प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय:** प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे SSC, Railways, State PSCs में सामान्य विज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह खंड उम्मीदवारों की वैज्ञानिक अवधारणाओं की समझ और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग की क्षमता का परीक्षण करता है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के प्रश्न अक्सर जटिल लगते हैं, लेकिन सही अभ्यास और स्पष्टीकरण के साथ, इन्हें आसानी से हल किया जा सकता है। यह अभ्यास सेट आपको महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझने और अपनी तैयारी को और मजबूत करने में मदद करेगा। प्रत्येक प्रश्न का विस्तृत हल आपको विषय की गहराई में जाने का अवसर देगा।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. निम्नलिखित में से कौन कार्बन का एक अपरूप (allotrope) है जो प्रकृति में सबसे कठोर ज्ञात पदार्थ है?

    • (a) ग्रेफाइट
    • (b) हीरा
    • (c) फुलरीन
    • (d) कार्बन ब्लैक

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपरूपता (Allotropy) वह गुण है जिसमें एक तत्व दो या दो से अधिक विभिन्न भौतिक रूपों में मौजूद हो सकता है, जबकि रासायनिक रूप से समान रहता है। कार्बन के प्रमुख अपरूपों में हीरा, ग्रेफाइट और फुलरीन शामिल हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा (Diamond) कार्बन का एक त्रि-आयामी नेटवर्क ठोस अपरूप है, जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक अत्यंत कठोर संरचना बनती है। यह प्रकृति में सबसे कठोर ज्ञात पदार्थ है। ग्रेफाइट एक परतदार संरचना वाला नरम पदार्थ है, जबकि फुलरीन फुटबॉल जैसी संरचना वाले अणु होते हैं। कार्बन ब्लैक कार्बन का एक अक्रिस्टलीय रूप है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. हीरे की अत्यधिक कठोरता के लिए मुख्य रूप से कौन सा रासायनिक बंध जिम्मेदार है?

    • (a) आयनिक बंध
    • (b) धात्विक बंध
    • (c) सहसंयोजक बंध
    • (d) हाइड्रोजन बंध

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंध परमाणुओं को एक साथ पकड़ते हैं। सहसंयोजक बंध (Covalent bonds) तब बनते हैं जब परमाणु इलेक्ट्रॉन युग्मों को साझा करते हैं, जिससे अक्सर मजबूत और दिशात्मक संरचनाएं बनती हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा टेट्राहेड्रल व्यवस्था (चतुष्फलकीय व्यवस्था) में जुड़ा होता है। यह एक विशाल नेटवर्क संरचना बनाता है जिसमें कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। इन अत्यंत मजबूत और दिशात्मक सहसंयोजक बंधों का नेटवर्क ही हीरे को उसकी असाधारण कठोरता और स्थायित्व प्रदान करता है। आयनिक, धात्विक या हाइड्रोजन बंध हीरे की संरचना में नहीं पाए जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  3. हीरे में कार्बन परमाणुओं की संकरण (hybridization) अवस्था क्या होती है?

    • (a) sp
    • (b) sp2
    • (c) sp3
    • (d) dsp2

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): संकरण (Hybridization) परमाणु ऑर्बिटलों के मिश्रण की प्रक्रिया है जिससे नए, संकरित ऑर्बिटल बनते हैं जो समान ऊर्जा और आकार के होते हैं और बंध बनाने में भाग लेते हैं। यह अणु की ज्यामिति और बंधों की प्रकृति निर्धारित करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से एकल सहसंयोजक बंध बनाता है। इस व्यवस्था में, कार्बन परमाणु अपनी s और p ऑर्बिटलों को मिलाकर चार sp3 संकरित ऑर्बिटल बनाते हैं। ये sp3 ऑर्बिटल टेट्राहेड्रल रूप से उन्मुख होते हैं (109.5° के बंध कोण के साथ), जो हीरे की त्रि-आयामी कठोर जाली संरचना के लिए जिम्मेदार है। ग्रेफाइट में कार्बन sp2 संकरित होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. निम्नलिखित में से कौन सा तत्व आवर्त सारणी में कार्बन के समान समूह में आता है?

