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कालचक्र की यात्रा: आज का इतिहास रण

कालचक्र की यात्रा: आज का इतिहास रण

तैयारी के इस रोमांचक सफर में आपका स्वागत है, जहाँ हम इतिहास के पन्नों को पलटते हुए ज्ञान की गहराइयों में उतरेंगे! आज का यह मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत की सभ्यताओं से लेकर आधुनिक विश्व के संघर्षों तक ले जाएगा। अपने ज्ञान की धार तेज करें और यह देखें कि आप इतिहास के इस विस्तृत महासागर में कितनी दूर तक तैर सकते हैं। चुनौती स्वीकार है!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सैन्धव सभ्यता के किस स्थल से ‘नर्तकी की कांस्य मूर्ति’ प्राप्त हुई है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) से ‘नर्तकी की कांस्य मूर्ति’ प्राप्त हुई है। यह मूर्ति लगभग 10.5 सेंटीमीटर लंबी है और उस समय की उन्नत धातु कर्म (धातु विज्ञान) तकनीक का अद्भुत उदाहरण है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह मूर्ति अपने गतिशील मुद्रा और शिल्प कौशल के लिए जानी जाती है, जो हड़प्पा सभ्यता की कलात्मक उपलब्धियों को दर्शाता है। मोहनजोदड़ो, हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र था, जो अपनी सुनियोजित नगर रचना, विशाल स्नानागार और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं के लिए भी प्रसिद्ध है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘पुरोहित राजा’ की मूर्ति और तांबे का दर्पण मिला था। लोथल से एक फारस की खाड़ी की मुहर और हाथी दांत की एक सील मिली थी। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले थे।

प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?

  1. घोड़ा
  2. बैल
  3. गाय
  4. हाथी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है। ‘अघन्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक समाज में गाय को अत्यधिक पवित्र और मूल्यवान माना जाता था। यह आर्थिक समृद्धि का प्रतीक थी और इसका व्यापार भी होता था। गायों के लिए युद्ध भी होते थे (जैसे ‘गविष्टि’), और इन्हें धन का एक प्रमुख स्रोत माना जाता था।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद में घोड़ा रथ खींचने के लिए महत्वपूर्ण था और उसकी पूजा भी होती थी। बैल कृषि और यातायात के लिए उपयोगी थे। हाथी का उल्लेख ऋग्वेद में नहीं है, यह बाद के काल में अधिक प्रमुख हुआ।

प्रश्न 3: मौर्य काल का प्रसिद्ध ‘सारनाथ स्तंभ’ किस शासक के संरक्षण में बनाया गया था?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. बिंदुसार
  3. अशोक
  4. बृहद्रथ

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सारनाथ स्तंभ, जो मौर्य काल की वास्तुकला और कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, सम्राट अशोक (शासनकाल 268-232 ईसा पूर्व) के संरक्षण में बनाया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह स्तंभ अशोक द्वारा बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए बनवाए गए कई स्तंभों में से एक है। सारनाथ वह स्थान है जहाँ गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। स्तंभ के शीर्ष पर स्थित सिंह चतुर्मुख (चार शेर) भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे, लेकिन स्तंभ कला का विकास अशोक के समय में हुआ। बिंदुसार अशोक के पिता थे। बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।

प्रश्न 4: ‘भारत का नेपोलियन’ किस गुप्त शासक को कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: इतिहासकार स्मिथ ने गुप्त शासक समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा है।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त (लगभग 335-375 ई.) एक महान योद्धा और कुशल शासक था, जिसने अपनी विजयों से गुप्त साम्राज्य का विस्तार किया। उसने उत्तर भारत के लगभग सभी राजाओं को पराजित किया और दक्षिण में भी एक सफल सैन्य अभियान चलाया। उसकी वीरता और सैन्य विजयों को इलाहाबाद प्रशस्ति (प्रयाग प्रशस्ति) में विस्तृत रूप से वर्णित किया गया है, जिसे उसके दरबारी कवि हरिषेण ने लिखा था।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त युग की शुरुआत की। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के समय में कला, साहित्य और विज्ञान का बहुत विकास हुआ। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।

प्रश्न 5: कन्नौज का युद्ध (Battle of Kannauj) 1540 ईस्वी में किसके बीच हुआ था?

