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सामान्य विज्ञान की गहराई: “Doubling Down on Diamond” थीम पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न

सामान्य विज्ञान की गहराई: “Doubling Down on Diamond” थीम पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है। अपनी ज्ञान की जांच करने और अपनी तैयारी को मजबूत करने के लिए, हम “Doubling Down on Diamond” नामक एक रोचक विषय पर आधारित भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के 25 अभ्यास प्रश्न लेकर आए हैं। ये प्रश्न आपको परीक्षा के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समझने में मदद करेंगे।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरे के घनत्व (density) को बढ़ाने वाले मुख्य कारक कौन से हैं, जो इसकी कठोरता और चमक को भी प्रभावित करते हैं?

    • (a) कार्बन परमाणुओं के बीच अंतराण्विक बल (intermolecular forces)
    • (b) कार्बन परमाणुओं की क्रिस्टल संरचना (crystal structure) में चतुष्फलकीय बंधन (tetrahedral bonding)
    • (c) प्रकाश का परावर्तन (reflection of light)
    • (d) कार्बन की उपस्थिति (presence of carbon)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ठोस पदार्थों का घनत्व उनके परमाणुओं के बीच की दूरी और उनके अभिविन्यास (orientation) पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपरूप (allotrope) है जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध (covalent bonds) द्वारा चतुष्फलकीय रूप से जुड़ा होता है। यह मजबूत और सघन क्रिस्टल संरचना हीरे के उच्च घनत्व, असाधारण कठोरता और उच्च गलनांक (melting point) के लिए जिम्मेदार है। अंतराण्विक बल (a) गैसों और द्रवों में अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, प्रकाश का परावर्तन (c) चमक से संबंधित है, न कि घनत्व से, और केवल कार्बन की उपस्थिति (d) घनत्व को परिभाषित नहीं करती।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. हीरे की “आग” (fire) या इंद्रधनुषी रंग का प्रभाव किस भौतिकी सिद्धांत के कारण होता है?

    • (a) विवर्तन (Diffraction)
    • (b) अपवर्तन (Refraction)
    • (c) प्रकीर्णन (Scattering)
    • (d) ध्रुवीकरण (Polarization)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का अपवर्तन वह घटना है जिसमें प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर अपनी दिशा बदलता है। अपवर्तनांक (refractive index) प्रकाश की गति में परिवर्तन का माप है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) बहुत अधिक होता है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश हीरे में प्रवेश करते समय और बाहर निकलते समय महत्वपूर्ण रूप से मुड़ता है। जब सफेद प्रकाश हीरे के अंदर जाता है, तो विभिन्न रंग (तरंग दैर्ध्य) अलग-अलग कोणों पर अपवर्तित होते हैं। इस घटना को फैलाव (dispersion) कहा जाता है, जो अपवर्तन का एक परिणाम है। यह फैलाव ही प्रकाश को उसके घटक रंगों में विभाजित करता है, जिससे हीरे में इंद्रधनुषी रंग दिखाई देते हैं, जिसे “आग” कहा जाता है। विवर्तन (a) प्रकाश के किनारों पर मुड़ने से संबंधित है, प्रकीर्णन (c) प्रकाश के विभिन्न दिशाओं में बिखरने से, और ध्रुवीकरण (d) प्रकाश तरंगों के कंपन के अभिविन्यास से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. कार्बन की कौन सी विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic configuration) इसे हीरे जैसे मजबूत सहसंयोजक बंध बनाने में सक्षम बनाती है?

    • (a) 1s² 2s² 2p²
    • (b) 1s² 2s¹ 2p³
    • (c) 1s² 2s² 2p¹
    • (d) 1s² 2s²

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंध निर्माण में संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) भाग लेते हैं। कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s² 2s² 2p² है। हालांकि, बंध निर्माण के लिए, यह एक s-इलेक्ट्रॉन को p-ऑर्बिटल में उत्तेजित (excite) करता है, जिससे 1s² 2s¹ 2p³ का विन्यास बनता है। अब इसके पास चार अयुग्मित (unpaired) इलेक्ट्रॉन होते हैं जो चार सहसंयोजक बंध बना सकते हैं। हीरे में, कार्बन sp³ संकरण (hybridization) से गुजरता है, जिससे चार सिग्मा बंध (sigma bonds) बनते हैं, जो एक मजबूत, त्रि-आयामी (three-dimensional) चतुष्फलकीय संरचना बनाते हैं। विकल्प (a) मूल विन्यास है, (c) नाइट्रोजन का होता है, और (d) बेरिलियम का।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. हीरे में कार्बन-कार्बन बंध (C-C bond) की प्रकृति क्या है, जो इसकी असाधारण कठोरता में योगदान करती है?

