Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

AI-संचालित कैंसर उपचार: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

AI-संचालित कैंसर उपचार: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान का एक मजबूत आधार बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के उन महत्वपूर्ण अवधारणाओं का परीक्षण करता है जो अक्सर परीक्षाओं में पूछी जाती हैं। हाल के वैज्ञानिक विकास, जैसे कि AI का उपयोग करके प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर-रोधी एजेंटों में बदलना, इन विषयों के अंतर्संबंध को उजागर करते हैं। यह अभ्यास सेट आपको विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझने और अपनी परीक्षा की तैयारी को परखने में मदद करेगा।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर का मुकाबला करने के लिए संशोधित करने की प्रक्रिया में, किस प्रकार की तरंगों का उपयोग कोशिका झिल्ली को पारगम्य बनाने के लिए किया जा सकता है?

    • (a) रेडियो तरंगें
    • (b) अवरक्त तरंगें
    • (c) पराबैंगनी तरंगें
    • (d) विद्युत चुम्बकीय तरंगें (जैसे अल्ट्रासाउंड)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चुम्बकीय तरंगों, विशेष रूप से अल्ट्रासाउंड, का उपयोग जैव-झिल्लियों (biomembranes) की पारगम्यता (permeability) को क्षणिक रूप से बढ़ाने के लिए किया जा सकता है, एक प्रक्रिया जिसे मेसोपो्रेशन (mesoporation) कहा जाता है।

    व्याख्या (Explanation): AI-संचालित उपचारों में, AI विशिष्ट प्रोटीन या जीन को लक्षित कर सकता है। इन लक्षित स्थानों तक पहुँचने के लिए, कोशिका झिल्ली को पार करने की आवश्यकता हो सकती है। अल्ट्रासाउंड जैसी विद्युत चुम्बकीय तरंगें कोशिका झिल्ली में अस्थायी छिद्र बना सकती हैं, जिससे AI-डिलीवरी सिस्टम या आवश्यक बायोमोलेक्यूल्स का प्रवेश संभव हो पाता है। रेडियो तरंगें या अवरक्त तरंगें इस उद्देश्य के लिए आमतौर पर प्रभावी नहीं होती हैं, और पराबैंगनी तरंगें कोशिकाओं के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  2. मानव प्रतिरक्षा प्रणाली में, टी-कोशिकाएं (T-cells) कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। टी-कोशिकाओं का परिपक्व होना (maturation) मुख्य रूप से किस अंग में होता है?

    • (a) अस्थि मज्जा (Bone Marrow)
    • (b) थाइमस (Thymus)
    • (c) प्लीहा (Spleen)
    • (d) लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): टी-लिम्फोसाइट्स (T-lymphocytes) का विकास और परिपक्वता थाइमस ग्रंथि में होती है।

    व्याख्या (Explanation): टी-कोशिकाएं, जो अनुकूली प्रतिरक्षा (adaptive immunity) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, अस्थि मज्जा में उत्पन्न होती हैं लेकिन थाइमस में परिपक्व होती हैं। थाइमस में, वे उन कोशिकाओं को पहचानना सीखते हैं जो ‘स्वयं’ (self) हैं और जो ‘गैर-स्वयं’ (non-self) हैं, जिससे ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाओं को रोका जा सके। प्लीहा और लिम्फ नोड्स प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन टी-कोशिकाओं का प्राथमिक परिपक्वता स्थल थाइमस है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. AI-संचालित कैंसर उपचार में, कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘री-प्रोग्राम’ करने में किस प्रकार के बायोमोलेक्यूल्स का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) कार्बोहाइड्रेट
    • (b) लिपिड
    • (c) न्यूक्लिक एसिड (जैसे mRNA या DNA)
    • (d) प्रोटीन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूक्लिक एसिड, विशेष रूप से mRNA, का उपयोग कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने के निर्देश देने के लिए किया जा सकता है जो एक विशिष्ट कार्य करते हैं, जैसे कि कैंसर कोशिकाओं को पहचानना और उन पर हमला करना।

    व्याख्या (Explanation): mRNA (मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड) वैक्सीन की तरह, AI-संचालित कैंसर उपचार में mRNA का उपयोग प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर-विशिष्ट एंटीजन (cancer-specific antigens) बनाने का निर्देश देने के लिए किया जा सकता है। यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं को बेहतर ढंग से पहचानने और उन पर हमला करने में सक्षम बनाता है। DNA का उपयोग जीन थेरेपी में भी किया जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट, लिपिड और प्रोटीन के अपने कार्य होते हैं, लेकिन सीधे तौर पर ‘री-प्रोग्रामिंग’ के लिए निर्देशों का वाहक बनने की उनकी प्राथमिक भूमिका नहीं होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाले कीमोथेरेपी ड्रग्स अक्सर कोशिका विभाजन (cell division) को लक्षित करते हैं। कोशिका विभाजन के दौरान स्पिंडल फाइबर (spindle fibers) के निर्माण के लिए कौन सा कोशिकांग (organelle) जिम्मेदार होता है?

