूकंप समुद्र तल पर आते हैं, खासकर यदि वे अचानक और बड़े पैमाने पर लंबवत गति (vertical displacement) का कारण बनते हैं, तो वे पानी के बड़े स्तंभ को विस्थापित कर देते हैं। यह विस्थापन सुनामी लहरों को जन्म देता है।

कामचटका तट पर आने वाले 8.8 तीव्रता के भूकंप ने समुद्री तल में महत्वपूर्ण हलचल पैदा की, जिसने सुनामी की शुरुआत को गति दी।

सुनामी: समुद्र की विनाशकारी लहरें

सुनामी, जिसे अक्सर ‘लहरों की भीड़’ (wave train) के रूप में वर्णित किया जाता है, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन या पनडुब्बी विस्फोटों के कारण समुद्र में उत्पन्न होने वाली विशाल तरंगों की एक श्रृंखला है।

सुनामी कैसे उत्पन्न होती है?

  1. जल विस्थापन: जैसा कि उल्लेख किया गया है, समुद्र तल पर एक शक्तिशाली भूकंप (विशेष रूप से यदि यह लंबवत गति पैदा करता है) अचानक पानी के एक बड़े आयतन को ऊपर या नीचे धकेल देता है।
  2. प्रसार: यह प्रारंभिक विस्थापन एक गोलाकार पैटर्न में ऊर्जा को बाहर की ओर प्रसारित करता है, जिससे लंबी-तरंग दैर्ध्य (long wavelength) और अपेक्षाकृत कम आयाम (amplitude) वाली लहरें बनती हैं।
  3. महासागरीय प्रसार: गहरे समुद्र में, सुनामी लहरें अविश्वसनीय गति से यात्रा करती हैं (कभी-कभी जेट विमानों की गति से भी तेज, लगभग 800 किमी/घंटा) लेकिन इनका आयाम (ऊंचाई) केवल कुछ फीट होता है, जिससे ये जहाजों के लिए अगोचर होती हैं।
  4. तट पर प्रभाव: जब सुनामी लहरें उथले पानी में प्रवेश करती हैं, तो उनकी गति धीमी हो जाती है, लेकिन उनका आयाम तेजी से बढ़ता है। वे तट पर ‘दीवार’ की तरह या कई बार ऊंची ज्वार की तरह दिखाई देती हैं, जिससे अभूतपूर्व तबाही होती है।

कामचटका तट पर 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद, सुनामी लहरें उत्पन्न हुईं और प्रशांत महासागर में फैल गईं। पहली झलकियाँ उन लहरों के विनाशकारी बल को दर्शाती हैं जब उन्होंने तटरेखा को मारा।

“सुनामी केवल एक लहर नहीं है; यह पानी की एक पूरी दीवार हो सकती है जो किनारों को पार करके सैकड़ों मीटर अंदर तक सब कुछ नष्ट कर देती है। इसकी विनाशकारी शक्ति ऊर्जा के विशाल भंडार से आती है जो भूकंप द्वारा छोड़ी जाती है।”

कामचटका सुनामी का प्रभाव और पहली झलकियाँ

भूकंप के बाद जारी की गई पहली तस्वीरों और वीडियो ने कामचटका तट पर सुनामी के प्रभाव को स्पष्ट रूप से दिखाया।

  • तटीय क्षरण: लहरों ने तटरेखा को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया, संभवतः इमारतों, बंदरगाहों और अन्य बुनियादी ढाँचे को बहा ले गई।
  • पानी का अंतर्देशीय प्रवेश: सुनामी का पानी अक्सर तटीय इलाकों में काफी अंदर तक घुस जाता है, जिससे व्यापक बाढ़ और क्षति होती है।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: सुनामी अपने साथ कीचड़, मलबा और कभी-कभी खतरनाक सामग्री ला सकती है, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को दीर्घकालिक नुकसान होता है।
  • जहाजों पर प्रभाव: बंदरगाहों और नौकाओं को भी सुनामी से गंभीर नुकसान हो सकता है।

इन पहली झलकियाँ हमें प्राकृतिक शक्तियों के सामने मानव निर्मित संरचनाओं की नाजुकता की याद दिलाती हैं।

सुनामी की चेतावनी और तैयारी: एक महत्वपूर्ण पहलू

प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए प्रभावी चेतावनी प्रणाली और तैयारी उपाय महत्वपूर्ण हैं।

प्रशांत सुनामी चेतावनी प्रणाली (Pacific Tsunami Warning System – PTWS):

  • यह प्रणाली भूकंपीय डेटा और समुद्र-आधारित सेंसर (जैसे समुद्री तल दाब रिकॉर्डर) का उपयोग करके सुनामी उत्पन्न होने की संभावना का पता लगाती है।
  • जब किसी ऐसे भूकंप का पता चलता है जो सुनामी उत्पन्न कर सकता है, तो चेतावनी जारी की जाती है।
  • कामचटका जैसे उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों में, तटीय समुदायों के लिए त्वरित निकासी योजनाएं और प्रशिक्षण आवश्यक हैं।