    • (a) आयनिक बंध (Ionic bond)
    • (b) सहसंयोजक बंध (Covalent bond)
    • (c) धात्विक बंध (Metallic bond)
    • (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen bond)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी द्वारा बनते हैं, और ये आमतौर पर मजबूत होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ इलेक्ट्रॉनों को साझा करके सहसंयोजक बंध बनाता है। ये एकल सहसंयोजक बंध (single covalent bonds) बहुत मजबूत होते हैं और परमाणुओं को एक साथ कसकर बांधे रखते हैं। यह व्यापक त्रि-आयामी सहसंयोजक नेटवर्क हीरे को इसकी अविश्वसनीय कठोरता और उच्च गलनांक प्रदान करता है। आयनिक बंध (a) इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से बनते हैं, धात्विक बंध (c) धातुओं में पाए जाते हैं, और हाइड्रोजन बंध (d) हाइड्रोजन और उच्च ऋणात्मकता वाले परमाणुओं (जैसे O, N, F) के बीच कमजोर आकर्षण बल होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. हीरा विद्युत का कुचालक (insulator) क्यों है, जबकि ग्रेफाइट (graphite) विद्युत का सुचालक (conductor) है, यद्यपि दोनों कार्बन के अपरूप हैं?

    • (a) हीरे में आयनिक बंध होते हैं, जबकि ग्रेफाइट में सहसंयोजक बंध होते हैं।
    • (b) हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते, जबकि ग्रेफाइट में डेलोकलाइज्ड पाई इलेक्ट्रॉन (delocalized pi electrons) होते हैं।
    • (c) हीरे में उच्च अपवर्तनांक होता है, जबकि ग्रेफाइट में कम होता है।
    • (d) हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत वैन डेर वाल्स बल (van der Waals forces) होते हैं।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए मुक्त या डेलोकलाइज्ड आवेश वाहकों (charge carriers) का होना आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु sp³ संकरण के माध्यम से चार सहसंयोजक बंध बनाते हैं, और सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन बंधों में बंधे होते हैं। कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, इसलिए यह विद्युत का कुचालक है। ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु sp² संकरण से गुजरते हैं, जिससे प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से बंधा होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु से एक संयोजी इलेक्ट्रॉन अप्रयुक्त रह जाता है और पाई (π) प्रणाली में डेलोकलाइज्ड हो जाता है, जो परतों के बीच प्रवाहित हो सकता है। ये डेलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन ग्रेफाइट को विद्युत का सुचालक बनाते हैं। विकल्प (a) गलत है क्योंकि दोनों में सहसंयोजक बंध होते हैं। (c) अपवर्तनांक चालकता से सीधे संबंधित नहीं है। (d) वैन डेर वाल्स बल परतों के बीच होते हैं, न कि बंधों के भीतर, और चालकता से संबंधित नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. मानव शरीर में “डायमंड” (Diamond) जैसे कठोर पदार्थ का एक उदाहरण क्या है, जो विभिन्न शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?

    • (a) कोलेजन (Collagen)
    • (b) हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)
    • (c) कैरोटीन (Keratin)
    • (d) डीएनए (DNA)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रोटीन अपने विशिष्ट त्रि-आयामी संरचनाओं के कारण विभिन्न प्रकार के शारीरिक कार्य करते हैं, जिनमें संरचनात्मक समर्थन भी शामिल है।

    व्याख्या (Explanation): कैरोटीन एक तंतुमय प्रोटीन (fibrous protein) है जो बाल, नाखून, त्वचा की बाहरी परत और जानवरों के सींगों में पाया जाता है। इसकी उच्च सल्फर सामग्री और मजबूत क्रॉस-लिंकिंग (cross-linking) इसे बहुत कठोर और टिकाऊ बनाती है, जो इसे एक संरचनात्मक भूमिका प्रदान करती है। कोलेजन (a) भी एक संरचनात्मक प्रोटीन है लेकिन यह लचीला होता है। हीमोग्लोबिन (b) ऑक्सीजन परिवहन करता है। डीएनए (d) आनुवंशिक जानकारी रखता है। कैरोटीन की कठोरता इसे एक “जैविक हीरा” के रूप में देखा जा सकता है, हालांकि इसका रासायनिक ढांचा अलग है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. यदि हीरे को निर्वात (vacuum) में अत्यधिक उच्च तापमान पर गर्म किया जाए, तो क्या हो सकता है, यह मानते हुए कि यह अप्रभावित रहेगा?

