विमान में धुएं का खतरा: यात्री सुरक्षा, नियामक ढांचा और UPSC के लिए आवश्यक ज्ञान
चर्चा में क्यों? (Why in News?):
हाल ही में, अमेरिकन एयरलाइंस की एक उड़ान के दौरान, विमान के अंदर धुआं फैलने की एक भयावह घटना सामने आई। इस अप्रत्याशित स्थिति में, यात्रियों को अपनी जान बचाने के लिए आपातकालीन निकास स्लाइड का उपयोग करके विमान से बाहर निकलना पड़ा। यह घटना न केवल विमानन सुरक्षा पर चिंताएं बढ़ाती है, बल्कि यह यात्रियों की सुरक्षा, आपातकालीन प्रक्रियाओं और नियामक ढांचे के महत्व को भी रेखांकित करती है। UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए, यह घटना सामान्य ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी (विमानन सुरक्षा), आपदा प्रबंधन और सरकारी नीतियों जैसे विषयों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह विस्तृत विश्लेषण इस घटना के पीछे के संभावित कारणों, विमानन सुरक्षा मानकों, यात्रियों के बचाव के तरीकों, नियामक निकायों की भूमिका और UPSC परीक्षा के विभिन्न चरणों में इससे जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालेगा।
1. घटना का विस्तृत विवरण और संभावित कारण (Detailed Description of the Incident & Potential Causes):
अमेरिकन एयरलाइंस के विमान में धुएं के फैलने की घटना एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन का संकेत देती है। जब किसी विमान केबिन में धुआं फैलता है, तो यह तुरंत यात्रियों के बीच दहशत का माहौल बना देता है। इस विशिष्ट मामले में, यात्रियों द्वारा आपातकालीन स्लाइड का उपयोग करके बाहर निकलने का निर्णय, स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
धुएं के संभावित कारण:
- इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट (Electrical Short Circuit): विमान में कई जटिल इलेक्ट्रिकल सिस्टम होते हैं। किसी तार का खराब होना, शॉर्ट सर्किट, या ओवरहीटिंग से धुआं या आग लग सकती है। यह सबसे आम कारणों में से एक है।
- ओवरहीटिंग कंपोनेंट्स (Overheating Components): इंजन, सहायक पावर यूनिट (APU), या केबिन के अंदर के उपकरण, जैसे मनोरंजन प्रणाली, ओवरहीट हो सकते हैं, जिससे धुआं उत्पन्न हो सकता है।
- स्पिलिंग ऑफ फ्लूइड्स (Spilling of Fluids): कुछ तरल पदार्थ, विशेष रूप से ज्वलनशील या रासायनिक गुण वाले, अगर किसी गर्म सतह के संपर्क में आते हैं, तो धुआं पैदा कर सकते हैं।
- सामान में आग (Fire in Baggage): कभी-कभी, यात्री अपने सामान में ज्वलनशील सामग्री (जैसे पावर बैंक, लाइटर) ले जाते हैं, जो अनजाने में आग पकड़ सकती है और धुआं फैला सकती है।
- बाहरी स्रोत (External Source): हालांकि दुर्लभ, लेकिन विमान के बाहर से भी कुछ संदूषण (contamination) या आग का प्रभाव हो सकता है।
- टॉयलेट में आग (Lavatory Fire): कई बार, सिगरेट के बचे-खुचे टुकड़े (यदि अशोधनीय रूप से फेंके गए हों) कूड़ेदान में आग लगा सकते हैं, जिससे धुआं फैलता है।
विमान की जांच से ही धुएं के सटीक कारण का पता चल पाएगा। हालांकि, यह घटना स्वचालित रूप से विमानन सुरक्षा के उच्च मानकों पर सवाल उठाती है।
2. विमानन सुरक्षा: सिद्धांत और नियामक ढांचा (Aviation Safety: Principles and Regulatory Framework):
विमानन सुरक्षा, यात्रियों और चालक दल को हवाई यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने की एक बहुस्तरीय प्रणाली है। यह अत्यंत कठोर नियमों, कड़े निरीक्षणों और निरंतर सुधार पर आधारित है।
2.1. सुरक्षा के मुख्य स्तंभ (Key Pillars of Safety):