    • (a) नाइट्रोजन
    • (b) ऑक्सीजन
    • (c) सिलिकॉन
    • (d) फास्फोरस

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आवर्त सारणी में एक ही समूह (ऊर्ध्वाधर स्तंभ) के तत्व समान रासायनिक गुण प्रदर्शित करते हैं क्योंकि उनके संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या और विन्यास समान होते हैं। कार्बन समूह 14 का सदस्य है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन (C) आवर्त सारणी के समूह 14 का पहला सदस्य है। इस समूह के अन्य सदस्य सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge), टिन (Sn), और लेड (Pb) हैं। इन सभी तत्वों के बाहरी कोश में चार संयोजकता इलेक्ट्रॉन होते हैं। नाइट्रोजन समूह 15, ऑक्सीजन समूह 16 और फास्फोरस समूह 15 के सदस्य हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. हीरा विद्युत का कुचालक क्यों होता है?

    • (a) इसमें आयनिक बंध होते हैं।
    • (b) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन अनुपस्थित होते हैं।
    • (c) इसकी क्रिस्टलीय संरचना बहुत सघन होती है।
    • (d) यह बहुत कठोर होता है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए पदार्थ में मुक्त या गतिमान आवेश वाहक (जैसे मुक्त इलेक्ट्रॉन या आयन) का होना आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु के चार संयोजकता इलेक्ट्रॉन चार सहसंयोजक बंध बनाने में लगे होते हैं। इसका अर्थ है कि हीरे की संरचना में कोई मुक्त या विस्थानिकृत (delocalized) इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं जो विद्युत धारा का संचालन कर सकें। इसके विपरीत, ग्रेफाइट में विस्थानिकृत पाई (π) इलेक्ट्रॉन होते हैं, जिससे वह विद्युत का सुचालक होता है। हीरे की कठोरता या सघन संरचना सीधे विद्युत चालकता को प्रभावित नहीं करती है, बल्कि मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति इसका मुख्य कारण है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. कार्बन का एक अन्य अपरूप ग्रेफाइट, हीरे से अपनी संरचना और विद्युत चालकता में भिन्न होता है। ग्रेफाइट की विद्युत चालकता का प्राथमिक कारण क्या है?

    • (a) इसकी हेक्सागोनल परतदार संरचना
    • (b) इसमें विस्थानिकृत (delocalized) पाई (π) इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति
    • (c) इसके sp3 संकरित कार्बन परमाणु
    • (d) इसकी कम घनत्व

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विस्थानिकृत इलेक्ट्रॉन वे इलेक्ट्रॉन होते हैं जो किसी विशेष परमाणु या बंध से बंधे नहीं होते हैं और क्रिस्टल जाली के भीतर घूमने के लिए स्वतंत्र होते हैं, जिससे विद्युत चालन संभव होता है।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से sp2 संकरित होकर समतल हेक्सागोनल रिंग बनाते हैं। प्रत्येक कार्बन परमाणु के पास एक अवसंकरित (unhybridized) p-ऑर्बिटल होता है जिसमें एक इलेक्ट्रॉन होता है। ये p-ऑर्बिटल अतिव्यापन (overlap) करके परतों के ऊपर और नीचे विस्थानिकृत पाई (π) इलेक्ट्रॉन बादल बनाते हैं। ये विस्थानिकृत इलेक्ट्रॉन परतों के भीतर स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं, जिससे ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक बन जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. ग्रेफाइट को सिंथेटिक हीरे में बदलने की प्रक्रिया में अत्यधिक उच्च दबाव और तापमान की आवश्यकता होती है। यह परिवर्तन किसका एक उदाहरण है?

