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हीरा: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विज्ञान के प्रश्न

हीरा: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विज्ञान के प्रश्न

परिचय: नमस्कार, प्रतियोगी परीक्षा के इच्छुक उम्मीदवारों! आपकी सामान्य विज्ञान की तैयारी को मजबूत करने के लिए, हम ‘Doubling Down on Diamond’ शीर्षक से प्रेरित होकर, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्नों का एक संकलन प्रस्तुत कर रहे हैं। ये प्रश्न आपको न केवल अवधारणाओं को समझने में मदद करेंगे, बल्कि परीक्षा में पूछे जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रश्नों के लिए भी तैयार करेंगे। तो, अपनी ज्ञान की परीक्षा के लिए तैयार हो जाइए!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरे का उपयोग कांच काटने के लिए क्यों किया जाता है?

    • (a) इसकी ऊष्मीय चालकता के कारण
    • (b) इसकी कठोरता के कारण
    • (c) इसकी विद्युत चालकता के कारण
    • (d) इसके कम घनत्व के कारण

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मोह कठोरता पैमाना (Mohs Hardness Scale) विभिन्न खनिजों की सापेक्षिक कठोरता को मापता है, जहाँ सबसे कठोर को 10 अंक दिए जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा मोह कठोरता पैमाने पर 10 अंक के साथ सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है। इस असाधारण कठोरता के कारण, यह अन्य पदार्थों को आसानी से खरोंच सकता है या काट सकता है, जिसमें कांच भी शामिल है। इसकी ऊष्मीय चालकता (a) अच्छी होती है, लेकिन कांच काटने के लिए कठोरता मुख्य कारक है। इसकी विद्युत चालकता (c) बहुत कम होती है, और इसका घनत्व (d) अपेक्षाकृत अधिक होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. हीरे में कार्बन परमाणु किस प्रकार के बंधन से जुड़े होते हैं?

    • (a) आयनिक बंधन
    • (b) सहसंयोजक बंधन
    • (c) हाइड्रोजन बंधन
    • (d) धात्विक बंधन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन में, परमाणु अपने बाहरी इलेक्ट्रॉनों को साझा करके एक स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करके चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाता है। यह एक त्रिविमीय (3D) टेट्राहेड्रल संरचना बनाता है। आयनिक बंधन (a) इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से बनते हैं, हाइड्रोजन बंधन (c) हाइड्रोजन और अत्यधिक विद्युतीय परमाणु के बीच होते हैं, और धात्विक बंधन (d) धातुओं में पाए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. हीरे का अपवर्तनांक (Refractive Index) उच्च क्यों होता है, जिसके कारण इसमें अत्यधिक चमक होती है?

    • (a) कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधन
    • (b) प्रकाश का हीरे के भीतर बार-बार आंतरिक परावर्तन
    • (c) कार्बन की उच्च विद्युत ऋणात्मकता
    • (d) हीरे का निम्न घनत्व

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में एक विशेष क्रांतिक कोण पर या उससे अधिक कोण पर आपतित होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) प्रकाश को हीरे के भीतर बार-बार परावर्तित और अपवर्तित करता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह झुकता है, और फिर कटिंग के दौरान आंतरिक रूप से परावर्तित होता है, जिससे यह फिर से बाहर निकलने से पहले कई बार चमकता है। मजबूत सहसंयोजक बंधन (a) इसकी कठोरता और संरचना के लिए जिम्मेदार हैं, न कि चमक के लिए। उच्च विद्युत ऋणात्मकता (c) एक गुण है, लेकिन चमक का प्रत्यक्ष कारण नहीं। निम्न घनत्व (d) गलत है; हीरे का घनत्व उच्च होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. हीरे का उपयोग ऑप्टिकल फाइबर में कुछ अनुप्रयोगों के लिए क्यों किया जाता है?

