Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

साँस लेने वाली हवा और मस्तिष्क स्वास्थ्य: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

साँस लेने वाली हवा और मस्तिष्क स्वास्थ्य: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय:** प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड होता है, जो हमारे दैनिक जीवन से जुड़े सिद्धांतों को समझने की आपकी क्षमता का परीक्षण करता है। आज हम वायु प्रदूषण के एक ऐसे पहलू पर चर्चा करेंगे जिसने हाल के अध्ययनों में चिंता जताई है: क्या हम जो हवा साँस लेते हैं, वह हमारे मस्तिष्क स्वास्थ्य को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकती है? यह अभ्यास सत्र आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण अवधारणाओं को स्पष्ट करने में मदद करेगा, जो इस विषय से जुड़े हैं। आइए अपनी तैयारी को और मजबूत करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. वायु प्रदूषण के कणों का आकार जो श्वसन तंत्र के वायुकोशों (alveoli) तक पहुँच सकते हैं, आमतौर पर कितना होता है?

    • (a) 5 माइक्रोन से बड़े
    • (b) 2.5 माइक्रोन से बड़े
    • (c) 1 माइक्रोन से छोटे
    • (d) 10 माइक्रोन से बड़े

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): श्वसन तंत्र में कणों का प्रवेश उनके आकार पर निर्भर करता है। बड़े कण ऊपरी श्वसन पथ में ही रुक जाते हैं, जबकि बहुत छोटे कण फेफड़ों के सबसे गहरे हिस्सों, वायुकोशों तक पहुँच सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): वायुकोश फेफड़ों की वह संरचनाएं हैं जहाँ गैसों का आदान-प्रदान होता है। इस क्षेत्र तक पहुँचने के लिए कणों का आकार बहुत छोटा होना चाहिए, आमतौर पर 1 माइक्रोन (µm) से छोटा। 2.5 माइक्रोन (PM2.5) और 10 माइक्रोन (PM10) से छोटे कण भी फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन सबसे छोटे कण (जैसे PM0.1) वायुकोशों तक पहुँचने और रक्तप्रवाह में प्रवेश करने की सबसे अधिक संभावना रखते हैं। इसलिए, 1 माइक्रोन से छोटे कण वायुकोशों तक पहुँच सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. सूक्ष्म कणों (fine particulate matter, PM2.5) के मुख्य रासायनिक घटक क्या होते हैं जो वायु में निलंबित रहते हैं?

    • (a) केवल कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन
    • (b) सल्फेट्स, नाइट्रेट्स, अमोनिया, कार्बन ब्लैक, खनिज धूल और पानी
    • (c) केवल ओजोन और क्लोरीन
    • (d) भारी धातुएं जैसे सीसा और पारा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): PM2.5 कण हवा में निलंबित विभिन्न प्रकार के रासायनिक यौगिकों का एक जटिल मिश्रण होते हैं, जो विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): PM2.5 कणों में आमतौर पर सल्फेट्स, नाइट्रेट्स, अमोनिया, कार्बन ब्लैक (कालिख), कार्बनिक यौगिक, खनिज धूल और पानी शामिल होते हैं। ये विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं, वाहनों के उत्सर्जन और अन्य दहन स्रोतों से उत्पन्न होते हैं। जबकि भारी धातुएं भी वायु प्रदूषण का हिस्सा हो सकती हैं, वे PM2.5 के “मुख्य” घटकों में हमेशा सबसे प्रमुख नहीं होतीं, और CO2/मीथेन या ओजोन/क्लोरीन PM2.5 का प्रत्यक्ष घटक नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों (neurodegenerative diseases) जैसे डिमेंशिया में, मस्तिष्क की कोशिकाएं (न्यूरॉन्स) किस प्रक्रिया से क्षतिग्रस्त या नष्ट हो जाती हैं?

    • (a) न्यूरॉन की वृद्धि और विभाजन
    • (b) न्यूरोट्रांसमीटर का अत्यधिक उत्पादन
    • (c) ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन (inflammation)
    • (d) माइलिन शीथ का तेजी से बनना

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग अक्सर न्यूरॉन्स में जमा होने वाले असामान्य प्रोटीन, ऑक्सीडेटिव तनाव और कालानुक्रमिक सूजन से जुड़े होते हैं, जो अंततः कोशिका मृत्यु की ओर ले जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): डिमेंशिया जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों में, मस्तिष्क की कोशिकाओं को गंभीर क्षति पहुंचती है। ऑक्सीडेटिव तनाव तब होता है जब शरीर में मुक्त कण (free radicals) अधिक हो जाते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। पुरानी सूजन (chronic inflammation) भी मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन एक भूमिका निभा सकता है, लेकिन कोशिका क्षति का मुख्य तंत्र ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन है। न्यूरॉन्स विभाजित नहीं होते, और माइलिन शीथ का बनना रोग का कारण नहीं, बल्कि एक प्रक्रिया है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. फेफड़ों से रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन (O2) का स्थानांतरण किस भौतिकी सिद्धांत पर आधारित है?

