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पहलगाम हमले के पीछे का सच: ‘महादेव’ ऑपरेशन के आतंकी लोकसभा में हुए ढेर, अमित शाह का अहम खुलासा

पहलगाम हमले के पीछे का सच: ‘महादेव’ ऑपरेशन के आतंकी लोकसभा में हुए ढेर, अमित शाह का अहम खुलासा

चर्चा में क्यों? (Why in News?):

हाल ही में, भारतीय संसद के सत्र के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण बयान दिया जिसने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता को उजागर किया। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शामिल कुछ आतंकियों के ‘महादेव’ नामक ऑपरेशन के तहत मारे जाने की पुष्टि की। यह बयान न केवल कश्मीर घाटी में आतंकवाद की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालता है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता और सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस घटना का विवरण, ‘महादेव’ ऑपरेशन का अर्थ, और इसके निहितार्थ, UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह ब्लॉग पोस्ट इस घटना का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करेगा, जिसमें इसके ऐतिहासिक संदर्भ, सुरक्षा संबंधी मुद्दे, सरकारी प्रतिक्रियाएं और भविष्य की राह शामिल होगी।

पृष्ठभूमि: पहलगाम और आतंकवाद का इतिहास

जम्मू और कश्मीर का पहलगाम, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध, वर्षों से आतंकवाद की छाया से अछूता नहीं रहा है। यह क्षेत्र अक्सर सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ों का गवाह रहा है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह घाटी में अपनी उपस्थिति बनाए रखने और अस्थिरता फैलाने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। पहलगाम में हुई हालिया घटना इसी व्यापक पैटर्न का एक हिस्सा है, जो सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद के निरंतर खतरे को रेखांकित करती है।

आतंकवाद, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में, भारत के लिए एक दीर्घकालिक सुरक्षा चुनौती रही है। 1990 के दशक की शुरुआत से, विभिन्न आतंकवादी समूहों ने भारतीय राज्य की संप्रभुता को चुनौती देने के लिए हिंसक साधनों का सहारा लिया है। इन समूहों का उद्देश्य भारतीय नियंत्रण को समाप्त करना और क्षेत्र में अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देना रहा है। भारत सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें सैन्य कार्रवाई, खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और आतंकवाद के मूल कारणों को संबोधित करने के प्रयास शामिल हैं।

‘महादेव’ ऑपरेशन: क्या है यह?

“जब हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं, तो हम एक व्यापक रणनीति का पालन करते हैं। ‘महादेव’ जैसे ऑपरेशन हमारी खुफिया क्षमताओं और त्वरित प्रतिक्रिया का प्रमाण हैं, जिसका उद्देश्य राष्ट्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।”
– गृह मंत्री श्री अमित शाह (संदर्भात्मक कथन)

जब गृह मंत्री ने ‘महादेव’ ऑपरेशन का उल्लेख किया, तो इसका तात्पर्य संभवतः एक विशिष्ट खुफिया-आधारित सैन्य या सुरक्षा अभियान से था। ऐसे ऑपरेशन आमतौर पर गुप्त रखे जाते हैं और उनका नामकरण उनके उद्देश्यों, स्थानों या प्रमुख व्यक्तियों के आधार पर किया जाता है। ‘महादेव’ नाम, जो भगवान शिव का एक लोकप्रिय रूप है, शायद उन आतंकवादियों की पहचान करने या उन्हें लक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया गया था जो किसी विशिष्ट समूह से जुड़े थे या किसी विशेष योजना को अंजाम देने वाले थे।

ऐसे ऑपरेशनों में आम तौर पर शामिल होते हैं:

  • खुफिया जानकारी एकत्र करना: लक्षित आतंकवादियों की गतिविधियों, ठिकाने और योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी इकट्ठा करना।
  • योजना और रणनीति: मारे गए व्यक्ति के आधार पर, ‘महादेव’ ऑपरेशन की योजना को बहुत सावधानी से तैयार किया गया होगा, जिसमें सुरक्षा बलों के लिए जोखिम को कम करना और नागरिक हताहतों से बचना शामिल था।
  • कार्रवाई का निष्पादन: खुफिया जानकारी के आधार पर, सुरक्षा बल (जैसे सेना, पुलिस, विशेष बल) लक्षित क्षेत्र में प्रवेश करते हैं और आतंकवादियों को निष्क्रिय करने के लिए एक समन्वित कार्रवाई करते हैं।
  • परिणाम और आकलन: ऑपरेशन की सफलता का मूल्यांकन, मारे गए आतंकवादियों की पहचान, बरामदगी और भविष्य के लिए सीख।

इस मामले में, ‘महादेव’ ऑपरेशन की सफलता का मतलब है कि पहलगाम हमले की योजना बनाने या उसे अंजाम देने में शामिल प्रमुख व्यक्तियों को बेअसर कर दिया गया है। यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा सकती है।

गृह मंत्री का लोकसभा में बयान: निहितार्थ और महत्व

श्री अमित शाह का लोकसभा में बयान कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

  1. पारदर्शिता और जवाबदेही: सरकार ने संसद को महत्वपूर्ण सुरक्षा विकासों से अवगत कराया, जो लोकतांत्रिक जवाबदेही के सिद्धांत को दर्शाता है।
  2. आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प: यह बयान स्पष्ट करता है कि भारत सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
  3. सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल: इस तरह की घोषणाओं से जमीनी स्तर पर काम करने वाले सुरक्षा कर्मियों का मनोबल बढ़ता है, क्योंकि उनके प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलती है।
  4. अंतर्राष्ट्रीय संदेश: यह बयान पाकिस्तान और अन्य देशों को एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में प्रभावी है और ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
  5. राष्ट्रीय सुरक्षा चर्चा को बढ़ावा: यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी रणनीतियों और सीमा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्वजनिक और राजनीतिक चर्चा को प्रोत्साहित करती है।

आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा: UPSC के दृष्टिकोण से

UPSC की तैयारी के लिए, इस घटना को एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे के हिस्से के रूप में देखना महत्वपूर्ण है। मुख्य परीक्षा के लिए, निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए:

1. आतंकवाद का आयाम:

  • कारण: आतंकवाद के मूल कारण क्या हैं? (सीमा पार से समर्थन, वैचारिक अतिवाद, सामाजिक-आर्थिक कारक, राजनीतिक अशांति)।
  • प्रकार: जम्मू और कश्मीर में सक्रिय विभिन्न आतंकवादी समूहों की प्रकृति और विचारधारा।
  • रणनीति: भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति (सैन्य, खुफिया, कानून प्रवर्तन, राजनीतिक, आर्थिक)।

2. राष्ट्रीय सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र:

  • सुरक्षा बल: भारतीय सेना, अर्धसैनिक बल (CRPF, BSF), राज्य पुलिस (J&K पुलिस) की भूमिका और समन्वय।
  • खुफिया एजेंसियां: RAW, IB, NTRO जैसी एजेंसियों का महत्व और उनके सामने आने वाली चुनौतियां।
  • कानून: UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम), PSA (सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम) जैसे कानूनों की भूमिका और उनकी आलोचनाएं।

3. हालिया घटनाओं का विश्लेषण:

  • पहलगाम हमला: हमले का विशिष्ट उद्देश्य, लक्षित समूह, और उसके पीछे कौन से संगठन हो सकते हैं।
  • ‘महादेव’ ऑपरेशन: इस तरह के ऑपरेशन का महत्व, उनकी सफलता दर, और इसमें शामिल लागत (मानव और वित्तीय)।
  • सरकार की प्रतिक्रिया: गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की भूमिका, खुफिया जानकारी को कार्रवाई में बदलने की प्रक्रिया।

4. अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  • पाकिस्तान का रवैया: पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने में भूमिका और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर इसका प्रभाव।
  • क्षेत्रीय सुरक्षा: अफगानिस्तान, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया में आतंकवाद का व्यापक परिदृश्य।

5. नीति निर्माण और चुनौतियाँ:

  • सफलताओं और असफलताओं का संतुलन: भारत की आतंकवाद विरोधी नीतियों में क्या सफल रहा है और कहाँ सुधार की आवश्यकता है?
  • मानवाधिकार चिंताएं: आतंकवाद विरोधी अभियानों में मानवाधिकारों के संरक्षण को कैसे सुनिश्चित किया जाए।
  • ड्रोन द्वारा घुसपैठ, साइलेंट घुसपैठ: आतंकवादियों द्वारा अपनाई जा रही नई तकनीकें और उनसे निपटने की रणनीति।

सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति: एक व्यापक दृष्टिकोण

भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ एक ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का पालन करती है। इस नीति के मुख्य स्तंभों में शामिल हैं:

  • कठोर कानून: आतंकवाद से संबंधित अपराधों के लिए कड़े दंड सुनिश्चित करना।
  • खुफिया तंत्र को मजबूत करना: घटनाओं को रोकने के लिए खुफिया जानकारी एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने की क्षमता को बढ़ाना।
  • सैन्य और पुलिस सुधार: सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: आतंकवाद से निपटने के लिए अन्य देशों के साथ खुफिया जानकारी साझा करना और सहयोग बढ़ाना।
  • मूल कारणों का समाधान: आतंकवाद के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक मूल कारणों को संबोधित करने के लिए विकास और शासन में सुधार।
  • जवाबी कार्रवाई: जब आवश्यक हो, तो आक्रामक कार्रवाई करना, जैसा कि ‘महादेव’ जैसे ऑपरेशन से संकेत मिलता है।

चुनौतियाँ और भविष्य की राह

हालांकि ‘महादेव’ ऑपरेशन जैसे सफलताओं से सुरक्षा को मजबूती मिलती है, फिर भी कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं:

  • सीमा पार घुसपैठ: पाकिस्तान से घुसपैठ की निरंतर घटनाएँ।
  • तकनीकी नवाचार: आतंकवादी समूहों द्वारा ड्रोन, सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड संचार जैसी नई तकनीकों का उपयोग।
  • प्रेरित (Radicalized) युवा: युवा पीढ़ी का चरमपंथी विचारधाराओं की ओर आकर्षित होना।
  • नागरिक हताहत: आतंकवाद विरोधी अभियानों में नागरिक हताहतों को कम करना एक निरंतर चुनौती है।
  • खुफिया चूक: कभी-कभी होने वाली खुफिया चूक, जो हमलों का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं।

भविष्य की राह में इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें शामिल हैं:

  • सीमा प्रबंधन को और मजबूत करना: उन्नत निगरानी तकनीकों और भौतिक अवरोधों का उपयोग।
  • खुफिया तंत्र का आधुनिकीकरण: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग।
  • समुदाय के साथ जुड़ाव: स्थानीय समुदायों के साथ विश्वास बनाना और उन्हें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भागीदार बनाना।
  • मानसिकता में बदलाव: चरमपंथी विचारधाराओं के खिलाफ एक मजबूत वैचारिक मुकाबला।
  • अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति: आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों पर दबाव बनाना।

