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AI-संचालित कैंसर उपचार: आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के प्रश्न

AI-संचालित कैंसर उपचार: आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के प्रश्न

परिचय: नमस्कार, भावी सरकारी अधिकारियों! प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की एक मजबूत नींव आवश्यक है। आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति, जैसे कि AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं का लक्षित उपचार, हमारे सामान्य विज्ञान के ज्ञान को बेहतर बनाने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है। आज हम “AI turns immune cells into precision cancer killers—in just weeks” जैसे सामयिक समाचारों से प्रेरित होकर भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) का अभ्यास करेंगे। यह अभ्यास आपको न केवल परीक्षा के लिए तैयार करेगा बल्कि नवीनतम वैज्ञानिक विकासों की गहरी समझ भी प्रदान करेगा। चलिए शुरू करते हैं!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. AI-संचालित उपचार में, प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर किलर में बदलने के लिए किस प्रकार की जैव-तकनीकी प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) जेनेटिक इंजीनियरिंग
    • (b) स्टेनिंग
    • (c) सेंट्रीफ्यूगेशन
    • (d) विखंडन

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जेनेटिक इंजीनियरिंग (Genetic Engineering) एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी जीव के जीन में परिवर्तन किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): AI-संचालित उपचार में, प्रतिरक्षा कोशिकाओं (जैसे T-कोशिकाएं) को विशिष्ट कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने के लिए आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जा सकता है। यह प्रक्रिया जीन में बदलाव करके की जाती है, जिसे जेनेटिक इंजीनियरिंग कहते हैं। स्टेनिंग कोशिकाओं को देखने के लिए रंगों का उपयोग है, सेंट्रीफ्यूगेशन घनत्व के आधार पर अलग करता है, और विखंडन एक प्रकार का प्रजनन है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  2. कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘प्रेसिजन किलर’ बनाने में AI की क्या भूमिका हो सकती है?

    • (a) AI का उपयोग प्रतिरक्षा कोशिकाओं के व्यवहार को मॉडलिंग करने और अनुकूलित करने के लिए किया जा सकता है।
    • (b) AI का उपयोग केवल निदान के लिए किया जाता है, उपचार के लिए नहीं।
    • (c) AI केवल दवा की खोज में मदद करता है, कोशिकाओं को सीधे नहीं।
    • (d) AI का उपयोग कोशिकाओं को नियंत्रित करने के लिए सीधे भौतिक बल लगाने में होता है।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मशीन लर्निंग और AI डेटा का विश्लेषण करके जटिल पैटर्न की पहचान कर सकते हैं और भविष्यवाणियां कर सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): AI विशाल जैविक डेटा का विश्लेषण करके यह समझने में मदद करता है कि प्रतिरक्षा कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करती हैं। इसके आधार पर, AI उन विशिष्ट मार्गों (pathways) या जीन को पहचान सकता है जिन्हें संशोधित करके प्रतिरक्षा कोशिकाओं को अधिक प्रभावी ‘किलर’ बनाया जा सकता है। यह प्रक्रिया को अनुकूलित (optimize) करने में मदद करता है। AI निदान, दवा खोज और कोशिकाओं के व्यवहार को समझने व नियंत्रित करने में भी भूमिका निभा सकता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  3. कैंसर के उपचार के संदर्भ में, ‘प्रतिरक्षा कोशिकाएं’ (Immune Cells) शरीर की किस प्रणाली का हिस्सा हैं?

    • (a) पाचन तंत्र
    • (b) तंत्रिका तंत्र
    • (c) प्रतिरक्षा प्रणाली
    • (d) श्वसन तंत्र

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाने के लिए जिम्मेदार है।

    व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाएं, जैसे T-कोशिकाएं, B-कोशिकाएं और मैक्रोफेज, प्रतिरक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये कोशिकाएं शरीर में विदेशी आक्रमणकारियों (जैसे बैक्टीरिया, वायरस) और असामान्य कोशिकाओं (जैसे कैंसर कोशिकाएं) की पहचान करती हैं और उन्हें नष्ट करती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘प्रेसिजन किलर’ के रूप में पुनः प्रोग्राम करने में शामिल रासायनिक प्रक्रियाएं मुख्य रूप से किस पर केंद्रित होती हैं?