    • (a) संवहन (Convection)
    • (b) चालन (Conduction)
    • (c) विसरण (Diffusion)
    • (d) विकिरण (Radiation)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गैसों का स्थानांतरण, जैसे कि फेफड़ों में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का, उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर होता है, जिसे विसरण कहते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जब हम हवा साँस लेते हैं, तो वायुकोशों में ऑक्सीजन की सांद्रता रक्त की तुलना में अधिक होती है। यह सांद्रता ढाल (concentration gradient) ऑक्सीजन को वायुकोशों की पतली झिल्ली से रक्त में विसरित होने के लिए प्रेरित करती है। इसी तरह, रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता अधिक होने के कारण वह वायुकोशों में विसरित हो जाती है। यह प्रक्रिया विसरण कहलाती है, जो ऊष्मागतिकी के दूसरे नियम (Second Law of Thermodynamics) से संबंधित है। संवहन, चालन और विकिरण ऊष्मा या पदार्थ के स्थानांतरण के अन्य तरीके हैं, लेकिन गैस विनिमय के लिए विसरण मौलिक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. प्रदूषित हवा में मौजूद कुछ गैसें, जैसे कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), फेफड़ों में पहुँचकर किस प्रकार की प्रतिक्रिया कर सकती हैं?

    • (a) केवल क्षारीय (alkaline)
    • (b) केवल अम्लीय (acidic)
    • (c) उभयधर्मी (amphoteric)
    • (d) उदासीन (neutral)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कई गैर-धातु ऑक्साइड, जब पानी के संपर्क में आते हैं, तो अम्लीय ऑक्साइड बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) हवा में एक प्रमुख प्रदूषक है। जब NO2 फेफड़ों में नमी के संपर्क में आती है, तो यह नाइट्रिक एसिड (HNO3) और नाइट्रस एसिड (HNO2) बनाती है, जो दोनों ही प्रबल अम्ल हैं। ये अम्ल फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुँचा सकते हैं और सूजन पैदा कर सकते हैं। इसलिए, NO2 को एक अम्लीय ऑक्साइड माना जाता है, जो फेफड़ों में पहुँचकर अम्लीय प्रभाव डालता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. मानव शरीर में, श्वसन तंत्र के उपकला कोशिकाओं (epithelial cells) के क्षतिग्रस्त होने पर कौन सी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (immune response) सक्रिय हो सकती है?

    • (a) फेगोसाइटोसिस (Phagocytosis)
    • (b) एंटीबॉडी उत्पादन
    • (c) एंटीजन प्रस्तुति (Antigen presentation)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): शरीर को बाहरी आक्रमणकारियों, जैसे प्रदूषक कणों या रोगजनकों से बचाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की विभिन्न प्रतिक्रियाएं होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): जब श्वसन तंत्र की कोशिकाएं प्रदूषित हवा से क्षतिग्रस्त होती हैं, तो प्रतिरक्षा प्रणाली की कई प्रतिक्रियाएं एक साथ सक्रिय हो सकती हैं:

    • फेगोसाइटोसिस: मैक्रोफेज जैसी प्रतिरक्षा कोशिकाएं क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और कणों को निगल सकती हैं।
    • एंटीबॉडी उत्पादन: यदि प्रदूषक या उनसे उत्पन्न यौगिक एंटीजन के रूप में कार्य करते हैं, तो बी-कोशिकाएं एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकती हैं।
    • एंटीजन प्रस्तुति: मैक्रोफेज और डेंड्राइटिक कोशिकाएं क्षतिग्रस्त कोशिकाओं के टुकड़े या प्रदूषकों के घटकों को टी-कोशिकाओं को प्रस्तुत कर सकती हैं, जिससे एक विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया शुरू होती है।

    इसलिए, यह सभी प्रतिक्रियाएं एक साथ या क्रमिक रूप से हो सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  7. वायुमंडलीय दाब (atmospheric pressure) में परिवर्तन का मानव श्वसन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उच्च ऊंचाई पर?

