Doubling Down on Diamond: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रिय उम्मीदवारों, प्रतियोगी परीक्षाओं की राह में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के सिद्धांत न केवल परीक्षाओं में पूछे जाते हैं, बल्कि हमारे आसपास की दुनिया को समझने में भी मदद करते हैं। ‘Doubling Down on Diamond’ जैसे संकेत हमें विज्ञान के उन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करते हैं जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। यहाँ प्रस्तुत हैं 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) जो आपकी तैयारी को परखने और आपकी समझ को गहरा करने में सहायक होंगे। प्रत्येक प्रश्न के साथ विस्तृत हल भी दिया गया है ताकि आप अवधारणाओं को स्पष्ट रूप से समझ सकें।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरा, जो अपने असाधारण कठोरता और चमक के लिए जाना जाता है, किस तत्व का एक अपरूप (allotrope) है?
- (a) सिलिकॉन
- (b) कार्बन
- (c) नाइट्रोजन
- (d) ऑक्सीजन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपरूप (Allotrope) किसी तत्व के विभिन्न रूपों को कहते हैं जो भौतिक रूप से भिन्न होते हैं लेकिन रासायनिक रूप से समान होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध अपरूप है। इसमें कार्बन परमाणु चतुष्फलकीय (tetrahedral) संरचना में व्यवस्थित होते हैं, जिससे यह अत्यंत कठोर होता है। अन्य विकल्प (सिलिकॉन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन) कार्बन के अपरूप नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की विशिष्ट चमक का मुख्य कारण क्या है?
- (a) उच्च अपवर्तनांक (High Refractive Index)
- (b) उच्च परावैद्युत स्थिरांक (High Dielectric Constant)
- (c) कम ऊष्मा चालकता (Low Thermal Conductivity)
- (d) विद्युत चालकता
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of light) वह घटना है जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है और उसकी दिशा बदल जाती है। अपवर्तनांक (refractive index) यह मापता है कि प्रकाश किसी माध्यम में कितनी तेज़ गति से यात्रा करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक बहुत अधिक (लगभग 2.42) होता है। इसका मतलब है कि जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह अत्यधिक मुड़ जाता है। हीरे को इस तरह से काटा जाता है कि प्रकाश कई बार अंदर परावर्तित (internal reflection) हो और फिर उच्च अपवर्तनांक के कारण बाहर निकलते समय अत्यधिक मुड़ जाए, जिससे उसकी विशिष्ट चमक (sparkle) उत्पन्न होती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे की कठोरता का कारण उसकी रासायनिक संरचना में मौजूद किस प्रकार का बंधन है?
- (a) आयनिक बंधन (Ionic Bond)
- (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent Bond)
- (c) धात्विक बंधन (Metallic Bond)
- (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen Bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन में, परमाणु एक दूसरे के साथ इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। यह एक मजबूत बंधन होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाता है। यह एक त्रिविमीय (3D) जाल जैसी संरचना बनाता है जहाँ सभी बंधन समान रूप से मजबूत होते हैं। यह मजबूत सहसंयोजक बंधन ही हीरे को उसकी अत्यधिक कठोरता प्रदान करते हैं। आयनिक बंधन आयनों के बीच, धात्विक बंधन धातुओं में और हाइड्रोजन बंधन अणुओं के बीच होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन का वह कौन सा अपरूप है जो बिजली का सुचालक (conductor) है, जबकि हीरा कुचालक (insulator) है?
- (a) फुलरीन
- (b) ग्रेफाइट
- (c) चारकोल
- (d) कोक
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता पदार्थ में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं। प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधन बनाता है, जिससे प्रत्येक कार्बन परमाणु पर एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन (delocalized electron) मुक्त हो जाता है। ये मुक्त इलेक्ट्रॉन ग्रेफाइट को विद्युत का अच्छा सुचालक बनाते हैं। इसके विपरीत, हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधन बनाता है, और सभी इलेक्ट्रॉन बंधित होते हैं, जिससे यह विद्युत का कुचालक होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक मुख्य परिस्थितियाँ क्या हैं?