    • (a) यह पिघल जाएगा।
    • (b) यह जल जाएगा।
    • (c) यह ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाएगा।
    • (d) यह कार्बन मोनोऑक्साइड बनाएगा।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊष्मप्रवैगिकी (Thermodynamics) के अनुसार, उच्च तापमान पर थर्मोडायनामिक रूप से अधिक स्थिर (more stable) रूप अधिक प्रबल होता है।

    व्याख्या (Explanation): सामान्य परिस्थितियों में, हीरा कार्बन का एक मेटास्टेबल (metastable) रूप है। उच्च तापमान पर, विशेष रूप से वायु की अनुपस्थिति में (निर्वात), हीरा धीरे-धीरे ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है, जो कार्बन का थर्मोडायनामिक रूप से अधिक स्थिर रूप है। यह प्रक्रिया, जिसे क्रिस्टलीकरण (recrystallization) या कार्बनिक पुनर्व्यवस्था (organic rearrangement) कहा जाता है, विशेष रूप से हीरे के आंतरिक तनावों और उच्च तापमान के कारण तेज होती है। हीरे का गलनांक बहुत अधिक होता है, इसलिए यह पिघलेगा नहीं (a)। जलने (b) के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जो निर्वात में अनुपस्थित है। कार्बन मोनोऑक्साइड (d) तब बनता है जब कार्बन का दहन सीमित ऑक्सीजन में होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. कार्बन परमाणु हीरे में चतुष्फलकीय (tetrahedral) व्यवस्था क्यों बनाते हैं, न कि वर्गाकार (square planar) या अन्य व्यवस्थाओं में?

    • (a) चतुष्फलकीय ज्यामिति अधिकतम बंधन ऊर्जा प्रदान करती है।
    • (b) sp³ संकरण स्वाभाविक रूप से चतुष्फलकीय संरचना की ओर ले जाता है।
    • (c) गुरुत्वाकर्षण चतुष्फलकीय व्यवस्था को प्राथमिकता देता है।
    • (d) यह व्यवस्था इलेक्ट्रॉनों को अधिक स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति देती है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): संकरण (Hybridization) परमाणुओं की ज्यामितीय व्यवस्था को निर्धारित करता है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन परमाणु हीरे में sp³ संकरण से गुजरते हैं। sp³ संकरण में, एक 2s ऑर्बिटल और तीन 2p ऑर्बिटल्स मिलकर चार समान sp³ हाइब्रिड ऑर्बिटल्स बनाते हैं। ये चार हाइब्रिड ऑर्बिटल्स अंतरिक्ष में इस तरह से उन्मुख (oriented) होते हैं कि वे एक दूसरे से अधिकतम दूरी पर हों, जिसके परिणामस्वरूप एक चतुष्फलकीय ज्यामिति बनती है। यह ज्यामिति बंधन कोण (bond angles) को लगभग 109.5 डिग्री बनाती है, जो सबसे स्थिर व्यवस्था है। विकल्प (a) आंशिक रूप से सही हो सकता है क्योंकि यह मजबूत बंधन बनाता है, लेकिन यह संकरण का परिणाम है, कारण नहीं। गुरुत्वाकर्षण (c) आणविक ज्यामिति को प्रभावित नहीं करता है। विकल्प (d) गलत है क्योंकि स्वतंत्र रूप से घूमने वाले इलेक्ट्रॉन (डेलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन) ग्रेफाइट में होते हैं, हीरे में नहीं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. जैविक प्रणालियों में, “डायमंड” (Diamond) या अत्यधिक कठोर संरचनाओं के निर्माण के लिए किस तत्व का उपयोग अक्सर किया जाता है, जो सुरक्षा या संरचनात्मक अखंडता प्रदान करते हैं?