    • (a) ऑक्सीजन ग्रहण में वृद्धि
    • (b) कार्बन डाइऑक्साइड के निकास में वृद्धि
    • (c) रक्त में ऑक्सीजन सांद्रता में कमी
    • (d) फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डाल्टन का आंशिक दाब का नियम (Dalton’s Law of Partial Pressures) बताता है कि एक गैस मिश्रण का कुल दाब उसमें मौजूद गैसों के आंशिक दाबों का योग होता है। हवा में ऑक्सीजन का आंशिक दाब (Partial Pressure of Oxygen, PPO2) फेफड़ों में ऑक्सीजन की उपलब्धता निर्धारित करता है।

    व्याख्या (Explanation): उच्च ऊंचाई पर, कुल वायुमंडलीय दाब कम हो जाता है। भले ही हवा में ऑक्सीजन का प्रतिशत (लगभग 21%) समान रहता है, ऑक्सीजन का आंशिक दाब कम हो जाता है। डाल्टन के नियम के अनुसार, PPO2 = कुल दाब × ऑक्सीजन का प्रतिशत। कम कुल दाब के कारण, वायुकोशों में ऑक्सीजन का आंशिक दाब कम हो जाता है, जिससे रक्त में ऑक्सीजन के विसरण की दर कम हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप रक्त में ऑक्सीजन सांद्रता (ऑक्सीहीमोग्लोबिन) कम हो जाती है, जिसे हाइपोक्सिया (hypoxia) कहते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) की क्या भूमिका होती है जो मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है, खासकर जब मुक्त कणों (free radicals) से क्षति का खतरा हो?

    • (a) वे मुक्त कणों को बनाने में मदद करते हैं।
    • (b) वे मुक्त कणों को स्थिर करके उन्हें निष्क्रिय करते हैं।
    • (c) वे सीधे तंत्रिका कोशिकाओं को मारते हैं।
    • (d) वे रक्त-मस्तिष्क अवरोध (blood-brain barrier) को कमजोर करते हैं।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मुक्त कण अस्थिर अणु होते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि एंटीऑक्सीडेंट इन मुक्त कणों को बेअसर करने के लिए इलेक्ट्रॉन दान करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): मुक्त कण अत्यधिक प्रतिक्रियाशील अणु होते हैं जो डीएनए, प्रोटीन और लिपिड को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव होता है। मस्तिष्क विशेष रूप से ऑक्सीडेटिव क्षति के प्रति संवेदनशील होता है। एंटीऑक्सीडेंट, जैसे विटामिन सी, विटामिन ई, और कुछ एंजाइम, मुक्त कणों को इलेक्ट्रॉन दान करके उन्हें स्थिर करते हैं, जिससे वे कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। इस प्रकार, वे कोशिकाओं की रक्षा करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. प्रदूषित हवा में मौजूद कणों का फेफड़ों के वायुकोशों में जमा होना, विशेष रूप से लंबी अवधि में, श्वसन क्रिया को कैसे प्रभावित कर सकता है?

    • (a) वायुकोशों की सतह क्षेत्र को बढ़ाना
    • (b) वायुकोशों की झिल्ली को मोटा और कम पारगम्य बनाना
    • (c) ऑक्सीजन को कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में अधिक कुशलता से विसरित करने देना
    • (d) फेफड़ों में श्लेष्मा (mucus) उत्पादन को कम करना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गैसों का विसरण (Diffusion) उनकी सांद्रता प्रवणता (concentration gradient) और झिल्ली की मोटाई तथा पारगम्यता पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने से कण वायुकोशों में जमा हो सकते हैं और फेफड़ों के ऊतकों में सूजन और फाइब्रोसिस (scarring) हो सकता है। इससे वायुकोशों की दीवारें मोटी हो सकती हैं और उनकी पारगम्यता कम हो सकती है। यह मोटा होना और पारगम्यता में कमी गैसों (जैसे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड) के विसरण के लिए एक बाधा उत्पन्न करती है, जिससे फेफड़ों की गैस विनिमय क्षमता कम हो जाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. प्रदूषित हवा में मौजूद ओजोन (O3) गैस का मानव श्वसन तंत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है?

    • (a) यह फेफड़ों को आराम देती है और वायुमार्ग को खोलती है।
    • (b) यह फेफड़ों में सूजन (inflammation) और जलन पैदा करती है।
    • (c) यह ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाती है।
    • (d) यह केवल नाक और गले को प्रभावित करती है, फेफड़ों तक नहीं पहुँचती।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ओजोन एक शक्तिशाली ऑक्सीडाइज़र है जो जैविक ऊतकों के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है, जिससे क्षति और सूजन होती है।

    व्याख्या (Explanation): ओजोन (O3) एक वायु प्रदूषक है जो जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह एक मजबूत ऑक्सीकारक है जो श्वसन पथ की संवेदनशील अस्तर (lining) को नुकसान पहुँचाता है, जिससे सूजन, जलन, खांसी और साँस लेने में कठिनाई होती है। यह फेफड़ों की ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को भी कम कर सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitters) की भूमिका क्या है, और उनका असंतुलन कैसे संज्ञानात्मक कार्यों (cognitive functions) को प्रभावित कर सकता है?