    • (a) एंजाइम गतिविधि में वृद्धि
    • (b) डीएनए और आरएनए में संशोधन
    • (c) प्रोटीन फोल्डिंग में बदलाव
    • (d) लिपिड संश्लेषण में कमी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जेनेटिक इंजीनियरिंग में डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) और आरएनए (Ribonucleic Acid) के अनुक्रम में परिवर्तन शामिल होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर-विशिष्ट बनाने के लिए, उनके आनुवंशिक कोड (डीएनए) में संशोधन किया जाता है या उन्हें नए आरएनए अणु दिए जाते हैं। यह अक्सर विशिष्ट प्रोटीन के उत्पादन को सक्षम या बाधित करता है जो कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने के लिए आवश्यक होते हैं। एंजाइम गतिविधि, प्रोटीन फोल्डिंग और लिपिड संश्लेषण अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन मुख्य लक्ष्य आनुवंशिक सामग्री में परिवर्तन करना है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में उपयोग की जाने वाली प्रतिरक्षा कोशिकाओं में पाए जाने वाले विशेष रिसेप्टर्स (receptors) के बारे में क्या सत्य है?

    • (a) ये रिसेप्टर्स कैंसर कोशिकाओं की सतह पर विशिष्ट अणुओं से बंधते हैं।
    • (b) ये रिसेप्टर्स कोशिकाओं को अवसादग्रस्त करने का कारण बनते हैं।
    • (c) ये रिसेप्टर्स केवल विषाणुओं से बंधते हैं।
    • (d) ये रिसेप्टर्स कोशिका के अंदर काम करते हैं।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सेलुलर रिसेप्टर्स कोशिका की सतह पर स्थित प्रोटीन होते हैं जो विशिष्ट अणुओं (ligands) को पहचानते हैं और प्रतिक्रिया करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): कैंसर-लक्षित प्रतिरक्षा चिकित्सा में, जैसे CAR T-cell therapy, T-कोशिकाओं पर इंजीनियर रिसेप्टर्स (CARs) को कैंसर कोशिकाओं की सतह पर पाए जाने वाले विशिष्ट एंटीजन (जैसे CD19) को पहचानने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। जब रिसेप्टर कैंसर कोशिका से जुड़ता है, तो यह प्रतिरक्षा कोशिका को सक्रिय करता है और कैंसर कोशिका को नष्ट करने का संकेत देता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  6. जब AI प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को अनुकूलित करता है, तो यह किन प्रमुख बायोकेमिकल मार्गों (biochemical pathways) को प्रभावित कर सकता है?

    • (a) केवल ऊर्जा उत्पादन
    • (b) सिग्नल ट्रांसडक्शन और प्रोटीन संश्लेषण
    • (c) केवल कोशिका विभाजन
    • (d) कोशिका झिल्ली का रखरखाव

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कोशिकाएं जटिल सिग्नल ट्रांसडक्शन मार्गों के माध्यम से संवाद करती हैं और अपने कार्य को नियंत्रित करती हैं, जिसमें प्रोटीन संश्लेषण भी शामिल है।

    व्याख्या (Explanation): AI का उपयोग प्रतिरक्षा कोशिकाओं में विशिष्ट सिग्नलिंग मार्गों को संशोधित करने के लिए किया जा सकता है ताकि उन्हें कैंसर कोशिकाओं को बेहतर ढंग से पहचानने और प्रतिक्रिया करने के लिए ‘सिखाया’ जा सके। इसमें विशिष्ट एंजाइमों की गतिविधि को बदलना या विशिष्ट प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाना या घटाना शामिल हो सकता है, जो सभी सिग्नल ट्रांसडक्शन और प्रोटीन संश्लेषण से संबंधित हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. कैंसर चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली प्रतिरक्षा कोशिकाओं की ‘किलर’ क्षमता को बढ़ाने के लिए किस रेडियोधर्मी आइसोटोप (radioactive isotope) का उपयोग इमेजिंग या लक्षित थेरेपी के लिए किया जा सकता है?

