सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: कृषि और वन अनुसंधान के संदर्भ में अपनी तैयारी को परखें
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है, जो आपकी विश्लेषणात्मक क्षमता और वैज्ञानिक सिद्धांतों की समझ का परीक्षण करता है। कृषि और वन अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में सरकारी नीतियों के प्रभाव को समझना, आपको समसामयिक घटनाओं से जोड़े रखने के साथ-साथ विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों को भी स्पष्ट करता है। प्रस्तुत हैं भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित 25 बहुविकल्पीय प्रश्न, जो आपकी तैयारी को और मजबूत बनाने में सहायक होंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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निम्न में से कौन सा कारक पौधों में प्रकाश संश्लेषण की दर को प्रभावित करता है?
- (a) तापमान
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता
- (c) प्रकाश की तीव्रता
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से पोषक तत्व बनाते हैं। यह प्रक्रिया तापमान, CO2 की उपलब्धता और प्रकाश की तीव्रता जैसे कारकों से गहराई से प्रभावित होती है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक एंजाइम एक निश्चित तापमान सीमा के भीतर सबसे अच्छा काम करते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड प्रकाश संश्लेषण के लिए एक मुख्य कच्चा माल है, इसलिए इसकी सांद्रता में वृद्धि दर को बढ़ा सकती है। प्रकाश की तीव्रता सीधे उस ऊर्जा की मात्रा को निर्धारित करती है जो प्रकाश संश्लेषण के लिए उपलब्ध है। इन सभी कारकों का प्रकाश संश्लेषण की दर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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वन पारिस्थितिकी तंत्र में, पत्ती की सतह से वाष्पोत्सर्जन (transpiration) के माध्यम से जल हानि को क्या कहा जाता है?
- (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (b) संघनन (Condensation)
- (c) वाष्पोत्सर्जन (Transpiration)
- (d) अवक्षेपण (Precipitation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वाष्पोत्सर्जन पौधों में पानी के परिवहन की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह पत्तियों में मौजूद छोटे छिद्रों, जिन्हें स्टोमेटा (stomata) कहा जाता है, से जल वाष्प के रूप में पानी के बाहर निकलने की प्रक्रिया है।
व्याख्या (Explanation): वाष्पीकरण सतहों से पानी के वाष्प में बदलने की प्रक्रिया है, जबकि संघनन वाष्प का वापस तरल में बदलना है। अवक्षेपण वायुमंडल से पृथ्वी पर जल का गिरना है। वाष्पोत्सर्जन विशेष रूप से पौधों द्वारा जल की हानि की प्रक्रिया को संदर्भित करता है, जो परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण अवधारणा है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मिट्टी के कटाव को रोकने में वनों की भूमिका से संबंधित निम्नलिखित में से कौन सा भौतिकी सिद्धांत सबसे प्रासंगिक है?
- (a) घर्षण (Friction)
- (b) जड़त्व (Inertia)
- (c) गुरुत्वाकर्षण (Gravity)
- (d) उत्प्लावन (Buoyancy)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): घर्षण वह बल है जो दो सतहों के बीच गति का विरोध करता है। वनों में, वृक्षों की जड़ें मिट्टी को बांधे रखती हैं, जिससे मिट्टी के कणों के बीच घर्षण बढ़ता है और कटाव कम होता है।
व्याख्या (Explanation): जड़त्व किसी वस्तु की अपनी अवस्था को बनाए रखने की प्रवृत्ति है। गुरुत्वाकर्षण वह बल है जो वस्तुओं को पृथ्वी की ओर खींचता है। उत्प्लावन किसी तरल या गैस द्वारा लगाए गए ऊपर की ओर बल है। घर्षण वह बल है जो सीधे तौर पर मिट्टी के कणों को एक साथ बांधे रखने और पानी या हवा द्वारा उन्हें बहा ले जाने का विरोध करने में मदद करता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation) की प्रक्रिया में कौन सा सूक्ष्मजीव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
- (a) एस्परगिलस (Aspergillus)
- (b) पेनिसिलियम (Penicillium)
- (c) राइजोबियम (Rhizobium)
- (d) यीस्ट (Yeast)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाइट्रोजन स्थिरीकरण वायुमंडलीय नाइट्रोजन (N2) को अमोनिया (NH3) जैसे पौधों के लिए उपलब्ध रूपों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया कुछ बैक्टीरिया द्वारा की जाती है।
व्याख्या (Explanation): राइजोबियम एक ऐसा जीवाणु है जो फलीदार पौधों (leguminous plants) की जड़ों में सहजीवी संबंध (symbiotic relationship) में रहता है और नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है। एस्परगिलस और पेनिसिलियम कवक हैं, जबकि यीस्ट एक प्रकार का कवक है, जो आमतौर पर किण्वन (fermentation) के लिए जाने जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण के दौरान, पौधे किस रंग के प्रकाश को सबसे कम अवशोषित करते हैं?