    • (a) इसकी उच्च विरंजन क्षमता (Bleaching Power)
    • (b) इसकी निम्न पारदर्शिता
    • (c) इसकी उच्च तापीय चालकता (Thermal Conductivity)
    • (d) इसकी उच्च अपवर्तनांक और पारदर्शिता

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऑप्टिकल फाइबर में प्रकाश संचरण के लिए ऐसे माध्यम की आवश्यकता होती है जिसमें उच्च अपवर्तनांक हो और जो प्रकाश के लिए पारदर्शी हो।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक और स्पष्टता (पारदर्शिता) इसे कुछ विशेष ऑप्टिकल अनुप्रयोगों, जैसे उच्च-शक्ति लेजर सिस्टम या विशिष्ट संवेदक (sensors) में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है, जहाँ पारंपरिक सामग्री की सीमाएँ होती हैं। इसकी उच्च तापीय चालकता (c) भी कुछ अनुप्रयोगों में सहायक हो सकती है, लेकिन चमक और संचरण के लिए अपवर्तनांक और पारदर्शिता मुख्य हैं। विरंजन क्षमता (a) और निम्न पारदर्शिता (b) गलत हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  5. ग्राफाइट (Graphite) और हीरा (Diamond) कार्बन के क्या कहलाते हैं?

    • (a) समस्थानिक (Isotopes)
    • (b) समावयव (Isomers)
    • (c) अपररूप (Allotropes)
    • (d) समावयवी (Enantiomers)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपररूपता (Allotropy) एक ही तत्व के विभिन्न भौतिक रूपों को संदर्भित करती है जो एक ही भौतिक अवस्था में मौजूद होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा और ग्रेफाइट दोनों शुद्ध कार्बन से बने होते हैं, लेकिन उनके परमाणुओं की व्यवस्था अलग-अलग होती है, जिससे उनके गुणधर्म भिन्न होते हैं (जैसे, हीरा कठोर और विद्युत रोधी है, जबकि ग्रेफाइट नरम और विद्युत का सुचालक है)। समस्थानिक (a) में समान प्रोटॉन संख्या लेकिन भिन्न न्यूट्रॉन संख्या होती है। समावयव (b) समान आणविक सूत्र वाले यौगिक होते हैं लेकिन भिन्न संरचनाएँ होती हैं। समावयवी (d) त्रिविम रसायन (stereochemistry) से संबंधित हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. हीरे की संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु कितने अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है?

    • (a) 2
    • (b) 3
    • (c) 4
    • (d) 6

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन की चतुःसंयोजी (Tetravalency) प्रकृति का अर्थ है कि यह चार सहसंयोजक बंधन बना सकता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की क्रिस्टल संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु sp3 संकरणित होता है और चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन बनाता है, जिससे एक टेट्राहेड्रल ज्यामिति बनती है। यह संरचना हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और स्थिरता प्रदान करती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. कार्बन का वह रूप कौन सा है जो विद्युत का सुचालक है?

    • (a) हीरा
    • (b) फुलरीन (Fullerene)
    • (c) ग्रेफाइट
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु षट्कोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं। प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है, जिससे एक संयोजक इलेक्ट्रॉन (delocalized electron) मुक्त रहता है। यह मुक्त इलेक्ट्रॉन ग्रेफाइट को विद्युत का सुचालक बनाता है। हीरे में, सभी चार संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधनों में बंधे होते हैं, इसलिए यह विद्युत का कुचालक है। फुलरीन (b) के विभिन्न रूप भी होते हैं, कुछ विद्युत के सुचालक हो सकते हैं, लेकिन प्रश्न सामान्य रूप से कार्बन के रूप में पूछ रहा है जहाँ ग्रेफाइट स्पष्ट रूप से सुचालक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. हीरे को जलाने पर क्या उत्पाद बनता है?

    • (a) जल (H₂O)
    • (b) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
    • (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
    • (d) ओजोन (O₃)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बनिक पदार्थों का दहन (combustion) ऑक्सीजन की उपस्थिति में होने वाली एक रासायनिक अभिक्रिया है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन का एक रूप है। जब इसे पर्याप्त ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनाता है। अभिक्रिया इस प्रकार है: C (diamond) + O₂ (gas) → CO₂ (gas)।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. हीरे की कटाई और पॉलिशिंग में किस तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी चमक बढ़ती है?