    • (a) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
    • (b) राइबोसोम (Ribosomes)
    • (c) सेंट्रोसोम (Centrosome)
    • (d) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सेंट्रोसोम कोशिका विभाजन के दौरान स्पिंडल फाइबर के निर्माण के लिए जिम्मेदार मुख्य कोशिकांग हैं।

    व्याख्या (Explanation): सेंट्रोसोम, जो जंतु कोशिकाओं में पाए जाते हैं, कोशिका चक्र के दौरान माइक्रोट्यूब्यूल-संगठन केंद्रों (microtubule-organizing centers) के रूप में कार्य करते हैं। वे स्पिंडल फाइबर बनाते हैं जो गुणसूत्रों (chromosomes) को कोशिका के विपरीत ध्रुवों तक खींचते हैं, जिससे कोशिका विभाजन का महत्वपूर्ण चरण पूरा होता है। माइटोकॉन्ड्रिया ऊर्जा उत्पादन के लिए, राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण के लिए, और एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम प्रोटीन और लिपिड के निर्माण और परिवहन के लिए जिम्मेदार हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. हाल के अध्ययनों में, AI ने प्रतिरक्षा कोशिकाओं को अधिक प्रभावी ढंग से कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद की है। यह ‘अधिक प्रभावी ढंग से’ का अर्थ अक्सर कोशिका की लक्षित हत्या (targeted killing) को बढ़ाना होता है। कोशिका झिल्ली के पार आयनों (ions) की गति से कोशिका के अंदर विद्युत क्षमता (electrical potential) में परिवर्तन होता है। कोशिका झिल्ली के आर-पार इस आयनिक असंतुलन (ionic imbalance) के लिए कौन सा पंप जिम्मेदार होता है?

    • (a) सोडियम-पोटेशियम पंप (Na+/K+-ATPase)
    • (b) कैल्शियम पंप (Ca2+-ATPase)
    • (c) प्रोटॉन पंप (H+-ATPase)
    • (d) ये सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न आयन पंप कोशिका झिल्ली के आर-पार आयनिक ग्रेडिएंट्स (ionic gradients) और झिल्ली क्षमता (membrane potential) को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सोडियम-पोटेशियम पंप (Na+/K+-ATPase) कोशिका झिल्ली के आर-पार महत्वपूर्ण आयनिक असंतुलन बनाता है, जो विद्युत क्षमता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। कैल्शियम पंप (Ca2+-ATPase) कैल्शियम आयनों की सांद्रता को नियंत्रित करता है, जो कई सेलुलर प्रक्रियाओं, जैसे सिग्नलिंग और मांसपेशियों के संकुचन में शामिल होता है। प्रोटॉन पंप (H+-ATPase) पीएच और विद्युत रासायनिक ग्रेडिएंट्स को बनाए रखने में भूमिका निभाते हैं। ये सभी पंप, अपने-अपने तरीके से, कोशिका झिल्ली के पार आयनिक वितरण को प्रभावित करते हैं और इस प्रकार कोशिका के विद्युत व्यवहार को प्रभावित करते हैं, जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  6. कैंसर के उपचार में लक्ष्यीकरण (targeting) की सटीकता बढ़ाने के लिए AI का उपयोग किया जा रहा है। रासायनिक यौगिकों की ‘लक्ष्यीकरण’ क्षमता को उनकी भौतिक-रासायनिक गुणों के आधार पर कैसे वर्गीकृत किया जा सकता है?

    • (a) केवल घुलनशीलता
    • (b) केवल आणविक भार
    • (c) जलरागी (hydrophilic) बनाम जलविरागी (hydrophobic) गुण
    • (d) ये सभी गुण

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी रासायनिक यौगिक की लक्ष्यीकरण क्षमता उसकी घुलनशीलता, आणविक भार और जलरागी/जलविरागी प्रकृति सहित कई भौतिक-रासायनिक गुणों से प्रभावित होती है।