    • (a) वे न्यूरॉन्स के बीच सूचनाओं के संचरण को रोकते हैं; असंतुलन से स्मृति बढ़ती है।
    • (b) वे न्यूरॉन्स के बीच रासायनिक संदेशवाहक हैं; असंतुलन से स्मृति और सीखने में समस्या हो सकती है।
    • (c) वे मस्तिष्क कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करते हैं; असंतुलन से ऊर्जा उत्पादन बढ़ता है।
    • (d) वे मस्तिष्क में केवल सहायक कोशिकाएं (glial cells) हैं; उनका संदेशों से कोई लेना-देना नहीं है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूरोट्रांसमीटर तंत्रिका तंत्र के कार्य के लिए आवश्यक रासायनिक संदेशवाहक हैं।

  12. व्याख्या (Explanation): न्यूरोट्रांसमीटर न्यूरॉन्स के बीच तंत्रिका आवेगों (nerve impulses) के संचरण की सुविधा प्रदान करते हैं। डोपामाइन, सेरोटोनिन और एसिटाइलकोलाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर स्मृति, सीखने, मनोदशा और अन्य संज्ञानात्मक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर या गतिविधि में असंतुलन, जैसा कि वायु प्रदूषण के कारण मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभावों में देखा जा सकता है, अल्जाइमर जैसे रोगों में संज्ञानात्मक गिरावट का कारण बन सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. यदि वायु प्रदूषक कण रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाते हैं, तो वे शरीर के किन अंगों को सीधे प्रभावित कर सकते हैं?

    • (a) केवल फेफड़े
    • (b) केवल हृदय और रक्त वाहिकाएं
    • (c) हृदय, रक्त वाहिकाएं, मस्तिष्क और अन्य अंग
    • (d) केवल यकृत (liver)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बहुत छोटे कण (जैसे PM2.5 और छोटे) फेफड़ों से रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और पूरे शरीर में फैल सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): अध्ययनों से पता चला है कि PM2.5 जैसे अत्यंत सूक्ष्म प्रदूषक कण फेफड़ों के वायुकोशों से रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं। एक बार रक्त में, वे शरीर के विभिन्न हिस्सों में ले जाए जा सकते हैं, जिनमें हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे और अन्य अंग शामिल हैं। यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें हृदय रोग, स्ट्रोक और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार शामिल हैं, जैसा कि शीर्षक द्वारा सुझाया गया है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. मानव शरीर में श्वसन के दौरान फेफड़ों की कुल सतह क्षेत्र (surface area) क्या होती है, जो गैस विनिमय के लिए महत्वपूर्ण है?

    • (a) लगभग 0.5 वर्ग मीटर
    • (b) लगभग 5 वर्ग मीटर
    • (c) लगभग 50 वर्ग मीटर
    • (d) लगभग 500 वर्ग मीटर

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फेफड़ों में वायुकोशों की विशाल संख्या एक बहुत बड़ा सतह क्षेत्र प्रदान करती है, जो कुशल गैस विनिमय के लिए आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): मानव फेफड़ों में लगभग 300-500 मिलियन वायुकोश होते हैं। इन सभी वायुकोशों की कुल सतह का क्षेत्रफल लगभग 70-100 वर्ग मीटर (लगभग एक टेनिस कोर्ट के बराबर) तक हो सकता है, हालांकि कुछ अनुमान थोड़े कम (जैसे 50 वर्ग मीटर) भी देते हैं। यह विशाल सतह क्षेत्र ऑक्सीजन को रक्त में और कार्बन डाइऑक्साइड को रक्त से फेफड़ों में बहुत कुशलता से स्थानांतरित करने में मदद करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. वायु प्रदूषण के कारण मस्तिष्क में होने वाली सूजन (neuroinflammation) किस प्रकार की कोशिकाओं को सक्रिय कर सकती है?

    • (a) केवल न्यूरॉन्स
    • (b) केवल एस्ट्रोसाइट्स (Astrocytes)
    • (c) माइक्रोग्लिया (Microglia) और एस्ट्रोसाइट्स
    • (d) केवल ओलिगोडेंड्रोसाइट्स (Oligodendrocytes)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): माइक्रोग्लिया केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की प्राथमिक प्रतिरक्षा कोशिकाएं हैं और सूजन प्रतिक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एस्ट्रोसाइट्स सहायक कोशिकाएं हैं जो सूजन प्रतिक्रियाओं में भी भाग लेती हैं।