- (a) कम दबाव और उच्च तापमान
- (b) उच्च दबाव और कम तापमान
- (c) उच्च दबाव और उच्च तापमान
- (d) कम दबाव और कम तापमान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थ उच्च दबाव और तापमान की विशेष परिस्थितियों में ही बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक रूप से हीरे पृथ्वी की सतह के नीचे बहुत अधिक दबाव (लगभग 4.5-6 GPa) और उच्च तापमान (लगभग 900-1300°C) पर बनते हैं। ये चरम परिस्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को हीरे की घनी संरचना में व्यवस्थित होने के लिए मजबूर करती हैं। प्रयोगशाला में कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) बनाने के लिए भी इन्हीं या समान परिस्थितियों का उपयोग किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पृथ्वी की पपड़ी (Earth’s crust) में पाया जाने वाला कौन सा तत्व सबसे प्रचुर मात्रा में है, जिसमें हीरे भी इसी तत्व का एक रूप हैं?
- (a) सिलिकॉन
- (b) एल्यूमीनियम
- (c) लोहा
- (d) ऑक्सीजन
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की पपड़ी के प्रमुख तत्वों के बारे में सामान्य ज्ञान।
व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की पपड़ी में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व ऑक्सीजन (लगभग 46.6% भार के अनुसार) है, उसके बाद सिलिकॉन (लगभग 27.7%) आता है। कार्बन, जिसमें हीरा भी शामिल है, पृथ्वी की पपड़ी में एक अपेक्षाकृत दुर्लभ तत्व है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे को काटने और पॉलिश करने के लिए आमतौर पर किस पदार्थ का उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह हीरे जितना ही या उससे अधिक कठोर होता है?
- (a) कोरन्डम (Corundum)
- (b) सिलिकॉन कार्बाइड (Silicon Carbide)
- (c) बोरॉन नाइट्राइड (Boron Nitride)
- (d) हीरा (Diamond)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कठोरता को मोस पैमाने (Mohs scale) पर मापा जाता है, जहाँ उच्च मान का अर्थ अधिक कठोरता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का मोस पैमाना 10 है, जो इसे ज्ञात सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ बनाता है। इसलिए, हीरे को काटने और आकार देने के लिए, आमतौर पर अन्य छोटे हीरे या हीरे के पाउडर का उपयोग किया जाता है। कुछ कृत्रिम सामग्री जैसे सिंथेटिक डायमंड और डायमंड जैसी कोटिंग्स का भी उपयोग किया जाता है। हालांकि बोरॉन नाइट्राइड (विशेष रूप से क्यूब्रिक बोरॉन नाइट्राइड) हीरे के बाद दूसरा सबसे कठोर पदार्थ है, फिर भी हीरे को अक्सर हीरे से ही काटा जाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे की ऊष्मीय चालकता (thermal conductivity) बहुत अधिक क्यों होती है?
- (a) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की बड़ी संख्या
- (b) मजबूत सहसंयोजक बंधनों के कारण कंपन का कुशल हस्तांतरण
- (c) कम तापीय विस्तार गुणांक
- (d) उच्च विद्युत चालकता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ठोस पदार्थों में ऊष्मा का संचरण मुख्य रूप से फोनन (phonons) के माध्यम से होता है, जो जाली कंपन (lattice vibrations) के क्वांटा होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं जो एक अत्यंत कठोर और स्थिर जाली संरचना बनाते हैं। यह संरचना परमाणुओं के कंपन (फोनन) को बहुत कुशलता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर संचारित करने की अनुमति देती है। परिणामस्वरूप, हीरे की ऊष्मीय चालकता कई धातुओं से भी अधिक होती है, जो इसकी अनूठी क्रिस्टल संरचना और मजबूत बंधन का परिणाम है। मुक्त इलेक्ट्रॉन ऊष्मा संचरण में भूमिका निभाते हैं, लेकिन हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा, एक प्रकार का क्रिस्टलीय ठोस है। क्रिस्टलीय ठोसों की एक मुख्य विशेषता क्या होती है?