    व्याख्या (Explanation): किसी दवा या यौगिक की लक्ष्यीकरण क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि वह शरीर में कैसे अवशोषित (absorbed), वितरित (distributed), चयापचय (metabolized) और उत्सर्जित (excreted) होती है। ये सभी प्रक्रियाएँ यौगिक के भौतिक-रासायनिक गुणों से प्रभावित होती हैं। उच्च घुलनशीलता (soluble) या विशिष्ट जलरागी/जलविरागी संतुलन यह निर्धारित कर सकता है कि यह कोशिका झिल्ली को कितनी अच्छी तरह पार कर सकता है या विशिष्ट ऊतकों में वितरित हो सकता है। आणविक भार भी इसकी गतिशीलता और वितरण को प्रभावित करता है। AI इन गुणों का विश्लेषण करके सबसे प्रभावी लक्ष्यीकरण के लिए यौगिकों को डिजाइन या पहचान सकता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  7. कैंसर कोशिकाओं में, डीएनए (DNA) में अक्सर उत्परिवर्तन (mutations) होते हैं जो अनियंत्रित कोशिका वृद्धि का कारण बनते हैं। डीएनए के दोहरे हेलिक्स (double helix) की संरचना में दो स्ट्रैंड्स को किस प्रकार के रासायनिक बंध (chemical bond) एक साथ बांधे रखते हैं?

    • (a) आयनिक बंध (Ionic bond)
    • (b) सहसंयोजक बंध (Covalent bond)
    • (c) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen bond)
    • (d) धात्विक बंध (Metallic bond)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डीएनए के दो स्ट्रैंड्स में बेस पेयर्स (base pairs) के बीच हाइड्रोजन बंध डीएनए की डबल हेलिक्स संरचना को स्थिर करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): डीएनए में, एडेनिन (A) थाइमिन (T) के साथ दो हाइड्रोजन बंधों द्वारा और गुआनिन (G) साइटोसिन (C) के साथ तीन हाइड्रोजन बंधों द्वारा जुड़ा होता है। ये कमजोर बंध डीएनए को प्रतिकृति (replication) और प्रतिलेखन (transcription) के लिए आवश्यकतानुसार अलग होने देते हैं। फॉस्फोडिएस्टर बंध (phosphodiester bonds) डीएनए के एक स्ट्रैंड के भीतर न्यूक्लियोटाइड को एक साथ जोड़ते हैं, जो सहसंयोजक बंध होते हैं। आयनिक और धात्विक बंध डीएनए संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. AI-संचालित उपचारों में, “सप्ताहों में” प्राप्त होने वाले तेज़ परिणामों का मतलब यह हो सकता है कि प्रतिरक्षा कोशिकाओं में तेजी से परिवर्तन या गुणन (proliferation) हो रहा है। कोशिका विभाजन की दर को बढ़ाने वाले कारकों को क्या कहते हैं?

    • (a) अवरोधक (Inhibitors)
    • (b) उत्तेजक (Stimulators)
    • (c) अवशोषक (Absorbers)
    • (d) वियोजक (Disruptors)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वे कारक जो कोशिका वृद्धि और विभाजन को बढ़ावा देते हैं, उन्हें उत्तेजक या ग्रोथ फैक्टर (growth factors) कहा जाता है।

    व्याख्या (Explanation): AI-संचालित उपचारों में, प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय और गुणा करने के लिए विशिष्ट सिग्नल या अणु प्रदान किए जा सकते हैं। ये उत्तेजक (जैसे साइटोकिन्स या ग्रोथ फैक्टर्स) कोशिका चक्र को गति देते हैं और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को तेज करते हैं। अवरोधक कोशिका वृद्धि को रोकते हैं, अवशोषक पदार्थों को अवशोषित करते हैं, और वियोजक विभाजन को बाधित करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं की क्षमता को बढ़ाने में, सेलुलर सिग्नलिंग पाथवे (cellular signaling pathways) महत्वपूर्ण हैं। सेलुलर सिग्नलिंग में अक्सर प्रोटीन की फॉस्फोराइलेशन (phosphorylation) या डीफॉस्फोराइलेशन (dephosphorylation) शामिल होती है। ये प्रतिक्रियाएं कौन से एंजाइम (enzymes) करते हैं?

    • (a) लाइपेज (Lipases)
    • (b) प्रोटीज (Proteases)
    • (c) काइनेज (Kinases) और फॉस्फेटेज (Phosphatases)
    • (d) न्यूक्लियेज (Nucleases)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): काइनेज एंजाइम सब्सट्रेट में फॉस्फेट समूह जोड़ते हैं (फॉस्फोराइलेशन), जबकि फॉस्फेटेज फॉस्फेट समूह हटाते हैं (डीफॉस्फोराइलेशन)।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटीन की फॉस्फोराइलेशन स्थिति अक्सर प्रोटीन की गतिविधि को नियंत्रित करती है। काइनेज, एटीपी (ATP) से फॉस्फेट समूह को प्रोटीन पर स्थानांतरित करते हैं। दूसरी ओर, फॉस्फेटेज, पानी का उपयोग करके प्रोटीन से फॉस्फेट समूह को हटा देते हैं। यह फॉस्फोराइलेशन/डीफॉस्फोराइलेशन का चक्र सेलुलर सिग्नलिंग में एक महत्वपूर्ण नियामक तंत्र है, जो AI द्वारा नियंत्रित प्रक्रियाओं में शामिल हो सकता है। लाइपेज लिपिड को, प्रोटीज प्रोटीन को, और न्यूक्लियेज न्यूक्लिक एसिड को तोड़ते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं की कार्यक्षमता को बढ़ाने में, सेलुलर ऊर्जा (cellular energy) एक महत्वपूर्ण कारक है। सेलुलर श्वसन (cellular respiration) का मुख्य स्थल जहां एटीपी (ATP) का अधिकांश उत्पादन होता है, कौन सा कोशिकांग है?

