हीरों के गुण और सामान्य विज्ञान: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रिय प्रतियोगियों! आपकी तैयारी को और भी धारदार बनाने के लिए, हम सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर लेकर आए हैं। ये प्रश्न भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं, जो आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए आवश्यक हैं। अभ्यास ही कुंजी है, तो आइए इन प्रश्नों के माध्यम से अपने ज्ञान का परीक्षण करें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के बारे में सत्य है, जो इसके असाधारण कठोरता का कारण बनता है?
- (a) इसमें आयनिक बंध होते हैं।
- (b) इसमें धात्विक बंध होते हैं।
- (c) इसमें कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों का एक त्रिविमीय नेटवर्क होता है।
- (d) इसमें कमजोर वान डेर वाल्स बल होते हैं।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों के गुण उनकी आंतरिक आणविक संरचना और बंधों पर निर्भर करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपररूप है जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जो एक मजबूत, त्रिविमीय (3D) नेटवर्क बनाता है। यह मजबूत सहसंयोजक नेटवर्क हीरे को अत्यधिक कठोर बनाता है। आयनिक और धात्विक बंधों में यह गुण नहीं होता, और वान डेर वाल्स बल कमजोर होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उच्च अपवर्तनांक (high refractive index) मुख्य रूप से किस कारण होता है?
- (a) इसकी क्रिस्टलीय संरचना
- (b) इसमें मौजूद कार्बन परमाणुओं की सघनता
- (c) इसमें कार्बन परमाणुओं के बीच सिग्मा (σ) बंधों का अत्यधिक ध्रुवीकरण
- (d) इसमें कमजोर पाई (π) बंधों का होना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ का अपवर्तनांक प्रकाश के साथ इलेक्ट्रॉनों की परस्पर क्रिया पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणुओं के बीच के सिग्मा (σ) बंधों में इलेक्ट्रॉनों को आसानी से उत्तेजित किया जा सकता है, जिससे वे प्रकाश के साथ दृढ़ता से परस्पर क्रिया करते हैं। यह परस्पर क्रिया प्रकाश को धीमा कर देती है और उच्च अपवर्तनांक की ओर ले जाती है। क्रिस्टलीय संरचना और सघनता भी भूमिका निभाते हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनों का ध्रुवीकरण सबसे महत्वपूर्ण कारक है। पाई (π) बंध हीरे में मौजूद नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा हीरे का भौतिक गुणधर्म उसे बिजली का कुचालक (electrical insulator) बनाता है?
- (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों का अभाव
- (b) इसकी उच्च गलनांक
- (c) इसकी पारभासी प्रकृति
- (d) इसमें कार्बन परमाणुओं की चतुष्फलकीय व्यवस्था
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता मुक्त या गतिशील इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी संयोजकता इलेक्ट्रॉन कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों में मजबूती से बंधे होते हैं। विद्युत धारा प्रवाहित करने के लिए कोई मुक्त या आसानी से गतिशील इलेक्ट्रॉन उपलब्ध नहीं होते हैं, इसलिए हीरा एक उत्कृष्ट विद्युत कुचालक है। उच्च गलनांक, पारभासी प्रकृति और चतुष्फलकीय व्यवस्था इसके अन्य महत्वपूर्ण गुण हैं, लेकिन वे विद्युत चालकता से सीधे संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे की ऊष्मा चालकता (thermal conductivity) ग्रेफाइट की तुलना में बहुत अधिक क्यों होती है?
- (a) हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन अधिक होते हैं।
- (b) हीरे की क्रिस्टलीय संरचना कंपन (phonons) के संचरण के लिए अधिक कुशल है।
- (c) हीरे में आयनिक बंधों की प्रबलता।
- (d) हीरे का कम घनत्व।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ठोस पदार्थों में ऊष्मा का चालन मुख्य रूप से जालक कंपन (lattice vibrations) या चालन इलेक्ट्रॉनों द्वारा होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, मजबूत सहसंयोजक बंधों के कारण जालक कंपन (जिन्हें फोनन कहा जाता है) बहुत कुशलता से संचरित होते हैं। यह हीरे को असाधारण रूप से अच्छा ऊष्मा चालक बनाता है, जो धातु से भी बेहतर है। ग्रेफाइट में, कार्बन परतें कमजोर अंतराण्विक बलों से जुड़ी होती हैं, जिससे कंपन का संचरण कम कुशल होता है। हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, और इसमें आयनिक बंध नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब शुद्ध सफेद प्रकाश को हीरे से गुजारा जाता है, तो क्या होता है?
