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तमिलनाडु में विकास की लहर: पीएम मोदी ने 4800 करोड़ की परियोजनाओं का किया उद्घाटन, जानें क्या है खास?

तमिलनाडु में विकास की लहर: पीएम मोदी ने 4800 करोड़ की परियोजनाओं का किया उद्घाटन, जानें क्या है खास?

चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मालदीव की अपनी महत्वपूर्ण यात्रा से सीधे तमिलनाडु का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने राज्य में 4800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। यह दौरा भारत के दक्षिणी राज्यों के प्रति सरकार के बढ़ते फोकस और विशेष रूप से तमिलनाडु के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है, बल्कि यहाँ के लोगों के जीवन स्तर को सुधारना और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना भी है।

यह घटनाक्रम UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल समसामयिक मामलों (Current Affairs) का हिस्सा है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था, अवसंरचना विकास, शासन (Governance), और विदेश नीति (विशेष रूप से भारत-मालदीव संबंध के संदर्भ में) जैसे विषयों के साथ भी गहराई से जुड़ा हुआ है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इन परियोजनाओं के महत्व, उनके पीछे की रणनीतियों, संभावित लाभों, चुनौतियों और UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से उनके व्यापक निहितार्थों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।

परियोजनाओं का अवलोकन: 4800 करोड़ की विकास गाथा (Overview of Projects: A 4800 Crore Development Saga)

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन की गई 4800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की श्रृंखला तमिलनाडु के विकास पथ में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये परियोजनाएं विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई हैं, जिनमें:

  • ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा (Energy and Renewable Energy): ये परियोजनाएं देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के भारत के लक्ष्यों के अनुरूप हैं।
  • परिवहन और कनेक्टिविटी (Transport and Connectivity): सड़क, रेलवे और बंदरगाहों से संबंधित परियोजनाएं लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, व्यापार को सुगम बनाने और माल के आवागमन को तेज करने में मदद करेंगी।
  • जल प्रबंधन और जलापूर्ति (Water Management and Supply): स्वच्छ पेयजल और कुशल जल प्रबंधन से नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार होगा।
  • आवास और शहरी विकास (Housing and Urban Development): ये परियोजनाएं शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने और सतत शहरीकरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
  • पर्यटन और संस्कृति (Tourism and Culture): राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने वाली पहलें स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान कर सकती हैं।

विशिष्ट परियोजनाओं के विवरण, जैसे कि उनकी लागत, उनका भौगोलिक विस्तार और वे किन समुदायों को सीधे प्रभावित करेंगी, यह जानने से उनके वास्तविक प्रभाव का आकलन करने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई परियोजना एक नए राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से संबंधित है, तो इसका प्रभाव माल ढुलाई की गति, यात्रा के समय और संभवतः उस क्षेत्र में नए उद्योगों की स्थापना पर पड़ेगा। इसी तरह, एक नई सौर ऊर्जा इकाई न केवल स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में योगदान करेगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकती है।

सामरिक महत्व: क्यों तमिलनाडु? (Strategic Importance: Why Tamil Nadu?)

तमिलनाडु भारत का एक प्रमुख औद्योगिक और आर्थिक केंद्र है। यह अपनी मजबूत विनिर्माण क्षमता, विशाल बंदरगाहों, कुशल कार्यबल और बढ़ते उपभोक्ता बाजार के लिए जाना जाता है। प्रधानमंत्री का तमिलनाडु का यह दौरा कई रणनीतिक कारणों से महत्वपूर्ण है:

  • ‘पूरब की ओर देखो’ (Act East) और ‘दक्षिण की ओर देखो’ (Act South) नीतियाँ: तमिलनाडु की रणनीतिक स्थिति इसे आसियान देशों के साथ व्यापार और जुड़ाव के लिए एक प्रवेश द्वार बनाती है। इन परियोजनाओं से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
  • जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic Dividend): तमिलनाडु में एक बड़ी युवा आबादी है, जो सही अवसरों और कौशल के साथ देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। ये परियोजनाएं रोजगार सृजन में सहायक होंगी।
  • दक्षिण भारत पर फोकस (Focus on South India): सरकार का यह प्रयास देश के सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास को सुनिश्चित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
  • स्थानीय आर्थिक विकास (Local Economic Development): ये परियोजनाएं न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि राज्य के भीतर भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ होगा।

