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आतंक पर भारत का ‘सिंदूर’: आर्मी चीफ का पाकिस्तान को सीधा वार, कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को सलाम

आतंक पर भारत का ‘सिंदूर’: आर्मी चीफ का पाकिस्तान को सीधा वार, कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को सलाम

चर्चा में क्यों? (Why in News?):
हाल ही में, भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के संदर्भ में पाकिस्तान को एक स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के समर्थकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। यह बयान कारगिल विजय दिवस के पावन अवसर पर, जब देश अपने वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दे रहा था, और भी महत्वपूर्ण हो गया। यह न केवल वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर प्रकाश डालता है, बल्कि पाकिस्तान के साथ भारत के जटिल संबंधों और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के अडिग रुख को भी दर्शाता है। यह घटना भारत की रक्षा तैयारियों, राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के महत्व को रेखांकित करती है।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ क्या है? (What is Operation ‘Sindoor’?):
यह समझना महत्वपूर्ण है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कोई गुप्त या नया सैन्य अभियान नहीं है। यह नाम संभवतः थल सेनाध्यक्ष द्वारा आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता और पाकिस्तान को भेजे जा रहे एक कूटनीतिक और रणनीतिक संदेश को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाने के लिए प्रयोग किया गया है। ‘सिंदूर’ भारतीय संस्कृति में पवित्रता, शक्ति और संकल्प का प्रतीक है। इस संदर्भ में, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का अर्थ है भारत का आतंकवाद के विरुद्ध अपने संकल्प को मजबूती से व्यक्त करना और उन सभी देशों को एक स्पष्ट संकेत देना जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं या उसका समर्थन करते हैं। यह एक तरह से ‘सॉफ्ट पावर’ का कूटनीतिक इस्तेमाल है, जो शब्दों और रणनीतिक बयानों के माध्यम से संदेश पहुंचाता है, बजाय इसके कि यह कोई विशिष्ट सैन्य कार्रवाई का कोडनेम हो।

थल सेनाध्यक्ष का संदेश: आतंकवाद के समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा (Army Chief’s Message: Supporters of Terrorism Will Not Be Spared):
थल सेनाध्यक्ष का यह बयान एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक संदेश है। इसे निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर समझा जा सकता है:

  • राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता: यह भारत की अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने की इच्छा को दर्शाता है।
  • पाकिस्तान को सीधा संदेश: यह संदेश स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को लक्षित करता है, जो लंबे समय से भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप झेल रहा है।
  • आतंकवाद के इकोसिस्टम पर वार: यह केवल आतंकवादियों पर ही नहीं, बल्कि उन्हें समर्थन, पनाह और संसाधन उपलब्ध कराने वाले तत्वों पर भी कार्रवाई की चेतावनी है।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान: यह परोक्ष रूप से उन देशों के लिए भी एक चेतावनी है जो आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को कमजोर करते हैं या आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करते हैं।
  • कारगिल विजय दिवस का संदर्भ: इस संदेश का कारगिल विजय दिवस पर आना, भारत की सैन्य शक्ति और अपने दुश्मनों को सबक सिखाने की क्षमता को रेखांकित करता है। कारगिल युद्ध स्वयं पाकिस्तान द्वारा की गई धोखेबाजी और फिर भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी का प्रतीक है।

कारगिल विजय दिवस: शौर्य और बलिदान का प्रतीक (Kargil Vijay Diwas: Symbol of Valour and Sacrifice):
कारगिल विजय दिवस, 26 जुलाई, भारत के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। 1999 में, इसी दिन भारतीय सेना ने कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा अनधिकृत रूप से कब्जाई गई चौकियों को वापस छीन लिया था। यह युद्ध उन वीर जवानों की अदम्य भावना, अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक है जिन्होंने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में, ऊंचे पहाड़ी दर्रों पर दुश्मन का सामना किया।

“कारगिल युद्ध सिर्फ एक सैन्य संघर्ष नहीं था, बल्कि यह भारतीय सेना के शौर्य, दृढ़ संकल्प और राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक जीवंत प्रमाण था। आज हम उन सभी वीर सैनिकों को नमन करते हैं जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।” – थल सेनाध्यक्ष का भावुक वक्तव्य (काल्पनिक)

कारगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है कि:

  • भारतीय सेना की क्षमता: भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है, चाहे वह कितनी भी कठिन क्यों न हो।
  • खुफिया विफलताएँ और सबक: कारगिल युद्ध ने हमारी खुफिया तंत्र में कुछ कमियों को उजागर किया, जिसने भविष्य में उन्हें और मजबूत करने के लिए प्रेरित किया।
  • कूटनीतिक और सैन्य संतुलन: युद्ध की समाप्ति के बाद, भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी प्रभावी ढंग से काम किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन प्राप्त हुआ।
  • सामरिक तैयारी का महत्व: यह घटना सीमा प्रबंधन और सामरिक तैयारियों को निरंतर उन्नत करने की आवश्यकता पर बल देती है।

UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC Exam):

यह घटना UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों और विषयों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है।

1. अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Relations)

  • भारत-पाकिस्तान संबंध: यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने के ऐतिहासिक मुद्दे पर प्रकाश डालती है।
  • क्षेत्रीय सुरक्षा: दक्षिण एशिया में सुरक्षा की स्थिति, आतंकवाद का प्रसार और इससे निपटने की रणनीतियाँ।
  • कूटनीतिक संदेश: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे प्रतीकात्मक संदेशों का कूटनीतिक महत्व।
  • वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई: भारत की भूमिका और अन्य देशों के साथ सहयोग।

2. राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security)

  • सीमा प्रबंधन: नियंत्रण रेखा (LoC) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की सुरक्षा।
  • आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ: भारत की आतंकवाद से निपटने की वर्तमान और भविष्य की नीतियाँ।
  • रक्षा आधुनिकीकरण: सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने की आवश्यकता।
  • खुफिया तंत्र: खुफिया जानकारी जुटाने और उसका विश्लेषण करने की क्षमता।

3. भारतीय सेना और रक्षा (Indian Army and Defence)

  • सैन्य कूटनीति: सेना प्रमुखों द्वारा दिए गए बयानों का राजनीतिक और रणनीतिक महत्व।
  • वीरता और बलिदान: सशस्त्र बलों का राष्ट्र के प्रति समर्पण।
  • रक्षा बजट: राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संसाधनों का आवंटन।
  • संचालन क्षमता: विभिन्न प्रकार के ऑपरेशनों के लिए सेना की तैयारी।

4. समसामयिक घटनाएँ (Current Events)

  • कारगिल विजय दिवस का महत्व: ऐतिहासिक संदर्भ और वर्तमान प्रासंगिकता।
  • भू-राजनीतिक विकास: क्षेत्र में बदलते शक्ति संतुलन।

भारत-पाकिस्तान संबंध और आतंकवाद (India-Pakistan Relations and Terrorism):

भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध हमेशा जटिल रहे हैं, और आतंकवाद इस जटिलता का एक प्रमुख कारक रहा है। भारत का आरोप रहा है कि पाकिस्तान राज्य-प्रायोजित आतंकवाद के माध्यम से भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश करता है। इस आरोप के समर्थन में कई उदाहरण दिए गए हैं, जैसे 2001 का संसद पर हमला, 2008 का मुंबई हमला, 2016 का पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हमला, और 2019 का पुलवामा हमला।

पाकिस्तान लगातार इन आरोपों का खंडन करता रहा है, लेकिन सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने में वह अक्सर विफल रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संदेश इसी पृष्ठभूमि में दिए जाते हैं। थल सेनाध्यक्ष का यह बयान केवल पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के समर्थकों के लिए भी एक चेतावनी है। यह दर्शाता है कि भारत अब केवल रक्षात्मक रणनीति पर ही निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि आतंकवाद के मूल कारणों और उसके समर्थन को भी निशाना बनाने के लिए तैयार है।

पाकिस्तान को संदेश के विभिन्न पहलू (Various Aspects of the Message to Pakistan):

थल सेनाध्यक्ष का संदेश बहुआयामी है:

1. कूटनीतिक दबाव: यह बयान एक कूटनीतिक संकेत है कि भारत पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति निष्क्रियता या मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
2. घरेलू राजनीति: यह देश के भीतर एक मजबूत संदेश देता है कि सरकार और सेना राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीर हैं और किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
3. अंतरराष्ट्रीय मंच: यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी अवगत कराता है कि भारत आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
4. सैन्य तैयारी: यह पाकिस्तान को भारतीय सेना की युद्धक क्षमताओं और दृढ़ संकल्प की याद दिलाता है।

भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति (India’s Counter-Terrorism Strategy):

भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति में कई घटक शामिल हैं:

* सैन्य कार्रवाई: सीमा पार से घुसपैठ को रोकना, आतंकवादियों पर सीधी कार्रवाई करना (जैसे सर्जिकल स्ट्राइक)।
* खुफिया तंत्र को मजबूत करना: आतंकवादी गतिविधियों की पूर्व सूचना प्राप्त करना।
* कानूनी ढाँचा: आतंकवाद को रोकने और अपराधियों को दंडित करने के लिए कड़े कानून बनाना (जैसे यूएपीए)।
* अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: अन्य देशों के साथ आतंकवाद के विरुद्ध सूचनाओं का आदान-प्रदान और संयुक्त अभियान।
* जमीनी स्तर पर जागरूकता: आतंकवाद के प्रति समाज में जागरूकता पैदा करना और युवाओं को कट्टरपंथी बनने से रोकना।
* आर्थिक और कूटनीतिक दबाव: उन देशों पर दबाव बनाना जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की इसी व्यापक रणनीति का एक प्रतीकात्मक हिस्सा है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को उजागर करता है।

आगे की राह और चुनौतियाँ (Way Forward and Challenges):

हालांकि भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है, लेकिन इस राह में कई चुनौतियाँ भी हैं:

* पाकिस्तान की निरंतर सहायता: जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद नहीं करता, सीमा पार से खतरा बना रहेगा।
* आतंकवादी संगठनों का अनुकूलन: आतंकवादी संगठन लगातार अपनी रणनीति बदलते रहते हैं, जिससे उनसे निपटना और भी मुश्किल हो जाता है।
* साइबर आतंकवाद: डिजिटल युग में, साइबर हमलों और दुष्प्रचार के माध्यम से भी अस्थिरता फैलाई जा सकती है।
* आंतरिक सुरक्षा: भारत को अपनी आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत करना होगा ताकि बाहरी तत्वों को भारत के भीतर से समर्थन न मिल सके।
* अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का दोहरा मापदंड: कभी-कभी, कुछ देश आतंकवाद के मुद्दे पर अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों में बाधा आती है।

भारत को अपनी आतंकवाद विरोधी रणनीति को इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए लगातार विकसित करना होगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संदेशों के साथ-साथ, ठोस कार्रवाई, कूटनीतिक प्रयास और खुफिया तंत्र को मजबूत करना भी आवश्यक है।

निष्कर्ष (Conclusion):

थल सेनाध्यक्ष का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में दिया गया यह संदेश, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और आतंकवाद के प्रति उसकी ‘शून्य सहनशीलता’ (Zero Tolerance) नीति को दर्शाता है। कारगिल विजय दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर दिए गए इस बयान का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि यह भारत की सैन्य शक्ति और अपने दुश्मनों को सबक सिखाने की क्षमता का स्मरण कराता है।

यह संदेश पाकिस्तान और अन्य आतंकवाद समर्थकों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि भारत अब किसी भी प्रकार के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके समर्थकों को भी छोड़ा नहीं जाएगा। यह घटना UPSC उम्मीदवारों के लिए भारत की विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा कूटनीति और समसामयिक घटनाओं के बीच संबंध को समझने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है। भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है, और ऐसे संदेश इस दृढ़ संकल्प को और मजबूत करते हैं।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द का प्रयोग हाल ही में चर्चा में किस संदर्भ में हुआ?
a) भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किया गया एक नया सैन्य अभियान
b) आतंकवाद के समर्थकों को भारत द्वारा भेजा गया एक कूटनीतिक और रणनीतिक संदेश
c) भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक पहल
d) भारतीय सेना द्वारा आयोजित एक वार्षिक युद्ध अभ्यास
उत्तर: b) आतंकवाद के समर्थकों को भारत द्वारा भेजा गया एक कूटनीतिक और रणनीतिक संदेश
व्याख्या: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को थल सेनाध्यक्ष ने आतंकवाद के समर्थकों को स्पष्ट संदेश देने के लिए प्रयोग किया, न कि किसी विशेष सैन्य अभियान के रूप में।

2. कारगिल विजय दिवस प्रतिवर्ष किस तिथि को मनाया जाता है?
a) 15 अगस्त
b) 26 जुलाई
c) 01 मई
d) 24 अक्टूबर
उत्तर: b) 26 जुलाई
व्याख्या: 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल में ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक संपन्न किया था, जिसके उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है।

3. 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों से खाली कराई गई चौकियों का संचालन किस ऑपरेशन के तहत किया था?
a) ऑपरेशन मेघदूत
b) ऑपरेशन ब्लू स्टार
c) ऑपरेशन विजय
d) ऑपरेशन रक्षक
उत्तर: c) ऑपरेशन विजय
व्याख्या: कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की सफलता को ‘ऑपरेशन विजय’ के नाम से जाना जाता है।