  1. अकबर और हुमायूँ
  2. शेरशाह सूरी और हुमायूँ
  3. बाबर और इब्राहिम लोदी
  4. अकबर और हेमू

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1540 ईस्वी में कन्नौज (बिलग्राम) का युद्ध शेरशाह सूरी और हुमायूँ के बीच हुआ था, जिसमें शेरशाह सूरी विजयी हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में हुमायूँ को निर्णायक हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उसे भारत छोड़कर ईरान (फारस) में शरण लेनी पड़ी। इस हार के बाद शेरशाह सूरी ने ‘सूर साम्राज्य’ की स्थापना की और दिल्ली की गद्दी पर बैठा। यह युद्ध मुग़ल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
  • गलत विकल्प: अकबर और हुमायूँ के बीच कोई महत्वपूर्ण युद्ध नहीं हुआ। बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच 1526 में पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ था। अकबर और हेमू के बीच 1556 में पानीपत का द्वितीय युद्ध हुआ था।

प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: दिल्ली सल्तनत के शासक गयासुद्दीन बलबन (1266-1287 ई.) ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: बलबन एक शक्तिशाली शासक था जिसने सल्तनत की आंतरिक व्यवस्था को मजबूत किया। ‘दीवान-ए-आरिज’ का मुख्य कार्य सेना का गठन, प्रशिक्षण, वेतन निर्धारण और सुचारू संचालन सुनिश्चित करना था। इसने सेना को अधिक संगठित और प्रभावी बनाया।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीस सरदारों’ का एक गुट बनाया था। अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (राजस्व विभाग) और बाजार नियंत्रण की व्यवस्था लागू की थी। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी विभिन्न नीतियों के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक प्रसिद्ध तेलुगु ग्रंथ की रचना की थी?

  1. देवराय प्रथम
  2. कृष्णदेवराय
  3. अच्युतदेवराय
  4. सदाशिवराय

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासक कृष्णदेवराय (1509-1529 ई.) ने ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक एक उत्कृष्ट तेलुगु कृति की रचना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘अमुक्तमाल्यद’ भगवान विष्णु की अलवार संत आंडाल (गोदा देवी) के जीवन और भक्ति पर आधारित है। कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान और कवि थे और उन्हें ‘आंध्र भोज’ के नाम से भी जाना जाता था। उनके दरबार में तेनाली राम जैसे विद्वान थे।
  • गलत विकल्प: देवराय प्रथम और अच्युतदेवराय भी विजयनगर के शासक थे, लेकिन वे साहित्य रचना के लिए उतने प्रसिद्ध नहीं हैं जितने कृष्णदेवराय। सदाशिवराय के समय में तालीकोटा का युद्ध हुआ था।

प्रश्न 8: मुगल सम्राट अकबर ने ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत कब की थी?

  1. 1571 ईस्वी
  2. 1578 ईस्वी
  3. 1582 ईस्वी
  4. 1595 ईस्वी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक सूफीवाद से प्रभावित, सर्वधर्म समन्वयवादी धर्म या जीवनशैली थी, जिसे अकबर ने अपने सभी अनुयायियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक विश्वासों के बीच सामंजस्य स्थापित करना था। हालांकि, यह बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ और कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
  • गलत विकल्प: 1571 में इबादतखाना की स्थापना हुई। 1578 में इबादतखाने में सभी धर्मों के लोगों को आमंत्रित करना शुरू किया गया। 1595 में अकबरनामा का पहला खंड प्रकाशित हुआ।

प्रश्न 9: किस समाज सुधारक को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ कहा जाता है?