निष्कर्ष

पहलगाम हमले के संदर्भ में ‘महादेव’ ऑपरेशन के माध्यम से आतंकवादियों के मारे जाने की खबर भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। गृह मंत्री अमित शाह का लोकसभा में दिया गया बयान, सरकार के दृढ़ संकल्प और सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता को रेखांकित करता है। UPSC के उम्मीदवारों के लिए, यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, भारत की विदेश नीति और आंतरिक सुरक्षा के प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समझने का एक अवसर प्रदान करती है। आतंकवाद एक बहुआयामी चुनौती है जिसके लिए निरंतर सतर्कता, प्रभावी रणनीति और राष्ट्रीय इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। ‘महादेव’ ऑपरेशन जैसे सफलताओं से आतंकवाद को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, लेकिन चुनौती अभी भी बनी हुई है, जिसके लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. प्रश्न: हाल के पहलगाम हमले के संदर्भ में, केंद्रीय गृह मंत्री ने किस ऑपरेशन के तहत आतंकियों के मारे जाने की घोषणा की?
(a) ऑपरेशन ब्लू स्टार
(b) ऑपरेशन वज्र प्रहार
(c) ऑपरेशन महादेव
(d) ऑपरेशन विजय
उत्तर: (c) ऑपरेशन महादेव
व्याख्या: गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम हमले के संबंध में ‘महादेव’ नामक ऑपरेशन का उल्लेख किया।

2. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा संगठन आमतौर पर जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा है?
(a) लश्कर-ए-तैयबा (LeT)
(b) जैश-ए-मोहम्मद (JeM)
(c) हिजबुल मुजाहिदीन (HM)
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
व्याख्या: लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिजबुल मुजाहिदीन जम्मू और कश्मीर में सक्रिय प्रमुख आतंकवादी संगठनों में से हैं।

3. प्रश्न: भारत में आतंकवाद विरोधी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा अधिनियम लागू है?
(a) टाडा (TADA)
(b) पोटा (POTA)
(c) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA)
(d) सभी
उत्तर: (c) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA)
व्याख्या: टाडा और पोटा अब लागू नहीं हैं; वर्तमान में UAPA आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से निपटने के लिए प्राथमिक कानून है।

4. प्रश्न: पहलगाम, जो हाल की घटनाओं के कारण चर्चा में रहा, किस भारतीय राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में स्थित है?
(a) हिमाचल प्रदेश
(b) उत्तराखंड
(c) जम्मू और कश्मीर
(d) लद्दाख
उत्तर: (c) जम्मू और कश्मीर
व्याख्या: पहलगाम जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

5. प्रश्न: ‘ऑपरेशन महादेव’ जैसे नामकरण के पीछे का मुख्य उद्देश्य क्या हो सकता है?
(a) जन जागरूकता बढ़ाना
(b) खुफिया जानकारी को गुप्त रखना और ऑपरेशन को विशिष्ट पहचान देना
(c) अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित करना
(d) सैन्य व्यय को बढ़ाना
उत्तर: (b) खुफिया जानकारी को गुप्त रखना और ऑपरेशन को विशिष्ट पहचान देना
व्याख्या: सैन्य और खुफिया अभियानों के नाम अक्सर संचालन की प्रकृति और महत्व को गोपनीय रखने के लिए रखे जाते हैं।

6. प्रश्न: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) भारत में निम्नलिखित में से किस सुरक्षा से संबंधित मामले का प्रमुख है?
(a) राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)
(b) केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs)
(c) साइबर सुरक्षा
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
व्याख्या: गृह मंत्रालय सीधे तौर पर NSG, CAPFs (जैसे CRPF, BSF, ITBP, CISF) और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा के समन्वय जैसी जिम्मेदारियों को संभालता है।

7. प्रश्न: भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. भारत ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का पालन करता है।
2. रणनीति में कठोर कानून, खुफिया तंत्र को मजबूत करना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग शामिल है।
3. सरकार का लक्ष्य आतंकवाद के सामाजिक-आर्थिक मूल कारणों को भी संबोधित करना है।
उपरोक्त में से कौन से कथन सत्य हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (d) 1, 2 और 3
व्याख्या: तीनों कथन भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति के प्रमुख तत्वों का सटीक वर्णन करते हैं।

8. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सी भारतीय सुरक्षा एजेंसी सीधे गृह मंत्रालय (MHA) के अधीन काम करती है?
(a) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA)
(b) सीमा सुरक्षा बल (BSF)
(c) इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)
(d) (a) और (c) दोनों
उत्तर: (b) सीमा सुरक्षा बल (BSF)
व्याख्या: BSF गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। NIA एक स्वतंत्र निकाय है, जबकि IB भी MHA के तहत काम करती है, लेकिन IB एक खुफिया एजेंसी है, न कि अर्धसैनिक बल। प्रश्न “सुरक्षा एजेंसी” का व्यापक अर्थ लेता है। यदि प्रश्न “अर्धसैनिक बल” पूछता तो BSF सही होता। NIA भी MHA के तहत है। IB भी MHA के तहत है। इसलिए, एक अधिक सटीक प्रश्न में NIA और IB को शामिल करने के लिए भिन्न विकल्प हो सकते थे। दिए गए विकल्पों में BSF सबसे स्पष्ट रूप से MHA के अधीन अर्धसैनिक बल है। NIA भी MHA के अधीन एक प्रमुख एजेंसी है। IB भी MHA के अधीन है। सबसे व्यापक उत्तर (a) और (c) दोनों है। लेकिन यदि केवल एक चुनना हो और अर्धसैनिक बल पर जोर हो तो BSF. यहाँ, NIA और IB दोनों MHA के अधीन हैं, जबकि BSF भी MHA के अधीन है। इसलिए, D सबसे उपयुक्त है।

9. प्रश्न: पाकिस्तान से भारत में आतंकवादी घुसपैठ को रोकने के लिए भारतीय सुरक्षा बल निम्नलिखित में से किस तकनीक का उपयोग करते हैं?
(a) थर्मल इमेजर
(b) मोशन सेंसर
(c) नाइट विजन डिवाइस
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
व्याख्या: सीमा पर घुसपैठ का पता लगाने और रोकने के लिए विभिन्न उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

10. प्रश्न: ‘साइलेंट घुसपैठ’ (Silent Infiltration) शब्द का तात्पर्य किससे है?
(a) बिना किसी हथियार के घुसपैठ
(b) अत्यधिक गुप्त और पता न चलने वाली तरीके से घुसपैठ
(c) ड्रोन या अन्य अप्रत्यक्ष माध्यमों से घुसपैठ
(d) (b) और (c) दोनों
उत्तर: (d) (b) और (c) दोनों
व्याख्या: साइलेंट घुसपैठ का मतलब है ऐसी घुसपैठ जो पारंपरिक तरीकों से पता न चले, जिसमें गुप्त मार्ग, ड्रोनों का उपयोग या अन्य अप्रत्यक्ष तरीके शामिल हो सकते हैं।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. प्रश्न: जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद का सामना करने के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाई गई बहु-आयामी रणनीतियों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। पहलगाम जैसी हाल की घटनाओं के आलोक में, इन रणनीतियों की प्रभावशीलता और चुनौतियों पर चर्चा करें। (250 शब्द, 15 अंक)
2. प्रश्न: ‘ऑपरेशन महादेव’ जैसे अभियानों के महत्व को स्पष्ट करें। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में खुफिया जानकारी एकत्र करने, त्वरित कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भूमिका पर प्रकाश डालें। (150 शब्द, 10 अंक)
3. प्रश्न: सीमा पार आतंकवाद (Cross-border Terrorism) भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है। पाकिस्तान की भूमिका, भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और इस समस्या से निपटने के लिए भविष्य में अपनाई जाने वाली संभावित रणनीतियों का विश्लेषण करें। (250 शब्द, 15 अंक)
4. प्रश्न: आतंकवाद विरोधी अभियानों में मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक जटिल मुद्दा है। भारत में लागू कानूनों (जैसे UAPA) और वास्तविक अभियानों में संतुलन साधने की चुनौतियों पर प्रकाश डालें। (150 शब्द, 10 अंक)

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