4. थल सेनाध्यक्ष के बयान के अनुसार, भारत किसे बख्शने के मूड में नहीं है?
a) केवल आतंकवादी संगठन
b) आतंकवाद के समर्थक और प्रायोजक
c) केवल पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी
d) सीमा पार घुसपैठिए
उत्तर: b) आतंकवाद के समर्थक और प्रायोजक
व्याख्या: सेना प्रमुख ने विशेष रूप से ‘आतंकवाद के समर्थकों’ को बख्शने से इनकार किया है।

5. भारत-पाकिस्तान संबंधों में ‘आतंकवाद’ का मुद्दा निम्नलिखित में से किस रूप में देखा जाता है?
a) एक द्विपक्षीय व्यापार मुद्दा
b) एक प्रमुख राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दा
c) एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान का मुद्दा
d) एक पर्यावरण संबंधी मुद्दा
उत्तर: b) एक प्रमुख राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दा
व्याख्या: आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों के केंद्र में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद मुद्दा रहा है।

6. ‘सिंदूर’ भारतीय संस्कृति में मुख्य रूप से किसका प्रतीक माना जाता है?
a) युद्ध और विनाश
b) पवित्रता, शक्ति और सौभाग्य
c) ज्ञान और शिक्षा
d) व्यापार और वाणिज्य
उत्तर: b) पवित्रता, शक्ति और सौभाग्य
व्याख्या: पारंपरिक रूप से, सिंदूर को सौभाग्य, सुहाग और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, जो यहां संकल्प की शक्ति को दर्शाता है।

7. निम्नलिखित में से कौन सी घटना हाल के वर्षों में भारत द्वारा की गई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से संबंधित है?
a) 2008 मुंबई हमला
b) 2016 उरी आतंकी हमला
c) 2019 पुलवामा हमला
d) 2001 भारतीय संसद पर हमला
उत्तर: b) 2016 उरी आतंकी हमला
व्याख्या: भारत ने 2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की थी। (2019 में पुलवामा हमले के बाद ‘एयर स्ट्राइक’ हुई थी)।

8. निम्नलिखित में से कौन सा अधिनियम भारत में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से निपटने के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण कानून है?
a) पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
b) सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
c) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), 1967
d) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005
उत्तर: c) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), 1967
व्याख्या: UAPA एक कड़ा कानून है जो आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को रोकने और दंडित करने के लिए है।

9. थल सेनाध्यक्ष के बयान का संबंध किस भू-राजनीतिक क्षेत्र से है?
a) दक्षिण पूर्व एशिया
b) पूर्वी यूरोप
c) दक्षिण एशिया
d) मध्य पूर्व
उत्तर: c) दक्षिण एशिया
व्याख्या: बयान विशेष रूप से पाकिस्तान को लक्षित करता है, जो दक्षिण एशिया का हिस्सा है।

10. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द का प्रयोग किस प्रकार के संदेश को व्यक्त करने के लिए किया गया है?
a) सामरिक विस्तार की योजना
b) कूटनीतिक चेतावनी
c) मानवीय सहायता मिशन
d) रक्षा खरीद प्रक्रिया
उत्तर: b) कूटनीतिक चेतावनी
व्याख्या: यह शब्द भारत के संकल्प और आतंकवाद के खिलाफ अडिग रुख को दर्शाने वाली कूटनीतिक चेतावनी के रूप में प्रयुक्त हुआ है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में थल सेनाध्यक्ष के बयान का विश्लेषण करें। यह भारत की आतंकवाद विरोधी कूटनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से किस प्रकार महत्वपूर्ण है? कारगिल विजय दिवस के अवसर पर इस तरह के बयान के रणनीतिक निहितार्थों पर प्रकाश डालें।
2. भारत-पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में, आतंकवाद का मुद्दा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को कैसे प्रभावित करता है? भारत की आतंकवाद के विरुद्ध अपनाई गई विभिन्न रणनीतियों और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे प्रतीकात्मक संदेशों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करें।
3. कारगिल विजय दिवस भारत की सैन्य क्षमता, युद्धकालीन नेतृत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस संदर्भ में, वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में कारगिल से सीखे गए सबक और भारत की रक्षा तैयारियों की निरंतर समीक्षा के महत्व पर चर्चा करें।
4. हालिया घटनाओं को देखते हुए, क्या भारत को अपनी ‘शून्य सहनशीलता’ (Zero Tolerance) नीति को और अधिक सक्रिय एवं प्रत्यक्ष कार्रवाई में बदलना चाहिए? ऐसे किसी भी कदम के संभावित कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य परिणामों का विश्लेषण करें।

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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