    • (a) कार्बन-14
    • (b) आयोडीन-131
    • (c) पोलोनियम-210
    • (d) सीज़ियम-137

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आयोडीन-131 (I-131) एक रेडियोधर्मी आइसोटोप है जिसका उपयोग कैंसर के उपचार और निदान दोनों में किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): आयोडीन-131, विशेष रूप से थायराइड कैंसर के उपचार में, और कुछ इम्यूनोथेरेपी अनुप्रयोगों में, इमेजिंग या लक्षित विकिरण चिकित्सा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जबकि अन्य आइसोटोप के विभिन्न चिकित्सा या वैज्ञानिक उपयोग हो सकते हैं, I-131 का कैंसर उपचार में अधिक प्रत्यक्ष और व्यापक रूप से ज्ञात अनुप्रयोग है। कार्बन-14 ट्रेसर के रूप में उपयोग किया जाता है। पोलोनियम-210 और सीज़ियम-137 खतरनाक हैं और विशिष्ट लक्षित अनुप्रयोगों तक सीमित हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  8. प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर किलर बनाने के लिए “कुछ हफ्तों” (in just weeks) का समय-सीमा किस जैविक प्रक्रिया की गति को इंगित करती है?

    • (a) जीन अभिव्यक्ति और कोशिका गुणन
    • (b) प्रोटीन का प्राकृतिक क्षरण
    • (c) डीएनए प्रतिकृति का मंद चरण
    • (d) प्रतिरक्षा प्रणाली का निष्क्रिय चरण

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीन अभिव्यक्ति (Gene Expression) और कोशिका गुणन (Cell Proliferation) अपेक्षाकृत तीव्र जैविक प्रक्रियाएं हैं जो हफ्तों के भीतर परिणाम दे सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): जब प्रतिरक्षा कोशिकाओं को प्रयोगशाला में आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है, तो जीन अभिव्यक्ति (नए प्रोटीन का उत्पादन) और कोशिका गुणन (कोशिकाओं की संख्या बढ़ाना) तेजी से होता है। यह वह प्रक्रिया है जो कुछ हफ्तों के भीतर पर्याप्त संख्या में कार्यात्मक, कैंसर-लक्षित प्रतिरक्षा कोशिकाओं का उत्पादन करने की अनुमति देती है। प्रोटीन का प्राकृतिक क्षरण, डीएनए प्रतिकृति के मंद चरण या प्रतिरक्षा प्रणाली का निष्क्रिय चरण इस समय-सीमा को समझाने के लिए पर्याप्त तीव्र नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  9. AI-संचालित कैंसर उपचार में, कोशिकाओं के बीच सूचना के आदान-प्रदान (communication) के लिए कौन सा अणु (molecule) महत्वपूर्ण हो सकता है?

    • (a) प्रोटीन
    • (b) लिपिड
    • (c) कार्बोहाइड्रेट
    • (d) न्यूक्लिक एसिड

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रोटीन, विशेष रूप से झिल्ली पर रिसेप्टर्स और सिग्नलिंग अणु, कोशिकाओं के बीच संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं के बीच या प्रतिरक्षा कोशिकाओं और कैंसर कोशिकाओं के बीच संचार मुख्य रूप से प्रोटीन (जैसे साइटोकिन्स, एंटीबॉडी, रिसेप्टर्स) के माध्यम से होता है। AI का उपयोग इन संचार अणुओं के उत्पादन या कार्य को संशोधित करने के लिए किया जा सकता है। जबकि अन्य अणु भी कोशिका कार्य में भूमिका निभाते हैं, संचार के लिए प्रोटीन सबसे प्रत्यक्ष और महत्वपूर्ण हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  10. कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘प्रेसिजन किलर’ बनाने के लिए किस प्रकार के ऑप्टिकल माइक्रोस्कोप (optical microscope) का उपयोग अक्सर उनकी संरचना और गतिविधि का अध्ययन करने के लिए किया जाता है?