- (a) लाल (Red)
- (b) नीला (Blue)
- (c) हरा (Green)
- (d) पीला (Yellow)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल, जो प्रकाश संश्लेषण के लिए मुख्य वर्णक (pigment) है, प्रकाश के स्पेक्ट्रम के लाल और नीले क्षेत्रों में प्रकाश को सबसे अधिक अवशोषित करता है और हरे प्रकाश को परावर्तित करता है।
व्याख्या (Explanation): पौधों की पत्तियों का हरा रंग क्लोरोफिल द्वारा हरे प्रकाश के परावर्तन के कारण होता है। लाल और नीले प्रकाश का उपयोग प्रकाश संश्लेषण के लिए ऊर्जा प्रदान करने में सबसे कुशल होता है। पीला प्रकाश भी कुछ हद तक अवशोषित होता है, लेकिन हरे प्रकाश की तुलना में कम।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पेड़ों की छाल पर उगने वाले लाइकेन (Lichens) वायु प्रदूषण, विशेष रूप से सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) के प्रति संवेदनशील होते हैं। यह किस प्रकार का संकेतक (indicator) है?
- (a) जैव-भौतिक संकेतक (Biophysical indicator)
- (b) जैव-रासायनिक संकेतक (Biochemical indicator)
- (c) जैव-पर्यावरणीय संकेतक (Bio-environmental indicator)
- (d) जैव-सूचक (Bio-indicator)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैव-सूचक ऐसे जीव होते हैं जो अपने पर्यावरण की स्थिति, विशेष रूप से प्रदूषण के स्तर के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
व्याख्या (Explanation): लाइकेन सल्फर डाइऑक्साइड की उच्च सांद्रता के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। जब हवा में SO2 का स्तर बढ़ जाता है, तो लाइकेन मरने लगते हैं या उनकी वृद्धि रुक जाती है। इसलिए, लाइकेन की उपस्थिति या अनुपस्थिति वायु गुणवत्ता का एक उत्कृष्ट संकेतक है। अन्य विकल्प इस विशिष्ट संदर्भ में उतने सटीक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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यदि किसी फसल के खेत में पानी की कमी हो जाती है, तो मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए कौन सी भौतिक विधि सबसे प्रभावी होगी?
- (a) जुताई (Ploughing)
- (b) मल्चिंग (Mulching)
- (c) समतल करना (Levelling)
- (d) खाद डालना (Fertilizing)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मल्चिंग मिट्टी की सतह को सामग्री (जैसे पुआल, प्लास्टिक की चादरें) से ढकने की प्रक्रिया है, जो वाष्पीकरण को कम करके और मिट्टी की नमी को बनाए रखने में मदद करती है।
व्याख्या (Explanation): जुताई मिट्टी को ढीला करती है, जिससे पानी का रिसाव बढ़ सकता है। समतल करना सिंचाई के लिए बेहतर है लेकिन सीधे नमी बनाए रखने के लिए नहीं। खाद डालना पोषक तत्व प्रदान करता है। मल्चिंग मिट्टी की सतह पर एक अवरोध बनाकर सीधे वाष्पीकरण को कम करता है, जिससे नमी का संरक्षण होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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एक पौधे के ऊतक संवर्धन (tissue culture) में, कोशिका विभाजन और वृद्धि के लिए आवश्यक एक महत्वपूर्ण हार्मोन कौन सा है?
- (a) एब्सिसिक एसिड (Abscisic Acid)
- (b) साइटोकिनिन (Cytokinin)
- (c) इथाइलीन (Ethylene)
- (d) जिबरेलिन (Gibberellin)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): साइटोकिनिन पौधों में कोशिका विभाजन (cytokinesis) और कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देने वाले हार्मोन हैं।
व्याख्या (Explanation): एब्सिसिक एसिड वृद्धि अवरोधक है। इथाइलीन फलों के पकने से संबंधित है। जिबरेलिन तने की लंबाई बढ़ाने में मदद करता है। साइटोकिनिन, ऑक्जीन के साथ मिलकर, ऊतक संवर्धन में कोशिका विभाजन और विभेदन (differentiation) को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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वन अनुसंधान में, लकड़ी के घनत्व (wood density) को मापने के लिए किस भौतिक गुण का उपयोग किया जाता है?