- डिजाइन और निर्माण (Design & Manufacturing): विमानों को अत्यधिक कड़े सुरक्षा मानकों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया जाता है। सामग्री की गुणवत्ता, सिस्टम रिडंडेंसी (redundancy) और आपातकालीन प्रणालियां महत्वपूर्ण हैं।
- रखरखाव (Maintenance): विमानों का नियमित और गहन रखरखाव किया जाता है। हर छोटी-बड़ी समस्या को तुरंत ठीक किया जाता है।
- संचालन (Operations): एयरलाइन कंपनियां पायलटों, केबिन क्रू और ग्राउंड स्टाफ के लिए कठोर प्रशिक्षण और संचालन प्रक्रियाएं लागू करती हैं।
- नियामक निगरानी (Regulatory Oversight): सरकारी संस्थाएं (जैसे FAA in USA, EASA in Europe, DGCA in India) एयरलाइंस और निर्माताओं की निगरानी करती हैं।
2.2. प्रमुख नियामक निकाय (Key Regulatory Bodies):
- फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA – USA): संयुक्त राज्य अमेरिका में विमानन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार।
- यूरोपियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA – Europe): पूरे यूरोप के लिए सुरक्षा मानक तय करती है।
- डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA – India): भारत में नागरिक उड्डयन की निगरानी करता है।
- इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO): संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी जो वैश्विक विमानन मानकों को स्थापित करती है।
ये निकाय यह सुनिश्चित करते हैं कि विमानों में धुएं या आग लगने जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण (जैसे स्मोक डिटेक्टर, अग्निशामक, आपातकालीन निकास) और प्रोटोकॉल मौजूद हों।
3. आपातकालीन निकास और यात्री निकासी (Emergency Exits & Passenger Evacuation):
विमान में आग या धुआं एक सबसे खतरनाक आपात स्थितियों में से एक है, क्योंकि यह तेजी से फैल सकता है और दृश्यता को कम कर सकता है। ऐसे में, यात्रियों की सुरक्षित निकासी सर्वोपरि हो जाती है।
3.1. आपातकालीन निकास (Emergency Exits):
- हर यात्री विमान में उपलब्ध सभी निकासों की जानकारी रखते हैं, जो सुरक्षा ब्रीफिंग (safety briefing) के दौरान दी जाती है।
- विमान में ओवर-विंग एग्जिट (over-wing exits) और मुख्य दरवाजे (main doors) जैसे कई निकास बिंदु होते हैं।
- अधिकांश निकासों के साथ इन्फ्लेटेबल स्लाइड्स (inflatable slides) लगी होती हैं।
3.2. इन्फ्लेटेबल स्लाइड्स (Inflatable Slides):
यह क्या हैं? ये विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए, हवा से भरे हुए रैंप होते हैं जो विमान के निकास दरवाजों से जुड़े होते हैं। किसी आपातकालीन स्थिति में, ये कुछ ही सेकंड में फूल जाते हैं और यात्रियों को जमीन तक सुरक्षित रूप से उतरने का रास्ता प्रदान करते हैं।
क्यों महत्वपूर्ण हैं? जब आग या मलबे की वजह से सामान्य निकास अनुपयोगी हो जाते हैं, या जब विमान रनवे पर उतरने के बजाय किसी और सतह पर रुक जाता है, तो ये स्लाइड्स जीवन रक्षक उपकरण साबित होते हैं। इनकी ऊंचाई और कोण को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि यात्री आसानी से और जल्दी से नीचे उतर सकें।
कार्यप्रणाली: जब स्लाइड को सक्रिय किया जाता है (आमतौर पर हैंडल खींचकर), तो यह एक कंप्रेस्ड गैस (जैसे नाइट्रोजन) का उपयोग करके तेजी से फूल जाती है।
3.3. निकासी प्रक्रिया (Evacuation Process):
- चालक दल का आदेश: कैप्टन या केबिन क्रू द्वारा निकासी का आदेश दिया जाता है।
- निकासों को खोलना: प्रशिक्षित चालक दल आपातकालीन निकासों को खोलता है और स्लाइड्स को सक्रिय करता है।
- यात्रियों का मार्गदर्शन: चालक दल यात्रियों को शांत रहने, सीट बेल्ट खोलने, ज्वलनशील वस्तुओं को छोड़ने और निकास की ओर बढ़ने का निर्देश देता है।