मालदीव से सीधे तमिलनाडु आना भी प्रतीकात्मक है। यह भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ (Neighbourhood First) नीति और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। मालदीव के साथ संबंध, भले ही हाल ही में कुछ तनावों से गुजरे हों, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस संदर्भ में, भारत की अपनी मुख्य भूमि पर, विशेषकर दक्षिणी तट पर, अवसंरचना को मजबूत करना, एक समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास रणनीति का हिस्सा है।

परियोजनाओं का गहरा विश्लेषण (In-depth Analysis of Projects)

यह समझना महत्वपूर्ण है कि 4800 करोड़ रुपये की ये परियोजनाएं सिर्फ ईंट और गारे का ढांचा नहीं हैं, बल्कि ये व्यापक आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन लाने की क्षमता रखती हैं।

1. ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति (Advancement in Energy Sector)

उदाहरण: मान लीजिए कि एक नई नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना (जैसे सौर या पवन फार्म) का उद्घाटन किया गया है।

  • लाभ:
    • स्वच्छ ऊर्जा: कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलेगी।
    • ऊर्जा सुरक्षा: आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी।
    • रोजगार: निर्माण और संचालन के दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन।
    • स्थानीय अर्थव्यवस्था: भूमि पट्टे, स्थानीय खरीद से स्थानीय राजस्व में वृद्धि।
  • UPSC प्रासंगिकता:
    • पर्यावरण (Environment): जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य (जैसे 2070 तक नेट-जीरो), अंतर्राष्ट्रीय समझौते।
    • अर्थव्यवस्था (Economy): ऊर्जा ग्रिड का आधुनिकीकरण, ऊर्जा की लागत, आत्मनिर्भर भारत।
    • भूगोल (Geography): तमिलनाडु की अक्षय ऊर्जा क्षमता (सौर विकिरण, पवन गति)।

2. कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स (Connectivity and Logistics)

उदाहरण: एक नई सड़क या राजमार्ग का विस्तार या एक बंदरगाह का आधुनिकीकरण।

  • लाभ:
    • व्यापार और वाणिज्य: माल के परिवहन में लगने वाला समय और लागत कम होगी।
    • औद्योगिक विकास: बेहतर कनेक्टिविटी से नए उद्योगों को आकर्षित किया जा सकेगा।
    • रोजगार: निर्माण और संबंधित सेवाओं में रोजगार।
    • पर्यटन: पर्यटन स्थलों तक पहुँच आसान होगी।
  • UPSC प्रासंगिकता:
    • अर्थव्यवस्था (Economy): लॉजिस्टिक्स लागत, ‘मेक इन इंडिया’, निर्यात प्रोत्साहन, PPP मॉडल।
    • अवसंरचना (Infrastructure): मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, आर्थिक गलियारे (जैसे गोल्डन क्वाड्रिलैटरल), सागरमाला परियोजना।
    • शासन (Governance): भूमि अधिग्रहण, परियोजना कार्यान्वयन, पर्यावरण मंजूरी।

3. जल प्रबंधन (Water Management)

उदाहरण: एक नई पेयजल आपूर्ति योजना या जल पुनर्चक्रण संयंत्र।

  • लाभ:
    • सार्वजनिक स्वास्थ्य: स्वच्छ पेयजल से बीमारियों का प्रसार रुकेगा।
    • जीवन की गुणवत्ता: महिलाओं और बच्चों पर बोझ कम होगा जो पानी लाने में समय बिताते हैं।
    • कृषि: कुशल सिंचाई से कृषि उत्पादकता बढ़ सकती है (यदि परियोजनाएं संबंधित हों)।
  • UPSC प्रासंगिकता:
    • शासन (Governance): जल जीवन मिशन, SDG 6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता), पेयजल सुरक्षा।
    • पर्यावरण (Environment): जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, नदी जोड़ो परियोजनाएं (यदि प्रासंगिक हों)।
    • सामाजिक न्याय (Social Justice): पानी तक समान पहुँच, महिलाओं का सशक्तिकरण।

परियोजनाओं के लाभ और प्रभाव (Benefits and Impacts of Projects)

इन परियोजनाओं का अपेक्षित लाभ बहुआयामी है:

  • आर्थिक विकास: अवसंरचना में सुधार से निवेश आकर्षित होगा, विनिर्माण और सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा, और राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) बढ़ेगा।
  • रोजगार सृजन: प्रत्यक्ष (निर्माण, संचालन) और अप्रत्यक्ष (सहायक उद्योग, सेवाएँ) रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • जीवन स्तर में सुधार: बेहतर बिजली, पानी, परिवहन और आवास से नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ेगी।
  • क्षेत्रीय असंतुलन को कम करना: ये परियोजनाएं उन क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित कर सकती हैं जो अब तक विकास से अछूते रहे हैं।
  • सतत विकास: विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा और जल प्रबंधन से संबंधित परियोजनाएं सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

