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लोकतंत्र की गहराई: संविधान की समझ को निखारें!

लोकतंत्र की गहराई: संविधान की समझ को निखारें!

आइए, भारतीय लोकतंत्र के मज़बूत स्तंभों और संवैधानिक ढांचे की अपनी समझ को परखने का समय आ गया है! आज का यह अभ्यास सत्र आपको भारतीय राजव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से विचार करने और अपनी वैचारिक स्पष्टता को और पैना बनाने का अवसर देगा। तैयार हो जाइए, क्योंकि यह क्विज़ आपकी तैयारी को नई दिशा देगा!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सी याचिका व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जारी की जाती है? (Which of the following writs is issued for the protection of personal liberty?)

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. प्रतिषेध (Prohibition)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’, एक ऐसी याचिका है जो किसी भी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए जारी की जाती है, जिसने किसी व्यक्ति को हिरासत में लिया हो। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण याचिका है। यह अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत नागरिकों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति की अवैध गिरफ्तारी या अनुचित हिरासत को चुनौती देना है। यह केवल सरकारी प्राधिकारियों के विरुद्ध ही नहीं, बल्कि निजी व्यक्तियों के विरुद्ध भी जारी की जा सकती है, यदि वे किसी व्यक्ति को अवैध रूप से रोक रहे हों।
  • गलत विकल्प: ‘परमादेश’ किसी लोक प्राधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश देता है, ‘प्रतिषेध’ किसी अधीनस्थ न्यायालय को कार्यवाही रोकने का आदेश देता है, और ‘उत्प्रेषण’ किसी निर्णय को रद्द करने के लिए जारी की जाती है। ये स्वतंत्रता की प्रत्यक्ष रक्षा नहीं करतीं।

प्रश्न 2: संसद के किसी भी सदन का सदस्य होने के लिए, व्यक्ति की न्यूनतम आयु क्या होनी चाहिए? (What is the minimum age for a person to be a member of either House of Parliament?)

  1. 21 वर्ष
  2. 25 वर्ष
  3. 30 वर्ष
  4. 35 वर्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष है। यह प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84(क) में उल्लिखित है, जो संसद की सदस्यता के लिए योग्यताएं निर्धारित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोकसभा के सदस्य के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष है, जबकि राज्यसभा के सदस्य के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष है। प्रश्न में “संसद के किसी भी सदन” पूछा गया है, इसलिए दोनों के लिए न्यूनतम आवश्यकता 25 वर्ष है, जो लोकसभा के लिए लागू होती है।
  • गलत विकल्प: 21 वर्ष पंचायत या नगरपालिका का सदस्य बनने के लिए है। 30 वर्ष राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए है, लेकिन केवल एक सदन के लिए। 35 वर्ष राष्ट्रपति या राज्यपाल बनने के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द क्या इंगित करता है? (What does the term ‘Republic’ in the Preamble of the Indian Constitution indicate?)

  1. भारत एक वंशानुगत शासक द्वारा शासित होगा।
  2. भारत का राष्ट्राध्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से या प्रत्यक्ष रूप से चुना जाएगा।
  3. भारत में कानून का शासन होगा।
  4. भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होगा।

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (अर्थात राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं होगा, बल्कि जनता द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाएगा। यह भारत को राजशाही से अलग करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जैसा कि अनुच्छेद 54 में बताया गया है। यह गणराज्य की अवधारणा को पूरी तरह से दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: (a) गणराज्य का अर्थ ठीक उल्टा है – वंशानुगत शासक नहीं होगा। (c) कानून का शासन ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) से संबंधित है, जो प्रस्तावना में निहित है लेकिन ‘गणराज्य’ का विशिष्ट अर्थ नहीं है। (d) धर्मनिरपेक्षता एक अलग तत्व है, जो प्रस्तावना में भी वर्णित है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति राष्ट्रपति की ‘जेबी वीटो’ (Pocket Veto) शक्ति के अंतर्गत आती है? (Which of the following powers falls under the ‘Pocket Veto’ power of the President?)