- स्लाइड का उपयोग: यात्री बारी-बारी से, बिना धक्का-मुक्की किए, स्लाइड का उपयोग करके नीचे उतरते हैं।
- सुरक्षित दूरी: उतरने के बाद, यात्रियों को विमान से सुरक्षित दूरी पर ले जाया जाता है।
“बसने के लिए भागें” (Run to Live): ऐसी स्थिति में, चालक दल का प्राथमिक उद्देश्य सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालना होता है, भले ही इसके लिए आपातकालीन स्लाइड का उपयोग करना पड़े, जो सामान्यतः अंतिम उपाय होता है।
4. UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC Exam):
यह घटना UPSC परीक्षा के विभिन्न चरणों और विषयों के लिए महत्वपूर्ण सबक प्रदान करती है।
4.1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – GS Paper I, II, III
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी (GS-III): विमानन सुरक्षा, आग से बचाव के उपाय, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, विमान के पुर्जों का कार्य।
- आंतरिक सुरक्षा (GS-III): सुरक्षा चूक, यात्रियों की सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी उपाय (हालांकि इस घटना में लागू नहीं)।
- आपदा प्रबंधन (GS-III): आपातकालीन निकासी प्रक्रियाएं, जोखिम मूल्यांकन, राहत और बचाव कार्य।
- शासन (GS-II): नियामक निकायों की भूमिका (FAA, DGCA, ICAO), सुरक्षा नीतियां, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग।
- समसामयिक मामले: हाल की महत्वपूर्ण घटनाएं जो सुरक्षा या परिवहन से संबंधित हों।
4.2. मुख्य परीक्षा (Mains) – GS Paper III
GS-III: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, विकास, अंतरिक्ष, IT, रक्षा, आंतरिक सुरक्षा
विषय: सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- प्रश्न का प्रकार: विश्लेषणात्मक।
- विश्लेषण के बिंदु:
- विमान में आग/धुएं के खतरों और उनके कारणों का विश्लेषण करें।
- विमानन सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय नियामक ढांचे की चर्चा करें।
- यात्री निकासी के लिए अपनाई जाने वाली आपातकालीन प्रक्रियाओं के महत्व पर प्रकाश डालें।
- ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण की भूमिका का मूल्यांकन करें।
- आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से, इस घटना से सीखे जाने वाले सबक क्या हैं?
उदाहरण के लिए, एक मेन्स प्रश्न हो सकता है:
“हाल ही में अमेरिकन एयरलाइंस की एक उड़ान पर धुआं फैलने की घटना ने विमानन सुरक्षा पर चिंताओं को फिर से उजागर किया है। इस संदर्भ में, विमान में आग लगने के प्रमुख कारणों का विश्लेषण करें और भारत में नागरिक उड्डयन सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले नियामक तंत्र (जैसे DGCA) की भूमिका पर प्रकाश डालें। साथ ही, यात्री निकासी में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण की संभावनाओं पर चर्चा करें।”
5. चुनौतियाँ और भविष्य की राह (Challenges and Way Forward):
ऐसी घटनाएं विमानन सुरक्षा में निरंतर सुधार की आवश्यकता को दर्शाती हैं।
5.1. वर्तमान चुनौतियाँ (Current Challenges):
- पुरानी विमान प्रणाली (Aging Aircraft Systems): पुराने विमानों के पुर्जे खराब होने की अधिक संभावना रखते हैं।
- तकनीकी जटिलता (Technological Complexity): आधुनिक विमानों में जटिल इलेक्ट्रॉनिक्स होते हैं, जिनकी विफलता अप्रत्याशित परिणाम दे सकती है।
- मानवीय कारक (Human Factor): पायलटों, क्रू और रखरखाव कर्मियों का प्रशिक्षण और सतर्कता महत्वपूर्ण है, लेकिन मानवीय त्रुटि एक संभावना बनी रहती है।