    • (a) नाभिक (Nucleus)
    • (b) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
    • (c) लाइसोसोम (Lysosomes)
    • (d) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ‘पावरहाउस’ कहा जाता है क्योंकि यह सेलुलर श्वसन के माध्यम से एटीपी का उत्पादन करता है।

    व्याख्या (Explanation): एटीपी (एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) कोशिका की प्राथमिक ऊर्जा मुद्रा है। माइटोकॉन्ड्रिया के भीतर होने वाली ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन (oxidative phosphorylation) प्रक्रिया से एटीपी की एक बड़ी मात्रा उत्पन्न होती है। सक्रिय प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन को बढ़ाना AI-संचालित उपचारों का एक लक्ष्य हो सकता है। नाभिक आनुवंशिक सामग्री को रखता है, गॉल्जी उपकरण प्रोटीन को संशोधित और पैक करता है, और लाइसोसोम अपशिष्ट को पचाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  11. AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं को “सप्ताहों में” कैंसर किलर बनाने के लिए, आनुवंशिक सामग्री (genetic material) को कुशलतापूर्वक कोशिकाओं के अंदर पहुँचाना पड़ता है। कोशिका झिल्ली में पदार्थों के परिवहन के लिए कौन सी संरचनाएं मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं?

    • (a) कोशिका भित्ति (Cell wall)
    • (b) कोशिका झिल्ली (Cell membrane)
    • (c) नाभिकीय छिद्र (Nuclear pores)
    • (d) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली (प्लाज्मा झिल्ली) एक चयनात्मक रूप से पारगम्य बाधा है जो कोशिका के अंदर और बाहर पदार्थों के परिवहन को नियंत्रित करती है।

    व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली मुख्य रूप से फॉस्फोलिपिड्स (phospholipids) और प्रोटीन से बनी होती है। यह पदार्थों के निष्क्रिय प्रसार (passive diffusion), सुगम प्रसार (facilitated diffusion), सक्रिय परिवहन (active transport) और एंडोसाइटोसिस/एक्सोसाइटोसिस (endocytosis/exocytosis) जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से पदार्थों के प्रवेश और निकास को नियंत्रित करती है। AI-संचालित उपचारों में, mRNA या अन्य जीन थेरेपी घटकों को कोशिका में प्रवेश करने के लिए इस झिल्ली को पार करना पड़ता है। कोशिका भित्ति (पादप कोशिकाओं और बैक्टीरिया में) बाहर होती है, नाभिकीय छिद्र नाभिक में पदार्थों के परिवहन को नियंत्रित करते हैं, और एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम झिल्ली के भीतर ही होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. कैंसर के इलाज में AI के अनुप्रयोग, जैसे कि कोशिकाओं को “सप्ताहों में” बदलना, दवा वितरण (drug delivery) के क्षेत्र से संबंधित हैं। उन नैनोकणों (nanoparticles) को क्या कहते हैं जो दवाओं को सीधे लक्ष्य कोशिकाओं तक पहुँचाने के लिए उपयोग किए जाते हैं?

    • (a) फैगोसाइट्स (Phagocytes)
    • (b) लिपोसोम (Liposomes)
    • (c) राइबोसोम (Ribosomes)
    • (d) न्यूक्लियोसोम (Nucleosomes)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लिपोसोम, फॉस्फोलिपिड्स से बनी गोलाकार झिल्लियाँ, दवाओं को एनकैप्सुलेट (encapsulate) करने और उन्हें लक्ष्य स्थलों तक पहुँचाने के लिए नैनोकैरियर (nanocarrier) के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): लिपोसोम जैव-संगत (biocompatible) होते हैं और विभिन्न प्रकार की दवाओं, जैसे कीमोथेरेपी एजेंटों या जीन थेरेपी के लिए न्यूक्लिक एसिड को ले जा सकते हैं। AI का उपयोग लिपोसोम की सतह पर लक्ष्यीकरण अणु (targeting molecules) जोड़ने के लिए किया जा सकता है ताकि उन्हें विशिष्ट कैंसर कोशिकाओं तक निर्देशित किया जा सके। फैगोसाइट्स भक्षकाणु कोशिकाएं हैं, राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण के लिए जिम्मेदार हैं, और न्यूक्लियोसोम डीएनए पैकेजिंग का हिस्सा हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. कैंसर कोशिकाओं के चयापचय (metabolism) को बाधित करके उन्हें नष्ट करने के लिए AI का उपयोग किया जा सकता है। कैंसर कोशिकाओं में अक्सर ग्लाइकोलिसिस (glycolysis) की दर बढ़ जाती है। ग्लाइकोलिसिस की पहली अवस्था में, ग्लूकोज (glucose) का एक अणु किस 3-कार्बन अणु में परिवर्तित हो जाता है?