  1. स्वामी विवेकानंद
  2. ईश्वरचंद्र विद्यासागर
  3. राजा राम मोहन राय
  4. ज्योतिबा फुले

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: राजा राम मोहन राय (1772-1833) को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ और ‘आधुनिक भारत का जनक’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने 1828 में ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य एकेश्वरवाद का प्रचार करना और सामाजिक बुराइयों, जैसे सती प्रथा, बाल विवाह आदि का विरोध करना था। उन्होंने पश्चिमी शिक्षा और विचारों को भी अपनाया और भारतीय समाज में सुधार की वकालत की।
  • गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और भारतीय दर्शन को पश्चिमी देशों में पहुँचाया। ईश्वरचंद्र विद्यासागर विधवा पुनर्विवाह के प्रबल समर्थक थे। ज्योतिबा फुले ने दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया।

प्रश्न 10: ‘पुर्तगाली भारत का वास्तविक संस्थापक’ किसे माना जाता है?

  1. वास्को-डा-गामा
  2. फ्रांसिस्को-डी-अल्मेडा
  3. अल्फांसो-डी-अल्बुकर्क
  4. नीनो-डा-कुन्हा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: अल्फांसो-डी-अल्बुकर्क को ‘पुर्तगाली भारत का वास्तविक संस्थापक’ माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अल्बुकर्क 1509 से 1515 ईस्वी तक भारत में पुर्तगाली वायसराय रहा। उसने 1510 में बीजापुर के सुल्तान से गोवा जीता, जो पुर्तगालियों का मुख्य अड्डा बन गया। उसने पुर्तगाली नौसैनिक शक्ति को मजबूत किया, विवाह नीति को प्रोत्साहित किया और पुर्तगाली शक्ति की नींव रखी।
  • गलत विकल्प: वास्को-डा-गामा 1498 में भारत आया था, लेकिन उसकी भूमिका खोजकर्ता की थी। अल्मेडा पहला पुर्तगाली वायसराय था जिसने ‘ब्लू वॉटर पॉलिसी’ (शांत जल नीति) लागू की। नीनो-डा-कुन्हा ने राजधानी को कोचीन से गोवा स्थानांतरित किया।

प्रश्न 11: 1764 ईस्वी में हुए बक्सर के युद्ध में अंग्रेजों की ओर से नेतृत्व किसने किया था?

  1. रॉबर्ट क्लाइव
  2. हेक्टर मुनरो
  3. वॉरेन हेस्टिंग्स
  4. लॉर्ड डलहौजी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: बक्सर के युद्ध (1764) में अंग्रेजों की ओर से हेक्टर मुनरो ने नेतृत्व किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला, बंगाल के भगोड़े नवाब मीर कासिम और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना को हराया था। इस युद्ध के परिणामस्वरूप इलाहाबाद की संधि (1765) हुई, जिसने भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: रॉबर्ट क्लाइव ने प्लासी के युद्ध (1757) में नेतृत्व किया था। वॉरेन हेस्टिंग्स बक्सर के युद्ध के बाद बंगाल के गवर्नर बने। लॉर्ड डलहौजी 19वीं सदी के मध्य में गवर्नर-जनरल थे।

प्रश्न 12: 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा था?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. सर जॉन लॉरेंस
  3. लॉर्ड कैनिंग
  4. आर.सी. मजूमदार

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: कार्ल मार्क्स ने 1857 के विद्रोह को ‘प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: मार्क्स ने अपने लेखों में इस विद्रोह का विश्लेषण करते हुए इसे ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण जन-विद्रोह माना था, जिसमें भारतीय सैनिक और नागरिक शामिल थे।
  • गलत विकल्प: सर जॉन लॉरेंस और लॉर्ड कैनिंग ने इसे केवल एक सैनिक विद्रोह माना था। आर.सी. मजूमदार ने अपनी पुस्तक ‘The Sepoy Mutiny and the Revolt of 1857’ में तर्क दिया कि यह न तो पहला, न ही राष्ट्रीय और न ही स्वतंत्रता संग्राम था।

प्रश्न 13: ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन किसने शुरू किया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. बी.आर. अम्बेडकर
  3. जवाहरलाल नेहरू
  4. सरदार पटेल