- (a) उनके कणों (atoms/molecules) की अनिश्चित व्यवस्था
- (b) तीक्ष्ण गलनांक (Sharp melting point)
- (c) गलित अवस्था में विद्युत का सुचालक होना
- (d) समदैशिक (Isotropic) गुणधर्म
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टलीय ठोस वे ठोस होते हैं जिनमें कणों की एक नियमित, दोहराई जाने वाली त्रि-आयामी व्यवस्था होती है, जिसे क्रिस्टल जाली (crystal lattice) कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): क्रिस्टलीय ठोसों की एक प्रमुख विशेषता उनका तीक्ष्ण गलनांक होता है। इसका मतलब है कि वे एक विशिष्ट, संकीर्ण तापमान सीमा पर पिघलते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि क्रिस्टल जाली में सभी अंतरा-आणविक बल (intermolecular forces) समान होते हैं और एक साथ टूट जाते हैं। इसके विपरीत, अक्रिस्टलीय ठोस (amorphous solids) धीरे-धीरे नरम होते हैं और एक तापमान सीमा पर पिघलते हैं। हीरे की संरचना बेहद व्यवस्थित होती है, जो इसके तीक्ष्ण गलनांक में योगदान करती है (हालांकि यह बहुत उच्च तापमान पर विघटित हो जाता है)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में, डायमंड (हीरा) कहाँ पाया जाता है?
- (a) हड्डियों में
- (b) दांतों के इनेमल में
- (c) रक्त में
- (d) यह मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता है
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव शरीर के मुख्य रासायनिक घटक और खनिज।
व्याख्या (Explanation): हीरा (कार्बन का एक रूप) मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता है। हालांकि, कार्बन मानव शरीर का एक मौलिक घटक है, जो कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड जैसे सभी कार्बनिक अणुओं का आधार बनता है। मानव शरीर की संरचना में पाए जाने वाले खनिज मुख्य रूप से कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, क्लोरीन आदि होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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बायोमिनरलाइजेशन (biomineralization) की प्रक्रिया में, जीव कौन से सामान्य खनिज बनाते हैं?
- (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
- (b) कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate)
- (c) हीरा (Diamond)
- (d) ग्रेफाइट (Graphite)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बायोमिनरलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीवित जीव खनिजों को संश्लेषित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): कई जीव, जैसे मोलस्क (घोंघे, सीपियाँ), कोरल और कुछ प्लवक, कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) का उपयोग अपने खोल, कंकाल और अन्य संरचनाएँ बनाने के लिए करते हैं। यह बायोमिनरलाइजेशन का एक सामान्य उदाहरण है। हीरा (कार्बन) और क्वार्ट्ज (सिलिकॉन डाइऑक्साइड) आमतौर पर जीव द्वारा सीधे संश्लेषित नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पौधे प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) के दौरान किस तत्व का उपयोग करते हैं?
- (a) नाइट्रोजन
- (b) कार्बन
- (c) फास्फोरस
- (d) सल्फर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से ग्लूकोज (एक शर्करा) बनाते हैं, जिससे ऊर्जा उत्पन्न होती है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण का रासायनिक समीकरण है: 6CO₂ + 6H₂O + Light Energy → C₆H₁₂O₆ + 6O₂। यहाँ, CO₂ (कार्बन डाइऑक्साइड) से कार्बन पौधे के भोजन (ग्लूकोज) के निर्माण में प्रयुक्त होता है। इसलिए, कार्बन प्रकाश संश्लेषण के लिए एक आवश्यक तत्व है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का एक रासायनिक गुण जो इसे बहुत प्रतिक्रियाशील नहीं बनाता है (कमरे के तापमान पर) वह है:
- (a) इसकी आयनिक प्रकृति
- (b) इसके परमाणुओं के बीच कमजोर अंतरा-आणविक बल
- (c) मजबूत सहसंयोजक बंधन और स्थिर संरचना