- सामान सुरक्षा (Baggage Security): यात्रियों द्वारा ले जाए जाने वाले सामान में ज्वलनशील या खतरनाक वस्तुओं की अनजाने में या जानबूझकर ले जाने की समस्या।
- जटिल नियामक अनुपालन (Complex Regulatory Compliance): अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय नियमों का पालन सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।
5.2. भविष्य की राह (Way Forward):
- सक्रिय रखरखाव (Proactive Maintenance): भविष्य कहनेवाला रखरखाव (predictive maintenance) तकनीकों का उपयोग करना, जो संभावित विफलताओं का अनुमान लगा सकें।
- उन्नत फायर डिटेक्शन और सप्रेशन सिस्टम: अधिक संवेदनशील और त्वरित प्रतिक्रिया देने वाली फायर डिटेक्शन और सप्रेशन प्रणालियों का विकास और कार्यान्वयन।
- बेहतर केबिन सामग्री (Improved Cabin Materials): ऐसे केबिन सामग्री का उपयोग जो आग प्रतिरोधी हों और धुआं कम उत्पन्न करें।
- निरंतर चालक दल प्रशिक्षण (Continuous Crew Training): नियमित रूप से आपातकालीन निकासी और आग से निपटने के सिमुलेशन (simulations) आयोजित करना।
- स्मार्ट लगेज नियम (Smarter Luggage Regulations): यात्रियों द्वारा ले जाए जाने वाले सामानों पर कड़े नियम और जांच।
- डेटा विश्लेषण (Data Analysis): दुर्घटनाओं और घटनाओं से प्राप्त डेटा का गहन विश्लेषण करके भविष्य की घटनाओं को रोकना।
- AI और मशीन लर्निंग का उपयोग: विमानों के स्वास्थ्य की निगरानी और संभावित खतरों की पहचान के लिए AI/ML का उपयोग।
उपमा: विमानन सुरक्षा को एक “परतदार प्याज” की तरह समझें। प्रत्येक परत (डिजाइन, रखरखाव, संचालन, नियम, प्रशिक्षण) सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब कोई एक परत कमजोर पड़ती है, तो बाकी परतें उसकी भरपाई करने का प्रयास करती हैं, लेकिन पूरी प्रणाली की अखंडता प्रभावित हो सकती है। इसी तरह, यात्रियों को आपातकालीन स्लाइड से निकालना “अंतिम उपाय” की तरह है, जब सामान्य निकास मार्ग असुरक्षित हो जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
अमेरिकन एयरलाइंस की घटना एक वेक-अप कॉल है जो विमानन सुरक्षा के महत्व को एक बार फिर रेखांकित करती है। यह दिखाता है कि कैसे तकनीकी खामियां या मानवीय भूलें गंभीर आपात स्थिति पैदा कर सकती हैं। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह केवल एक समाचार घटना नहीं है, बल्कि यह जीएस-III के सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों को समझने का एक व्यावहारिक उदाहरण है। नियामक ढांचे की समझ, आपातकालीन प्रक्रियाओं का ज्ञान, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर विचार करना, परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यात्रियों की सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि रहनी चाहिए, और इसके लिए निरंतर नवाचार, कड़े नियम और चौकस निगरानी आवश्यक है।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
- प्रश्न: विमान में धुएं के फैलाव का एक संभावित कारण क्या हो सकता है?
(a) इंजन का ओवरहीटिंग
(b) इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट
(c) केबिन में ओवरहीटिंग उपकरण
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
व्याख्या: विमान में धुआं कई कारणों से फैल सकता है, जिसमें इंजन या इलेक्ट्रिकल सिस्टम का ओवरहीट होना, शॉर्ट सर्किट, या केबिन के अंदर के उपकरणों का खराब होना शामिल है। - प्रश्न: अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन मानकों को स्थापित करने वाली संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी कौन सी है?
