AI-संचालित कैंसर उपचार: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के उन महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास करने में मदद करेगा जो आपकी तैयारी को मजबूत करेंगे और आपको नवीनतम वैज्ञानिक प्रगति से भी अवगत कराएंगे, जैसे कि AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं के उपचार में हो रही प्रगति। आइए, अपनी सामान्य विज्ञान की दक्षता को परखें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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प्रश्न 1: AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए ‘इम्यून सेल्स’ (प्रतिरक्षा कोशिकाएं) का उपयोग करने की प्रक्रिया में, मानव प्रतिरक्षा प्रणाली का कौन सा घटक मुख्य रूप से कैंसर कोशिकाओं की पहचान और विनाश के लिए जिम्मेदार होता है?
- (a) लाल रक्त कोशिकाएं
- (b) प्लेटलेट्स
- (c) श्वेत रक्त कोशिकाएं (लिम्फोसाइट्स, मैक्रोफेज आदि)
- (d) प्लाज्मा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव प्रतिरक्षा प्रणाली का मुख्य कार्य शरीर को बाहरी रोगजनकों (जैसे बैक्टीरिया, वायरस) और असामान्य कोशिकाओं (जैसे कैंसर कोशिकाएं) से बचाना है। श्वेत रक्त कोशिकाएं, विशेष रूप से लिम्फोसाइट्स (जैसे टी-सेल्स, बी-सेल्स) और मैक्रोफेज, इस रक्षा तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
व्याख्या (Explanation): AI-संचालित उपचार में, इन प्रतिरक्षा कोशिकाओं को विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन्हें नष्ट करने के लिए ‘प्रोग्राम’ किया जाता है। लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन परिवहन करती हैं, प्लेटलेट्स रक्त का थक्का जमाने में मदद करते हैं, और प्लाज्मा रक्त का तरल घटक है। इसलिए, कैंसर से लड़ने के लिए मुख्य रूप से श्वेत रक्त कोशिकाएं जिम्मेदार होती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 2: AI द्वारा कोशिकाओं में किए जाने वाले आणविक स्तर के बदलावों (molecular modifications) को समझने के लिए, निम्नलिखित में से कौन सी तकनीकें आमतौर पर उपयोग की जाती हैं?
- (a) प्रकाशिकी (Optics)
- (b) ध्वनि तरंगें (Sound Waves)
- (c) स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) और क्रोमैटोग्राफी (Chromatography)
- (d) गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्पेक्ट्रोस्कोपी विभिन्न तरंग दैर्ध्य (wavelengths) पर पदार्थों के साथ प्रकाश की अंतःक्रिया का अध्ययन करती है, जिससे उनकी आणविक संरचना और संघटन का पता चलता है। क्रोमैटोग्राफी विभिन्न यौगिकों को उनके भौतिक या रासायनिक गुणों के आधार पर अलग करने की एक विधि है। ये दोनों तकनीकें आणविक स्तर पर पदार्थों की पहचान और विश्लेषण के लिए आवश्यक हैं।
व्याख्या (Explanation): AI का उपयोग अक्सर कोशिकाओं में जटिल आणविक मार्गों (molecular pathways) को समझने या उनमें हेरफेर करने के लिए किया जाता है। स्पेक्ट्रोस्कोपी (जैसे मास स्पेक्ट्रोमेट्री, NMR) और क्रोमैटोग्राफी (जैसे HPLC, GC) इन आणविक परिवर्तनों का पता लगाने और मात्रा निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं। प्रकाशिकी, ध्वनि तरंगें और गुरुत्वाकर्षण सीधे आणविक स्तर के रासायनिक विश्लेषण से संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 3: AI को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले डेटा सेट में, कैंसर कोशिकाओं की विशेषताओं को दर्शाने के लिए अक्सर किस प्रकार के ‘बायोमार्कर’ (Biomarkers) का विश्लेषण किया जाता है?
- (a) रक्तचाप के स्तर
- (b) प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड (DNA/RNA) के पैटर्न
- (c) शारीरिक तापमान
- (d) हृदय गति
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बायोमार्कर जैविक संकेत होते हैं जो किसी विशेष स्थिति या प्रक्रिया की उपस्थिति का संकेत देते हैं। कैंसर के संदर्भ में, असामान्य प्रोटीन अभिव्यक्ति (protein expression) और डीएनए/आरएनए उत्परिवर्तन (mutations) कैंसर कोशिकाओं की पहचान और उनके व्यवहार को समझने के लिए महत्वपूर्ण बायोमार्कर होते हैं।
व्याख्या (Explanation): AI मॉडल को कैंसर कोशिकाओं को सटीक रूप से पहचानने और लक्षित करने के लिए प्रशिक्षित करने हेतु, उन विशिष्ट आणविक हस्ताक्षरों (molecular signatures) का विश्लेषण किया जाता है जो उन्हें सामान्य कोशिकाओं से अलग करते हैं। ये हस्ताक्षर अक्सर कोशिकाओं के भीतर पाए जाने वाले प्रोटीन की मात्रा और प्रकार (जैसे विशिष्ट एंटीजन) या उनके आनुवंशिक सामग्री (DNA/RNA) में परिवर्तन से संबंधित होते हैं। रक्तचाप, तापमान और हृदय गति सामान्य शारीरिक पैरामीटर हैं, न कि सीधे कैंसर कोशिकाओं के आणविक बायोमार्कर।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 4: AI को ‘तेजी से’ (in just weeks) प्रतिरक्षा कोशिकाओं को बदलने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक गणना शक्ति (computational power) का स्रोत क्या है?