    • (a) कंपाउंड माइक्रोस्कोप
    • (b) स्टीरियो माइक्रोस्कोप
    • (c) फ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोप
    • (d) डिजिटल माइक्रोस्कोप

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोपी (Fluorescence Microscopy) विशेष रूप से फ्लोरोसेंट डाई या प्रोटीन से लेबल की गई कोशिकाओं या अणुओं की इमेजिंग के लिए उपयोगी है।

    व्याख्या (Explanation): इम्यूनोथेरेपी में, फ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोपी का उपयोग अक्सर यह देखने के लिए किया जाता है कि संशोधित प्रतिरक्षा कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं से कैसे जुड़ती हैं या उन्हें कैसे प्रभावित करती हैं, खासकर जब कोशिकाओं को फ्लोरोसेंट टैग के साथ लेबल किया गया हो। कंपाउंड माइक्रोस्कोप सामान्य अवलोकन के लिए है, स्टीरियो माइक्रोस्कोप बड़ी वस्तुओं के लिए है, और जबकि डिजिटल माइक्रोस्कोप में उन्नत सुविधाएँ हो सकती हैं, फ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोपी विशिष्ट जैविक टैग की इमेजिंग के लिए मानक है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करने और उन्हें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए प्रेरित करने वाले रासायनिक संदेशवाहक (chemical messengers) क्या कहलाते हैं?

    • (a) न्यूरोट्रांसमीटर
    • (b) हार्मोन
    • (c) साइटोकिन्स
    • (d) एंजाइम

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): साइटोकिन्स (Cytokines) छोटे प्रोटीन होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं के बीच संचार और समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): साइटोकिन्स, जैसे इंटरल्यूकिन्स और इंटरफेरॉन, प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं, उन्हें गुणा करने के लिए उत्तेजित करते हैं, और उन्हें रोगजनकों या कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए निर्देशित करते हैं। न्यूरोट्रांसमीटर तंत्रिका तंत्र में, हार्मोन अंतःस्रावी तंत्र में, और एंजाइम जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भूमिका निभाते हैं, लेकिन प्रतिरक्षा सेल संचार के लिए साइटोकिन्स सबसे प्रत्यक्ष और प्रासंगिक हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. कैंसर कोशिकाओं की सतह पर उन विशिष्ट संरचनाओं को क्या कहा जाता है जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा लक्षित की जा सकती हैं?

    • (a) साइटोप्लाज्म
    • (b) एंटीजन
    • (c) माइटोकॉन्ड्रिया
    • (d) नाभिक

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एंटीजन (Antigens) ऐसे अणु होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्पन्न कर सकते हैं, अक्सर कोशिका की सतह पर पाए जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): कैंसर कोशिकाएं अक्सर अपनी सतह पर विशिष्ट या असामान्य प्रोटीन व्यक्त करती हैं जिन्हें एंटीजन कहा जाता है। प्रतिरक्षा कोशिकाएं (जैसे T-कोशिकाएं) इन एंटीजन को पहचान सकती हैं और उन पर हमला कर सकती हैं। AI-संचालित थेरेपी इन कैंसर-विशिष्ट एंटीजन को पहचानने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को इंजीनियर करती है। साइटोप्लाज्म, माइटोकॉन्ड्रिया और नाभिक कोशिका के आंतरिक भाग हैं, न कि बाहरी लक्ष्य।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लक्षित करने में सहायता के लिए किन धातुओं का उपयोग इमेजिंग या चुंबकीय अनुनाद (MRI) में किया जा सकता है?

    • (a) सोना और प्लेटिनम
    • (b) गैडोलिनियम और आयरन ऑक्साइड
    • (c) चांदी और तांबा
    • (d) एल्यूमीनियम और टाइटेनियम

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गैडोलिनियम (Gadolinium) और आयरन ऑक्साइड (Iron Oxide) कंट्रास्ट एजेंट के रूप में MRI इमेजिंग में आमतौर पर उपयोग किए जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): गैडोलिनियम-आधारित कंट्रास्ट एजेंट MRI में ऊतकों को रोशन करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जिससे ट्यूमर का पता लगाना आसान हो जाता है। नैनोपार्टिकल्स के रूप में आयरन ऑक्साइड का उपयोग भी MRI कंट्रास्ट और लक्षित दवा वितरण के लिए किया जा सकता है, जिसमें संभवतः प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लक्षित करना शामिल है। सोना नैनोपार्टिकल्स का उपयोग इमेजिंग और थेरेपी में किया जाता है, लेकिन MRI के लिए गैडोलिनियम और आयरन ऑक्साइड अधिक विशिष्ट हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  14. प्रतिरक्षा कोशिकाओं के आनुवंशिक संशोधन में, वायरल वैक्टर (viral vectors) का उपयोग अक्सर किस उद्देश्य के लिए किया जाता है?