    • (a) पाइरुवेट (Pyruvate)
    • (b) एसिटाइल-CoA (Acetyl-CoA)
    • (c) लैक्टेट (Lactate)
    • (d) सिट्रेट (Citrate)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ग्लाइकोलिसिस, ग्लूकोज के चयापचय का पहला चरण है, जिसमें ग्लूकोज के एक अणु को दो पाइरुवेट अणुओं में तोड़ा जाता है।

    व्याख्या (Explanation): ग्लाइकोलिसिस कोशिका द्रव्य (cytoplasm) में होता है और इसमें दस एंजाइमेटिक प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं। यह ग्लूकोज (एक 6-कार्बन अणु) को पाइरुवेट (एक 3-कार्बन अणु) में परिवर्तित करता है, साथ ही थोड़ी मात्रा में एटीपी और एनएडीएच (NADH) का उत्पादन करता है। एसिटाइल-CoA क्रेब्स चक्र (Krebs cycle) में प्रवेश करता है, लैक्टेट एरोबिक परिस्थितियों में पाइरुवेट का एक उत्पाद है, और सिट्रेट क्रेब्स चक्र का प्रारंभिक अणु है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  14. AI-संचालित उपचारों को “सप्ताहों में” प्रभावी बनाने के लिए, कोशिकाओं में आणविक लक्ष्यों (molecular targets) की पहचान और उनमें हेरफेर (manipulation) करना शामिल हो सकता है। एक रासायनिक प्रतिक्रिया की दर को बढ़ाने वाले पदार्थ को क्या कहते हैं?

    • (a) उत्प्रेरक (Catalyst)
    • (b) अवरोधक (Inhibitor)
    • (c) विलायक (Solvent)
    • (d) विलायक (Solute)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एक उत्प्रेरक (Catalyst) एक ऐसा पदार्थ है जो रासायनिक प्रतिक्रिया की दर को बढ़ाता है या घटाता है लेकिन प्रतिक्रिया के दौरान स्वयं उपभोग नहीं होता है।

    व्याख्या (Explanation): जैविक प्रणालियों में, एंजाइम (enzymes) उत्कृष्ट उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को लाखों गुना तेज करते हैं। AI-संचालित उपचारों का उद्देश्य विशिष्ट एंजाइमों को सक्रिय करना या बाधित करना हो सकता है, या यह सुनिश्चित करना हो सकता है कि उत्प्रेरक (जैसे एंजाइम) सही स्थानों पर सही समय पर काम करें। अवरोधक प्रतिक्रियाओं को धीमा करते हैं, जबकि विलायक और विलायक विलेयता से संबंधित हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  15. कैंसर के उपचार के लिए AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं को “री-प्रोग्राम” करने में, जीन अभिव्यक्ति (gene expression) को संशोधित करना शामिल हो सकता है। जीन अभिव्यक्ति के नियमन में कौन सी प्रमुख अणु वर्ग (molecular class) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है?

    • (a) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
    • (b) लिपिड (Lipids)
    • (c) न्यूक्लिक एसिड (Nucleic Acids)
    • (d) प्रोटीन (Proteins)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूक्लिक एसिड, विशेष रूप से DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) और RNA (राइबोन्यूक्लिक एसिड), आनुवंशिक जानकारी के भंडारण, संचरण और अभिव्यक्ति के लिए मौलिक हैं।

    व्याख्या (Explanation): DNA में जीन होते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए कोड करते हैं। RNA अणु, जैसे mRNA, tRNA, और rRNA, जीन अभिव्यक्ति की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। mRNA प्रोटीन बनाने के लिए टेम्पलेट के रूप में कार्य करता है, tRNA अमीनो एसिड ले जाता है, और rRNA राइबोसोम का एक घटक है। AI नई दवाओं या उपचारों को डिजाइन कर सकता है जो DNA/RNA को लक्षित करते हैं या आनुवंशिक अभिव्यक्ति को नियंत्रित करते हैं, जिससे कैंसर से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘री-प्रोग्राम’ किया जा सके।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. AI-संचालित कैंसर उपचार में, “सप्ताहों में” परिवर्तन का अर्थ है कि कोशिकाओं में प्रोटीन संश्लेषण (protein synthesis) की दर बढ़ जाती है। कोशिका के भीतर प्रोटीन संश्लेषण कहाँ होता है?