- (a) ऊष्मा चालकता (Thermal Conductivity)
- (b) विशिष्ट घनत्व (Specific Gravity)
- (c) परावैद्युत स्थिरांक (Dielectric Constant)
- (d) प्लाज्मा आवृत्ति (Plasma Frequency)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): घनत्व को द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन के रूप में परिभाषित किया जाता है। विशिष्ट घनत्व किसी पदार्थ के घनत्व और पानी के घनत्व का अनुपात होता है।
व्याख्या (Explanation): लकड़ी का घनत्व उसके द्रव्यमान और आयतन पर निर्भर करता है। विशिष्ट घनत्व एक इकाई रहित माप है जो सीधे तौर पर सामग्री के घनत्व को संदर्भित करता है, जिससे लकड़ी के विभिन्न प्रकारों के गुणों की तुलना करना आसान हो जाता है। अन्य विकल्प लकड़ी के घनत्व को मापने के लिए सीधे तौर पर प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मिट्टी के pH को नियंत्रित करने और अम्लता (acidity) को कम करने के लिए आम तौर पर किस रसायन का उपयोग किया जाता है?
- (a) अमोनियम सल्फेट (Ammonium Sulfate)
- (b) यूरिया (Urea)
- (c) चूना (Lime) (कैल्शियम कार्बोनेट/ऑक्साइड)
- (d) पोटेशियम क्लोराइड (Potassium Chloride)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अम्लीय मिट्टी को निष्प्रभावी (neutralize) करने के लिए क्षारीय (alkaline) पदार्थों का उपयोग किया जाता है। चूना (मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट या कैल्शियम ऑक्साइड) एक क्षारीय पदार्थ है।
व्याख्या (Explanation): अमोनियम सल्फेट और यूरिया अम्लीय प्रभाव डाल सकते हैं। पोटेशियम क्लोराइड मुख्य रूप से पोटेशियम का स्रोत है। चूना मिट्टी में अम्लीय आयनों (जैसे H+) के साथ प्रतिक्रिया करके pH बढ़ाता है, जिससे मिट्टी कम अम्लीय हो जाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वन पारिस्थितिकी तंत्र में, प्रकाश संश्लेषण में उपयोग की जाने वाली CO2 को वायुमंडल से कौन सी भौतिक प्रक्रिया द्वारा ग्रहण किया जाता है?
- (a) संवहन (Convection)
- (b) विकिरण (Radiation)
- (c) विसरण (Diffusion)
- (d) संवहन (Conduction)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विसरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पदार्थ उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर गति करते हैं।
व्याख्या (Explanation): वायुमंडल में CO2 की सांद्रता पौधों की पत्तियों के अंदर CO2 की सांद्रता से अधिक होती है (क्योंकि पौधे इसे प्रकाश संश्लेषण में उपयोग करते हैं)। इसलिए, CO2 विसरण द्वारा स्टोमेटा के माध्यम से पत्तियों में प्रवेश करती है। संवहन, विकिरण और संवहन ऊष्मा हस्तांतरण से संबंधित हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कृषि में, पौधों को रोगों से बचाने के लिए कवकनाशी (fungicides) का उपयोग किया जाता है। कवकनाशी आमतौर पर किस प्रकार के रसायन होते हैं?
- (a) एसिड (Acids)
- (b) बेस (Bases)
- (c) लवण (Salts)
- (d) कार्बनिक यौगिक (Organic compounds)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अधिकांश आधुनिक कवकनाशी जटिल कार्बनिक अणु होते हैं जिन्हें विशिष्ट कवक प्रजातियों को लक्षित करने और पौधों को नुकसान पहुँचाए बिना उन्हें नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
व्याख्या (Explanation): जबकि कुछ अकार्बनिक यौगिकों (जैसे तांबे के लवण) का उपयोग ऐतिहासिक रूप से कवकनाशी के रूप में किया गया है, वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश कवकनाशी विशिष्ट आणविक संरचनाओं वाले कार्बनिक यौगिक हैं जो कवक की चयापचय प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जैव विविधता (Biodiversity) का संबंध क्या है?