एक केस स्टडी के तौर पर समझें: यदि किसी तटीय क्षेत्र में एक नई बंदरगाह परियोजना का उद्घाटन होता है, तो इसका असर सिर्फ जहाजों के आने-जाने तक सीमित नहीं रहता। यह बंदरगाह के आसपास के क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स हब, कोल्ड स्टोरेज, शिप रिपेयरिंग यूनिट और संबंधित सेवाओं के विकास को भी प्रेरित कर सकता है। इससे प्रत्यक्ष रूप से हजारों नौकरियाँ पैदा हो सकती हैं और अप्रत्यक्ष रूप से स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिल सकता है। यह एक ‘गुणवत्तापूर्ण चक्र’ (virtuous cycle) बनाता है जहाँ एक अच्छी अवसंरचना दूसरे आर्थिक अवसरों को खोलती है।

चुनौतियाँ और संभावित बाधाएँ (Challenges and Potential Hurdles)

हर बड़ी विकास परियोजना की तरह, इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और प्रभाव में भी कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं:

  • भूमि अधिग्रहण: परियोजनाओं के लिए भूमि का अधिग्रहण एक संवेदनशील और समय लेने वाला मुद्दा हो सकता है, जिसके लिए उचित मुआवजा और पुनर्वास की आवश्यकता होती है।
  • पर्यावरणीय मंजूरी: कई परियोजनाओं को गहन पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) और संबंधित मंजूरियों की आवश्यकता होती है, जो प्रक्रिया को धीमा कर सकती हैं।
  • कौशल की कमी: कुछ परियोजनाओं के लिए विशेष तकनीकी कौशल की आवश्यकता हो सकती है, जिसके लिए स्थानीय कार्यबल को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होगी।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) में मुद्दे: यदि परियोजनाएं PPP मॉडल पर आधारित हैं, तो जोखिम का बंटवारा, संविदात्मक मुद्दे और समय पर भुगतान जैसे कारक महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
  • परियोजना का निष्पादन और मॉनिटरिंग: समय पर और गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी परियोजना प्रबंधन और निरंतर निगरानी आवश्यक है।
  • स्थानीय विरोध: कभी-कभी, स्थानीय समुदाय परियोजना के पर्यावरणीय या सामाजिक प्रभाव के बारे में चिंताओं के कारण विरोध कर सकते हैं।

एक महत्वपूर्ण पहलू: सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ये परियोजनाएं केवल कागज पर न रह जाएं। धरातल पर उनके कार्यान्वयन की गति और गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में अक्सर देरी की खबरें आती हैं। इसलिए, परियोजना की प्रगति की नियमित निगरानी और किसी भी बाधा को दूर करने के लिए सक्रिय उपाय आवश्यक हैं।

UPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण पहलू (Key Aspects for UPSC Exam)

UPSC उम्मीदवार इस समाचार को विभिन्न दृष्टिकोणों से देख सकते हैं:

  1. समसामयिक मामले: यह सीधे तौर पर वर्तमान घटनाओं का हिस्सा है। परीक्षा के दिन तक, इन परियोजनाओं के बारे में अतिरिक्त जानकारी, जैसे उनके विशिष्ट नाम, स्थान और उनके उद्घाटन की तारीखें, महत्वपूर्ण हो सकती हैं।
  2. भारतीय अर्थव्यवस्था: अवसंरचना विकास, FDI, PPP मॉडल, रोजगार सृजन, आपूर्ति श्रृंखला, लॉजिस्टिक्स।
  3. शासन: सरकारी योजनाएं, परियोजना कार्यान्वयन, सार्वजनिक सेवाओं का वितरण, सुशासन।
  4. पर्यावरण: नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, EIA, सतत विकास लक्ष्य।
  5. भूगोल: तमिलनाडु की भौगोलिक विशेषताएँ, प्रमुख शहर, संसाधन।
  6. सुरक्षा: समुद्री सुरक्षा, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अवसंरचना का महत्व।

रणनीति: आपको केवल समाचार को याद नहीं करना है, बल्कि इसके पीछे की ‘क्यों’ और ‘कैसे’ को समझना है। उदाहरण के लिए, सरकार इस तरह की परियोजनाओं में भारी निवेश क्यों कर रही है? इसका दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा? कौन से मंत्रालय इसमें शामिल हैं?