    व्याख्या (Explanation): वायु प्रदूषण के संपर्क में आने पर, मस्तिष्क में माइक्रोग्लिया सक्रिय हो जाते हैं और प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स (pro-inflammatory cytokines) जारी करते हैं, जिससे न्यूरोइंफ्लेमेशन होता है। एस्ट्रोसाइट्स भी सूजन प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं, न्यूरोट्रांसमीटर को नियंत्रित करते हैं और रक्त-मस्तिष्क अवरोध की अखंडता को प्रभावित करते हैं। ओलिगोडेंड्रोसाइट्स माइलिन शीथ के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं और सीधे सूजन प्रतिक्रिया में प्रमुख भूमिका नहीं निभाते। न्यूरॉन्स सीधे तौर पर मुख्य प्रतिरक्षा कोशिकाएं नहीं हैं, हालांकि वे सूजन से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. पार्टिकुलेट मैटर (PM) प्रदूषण के कारण फेफड़ों में फाइब्रोसिस (fibrosis) का क्या अर्थ है?

    • (a) फेफड़ों में हवा की थैली का बड़ा होना
    • (b) फेफड़ों के ऊतकों का सामान्य हो जाना
    • (c) फेफड़ों के ऊतकों में अत्यधिक निशान ऊतक (scar tissue) का निर्माण
    • (d) फेफड़ों में रक्त के थक्के बनना

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फाइब्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें ऊतकों में सामान्य, स्वस्थ ऊतकों की जगह संयोजी ऊतक (connective tissue) या निशान ऊतक का अत्यधिक निर्माण होता है।

    व्याख्या (Explanation): लंबे समय तक पार्टिकुलेट मैटर (PM) के संपर्क में रहने से फेफड़ों में पुरानी सूजन हो सकती है। इस पुरानी सूजन के जवाब में, फेफड़ों के ऊतक कोलेजन जैसे प्रोटीन का उत्पादन करके खुद को ठीक करने की कोशिश करते हैं। यदि यह प्रक्रिया अनियंत्रित हो जाती है, तो यह फेफड़ों के वायुकोशों में या उनके आसपास अतिरिक्त निशान ऊतक का निर्माण करती है, जिससे फेफड़े कठोर और कम लचीले हो जाते हैं। यह फाइब्रोसिस कहलाता है, जो श्वसन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे वायुमंडल से कौन सी गैस अवशोषित करते हैं?

    • (a) ऑक्सीजन (O2)
    • (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
    • (c) नाइट्रोजन (N2)
    • (d) मीथेन (CH4)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से पोषक तत्वों का निर्माण करते हैं।

  18. व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के दौरान, पौधे क्लोरोफिल की उपस्थिति में सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में, वे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) लेते हैं और इसे पानी (H2O) के साथ मिलाकर ग्लूकोज (एक प्रकार की शर्करा) और ऑक्सीजन (O2) बनाते हैं। समीकरण इस प्रकार है: 6CO2 + 6H2O + प्रकाश ऊर्जा → C6H12O6 + 6O2।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. शरीर में मुक्त कणों (free radicals) को बनने से रोकने या उन्हें निष्क्रिय करने वाले पदार्थों को क्या कहा जाता है?

    • (a) प्रो-ऑक्सीडेंट (Pro-oxidants)
    • (b) एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants)
    • (c) एंजाइम (Enzymes)
    • (d) हॉर्मोन (Hormones)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मुक्त कण अस्थिर अणु होते हैं जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति पहुँचाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट इन मुक्त कणों को स्थिर करके क्षति को रोकते हैं।

  20. व्याख्या (Explanation): एंटीऑक्सीडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाली क्षति से बचाते हैं। ये या तो मुक्त कणों को सीधे निष्क्रिय कर देते हैं या शरीर की एंटीऑक्सीडेंट रक्षा प्रणालियों को बढ़ावा देते हैं। ताजे फल, सब्जियां और कुछ मेवे एंटीऑक्सीडेंट के अच्छे स्रोत हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. ऑक्सीजन की वह मात्रा जिसे एक व्यक्ति एक गहरी साँस लेने के बाद फेफड़ों में भर सकता है, क्या कहलाती है?

    • (a) अवशिष्ट आयतन (Residual Volume)
    • (b) ज्वारीय आयतन (Tidal Volume)
    • (c) महत्वपूर्ण क्षमता (Vital Capacity)
    • (d) अंतःश्वसन रिज़र्व आयतन (Inspiratory Reserve Volume)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फुफ्फुसीय आयतन (Pulmonary Volumes) श्वसन क्रिया के दौरान फेफड़ों में हवा की मात्रा को मापने के तरीके हैं।

    व्याख्या (Explanation):