भारत के लिए प्रासंगिकता:

भारत, जिसकी लंबी तटरेखा है, हिंद महासागर में भूकंपीय गतिविधि के प्रति संवेदनशील है। 2004 की हिंद महासागर सुनामी एक भयानक याद दिलाती है।

  • राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र (National Tsunami Warning Centre – NTWC), भारत: यह केंद्र भूकंपों की निगरानी करता है और सुनामी की चेतावनी जारी करता है।
  • समुदाय-आधारित तैयारी: तटीय समुदायों को जागरूक करना, निकासी मार्गों को चिह्नित करना, और नियमित मॉक ड्रिल आयोजित करना जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • बुनियादी ढाँचा: तटीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण इस तरह से किया जाना चाहिए कि वह ऐसी आपदाओं का सामना कर सके।

भूवैज्ञानिक दृष्टिकोण: कामचटका क्षेत्र का आगे का अध्ययन

यह हालिया घटना कामचटका क्षेत्र के भूवैज्ञानिक व्यवहार को समझने के लिए और अधिक अवसर प्रदान करती है।

  • सिस्मिक मॉनिटरिंग: क्षेत्र में सिस्मिक स्टेशनों के नेटवर्क को मजबूत करना, ताकि भूकंप के शुरुआती संकेतों का बेहतर पता लगाया जा सके।
  • डीप-सी सेंसर: समुद्र तल पर अधिक सेंसर लगाने से सुनामी की उत्पत्ति और प्रसार की निगरानी में मदद मिलेगी।
  • सबडक्शन ज़ोन का मॉडलिंग: प्रशांत प्लेट और अन्य प्लेटों के बीच इंटरैक्शन का विस्तृत मॉडलिंग, भविष्य के भूकंपों और सुनामी के जोखिमों का अनुमान लगाने में सहायक हो सकता है।
  • ज्वालामुखी-सुनामी लिंक: यह जांचना कि क्या इस भूकंप का संबंध क्षेत्र में किसी आगामी ज्वालामुखी गतिविधि से है।

निष्कर्ष: प्रकृति की शक्ति और मानव की प्रतिक्रिया

रूस के कामचटका तट पर 8.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आई सुनामी की यह घटना हमें याद दिलाती है कि हम एक गतिशील ग्रह पर रहते हैं। प्रकृति की शक्तियाँ विशाल और अप्रत्याशित हो सकती हैं, लेकिन उन्नत चेतावनी प्रणालियाँ, मजबूत तैयारी और निरंतर वैज्ञानिक अनुसंधान हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित कर सकते हैं। कामचटका की यह घटना न केवल एक भौगोलिक घटना है, बल्कि यह आपदा प्रबंधन, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और पृथ्वी की सतह के नीचे छिपी असीम ऊर्जा को समझने की हमारी निरंतर खोज का एक महत्वपूर्ण अध्ययन भी है।

यह घटना भारत जैसे तटीय देशों के लिए एक वेक-अप कॉल के रूप में काम करती है, ताकि वे अपनी तैयारी को मजबूत करें और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों को कम करने के लिए ठोस कदम उठाएं।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. कथन 1: प्रशांत रिंग ऑफ फायर दुनिया के सबसे अधिक भूकंपीय और ज्वालामुखी सक्रिय क्षेत्रों में से एक है।
कथन 2: कामचटका प्रायद्वीप प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है।
कथन 3: रिंग ऑफ फायर में भूकंपीय और ज्वालामुखी गतिविधि का मुख्य कारण प्लेट टेक्टोनिक्स का अभाव है।
सही विकल्प चुनें:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (a)
व्याख्या: कथन 1 और 2 सही हैं। रिंग ऑफ फायर प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण ही सक्रिय है, कथन 3 गलत है।

2. भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए किस पैमाने का उपयोग किया जाता है?
(a) मरकली पैमाना
(b) रिक्टर पैमाना
(c) सफीर-सिम्पसन पैमाना
(d) डेसिबल पैमाना
उत्तर: (b)
व्याख्या: रिक्टर पैमाना भूकंप की तीव्रता (ऊर्जा की मात्रा) को मापता है। मरकली पैमाना क्षति की तीव्रता को मापता है, सफीर-सिम्पसन तूफान की तीव्रता को, और डेसिबल ध्वनि के स्तर को।

3. सुनामी के निर्माण का सबसे सामान्य कारण क्या है?
(a) तीव्र हवाएँ
(b) वायुमंडलीय दबाव में अचानक परिवर्तन
(c) समुद्र तल पर भूकंप
(d) उल्कापिंड का समुद्र में गिरना
उत्तर: (c)
व्याख्या: समुद्र तल पर आने वाले शक्तिशाली भूकंप, विशेष रूप से वे जो लंबवत गति पैदा करते हैं, सुनामी का सबसे आम कारण हैं।