- (d) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक प्रतिक्रियाएं आमतौर पर रासायनिक बंधनों के टूटने या नए बंधनों के बनने से होती हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यंत स्थिर त्रि-आयामी सहसंयोजक जाली संरचना में, सभी कार्बन परमाणु मजबूती से बंधे होते हैं। ये बंधन बहुत मजबूत होते हैं और इन्हें तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, हीरे में आयनिक या धात्विक बंधन नहीं होते हैं, और न ही इसमें प्रतिक्रियाशील मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसलिए, हीरा कमरे के तापमान पर रासायनिक रूप से बहुत अक्रिय (inert) होता है और अधिकांश रसायनों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ज्वलन (Combustion) के दौरान, जब हीरा पूरी तरह से जलता है, तो यह मुख्य रूप से क्या उत्पाद बनाता है?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (b) जल (H₂O)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (d) ओजोन (O₃)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक यौगिकों का पूर्ण दहन ऑक्सीजन की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल का उत्पादन करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन है। जब इसे पर्याप्त ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है (पूर्ण दहन), तो यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनाता है: C (diamond) + O₂ → CO₂। यदि ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित होती है, तो कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) भी बन सकता है, लेकिन पूर्ण दहन का मुख्य उत्पाद CO₂ है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कृत्रिम हीरे (Synthetic Diamonds) बनाने की एक सामान्य विधि का नाम बताइए जिसमें कार्बन को उच्च दबाव और तापमान पर गर्म किया जाता है।
- (a) रासायनिक वाष्प जमाव (Chemical Vapor Deposition – CVD)
- (b) पिघलाकर और क्रिस्टलीकरण (Melt-Growth)
- (c) विलायक-तापमान विधि (Solvent-Solvent-Temperature Method)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने की विभिन्न औद्योगिक विधियाँ।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की प्रमुख विधियाँ उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) प्रक्रियाएं हैं, जिनमें पिघलाकर और क्रिस्टलीकरण (जैसे पिघला हुआ धातु उत्प्रेरक का उपयोग करके) शामिल है। रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) एक अन्य महत्वपूर्ण विधि है जहाँ कार्बन युक्त गैसों को वाष्प के रूप में एक सब्सट्रेट पर जमा किया जाता है, और यह विधि भी अक्सर उच्च तापमान का उपयोग करती है लेकिन HPHT जितनी उच्च दबाव की आवश्यकता नहीं होती। विलायक-तापमान विधि भी उच्च दबाव और उच्च तापमान की परिस्थितियों का उपयोग करती है। इसलिए, ये सभी विधियाँ कृत्रिम हीरे बनाने में प्रयुक्त होती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fiber) के निर्माण में मुख्य रूप से किस सामग्री का उपयोग किया जाता है, जिसकी शुद्धता हीरे से भी अधिक हो सकती है?
- (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
- (b) पॉलीथीन (Polyethylene)
- (c) ऐक्रेलिक (Acrylic)
- (d) ग्लास (Glass)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (Optics) में उपयोग की जाने वाली उच्च-शुद्धता वाली सामग्री।
व्याख्या (Explanation): ऑप्टिकल फाइबर के कोर (core) और क्लैडिंग (cladding) के निर्माण के लिए अत्यधिक शुद्ध सिलिका ग्लास (जिसे क्वार्ट्ज भी कहा जाता है) का उपयोग किया जाता है। क्वार्ट्ज का अपवर्तनांक भी काफी उच्च होता है और इसे बहुत कम अवशोषण (absorption) और प्रकीर्णन (scattering) के साथ निर्मित किया जा सकता है, जो इसे ऑप्टिकल संचार के लिए आदर्श बनाता है। हालांकि हीरे का अपवर्तनांक अधिक होता है, लेकिन ऑप्टिकल फाइबर में उपयोग की जाने वाली क्वार्ट्ज की शुद्धता और पारदर्शिता इसे बेहतर बनाती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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मानव शरीर में, हड्डी के निर्माण और मजबूती के लिए कौन सा तत्व महत्वपूर्ण है?
- (a) पोटेशियम
- (b) मैग्नीशियम
- (c) कैल्शियम
- (d) सोडियम
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव कंकाल प्रणाली के प्रमुख खनिज घटक।
व्याख्या (Explanation): कैल्शियम मानव शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला खनिज है और यह हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और उनके विकास के लिए आवश्यक है। मैग्नीशियम भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन कैल्शियम प्राथमिक घटक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। यह बीमारी मुख्य रूप से किस खनिज की कमी से जुड़ी है?