- (a) सरल कैलकुलेटर
- (b) ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPUs) और विशेष AI चिप्स
- (c) एनालॉग कंप्यूटर
- (d) मैकेनिकल टाइपराइटर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): AI, विशेष रूप से मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग एल्गोरिदम, को बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित करने और जटिल गणनाएँ करने के लिए उच्च प्रदर्शन वाले प्रोसेसर की आवश्यकता होती है। GPUs को समानांतर प्रसंस्करण (parallel processing) के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो AI गणनाओं के लिए अत्यधिक कुशल है।
व्याख्या (Explanation): AI मॉडल को प्रशिक्षित करने और अनुकूलित करने के लिए भारी मात्रा में डेटा (जैसे जीनोमिक डेटा, प्रोटीन संरचनाएं, इमेजिंग डेटा) को तेज़ी से संसाधित करने की आवश्यकता होती है। GPUs और AI-विशिष्ट हार्डवेयर (जैसे TPUs) इन समानांतर गणनाओं को पारंपरिक CPUs की तुलना में बहुत तेज़ी से करने में सक्षम बनाते हैं, जिससे AI को “हफ्तों में” नई क्षमताओं को सीखने और लागू करने में मदद मिलती है। सरल कैलकुलेटर, एनालॉग कंप्यूटर और टाइपराइटर इस प्रकार की जटिल गणनाओं के लिए अनुपयुक्त हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 5: AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को “सटीकता” (precision) से निर्देशित करने के लिए, निम्नलिखित में से किस भौतिकी के सिद्धांत का उपयोग आणविक अंतःक्रियाओं (molecular interactions) को समझने में किया जा सकता है?
- (a) न्यूटन के गति के नियम
- (b) क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics)
- (c) ऊष्मागतिकी (Thermodynamics)
- (d) आर्किमिडीज का सिद्धांत
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्वांटम यांत्रिकी परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर कणों के व्यवहार का वर्णन करती है। यह रासायनिक बंधों (chemical bonds), आणविक संरचनाओं और प्रकाश-पदार्थ अंतःक्रियाओं (light-matter interactions) को समझने के लिए मूलभूत है।
व्याख्या (Explanation): AI का उपयोग अक्सर जैविक अणुओं (जैसे प्रोटीन, डीएनए) के व्यवहार को मॉडलिंग करने के लिए किया जाता है। इन अणुओं के बीच की अंतःक्रियाएं (जैसे एंजाइम-सब्सट्रेट बाइंडिंग, ड्रग-रिसेप्टर इंटरेक्शन) क्वांटम स्तर पर संचालित होती हैं। क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का उपयोग करके, AI इन अंतःक्रियाओं की भविष्यवाणी कर सकता है और कोशिकाओं के भीतर सटीक लक्ष्यीकरण के लिए रणनीतियाँ विकसित कर सकता है। न्यूटन के नियम मैक्रोस्कोपिक गति से संबंधित हैं, ऊष्मागतिकी ऊर्जा के हस्तांतरण से, और आर्किमिडीज का सिद्धांत प्लवनशीलता से, जो सीधे आणविक अंतःक्रियाओं की सटीकता को समझने के लिए उतने प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 6: AI-संचालित कैंसर उपचार में, ‘कैंसर किलर’ (cancer killer) के रूप में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को तैयार करने के लिए, कोशिकाओं के भीतर प्रोटीन संश्लेषण (protein synthesis) को कौन से कोशिकांग (organelles) नियंत्रित करते हैं?