    • (a) कोशिकाओं को मारना
    • (b) वांछित जीन को कोशिकाओं में पहुंचाना
    • (c) प्रोटीन को अलग करना
    • (d) कोशिका झिल्लियों को सुदृढ़ करना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वायरल वैक्टर संशोधित वायरस होते हैं जिनका उपयोग जेनेटिक इंजीनियरिंग में लक्षित कोशिकाओं में आनुवंशिक सामग्री (जैसे जीन) पहुंचाने के लिए किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): कैंसर प्रतिरक्षा चिकित्सा में, वैज्ञानिक अक्सर विशिष्ट जीनों (जैसे CAR जीन) को प्रतिरक्षा कोशिकाओं में पेश करने के लिए निष्क्रिय या संशोधित वायरस (जैसे रेट्रोवायरस, एडिनोवायरस) का उपयोग करते हैं। ये जीन तब प्रतिरक्षा कोशिका को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने की क्षमता प्रदान करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  15. ‘प्रेसिजन किलर’ के रूप में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में AI किन डेटा प्रकारों का विश्लेषण कर सकता है?

    • (a) केवल रोगी का रक्तचाप
    • (b) जीनोमिक, प्रोटिओमिक और सेलुलर इमेजिंग डेटा
    • (c) केवल रोगी का वजन
    • (d) रोगी द्वारा खाए गए भोजन का रिकॉर्ड

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): AI जटिल जैविक प्रणालियों को समझने के लिए विभिन्न स्रोतों से बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकता है।

    व्याख्या (Explanation): AI जीनोमिक डेटा (कोशिकाओं के जीन), प्रोटिओमिक डेटा (प्रोटीन) और सेलुलर इमेजिंग डेटा (कोशिकाओं की संरचना और व्यवहार की छवियां) का विश्लेषण करके यह समझ सकता है कि कौन से प्रतिरक्षा कोशिकाएं सबसे अच्छा काम करती हैं और कैंसर कोशिकाओं को कैसे सबसे प्रभावी ढंग से लक्षित किया जाए। यह रोगी के रक्तचाप, वजन या आहार जैसे व्यक्तिगत डेटा की तुलना में अधिक सूक्ष्म और प्रासंगिक है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. कैंसर के उपचार में, प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘किलर’ बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले एक सामान्य सेल कल्चर माध्यम (cell culture medium) में कौन सा आवश्यक पोषक तत्व (essential nutrient) होगा?

    • (a) सोडियम क्लोराइड
    • (b) ग्लूकोज
    • (c) ऑक्सीजन
    • (d) कार्बन डाइऑक्साइड

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कोशिकाओं को जीवित रहने और कार्य करने के लिए ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता होती है, जिसे अक्सर ग्लूकोज से प्राप्त किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): सेल कल्चर माध्यम कोशिकाओं को जीवित रहने और बढ़ने के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व प्रदान करता है। इसमें अमीनो एसिड, विटामिन, खनिज और एक ऊर्जा स्रोत शामिल है। कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं की कार्यक्षमता के लिए ग्लूकोज एक प्राथमिक ऊर्जा स्रोत है। जबकि ऑक्सीजन आवश्यक है, यह आमतौर पर गैस के रूप में प्रदान की जाती है। सोडियम क्लोराइड (नमक) एक इलेक्ट्रोलाइट है, और कार्बन डाइऑक्साइड का कोशिका चयापचय में एक विशिष्ट कार्य है, लेकिन ऊर्जा के लिए ग्लूकोज अधिक महत्वपूर्ण है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. AI-आधारित कैंसर थेरेपी के संदर्भ में, ‘इम्यून सेल्स’ को ‘प्रिसिजन कैंसर किलर्स’ में बदलने में ‘रेजिस्टेंस’ (resistance) को दूर करने के लिए AI कैसे मदद कर सकता है?