भविष्य की राह और निष्कर्ष (Way Forward and Conclusion)

प्रधानमंत्री मोदी का तमिलनाडु दौरा और 4800 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन राज्य के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है। ये परियोजनाएं न केवल भौतिक अवसंरचना को मजबूत करेंगी, बल्कि तमिलनाडु को आर्थिक विकास के एक नए चरण में ले जाने की क्षमता रखती हैं।

आगे क्या?

  • सतत निगरानी: यह सुनिश्चित करना कि परियोजनाएं निर्धारित समय-सीमा और बजट के भीतर पूरी हों।
  • गुणवत्ता नियंत्रण: निर्मित अवसंरचना की गुणवत्ता उच्च हो।
  • स्थानीय भागीदारी: स्थानीय समुदायों को विकास प्रक्रिया में शामिल करना और उनके हितों का ध्यान रखना।
  • कौशल विकास: नई परियोजनाओं के लिए आवश्यक कार्यबल को प्रशिक्षित करना।
  • एकीकृत दृष्टिकोण: विभिन्न क्षेत्रों की परियोजनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करना (जैसे, ऊर्जा, परिवहन और उद्योग)।

यह आवश्यक है कि इन पहलों का लाभ राज्य के कोने-कोने तक पहुँचे, विशेषकर उन वर्गों तक जो अब तक मुख्यधारा के विकास से अछूते रहे हैं। यह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सिद्धांत को साकार करेगा। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह एक उदाहरण है कि कैसे राष्ट्रीय नेता क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देकर व्यापक राष्ट्रीय एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा तमिलनाडु में जिन विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनकी अनुमानित कुल लागत कितनी थी?
a) 3600 करोड़ रुपये
b) 4200 करोड़ रुपये
c) 4800 करोड़ रुपये
d) 5400 करोड़ रुपये
उत्तर: c) 4800 करोड़ रुपये
व्याख्या: प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 4800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

2. तमिलनाडु भारत के किस क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख आर्थिक केंद्र है?
a) उत्तर भारत
b) पश्चिम भारत
c) दक्षिण भारत
d) पूर्व भारत
उत्तर: c) दक्षिण भारत
व्याख्या: तमिलनाडु भारत का एक महत्वपूर्ण दक्षिणी राज्य है जो अपने औद्योगिक और आर्थिक योगदान के लिए जाना जाता है।

3. निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र आमतौर पर अवसंरचना विकास परियोजनाओं के अंतर्गत आता है?
a) केवल ऊर्जा
b) केवल परिवहन
c) ऊर्जा, परिवहन, जल प्रबंधन और आवास
d) केवल वित्तीय सेवाएँ
उत्तर: c) ऊर्जा, परिवहन, जल प्रबंधन और आवास
व्याख्या: अवसंरचना विकास परियोजनाओं में विभिन्न क्षेत्र शामिल होते हैं जो किसी देश के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

4. प्रधानमंत्री के हालिया तमिलनाडु दौरे का एक अप्रत्यक्ष रणनीतिक महत्व ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति से किस प्रकार जुड़ा है?
a) यह पड़ोसियों को विकास में पीछे छोड़ने पर केंद्रित है।
b) यह पड़ोसी देशों के साथ भारत के जुड़ाव को मजबूत करता है।
c) यह पड़ोसी देशों के साथ व्यापार को हतोत्साहित करता है।
d) इसका पड़ोसी देशों से कोई संबंध नहीं है।
उत्तर: b) यह पड़ोसी देशों के साथ भारत के जुड़ाव को मजबूत करता है।
व्याख्या: ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है जिसका उद्देश्य पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करना है।

5. किसी क्षेत्र में सड़क या राजमार्ग के विस्तार का प्राथमिक आर्थिक लाभ क्या है?
a) केवल वायु प्रदूषण में वृद्धि
b) पर्यटन में कमी
c) माल परिवहन लागत में कमी और व्यापार में वृद्धि
d) स्थानीय रोजगार का समाप्त होना
उत्तर: c) माल परिवहन लागत में कमी और व्यापार में वृद्धि
व्याख्या: बेहतर कनेक्टिविटी लॉजिस्टिक्स को सुगम बनाती है, जिससे माल की आवाजाही तेज और सस्ती होती है, जो व्यापार को बढ़ावा देती है।