    • अवशिष्ट आयतन: सबसे जोरदार साँस छोड़ने के बाद भी फेफड़ों में शेष वायु की मात्रा।
    • ज्वारीय आयतन: एक सामान्य, शांत साँस के दौरान साँस अंदर ली गई या छोड़ी गई वायु की मात्रा।
    • अंतःश्वसन रिज़र्व आयतन: एक सामान्य साँस के अंत में, एक अतिरिक्त जोरदार साँस के साथ अतिरिक्त हवा की मात्रा जो अंदर ली जा सकती है।
    • महत्वपूर्ण क्षमता: सबसे जोरदार साँस लेने के बाद, फेफड़ों से निकाली जा सकने वाली हवा की अधिकतम मात्रा (अर्थात, ज्वारीय आयतन + अंतःश्वसन रिज़र्व आयतन + बहिःश्वसन रिज़र्व आयतन)। यह वह आयतन है जो सामान्य साँस लेने के साथ-साथ अधिकतम प्रयास से फेफड़ों से बाहर निकाला जा सकता है।

    इसलिए, एक गहरी साँस लेने के बाद फेफड़ों में अधिकतम वायु की मात्रा महत्वपूर्ण क्षमता से सबसे अच्छी तरह वर्णित की जाती है।

  22. अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. श्वसन तंत्र के कैंसर में, कोशिकाओं का कौन सा विशिष्ट परिवर्तन (mutation) अक्सर देखा जाता है, जिससे अनियंत्रित कोशिका वृद्धि होती है?

    • (a) जीन में उत्परिवर्तन (Gene mutation)
    • (b) क्रोमोसोम में असामान्यताएं (Chromosomal abnormalities)
    • (c) एपिजेनेटिक परिवर्तन (Epigenetic changes)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कैंसर कोशिकाओं के डीएनए में विभिन्न प्रकार के आनुवंशिक और अधि-आनुवंशिक (epigenetic) परिवर्तन के कारण अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं।

    व्याख्या (Explanation): कैंसर, जिसमें श्वसन तंत्र का कैंसर भी शामिल है, कई प्रकार के आनुवंशिक और अधि-आनुवंशिक परिवर्तनों का परिणाम है। इसमें डीएनए अनुक्रम में विशिष्ट जीन उत्परिवर्तन (जैसे ट्यूमर सप्रेसर जीन या ऑन्कोजीन में), क्रोमोसोम की संरचना या संख्या में परिवर्तन (जैसे विलोपन, स्थानांतरण), और जीन अभिव्यक्ति में परिवर्तन (जैसे डीएनए मेथिलिकरण या हिस्टोन संशोधन) शामिल हैं, जिन्हें एपिजेनेटिक परिवर्तन कहा जाता है। ये सभी कारक मिलकर कोशिका चक्र को अनियंत्रित कर सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  24. बहिःश्वसन (Exhalation) के दौरान फेफड़ों से हवा कैसे बाहर निकलती है?

    • (a) सक्रिय मांसपेशी संकुचन द्वारा
    • (b) निष्क्रिय रूप से, डायाफ्राम के शिथिल होने से
    • (c) फेफड़ों में वायुदाब का बढ़ना
    • (d) फेफड़ों में ऊतकों का फैलना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): साँस लेना और छोड़ना वायुमंडलीय दाब और फेफड़ों के अंदर दाब के बीच अंतर के कारण होता है।

    व्याख्या (Explanation): एक सामान्य, शांत बहिःश्वसन (exhalation) एक निष्क्रिय प्रक्रिया है। डायाफ्राम (diaphragm) और बाहरी इंटरकोस्टल मांसपेशियां (external intercostal muscles) शिथिल हो जाती हैं। इसके कारण वक्ष गुहा (thoracic cavity) का आयतन कम हो जाता है, जिससे फेफड़ों के अंदर का वायुदाब आसपास के वायुमंडलीय दाब से अधिक हो जाता है। इस दाब प्रवणता के कारण हवा फेफड़ों से बाहर निकल जाती है। केवल जोरदार बहिःश्वसन के लिए आंतरिक इंटरकोस्टल मांसपेशियों और पेट की मांसपेशियों जैसे सहायक श्वसन मांसपेशियों के सक्रिय संकुचन की आवश्यकता होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  25. मानव शरीर में pH संतुलन बनाए रखने में कौन सी शारीरिक प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है?