- (a) नाभिक (Nucleus)
- (b) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
- (c) राइबोसोम (Ribosomes)
- (d) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रोटीन संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोशिकाएं एमिनो एसिड को जोड़कर प्रोटीन बनाती हैं। यह प्रक्रिया राइबोसोम में होती है, जो mRNA टेम्प्लेट से कोडित जानकारी को डिकोड करते हैं।
व्याख्या (Explanation): AI द्वारा निर्देशित उपचार में, अक्सर कोशिकाओं को विशेष प्रोटीन बनाने के लिए हेरफेर किया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को मारते हैं या प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाते हैं। इन विशिष्ट प्रोटीनों का उत्पादन राइबोसोम में होता है, जो आनुवंशिक कोड (mRNA पर) को प्रोटीन अनुक्रम में अनुवादित करते हैं। नाभिक डीएनए रखता है, माइटोकॉन्ड्रिया ऊर्जा उत्पादन करते हैं, और एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम प्रोटीन फोल्डिंग और परिवहन में भूमिका निभाते हैं, लेकिन प्रोटीन संश्लेषण का मुख्य स्थल राइबोसोम ही हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 7: AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं पर लक्षित हमले के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं की विशिष्टता (specificity) को बढ़ाने हेतु, किन रासायनिक संकेतों (chemical signals) का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) ऑक्सीजन और नाइट्रोजन
- (b) साइटोकिन्स (Cytokines) और एंटीबॉडी (Antibodies)
- (c) हाइड्रोजन और हीलियम
- (d) कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): साइटोकिन्स प्रतिरक्षा कोशिकाओं के बीच संचार के लिए महत्वपूर्ण प्रोटीन हैं, जो उनकी गतिविधि और विभेदन (differentiation) को निर्देशित करते हैं। एंटीबॉडी विशेष प्रोटीन होते हैं जो विशिष्ट एंटीजन (जैसे कैंसर कोशिकाओं पर पाए जाने वाले) से बंध सकते हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें पहचान और नष्ट कर सके।
व्याख्या (Explanation): AI इन रासायनिक संकेतों को समझने या उन्हें नियंत्रित करने के लिए विकसित किया जा सकता है ताकि प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं को अधिक कुशलता से पहचानने और हमला करने के लिए ‘निर्देशित’ किया जा सके। साइटोकिन्स प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को सक्रिय और विनियमित करते हैं, जबकि एंटीबॉडी विशिष्ट लक्ष्यों के लिए ‘टैग’ के रूप में कार्य करते हैं। ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, हीलियम, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन सामान्य रासायनिक तत्व या गैसें हैं, लेकिन सीधे तौर पर प्रतिरक्षा कोशिकाओं की विशिष्टता को निर्देशित करने वाले प्रमुख बायोकेमिकल संकेत नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 8: AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं में एपोप्टोसिस (Apoptosis – प्रोग्राम्ड सेल डेथ) को प्रेरित करने के लिए, किस प्रकार के आणविक तंत्र (molecular mechanisms) को लक्षित किया जा सकता है?
- (a) कोशिका झिल्ली का क्षरण
- (b) डीएनए क्षति और कोशिका चक्र गिरफ्तारी (Cell Cycle Arrest)
- (c) प्रोटीन का अत्यधिक उत्पादन
- (d) ग्लाइकोलाइसिस का रोकना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एपोप्टोसिस एक विनियमित प्रक्रिया है जो आमतौर पर तब शुरू होती है जब कोशिका गंभीर डीएनए क्षति या अन्य अवांछित स्थितियां अनुभव करती है। कोशिका चक्र गिरफ्तारी सुनिश्चित करती है कि विभाजन से पहले क्षति ठीक हो जाए; यदि क्षति बहुत अधिक है, तो कोशिका एपोप्टोसिस से गुजरती है।
व्याख्या (Explanation): AI-संचालित उपचार का लक्ष्य कैंसर कोशिकाओं को उनकी वृद्धि को रोकने और उन्हें नष्ट करने के लिए ट्रिगर करना है। डीएनए क्षति और कोशिका चक्र गिरफ्तारी को प्रेरित करना कैंसर कोशिकाओं में एपोप्टोसिस शुरू करने के लिए दो प्रमुख तंत्र हैं। जबकि कोशिका झिल्ली का क्षरण या ग्लाइकोलाइसिस को रोकना भी कोशिका मृत्यु का कारण बन सकता है, डीएनए क्षति और कोशिका चक्र गिरफ्तारी सीधे प्रोग्राम्ड सेल डेथ पथ से जुड़े हैं। प्रोटीन का अत्यधिक उत्पादन कैंसर का लक्षण हो सकता है, लेकिन यह स्वयं एपोप्टोसिस को सीधे प्रेरित नहीं करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 9: AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘कैंसर किलर’ में बदलने की प्रक्रिया में, कोशिकाओं को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। कोशिका के भीतर ऊर्जा उत्पादन (ATP synthesis) का प्राथमिक स्थल कौन सा है?
- (a) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
- (b) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
- (c) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
- (d) लाइसोसोम (Lysosomes)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ‘पावरहाउस’ कहा जाता है क्योंकि वे कोशिका श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के रूप में अधिकांश सेलुलर ऊर्जा का उत्पादन करते हैं।
व्याख्या (Explanation): AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को बढ़ाने या उनमें नए कार्य को प्रोग्राम करने के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा की आवश्यकता होती है। माइटोकॉन्ड्रिया सेलुलर श्वसन के माध्यम से ग्लूकोज और अन्य ईंधन अणुओं को तोड़कर ATP उत्पन्न करते हैं। गॉल्जी उपकरण प्रोटीन को संसाधित और पैक करता है, ER प्रोटीन और लिपिड संश्लेषण में शामिल होता है, और लाइसोसोम अपशिष्ट को पचाते हैं। इसलिए, बढ़ी हुई गतिविधि के लिए आवश्यक ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत माइटोकॉन्ड्रिया हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 10: AI द्वारा विकसित नए कैंसर उपचारों में, अक्सर ‘जेनेटिक इंजीनियरिंग’ (Genetic Engineering) तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इन तकनीकों में डीएनए को संशोधित करने के लिए कौन से एंजाइम (enzymes) प्रमुख भूमिका निभाते हैं?