    • (a) सिलिकॉन (Silicon)
    • (b) कैल्शियम (Calcium)
    • (c) फास्फोरस (Phosphorus)
    • (d) सल्फर (Sulfur)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सिलिकॉन, कार्बन की तरह, टेट्रावेलेंट (tetravalent) है और मजबूत सहसंयोजक बंध बना सकता है, जिससे कठोर संरचनाएं बनती हैं।

    व्याख्या (Explanation): सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO₂) पृथ्वी की पपड़ी में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला यौगिक है और क्वार्ट्ज (quartz) जैसे खनिजों का मुख्य घटक है, जो काफी कठोर होते हैं। जैव-अनुकूल (biocompatible) सिरेमिक्स, जिनमें से कुछ में सिलिकॉन होता है, का उपयोग चिकित्सा प्रत्यारोपण (medical implants) में किया जाता है जहाँ कठोरता और स्थायित्व की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, कुछ दंत सामग्री (dental materials) में सिलिकॉन यौगिकों का उपयोग किया जाता है। कैल्शियम (b) हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन यह कठोरता से अधिक संरचनात्मक समर्थन के लिए है। फास्फोरस (c) डीएनए और ऊर्जा चयापचय (energy metabolism) के लिए महत्वपूर्ण है। सल्फर (d) प्रोटीन संरचना (जैसे कैरोटीन) में क्रॉस-लिंकिंग के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सिलिकॉन या कार्बन जितनी कठोरता प्रदान नहीं करता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  10. हीरे की कटाई (cutting) और पॉलिशिंग (polishing) के लिए किस प्रकार के उपकरण का उपयोग किया जाता है, जो इसकी असाधारण कठोरता को दर्शाता है?

    • (a) स्टील के ब्लेड (Steel blades)
    • (b) हीरे के कणों से युक्त ब्लेड (Blades embedded with diamond particles)
    • (c) लेजर बीम (Laser beams)
    • (d) उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगें (High-frequency sound waves)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): “समान ही समान को काटता है” (Diamond cuts diamond) का सिद्धांत।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता के कारण, इसे केवल हीरे से ही काटा या पॉलिश किया जा सकता है। हीरे की कटाई के औजारों में हीरे के छोटे कण लगे होते हैं, जो हीरे की सतह से सामग्री को घर्षण (abrasion) द्वारा हटाते हैं। स्टील (a) जैसी नरम सामग्री हीरे को काटने में असमर्थ होती है। लेजर बीम (c) का उपयोग कुछ विशेष प्रक्रियाओं में किया जा सकता है, लेकिन पारंपरिक रूप से यह हीरे के कणों का उपयोग ही है जो प्रभावी है। ध्वनि तरंगें (d) भी प्रभावी नहीं होती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. पृथ्वी के वायुमंडल में, कौन सा गैस प्रतिशत सबसे अधिक है, जो हमारे दैनिक जीवन और अप्रत्यक्ष रूप से “डायमंड” (Diamond) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है?

    • (a) ऑक्सीजन (Oxygen)
    • (b) आर्गन (Argon)
    • (c) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide)
    • (d) नाइट्रोजन (Nitrogen)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी के वायुमंडल की प्रमुख गैसें।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी के वायुमंडल का लगभग 78% नाइट्रोजन (N₂) है। ऑक्सीजन (O₂) लगभग 21% है, जबकि आर्गन (Ar) लगभग 0.9% और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) लगभग 0.04% है। नाइट्रोजन एक निष्क्रिय गैस है जो दहन को रोकती है और जीवन के लिए आवश्यक है (जैसे प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड में)। अप्रत्यक्ष रूप से, वायुमंडल का तापमान और संरचना पृथ्वी पर भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करती है, जिसमें कार्बन के यौगिकों का निर्माण और परिवर्तन शामिल है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  12. हीरे के गठन के लिए आवश्यक उच्च दाब (high pressure) और तापमान की स्थितियाँ मुख्य रूप से पृथ्वी के किस भाग में पाई जाती हैं?

    • (a) पृथ्वी की पपड़ी (Earth’s crust)
    • (b) पृथ्वी का मेंटल (Earth’s mantle)
    • (c) पृथ्वी का कोर (Earth’s core)
    • (d) वायुमंडल (Atmosphere)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की आंतरिक संरचना और भूवैज्ञानिक प्रक्रियाएँ।