- (a) प्रकाश परावर्तित हो जाता है।
- (b) प्रकाश वर्ण-विक्षेपण (dispersion) से गुजरता है।
- (c) प्रकाश अवशोषित हो जाता है।
- (d) प्रकाश सीधे गुजर जाता है बिना किसी विचलन के।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक माध्यम के घनत्व और प्रकाश की तरंग दैर्ध्य पर निर्भर करता है, जिसके कारण वर्ण-विक्षेपण होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक प्रकाश की तरंग दैर्ध्य के साथ थोड़ा भिन्न होता है। इसका मतलब है कि प्रकाश के विभिन्न रंग (तरंग दैर्ध्य) थोड़े अलग कोणों पर अपवर्तित होते हैं, जिससे सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है। यह घटना वर्ण-विक्षेपण कहलाती है, जो इंद्रधनुष के निर्माण का भी कारण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की चमक (brilliance) का मुख्य कारण क्या है?
- (a) इसका उच्च घनत्व
- (b) इसका उच्च तापीय चालकता
- (c) प्रकाश का उच्च आंतरिक परावर्तन (total internal reflection)
- (d) इसकी Mohs कठोरता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाता है, तो क्रांतिक कोण से अधिक आपतन कोण पर वह पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का एक बहुत उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) होता है, जिसके परिणामस्वरूप एक छोटा क्रांतिक कोण (लगभग 24.4 डिग्री) होता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह कई बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है, जिसके बाद यह विशिष्ट तरीके से बाहर निकलता है, जिससे हीरे की असाधारण चमक और ‘आग’ (fire) पैदा होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में कार्बन-कार्बन बंध की लंबाई लगभग कितनी होती है?
- (a) 154 pm
- (b) 134 pm
- (c) 120 pm
- (d) 140 pm
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधों की लंबाई परमाणुओं के आकार और बंध क्रम पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंध की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह एक काफी छोटा और मजबूत बंध है, जो हीरे की कठोरता और स्थिरता में योगदान देता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का उपयोग अपघर्षक (abrasive) के रूप में क्यों किया जाता है?
- (a) इसकी उच्च घनत्व
- (b) इसका उच्च परावर्तन
- (c) इसकी असाधारण कठोरता
- (d) इसकी रासायनिक स्थिरता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कठोरता किसी पदार्थ की सतह पर खरोंच या घर्षण का प्रतिरोध करने की क्षमता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की Mohs पैमाने पर 10 की कठोरता के साथ, यह प्रकृति में ज्ञात सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक है। इस असाधारण कठोरता के कारण, हीरे का उपयोग अन्य सामग्रियों को काटने, पीसने और पॉलिश करने के लिए अपघर्षक और कटिंग टूल के रूप में किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एक सामान्य हीरे का कटाई (cutting) और पॉलिशिंग (polishing) प्रक्रिया में किस सिद्धांत का प्रयोग किया जाता है?
- (a) रासायनिक संक्षारण
- (b) लेजर कटिंग
- (c) दूसरे हीरे का उपयोग
- (d) उच्च दबाव और तापमान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “हीरा हीरे को काटता है” – सबसे कठोर पदार्थ का उपयोग करके ही सबसे कठोर पदार्थ को आकार दिया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता के कारण, इसे केवल दूसरे हीरे से ही काटा और पॉलिश किया जा सकता है। यह प्रक्रिया पारंपरिक कटाई विधियों से बहुत अलग है। लेजर कटिंग का उपयोग भी किया जा सकता है, लेकिन पॉलिशिंग के लिए हीरे का उपयोग आवश्यक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन चक्र में, हीरे का प्रत्यक्ष रूप से क्या योगदान है?