- (a) लाइपेज (Lipases)
- (b) प्रोटीज (Proteases)
- (c) न्यूक्लियेज (Nucleases), विशेष रूप से रेस्ट्रिक्शन एंजाइम (Restriction Enzymes) और लाइगेज (Ligases)
- (d) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जेनेटिक इंजीनियरिंग में, डीएनए को विशिष्ट स्थानों पर काटना (रेस्ट्रिक्शन एंजाइम) और फिर डीएनए के टुकड़ों को फिर से जोड़ना (लाइगेज) महत्वपूर्ण है। न्यूक्लियेज एंजाइम न्यूक्लिक एसिड को तोड़ने या संशोधित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
व्याख्या (Explanation): AI जेनेटिक इंजीनियरिंग के लिए सर्वोत्तम ‘कट’ और ‘पेस्ट’ स्थानों की पहचान करने में मदद कर सकता है। रेस्ट्रिक्शन एंजाइम डीएनए को विशिष्ट अनुक्रमों पर काटते हैं, और लाइगेज उन कटे हुए टुकड़ों को एक साथ जोड़ते हैं, जिससे नए डीएनए अणु बनते हैं। ये एंजाइम जीन थेरेपी और आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (जैसे कि संशोधित प्रतिरक्षा कोशिकाएं) को बनाने के लिए मौलिक हैं। लाइपेज लिपिड को पचाते हैं, प्रोटीज प्रोटीन को पचाते हैं, और कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा स्रोत हैं, न कि डीएनए को संशोधित करने वाले एंजाइम।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 11: AI-संचालित ‘कैंसर किलर’ बनाने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं में कौन सी विशिष्टता (specificity) जोड़ी जा सकती है, जो उन्हें केवल कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने में मदद करे?
- (a) कोशिकाओं की झिल्ली की मोटाई में वृद्धि
- (b) विशिष्ट सतह मार्करों (Surface Markers) से बंधने के लिए इंजीनियर किए गए रिसेप्टर्स (जैसे CAR T-cells)
- (c) माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या में वृद्धि
- (d) कोशिका के अंदर पानी की मात्रा में वृद्धि
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR) टी-सेल थेरेपी एक प्रकार का सेल-आधारित इम्यूनोथेरेपी है जिसमें रोगी की टी-कोशिकाओं को आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है ताकि वे कैंसर कोशिकाओं पर पाए जाने वाले विशिष्ट एंटीजन को पहचान सकें और उन पर हमला कर सकें।
व्याख्या (Explanation): AI उन विशिष्ट सतह मार्करों की पहचान कर सकता है जो केवल कैंसर कोशिकाओं पर पाए जाते हैं। फिर, प्रतिरक्षा कोशिकाओं (जैसे टी-कोशिकाओं) को इस तरह से इंजीनियर किया जा सकता है कि उनमें रिसेप्टर्स हों जो इन मार्करों से विशेष रूप से बंध सकें। यह विशिष्टता सुनिश्चित करती है कि प्रतिरक्षा कोशिकाएं केवल कैंसर कोशिकाओं को ही लक्षित करें, न कि स्वस्थ कोशिकाओं को। झिल्ली की मोटाई, माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या या पानी की मात्रा में परिवर्तन विशिष्ट लक्ष्यीकरण के लिए प्रासंगिक तंत्र नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 12: AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं को पहचानने के लिए उपयोग किए जाने वाले ‘डीप लर्निंग’ (Deep Learning) एल्गोरिदम, मानव मस्तिष्क की किस संरचना से प्रेरित हैं?
- (a) तंत्रिका तंत्र (Nervous System)
- (b) न्यूरॉन्स (Neurons) और उनके कनेक्शन (Synapses)
- (c) रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels)
- (d) कंकाल प्रणाली (Skeletal System)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डीप लर्निंग, जो कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (Artificial Neural Networks) पर आधारित है, मानव मस्तिष्क में न्यूरॉन्स के प्रसंस्करण और कनेक्शन की नकल करने का प्रयास करती है।
व्याख्या (Explanation): डीप लर्निंग मॉडल में कृत्रिम न्यूरॉन्स की परतें होती हैं जो एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। जिस तरह मानव मस्तिष्क में न्यूरॉन्स संकेतों को संसाधित करते हैं और सीखते हैं, उसी तरह ये कृत्रिम न्यूरॉन्स डेटा से पैटर्न सीखते हैं। यह ‘प्रेरणा’ AI को जटिल डेटा, जैसे कि कोशिका छवियों या जीनोमिक डेटा, में कैंसर के संकेतों को पहचानने में मदद करती है। तंत्रिका तंत्र एक व्यापक शब्द है, जबकि न्यूरॉन्स और उनके कनेक्शन वह विशिष्ट जैविक इकाई हैं जिनसे AI के नेटवर्क प्रेरित होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 13: AI द्वारा विकसित कैंसर उपचारों में, नई दवाओं के विकास और परीक्षण के लिए किस रासायनिक अवधारणा का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) आयनिक बंध (Ionic Bonding)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent Bonding)
- (c) आणविक मॉडलिंग (Molecular Modeling) और डॉकिंग (Docking)
- (d) क्रिस्टलीकरण (Crystallization)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आणविक मॉडलिंग कंप्यूटर-आधारित तकनीकों का उपयोग करके अणुओं की संरचनाओं और गुणों को बनाने और उनका विश्लेषण करने की प्रक्रिया है। डॉकिंग में, एक छोटे अणु (संभावित दवा) को एक बड़े अणु (जैसे लक्ष्य प्रोटीन) के साथ “एंकर” किया जाता है यह देखने के लिए कि वे एक साथ कैसे फिट होते हैं और बातचीत करते हैं।
व्याख्या (Explanation): AI का उपयोग उन संभावित दवा अणुओं की पहचान करने के लिए किया जा सकता है जो कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट प्रोटीन या मार्गों को बाधित कर सकते हैं। आणविक मॉडलिंग और डॉकिंग का उपयोग यह भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है कि कौन से अणु सबसे प्रभावी ढंग से लक्ष्य से बंधेंगे, जिससे प्रायोगिक परीक्षण की आवश्यकता कम हो जाती है। आयनिक और सहसंयोजक बंध अणुओं के निर्माण खंड हैं, और क्रिस्टलीकरण एक शुद्धिकरण तकनीक है, लेकिन वे सीधे दवा खोज और अनुकूलन के लिए AI-आधारित मॉडलिंग के समान नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 14: AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं के ‘जीनोम’ (Genome) का विश्लेषण करने के लिए, कोशिकाओं के किस मुख्य घटक का अध्ययन किया जाता है?