    • (a) नाभिक (Nucleus)
    • (b) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
    • (c) राइबोसोम (Ribosomes)
    • (d) लाइसोसोम (Lysosomes)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): राइबोसोम कोशिका के वे अंग हैं जो mRNA टेम्प्लेट का उपयोग करके प्रोटीन को संश्लेषित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटीन संश्लेषण, या अनुवाद (translation), वह प्रक्रिया है जहां mRNA पर आनुवंशिक कोड को अमीनो एसिड की एक श्रृंखला में डिकोड किया जाता है, जो एक विशिष्ट प्रोटीन बनाता है। यह प्रक्रिया राइबोसोम पर होती है, जो कोशिका द्रव्य में स्वतंत्र रूप से या एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम से बंधे हो सकते हैं। AI-संचालित उपचारों का उद्देश्य विशिष्ट प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाना हो सकता है जो कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करते हैं, जिससे प्रोटीन संश्लेषण की दर बढ़ जाती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. कैंसर कोशिकाओं की सतह पर विशिष्ट मार्करों (specific markers) को पहचानना AI-निर्देशित प्रतिरक्षा सेल थेरेपी का एक प्रमुख पहलू है। इन मार्करों को अक्सर ग्लाइकोप्रोटीन (glycoproteins) या ग्लाइकोलिपिड (glycolipids) के रूप में पाया जाता है। ग्लाइकोप्रोटीन के संश्लेषण और संशोधन में कौन सा कोशिकांग प्रमुख भूमिका निभाता है?

    • (a) नाभिक (Nucleus)
    • (b) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
    • (c) सेंट्रोसोम (Centrosome)
    • (d) पेरोक्सीसोम (Peroxisomes)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गॉल्जी उपकरण (जिसे गॉल्जी कॉम्प्लेक्स या गॉल्जी बॉडी भी कहा जाता है) प्रोटीन और लिपिड के संशोधन, सॉर्टिंग और पैकेजिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें ग्लाइकोसिलेशन (glycosylation) भी शामिल है।

    व्याख्या (Explanation): गॉल्जी उपकरण एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम से प्रोटीन और लिपिड प्राप्त करता है और उन्हें आगे संशोधित करता है। ग्लाइकोसिलेशन, जिसमें कार्बोहाइड्रेट को प्रोटीन या लिपिड से जोड़ा जाता है, गॉल्जी उपकरण में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है। ये ग्लाइकोप्रोटीन और ग्लाइकोलिपिड कोशिका सतह पर कई कार्यों में महत्वपूर्ण होते हैं, जिनमें कोशिका पहचान और संचार शामिल हैं, जो AI-संचालित कैंसर उपचार के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्य हो सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. AI-संचालित उपचार में, प्रतिरक्षा कोशिकाओं को “सप्ताहों में” अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए, उन्हें अधिक ऊर्जा की आवश्यकता हो सकती है। कोशिका झिल्ली पर मौजूद आयन चैनल (ion channels) कोशिका के विद्युतचालन (electrophysiology) के लिए महत्वपूर्ण हैं। निम्नलिखित में से कौन सा एक आयन चैनल प्रोटीन का उदाहरण है?

    • (a) हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)
    • (b) इंसुलिन (Insulin)
    • (c) एकपोरिन (Aquaporin)
    • (d) कोलेजन (Collagen)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एकपोरिन (Aquaporins) कोशिका झिल्लियों में पाए जाने वाले जल चैनल प्रोटीन हैं जो जल के पारगमन की सुविधा प्रदान करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): आयन चैनल विशिष्ट आयनों को कोशिका झिल्ली के पार ले जाने की अनुमति देते हैं। एकपोरिन विशेष रूप से जल के लिए पारगम्यता को बढ़ाते हैं। अन्य आयन चैनल सोडियम (Na+), पोटेशियम (K+), कैल्शियम (Ca2+) और क्लोराइड (Cl-) जैसे आयनों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो कोशिका झिल्ली की क्षमता को बनाए रखने और विभिन्न सेलुलर प्रक्रियाओं को विनियमित करने के लिए आवश्यक हैं। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन ले जाता है, इंसुलिन एक हार्मोन है, और कोलेजन एक संरचनात्मक प्रोटीन है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. AI का उपयोग प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए ‘ट्रेन’ करने के लिए किया जा रहा है। प्रतिरक्षा कोशिकाओं के एक प्रकार, मैक्रोफेज (macrophages), का एक कार्य अपशिष्ट उत्पादों और रोगजनकों को भक्षण (phagocytosis) करना है। मैक्रोफेज के इस प्रक्रिया के लिए कौन सा कोशिकांग जिम्मेदार है?