    • (a) केवल पाचन तंत्र
    • (b) केवल तंत्रिका तंत्र
    • (c) श्वसन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र (गुर्दे) और बफर सिस्टम
    • (d) केवल अंतःस्रावी तंत्र (endocrine system)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रक्त का pH (लगभग 7.35-7.45) एक संकीर्ण सीमा में बनाए रखना आवश्यक है, और कई प्रणालियाँ इसमें योगदान करती हैं।

    व्याख्या (Explanation):

    • श्वसन तंत्र: फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के स्तर को नियंत्रित करके pH को प्रभावित करते हैं। CO2 पानी के साथ मिलकर कार्बोनिक एसिड (H2CO3) बनाता है, जो pH को कम करता है। तेज़ी से साँस लेने से CO2 का निष्कासन बढ़ता है और pH बढ़ता है (अधिक क्षारीय), जबकि धीमी साँस लेने से CO2 का स्तर बढ़ता है और pH कम होता है (अधिक अम्लीय)।
    • उत्सर्जन तंत्र (गुर्दे): गुर्दे बाइकार्बोनेट (HCO3-) जैसे आयनों को पुन: अवशोषित करके या उत्सर्जित करके pH को विनियमित करते हैं।
    • बफर सिस्टम: रक्त में विभिन्न बफर सिस्टम (जैसे बाइकार्बोनेट, फॉस्फेट और प्रोटीन बफर) तत्काल pH परिवर्तन का विरोध करते हैं।

    ये प्रणालियाँ मिलकर शरीर के pH को स्थिर रखती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  26. वायु प्रदूषण के संबंध में, “वैश्विक तापन” (Global Warming) और “जलवायु परिवर्तन” (Climate Change) शब्दों का क्या अर्थ है?

    • (a) ये दोनों शब्द एक ही चीज़ का वर्णन करते हैं: पृथ्वी का गर्म होना।
    • (b) वैश्विक तापन पृथ्वी की सतह के तापमान में वृद्धि है, जबकि जलवायु परिवर्तन में तापमान परिवर्तन के साथ-साथ अन्य मौसमी पैटर्न में बदलाव भी शामिल हैं।
    • (c) वैश्विक तापन केवल मानव-निर्मित है, जबकि जलवायु परिवर्तन प्राकृतिक है।
    • (d) जलवायु परिवर्तन केवल महासागरों को प्रभावित करता है, जबकि वैश्विक तापन भूमि को।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वैश्विक तापन और जलवायु परिवर्तन संबंधित लेकिन भिन्न अवधारणाएँ हैं, जो मानव गतिविधियों और प्राकृतिक प्रक्रियाओं से पृथ्वी के वायुमंडल और जलवायु पर पड़ने वाले प्रभावों का वर्णन करती हैं।

    व्याख्या (Explanation):

    • वैश्विक तापन (Global Warming): मुख्य रूप से ग्रीनहाउस गैसों (जैसे CO2, मीथेन) के कारण पृथ्वी के वायुमंडल के औसत तापमान में वृद्धि को संदर्भित करता है।
    • जलवायु परिवर्तन (Climate Change): एक व्यापक शब्द है जिसमें वैश्विक तापन के साथ-साथ तापमान में वृद्धि के कारण होने वाले अन्य प्रभाव शामिल हैं, जैसे वर्षा पैटर्न में बदलाव, समुद्र के स्तर में वृद्धि, ग्लेशियरों का पिघलना, चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि, और पारिस्थितिक तंत्र में परिवर्तन।

    इसलिए, वैश्विक तापन जलवायु परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, लेकिन जलवायु परिवर्तन अधिक व्यापक है।

  27. अतः, सही उत्तर (b) है।

  28. यदि वायु प्रदूषक कण रक्त-मस्तिष्क अवरोध (blood-brain barrier) को पार कर जाते हैं, तो वे मस्तिष्क के किन क्षेत्रों में सबसे अधिक जमा हो सकते हैं, जो स्मृति और भावनाओं से जुड़े हैं?

    • (a) सेरिबैलम (Cerebellum)
    • (b) हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) और एमिग्डाला (Amygdala)
    • (c) मेडुला ओब्लोंगटा (Medulla Oblongata)
    • (d) स्पाइनल कॉर्ड (Spinal Cord)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रक्त-मस्तिष्क अवरोध मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं की एक सुरक्षात्मक परत है जो कई पदार्थों को मस्तिष्क में प्रवेश करने से रोकती है, लेकिन कुछ अत्यंत छोटे कण या रसायन इसे पार कर सकते हैं।

  29. व्याख्या (Explanation): अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषक कण, विशेष रूप से PM2.5, मस्तिष्क में तंत्रिका संबंधी मार्गों (जैसे घ्राण तंत्रिका, olfactory nerve) के माध्यम से या रक्त-मस्तिष्क अवरोध को पार करके सीधे मस्तिष्क के ऊतकों में प्रवेश कर सकते हैं। मस्तिष्क के वे क्षेत्र जो स्मृति (हिप्पोकैम्पस) और भावनाओं (एमिग्डाला) के लिए महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से प्रदूषकों के प्रति संवेदनशील पाए गए हैं, जो इन कार्यों में विघ्न डाल सकते हैं। सेरिबैलम मुख्य रूप से संतुलन और समन्वय से जुड़ा है, मेडुला ओब्लोंगटा श्वसन और हृदय गति जैसी अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है, और स्पाइनल कॉर्ड तंत्रिका संकेतों का संवाहक है, लेकिन स्मृति और भावना के लिए हिप्पोकैम्पस और एमिग्डाला अधिक लक्षित क्षेत्र माने जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  30. कोशिका श्वसन (Cellular Respiration) की प्रक्रिया में, कोशिकाएं ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करने के लिए किस गैस का उपयोग करती हैं?