- (a) प्रोटीन (Proteins)
- (b) आरएनए (RNA)
- (c) डीएनए (DNA)
- (d) लिपिड (Lipids)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीनोम एक जीव के सभी आनुवंशिक सामग्री का पूरा सेट है, जो डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) के रूप में संग्रहीत होता है।
व्याख्या (Explanation): कैंसर कोशिकाओं में अक्सर डीएनए में उत्परिवर्तन (mutations) होते हैं जो उनकी अनियंत्रित वृद्धि और प्रसार का कारण बनते हैं। AI इन उत्परिवर्तनों की पहचान करने, उनके प्रभावों की भविष्यवाणी करने और लक्षित उपचार विकसित करने के लिए कैंसर सेल जीनोम का विश्लेषण करता है। प्रोटीन, आरएनए और लिपिड कोशिका के कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जीनोम विशेष रूप से डीएनए से बना होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 15: AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘प्रोग्राम’ करने के लिए, कोशिका के भीतर जीन अभिव्यक्ति (Gene Expression) को कौन से आणविक तंत्र (molecular mechanisms) नियंत्रित करते हैं?
- (a) डीएनए की मात्रा
- (b) आरएनए पोलीमरेज़ (RNA Polymerase) और ट्रांसक्रिप्शन कारक (Transcription Factors)
- (c) कोशिका झिल्ली की पारगम्यता (Membrane Permeability)
- (d) कोशिका का आकार
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीन अभिव्यक्ति वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीन से प्रोटीन बनाया जाता है। यह आमतौर पर आरएनए पोलीमरेज़ द्वारा डीएनए से आरएनए की प्रतिलिपि (transcription) और फिर आरएनए से प्रोटीन का अनुवाद (translation) द्वारा नियंत्रित होता है। ट्रांसक्रिप्शन कारक जीन अभिव्यक्ति को सक्रिय या निष्क्रिय करते हैं।
व्याख्या (Explanation): AI यह समझने में मदद कर सकता है कि कैंसर कोशिकाओं में कौन से जीन असामान्य रूप से व्यक्त (expressed) हो रहे हैं और प्रतिरक्षा कोशिकाओं में कौन से जीन सक्रिय या निष्क्रिय करने की आवश्यकता है। आरएनए पोलीमरेज़ आरएनए संश्लेषण के लिए आवश्यक एंजाइम है, और ट्रांसक्रिप्शन कारक इस प्रक्रिया को विनियमित करते हैं, जिससे जीन अभिव्यक्ति पर नियंत्रण होता है। डीएनए की मात्रा, झिल्ली की पारगम्यता या कोशिका का आकार जीन अभिव्यक्ति को सीधे नियंत्रित करने वाले प्रमुख तंत्र नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 16: AI द्वारा विकसित उपचारों में, प्रतिरक्षा कोशिकाओं के ‘ऊर्जा चयापचय’ (Energy Metabolism) को अनुकूलित करने के लिए, किस प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रियाएं महत्वपूर्ण होती हैं?