    • (a) रासायनिक प्रतिक्रिया
    • (b) भौतिक मिश्रण
    • (c) अपरूपी रूपांतरण (Allotropic transformation)
    • (d) आयनीकरण

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपरूपी रूपांतरण एक ही तत्व के एक अपरूप से दूसरे अपरूप में परिवर्तन को संदर्भित करता है, जो अक्सर तापमान और दबाव जैसी विभिन्न स्थितियों के कारण होता है।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट और हीरा दोनों कार्बन के अपरूप हैं। ग्रेफाइट की परतदार sp2 संरचना को हीरे की त्रि-आयामी sp3 संरचना में बदलने के लिए परमाणुओं को पुनर्व्यवस्थित करने की आवश्यकता होती है, जिसके लिए बहुत अधिक ऊर्जा (उच्च तापमान) और संपीड़न (उच्च दबाव) की आवश्यकता होती है। यह एक रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं है क्योंकि इसमें कोई नया यौगिक नहीं बन रहा है, न ही यह केवल एक भौतिक मिश्रण है। यह कार्बन के एक अपरूपी रूप का दूसरे में अवस्था परिवर्तन है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. प्राकृतिक गैस का प्रमुख घटक जो सबसे सरल हाइड्रोकार्बन भी है, क्या है?

    • (a) इथेन
    • (b) मीथेन
    • (c) प्रोपेन
    • (d) ब्यूटेन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हाइड्रोकार्बन कार्बन और हाइड्रोजन परमाणुओं से बने कार्बनिक यौगिक होते हैं। सबसे सरल हाइड्रोकार्बन में कम से कम कार्बन परमाणु होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): मीथेन (CH4) सबसे सरल हाइड्रोकार्बन और सबसे सरल अल्केन है। यह प्राकृतिक गैस का प्रमुख घटक है और बायोगैस का भी एक मुख्य घटक है। इसमें एक कार्बन परमाणु चार हाइड्रोजन परमाणुओं से बंधा होता है। इथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8), और ब्यूटेन (C4H10) बड़े अल्केन हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अलावा, कौन सा तत्व आमतौर पर प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड (जैसे डीएनए) में पाया जाता है, जो जीवन के मौलिक निर्माण खंडों को उजागर करता है?

    • (a) सल्फर
    • (b) नाइट्रोजन
    • (c) क्लोरीन
    • (d) सोडियम

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैविक मैक्रोमोलेक्यूल्स – प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड और न्यूक्लिक एसिड – जीवन के लिए आवश्यक हैं और विशिष्ट तत्वों से बने होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रोटीन अमीनो एसिड से बने होते हैं, जिनमें एक अमीनो समूह (-NH2) होता है, जो नाइट्रोजन से युक्त होता है। न्यूक्लिक एसिड (जैसे डीएनए और आरएनए) में नाइट्रोजनी क्षारक (जैसे एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन, थाइमिन/यूरेसिल) होते हैं, जिनमें नाइट्रोजन भी होता है। जबकि सल्फर कुछ अमीनो एसिड (जैसे मेथिओनिन और सिस्टीन) में पाया जाता है, नाइट्रोजन प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड दोनों का एक अधिक व्यापक और अनिवार्य घटक है। क्लोरीन और सोडियम आमतौर पर इन मैक्रोमोलेक्यूल्स के संरचनात्मक भाग नहीं होते हैं, हालांकि वे शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  10. किसी कटे हुए हीरे की शानदार चमक के लिए मुख्य रूप से कौन सी प्रकाशीय घटना जिम्मेदार है?

    • (a) अपवर्तन
    • (b) परावर्तन
    • (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
    • (d) विवर्तन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection – TIR) तब होता है जब प्रकाश एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में एक निश्चित क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर प्रवेश करने का प्रयास करता है, जिससे प्रकाश वापस सघन माध्यम में परावर्तित हो जाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) बहुत अधिक (लगभग 2.42) होता है, जिससे इसका क्रांतिक कोण बहुत छोटा (लगभग 24.4°) होता है। एक अच्छी तरह से कटे हुए हीरे में, अधिकांश प्रकाश जो एक फलक से अंदर प्रवेश करता है, क्रांतिक कोण से बड़े कोण पर आंतरिक फलकों से टकराता है और पूरी तरह से आंतरिक रूप से परावर्तित हो जाता है। यह प्रकाश हीरे के भीतर कई बार उछलता है और अंततः शीर्ष से बाहर निकलता है, जिससे उसकी असाधारण चमक और फायर (रंगों का फैलाव) दिखाई देती है। अपवर्तन और परावर्तन भी इसमें शामिल होते हैं, लेकिन मुख्य घटना TIR है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. हीरे का उच्च अपवर्तनांक इसकी चमक के लिए जिम्मेदार है। हीरे का अनुमानित अपवर्तनांक क्या है?