  1. राष्ट्रपति विधेयक को बिना स्वीकृति दिए, अपने पास अनिश्चित काल के लिए रख सकता है।
  2. राष्ट्रपति किसी भी विधेयक को तत्काल लौटा सकता है।
  3. राष्ट्रपति विधेयक को राष्ट्रीय हित में पुनर्विचार के लिए लौटा सकता है।
  4. राष्ट्रपति धन विधेयकों को छोड़कर किसी भी विधेयक पर अपनी स्वीकृति रोक सकता है।

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘जेबी वीटो’ (Pocket Veto) की शक्ति राष्ट्रपति को अनुच्छेद 111 के तहत प्राप्त है। इस शक्ति के तहत, राष्ट्रपति किसी भी विधेयक (जो धन विधेयक न हो) पर तब तक कोई कार्रवाई नहीं करता, जब तक कि वह अनिश्चित काल के लिए उसे अपने पास लंबित रख सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह वीटो तब प्रभावी होता है जब राष्ट्रपति विधेयक पर अपनी स्वीकृति या अस्वीकृति की कोई अभिव्यक्ति नहीं करता। ऐसी स्थिति में, यदि संसद का सत्र जारी रहता है, तो विधेयक लंबित रहता है; यदि सत्र समाप्त हो जाता है, तो विधेयक लैप्स हो जाता है। राष्ट्रपति किसी विधेयक को अनिश्चित काल तक रोक सकता है, जब तक कि उसे संसद द्वारा फिर से पारित न किया जाए।
  • गलत विकल्प: (b) और (c) निलंबनकारी वीटो (Suspensive Veto) से संबंधित हैं, जहाँ राष्ट्रपति विधेयक को पुनर्विचार के लिए लौटाता है। (d) धन विधेयकों पर राष्ट्रपति अपनी स्वीकृति रोक नहीं सकता, उसे या तो स्वीकृति देनी होती है या वापस करना होता है, लेकिन वह अनिश्चित काल तक रोक नहीं सकता।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान के किस संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया? (Which amendment to the Indian Constitution granted constitutional status to Panchayati Raj Institutions?)

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा और एक नया अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल किया, जिसने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने पंचायती राज को स्व-शासन की एक संस्था के रूप में स्थापित किया, जिसमें ग्राम स्तर, मध्यवर्ती स्तर और जिला स्तर पर पंचायतों का प्रावधान है। इसने इन संस्थाओं के लिए नियमित चुनाव, आरक्षण, वित्त पोषण और अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों को अनिवार्य बनाया।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) से संबंधित है। 64वां और 65वां संशोधन अधिनियम पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने के प्रयास थे, लेकिन वे संसद में पारित नहीं हो सके थे।

प्रश्न 6: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है? (Who appoints the Chairman and members of the Union Public Service Commission (UPSC)?)

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा के अध्यक्ष
  4. केंद्रीय गृह मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 316(1) में स्पष्ट रूप से वर्णित है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति करता है, बशर्ते कि आयोग के आधे सदस्य ऐसे हों जिन्होंने कम से कम दस वर्ष भारत सरकार के अधीन किसी पद पर कार्य किया हो। उनके कार्यकाल और सेवा शर्तों का निर्धारण भी राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या केंद्रीय गृह मंत्री के पास यह नियुक्ति शक्ति नहीं होती है। UPSC एक संवैधानिक निकाय है जिसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति करते हैं।

प्रश्न 7: किस अनुच्छेद के तहत संसद को नागरिकता के संबंध में कानून बनाने की शक्ति दी गई है? (Under which article does Parliament have the power to make laws in relation to citizenship?)

  1. अनुच्छेद 10
  2. अनुच्छेद 11
  3. अनुच्छेद 12
  4. अनुच्छेद 13

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 स्पष्ट रूप से संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह नागरिकता के अर्जन और समाप्ति तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के बारे में कानून बना सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसी अधिकार का प्रयोग करते हुए संसद ने ‘नागरिकता अधिनियम, 1955’ पारित किया, जो भारत में नागरिकता प्राप्त करने और खोने के विभिन्न तरीकों को परिभाषित करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों को बनाए रखने की बात करता है, जब तक कि कानून द्वारा अन्यथा न किया जाए। अनुच्छेद 12 राज्य की परिभाषा देता है, और अनुच्छेद 13 विधि की परिभाषा और शून्यकरण की बात करता है।

प्रश्न 8: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता है? (According to the Indian Constitution, who among the following does not participate in the election of the President of India?)

  1. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
  2. राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  3. राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य
  4. राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने वाले निर्वाचक मंडल का उल्लेख अनुच्छेद 54 में किया गया है। इसके अनुसार, निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य (MLCs) राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं, क्योंकि वे अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं और उनकी प्रकृति भिन्न होती है। साथ ही, दिल्ली और पुडुचेरी (और अब जम्मू और कश्मीर) के संघ राज्य क्षेत्रों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य भी इस निर्वाचक मंडल का हिस्सा होते हैं, जैसा कि 70वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) में उल्लिखित सभी सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा नहीं है? (Which of the following is NOT a part of the Preamble to the Indian Constitution?)