- (a) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (b) ऑक्सीकरण-अपचयन (Redox) प्रतिक्रियाएं
- (c) निर्जलीकरण (Dehydration)
- (d) न्यूट्रलाइजेशन (Neutralization)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऑक्सीकरण-अपचयन (रेडॉक्स) प्रतिक्रियाएं इलेक्ट्रॉन हस्तांतरण से जुड़ी होती हैं और सेलुलर श्वसन सहित चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करती है।
व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय होने और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा मुख्य रूप से ग्लूकोज के चयापचय से प्राप्त होती है, जिसमें जटिल रेडॉक्स प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं (जैसे क्रेब्स चक्र और इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला)। AI इन चयापचय मार्गों को समझने या संशोधित करने में मदद कर सकता है ताकि प्रतिरक्षा कोशिकाओं को अधिक कुशलता से कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा मिल सके। प्रकाश संश्लेषण पौधों से संबंधित है, निर्जलीकरण पानी की कमी है, और न्यूट्रलाइजेशन अम्ल-क्षार प्रतिक्रियाएं हैं; ये सीधे कोशिका ऊर्जा उत्पादन से उतने प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 17: AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं की ‘इमेजिंग’ (Imaging) और पहचान में, किन भौतिकी-आधारित तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) ध्वनि की गूंज (Echo Sounding)
- (b) एक्स-रे (X-rays) और एमआरआई (MRI)
- (c) भू-चुंबकीय सर्वेक्षण (Geomagnetic Surveys)
- (d) भूकंपीय तरंगें (Seismic Waves)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक्स-रे और एमआरआई शरीर के आंतरिक भागों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए विभिन्न भौतिकी सिद्धांतों का उपयोग करते हैं, जो कैंसर का पता लगाने और निदान में मदद करते हैं। एक्स-रे विद्युत चुम्बकीय विकिरण का उपयोग करते हैं, जबकि एमआरआई चुंबकीय क्षेत्रों और रेडियो तरंगों का उपयोग करता है।
व्याख्या (Explanation): AI इन इमेजिंग डेटा का विश्लेषण करके कैंसर कोशिकाओं की सूक्ष्म विशेषताओं की पहचान कर सकता है जिन्हें मानव आंख से पहचानना मुश्किल हो सकता है। एक्स-रे विभिन्न घनत्व वाले ऊतकों द्वारा विकिरण के अवशोषण में अंतर का उपयोग करते हैं, जबकि एमआरआई विभिन्न ऊतकों में पानी के अणुओं (विशेष रूप से प्रोटॉन) के व्यवहार का लाभ उठाता है जब वे चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों के संपर्क में आते हैं। ध्वनि की गूंज, भू-चुंबकीय सर्वेक्षण और भूकंपीय तरंगें पृथ्वी विज्ञान या सोनार में उपयोग की जाती हैं, न कि बायोमेडिकल इमेजिंग में।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 18: AI-संचालित ‘कैंसर किलर’ बनाने की प्रक्रिया में, कोशिकाओं को संरचनात्मक सहायता और गतिशीलता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार कोशिकांग (organelle) कौन सा है?
- (a) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
- (b) लाइसोसोम (Lysosomes)
- (c) नाभिक (Nucleus)
- (d) साइटोस्केलेटन (Cytoskeleton)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): साइटोस्केलेटन कोशिका का एक आंतरिक ढाँचा होता है जो कोशिका को उसका आकार, यांत्रिक शक्ति और गति प्रदान करता है। यह प्रोटीन फिलामेंट्स (जैसे एक्टिन, माइक्रोट्यूब्यूल, इंटरमीडिएट फिलामेंट्स) से बना होता है।
व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाएं, जो ‘कैंसर किलर’ के रूप में कार्य करती हैं, को सक्रिय रूप से कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचने और उन पर हमला करने की आवश्यकता होती है। यह गतिशीलता और कार्यक्षमता साइटोस्केलेटन द्वारा संभव होती है, जिसे AI द्वारा निर्देशित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, AI कुछ सिग्नलों को यह विनियमित करने के लिए बता सकता है कि कोशिका के कौन से हिस्से आगे बढ़ें। अन्य कोशिकांग उनके विशिष्ट कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं: ER प्रोटीन/लिपिड संश्लेषण, लाइसोसोम पाचन, और नाभिक आनुवंशिक सामग्री का भंडारण।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न 19: AI द्वारा निर्मित ‘सटीक’ कैंसर उपचारों में, कोशिकाओं के अंदर ‘सिग्नल ट्रांसडक्शन’ (Signal Transduction) के मार्ग को समझने के लिए कौन सी रासायनिक अवधारणाएं महत्वपूर्ण हैं?
- (a) एसिड-बेस संतुलन (Acid-Base Balance)
- (b) एंजाइम कैनेटीक्स (Enzyme Kinetics) और सिग्नलिंग कैस्केड (Signaling Cascades)
- (c) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (d) संक्षेपण (Condensation)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सिग्नल ट्रांसडक्शन कोशिका के बाहर से प्राप्त संकेतों को कोशिका के अंदर प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है, जिसमें एंजाइम अक्सर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एंजाइम कैनेटीक्स इन एंजाइमों की प्रतिक्रिया दरों का अध्ययन करती है। सिग्नलिंग कैस्केड में, एक संकेत श्रृंखला में कई एंजाइमों को एक के बाद एक सक्रिय करते हैं।
व्याख्या (Explanation): AI इन जटिल सिग्नलिंग नेटवर्कों को मॉडल कर सकता है ताकि यह समझा जा सके कि कैंसर कोशिकाएं कैसे प्रतिक्रिया करती हैं और प्रतिरक्षा कोशिकाओं की प्रतिक्रिया को कैसे अनुकूलित किया जाए। उदाहरण के लिए, AI उन एंजाइमों की पहचान कर सकता है जिन्हें अवरुद्ध करने से कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रुक सकती है, या जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर को पहचानने के लिए ‘सक्रिय’ कर सकते हैं। एसिड-बेस संतुलन, वाष्पीकरण और संक्षेपण महत्वपूर्ण रासायनिक प्रक्रियाएं हैं, लेकिन वे सीधे सिग्नल ट्रांसडक्शन मार्ग के यांत्रिकी को समझने के लिए उतने प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 20: AI द्वारा विकसित कैंसर उपचारों में, दवाओं को सीधे कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचाने के लिए ‘नैनो-मेडिसिन’ (Nano-medicine) का उपयोग किया जा सकता है। नैनो-कणों (nanoparticles) की विशेषताओं को समझने के लिए किस भौतिकी की शाखा सबसे अधिक प्रासंगिक है?