- (a) यह प्रकाश संश्लेषण के लिए CO2 को अवशोषित करता है।
- (b) यह सीधे तौर पर किसी भी सामान्य कार्बन चक्र में भाग नहीं लेता है।
- (c) यह जैविक प्रक्रियाओं द्वारा बनता है।
- (d) यह एक जीवाश्म ईंधन है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन चक्र पृथ्वी पर कार्बन के विभिन्न रूपों के बीच चक्रण की प्रक्रिया है।
व्याख्या (Explanation): जबकि हीरा कार्बन का एक रूप है, यह पृथ्वी की पपड़ी में एक स्थिर खनिज के रूप में मौजूद होता है और आमतौर पर उन तीव्र भूवैज्ञानिक और जैविक प्रक्रियाओं में सीधे भाग नहीं लेता है जो कार्बन चक्र को संचालित करती हैं (जैसे प्रकाश संश्लेषण, श्वसन, दहन)। कार्बन चक्र में प्राथमिक भूमिका CO2, मीथेन, और जैविक यौगिकों जैसे रूपों की होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्न में से कौन सा यौगिक हीरे का एक अपररूप (allotrope) नहीं है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) फुलरीन
- (c) हीरा
- (d) कार्बन मोनोऑक्साइड
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूप एक ही तत्व के विभिन्न रूप होते हैं जो विभिन्न रासायनिक बंधनों या आणविक संरचनाओं के कारण भिन्न होते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट, फुलरीन (जैसे बकमिस्टरफुलरीन) और हीरा, सभी कार्बन के अपररूप हैं, जो कार्बन परमाणुओं की भिन्न व्यवस्थाओं के कारण भिन्न गुणधर्म प्रदर्शित करते हैं। कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) एक यौगिक है, तत्व नहीं, और यह कार्बन का अपररूप नहीं है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक मुख्य परिस्थितियाँ क्या हैं?
- (a) कम दबाव और उच्च तापमान
- (b) वायुमंडलीय दबाव और कमरे का तापमान
- (c) अत्यंत उच्च दबाव और उच्च तापमान
- (d) निम्न तापमान और निम्न दबाव
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ के विभिन्न रूपों (अपररूपों) का निर्माण विशिष्ट दबाव और तापमान की स्थितियों पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल में अत्यधिक उच्च दबाव (लगभग 4.5-6 GPa) और उच्च तापमान (लगभग 900-1300 °C) पर बनते हैं। ये स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को हीरे की क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित होने के लिए मजबूर करती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एक प्रयोगशाला में हीरे बनाने की विधि (जैसे CVD – Chemical Vapor Deposition) में, कार्बन स्रोत के रूप में अक्सर क्या उपयोग किया जाता है?
- (a) ठोस कार्बन
- (b) गैसीय हाइड्रोकार्बन (जैसे मीथेन)
- (c) तरल कार्बन
- (d) कार्बोनेट लवण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) में, गैसीय अभिकारकों को गर्म सब्सट्रेट पर विघटित किया जाता है ताकि पतली फिल्में या कण जमा हो सकें।
व्याख्या (Explanation): CVD विधि में, कार्बन परमाणुओं को आमतौर पर मीथेन (CH4) जैसे गैसीय हाइड्रोकार्बन से प्राप्त किया जाता है। इन गैसों को हाइड्रोजन के साथ मिलाकर कम दबाव और उच्च तापमान पर एक सब्सट्रेट (जैसे हीरे की परत) पर प्रवाहित किया जाता है, जहां वे विघटित होकर हीरे की संरचना बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उपयोग ऑप्टिकल उपकरणों (optical instruments) में क्यों किया जाता है?
- (a) क्योंकि यह प्रकाश को अवशोषित करता है
- (b) क्योंकि इसमें असाधारण पारदर्शिता और उच्च अपवर्तनांक होता है
- (c) क्योंकि यह मजबूत विद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित करता है
- (d) क्योंकि यह रासायनिक रूप से अत्यधिक प्रतिक्रियाशील है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऑप्टिकल उपकरणों के लिए पारदर्शिता, उच्च अपवर्तनांक और कठोरता जैसे गुण महत्वपूर्ण होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे अत्यंत पारदर्शी होते हैं और उनका अपवर्तनांक बहुत अधिक होता है, जो प्रकाश को प्रभावी ढंग से मोड़ने की अनुमति देता है। इसके अलावा, उनकी कठोरता उन्हें खरोंच से बचाती है। ये गुण उन्हें खिड़कियों, लेंसों और अन्य ऑप्टिकल घटकों के लिए उपयोगी बनाते हैं, खासकर उन अनुप्रयोगों में जहाँ उच्च प्रदर्शन की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से किस रोग के इलाज में हीरे का उपयोग सीमित है?
- (a) कैंसर
- (b) जीवाणु संक्रमण
- (c) वायरल संक्रमण
- (d) मधुमेह
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नैदानिक और चिकित्सीय अनुप्रयोगों के लिए सामग्री के भौतिक और रासायनिक गुणों का उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे के नैनोकणों और अन्य रूपों में कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने, इमेजिंग में सहायता करने या दवा वितरण प्रणालियों के रूप में उपयोग की क्षमता दिखाई गई है। कुछ अध्ययनों ने जीवाणु और वायरल संक्रमणों के खिलाफ उनके रोगाणुरोधी गुणों की भी जांच की है। हालांकि, मधुमेह के प्रबंधन या उपचार में हीरे का कोई प्रत्यक्ष या सिद्ध नैदानिक उपयोग नहीं है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जैविक प्रणालियों में, कार्बन-कार्बन बंध की ऊर्जा लगभग कितनी होती है?