  1. संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न (Sovereign)
  2. समाजवादी (Socialist)
  3. धर्मनिरपेक्ष (Secular)
  4. आर्थिक समानता (Economic Equality)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘न्याय’ (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक), ‘स्वतंत्रता’ (विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की), ‘समता’ (प्रतिष्ठा और अवसर की) और ‘बंधुत्व’ का उल्लेख है। ‘आर्थिक समानता’ सीधे तौर पर एक प्रमुख उद्देश्य के रूप में नहीं लिखा गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि प्रस्तावना ‘आर्थिक न्याय’ का लक्ष्य रखती है, जो आर्थिक समानता से जुड़ा है, लेकिन ‘आर्थिक समानता’ शब्द का प्रयोग स्वयं प्रस्तावना में नहीं किया गया है। समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, अखंडता शब्द 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे।
  • गलत विकल्प: (a) संप्रभु, (b) समाजवादी, और (c) धर्मनिरपेक्ष, ये सभी प्रस्तावना के अभिन्न अंग हैं (42वें संशोधन द्वारा जोड़े गए)।

प्रश्न 10: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायतें, नगरपालिकाओं और सहकारी समितियों से संबंधित है? (Which Part of the Indian Constitution deals with Panchayats, Municipalities, and Cooperative Societies?)

  1. भाग IX
  2. भाग IX-A
  3. भाग IX-B
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान में स्थानीय स्व-शासन से संबंधित तीन मुख्य भाग हैं: भाग IX पंचायतों से संबंधित है (अनुच्छेद 243 से 243-O), भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है (अनुच्छेद 243-P से 243-ZG), और भाग IX-B सहकारी समितियों से संबंधित है (अनुच्छेद 243-ZH से 243-ZT)।
  • संदर्भ और विस्तार: ये संशोधन स्थानीय स्व-शासन को मजबूत करने और उन्हें संवैधानिक दर्जा देने के उद्देश्य से किए गए थे। 73वां संशोधन (भाग IX), 74वां संशोधन (भाग IX-A) और 97वां संशोधन (भाग IX-B) क्रमशः इन संस्थाओं को लाए।
  • गलत विकल्प: प्रत्येक भाग विशिष्ट प्रकार की स्थानीय संस्था से संबंधित है, इसलिए केवल एक भाग को चुनना गलत होगा।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा मूल अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं? (Which of the following Fundamental Rights is available only to Indian citizens and not to foreigners?)

  1. विधि के समक्ष समानता (Equality before law)
  2. प्राण और दैहिक स्वतंत्रता की सुरक्षा (Protection of life and personal liberty)
  3. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (Prohibition of discrimination on grounds of religion, race, caste, sex or place of birth)
  4. वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of speech and expression)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मूल अधिकार अनुच्छेद 12 से 35 तक हैं। अनुच्छेद 19 (वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: विदेशियों को भी अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण), अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता की सुरक्षा), अनुच्छेद 22 (गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण), अनुच्छेद 23 (मानव तस्करी और बल श्रम का प्रतिषेध), अनुच्छेद 24 (कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध), अनुच्छेद 25-28 (धर्म की स्वतंत्रता), और अनुच्छेद 29-30 (अल्पसंख्यकों के अधिकार) प्राप्त हैं।
  • गलत विकल्प: (a) अनुच्छेद 14 सभी को प्राप्त है। (b) अनुच्छेद 21 सभी को प्राप्त है। (c) अनुच्छेद 15 केवल नागरिकों को नहीं, बल्कि भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को प्राप्त है। (टिप्पणी: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, 30 केवल नागरिकों को प्राप्त हैं, जबकि प्रश्न में केवल 19 पूछा गया है, जो प्रत्यक्ष रूप से वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।)

प्रश्न 12: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council) का गठन किस वर्ष किया गया था? (In which year was the National Development Council constituted?)