- (a) ध्वनिकी (Acoustics)
- (b) प्रकाशिकी (Optics) और सतह विज्ञान (Surface Science)
- (c) द्रव यांत्रिकी (Fluid Mechanics)
- (d) विद्युत स्थैतिकी (Electrostatics)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नैनो-कणों का आकार (नैनोमीटर रेंज में) उनके सतह क्षेत्र-से-आयतन अनुपात (surface area-to-volume ratio) और ऑप्टिकल गुणों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। सतह विज्ञान इन छोटे कणों की सतह पर होने वाली घटनाओं का अध्ययन करता है।
व्याख्या (Explanation): AI नैनो-कणों के डिजाइन में मदद कर सकता है ताकि वे कैंसर कोशिकाओं से विशेष रूप से बंध सकें और दवाएं छोड़ सकें। इन कणों के ऑप्टिकल गुण (जैसे कि वे प्रकाश के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं) और उनकी सतह की रासायनिक प्रकृति (सतह विज्ञान) उनके वितरण और प्रभावकारिता को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। द्रव यांत्रिकी कणों के संचलन से संबंधित हो सकती है, और विद्युत स्थैतिकी कणों के बीच आकर्षण/प्रतिकर्षण से, लेकिन प्रकाशिकी और सतह विज्ञान नैनो-कणों की आणविक अंतःक्रियाओं और पहचान के लिए अधिक केंद्रीय हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 21: AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘कैंसर किलर’ बनाने के लिए, उन्हें सक्रियण (activation) के दौरान ऊर्जा के लिए किन जैव-अणुओं (biomolecules) का उपयोग करना पड़ता है?
- (a) विटामिन और खनिज
- (b) कार्बोहाइड्रेट (जैसे ग्लूकोज) और लिपिड
- (c) न्यूक्लिक एसिड (DNA/RNA)
- (d) कोशिका भित्ति (Cell Wall)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अधिकांश सजीव कोशिकाएं ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में कार्बोहाइड्रेट (विशेष रूप से ग्लूकोज) और लिपिड का उपयोग करती हैं, जिन्हें सेलुलर श्वसन के माध्यम से ATP में परिवर्तित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): AI द्वारा निर्देशित सक्रियण और कार्य के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ऊर्जावान रूप से कुशल होना चाहिए। वे ग्लूकोज को पाइरूवेट में तोड़कर (ग्लाइकोलाइसिस) और फिर माइटोकॉन्ड्रिया में क्रेब्स चक्र और इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला के माध्यम से ATP का उत्पादन करते हैं, जिसमें लिपिड भी योगदान दे सकते हैं। विटामिन और खनिज अक्सर सह-कारक के रूप में कार्य करते हैं, लेकिन सीधे ऊर्जा के स्रोत नहीं होते। न्यूक्लिक एसिड आनुवंशिक जानकारी रखते हैं, और कोशिका भित्ति पौधों और बैक्टीरिया में पाई जाती है, स्तनधारी कोशिकाओं में नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 22: AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं में ‘ट्यूमर माइक्रोएन्वायरमेंट’ (Tumor Microenvironment) को समझने के लिए, कोशिकाएं एक-दूसरे से संवाद करने के लिए किन प्रकार के रासायनिक संदेशवाहकों (chemical messengers) का उपयोग करती हैं?
- (a) अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compounds)
- (b) ग्रोथ फैक्टर्स (Growth Factors) और साइटोकिन्स (Cytokines)
- (c) अक्रिय गैसें (Inert Gases)
- (d) भारी धातुएं (Heavy Metals)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्रोथ फैक्टर्स और साइटोकिन्स जैसे पेप्टाइड अणु कोशिकाओं के बीच महत्वपूर्ण संचार अणु हैं, जो कोशिका वृद्धि, विभेदन और प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। ट्यूमर माइक्रोएन्वायरमेंट में विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं (जैसे ट्यूमर कोशिकाएं, प्रतिरक्षा कोशिकाएं, रक्त वाहिकाएं) इन संदेशवाहकों का उपयोग करती हैं।
व्याख्या (Explanation): AI ट्यूमर माइक्रोएन्वायरमेंट में जटिल सेल-सेल संचार को समझने के लिए इन संदेशवाहकों के पैटर्न का विश्लेषण कर सकता है, जिससे यह पता चलता है कि ट्यूमर कैसे विकसित होता है और प्रतिरक्षा प्रणाली से कैसे बचता है। AI का उपयोग इन संदेशवाहकों के उत्पादन या प्रभाव को लक्षित करने वाले उपचार विकसित करने के लिए किया जा सकता है। अकार्बनिक यौगिक, अक्रिय गैसें और भारी धातुएं आमतौर पर इस प्रकार के जैविक संचार में प्राथमिक संदेशवाहक के रूप में कार्य नहीं करती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 23: AI द्वारा प्रतिरक्षा कोशिकाओं के ‘डीएनए अनुक्रमण’ (DNA Sequencing) के लिए, किस मौलिक रासायनिक घटक की आवश्यकता होती है?