    • (a) 1.33
    • (b) 1.52
    • (c) 2.42
    • (d) 3.00

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (Refractive index) एक माध्यम में प्रकाश की गति और निर्वात में प्रकाश की गति का अनुपात होता है। यह दर्शाता है कि प्रकाश किसी माध्यम में कितनी धीमी गति से यात्रा करता है और उस माध्यम से गुजरने पर कितनी हद तक मुड़ता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है, जो पानी (लगभग 1.33) या सामान्य कांच (लगभग 1.52) की तुलना में काफी अधिक है। यह उच्च अपवर्तनांक ही हीरे के छोटे क्रांतिक कोण (लगभग 24.4°) का कारण बनता है, जिससे पूर्ण आंतरिक परावर्तन की संभावना बढ़ जाती है और हीरे की विशिष्ट चमक और “आग” (डिस्पर्शन के कारण रंगों का फैलाव) उत्पन्न होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. जब सफेद प्रकाश एक हीरे से होकर गुजरता है, तो वह अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है। इस घटना को किस नाम से जाना जाता है?

    • (a) परावर्तन
    • (b) अपवर्तन
    • (c) विवर्तन
    • (d) वर्ण विक्षेपण (Dispersion)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वर्ण विक्षेपण (Dispersion) वह घटना है जिसमें एक माध्यम का अपवर्तनांक प्रकाश की तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है, जिसके कारण सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों (स्पेक्ट्रम) में विभाजित हो जाता है जब वह उस माध्यम से गुजरता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में विभिन्न तरंगदैर्ध्य (रंगों) के प्रकाश के लिए अलग-अलग अपवर्तनांक होता है। लाल प्रकाश की तुलना में बैंगनी प्रकाश अधिक मुड़ता है। जब सफेद प्रकाश (जो विभिन्न रंगों का मिश्रण है) हीरे में प्रवेश करता है, तो यह अलग-अलग कोणों पर मुड़ता है और अपने घटक रंगों (इंद्रधनुषी प्रभाव, जिसे “फायर” कहा जाता है) में विभाजित हो जाता है। यह घटना वर्ण विक्षेपण कहलाती है। प्रिज्म द्वारा प्रकाश का वर्ण विक्षेपण इसी सिद्धांत पर आधारित है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापने के लिए किस पैमाने का उपयोग किया जाता है, जिसमें हीरा उच्चतम मूल्य पर होता है?

    • (a) रिक्टर पैमाना
    • (b) मोह्स पैमाना
    • (c) सेल्सियस पैमाना
    • (d) वेबर पैमाना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कठोरता पैमाने खनिजों की एक-दूसरे को खरोंचने की क्षमता के आधार पर उनकी कठोरता को वर्गीकृत करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): मोह्स कठोरता पैमाना (Mohs scale of mineral hardness) खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापने के लिए एक गुणात्मक पैमाना है। इसे 1812 में जर्मन भूविज्ञानी फ्रेडरिक मोह्स द्वारा विकसित किया गया था। यह 1 (सबसे नरम, जैसे तालक) से 10 (सबसे कठोर, जैसे हीरा) तक के मानों का उपयोग करता है। रिक्टर पैमाना भूकंप की तीव्रता मापता है, सेल्सियस पैमाना तापमान मापता है, और वेबर पैमाना चुंबकीय प्रवाह से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  14. हीरे अपनी असाधारण तापीय चालकता (thermal conductivity) के लिए जाने जाते हैं। यह गुण उन्हें निम्नलिखित में से किस अनुप्रयोग में उपयोगी बनाता है?