    • (a) AI का उपयोग प्रतिरोध के जैविक कारणों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।
    • (b) AI प्रतिरोध को पूरी तरह से समाप्त कर देता है।
    • (c) AI प्रतिरोध को बढ़ा देता है।
    • (d) AI का प्रतिरोध से कोई लेना-देना नहीं है।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): AI जटिल पैटर्न को पहचान सकता है और भविष्यवाणी कर सकता है, जिससे यह जैविक प्रणालियों में प्रतिरोध के उद्भव को समझने में मदद कर सकता है।

    व्याख्या (Explanation): कैंसर कोशिकाएं समय के साथ उपचार के प्रति प्रतिरोध विकसित कर सकती हैं। AI विभिन्न प्रकार के डेटा (जैसे जीन अभिव्यक्ति, प्रोटीन स्तर, दवा प्रतिक्रिया) का विश्लेषण करके यह समझने में मदद कर सकता है कि प्रतिरोध कैसे विकसित होता है। इस जानकारी का उपयोग नई उपचार रणनीतियों को विकसित करने या मौजूदा उपचारों को अनुकूलित करने के लिए किया जा सकता है ताकि प्रतिरोध को दूर किया जा सके या टाला जा सके। AI प्रतिरोध को पूरी तरह से समाप्त नहीं कर सकता, न ही यह इसे बढ़ाता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  18. कैंसर कोशिकाओं को मारने में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की दक्षता को मापने के लिए किस भौतिक मात्रा (physical quantity) का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) तापमान
    • (b) बल (Force)
    • (c) वेग (Velocity)
    • (d) घनत्व (Density)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु को हिलाने या नष्ट करने के लिए लगाए गए बल को परिभाषित करने के लिए न्यूटन के नियमों का उपयोग किया जा सकता है।

    व्याख्या (Explanation): जब एक प्रतिरक्षा कोशिका एक कैंसर कोशिका को मारती है, तो यह कोशिका झिल्लियों को नष्ट करने या कोशिका के आंतरिक घटकों को बाधित करने के लिए एक विशिष्ट बल लगाती है। यद्यपि इसे सीधे मापना कठिन हो सकता है, ‘शक्ति’ (power) या ‘कार्य’ (work) जैसी भौतिक मात्राएं अप्रत्यक्ष रूप से कोशिका की विनाशकारी क्षमता का आकलन करने के लिए प्रासंगिक हो सकती हैं। बल, सीधे तौर पर, एक कोशिका की विनाशकारी क्षमता को व्यक्त करने के लिए एक प्रासंगिक भौतिक अवधारणा है। तापमान, वेग और घनत्व सीधे ‘मारने की दक्षता’ को नहीं दर्शाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘रीप्रोग्राम’ (reprogram) करने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीकें किस प्रकार के रसायन विज्ञान से संबंधित हैं?

    • (a) अकार्बनिक रसायन विज्ञान
    • (b) जैव रसायन और औषधीय रसायन विज्ञान
    • (c) भौतिक रसायन विज्ञान
    • (d) विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैव रसायन (Biochemistry) जीवित जीवों में रासायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन है, और औषधीय रसायन विज्ञान (Medicinal Chemistry) दवाओं के डिजाइन और संश्लेषण से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाओं के आनुवंशिक संशोधन और उन्हें कैंसर-विशिष्ट बनाने के लिए आवश्यक सामग्री (जैसे डीएनए, आरएनए, प्रोटीन) और प्रक्रियाएं जैव रसायन के दायरे में आती हैं। इसके अलावा, यदि इन संशोधनों को प्राप्त करने के लिए विशिष्ट अणु या दवाएं डिजाइन की जाती हैं, तो यह औषधीय रसायन विज्ञान से संबंधित होगा। अकार्बनिक, भौतिक और विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान के अन्य अनुप्रयोग हो सकते हैं, लेकिन इस विशिष्ट संदर्भ में जैव रसायन और औषधीय रसायन विज्ञान सबसे अधिक प्रासंगिक हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. जब AI प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को अनुकूलित करने के लिए ‘सप्ताहों’ का उपयोग करता है, तो कोशिका वृद्धि और विभेदन (differentiation) को नियंत्रित करने वाले प्रमुख जैविक अणु कौन से होते हैं?