- (a) एमिनो एसिड (Amino Acids)
- (b) शर्करा (Sugars) और फॉस्फेट (Phosphates)
- (c) लिपिड (Lipids)
- (d) प्रोटीन (Proteins)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) एक पॉलीमर है जो न्यूक्लियोटाइड्स से बना होता है। प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड में एक डीऑक्सीराइबोस शर्करा, एक फॉस्फेट समूह और एक नाइट्रोजनस बेस होता है। डीएनए अनुक्रमण इन न्यूक्लियोटाइड के क्रम को निर्धारित करता है।
व्याख्या (Explanation): AI-आधारित जीनोमिक विश्लेषण और डीएनए अनुक्रमण के लिए, डीएनए की रासायनिक संरचना को समझना महत्वपूर्ण है। डीएनए की रीढ़ (backbone) शर्करा और फॉस्फेट समूहों से बनी होती है। AI इन अनुक्रमण डेटा का विश्लेषण करके कैंसर से जुड़े आनुवंशिक परिवर्तनों की पहचान करता है। एमिनो एसिड प्रोटीन की निर्माण इकाइयां हैं, लिपिड कोशिका झिल्लियों का हिस्सा हैं, और प्रोटीन कोशिका के विभिन्न कार्यों में संलग्न होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 24: AI द्वारा कैंसर कोशिकाओं की ‘चयापचय दर’ (Metabolic Rate) को बदलने या नियंत्रित करने के लिए, किस प्रकार के रासायनिक एंजाइमों (chemical enzymes) को लक्षित किया जा सकता है?
- (a) हाइड्रोलिसिस एंजाइम (Hydrolysis Enzymes)
- (b) मेटाबोलिक पाथवे एंजाइम (Metabolic Pathway Enzymes)
- (c) डाइजेस्टेशन एंजाइम (Digestion Enzymes)
- (d) डीटॉक्सिफिकेशन एंजाइम (Detoxification Enzymes)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मेटाबोलिक पाथवे एंजाइम विशिष्ट जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं जो कोशिका के चयापचय को बनाते हैं। इन एंजाइमों को लक्षित करके, कोशिका की ऊर्जा उत्पादन, वृद्धि और अन्य चयापचय प्रक्रियाओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): कैंसर कोशिकाओं में अक्सर असामान्य चयापचय होता है। AI इन चयापचय मार्गों में शामिल प्रमुख एंजाइमों की पहचान कर सकता है जिन्हें लक्षित करने से कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि धीमी हो सकती है या वे मर सकती हैं। हाइड्रोलिसिस एंजाइम अणुओं को तोड़ने में मदद करते हैं, डाइजेस्टेशन एंजाइम भोजन को पचाते हैं, और डीटॉक्सिफिकेशन एंजाइम विषाक्त पदार्थों को बेअसर करते हैं, लेकिन सीधे तौर पर कोशिका के समग्र चयापचय दर को नियंत्रित करने वाले प्रमुख एंजाइम मेटाबोलिक पाथवे एंजाइम ही हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 25: AI-संचालित ‘कैंसर किलर’ के रूप में प्रतिरक्षा कोशिकाओं के विकास के लिए, कौन सी कोशिका-विभाजन (cell division) प्रक्रिया महत्वपूर्ण है ताकि उनकी संख्या बढ़ाई जा सके?
- (a) परासरण (Osmosis)
- (b) अर्धसूत्रीविभाजन (Meiosis)
- (c) समसूत्रीविभाजन (Mitosis)
- (d) विश्राम अवस्था (Quiescence)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समसूत्रीविभाजन (माइटोसिस) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक कोशिका विभाजित होकर दो आनुवंशिक रूप से समान ‘डॉटर’ कोशिकाएं बनाती है। यह वृद्धि और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): AI को कैंसर से लड़ने के लिए बड़ी संख्या में प्रभावी प्रतिरक्षा कोशिकाओं की आवश्यकता होती है। इन कोशिकाओं की संख्या बढ़ाने के लिए, उन्हें समसूत्रीविभाजन से गुजरना पड़ता है। AI यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है कि कोशिका विभाजन प्रक्रिया सुचारू रूप से चले और सही ढंग से विनियमित हो। अर्धसूत्रीविभाजन युग्मक (gametes) बनाने के लिए होता है, जो प्रजनन के लिए है। परासरण पानी के अणुओं की गति है, और विश्राम अवस्था कोशिका चक्र का एक निष्क्रिय चरण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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