    • (a) बिजली के तारों में
    • (b) ऑप्टिकल लेंस में
    • (c) उच्च शक्ति वाले इलेक्ट्रॉनिक्स में हीट सिंक के रूप में
    • (d) चुंबकीय भंडारण उपकरणों में

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तापीय चालकता किसी पदार्थ की ऊष्मा को स्थानांतरित करने की क्षमता का माप है। उच्च तापीय चालकता वाले पदार्थ ऊष्मा को कुशलता से दूर ले जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की तापीय चालकता किसी भी ज्ञात सामग्री में सबसे अधिक होती है, जो इसे उत्कृष्ट हीट कंडक्टर बनाती है। यह गुण इसे उच्च शक्ति वाले इलेक्ट्रॉनिक्स (जैसे लेजर डायोड, ट्रांजिस्टर और एकीकृत सर्किट) में हीट सिंक (गर्मी को अपव्यय करने वाला घटक) के रूप में अत्यंत उपयोगी बनाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स में उत्पन्न अत्यधिक गर्मी को प्रभावी ढंग से हटाने के लिए हीट सिंक आवश्यक होते हैं ताकि घटकों को ओवरहीटिंग से बचाया जा सके और उनका प्रदर्शन बना रहे। बिजली के तारों के लिए तांबे जैसे चालक का उपयोग होता है, ऑप्टिकल लेंस के लिए कांच का, और चुंबकीय भंडारण के लिए चुंबकीय सामग्री का।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. यदि प्रकाश की एक किरण वायु से हीरे में प्रवेश करती है, तो प्रकाश का कौन सा गुण अपरिवर्तित रहेगा?

    • (a) तरंगदैर्ध्य (Wavelength)
    • (b) वेग (Velocity)
    • (c) आवृत्ति (Frequency)
    • (d) दिशा (Direction)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है, तो उसकी आवृत्ति उसके स्रोत द्वारा निर्धारित होती है और माध्यम बदलने पर भी अपरिवर्तित रहती है। हालांकि, उसका वेग और तरंगदैर्ध्य माध्यम के अपवर्तनांक के आधार पर बदलते हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश की आवृत्ति उसके ऊर्जा स्तर से संबंधित होती है और यह उस स्रोत पर निर्भर करती है जिससे वह उत्सर्जित होता है। जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में (जैसे वायु से हीरे में) प्रवेश करता है, तो उसका वेग बदल जाता है (हीरे में धीमा हो जाता है) और परिणामस्वरूप उसकी तरंगदैर्ध्य भी बदल जाती है (क्योंकि वेग = आवृत्ति × तरंगदैर्ध्य)। हालांकि, प्रकाश की आवृत्ति अपरिवर्तित रहती है। यदि यह बदल जाती, तो प्रकाश की ऊर्जा बदल जाती, जो ऊर्जा संरक्षण के नियम का उल्लंघन करती है। दिशा भी बदल जाती है (अपवर्तन)।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. पृथ्वी के भीतर प्राकृतिक हीरे का निर्माण अत्यंत उच्च दबाव और तापमान की स्थिति में होता है। कौन सी भूवैज्ञानिक प्रक्रिया इन हीरों को पृथ्वी की सतह के करीब लाने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है?

    • (a) क्षरण और निक्षेपण
    • (b) ज्वालामुखी विस्फोट और किम्बरलाइट पाइप
    • (c) प्लेट टेक्टोनिक्स की क्षैतिज गति
    • (d) ग्लेशियर की गतिविधि

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल (लगभग 150-200 किमी गहराई पर) में अत्यधिक उच्च दबाव (45-60 किलोबार) और तापमान (900-1300°C) पर बनते हैं। उन्हें सतह पर लाने के लिए विशेष भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी की सतह पर किम्बरलाइट पाइप नामक विशेष प्रकार की ज्वालामुखी चट्टानों के माध्यम से लाए जाते हैं। ये पाइप प्राचीन, गहरी जड़ वाली ज्वालामुखी गतिविधि के परिणाम हैं जो सीधे पृथ्वी के मेंटल से सामग्री को सतह पर लाते हैं। इन विस्फोटों के दौरान, मेग्मा तेजी से सतह की ओर बढ़ता है, हीरों को उनकी जन्मभूमि से ऊपर लाता है। क्षरण और निक्षेपण, प्लेट टेक्टोनिक्स, या ग्लेशियर की गतिविधि हीरे को इतनी गहराई से सतह पर नहीं लाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. किस प्रकार के विद्युत चुम्बकीय विकिरण का उपयोग आमतौर पर हीरे जैसी सामग्रियों की क्रिस्टल संरचना का अध्ययन करने के लिए किया जाता है?