  1. 1950
  2. 1951
  3. 1952
  4. 1956

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया था। यह एक कार्यकारी प्रस्ताव के माध्यम से गठित एक गैर-संवैधानिक निकाय है।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं के निर्माण और अनुमोदन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देती है। इसका अध्यक्ष प्रधान मंत्री होता है।
  • गलत विकल्प: 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ। 1951 में योजना आयोग का गठन हुआ। 1956 में दूसरा पंचवर्षीय योजना शुरू हुई।

प्रश्न 13: संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन भारत का ‘कार्यकारी राष्ट्राध्यक्ष’ (De jure Head of the State) होता है? (According to the Constitution, who is the ‘De jure Head of the State’ of India?)

  1. भारत के प्रधानमंत्री
  2. भारत के राष्ट्रपति
  3. लोकसभा के अध्यक्ष
  4. भारत के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुसार, भारत का राष्ट्रपति राज्य का कार्यकारी राष्ट्राध्यक्ष (De jure Head of the State) होता है, जैसा कि अनुच्छेद 53(1) में कहा गया है कि संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, वास्तव में, प्रधान मंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद वास्तविक कार्यकारी शक्तियाँ (De facto Executive) का प्रयोग करते हैं। राष्ट्रपति मुख्य रूप से एक औपचारिक (titular) प्रमुख होता है, जो सलाह पर कार्य करता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया (Head of Government) होता है, राज्य का नहीं। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रमुख होता है।

प्रश्न 14: भारत में ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द का क्या अर्थ है? (What does the term ‘Secular’ mean in the Indian context?)

  1. राज्य का कोई अपना धर्म नहीं होगा।
  2. राज्य सभी धर्मों को समान सम्मान देगा।
  3. राज्य किसी भी धर्म को बढ़ावा नहीं देगा।
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द (42वें संशोधन, 1976 द्वारा जोड़ा गया) का अर्थ बहुआयामी है। यह न केवल राज्य के किसी विशेष धर्म को न मानने (a), बल्कि सभी धर्मों के प्रति तटस्थ रहने और उन्हें समान रूप से सम्मान देने (b), और किसी भी धर्म को राजकीय संरक्षण न देने (c) को भी शामिल करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता से भिन्न है, जहाँ राज्य पूरी तरह से धर्म से अलग हो जाता है। भारतीय मॉडल में, राज्य सभी धर्मों को समान आदर देता है और जहाँ आवश्यक हो, उनके विकास में सहायता भी कर सकता है (जैसे अनुच्छेद 25-28 के तहत)।
  • गलत विकल्प: तीनों बिंदु भारतीय धर्मनिरपेक्षता के महत्वपूर्ण पहलू हैं।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है? (Which of the following statements is correct?)

  1. धन विधेयक को केवल राज्यसभा ही पेश कर सकती है।
  2. धन विधेयक को पेश करने से पहले राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है।
  3. धन विधेयक पर चर्चा के लिए दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है।
  4. धन विधेयक पर राज्यसभा के पास लोकसभा के समान शक्तियां होती हैं।

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: धन विधेयक (Money Bill) के संबंध में, अनुच्छेद 110 इसे परिभाषित करता है। धन विधेयक को पेश करने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति आवश्यक होती है (अनुच्छेद 109(1))।
  • संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है (अनुच्छेद 109(1))। राज्यसभा के पास धन विधेयक के संबंध में सीमित शक्तियां हैं: वह विधेयक को 14 दिनों से अधिक समय तक रोक नहीं सकती, और न ही उसमें कोई संशोधन कर सकती है। 14 दिनों के बाद, विधेयक बिना राज्यसभा की स्वीकृति के ही पारित माना जाता है। संयुक्त बैठक का प्रावधान धन विधेयकों पर लागू नहीं होता।
  • गलत विकल्प: (a) धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश होता है। (c) संयुक्त बैठक का प्रावधान धन विधेयकों पर लागू नहीं होता। (d) राज्यसभा के पास लोकसभा के समान शक्तियां नहीं होतीं।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान की किस अनुसूची में संघ, राज्यों और समवर्ती सूची के विषयों का वितरण किया गया है? (In which schedule of the Indian Constitution is the distribution of subjects between the Union, States, and Concurrent lists given?)

  1. पाँचवीं अनुसूची
  2. छठी अनुसूची
  3. सातवीं अनुसूची
  4. आठवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है। यह तीन सूचियाँ प्रदान करती है: संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List), और समवर्ती सूची (Concurrent List)।
  • संदर्भ और विस्तार: संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं जिन पर केवल संसद कानून बना सकती है। राज्य सूची में प्रांतीय महत्व के विषय होते हैं जिन पर राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं (कुछ अपवादों के साथ)। समवर्ती सूची में ऐसे विषय होते हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन विवाद की स्थिति में केंद्रीय कानून मान्य होता है।
  • गलत विकल्प: पाँचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन से संबंधित है। छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है। आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है।

प्रश्न 17: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है? (What is the tenure of the Comptroller and Auditor General (CAG) of India?)