    • (a) सैंडब्लास्टिंग (Sandblasting)
    • (b) लेजर कटिंग (Laser Cutting)
    • (c) अल्ट्रासोनिक ड्रिलिंग (Ultrasonic Drilling)
    • (d) रासायनिक नक़्क़ाशी (Chemical Etching)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उच्च-ऊर्जा लेजर बीम का उपयोग कठोर पदार्थों को सटीकता से काटने और आकार देने के लिए किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की कटाई और पॉलिशिंग के लिए लेजर कटिंग एक आधुनिक और प्रभावी तकनीक है। लेजर बीम बहुत सटीक होती है और हीरे की कठोरता से निपटने में सक्षम है। यह उन पहलुओं (facets) को बनाने में मदद करती है जो प्रकाश को इस तरह से परावर्तित करते हैं कि हीरा अपनी विशिष्ट चमक प्रदर्शित करता है। सैंडब्लास्टिंग (a) रेत के कणों का उपयोग करता है, अल्ट्रासोनिक ड्रिलिंग (c) ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है, और रासायनिक नक़्क़ाशी (d) रसायनों का उपयोग करता है; ये सभी हीरे की कटाई के लिए उतने उपयुक्त या सटीक नहीं हैं जितने लेजर।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. हीरे की मोह कठोरता कितनी है?

    • (a) 1
    • (b) 5
    • (c) 10
    • (d) 12

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मोह कठोरता पैमाना (Mohs Hardness Scale) सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थों में से एक के रूप में हीरे की स्थिति को परिभाषित करता है।

    व्याख्या (Explanation): मोह कठोरता पैमाने पर, हीरा 10 के अंक के साथ सबसे ऊपर है। यह इंगित करता है कि हीरा अन्य सभी खनिजों को खरोंच सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. कौन सी गैस हीरे को उच्च तापमान पर ऑक्सीकरण (oxidation) करने पर बनती है?

    • (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
    • (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
    • (c) मीथेन (CH₄)
    • (d) जलवाष्प (H₂O)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन का दहन ऑक्सीजन की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है।

    व्याख्या (Explanation): जैसा कि प्रश्न 8 में बताया गया है, हीरे (कार्बन) को ऑक्सीजन के साथ गर्म करने पर कार्बन डाइऑक्साइड बनता है। उच्च तापमान पर भी, यह मुख्य उत्पाद रहता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. हीरे के औद्योगिक उपयोगों में से एक क्या है?

    • (a) कुचालक (Insulator) के रूप में
    • (b) चिपकने वाले पदार्थ (Adhesive) के रूप में
    • (c) अपघर्षक (Abrasive) के रूप में
    • (d) विलायक (Solvent) के रूप में

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की असाधारण कठोरता इसे पॉलिशिंग और कटाई जैसे अनुप्रयोगों के लिए एक उत्कृष्ट अपघर्षक बनाती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का उपयोग उनके अपघर्षक गुणों के कारण ड्रिल बिट्स, कटिंग टूल्स और पॉलिशिंग कंपाउंड में व्यापक रूप से किया जाता है। वे अन्य कठिन सामग्रियों को काटने या पीसने में सक्षम होते हैं। यह एक अच्छा विद्युत रोधी (a) है, लेकिन यह इसका प्राथमिक औद्योगिक उपयोग नहीं है। यह चिपकने वाला (b) या विलायक (d) नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. हीरे का क्रिस्टल तंत्र (Crystal System) क्या है?

    • (a) घन (Cubic)
    • (b) षट्कोणीय (Hexagonal)
    • (c) त्रिकोणीय (Trigonal)
    • (d) चतुष्कोणीय (Tetragonal)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल तंत्र क्रिस्टल जालक (crystal lattice) के समरूपता (symmetry) के आधार पर क्रिस्टल संरचनाओं का वर्गीकरण है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना घन क्रिस्टल प्रणाली में आती है, विशेष रूप से घन-केंद्रित (face-centered cubic) जालक में, जहाँ कार्बन परमाणु टेट्राहेड्रल पैटर्न में व्यवस्थित होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  14. हीरे का गलनांक (Melting Point) बहुत अधिक क्यों होता है?