    • (a) स्टेम सेल फैक्टर्स
    • (b) वृद्धि कारक (Growth Factors) और साइटोकिन्स
    • (c) एंटीबॉडी
    • (d) ट्रांसक्रिप्शन कारक

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वृद्धि कारक और साइटोकिन्स कोशिका वृद्धि, प्रसार, विभेदन और उत्तरजीविता को नियंत्रित करने वाले सिग्नलिंग अणु हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाओं के विकास और उन्हें ‘किलर’ के रूप में कार्य करने के लिए तैयार करने के लिए, उन्हें विशिष्ट वृद्धि कारकों और साइटोकिन्स के संपर्क में लाया जाता है। ये अणु कोशिका विभाजन को उत्तेजित करते हैं, उन्हें परिपक्व होने का निर्देश देते हैं, और उनके कार्यों को विनियमित करते हैं। स्टेम सेल फैक्टर्स मुख्य रूप से स्टेम कोशिकाओं पर कार्य करते हैं, एंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का हिस्सा हैं, और ट्रांसक्रिप्शन कारक जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करते हैं, लेकिन वृद्धि कारक और साइटोकिन्स कोशिका वृद्धि और विभेदन के प्राथमिक चालक हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. AI-संचालित कैंसर उपचार में, कोशिकाओं की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किस कोशिकीय अंग (cellular organelle) की भूमिका महत्वपूर्ण है?

    • (a) राइबोसोम
    • (b) लाइसोसोम
    • (c) माइटोकॉन्ड्रिया
    • (d) गॉल्जी उपकरण

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) कोशिकाओं के ‘पावरहाउस’ के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि वे सेलुलर श्वसन के माध्यम से ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय रूप से कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा माइटोकॉन्ड्रिया द्वारा ATP के रूप में उत्पन्न की जाती है। AI-संचालित उपचार कोशिकाओं को इस ऊर्जा-गहन कार्य को करने के लिए अनुकूलित करता है, इसलिए माइटोकॉन्ड्रिया का कार्य सर्वोपरि है। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण करते हैं, लाइसोसोम अपशिष्ट को पचाते हैं, और गॉल्जी उपकरण प्रोटीन को संशोधित और पैक करता है, लेकिन ऊर्जा उत्पादन मुख्य रूप से माइटोकॉन्ड्रिया का कार्य है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए डिज़ाइन की गई प्रतिरक्षा कोशिकाओं की विशिष्टता (specificity) का अध्ययन करने के लिए कौन सा विश्लेषणात्मक उपकरण (analytical instrument) उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) स्पेक्ट्रोफोटोमीटर
    • (b) मास स्पेक्ट्रोमीटर
    • (c) क्रोमैटोग्राफी (जैसे HPLC)
    • (d) फ्लो साइटोमीटर

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फ्लो साइटोमेट्री (Flow Cytometry) एकल कोशिकाओं की भौतिक और रासायनिक विशेषताओं को मापने और विश्लेषण करने की एक विधि है।

    व्याख्या (Explanation): फ्लो साइटोमीटर का उपयोग कैंसर कोशिकाओं पर विशिष्ट एंटीजन के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं की सतह पर रिसेप्टर्स की उपस्थिति का पता लगाने और मात्रा निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है। यह यह निर्धारित करने में मदद करता है कि कितनी प्रतिरक्षा कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं को पहचानने में सक्षम हैं, जो उनकी विशिष्टता और प्रभावशीलता का एक माप है। स्पेक्ट्रोफोटोमीटर अवशोषण/संचरण को मापता है, मास स्पेक्ट्रोमीटर अणुओं के द्रव्यमान को मापता है, और क्रोमैटोग्राफी घटकों को अलग करती है, लेकिन फ्लो साइटोमीटर एकल-कोशिका स्तर पर विशिष्टता विश्लेषण के लिए सबसे उपयुक्त है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  23. AI-संचालित कैंसर थेरेपी में, ‘प्रिसिजन किलर’ बनाने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘प्रेसिजन’ (precision) के साथ कैसे निर्देशित किया जा सकता है?