- (a) 150 kJ/mol
- (b) 350 kJ/mol
- (c) 500 kJ/mol
- (d) 700 kJ/mol
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधों को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा बंध की मजबूती को दर्शाती है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन-कार्बन एकल सहसंयोजक बंध (C-C) की औसत बंध ऊर्जा लगभग 347 kJ/mol होती है। यह ऊर्जा यह दर्शाती है कि कार्बनिक अणुओं को बनाने और तोड़ने के लिए कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो जीवन की रसायन शास्त्र के लिए मौलिक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के क्रिस्टल में कार्बन परमाणुओं के बीच की दूरी को क्या कहा जाता है?
- (a) बंध लंबाई
- (b) क्रिस्टल व्यास
- (c) जालक पैरामीटर
- (d) समन्वय संख्या
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधों की प्रकृति को उनके विशिष्ट मापों द्वारा परिभाषित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, दो आसन्न कार्बन परमाणुओं के नाभिकों के बीच की दूरी को कार्बन-कार्बन बंध लंबाई कहा जाता है। यह बंध कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों की ताकत और प्रकृति को दर्शाता है। जालक पैरामीटर पूरे क्रिस्टल की पुनरावृत्त इकाई के आयामों का वर्णन करता है, न कि दो व्यक्तिगत परमाणुओं के बीच की दूरी का।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे को गर्म करने पर, क्या होता है यदि ऑक्सीजन की अनुपस्थिति हो?
- (a) यह ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है।
- (b) यह पिघल जाता है।
- (c) यह वाष्पित हो जाता है।
- (d) यह नष्ट हो जाता है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च तापमान पर, थर्मोडायनामिक रूप से अधिक स्थिर रूप में संक्रमण हो सकता है।
व्याख्या (Explanation): ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, बहुत उच्च तापमान (लगभग 1500 °C से ऊपर) पर, हीरा ऊष्मीय रूप से अस्थिर हो जाता है और अधिक स्थिर अपररूप, ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है। यह एक धीमी प्रक्रिया है, लेकिन यह दर्शाता है कि हीरे का निर्माण कुछ निश्चित स्थितियों में ही संभव है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के संश्लेषण (synthesis) में उपयोग की जाने वाली विधि HPHT (High-Pressure High-Temperature) में, दबाव किस सीमा तक बढ़ाया जाता है?
- (a) 1-2 GPa
- (b) 4-6 GPa
- (c) 10-15 GPa
- (d) 0.1-0.5 GPa
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे के निर्माण के लिए प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले दबाव और तापमान की परिस्थितियों का अनुकरण प्रयोगशाला में किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): HPHT विधि में, हीरे का संश्लेषण पृथ्वी के मेंटल में पाए जाने वाले दबावों और तापमानों का अनुकरण करके किया जाता है। इसके लिए लगभग 4 से 6 गीगापास्कल (GPa) के दबाव और 900 से 1300 °C के तापमान की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स में, हीरे का उपयोग किस घटक के रूप में किया जा सकता है?
- (a) अर्धचालक (semiconductor)
- (b) अतिचालक (superconductor)
- (c) विद्युत रोधी (insulator)
- (d) चालक (conductor)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थों में डोपिंग (doping) के माध्यम से अर्धचालक गुण प्रदर्शित करने की क्षमता होती है।
व्याख्या (Explanation): यद्यपि शुद्ध हीरा एक उत्कृष्ट विद्युत रोधी है, विशिष्ट अशुद्धियों (जैसे बोरॉन) को शामिल करके इसे अर्धचालक गुणों वाले पदार्थ में बदला जा सकता है। यह हीरे को उच्च-शक्ति, उच्च-आवृत्ति वाले इलेक्ट्रॉनिक्स में अनुप्रयोगों के लिए संभावित उम्मीदवार बनाता है, क्योंकि इसमें उत्कृष्ट तापीय चालकता और रासायनिक स्थिरता होती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे को ‘अग्नि’ (fire) प्रदान करने वाला गुण किस घटना से जुड़ा है?