    • (a) इसमें कमजोर अंतर-आणविक बल होते हैं।
    • (b) इसमें मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं।
    • (c) यह एक गैसीय अवस्था में होता है।
    • (d) इसमें बहुत कम घनत्व होता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थ का गलनांक उसके भीतर मौजूद बंधनों की मजबूती पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु बहुत मजबूत सहसंयोजक बंधनों के एक विशाल त्रि-आयामी नेटवर्क में एक साथ बंधे होते हैं। इन मजबूत बंधनों को तोड़ने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप एक अत्यंत उच्च गलनांक (लगभग 3550°C) होता है। कमजोर अंतर-आणविक बल (a) गलत है। यह एक ठोस है (c), और इसका घनत्व (d) उच्च है, कम नहीं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. कृत्रिम हीरा (Synthetic Diamond) बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्रमुख विधि क्या है?

    • (a) वाष्प जमाव (Vapor Deposition)
    • (b) उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT)
    • (c) रासायनिक वाष्प जमाव (Chemical Vapor Deposition – CVD)
    • (d) उपरोक्त दोनों (b) और (c)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की स्वाभाविक रूप से बनने वाली स्थितियों का अनुकरण करके कृत्रिम हीरे का निर्माण किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की दो प्रमुख विधियाँ हैं: उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT) विधि, जो प्राकृतिक हीरे बनने की स्थितियों की नकल करती है, और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD) विधि, जहाँ गैसों से कार्बन जमा होता है। इसलिए, दोनों विधियाँ कृत्रिम हीरे के उत्पादन के लिए उपयोग की जाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  16. हीरे में कार्बन-कार्बन बंधन की लंबाई कितनी होती है?

    • (a) लगभग 154 पिकोमीटर (pm)
    • (b) लगभग 134 पिकोमीटर (pm)
    • (c) लगभग 120 पिकोमीटर (pm)
    • (d) लगभग 100 पिकोमीटर (pm)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की क्रिस्टल संरचना को X-ray विवर्तन (X-ray diffraction) जैसी तकनीकों द्वारा निर्धारित किया गया है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंधन की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह बंधन की मजबूती और नियमितता हीरे की संरचनात्मक स्थिरता में योगदान करती है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  17. हीरा प्रकाश को इतना “चमकीला” क्यों बनाता है?

    • (a) यह प्रकाश को अवशोषित करता है।
    • (b) यह प्रकाश को बिखेरता है।
    • (c) यह प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन और फैलाव (dispersion) के कारण चमकता है।
    • (d) यह प्रकाश उत्सर्जित करता है।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उच्च अपवर्तनांक और उचित कटाई हीरे की चमक के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की कटाई को इस तरह से किया जाता है कि प्रकाश हीरे में प्रवेश करने पर पूर्ण आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) से गुजरे और बाहर निकलने से पहले कई बार परावर्तित हो। इसके अलावा, हीरे में फैलाव (dispersion) का उच्च मान होता है, जिसका अर्थ है कि यह विभिन्न रंगों (तरंग दैर्ध्य) के प्रकाश को अलग-अलग कोणों पर अपवर्तित करता है, जिससे “आग” (fire) या इंद्रधनुषी प्रभाव पैदा होता है। प्रकाश का अवशोषण (a), बिखराव (b) या उत्सर्जन (d) चमक का कारण नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. हीरे का उपयोग किस प्रकार के कटिंग टूल में किया जाता है?