(a) FAA (Federal Aviation Administration)
(b) EASA (European Aviation Safety Agency)
(c) DGCA (Directorate General of Civil Aviation)
(d) ICAO (International Civil Aviation Organization)
उत्तर: (d) ICAO
व्याख्या: ICAO वैश्विक स्तर पर विमानन मानकों को स्थापित करने और लागू करने के लिए जिम्मेदार है, जबकि FAA, EASA और DGCA क्षेत्रीय या राष्ट्रीय नियामक निकाय हैं। - प्रश्न: विमान में आपातकालीन निकास के साथ अक्सर कौन से उपकरण जुड़े होते हैं जो यात्रियों को नीचे उतरने में मदद करते हैं?
(a) रबर की सीढ़ियाँ
(b) इन्फ्लेटेबल स्लाइड्स
(c) पैराशूट
(d) लाइफ जैकेट
उत्तर: (b) इन्फ्लेटेबल स्लाइड्स
व्याख्या: आपातकालीन स्थितियों में, विशेष रूप से जब विमान ऊँचाई पर होता है या सामान्य निकास दुर्गम हो जाते हैं, तो इन्फ्लेटेबल स्लाइड्स यात्रियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए उपयोग की जाती हैं। - प्रश्न: भारत में नागरिक उड्डयन की सुरक्षा और नियामक निगरानी के लिए कौन सी संस्था जिम्मेदार है?
(a) वायु सेना (Indian Air Force)
(b) नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation)
(c) DGCA (Directorate General of Civil Aviation)
(d) AAI (Airports Authority of India)
उत्तर: (c) DGCA
व्याख्या: DGCA भारत में नागरिक उड्डयन से संबंधित सभी नियामक और सुरक्षा पहलुओं के लिए जिम्मेदार शीर्ष निकाय है। - प्रश्न: विमान के अंदर आग लगने की स्थिति में, यात्रियों को सबसे पहले क्या करना चाहिए?
(a) तुरंत खिड़की खोलने की कोशिश करें।
(b) चालक दल के निर्देशों का पालन करें और शांत रहें।
(c) अपने सामान को सुरक्षित करने का प्रयास करें।
(d) विमान से कूदने की कोशिश करें।
उत्तर: (b) चालक दल के निर्देशों का पालन करें और शांत रहें।
व्याख्या: आपातकालीन स्थितियों में, केबिन क्रू को प्रशिक्षित किया जाता है और वे निकासी प्रक्रिया का मार्गदर्शन करते हैं। यात्रियों के लिए सबसे सुरक्षित तरीका उनके निर्देशों का पालन करना है। - प्रश्न: विमानन सुरक्षा के संबंध में “रिडंडेंसी” (Redundancy) शब्द का क्या अर्थ है?
(a) सुरक्षा मानकों में कमी।
(b) सिस्टम की दोहराव (backup) क्षमता।
(c) केवल एक ही सुरक्षा प्रणाली का होना।
(d) आपातकालीन निकासों की संख्या।
उत्तर: (b) सिस्टम की दोहराव (backup) क्षमता।
व्याख्या: रिडंडेंसी का अर्थ है कि महत्वपूर्ण सिस्टम (जैसे इंजन, हाइड्रोलिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स) के लिए बैकअप सिस्टम का होना, ताकि यदि एक विफल हो जाए, तो दूसरा काम करना जारी रखे। - प्रश्न: विमान केबिन में धुएं के कारण दृश्यता (visibility) कैसे प्रभावित हो सकती है?
(a) दृश्यता बढ़ जाती है।
(b) दृश्यता कम हो जाती है, जिससे निकास ढूंढना मुश्किल हो जाता है।
(c) दृश्यता अपरिवर्तित रहती है।
(d) धुएं का दृश्यता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
उत्तर: (b) दृश्यता कम हो जाती है, जिससे निकास ढूंढना मुश्किल हो जाता है।
व्याख्या: धुआं हवा में कणों को फैलाता है, जिससे प्रकाश का प्रकीर्णन (scattering) होता है और दृश्यता नाटकीय रूप से कम हो जाती है, जो निकासी के लिए एक बड़ा खतरा है। - प्रश्न: विमान में लगी आग से लड़ने के लिए आमतौर पर किस प्रकार के अग्निशामक यंत्र (fire extinguishers) उपयोग किए जाते हैं?