    • (a) राइबोसोम (Ribosomes)
    • (b) लाइसोसोम (Lysosomes)
    • (c) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
    • (d) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लाइसोसोम में पाचक एंजाइम (digestive enzymes) होते हैं जो कोशिका के अंदर अपशिष्ट उत्पादों, रोगजनकों और अन्य विदेशी पदार्थों को तोड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): फैगोसाइटोसिस के दौरान, मैक्रोफेज अपने लक्ष्य को निगलकर एक फैगोसोम (phagosome) बनाते हैं। यह फैगोसोम बाद में लाइसोसोम के साथ मिल जाता है, जिससे पाचक एंजाइम रोगजनकों या मलबे को तोड़ देते हैं। AI-निर्देशित उपचारों में, मैक्रोफेज को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और निगलने के लिए बेहतर ढंग से प्रोग्राम किया जा सकता है, और फिर लाइसोसोम इन कैंसर कोशिकाओं को तोड़ने में मदद करेंगे।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. कैंसर के उपचार के लिए AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं को “सप्ताहों में” सक्रिय करने के लिए, कोशिकाओं के भीतर रासायनिक संकेतों (chemical signals) को तेजी से संचारित करने की आवश्यकता होती है। कोशिका-से-कोशिका संचार (cell-to-cell communication) में अक्सर सिग्नल अणुओं के रूप में उपयोग किए जाने वाले कौन से अणु होते हैं?

    • (a) एंजाइम (Enzymes)
    • (b) न्यूक्लिक एसिड (Nucleic Acids)
    • (c) हार्मोन्स और न्यूरोट्रांसमीटर (Hormones and Neurotransmitters)
    • (d) वसा (Fats)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर जैसे रासायनिक अणु कोशिकाओं के बीच संचार के लिए महत्वपूर्ण सिग्नलिंग अणु (signaling molecules) के रूप में कार्य करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हार्मोन एंडोक्राइन ग्रंथियों से स्रावित होते हैं और रक्तप्रवाह के माध्यम से दूर के लक्ष्य अंगों तक पहुंचते हैं। न्यूरोट्रांसमीटर तंत्रिका तंत्र में न्यूरॉन्स के बीच संकेतों को संचारित करते हैं। प्रतिरक्षा कोशिकाओं के बीच संचार में साइटोकिन्स (cytokines) भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो हार्मोन के समान कार्य करते हैं। AI का उपयोग इन सिग्नलिंग पाथवे को समझने और उन्हें हेरफेर करने के लिए किया जा सकता है ताकि प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को निर्देशित किया जा सके। एंजाइम उत्प्रेरक होते हैं, न्यूक्लिक एसिड आनुवंशिक जानकारी रखते हैं, और वसा ऊर्जा भंडारण और झिल्ली संरचना के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. AI-संचालित उपचार में, “सप्ताहों में” परिणाम प्राप्त करने के लिए, कोशिकाओं के भीतर होने वाली उपापचयी प्रतिक्रियाओं (metabolic reactions) की दर को अनुकूलित (optimize) करने की आवश्यकता होती है। इन प्रतिक्रियाओं में अक्सर ऑक्सीकरण-अपचयन (redox) प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं। कोशिकाओं में प्रमुख रेडॉक्स कैरियर (redox carrier) कौन सा अणु है?

    • (a) एटीपी (ATP)
    • (b) एनएडी+ (NAD+) / एनएडीएच (NADH)
    • (c) ग्लूकोज (Glucose)
    • (d) एडेनोसिन (Adenosine)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एनएडी+ (निकोटिनामाइड एडेनिन डाइन्यूक्लियोटाइड) और इसका कम रूप एनएडीएच (NADH) कोशिका के चयापचय में इलेक्ट्रॉन परिवहन और ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण रेडॉक्स कैरियर हैं।

    व्याख्या (Explanation): एनएडी+ एक ऑक्सीडेंट (oxidant) के रूप में कार्य करता है, जो प्रतिक्रियाओं से इलेक्ट्रॉनों को स्वीकार करता है और एनएडीएच में अपचयित (reduced) हो जाता है। एनएडीएच तब इलेक्ट्रॉनों को अन्य अणुओं को दान कर सकता है, जिससे ऑक्सीकरण हो जाता है। यह चक्र सेलुलर श्वसन और अन्य चयापचय प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है। AI-संचालित उपचारों का लक्ष्य इन रेडॉक्स प्रक्रियाओं को अनुकूलित करना हो सकता है ताकि प्रतिरक्षा कोशिकाओं की कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सके।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. कैंसर कोशिकाओं के डीएनए में उत्परिवर्तन (mutations) को ठीक करने या उन पर हमला करने के लिए AI का उपयोग किया जा सकता है। डीएनए प्रतिकृति (DNA replication) के दौरान, डीएनए पॉलीमरेज़ (DNA polymerase) नए डीएनए स्ट्रैंड के निर्माण के लिए आवश्यक बिल्डिंग ब्लॉक्स क्या हैं?