    • (a) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
    • (b) नाइट्रोजन (N2)
    • (c) ऑक्सीजन (O2)
    • (d) हाइड्रोजन (H2)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एरोबिक श्वसन (Aerobic Respiration) वह प्रक्रिया है जिसमें कोशिकाएं ऑक्सीजन की उपस्थिति में ग्लूकोज को तोड़कर ATP (ऊर्जा मुद्रा) का उत्पादन करती हैं।

  31. व्याख्या (Explanation): कोशिका श्वसन की प्रक्रिया, विशेष रूप से एरोबिक श्वसन, ऊर्जा (ATP) का उत्पादन करने के लिए ऑक्सीजन का उपयोग करती है। यह प्रक्रिया माइटोकॉन्ड्रिया में होती है, जहाँ ग्लूकोज और अन्य ईंधन अणुओं को तोड़ा जाता है, और अंतिम इलेक्ट्रॉन स्वीकर्ता के रूप में ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है। इसके उप-उत्पादों में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी शामिल हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  32. मानव शरीर में, गैसों के निष्कासन (excretion) के लिए मुख्य रूप से कौन सी प्रणाली जिम्मेदार है?

    • (a) परिसंचरण तंत्र (Circulatory system)
    • (b) तंत्रिका तंत्र (Nervous system)
    • (c) उत्सर्जन तंत्र (Excretory system)
    • (d) लसीका तंत्र (Lymphatic system)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उत्सर्जन तंत्र शरीर से उपापचय (metabolic) के अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने के लिए जिम्मेदार है।

    व्याख्या (Explanation): उत्सर्जन तंत्र मुख्य रूप से गुर्दे (kidneys), मूत्राशय (bladder), मूत्रवाहिनी (ureters) और मूत्रमार्ग (urethra) से मिलकर बनता है। गुर्दे रक्त से यूरिया, अतिरिक्त लवण और पानी को फ़िल्टर करके मूत्र बनाते हैं, जो शरीर से अपशिष्ट के रूप में बाहर निकल जाता है। हालांकि, श्वसन तंत्र कार्बन डाइऑक्साइड जैसे गैसीय अपशिष्टों का उत्सर्जन करता है, और त्वचा पसीने के माध्यम से कुछ अपशिष्टों को बाहर निकालती है, लेकिन “गैसों के निष्कासन” के व्यापक संदर्भ में, उत्सर्जन तंत्र (गुर्दे) मुख्य भूमिका निभाता है। यदि प्रश्न विशेष रूप से गैसीय अपशिष्टों की बात करता है, तो श्वसन तंत्र को भी शामिल किया जाएगा, लेकिन सामान्य संदर्भ में, उत्सर्जन तंत्र प्रमुख है। यह प्रश्न सामान्य निष्कासन पर केंद्रित है।

  33. अतः, सही उत्तर (c) है।

  34. मस्तिष्क में न्यूरॉन्स के बीच सिग्नल ट्रांसमिशन में कौन सा आयन (ion) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?

    • (a) सोडियम (Na+)
    • (b) पोटेशियम (K+)
    • (c) कैल्शियम (Ca2+)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तंत्रिका आवेगों (nerve impulses) का संचरण आयनों के झिल्ली पार स्थानांतरण पर निर्भर करता है, जिससे विद्युत क्षमता (electrical potential) में परिवर्तन होता है।

    व्याख्या (Explanation):

    • सोडियम (Na+) और पोटेशियम (K+): ये आयन तंत्रिका कोशिका झिल्ली के पार विश्राम झिल्ली क्षमता (resting membrane potential) और एक्शन पोटेंशियल (action potential) को स्थापित करने और प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    • कैल्शियम (Ca2+): जब एक एक्शन पोटेंशियल तंत्रिका अंत (nerve terminal) तक पहुँचता है, तो वोल्टेज-गेटेड कैल्शियम चैनल खुल जाते हैं, जिससे कैल्शियम आयन कोशिका में प्रवेश करते हैं। यह न्यूरोट्रांसमीटर को सिनेप्टिक फांक (synaptic cleft) में छोड़ने के लिए संकेत देता है, जो न्यूरॉन्स के बीच सिग्नल ट्रांसमिशन का एक महत्वपूर्ण कदम है।

    इसलिए, ये सभी आयन न्यूरॉनल सिग्नलिंग के लिए आवश्यक हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

Leave a Comment