    • (a) रेडियो तरंगें
    • (b) माइक्रोवेव
    • (c) एक्स-रे
    • (d) दृश्य प्रकाश

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल की परमाणु संरचना का अध्ययन एक्स-रे विवर्तन (X-ray Diffraction – XRD) का उपयोग करके किया जाता है। एक्स-रे की तरंगदैर्ध्य परमाणुओं के बीच की दूरी के तुलनीय होती है, जिससे विवर्तन पैटर्न बनता है।

    व्याख्या (Explanation): एक्स-रे विवर्तन एक शक्तिशाली तकनीक है जिसका उपयोग क्रिस्टलीय ठोस पदार्थों की परमाणु और आणविक संरचना को निर्धारित करने के लिए किया जाता है, जिसमें हीरा भी शामिल है। जब एक्स-रे की किरण एक क्रिस्टलीय सामग्री से गुजरती है, तो वे नियमित रूप से व्यवस्थित परमाणुओं द्वारा विवर्तित होते हैं, जिससे एक विशिष्ट विवर्तन पैटर्न बनता है। इस पैटर्न का विश्लेषण करके, वैज्ञानिक क्रिस्टल जाली की संरचना, परमाणुओं के बीच की दूरी और उनकी व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अन्य विकल्प (रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव, दृश्य प्रकाश) की तरंगदैर्ध्य परमाणुओं के बीच की दूरी की तुलना में बहुत बड़ी होती है, इसलिए वे विवर्तन के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. मानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ कौन सा है?

    • (a) हड्डी (Bone)
    • (b) दाँत का डेंटिन (Dentin)
    • (c) दाँत का इनेमल (Enamel)
    • (d) नाखून (Nail)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैविक पदार्थों की कठोरता उनकी खनिज संरचना और प्रोटीन मैट्रिक्स के प्रकार पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ दाँत का इनेमल (दंतवल्क) है। यह मुख्य रूप से कैल्शियम फॉस्फेट के एक अत्यधिक खनिजयुक्त रूप, हाइड्रोक्सीपैटाइट से बना होता है। इनेमल दाँतों को चबाने के तनाव से बचाता है। हड्डी और डेंटिन (जो इनेमल के नीचे होता है) भी कठोर होते हैं, लेकिन इनेमल जितने कठोर नहीं होते। नाखून केरातिन प्रोटीन से बने होते हैं और वे काफी कठोर होते हुए भी इनेमल की तुलना में बहुत नरम होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  19. कार्बन जीवन का एक मौलिक तत्व है। कौन सा प्रमुख जैवअणु (biomolecule) मुख्य रूप से आनुवंशिक सामग्री के रूप में कार्य करता है, जिसमें एक डबल हेलिक्स (double helix) संरचना होती है?

    • (a) प्रोटीन
    • (b) लिपिड
    • (c) कार्बोहाइड्रेट
    • (d) डीएनए (DNA)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): न्यूक्लिक एसिड (DNA और RNA) आनुवंशिक जानकारी के भंडारण और प्रसारण के लिए जिम्मेदार मैक्रोमोलेक्यूल्स हैं। डीएनए विशेष रूप से अपनी डबल हेलिक्स संरचना के लिए जाना जाता है।

    व्याख्या (Explanation): डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) जीवों के आनुवंशिक कोड को वहन करता है। इसकी विशेषता इसकी प्रसिद्ध डबल हेलिक्स संरचना है, जो दो पॉली न्यूक्लियोटाइड स्ट्रैंड्स से बनी होती है जो एक दूसरे के चारों ओर कुंडलित होती हैं। प्रत्येक स्ट्रैंड में डीऑक्सीराइबोज शर्करा, फॉस्फेट समूह और नाइट्रोजनी क्षारक (एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन, थाइमिन) होते हैं। यह संरचना आनुवंशिक जानकारी के सटीक प्रतिकृति (“doubling down”) और विरासत के लिए महत्वपूर्ण है। प्रोटीन, लिपिड और कार्बोहाइड्रेट भी महत्वपूर्ण जैवअणु हैं, लेकिन वे आनुवंशिक सामग्री नहीं होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  20. वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कोशिकाएं अपनी संख्या को ‘दोगुना’ करती हैं, उसे क्या कहते हैं?