- (a) केवल प्रजातियों की संख्या
- (b) जीवों में भिन्नता
- (c) पारिस्थितिक तंत्र की विविधता
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैव विविधता जीवन की सभी रूपों में भिन्नता को समाहित करती है, जिसमें आनुवंशिक विविधता, प्रजातियों की विविधता और पारिस्थितिक तंत्र की विविधता शामिल है।
व्याख्या (Explanation): जैव विविधता न केवल प्रजातियों की संख्या को संदर्भित करती है, बल्कि एक ही प्रजाति के भीतर आनुवंशिक अंतर (genetic variation) और विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिक तंत्र (जैसे जंगल, घास के मैदान, आर्द्रभूमि) की विविधता को भी शामिल करती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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वन अनुसंधान में, पेड़ों की उम्र का पता लगाने के लिए डेंड्रोक्रोनोलॉजी (Dendrochronology) में क्या मापा जाता है?
- (a) पर्णसमूह का क्षेत्रफल (Canopy area)
- (b) लकड़ी के वार्षिक छल्लों की संख्या (Number of annual tree rings)
- (c) तने का व्यास (Trunk diameter)
- (d) जड़ घनत्व (Root density)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डेंड्रोक्रोनोलॉजी वृक्षों की वृद्धि वलय (growth rings) के विश्लेषण के माध्यम से वृक्षों की उम्र और पिछले वर्षों की जलवायु का अध्ययन करने की विधि है।
व्याख्या (Explanation): पेड़ों में, नए ऊतक (wood) के विकास के प्रत्येक वर्ष के साथ एक नया वार्षिक वलय बनता है। इन छल्लों की संख्या को गिनकर पेड़ की उम्र का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पौधों में, जल और खनिजों के ऊर्ध्वाधर परिवहन (vertical transport) के लिए कौन सा ऊतक जिम्मेदार है?
- (a) जाइलम (Xylem)
- (b) फ्लोएम (Phloem)
- (c) पैरेन्काइमा (Parenchyma)
- (d) स्क्लेरेन्काइमा (Sclerenchyma)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जाइलम पौधों में जल और घुले हुए खनिजों के ऊपर की ओर परिवहन के लिए जिम्मेदार संवहनी ऊतक (vascular tissue) है।
व्याख्या (Explanation): फ्लोएम शर्करा और अन्य कार्बनिक पदार्थों का पत्तियों से पौधे के अन्य भागों तक परिवहन करता है। पैरेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा मुख्य रूप से भरण (filling) और समर्थन (support) प्रदान करते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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बीजों की सुप्त अवस्था (dormancy) को तोड़ने के लिए तापमान का उपयोग किस भौतिक प्रक्रिया पर आधारित है?
- (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (b) ऊष्मीय अपघटन (Thermal decomposition)
- (c) ऊष्मीय प्रसार (Thermal expansion)
- (d) शमन (Quenching)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ बीजों में सुप्त अवस्था होती है जिसे तोड़ने के लिए विशिष्ट तापमान उपचार की आवश्यकता होती है। यह उपचार अक्सर बीजों के अंदर रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तेज करके या उन अवरोधों को तोड़कर काम करता है जो अंकुरण को रोकते हैं।
व्याख्या (Explanation): उचित तापमान कुछ बीजों के आवरण (seed coat) को नरम कर सकता है या सुप्त अवस्था के लिए जिम्मेदार एंजाइमी अवरोधकों को निष्क्रिय कर सकता है। उच्च तापमान (जैसे आग लगने की स्थिति में) सीधे बीजों को विघटित कर सकता है, जिससे सुप्त अवस्था टूट जाती है और अंकुरण संभव होता है। वाष्पीकरण, ऊष्मीय प्रसार और शमन बीजों की सुप्त अवस्था को तोड़ने के लिए सीधे प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ (organic matter) के अपघटन (decomposition) से कौन सा रसायन मुक्त होता है, जो पौधों के लिए पोषक तत्व के रूप में कार्य करता है?
- (a) सल्फ्यूरिक एसिड (Sulfuric Acid)
- (b) नाइट्रिक एसिड (Nitric Acid)
- (c) अमोनिया (Ammonia) और नाइट्रेट (Nitrates)
- (d) सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक पदार्थ के अपघटन में, सूक्ष्मजीव नाइट्रोजन युक्त यौगिकों को अमोनिया में और फिर नाइट्राइट और नाइट्रेट जैसे आयनों में परिवर्तित करते हैं, जो पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित किए जा सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड प्रमुख एसिड हैं, जबकि सोडियम क्लोराइड एक सामान्य नमक है। अमोनिया और विशेष रूप से नाइट्रेट पौधों के विकास के लिए आवश्यक नाइट्रोजन के प्राथमिक स्रोत हैं जो कार्बनिक पदार्थ के अपघटन से प्राप्त होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भूमि के ढलान पर, पानी के प्रवाह को धीमा करने और मिट्टी के कटाव को कम करने के लिए कौन सी वानिकी/कृषि तकनीक अपनाई जाती है?