    व्याख्या (Explanation): हीरे पृथ्वी के मेंटल में, विशेष रूप से लगभग 150-200 किलोमीटर की गहराई पर, उच्च दाब (लगभग 45-60 किलोबार) और तापमान (900-1300 डिग्री सेल्सियस) के तहत बनते हैं। ये स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को आपस में बंधकर हीरे की क्रिस्टल संरचना बनाने के लिए मजबूर करती हैं। पृथ्वी की पपड़ी (a) में दाब और तापमान बहुत कम होता है। कोर (c) में तापमान बहुत अधिक होता है लेकिन दाब मुख्य रूप से पिघले हुए लोहे और निकल के कारण होता है, और यह सीधे हीरे के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है। वायुमंडल (d) में ये स्थितियाँ मौजूद नहीं होतीं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. हीरे के रंग में भिन्नता (जैसे पीला, नीला, गुलाबी) का कारण बनने वाला मुख्य रासायनिक तत्व क्या है, जो एक प्रकार की “अशुद्धि” (impurity) के रूप में कार्य करता है?

    • (a) नाइट्रोजन (Nitrogen)
    • (b) बोरॉन (Boron)
    • (c) एल्यूमीनियम (Aluminum)
    • (d) ये सभी (All of the above)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल में ट्रेस तत्व (trace elements) रंग के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरा रंगहीन होता है। हीरे में रंग विशिष्ट तत्वों की उपस्थिति से आता है जो कार्बन के ढांचे में “अशुद्धियों” के रूप में शामिल हो जाते हैं। नाइट्रोजन (a) हीरे में सबसे आम अशुद्धि है और अक्सर पीले या भूरे रंग का कारण बनती है। बोरॉन (b) नीले हीरे का कारण बनता है। एल्यूमीनियम (c) और अन्य धातुएँ भी ट्रेस मात्रा में मौजूद हो सकती हैं और गुलाबी या अन्य रंगों में योगदान कर सकती हैं। इसलिए, ये सभी तत्व हीरे के रंग में भिन्नता ला सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  14. हीरे की चमक (brilliance) और अग्नि (fire) के लिए कौन सा भौतिक गुण जिम्मेदार है, जो “Doubling Down on Diamond” के संदर्भ में महत्वपूर्ण है?

    • (a) उच्च घनत्व (High density)
    • (b) उच्च अपवर्तनांक (High refractive index) और फैलाव (dispersion)
    • (c) विद्युत चालकता (Electrical conductivity)
    • (d) ऊष्मीय चालकता (Thermal conductivity)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (Optics) के सिद्धांत।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण चमक (brilliance) उसके उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) के कारण होती है, जो प्रकाश को हीरे के अंदर फंसाता है और इसे बाहर निकलने से पहले कई बार परावर्तित करता है। “आग” (fire) या रंगीन चमक हीरे के उच्च फैलाव (dispersion) का परिणाम है, जो यह बताता है कि अपवर्तनांक तरंग दैर्ध्य के साथ कैसे बदलता है, जिससे सफेद प्रकाश उसके घटक रंगों में विभाजित हो जाता है। उच्च घनत्व (a) कठोरता में योगदान देता है लेकिन चमक में सीधे तौर पर नहीं। विद्युत चालकता (c) शून्य है। उच्च ऊष्मीय चालकता (d) एक और महत्वपूर्ण गुण है, लेकिन यह प्रकाशिकी से संबंधित नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. मानव शरीर में, कौन सी संरचना “डायमंड” (Diamond) के समान एक जटिल और अत्यंत महत्वपूर्ण संरचना है, जो सूचनाओं को एन्कोड और संग्रहीत करती है?

    • (a) प्रोटीन (Proteins)
    • (b) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
    • (c) डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA)
    • (d) लिपिड (Lipids)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आणविक जीव विज्ञान (Molecular Biology)।

    व्याख्या (Explanation): डीएनए (DNA) जीवन का आनुवंशिक कोड है, जो एक डबल हेलिक्स (double helix) संरचना में व्यवस्थित होता है। इसकी जटिलता, जानकारी को संग्रहीत करने की क्षमता और सभी जीवित चीजों के लिए मौलिक महत्व इसे अन्य वृहद-अणुओं (macromolecules) से अलग करता है। इसकी संरचना को एक जटिल, व्यवस्थित “डेटाबेस” के रूप में सोचा जा सकता है, जैसे कि एक अच्छी तरह से गढ़ा हुआ हीरा। प्रोटीन (a) संरचनात्मक और कार्यात्मक भूमिका निभाते हैं, कार्बोहाइड्रेट (b) ऊर्जा स्रोत हैं, और लिपिड (d) कोशिका झिल्लियों (cell membranes) और ऊर्जा भंडारण के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वे आनुवंशिक सूचना को एन्कोड नहीं करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. जैविक रूप से, “डायमंड” (Diamond) जैसे मजबूत संरचनात्मक घटकों के निर्माण के लिए निम्नलिखित में से कौन सा खनिज सबसे अधिक प्रासंगिक है, जो हमारी हड्डियों का निर्माण करता है?