  1. 5 वर्ष
  2. 6 वर्ष
  3. 65 वर्ष की आयु तक
  4. 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, इनमें से जो भी पहले हो, निर्धारित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और भारत की संचित निधि, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकार के अन्य सभी निगमों के व्यय की लेखा परीक्षा करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का उपयोग कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से हो रहा है।
  • गलत विकल्प: 5 वर्ष राष्ट्रपति या अन्य संवैधानिक निकायों के सदस्यों का कार्यकाल होता है। 6 वर्ष केवल कार्यकाल की अवधि है, आयु सीमा नहीं।

प्रश्न 18: आपातकालीन उपबंध भारतीय संविधान के किस भाग में दिए गए हैं? (In which Part of the Indian Constitution are the Emergency Provisions given?)

  1. भाग XIV
  2. भाग XV
  3. भाग XVI
  4. भाग XVIII

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और भाग संदर्भ: आपातकालीन उपबंध (Emergency Provisions) भारतीय संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक दिए गए हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये उपबंध राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन) (अनुच्छेद 356), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) से संबंधित हैं। ये प्रावधान भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।
  • गलत विकल्प: भाग XIV सेवाओं से संबंधित है, भाग XV चुनाव से, और भाग XVI कुछ वर्गों से संबंधित विशेष प्रावधानों से।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार, डॉक्टर अंबेडकर द्वारा ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ (Heart and Soul of the Constitution) कहा गया है? (Which of the following rights has been called the ‘Heart and Soul of the Constitution’ by Dr. Ambedkar?)

  1. समता का अधिकार (Right to Equality)
  2. स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Liberty)
  3. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Right to life and personal liberty)
  4. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: डॉक्टर बी. आर. अंबेडकर ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार, जो कि अनुच्छेद 32 के तहत आता है, को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार नागरिकों को अपने मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) में जाने का अधिकार देता है। यदि किसी नागरिक के मूल अधिकारों का हनन होता है, तो वह इन अनुच्छेदों के तहत रिट (जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण, अधिकार-पृच्छा) जारी करवाने के लिए न्यायालय जा सकता है। इसके बिना, मूल अधिकार अर्थहीन हो जाएंगे।
  • गलत विकल्प: यद्यपि अन्य सभी अधिकार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, डॉक्टर अंबेडकर ने विशेष रूप से अनुच्छेद 32 को संविधान का हृदय और आत्मा कहा है।

प्रश्न 20: भारतीय संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम कितना अंतराल हो सकता है? (What is the maximum interval that can be between two sessions of the Indian Parliament?)

  1. 2 माह
  2. 3 माह
  3. 4 माह
  4. 6 माह

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 85(1) यह प्रावधान करता है कि राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर जो वह ठीक समझे, आहूत करेगा, किंतु उसके किसी सत्र के अंतिम बैठक और आगामी सत्र के प्रथम बैठक के बीच छह मास से अधिक का अंतर नहीं होगा।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका तात्पर्य है कि संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम अंतराल छह महीने का हो सकता है। आमतौर पर, बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र आयोजित किए जाते हैं, लेकिन यह आवश्यक है कि वर्ष में कम से कम दो सत्र आयोजित हों।
  • गलत विकल्प: 2, 3, या 4 महीने का अंतराल हो सकता है, लेकिन अधिकतम अनुमत अंतराल 6 महीने है।

प्रश्न 21: किसी राज्य का राज्यपाल अपने कार्यों के लिए किसके प्रति उत्तरदायी होता है? (To whom is the Governor of a state responsible for his actions?)