    • (a) केवल नरम धातुओं को काटने के लिए
    • (b) केवल प्लास्टिक को काटने के लिए
    • (c) कठोर धातुओं, कंक्रीट और चट्टानों को काटने के लिए
    • (d) केवल लकड़ी को काटने के लिए

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे की कठोरता इसे सबसे कठिन सामग्रियों को भी काटने में सक्षम बनाती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे के कटिंग टूल्स, जैसे कि हीरे के कणों से लेपित ब्लेड या ड्रिल बिट्स, अपनी असाधारण कठोरता के कारण कंक्रीट, पत्थर, सिरेमिक, कांच और कठोर धातुओं जैसी बहुत कठिन सामग्रियों को काटने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. शुद्ध हीरा रंगहीन क्यों होता है?

    • (a) क्योंकि यह सभी रंगों को परावर्तित करता है।
    • (b) क्योंकि यह सभी रंगों को अवशोषित करता है।
    • (c) क्योंकि यह दृश्य प्रकाश के स्पेक्ट्रम को अवशोषित या बिखेरता नहीं है।
    • (d) क्योंकि इसमें कोई परमाणु नहीं होते हैं।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि वह प्रकाश के किन तरंग दैर्ध्य को अवशोषित या परावर्तित करती है।

    व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरे की क्रिस्टल संरचना में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधनों में कसकर बंधे होते हैं। यह संरचना दृश्य प्रकाश के स्पेक्ट्रम के फोटॉनों को अवशोषित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान नहीं करती है। इसलिए, प्रकाश या तो उससे होकर गुजर जाता है (पारदर्शिता) या आंतरिक रूप से परावर्तित हो जाता है, जिससे यह रंगहीन दिखाई देता है। यदि इसमें अशुद्धियाँ हों (जैसे नाइट्रोजन या बोरॉन), तो यह रंगीन हो सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. हीरे को “सबसे कठोर” कहने का क्या मतलब है?

    • (a) यह सबसे भारी पदार्थ है।
    • (b) यह खरोंच प्रतिरोधी है।
    • (c) यह आसानी से पिघल जाता है।
    • (d) यह विद्युत का सबसे अच्छा सुचालक है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कठोरता (Hardness) किसी सामग्री की खरोंच या घर्षण का विरोध करने की क्षमता है।

    व्याख्या (Explanation): जब हम हीरे को “सबसे कठोर” कहते हैं, तो हम इसकी खरोंच प्रतिरोध (scratch resistance) की बात कर रहे होते हैं, जिसे मोह कठोरता पैमाने से मापा जाता है। यह भारी (a) नहीं है, आसानी से पिघलता (c) नहीं है, और विद्युत का सुचालक (d) नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. हीरे की तापीय चालकता (Thermal Conductivity) बहुत अधिक क्यों होती है?

    • (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।
    • (b) कंपन (vibrations) पूरे क्रिस्टल जालक में कुशलता से प्रसारित होते हैं।
    • (c) इसमें कम घनत्व होता है।
    • (d) यह एक अच्छा विद्युत रोधी है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ठोसों में तापीय चालकता को जालक कंपन (phonons) द्वारा ले जाया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणुओं के बीच अत्यंत मजबूत और कठोर सहसंयोजक बंधन होते हैं। यह कठोर संरचना परमाणुओं को बहुत कसकर एक साथ रखती है, जिससे जालक कंपन (phonons) बहुत कुशलता से पूरे क्रिस्टल में प्रसारित हो पाते हैं। यह यांत्रिक कंपन ही ऊष्मा का परिवहन करते हैं, जिससे हीरे की तापीय चालकता असाधारण रूप से उच्च होती है (जो तांबे से भी अधिक है)। मुक्त इलेक्ट्रॉन (a) मुख्य रूप से विद्युत चालकता के लिए जिम्मेदार होते हैं (जैसे ग्रेफाइट में)।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. क्या हीरे में कोई इलेक्ट्रॉन मुक्त रूप से घूमता है?