    • (a) सोडियम क्लोराइड (Sodium chloride)
    • (b) कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium carbonate)
    • (c) सिलिकॉन डाइऑक्साइड (Silicon dioxide)
    • (d) पोटेशियम क्लोराइड (Potassium chloride)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मानव कंकाल प्रणाली (Human skeletal system)।

    व्याख्या (Explanation): हड्डियों का मुख्य अकार्बनिक घटक कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) और कैल्शियम फॉस्फेट (जैसे हाइड्रॉक्सीपैटाइट) है। कैल्शियम कार्बोनेट, हालांकि हीरे जितना कठोर नहीं है, हड्डियों को उनकी कठोरता और मजबूती प्रदान करता है। सोडियम क्लोराइड (a) नमक है, सिलिकॉन डाइऑक्साइड (c) रेत और क्वार्ट्ज का मुख्य घटक है, और पोटेशियम क्लोराइड (d) नमक का विकल्प है; ये सीधे हड्डियों के प्रमुख संरचनात्मक घटक नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. विज्ञान में, “डायमंड” (Diamond) शब्द का उपयोग कभी-कभी उच्च-प्रदर्शन सामग्री या संरचनाओं का वर्णन करने के लिए एक रूपक (metaphor) के रूप में किया जाता है। निम्न में से कौन सा यौगिक अपने उत्कृष्ट ऊष्मीय चालकता (thermal conductivity) के लिए जाना जाता है, जो हीरे के समान है, और इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स में हीट सिंक (heat sinks) के रूप में किया जाता है?

    • (a) ग्रेफाइट (Graphite)
    • (b) सिलिकॉन कार्बाइड (Silicon carbide)
    • (c) बोरॉन नाइट्राइड (Boron nitride)
    • (d) एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Aluminum oxide)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सामग्री विज्ञान (Materials Science) और ऊष्मा स्थानांतरण (Heat Transfer)।

    व्याख्या (Explanation): क्यूबिक बोरॉन नाइट्राइड (c-BN) एक अत्यंत कठोर सामग्री है और इसकी ऊष्मीय चालकता हीरे के समान उच्च होती है। इसका उपयोग अक्सर इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाता है जहाँ उच्च ताप अपव्यय (heat dissipation) की आवश्यकता होती है। ग्रेफाइट (a) एक अच्छा विद्युत सुचालक है लेकिन इसकी ऊष्मीय चालकता (परत के समानांतर) उत्कृष्ट है, लेकिन यह हीरे जितनी व्यापक रूप से लागू नहीं होती। सिलिकॉन कार्बाइड (b) भी एक कठोर सामग्री है जिसमें अच्छी ऊष्मीय चालकता होती है। एल्यूमीनियम ऑक्साइड (d) एक सिरेमिक है जिसका उपयोग विद्युत इन्सुलेटर के रूप में किया जाता है और इसमें मध्यम ऊष्मीय चालकता होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. जब किसी हीरे को काटा जाता है, तो कटाई की प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली ऊर्जा मुख्य रूप से किस रूप में परिवर्तित हो जाती है, जो ऊष्मीय अपव्यय (thermal dissipation) की ओर ले जाती है?

    • (a) प्रकाश ऊर्जा (Light energy)
    • (b) ध्वनि ऊर्जा (Sound energy)
    • (c) यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical energy)
    • (d) विद्युत ऊर्जा (Electrical energy)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊर्जा का संरक्षण (Conservation of Energy) और घर्षण (Friction)।

    व्याख्या (Explanation): जब हीरे को काटा जाता है, तो हीरे के कणों और हीरे के बीच घर्षण के कारण यांत्रिक कार्य (mechanical work) किया जाता है। इस यांत्रिक ऊर्जा का अधिकांश भाग ऊष्मा (गर्मी) और कुछ ध्वनि के रूप में ऊर्जा के अन्य रूपों में परिवर्तित हो जाता है। सीधे प्रकाश (a) या विद्युत ऊर्जा (d) का उत्पादन कटाई प्रक्रिया का प्राथमिक परिणाम नहीं है। ध्वनि ऊर्जा (b) उत्पन्न होती है, लेकिन ऊष्मा (जो यांत्रिक ऊर्जा से आती है) मुख्य अपव्यय है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. मानव शरीर में, “जैविक हीरा” (biological diamond) के रूप में किसे संदर्भित किया जा सकता है, जो अपनी अविश्वसनीय मजबूती और कार्यात्मक संरचना के लिए जाना जाता है?