    • (a) परासरण (Osmosis)
    • (b) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
    • (c) कोशिका विभाजन (Cell Division)
    • (d) श्वसन (Respiration)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कोशिका विभाजन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक जनक कोशिका दो या अधिक संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है। यह वृद्धि, मरम्मत और प्रजनन के लिए आवश्यक है।

    व्याख्या (Explanation): कोशिका विभाजन, विशेष रूप से समसूत्री विभाजन (mitosis) और अर्धसूत्री विभाजन (meiosis), वह जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोशिकाएं अपनी संख्या बढ़ाती हैं। समसूत्री विभाजन में, एक कोशिका विभाजित होकर दो आनुवंशिक रूप से समान संतति कोशिकाएं बनाती है, जो वस्तुतः कोशिकाओं की संख्या को “दोगुना” करती है। यह वृद्धि, ऊतक की मरम्मत और कुछ जीवों में अलैंगिक प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है। परासरण पानी का संचलन है, प्रकाश संश्लेषण पौधों द्वारा भोजन बनाना है, और श्वसन ऊर्जा उत्पादन है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. कौन सा खनिज तत्व, हड्डी और दाँतों के निर्माण के लिए आवश्यक है, मानव शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो उनकी कठोरता में योगदान देता है?

    • (a) लोहा (Iron)
    • (b) पोटेशियम (Potassium)
    • (c) कैल्शियम (Calcium)
    • (d) सोडियम (Sodium)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मानव शरीर को उचित कार्यप्रणाली और संरचनात्मक अखंडता के लिए विभिन्न खनिजों की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation): कैल्शियम (Calcium) मानव शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला खनिज है। यह हड्डियों और दाँतों का मुख्य घटक है, जो उन्हें कठोरता और संरचनात्मक सहायता प्रदान करता है। शरीर के कुल कैल्शियम का लगभग 99% हड्डियों और दाँतों में संग्रहित होता है, मुख्य रूप से हाइड्रोक्सीपैटाइट के रूप में। यह तंत्रिका कार्य, मांसपेशियों के संकुचन और रक्त के थक्के जमने जैसे अन्य महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों में भी शामिल है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. कार्बन चक्र में, पौधे मुख्य रूप से किस प्रक्रिया द्वारा वृद्धि और ऊर्जा भंडारण के लिए कार्बन प्राप्त करते हैं?

    • (a) श्वसन
    • (b) किण्वन (Fermentation)
    • (c) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
    • (d) अवशोषण (Absorption)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन चक्र पृथ्वी पर कार्बन का आदान-प्रदान और पुनर्चक्रण है, जिसमें वायुमंडल, महासागर, मिट्टी और सजीव जीव शामिल हैं।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे, शैवाल और कुछ बैक्टीरिया सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) को ग्लूकोज (एक कार्बोहाइड्रेट) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को हटाकर उसे कार्बनिक पदार्थों में स्थिर करती है, जो पौधों की वृद्धि और ऊर्जा भंडारण के लिए महत्वपूर्ण है। यह स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र में कार्बन के प्रवेश का प्राथमिक मार्ग है। श्वसन ऊर्जा जारी करता है, किण्वन अवायवीय ऊर्जा उत्पादन है, और अवशोषण पोषक तत्वों को लेने का एक सामान्य शब्द है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. जीवों का कौन सा समूह मुख्य रूप से काइटिन (chitin) से बने कठोर, सुरक्षात्मक बहिःकंकाल (exoskeletons) का निर्माण करता है?