- (a) सीढ़ीदार खेत (Terracing)
- (b) कंटूर जुताई (Contour ploughing)
- (c) रोपण (Afforestation)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ये सभी विधियाँ पानी के बहाव की गति को कम करने और मिट्टी को बहकर जाने से रोकने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
व्याख्या (Explanation): सीढ़ीदार खेत और कंटूर जुताई ढलानों पर पानी के प्रवाह को धीमा करने के लिए समतल क्षेत्र बनाते हैं। रोपण (पेड़ लगाना) जड़ों के माध्यम से मिट्टी को बांधकर और वर्षा की बूंदों के प्रभाव को कम करके कटाव को कम करता है। ये सभी प्रभावी तकनीकें हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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वनस्पति तेलों (vegetable oils) का सामान्य रासायनिक सूत्र क्या होता है?
- (a) एल्केन्स (Alkanes)
- (b) ईथर (Ethers)
- (c) एस्टर (Esters) (ट्राइग्लिसराइड्स)
- (d) एल्कोहॉल (Alcohols)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वनस्पति तेल फैटी एसिड और ग्लिसरॉल के एस्टर होते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): एल्केन्स, ईथर और एल्कोहॉल विभिन्न प्रकार के कार्बनिक यौगिक हैं। वनस्पति तेलों की रासायनिक संरचना उन्हें एस्टर श्रेणी में रखती है, जहाँ ग्लिसरॉल के प्रत्येक अणु से तीन फैटी एसिड जुड़े होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश के फैलाव (dispersion) का क्या सिद्धांत है, जो सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों में विभाजित करता है?
- (a) प्रकाश का व्यतिकरण (Interference)
- (b) प्रकाश का विवर्तन (Diffraction)
- (c) प्रकाश का अपवर्तन (Refraction)
- (d) प्रकाश का ध्रुवीकरण (Polarization)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है, तो वह अपने वेग में परिवर्तन के कारण अपनी दिशा बदलता है। विभिन्न रंगों के प्रकाश के तरंग दैर्ध्य (wavelengths) अलग-अलग होते हैं, इसलिए वे अलग-अलग कोणों पर अपवर्तित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): व्यतिकरण तब होता है जब दो या दो से अधिक प्रकाश तरंगें मिलती हैं। विवर्तन तब होता है जब प्रकाश किसी बाधा के किनारों के चारों ओर मुड़ता है। ध्रुवीकरण प्रकाश तरंगों के कंपन की दिशा को प्रतिबंधित करता है। अपवर्तन वह घटना है जो तब होती है जब प्रकाश का वेग माध्यम के अपवर्तनांक (refractive index) के आधार पर भिन्न होता है, जिससे रंगीन घटकों का पृथक्करण होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कृषि में, उर्वरकों (fertilizers) के अनुप्रयोग के कारण मिट्टी की उर्वरता पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) केवल मिट्टी की लवणता (salinity) में वृद्धि
- (b) मिट्टी की अम्लता (acidity) में वृद्धि
- (c) मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ना (Imbalance of nutrients)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उर्वरकों का अत्यधिक या असंतुलित उपयोग मिट्टी के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): कुछ उर्वरक, विशेष रूप से नाइट्रोजन आधारित, मिट्टी की अम्लता बढ़ा सकते हैं। किसी भी उर्वरक का अत्यधिक उपयोग मिट्टी में लवण की मात्रा बढ़ा सकता है, जिससे लवणता की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, केवल कुछ पोषक तत्वों पर ध्यान केंद्रित करने से अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे समग्र पोषक संतुलन बिगड़ जाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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पारिस्थितिकी तंत्र में ‘उत्पादक’ (producers) कौन होते हैं?