- (a) वर्ण-विक्षेपण
- (b) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
- (c) विवर्तन
- (d) व्यतिकरण
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वर्ण-विक्षेपण वह घटना है जहाँ सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की ‘अग्नि’ या रंगीन चमक, जो प्रकाश के विभिन्न रंगों के फैलाव को दर्शाती है, मुख्य रूप से हीरे के उच्च वर्ण-विक्षेपण (high dispersion) के कारण होती है। जब प्रकाश हीरे से गुजरता है, तो यह अपने विभिन्न घटकों में विभाजित हो जाता है, जिससे रंगीन चमक उत्पन्न होती है, जो पूर्ण आंतरिक परावर्तन द्वारा और अधिक बढ़ जाती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे के कटाई और पॉलिशिंग के दौरान, ऊष्मा अपव्यय (heat dissipation) के लिए किस तकनीक का उपयोग किया जाता है?
- (a) वैक्यूम चैंबर
- (b) विशेष स्नेहक (lubricants)
- (c) पानी की शीतलन प्रणाली
- (d) वायु शीतलन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च-परिशुद्धता मशीनिंग में, घर्षण और गर्मी को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त शीतलन और स्नेहन आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की कटाई और पॉलिशिंग एक घर्षण प्रक्रिया है जो काफी गर्मी उत्पन्न करती है। इस गर्मी को प्रभावी ढंग से दूर करने और उपकरण तथा हीरे की क्षति को रोकने के लिए, विशेष स्नेहन तरल पदार्थों (lubricating fluids) का उपयोग किया जाता है, जो न केवल स्नेहन प्रदान करते हैं बल्कि शीतलन का काम भी करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे कोMohs कठोरता पैमाने पर ’10’ का अंक क्यों दिया गया है?
- (a) इसमें परमाणुओं के बीच मजबूत इलेक्ट्रोस्टैटिक बल होते हैं।
- (b) इसमें मजबूत सहसंयोजक बंधों का एक त्रिविमीय नेटवर्क होता है।
- (c) इसमें बड़े, ढीले इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- (d) इसमें कम गलनांक होता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Mohs कठोरता पैमाना किसी पदार्थ की खरोंच का प्रतिरोध करने की क्षमता का एक माप है, जो उसकी आंतरिक बंधन शक्ति से संबंधित है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता उसके परमाणु संरचना में निहित है। कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत, त्रि-आयामी सहसंयोजक नेटवर्क को तोड़ना या खरोंचना अत्यंत कठिन होता है, यही कारण है कि यह Mohs पैमाने पर सबसे ऊपर है। इलेक्ट्रोस्टैटिक बल आयनिक बंधों में महत्वपूर्ण होते हैं, बड़े ढीले इलेक्ट्रॉन धात्विक बंधों में पाए जाते हैं, और कम गलनांक कठोरता से संबंधित नहीं होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में, कार्बन अपने किस रूप में सर्वाधिक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है?
- (a) डायमंड
- (b) ग्रेफाइट
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
- (d) कार्बनिक यौगिक (Organic compounds)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवन कार्बन-आधारित होता है, और कार्बन विभिन्न रूपों में जैविक अणुओं का निर्माण करता है।
व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में, कार्बन मुख्य रूप से कार्बनिक यौगिकों जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड का एक अभिन्न अंग है। ये अणु जीवन की सभी प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक हैं। डायमंड, ग्रेफाइट और कार्बन डाइऑक्साइड (पर्याप्त मात्रा में) शरीर में उस रूप में प्रचुर मात्रा में नहीं पाए जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे के कटाई और पॉलिशिंग में इस्तेमाल होने वाले घर्षण कण (abrasive particles) आमतौर पर किससे बने होते हैं?
- (a) सिलिकॉन कार्बाइड
- (b) एल्युमिनियम ऑक्साइड
- (c) हीरे के छोटे टुकड़े
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ को तराशने या पॉलिश करने के लिए, उपयोग किए जाने वाले अपघर्षक को उस पदार्थ से अधिक कठोर होना चाहिए।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, हीरे को केवल हीरे से ही काटा या पॉलिश किया जा सकता है। इसलिए, हीरे की कटाई और पॉलिशिंग में इस्तेमाल होने वाले घर्षण कण आम तौर पर हीरे के छोटे टुकड़े या हीरे का पाउडर होते हैं। सिलिकॉन कार्बाइड और एल्युमिनियम ऑक्साइड भी बहुत कठोर अपघर्षक हैं, लेकिन वे हीरे की तुलना में कम कठोर होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।