    • (a) हाँ, यह इसे विद्युत का सुचालक बनाता है।
    • (b) नहीं, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधनों में बंधे होते हैं।
    • (c) केवल उच्च तापमान पर।
    • (d) केवल दबाव में।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधनों द्वारा दृढ़ता से जुड़ा होता है। इन बंधनों में उपयोग किए जाने वाले सभी चार संयोजी इलेक्ट्रॉन कसकर बंधे होते हैं और स्वतंत्र रूप से घूमने या आयन बनाने के लिए मुक्त नहीं होते हैं। इसलिए, हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक (insulator) है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. हीरे का उपयोग किन उपकरणों में किया जाता है क्योंकि यह कठोर सामग्री को काट सकता है?

    • (a) माइक्रोस्कोप
    • (b) दूरबीन (Telescope)
    • (c) ड्रिल बिट्स और कटिंग ब्लेड
    • (d) प्रेशर गेज

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एक कठोर सामग्री का उपयोग उन औजारों में किया जाता है जिन्हें अन्य कठोर सामग्रियों पर काम करना होता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की अपनी असाधारण कठोरता के कारण, इसका उपयोग विभिन्न कटिंग और ड्रिलिंग उपकरणों में किया जाता है। ड्रिल बिट्स, सॉ ब्लेड, और ग्राइंडिंग व्हील जैसे उपकरणों में अक्सर हीरे के कण लगाए जाते हैं ताकि कंक्रीट, चट्टान, धातु और अन्य कठोर सामग्री को प्रभावी ढंग से काटा जा सके। माइक्रोस्कोप (a), दूरबीन (b), और प्रेशर गेज (d) ऐसे उपकरण नहीं हैं जहाँ हीरे की कटिंग क्षमता का प्राथमिक रूप से उपयोग होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. हीरे में रंगीन होने का मुख्य कारण क्या है?

    • (a) यह प्रकाश को अवशोषित करता है।
    • (b) इसकी संरचना में अशुद्धियाँ (Impurities)
    • (c) यह प्रकाश को बिखेरता है।
    • (d) इसका उच्च अपवर्तनांक

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल जालक में अशुद्धियों का परिचय सामग्री के ऑप्टिकल गुणों को बदल सकता है।

    व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरा रंगहीन होता है क्योंकि यह दृश्य प्रकाश को अवशोषित नहीं करता है। हालांकि, जब हीरे की क्रिस्टल संरचना में थोड़ी मात्रा में अशुद्धियाँ (जैसे नाइट्रोजन, बोरॉन, या अन्य तत्व) मौजूद होती हैं, तो वे विशिष्ट तरंग दैर्ध्य के प्रकाश को अवशोषित कर सकती हैं, जिससे हीरा रंगीन दिखाई देता है। उदाहरण के लिए, बोरॉन की उपस्थिति नीले हीरे का कारण बनती है, और नाइट्रोजन की उपस्थिति पीले या भूरे रंग के हीरे का कारण बन सकती है। उच्च अपवर्तनांक (d) चमक से संबंधित है, बिखराव (c) फैलाव से, और अवशोषण (a) तब होता है जब शुद्ध हीरा रंगीन होता है, जो सामान्य नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  25. कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) इलेक्ट्रॉनों को मुक्त रूप से साझा करने की अनुमति देता है, जिससे यह विद्युत का सुचालक बनता है?

    • (a) हीरा
    • (b) फुलरीन
    • (c) ग्रेफाइट
    • (d) दोनों (b) और (c)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए मुक्त या विस्थानित (delocalized) इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु हेक्सागोनल (षट्कोणीय) परतों में व्यवस्थित होते हैं, और प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक रूप से जुड़ा होता है। यह चौथा संयोजी इलेक्ट्रॉन प्रत्येक कार्बन परमाणु पर “विस्थानित” या “डीलोकलाइज़्ड” हो जाता है और परतों के बीच आसानी से घूम सकता है। यह गतिमान इलेक्ट्रॉन ग्रेफाइट को विद्युत का एक अच्छा सुचालक बनाता है। फुलरीन (b) के कुछ रूप भी अर्धचालक या सुचालक हो सकते हैं, लेकिन ग्रेफाइट सबसे प्रसिद्ध और स्पष्ट उदाहरण है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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