4. निम्नलिखित में से कौन सी टेक्टोनिक प्लेट कामचटका प्रायद्वीप के पास महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है?
(a) अफ्रीकी प्लेट
(b) पैसिफिक प्लेट
(c) भारतीय प्लेट
(d) अंटार्कटिक प्लेट
उत्तर: (b)
व्याख्या: कामचटका प्रायद्वीप पैसिफिक प्लेट और उत्तर अमेरिकी प्लेट के अभिसरण (subduction) पर स्थित है।

5. गहरे समुद्र में सुनामी लहरों की गति लगभग कितनी हो सकती है?
(a) 50-100 किमी/घंटा
(b) 100-200 किमी/घंटा
(c) 500-800 किमी/घंटा
(d) 1000-1200 किमी/घंटा
उत्तर: (c)
व्याख्या: गहरे समुद्र में सुनामी लहरें बहुत तेज (लगभग 800 किमी/घंटा तक) यात्रा कर सकती हैं।

6. भारत में सुनामी चेतावनी जारी करने के लिए कौन सी संस्था जिम्मेदार है?
(a) भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
(b) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
(c) राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र (NTWC)
(d) भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI)
उत्तर: (c)
व्याख्या: राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र (NTWC) भारत में सुनामी चेतावनी जारी करता है।

7. ‘सबडक्शन’ (Subduction) की प्रक्रिया का क्या अर्थ है?
(a) दो टेक्टोनिक प्लेटों का एक-दूसरे से दूर जाना
(b) दो टेक्टोनिक प्लेटों का एक-दूसरे के समानांतर खिसकना
(c) एक टेक्टोनिक प्लेट का दूसरी टेक्टोनिक प्लेट के नीचे खिसकना
(d) पृथ्वी की सतह पर चट्टानों का क्षरण
उत्तर: (c)
व्याख्या: सबडक्शन वह प्रक्रिया है जहाँ एक टेक्टोनिक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे पृथ्वी के मेंटल में खिसक जाती है।

8. 8.8 तीव्रता के भूकंप से निकलने वाली ऊर्जा, 7.0 तीव्रता के भूकंप की तुलना में लगभग कितनी अधिक होती है?
(a) 5 गुना
(b) 10 गुना
(c) 16 गुना
(d) 32 गुना
उत्तर: (d)
व्याख्या: रिक्टर पैमाने पर प्रत्येक इकाई वृद्धि ऊर्जा में लगभग 31.6 गुना वृद्धि दर्शाती है। इसलिए, 8.8 की तीव्रता 7.0 से 1.8 इकाई अधिक है, जो लगभग (31.6)^1.8 ≈ 32 गुना है।

9. कामचटका क्षेत्र में सक्रिय ज्वालामुखियों की अनुमानित संख्या कितनी है?
(a) 50 से कम
(b) लगभग 100
(c) लगभग 300
(d) 500 से अधिक
उत्तर: (c)
व्याख्या: कामचटका प्रायद्वीप लगभग 300 ज्वालामुखियों का घर है, जिनमें से लगभग 30 सक्रिय हैं।

10. सुनामी का प्रभाव उथले पानी में प्रवेश करने पर क्या होता है?
(a) गति बढ़ती है, आयाम घटता है
(b) गति घटती है, आयाम बढ़ता है
(c) गति और आयाम दोनों बढ़ते हैं
(d) गति और आयाम दोनों घटते हैं
उत्तर: (b)
व्याख्या: उथले पानी में सुनामी की गति कम हो जाती है, लेकिन ऊर्जा वही रहने के कारण उसका आयाम (ऊंचाई) काफी बढ़ जाता है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. प्रश्न: ‘प्रशांत रिंग ऑफ फायर’ क्या है? कामचटका प्रायद्वीप की भूवैज्ञानिक स्थिति के संदर्भ में इसकी विशेषताओं और भूकंप व ज्वालामुखी गतिविधि से इसके संबंध का विस्तार से वर्णन करें। (250 शब्द, 15 अंक)
2. प्रश्न: सुनामी कैसे उत्पन्न होती है? 8.8 तीव्रता के भूकंप जैसी महत्वपूर्ण घटना के कारण उत्पन्न होने वाली सुनामी के निर्माण, प्रसार और तटीय क्षेत्रों पर इसके विनाशकारी प्रभाव के वैज्ञानिक पहलुओं का विश्लेषण करें। (250 शब्द, 15 अंक)
3. प्रश्न: प्राकृतिक आपदाओं, विशेष रूप से सुनामी, के प्रभाव को कम करने में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और सामुदायिक तैयारी की भूमिका पर एक विश्लेषणात्मक निबंध लिखें। भारत के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डालें। (150 शब्द, 10 अंक)
4. प्रश्न: कामचटका क्षेत्र में हाल ही में हुई सुनामी घटना के प्रकाश में, वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से भारत जैसे तटीय देशों के लिए, भूकंपीय जोखिम प्रबंधन और तटीय क्षेत्रों के सतत विकास के लिए क्या रणनीतिक कदम उठाए जाने चाहिए? (250 शब्द, 15 अंक)

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