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: महात्मा गांधी ने छुआछूत के उन्मूलन और दलितों के उत्थान के उद्देश्य से ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पत्रिका 1933 में ‘हरिजन सेवक’ के नाम से पूना से प्रकाशित होना शुरू हुई थी। गांधीजी ने दलितों को ‘हरिजन’ (ईश्वर के लोग) कहकर संबोधित किया और समाज में उनके अधिकारों तथा समानता के लिए संघर्ष किया।
  • गलत विकल्प: बी.आर. अम्बेडकर ने ‘मूकनायक’ और ‘बहिष्कृत भारत’ जैसी पत्रिकाएँ प्रकाशित कीं। जवाहरलाल नेहरू ने ‘नेशनल हेराल्ड’ का प्रकाशन शुरू किया था। सरदार पटेल ने भी कांग्रेस के प्रकाशनों में भूमिका निभाई।

प्रश्न 14: साइमन कमीशन का बहिष्कार क्यों किया गया?

  1. यह भारत में डाक व्यवस्था की जांच करने आया था
  2. इसमें एक भी भारतीय सदस्य नहीं था
  3. इसने भारत के विभाजन का प्रस्ताव दिया था
  4. इसने भारत को डोमिनियन स्टेटस देने की घोषणा की थी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: साइमन कमीशन (1927) का बहिष्कार मुख्य रूप से इसलिए किया गया क्योंकि इसमें सात सदस्यों की एक भी भारतीय सदस्य नहीं था।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश सरकार ने 1919 के भारत सरकार अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए 1927 में एक शाही आयोग का गठन किया, जिसका नेतृत्व सर जॉन साइमन कर रहे थे। भारतीयों ने इसे ‘श्वेत आयोग’ कहकर इसका विरोध किया और ‘साइमन वापस जाओ’ के नारे लगाए।
  • गलत विकल्प: यह कमीशन भारत में संवैधानिक सुधारों पर रिपोर्ट देने आया था, डाक व्यवस्था पर नहीं। इसने विभाजन का प्रस्ताव नहीं दिया था, बल्कि भारत सरकार अधिनियम 1919 की समीक्षा के लिए आया था। इसने डोमिनियन स्टेटस देने की घोषणा नहीं की थी, बल्कि संवैधानिक सुधारों पर सुझाव देना था।

प्रश्न 15: ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ यह नारा किसने दिया था?

  1. बाल गंगाधर तिलक
  2. लाला लाजपत राय
  3. बिपिन चंद्र पाल
  4. महात्मा गांधी

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: यह प्रसिद्ध नारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: तिलक एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने जन-जन में स्वदेशी और स्वराज के प्रति जागरूकता फैलाई। उन्होंने यह नारा 1916 में लखनऊ अधिवेशन के दौरान दिया था, जब कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता हुआ था।
  • गलत विकल्प: लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल लाल-बाल-पाल त्रयी के अन्य सदस्य थे, लेकिन यह विशेष नारा तिलक से जुड़ा है। महात्मा गांधी ने ‘स्वराज’ की अवधारणा को अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से आगे बढ़ाया।

प्रश्न 16: भारत सरकार अधिनियम 1935 द्वारा स्थापित संघ में अवशिष्ट शक्तियां (Residual Powers) किसे दी गई थीं?

  1. संघीय विधानमंडल
  2. गवर्नर-जनरल
  3. प्रांतीय विधानमंडल
  4. राजा या रियासतों के शासक

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारत सरकार अधिनियम 1935 द्वारा प्रस्तावित संघीय व्यवस्था में, अवशिष्ट शक्तियां (वे शक्तियां जो किसी विशेष सूची में शामिल नहीं हैं) गवर्नर-जनरल को दी गई थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम भारत में एक संघीय ढांचा स्थापित करने का प्रयास था, जिसमें शक्तियों का वितरण संघ और प्रांतों के बीच किया जाना था। हालांकि, अवशिष्ट शक्तियां गवर्नर-जनरल को देकर ब्रिटिश सरकार ने अपनी शक्ति बनाए रखी।
  • गलत विकल्प: संघीय विधानमंडल और प्रांतीय विधानमंडल की शक्तियां संविधान द्वारा परिभाषित थीं। राजा या रियासतों के शासकों के पास सीमित अधिकार थे, अवशिष्ट शक्तियां उनके पास नहीं थीं।