- (a) लोहा (Iron)
- (b) आयोडीन (Iodine)
- (c) कैल्शियम (Calcium)
- (d) जिंक (Zinc)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हड्डियों के स्वास्थ्य और खनिज घनत्व का संबंध।
व्याख्या (Explanation): ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियों का घनत्व और गुणवत्ता कम हो जाती है, जिससे वे भंगुर हो जाती हैं और टूटने का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी अक्सर शरीर में कैल्शियम की कमी, विशेष रूप से हड्डियों में कैल्शियम के जमाव की कमी या हड्डी के पुनर्जीवन (bone resorption) में असंतुलन से जुड़ी होती है। विटामिन डी भी कैल्शियम के अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एंजाइम (Enzymes) जो जैविक रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित (catalyze) करते हैं, अक्सर किस तत्व पर निर्भर करते हैं?
- (a) सल्फर (Sulfur)
- (b) नाइट्रोजन (Nitrogen)
- (c) ऑक्सीजन (Oxygen)
- (d) ये सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंजाइमों की संरचना और कार्य में विभिन्न तत्वों की भूमिका।
व्याख्या (Explanation): एंजाइम, जो प्रोटीन से बने होते हैं, में अक्सर विभिन्न अमीनो एसिड होते हैं जिनमें सल्फर (जैसे सिस्टीन) और नाइट्रोजन (सभी अमीनो एसिड में) होते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ एंजाइमों को उनके कार्य के लिए धातु आयनों की आवश्यकता होती है, जिनमें से कुछ ऑक्सीजन युक्त यौगिकों से भी जुड़े हो सकते हैं। हालांकि, सीधे तौर पर ‘ऑक्सीजन’ तत्व स्वयं एंजाइम का हिस्सा नहीं होता, लेकिन ऑक्सीजन युक्त समूह (जैसे कार्बोक्सिल समूह) अमीनो एसिड की संरचना का हिस्सा होते हैं। लेकिन विकल्पों को देखते हुए, नाइट्रोजन और सल्फर एंजाइम की प्रोटीन संरचना के लिए सीधे तौर पर आवश्यक हैं। यदि “सभी” विकल्प को शामिल किया जाए, तो नाइट्रोजन और सल्फर की प्रत्यक्ष उपस्थिति के कारण यह उत्तर अधिक व्यापक हो जाता है। हालांकि, यदि प्रश्न विशिष्ट तत्वों के बारे में है जो एंजाइम के सक्रिय स्थल (active site) का हिस्सा हैं या सह-कारक (cofactor) के रूप में कार्य करते हैं, तो उत्तर भिन्न हो सकता है। दिए गए विकल्पों और संदर्भ में, सबसे प्रासंगिक उत्तर यह है कि ये तत्व एंजाइम की संरचना और कार्य में भूमिका निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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मानव रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन किसके द्वारा किया जाता है?
- (a) प्लाज्मा (Plasma)
- (b) श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells)
- (c) लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells)
- (d) प्लेटलेट्स (Platelets)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रक्त परिसंचरण और गैसों का परिवहन।
व्याख्या (Explanation): लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) में हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन होता है, जिसमें लोहा (Iron) होता है। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन को बांधता है और इसे शरीर के ऊतकों तक ले जाता है। प्लाज्मा रक्त का तरल भाग है, श्वेत रक्त कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं, और प्लेटलेट्स रक्त के थक्के जमने में मदद करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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क्लोरोफिल (Chlorophyll), जो पौधों में प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है, में कौन सी धातु आयन केंद्रीय भूमिका निभाता है?
- (a) लोहा (Iron)
- (b) मैग्नीशियम (Magnesium)
- (c) तांबा (Copper)
- (d) जस्ता (Zinc)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण में क्लोरोफिल की संरचना और कार्य।
व्याख्या (Explanation): क्लोरोफिल एक वर्णक (pigment) है जो पौधों को हरा रंग देता है और प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करने में मदद करता है। इसके अणु के केंद्र में मैग्नीशियम (Mg²⁺) आयन होता है। यह मैग्नीशियम आयन क्लोरोफिल को प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता प्रदान करता है, जो प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन (Iodine) का सेवन थायराइड ग्रंथि के सही कार्य के लिए आवश्यक है। आयोडीन की कमी से कौन सा रोग होता है?