    • (a) अमीनो एसिड (Amino acids)
    • (b) न्यूक्लियोटाइड (Nucleotides)
    • (c) फैटी एसिड (Fatty acids)
    • (d) शर्करा (Sugars)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): डीएनए पॉलीमरेज़ एक एंजाइम है जो डीएनए संश्लेषण को उत्प्रेरित करता है, जिसमें डीऑक्सीन्यूक्लियोसाइड ट्राइफॉस्फेट्स (dNTPs) का उपयोग करके एक डीएनए टेम्पलेट पर एक नया डीएनए स्ट्रैंड बनाना शामिल है।

    व्याख्या (Explanation): न्यूक्लियोटाइड डीएनए के मोनोमर (monomers) होते हैं, जिनमें एक फॉस्फेट समूह, एक डीऑक्सीराइबोस शर्करा और एक नाइट्रोजनस बेस (एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन या थाइमिन) होता है। डीएनए पॉलीमरेज़ इन न्यूक्लियोटाइड को सही क्रम में जोड़ता है, जो टेम्पलेट डीएनए स्ट्रैंड द्वारा निर्देशित होता है, ताकि एक नया डीएनए अणु बन सके। AI नई दवाओं को डिजाइन कर सकता है जो डीएनए पॉलीमरेज़ को लक्षित करती हैं या स्वस्थ डीएनए की मरम्मत के लिए न्यूक्लियोटाइड की आपूर्ति को बढ़ाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. AI-संचालित उपचारों में, “सप्ताहों में” प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर किलर में बदलने के लिए, कोशिका आसंजन (cell adhesion) और माइग्रेशन (migration) महत्वपूर्ण हो सकते हैं। कोशिकाएं एक-दूसरे से या बाह्य मैट्रिक्स (extracellular matrix) से चिपकने के लिए किस प्रकार के प्रोटीन का उपयोग करती हैं?

    • (a) एंजाइम (Enzymes)
    • (b) रिसेप्टर्स (Receptors)
    • (c) इंटीग्रिन (Integrins)
    • (d) ट्रांसफॉर्मिंग ग्रोथ फैक्टर (Transforming growth factor)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): इंटीग्रिन कोशिका झिल्ली में स्थित ट्रांसमेम्ब्रेन रिसेप्टर्स (transmembrane receptors) का एक बड़ा परिवार है जो कोशिकाओं को बाह्य मैट्रिक्स और अन्य कोशिकाओं से जोड़ता है।

    व्याख्या (Explanation): इंटीग्रिन कोशिका आसंजन, कोशिका गतिशीलता (cell motility), संकेत पारगमन (signal transduction) और कोशिका वृद्धि को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर स्थलों तक पहुँचने और वहां कार्य करने के लिए अक्सर बाह्य मैट्रिक्स के माध्यम से माइग्रेट करने की आवश्यकता होती है, और इंटीग्रिन इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक हैं। AI इन प्रोटीन की गतिविधि को बेहतर ढंग से समझने और नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए AI का उपयोग करके “सप्ताहों में” प्रभावी उपचार प्राप्त करने में, कोशिका चक्र (cell cycle) का नियंत्रण महत्वपूर्ण है। कोशिका चक्र के किस चरण में डीएनए प्रतिकृति (DNA replication) होती है?

    • (a) G1 चरण (G1 phase)
    • (b) S चरण (S phase)
    • (c) G2 चरण (G2 phase)
    • (d) M चरण (M phase)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कोशिका चक्र के S (संश्लेषण) चरण में डीएनए प्रतिकृति होती है, जहाँ कोशिका अपने जीनोम की एक सटीक प्रतिलिपि बनाती है।

    व्याख्या (Explanation): कोशिका चक्र में G1, S, G2 और M (माइटोसिस) चरण शामिल होते हैं। G1 चरण कोशिका वृद्धि के लिए है, S चरण डीएनए संश्लेषण के लिए है, G2 चरण कोशिका विभाजन के लिए तैयारी के लिए है, और M चरण माइटोसिस (कोशिका विभाजन) है। AI-संचालित उपचार कैंसर कोशिकाओं के कोशिका चक्र को बाधित कर सकते हैं, जिससे उनकी अनियंत्रित वृद्धि रुक ​​जाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
[कोर्स और फ्री नोट्स के लिए यहाँ क्लिक करें]

Leave a Comment