    • (a) कोशिका झिल्ली (Cell membrane)
    • (b) हड्डी (Bone)
    • (c) दांतों का इनेमल (Tooth enamel)
    • (d) मांसपेशी फाइबर (Muscle fiber)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): शरीर रचना विज्ञान (Anatomy) और जैव-सामग्री (Biomaterials)।

    व्याख्या (Explanation): दांतों का इनेमल मानव शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह मुख्य रूप से हाइड्रॉक्सीपैटाइट (hydroxyapatite) से बना होता है, जो एक अत्यधिक खनिज पदार्थ है। इसकी कठोरता इसे चबाने के दौरान अत्यधिक दबाव का सामना करने की अनुमति देती है, जो इसे एक “जैविक हीरा” जैसा गुण देता है। कोशिका झिल्ली (a) लचीली होती है। हड्डी (b) मजबूत है लेकिन इनेमल जितनी कठोर नहीं। मांसपेशी फाइबर (d) लचीले और संकुचनशील (contractile) होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. हीरे को “दुनिया का सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ” क्यों माना जाता है?

    • (a) इसमें बहुत अधिक आयनिक बंध होते हैं।
    • (b) इसके परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों का एक त्रि-आयामी नेटवर्क होता है।
    • (c) इसमें डेलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन होते हैं।
    • (d) इसका गलनांक (melting point) बहुत कम होता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंध और उनकी मजबूती।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक विशाल, त्रि-आयामी, अत्यधिक स्थिर क्रिस्टल जाली (crystal lattice) बनती है। ये कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंध बहुत मजबूत होते हैं, और उन्हें तोड़ने के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे हीरा असाधारण रूप से कठोर हो जाता है। आयनिक बंध (a) हीरे में नहीं पाए जाते हैं। डेलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन (c) विद्युत चालकता के लिए जिम्मेदार होते हैं, न कि कठोरता के लिए। इसका गलनांक बहुत अधिक होता है (d), जो इसकी मजबूती को दर्शाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. प्रकाश को इंद्रधनुषी रंगों में विभाजित करने की हीरे की क्षमता (फैलाव) किस हद तक एक महत्वपूर्ण व्यापारिक विशेषता है, खासकर “Doubling Down on Diamond” के संदर्भ में?

    • (a) यह केवल एक वैज्ञानिक जिज्ञासा है और इसका कोई आर्थिक मूल्य नहीं है।
    • (b) यह इसकी चमक के साथ मिलकर इसकी सुंदरता और मूल्य को बढ़ाता है।
    • (c) यह हीरे को एक बेहतर थर्मल कंडक्टर बनाता है।
    • (d) यह हीरे को विद्युत का सुचालक बनाता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रत्न विज्ञान (Gemology) और प्रकाशिकी।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की “आग” या इंद्रधनुषी रंगों का प्रदर्शन, जो उसके उच्च फैलाव का परिणाम है, उसके मूल्यांकन में एक महत्वपूर्ण कारक है। यह, चमक (brilliance) के साथ मिलकर, हीरे को सुंदर और वांछनीय बनाता है, और इस प्रकार उसके बाजार मूल्य को बढ़ाता है। यह कोई वैज्ञानिक जिज्ञासा (a) मात्र नहीं है, और इसका थर्मल चालकता (c) या विद्युत चालकता (d) से कोई लेना-देना नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. कार्बन के सबसे आम और स्थिर रूप, जो विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं (और कभी-कभी हीरे से तुलना की जाती है), वह कौन सा है?