    • (a) यादृच्छिक गति द्वारा
    • (b) लक्ष्य-विशिष्ट प्रोटीन या एंटीबॉडी की अभिव्यक्ति द्वारा
    • (c) केवल सामान्य कोशिका विभाजन द्वारा
    • (d) कोशिका की सतह पर पाए जाने वाले अणुओं पर ध्यान केंद्रित किए बिना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लक्ष्य-विशिष्ट प्रोटीन (जैसे CARs) और एंटीबॉडी प्रतिरक्षा कोशिकाओं को विशिष्ट लक्ष्यों को पहचानने और उन पर प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): ‘प्रेसिजन’ का अर्थ है सटीकता। AI-संशोधित प्रतिरक्षा कोशिकाएं विशिष्ट कैंसर सेल सतह मार्करों (एंटीजन) को पहचानने के लिए इंजीनियर की जाती हैं। यह इंजीनियरिंग अक्सर जीन को जोड़कर किया जाता है जो विशेष रिसेप्टर्स (जैसे CARs) या एंटीबॉडी को एन्कोड करते हैं जो केवल कैंसर कोशिकाओं पर पाए जाते हैं। यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर कोशिकाओं पर विशेष रूप से हमला करने में सक्षम बनाता है। यादृच्छिक गति, सामान्य कोशिका विभाजन, या लक्षित अणुओं पर ध्यान केंद्रित न करना सटीकता प्रदान नहीं करेगा।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं के आनुवंशिक कोड (genetic code) में परिवर्तन करने के लिए कौन सा जैव-रासायनिक उपकरण (biochemical tool) उपयोग किया जाता है?

    • (a) माइक्रोस्कोप
    • (b) PCR (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन)
    • (c) CRISPR-Cas9
    • (d) सेंट्रीफ्यूज

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): CRISPR-Cas9 एक शक्तिशाली जीन संपादन तकनीक है जो डीएनए अनुक्रमों को सटीक रूप से बदलने की अनुमति देती है।

    व्याख्या (Explanation): CRISPR-Cas9 जीन संपादन तकनीक प्रतिरक्षा कोशिकाओं के आनुवंशिक कोड में सटीक परिवर्तन करने के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले उपकरणों में से एक है। यह वैज्ञानिकों को विशिष्ट जीन को जोड़ने, हटाने या संशोधित करने की अनुमति देता है ताकि प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं को बेहतर ढंग से पहचानने और नष्ट करने की क्षमता प्रदान की जा सके। PCR डीएनए की प्रतियां बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, माइक्रोस्कोप अवलोकन के लिए है, और सेंट्रीफ्यूज कोशिकाओं को अलग करने के लिए है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. AI-आधारित कैंसर थेरेपी में, ‘प्रेसिजन कैंसर किलर्स’ में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को बदलने की प्रक्रिया में कोशिकाओं के भीतर कौन सी आणविक मशीनरी (molecular machinery) सक्रिय रूप से शामिल होती है?

    • (a) डीएनए पॉलीमरेज़ और आरएनए पॉलीमरेज़
    • (b) केवल प्रोटीन का क्षरण
    • (c) लिपिड संश्लेषण एंजाइम
    • (d) कार्बोहाइड्रेट चयापचय एंजाइम

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जीन संपादन और नई प्रोटीन अभिव्यक्ति में डीएनए प्रतिकृति, ट्रांसक्रिप्शन (आरएनए संश्लेषण) और ट्रांसलेशन (प्रोटीन संश्लेषण) शामिल हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘प्रेसिजन किलर’ बनाने के लिए, उनके आनुवंशिक कोड को संशोधित किया जाता है (CRISPR का उपयोग करके), जिससे डीएनए अनुक्रमों में परिवर्तन होता है। इसके बाद, इन संशोधित जीनों को आरएनए (ट्रांसक्रिप्शन द्वारा, आरएनए पॉलीमरेज़ का उपयोग करके) में कॉपी किया जाता है, और फिर इन आरएनए को कैंसर-लक्षित प्रोटीन बनाने के लिए उपयोग किया जाता है (ट्रांसलेशन द्वारा, राइबोसोम और अन्य एंजाइमों का उपयोग करके)। इसलिए, डीएनए और आरएनए पॉलीमरेज़ इस आणविक मशीनरी के महत्वपूर्ण हिस्से हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

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