(a) केवल पानी आधारित
(b) CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) या हैलोन (Halon) आधारित
(c) फोम आधारित
(d) ये सभी
उत्तर: (b) CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) या हैलोन (Halon) आधारित
व्याख्या: विमान में CO2 और हैलोन (या इसके सुरक्षित विकल्प) आधारित अग्निशामक यंत्रों का उपयोग किया जाता है क्योंकि वे बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचाए बिना आग बुझा सकते हैं और पीछे कोई अवशेष नहीं छोड़ते। - प्रश्न: “भविष्य कहनेवाला रखरखाव” (Predictive Maintenance) का संबंध विमानन सुरक्षा से कैसे है?
(a) यह केवल दुर्घटनाओं के बाद किया जाता है।
(b) यह विफलता के संकेतों का पता लगाकर भविष्य की खराबी को रोकने में मदद करता है।
(c) यह पुराने विमानों के लिए प्रासंगिक नहीं है।
(d) यह रखरखाव लागत को बढ़ाता है।
उत्तर: (b) यह विफलता के संकेतों का पता लगाकर भविष्य की खराबी को रोकने में मदद करता है।
व्याख्या: भविष्य कहनेवाला रखरखाव, सेंसर डेटा और AI का उपयोग करके यह अनुमान लगाता है कि कब कोई पुर्जा खराब होने वाला है, जिससे समय पर बदलाव करके बड़ी दुर्घटनाओं को रोका जा सके। - प्रश्न: विमान में आग लगने की स्थिति में, केबिन क्रू का प्राथमिक कर्तव्य क्या है?
(a) यात्री के सामान को बचाने का प्रयास करना।
(b) विमान को नियंत्रण करने के लिए कॉकपिट में जाना।
(c) यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सुरक्षित निकासी का प्रबंधन करना।
(d) आग बुझाने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग करना।
उत्तर: (c) यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सुरक्षित निकासी का प्रबंधन करना।
व्याख्या: केबिन क्रू का मुख्य लक्ष्य सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालना है, जबकि कॉकपिट क्रू (पायलट) विमान को नियंत्रित करने और आपातकालीन लैंडिंग की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
मुख्य परीक्षा (Mains)
- प्रश्न: हाल ही में अमेरिकन एयरलाइंस के विमान में धुएं की घटना के संदर्भ में, विमानन सुरक्षा में “मानवीय कारक” (Human Factor) की भूमिका का विश्लेषण करें। आप कैसे मानते हैं कि प्रशिक्षण, कार्यभार और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुधार करके मानवीय त्रुटियों को कम किया जा सकता है, जो विमान में आग जैसी घटनाओं को रोकने में सहायक हो? (लगभग 250 शब्द)
- प्रश्न: भारत में, नागरिक उड्डयन क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए DGCA (Directorate General of Civil Aviation) जैसी नियामक संस्थाओं के महत्व पर चर्चा करें। DGCA के प्रमुख कार्यों और शक्तियों का वर्णन करें और बताएं कि वे कैसे विमानन सुरक्षा से संबंधित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करते हैं। (लगभग 250 शब्द)
- प्रश्न: विमानों में आग और धुआं सबसे गंभीर आपात स्थितियों में से एक क्यों माने जाते हैं? ऐसी आपात स्थिति में यात्रियों की सुरक्षित निकासी के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं और उपकरणों (जैसे आपातकालीन निकास, इन्फ्लेटेबल स्लाइड्स) के महत्व पर प्रकाश डालें। (लगभग 150 शब्द)
- प्रश्न: “आपदा प्रबंधन” के व्यापक संदर्भ में, विमान दुर्घटनाओं या ऐसी आपातकालीन घटनाओं से निपटने के लिए भारत की तैयारी का मूल्यांकन करें। इसमें जोखिम मूल्यांकन, शमन, तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्प्राप्ति (Risk Assessment, Mitigation, Preparedness, Response, and Recovery) के विभिन्न चरणों का उल्लेख करें, विशेष रूप से विमानन क्षेत्र के लिए। (लगभग 250 शब्द)