- (a) जो प्राथमिक उपभोक्ताओं (primary consumers) को खाते हैं
- (b) जो मृत कार्बनिक पदार्थों को विघटित करते हैं
- (c) जो प्रकाश संश्लेषण या रसायन संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं
- (d) जो द्वितीयक उपभोक्ताओं (secondary consumers) को खाते हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उत्पादक वे जीव होते हैं जो अपने स्वयं के भोजन का उत्पादन कर सकते हैं, आमतौर पर सूर्य के प्रकाश या रासायनिक ऊर्जा का उपयोग करके।
व्याख्या (Explanation): प्राथमिक उपभोक्ता वे होते हैं जो उत्पादकों को खाते हैं (जैसे शाकाहारी)। अपघटक (decomposers) मृत कार्बनिक पदार्थों को विघटित करते हैं। द्वितीयक उपभोक्ता प्राथमिक उपभोक्ताओं को खाते हैं। इसलिए, स्वयंपोषी (autotrophs) जैसे पौधे और शैवाल पारिस्थितिकी तंत्र में उत्पादक होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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धातुओं के संक्षारण (corrosion) को रोकने के लिए ‘गैल्वनाइजेशन’ (Galvanization) में किस धातु का उपयोग किया जाता है?
- (a) तांबा (Copper)
- (b) एल्यूमीनियम (Aluminum)
- (c) जस्ता (Zinc)
- (d) निकल (Nickel)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गैल्वनाइजेशन में लोहे या इस्पात पर जस्ता (Zinc) की एक सुरक्षात्मक परत चढ़ाई जाती है। जस्ता लोहे की तुलना में अधिक क्रियाशील (reactive) होता है, इसलिए यह पहले संक्षारित होता है (एकाग्रता सुरक्षा – sacrificial protection)।
व्याख्या (Explanation): तांबा, एल्यूमीनियम और निकल का उपयोग संक्षारण सुरक्षा के अन्य तरीकों में किया जा सकता है, लेकिन गैल्वनाइजेशन विशेष रूप से लोहे/इस्पात को जस्ता के साथ लेपित करने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मिट्टी की संरचना (soil structure) को बेहतर बनाने और जल धारण क्षमता (water holding capacity) को बढ़ाने के लिए कौन से जैविक तत्व सबसे अधिक जिम्मेदार होते हैं?
- (a) खनिज कण (Mineral particles)
- (b) कार्बनिक पदार्थ (Organic matter)
- (c) वायु (Air)
- (d) पानी (Water)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ मिट्टी के कणों को बांधकर, मिट्टी की संरचना में सुधार करके और जल धारण क्षमता को बढ़ाकर मिट्टी की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है।
व्याख्या (Explanation): खनिज कण मिट्टी की बनावट (texture) का आधार बनाते हैं, लेकिन कार्बनिक पदार्थ मिट्टी के कणों को क्लंप (clump) करने में मदद करता है, जिससे छिद्र (pores) बनते हैं जो पानी और हवा को धारण करते हैं। वायु और पानी मिट्टी के घटक हैं, लेकिन वे स्वयं मिट्टी की संरचना और धारण क्षमता को ‘बढ़ाने’ के बजाय ‘निर्माण’ या ‘भरण’ करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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एक वन पारिस्थितिकी तंत्र में, ‘जैव-संचय’ (Biomagnification) क्या दर्शाता है?
- (a) पोषक तत्वों का एक trophic स्तर से दूसरे trophic स्तर तक स्थानांतरण
- (b) पर्यावरण में प्रदूषकों का समय के साथ जमा होना
- (c) विषाक्त पदार्थों का खाद्य श्रृंखला में ऊंचे trophic स्तरों पर सांद्रता में वृद्धि
- (d) एक प्रजाति की संख्या में अचानक वृद्धि
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैव-संचय एक पारिस्थितिक घटना है जहाँ विषाक्त पदार्थ (जैसे भारी धातु या कीटनाशक) खाद्य श्रृंखला के प्रत्येक उच्च trophic स्तर पर अधिक सांद्र हो जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): पोषक तत्वों का स्थानांतरण ‘बायोअक्यूमुलेशन’ (bioaccumulation) या ‘बायोट्रांसलोकेशन’ (biotranslocation) से संबंधित है। पर्यावरण में प्रदूषकों का समय के साथ जमा होना ‘बायोइंटेंसिफिकेशन’ (biointensification) या ‘बायोऑक्यमुलेशन’ (bioaccumulation) हो सकता है। प्रजातियों की संख्या में अचानक वृद्धि ‘जनसंख्या विस्फोट’ (population explosion) है। जैव-संचय विशेष रूप से खाद्य श्रृंखला में सांद्रता वृद्धि को संदर्भित करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।