- (a) स्कर्वी (Scurvy)
- (b) घेंघा (Goitre)
- (c) रिकेट्स (Rickets)
- (d) एनीमिया (Anemia)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आवश्यक पोषक तत्व और उनसे जुड़े रोग।
व्याख्या (Explanation): थायराइड ग्रंथि द्वारा थायराइड हार्मोन का उत्पादन करने के लिए आयोडीन एक महत्वपूर्ण तत्व है। आयोडीन की कमी से थायराइड ग्रंथि का अत्यधिक बढ़ना (सूजन) हो जाता है, जिसे घेंघा (Goitre) कहा जाता है। स्कर्वी विटामिन सी की कमी से, रिकेट्स विटामिन डी की कमी से, और एनीमिया आमतौर पर लोहे की कमी से होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कृत्रिम हृदय वाल्व (Artificial Heart Valves) बनाने के लिए किस सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो अत्यधिक टिकाऊ और बायोकंपैटिबल (biocompatible) हो?
- (a) एल्यूमीनियम
- (b) टाइटेनियम
- (c) तांबा
- (d) पीतल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): चिकित्सा प्रत्यारोपण (medical implants) के लिए उपयोग की जाने वाली उन्नत सामग्री।
व्याख्या (Explanation): टाइटेनियम अपनी उच्च शक्ति, हल्के वजन, संक्षारण प्रतिरोध (corrosion resistance) और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, शरीर द्वारा अच्छी तरह से सहन किए जाने (biocompatibility) के कारण कृत्रिम हृदय वाल्व, कृत्रिम जोड़ों और अन्य चिकित्सा प्रत्यारोपणों के निर्माण के लिए एक पसंदीदा सामग्री है। एल्यूमीनियम, तांबा और पीतल आमतौर पर इस उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पौधों में, जड़ों से पत्तियों तक पानी और खनिजों के परिवहन के लिए कौन सा ऊतक जिम्मेदार है?
- (a) जाइलम (Xylem)
- (b) फ्लोएम (Phloem)
- (c) एपिडर्मिस (Epidermis)
- (d) कॉर्टेक्स (Cortex)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पादप शरीर रचना विज्ञान (Plant Anatomy) में संवहनी ऊतक (Vascular Tissues)।
व्याख्या (Explanation): जाइलम पौधों का वह ऊतक है जो जड़ों द्वारा अवशोषित पानी और उसमें घुले खनिजों को पौधे के अन्य भागों, विशेष रूप से पत्तियों तक पहुँचाता है। फ्लोएम शर्करा (भोजन) को पत्तियों से पौधे के अन्य भागों तक पहुँचाता है। एपिडर्मिस बाहरी सुरक्षात्मक परत है, और कॉर्टेक्स तने या जड़ में जाइलम और फ्लोएम के बाहर स्थित ऊतक है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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सोना (Gold) एक उत्कृष्ट संवाहक (excellent conductor) है, लेकिन इसका उपयोग बिजली के तारों में क्यों नहीं किया जाता है?
- (a) यह बहुत नरम होता है
- (b) यह प्रतिक्रियाशील होता है
- (c) यह बहुत महंगा होता है
- (d) यह विद्युत का कुचालक होता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बिजली के तारों के लिए सामग्री का चयन करते समय चालकता और लागत जैसे कारकों पर विचार।
व्याख्या (Explanation): सोना एक उत्कृष्ट विद्युत संवाहक है, जो तांबे (Copper) और चांदी (Silver) से थोड़ा ही कम प्रभावी है। हालांकि, सोना बहुत महंगा धातु है। बिजली के तारों में व्यापक रूप से उपयोग के लिए लागत एक प्रमुख कारक है। तांबा, अपनी उच्च चालकता और अपेक्षाकृत कम लागत के कारण, बिजली के तारों के लिए सबसे आम सामग्री है। सोना बहुत नरम भी होता है, लेकिन यह मुख्य कारण नहीं है कि इसका उपयोग बिजली के तारों में नहीं किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।