6. भारत के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में से, स्वच्छ ऊर्जा और जल प्रबंधन से संबंधित कौन सा लक्ष्य सबसे अधिक प्रासंगिक है?
a) SDG 1 (गरीबी नहीं)
b) SDG 7 (किफायती और स्वच्छ ऊर्जा) और SDG 6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता)
c) SDG 10 (असमानताएँ कम करना)
d) SDG 16 (शांति, न्याय और मजबूत संस्थान)
उत्तर: b) SDG 7 (किफायती और स्वच्छ ऊर्जा) और SDG 6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता)
व्याख्या: SDG 7 नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार से जुड़ा है, जबकि SDG 6 स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता से संबंधित है।

7. ‘मेक इन इंडिया’ पहल का अवसंरचना विकास से क्या संबंध है?
a) इसका अवसंरचना से कोई संबंध नहीं है।
b) बेहतर अवसंरचना ‘मेक इन इंडिया’ के लिए एक सक्षम वातावरण बनाती है।
c) यह केवल विदेशी निवेश को बढ़ावा देता है।
d) यह केवल निर्यात पर केंद्रित है।
उत्तर: b) बेहतर अवसंरचना ‘मेक इन इंडिया’ के लिए एक सक्षम वातावरण बनाती है।
व्याख्या: मजबूत अवसंरचना (जैसे कुशल लॉजिस्टिक्स, विश्वसनीय बिजली) घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

8. निम्नलिखित में से कौन सी एक सामान्य चुनौती है जिसका सामना बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं को लागू करते समय किया जाता है?
a) परियोजनाओं का अत्यधिक तेजी से पूरा होना
b) पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता न होना
c) भूमि अधिग्रहण और संबंधित मुद्दे
d) स्थानीय विरोध का अभाव
उत्तर: c) भूमि अधिग्रहण और संबंधित मुद्दे
व्याख्या: भूमि अधिग्रहण अक्सर परियोजनाओं में देरी और विवादों का एक प्रमुख कारण होता है।

9. प्रधानमंत्री का मालदीव से सीधे तमिलनाडु आना किस व्यापक विदेश नीति को दर्शाता है?
a) ‘दूर की ओर देखो’ (Look East)
b) ‘पड़ोसी प्रथम’ (Neighbourhood First) और हिंद महासागर क्षेत्र पर ध्यान
c) ‘पश्चिम की ओर देखो’ (Look West)
d) ‘अफ्रीका की ओर देखो’ (Look Africa)
उत्तर: b) ‘पड़ोसी प्रथम’ (Neighbourhood First) और हिंद महासागर क्षेत्र पर ध्यान
व्याख्या: यह भारत की क्षेत्रीय जुड़ाव और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।

10. सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल में, परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए क्या महत्वपूर्ण है?
a) केवल निजी क्षेत्र की भूमिका
b) केवल सरकार की भूमिका
c) जोखिम का उचित बंटवारा और स्पष्ट संविदात्मक समझौते
d) परियोजना में कोई पारदर्शिता न होना
उत्तर: c) जोखिम का उचित बंटवारा और स्पष्ट संविदात्मक समझौते
व्याख्या: PPP मॉडल में सफलता के लिए दोनों पक्षों की भूमिका, जिम्मेदारियों और जोखिमों का स्पष्ट विभाजन आवश्यक है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में तमिलनाडु में 4800 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के उद्घाटन का विश्लेषण करें। इन परियोजनाओं के आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक महत्व की चर्चा करें, साथ ही उनके सफल कार्यान्वयन में आने वाली संभावित चुनौतियों पर भी प्रकाश डालें। (250 शब्द)
2. भारत के पूर्वी और दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में अवसंरचना विकास को मजबूत करना, देश की ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘एक्ट साउथ’ नीतियों तथा हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती भारत की भूमिका के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है? उदाहरण सहित समझाइए। (250 शब्द)
3. समसामयिक अवसंरचना परियोजनाओं के संदर्भ में, नवीकरणीय ऊर्जा, कनेक्टिविटी और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में सरकारी निवेश के महत्व का वर्णन करें। इन क्षेत्रों में निवेश से सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में कैसे मदद मिल सकती है? (150 शब्द)
4. “भारत के तीव्र आर्थिक विकास के लिए अवसंरचना विकास रीढ़ की हड्डी है।” इस कथन के आलोक में, हाल ही में तमिलनाडु में शुरू की गई विकास परियोजनाओं के महत्व का मूल्यांकन करें, साथ ही परियोजना कार्यान्वयन में आने वाली सामान्य बाधाओं को दूर करने के उपायों का भी सुझाव दें। (250 शब्द)

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