प्रश्न 17: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. मौलाना अबुल कलाम आजाद

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ (Forward Block) की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस की त्रिपुरी अधिवेशन (1939) के बाद, जब उन्हें राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा, कांग्रेस के भीतर एक नया मंच बनाया। इसका उद्देश्य ब्रिटिश विरोधी संघर्ष को तेज करना था।
  • गलत विकल्प: ये सभी प्रमुख कांग्रेसी नेता थे, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने की थी।

प्रश्न 18: किस वायसराय ने ‘भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम 1904’ पारित किया था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड लिटन
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड मिंटो

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम 1904 लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल के दौरान पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन (1899-1905) ने भारत में शिक्षा प्रणाली में सुधार के नाम पर इस अधिनियम को लागू किया था। इस अधिनियम ने विश्वविद्यालयों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाया और उन्हें अधिक अकादमिक और अनुसंधान-उन्मुख बनाने का प्रयास किया, लेकिन आलोचकों ने इसे भारतीय शिक्षा के राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक कदम माना।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी प्रशासनिक सुधारों के लिए जाने जाते थे। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट पारित किया था। लॉर्ड मिंटो (द्वितीय) मार्ले-मिंटो सुधार (1909) के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 19: प्राचीन रोम में ‘सेनेट’ क्या थी?

  1. जनता का सीधा प्रतिनिधित्व करने वाली सभा
  2. शासक वर्ग का प्रभावशाली सलाहकार निकाय
  3. सैन्य कमांडर का पद
  4. एक धार्मिक संस्था

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: प्राचीन रोम में ‘सेनेट’ (Senate) मुख्य रूप से अभिजात वर्ग और प्रभावशाली व्यक्तियों से बनी एक सलाहकार और विधायी निकाय थी।
  • संदर्भ और विस्तार: रोमन गणराज्य (Republic) और साम्राज्य (Empire) के दौरान सेनेट का महत्वपूर्ण प्रभाव रहा। यह अक्सर शासकों को सलाह देती थी और महत्वपूर्ण निर्णय लेने में इसकी भूमिका होती थी। हालांकि, यह प्रत्यक्ष जन-प्रतिनिधित्व वाली संस्था नहीं थी।
  • गलत विकल्प: यह आम नागरिकों का प्रतिनिधित्व नहीं करती थी। यह सैन्य कमांडर का पद नहीं था। यह कोई विशुद्ध धार्मिक संस्था भी नहीं थी, हालांकि धर्म से संबंधित मामलों में भी इसकी भूमिका हो सकती थी।

प्रश्न 20: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) का प्रारंभ किस यूरोपीय देश में हुआ?

  1. फ्रांस
  2. इंग्लैंड
  3. इटली
  4. स्पेन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: पुनर्जागरण (Renaissance) का प्रारंभ 14वीं शताब्दी में इटली में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: पुनर्जागरण का अर्थ है ‘पुनर्जन्म’। यह कालकला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन में प्राचीन यूनानी और रोमन सभ्यताओं के विचारों के पुनरुत्थान का काल था। इटली के फ्लोरेंस, वेनिस और रोम जैसे शहर कला और संस्कृति के प्रमुख केंद्र बने, जहाँ लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो और राफेल जैसे कलाकारों ने काम किया।
  • गलत विकल्प: फ्रांस, इंग्लैंड और स्पेन में भी पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसका उद्गम स्थल इटली ही था।

प्रश्न 21: 1789 ईस्वी की फ्रांसीसी क्रांति का प्रमुख नारा क्या था?