    • (a) फुलरीन (Fullerenes)
    • (b) ग्रेफाइट (Graphite)
    • (c) डायमंड (Diamond)
    • (d) ग्राफीन (Graphene)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन के अपरूप (Allotropes of Carbon)।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट (Graphite) कार्बन का सबसे स्थिर और बहुतायत में पाया जाने वाला रूप है, विशेष रूप से सामान्य तापमान और दाब पर। यह स्नेहक (lubricants), पेंसिल लेड, इलेक्ट्रोड और परमाणु रिएक्टरों में उपयोग किया जाता है। फुलरीन (a) और ग्राफीन (d) कार्बन के आधुनिक अपरूप हैं जिनमें विशेष गुण होते हैं, लेकिन ग्रेफाइट की तुलना में वे कम आम हैं। हीरा (c) अत्यंत कठोर है लेकिन सामान्य परिस्थितियों में ग्रेफाइट की तुलना में कम स्थिर और अधिक दुर्लभ है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. मानव शरीर में, कौन सा प्रोटीन, जो “डायमंड” (Diamond) की तरह एक मजबूत, तंतुमय संरचना बनाता है, त्वचा, बालों और नाखूनों को संरचनात्मक समर्थन प्रदान करता है?

    • (a) मायोसिन (Myosin)
    • (b) एक्टिन (Actin)
    • (c) कोलेजन (Collagen)
    • (d) कैरोटीन (Keratin)

    .

    सिद्धांत (Principle): जैव रसायन (Biochemistry) और ऊतक विज्ञान (Histology)।

    व्याख्या (Explanation): कैरोटीन एक अत्यंत कठोर और टिकाऊ तंतुमय प्रोटीन है जो बाहरी सुरक्षात्मक ऊतकों (जैसे त्वचा की एपिडर्मिस, बाल, नाखून, सींग) का एक प्रमुख घटक है। इसकी रासायनिक संरचना इसे बहुत मजबूत बनाती है। मायोसिन (a) और एक्टिन (b) मांसपेशी संकुचन के लिए जिम्मेदार प्रोटीन हैं। कोलेजन (c) संयोजी ऊतक (connective tissue) में पाया जाने वाला एक प्रमुख संरचनात्मक प्रोटीन है, लेकिन यह कैरोटीन की तरह कठोर नहीं होता।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  24. पृथ्वी के भीतर, “डायमंड” (Diamond) के गठन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है, जो एक सहसंयोजक नेटवर्क बनाने के लिए अन्य परमाणुओं के साथ मजबूती से बंध सकता है?

    • (a) लोहा (Iron)
    • (b) ऑक्सीजन (Oxygen)
    • (c) कार्बन (Carbon)
    • (d) सिलिकॉन (Silicon)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तत्वों की रासायनिक प्रकृति और बंधन।

    व्याख्या (Explanation): हीरा मुख्य रूप से कार्बन से बना होता है। कार्बन की चतुष्फलकीय (tetrahedral) बंधन बनाने की क्षमता, अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों के साथ, इसे हीरे की त्रि-आयामी, कठोर क्रिस्टल संरचना बनाने में सक्षम बनाती है। लोहा (a) धातु है और धात्विक बंध बनाता है। ऑक्सीजन (b) एक गैर-धातु है जो आमतौर पर आयनिक या सहसंयोजक बंध बनाती है, लेकिन हीरा नहीं। सिलिकॉन (d) भी सहसंयोजक बंध बना सकता है और सिलिकॉन कार्बाइड जैसी कठोर सामग्री बनाता है, लेकिन शुद्ध रूप से हीरे का निर्माण कार्बन से होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. हीरे की कटाई में उपयोग की जाने वाली पारंपरिक विधि, जहाँ एक हीरे को दूसरे हीरे से काटा जाता है, विज्ञान के किस सिद्धांत का सबसे अच्छा उदाहरण है?

    • (a) जैव-अनुकूलता (Biocompatibility)
    • (b) ऊष्मीय विनिमय (Thermal exchange)
    • (c) “समान ही समान को काटता है” (Like dissolves like)
    • (d) कठोरता (Hardness)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भौतिक गुण और उनकी तुलना।

    व्याख्या (Explanation): हीरे को काटने के लिए, काटने वाले पदार्थ की कठोरता काटने वाले पदार्थ से अधिक या उसके बराबर होनी चाहिए। चूंकि हीरा सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ है, इसलिए इसे केवल हीरे से ही काटा जा सकता है। यह सीधे तौर पर “कठोरता” के सिद्धांत को दर्शाता है। जैव-अनुकूलता (a) चिकित्सा से संबंधित है। ऊष्मीय विनिमय (b) गर्मी के हस्तांतरण से संबंधित है। “समान ही समान को काटता है” (c) मुख्य रूप से विलेयता (solubility) के सिद्धांत से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

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