  1. राज्य के मुख्यमंत्री
  2. राज्य के विधानमंडल
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. उच्चतम न्यायालय

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार, राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, और अनुच्छेद 156(1) के अनुसार, राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है और अपने कार्य राज्य के विधानमंडल के प्रति जवाबदेह होते हैं, लेकिन उनकी नियुक्ति और पद की अवधि राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करती है। इसका अर्थ है कि राज्यपाल अपने कार्यों के लिए परोक्ष रूप से राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होता है, और राष्ट्रपति किसी भी समय राज्यपाल को पद से हटा सकते हैं।
  • गलत विकल्प: राज्यपाल मुख्यमंत्री या विधानमंडल के प्रति सीधे तौर पर उत्तरदायी नहीं होता है (हालाँकि उसे मुख्यमंत्री की सलाह पर कार्य करना होता है और विधानमंडल के प्रति कुछ उत्तरदायित्व होते हैं)। उच्चतम न्यायालय राज्यपाल को उनके कार्यों के लिए सीधे जवाबदेह नहीं ठहराता।

प्रश्न 22: किस मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार यह माना कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है? (In which case did the Supreme Court of India first hold that the Preamble is an integral part of the Constitution?)

  1. बेरुबारी यूनियन मामला (Berubari Union Case)
  2. केशवानंद भारती मामला (Kesavananda Bharati Case)
  3. गोलकनाथ मामला (Golkhanth Case)
  4. एस.आर. बोम्मई मामला (S.R. Bommai Case)

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और केस संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने पूर्व के निर्णय (बेरुबारी यूनियन मामले, 1960) को पलटते हुए यह माना कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस ऐतिहासिक फैसले ने ‘मूल ढांचा सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार संसद संविधान के किसी भी हिस्से, जिसमें प्रस्तावना भी शामिल है, में संशोधन कर सकती है, जब तक कि वह संविधान की मूल संरचना को नष्ट या विकृत न करे। बेरुबारी मामले में न्यायालय ने कहा था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है, बल्कि उसके अर्थ को समझने की कुंजी है।
  • गलत विकल्प: गोलकनाथ मामले (1967) में न्यायालय ने माना कि संसद मूल अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। एस.आर. बोम्मई मामले (1994) ने राष्ट्रपति शासन के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय दिए।

प्रश्न 23: मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) का उल्लेख संविधान के किस भाग में किया गया है? (In which Part of the Constitution are the Fundamental Duties mentioned?)

  1. भाग III-A
  2. भाग IV-A
  3. भाग V
  4. भाग IV

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और भाग/अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IV-A में, अनुच्छेद 51-A के तहत किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर संविधान में जोड़ा गया था। ये कर्तव्य नागरिकों के लिए हैं, जैसे संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना, राष्ट्र की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना, आदि।
  • गलत विकल्प: भाग III मूल अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी सूची पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं? (On which of the following lists can both Parliament and State Legislatures make laws?)

  1. संघ सूची
  2. राज्य सूची
  3. समवर्ती सूची
  4. अवशिष्ट सूची

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में तीन सूचियाँ हैं: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। समवर्ती सूची (Concurrent List) ऐसे विषयों को शामिल करती है जिन पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि दोनों कानून बना सकते हैं, यदि किसी विषय पर केंद्रीय और राज्य के कानूनों में टकराव होता है, तो संसद द्वारा पारित कानून मान्य होगा, बशर्ते कि राष्ट्रपति ने राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयक पर अपनी सहमति दी हो (अनुच्छेद 254)।
  • गलत विकल्प: संघ सूची पर केवल संसद कानून बनाती है। राज्य सूची पर मुख्य रूप से राज्य विधानमंडल कानून बनाते हैं। अवशिष्ट (Residuary) विषय, जो किसी भी सूची में शामिल नहीं हैं, उन पर कानून बनाने की शक्ति संसद के पास है (अनुच्छेद 248)।

प्रश्न 25: भारत में ‘आर्थिक नियोजन’ किस सूची का विषय है? (In India, ‘Economic Planning’ is a subject of which list?)

  1. संघ सूची
  2. राज्य सूची
  3. समवर्ती सूची
  4. अवशिष्ट सूची

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुसूची संदर्भ: ‘आर्थिक नियोजन’ (Economic Planning) भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची (Concurrent List) के अंतर्गत आता है।
  • संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची के विषय पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं। भारत में, पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से आर्थिक नियोजन की व्यवस्था को अपनाया गया था, जिसमें राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) और योजना आयोग (अब नीति आयोग) जैसे केंद्रीय निकायों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, लेकिन राज्यों को भी इसमें शामिल किया गया है। इसलिए, यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ दोनों स्तरों पर कानून या नीति निर्माण की आवश्यकता होती है।
  • गलत विकल्प: यह केवल संघ या राज्य का विषय नहीं है, बल्कि दोनों के संयुक्त प्रयासों और विधायी अधिकार क्षेत्र में आता है। अवशिष्ट सूची पर संसद का अधिकार है।

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