  1. एक राष्ट्र, एक साम्राज्य, एक नेता
  2. शांति, ब्रेड, लैंड
  3. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  4. साम्राज्यवाद का अंत

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1789 ईस्वी की फ्रांसीसी क्रांति का प्रमुख नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नारे ने फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य आदर्शों को व्यक्त किया, जिसने राजशाही का अंत कर गणतंत्र की स्थापना की और यूरोप में उदारवाद और राष्ट्रवाद के विचारों को बढ़ावा दिया।
  • गलत विकल्प: ‘एक राष्ट्र, एक साम्राज्य, एक नेता’ हिटलर के शासनकाल से जुड़ा है। ‘शांति, ब्रेड, लैंड’ रूसी क्रांति (1917) का नारा था। ‘साम्राज्यवाद का अंत’ 20वीं सदी की उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलनों से जुड़ा है।

प्रश्न 22: औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) का प्रारंभ सर्वप्रथम किस देश में हुआ?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. फ्रांस
  3. जर्मनी
  4. ग्रेट ब्रिटेन

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: औद्योगिक क्रांति का प्रारंभ सर्वप्रथम 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड) में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटेन में कोयला और लौह अयस्क जैसे संसाधनों की प्रचुरता, वैज्ञानिक नवाचार (जैसे जेम्स वाट का भाप इंजन), अनुकूल राजनीतिक और आर्थिक स्थितियाँ, तथा औपनिवेशिक साम्राज्य ने इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस क्रांति ने उत्पादन के तरीकों, समाज और अर्थव्यवस्था को मौलिक रूप से बदल दिया।
  • गलत विकल्प: अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी में भी औद्योगिक क्रांति हुई, लेकिन वे ब्रिटेन के बाद विकसित हुईं।

प्रश्न 23: प्रथम विश्व युद्ध (World War I) के दौरान, जर्मनी ने किस देश के विरुद्ध सर्वप्रथम युद्ध की घोषणा की?

  1. फ्रांस
  2. ब्रिटेन
  3. रूस
  4. ऑस्ट्रिया-हंगरी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान, जर्मनी ने सबसे पहले रूस के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ऑस्ट्रिया-हंगरी के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या के बाद, ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया। रूस ने सर्बिया का समर्थन किया, जिसके जवाब में जर्मनी ने पहले ऑस्ट्रिया-हंगरी के पक्ष में रूस के विरुद्ध (1 अगस्त 1914) और फिर फ्रांस के विरुद्ध (3 अगस्त 1914) युद्ध की घोषणा की।
  • गलत विकल्प: जर्मनी ने ऑस्ट्रिया-हंगरी के समर्थन में युद्ध शुरू किया, लेकिन सीधे युद्ध की घोषणा रूस और फ्रांस के विरुद्ध की। ब्रिटेन ने बेल्जियम की तटस्थता के उल्लंघन पर जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की।

प्रश्न 24: द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के समय संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति कौन थे?

  1. हर्बर्ट हूवर
  2. फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट
  3. ड्वाइट डी. आइजनहावर
  4. हैरी एस. ट्रूमैन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान, फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति थे।
  • संदर्भ और विस्तार: रूजवेल्ट ने अमेरिका को युद्ध में लाने और उसे मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) की ओर से लड़ने का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल के दौरान पर्ल हार्बर पर जापानी हमला हुआ, जिसने अमेरिका को सीधे युद्ध में खींच लिया।
  • गलत विकल्प: हर्बर्ट हूवर युद्ध शुरू होने से पहले राष्ट्रपति थे। ड्वाइट डी. आइजनहावर युद्ध के अंत में नाटो के कमांडर थे और बाद में राष्ट्रपति बने। हैरी एस. ट्रूमैन रूजवेल्ट की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति बने और जापान पर परमाणु बम गिराने का आदेश दिया।

प्रश्न 25: भारत की स्वतंत्रता के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे?

  1. विंस्टन चर्चिल
  2. क्लेमेंट एटली
  3. मार्गरेट थैचर
  4. टोनी ब्लेयर

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारत की स्वतंत्रता (1947) के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली थे।
  • संदर्भ और विस्तार: क्लेमेंट एटली के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी की सरकार ने भारत को स्वतंत्रता देने का निर्णय लिया था। एटली ने 15 अगस्त 1947 को भारतीय संसद को संबोधित भी किया था।
  • गलत विकल्प: विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री थे। मार्गरेट थैचर और टोनी ब्लेयर बाद के प्रधानमंत्रियों में से हैं।

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