    • (a) मत्स्य (Fish)
    • (b) पक्षी (Birds)
    • (c) आर्थ्रोपोड्स (Arthropods)
    • (d) स्तनधारी (Mammals)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बहिःकंकाल कुछ अकशेरुकी जीवों में पाया जाने वाला एक कठोर, बाहरी आवरण होता है जो शरीर को सहारा और सुरक्षा प्रदान करता है।

    व्याख्या (Explanation): आर्थ्रोपोड्स (जैसे कीड़े, मकड़ियाँ, केकड़े और झींगे) अकशेरुकी जीवों का सबसे बड़ा संघ है, और वे सभी एक कठोर बहिःकंकाल की विशेषता रखते हैं। यह बहिःकंकाल मुख्य रूप से काइटिन से बना होता है, जो एक कठोर, नाइट्रोजन युक्त पॉलीसेकेराइड है। यह संरचना शरीर को सहारा देती है, शिकारियों से बचाती है और जल हानि को रोकती है। मत्स्य और पक्षियों में अंतःकंकाल होता है, जबकि स्तनधारियों में भी अंतःकंकाल होता है और त्वचा एवं बाल जैसे बाहरी आवरण होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. गुर्दे की पथरी (Kidney stones), जो कठोर, क्रिस्टलीय संरचनाएं हो सकती हैं, अक्सर किस कैल्शियम यौगिक से बनी होती हैं?

    • (a) कैल्शियम कार्बोनेट
    • (b) कैल्शियम सल्फेट
    • (c) कैल्शियम ऑक्सलेट
    • (d) कैल्शियम क्लोराइड

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गुर्दे की पथरी खनिजों और लवणों के कठोर जमाव होते हैं जो गुर्दे के अंदर बनते हैं। वे अक्सर तब बनते हैं जब मूत्र बहुत अधिक क्रिस्टल बनाने वाले पदार्थों को केंद्रित करता है।

    व्याख्या (Explanation): गुर्दे की पथरी विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बन सकती है, लेकिन सबसे आम प्रकार कैल्शियम ऑक्सलेट (Calcium Oxalate) पथरी है। लगभग 80% गुर्दे की पथरी कैल्शियम ऑक्सलेट से बनी होती है। ये पत्थर तब बनते हैं जब मूत्र में कैल्शियम और ऑक्सलेट का उच्च स्तर होता है, जो मिलकर क्रिस्टल बनाते हैं और बड़े पत्थर बन जाते हैं। अन्य प्रकार की पथरी यूरिक एसिड, स्ट्रुवाइट या सिस्टीन से बन सकती है, लेकिन कैल्शियम ऑक्सलेट सबसे प्रचलित है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. संरचनात्मक समर्थन के अलावा, जीवित जीवों में एटीपी (ATP) जैसे कार्बन-युक्त अणुओं की एक और महत्वपूर्ण भूमिका क्या है?

    • (a) आनुवंशिक जानकारी का भंडारण
    • (b) पोषक तत्वों का परिवहन
    • (c) ऊर्जा मुद्रा (Energy currency) के रूप में कार्य करना
    • (d) एंजाइमों का निर्माण

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एटीपी (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) एक न्यूक्लियोटाइड है जो कोशिकाओं में ऊर्जा हस्तांतरण के लिए प्राथमिक अणु के रूप में कार्य करता है।

  26. व्याख्या (Explanation): एटीपी को अक्सर कोशिका की “ऊर्जा मुद्रा” कहा जाता है। यह एक कार्बन-युक्त अणु है जिसमें उच्च-ऊर्जा फॉस्फेट बंध होते हैं। जब ये बंध टूटते हैं, तो ऊर्जा मुक्त होती है जिसका उपयोग विभिन्न सेलुलर प्रक्रियाओं (जैसे मांसपेशियों का संकुचन, सक्रिय परिवहन, रासायनिक संश्लेषण) को शक्ति प्रदान करने के लिए किया जाता है। एटीपी लगातार श्वसन और प्रकाश संश्लेषण जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से बनता और टूटता है, जिससे कोशिकाएं अपने ऊर्जा की जरूरतों को पूरा कर पाती हैं। जबकि आनुवंशिक जानकारी डीएनए में संग्रहित होती है, पोषक तत्वों का परिवहन विशेष प्रोटीन द्वारा किया जाता है, और एंजाइम भी प्रोटीन होते हैं, एटीपी सीधे ऊर्जा प्रदान करने में केंद्रीय भूमिका निभाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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