ईरान में भीषण सड़क हादसा: 21 मौतें, सुरक्षा पर गंभीर सवाल

ईरान में भीषण सड़क हादसा: 21 मौतें, सुरक्षा पर गंभीर सवाल

चर्चा में क्यों? (Why in News?):

हाल ही में, दक्षिण ईरान में एक भीषण सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। एक अनियंत्रित बस के पलट जाने से कम से कम 21 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और लगभग 34 अन्य घायल हो गए। यह घटना न केवल ईरान के लिए एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि इसने सड़क सुरक्षा के वैश्विक मुद्दे पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो दुनिया भर के देशों, विशेषकर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यह दुर्घटना सड़क सुरक्षा नियमों के प्रवर्तन, वाहनों की स्थिति और चालक के व्यवहार जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर फिर से विचार करने की आवश्यकता को उजागर करती है।

हादसे का विवरण (Details of the Accident)

यह दुखद घटना ईरान के फार्स प्रांत के पश्चिमी हिस्से में फसा-दाराब मार्ग पर घटित हुई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, एक यात्री बस, जिसमें 50 से अधिक लोग सवार थे, अचानक नियंत्रण खो बैठी और पलट गई। हादसे की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बस का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। स्थानीय अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू किया। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जिससे इस त्रासदी की गंभीरता और बढ़ जाती है। दुर्घटना के कारणों की जांच जारी है, जिसमें तेज गति, यांत्रिक खराबी, या चालक की त्रुटि जैसे संभावित कारकों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

ईरान के रेड क्रिसेंट सोसाइटी (Red Crescent Society) के अनुसार, दुर्घटनाग्रस्त बस संभवतः अहवाज़ से यात्रा कर रही थी और यह घटना रात के समय हुई, जब दृश्यता कम थी। ऐसी दुर्घटनाएं अक्सर सड़क अवसंरचना, वाहन रखरखाव और मानवीय कारकों के जटिल मेल का परिणाम होती हैं।

सड़क दुर्घटनाएँ – एक वैश्विक संकट (Road Accidents – A Global Crisis)

सड़क दुर्घटनाएँ दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.3 मिलियन लोग मारे जाते हैं, और 50 मिलियन से अधिक घायल या विकलांग होते हैं। यह 5 से 29 वर्ष की आयु के लोगों के लिए मृत्यु का प्रमुख कारण है।

“सड़क दुर्घटनाएँ केवल आकस्मिक घटनाएँ नहीं हैं; वे एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट हैं जिनका अनुमान लगाया जा सकता है और जिन्हें रोका जा सकता है।” – WHO

यह संकट विकासशील देशों में अधिक गंभीर है, जहाँ दुनिया के केवल 60% वाहन हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली 90% मौतें इन्हीं देशों में होती हैं। इसका कारण अक्सर अपर्याप्त सड़क अवसंरचना, खराब वाहन सुरक्षा मानक, ढीला प्रवर्तन और जागरूकता की कमी होता है।

सड़क सुरक्षा के स्तंभ (Pillars of Road Safety):

सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, जिसे अक्सर ‘5 E’ मॉडल के रूप में जाना जाता है:

  1. इंजीनियरिंग (Engineering): सुरक्षित सड़कों और वाहनों का डिज़ाइन। इसमें अच्छी तरह से बनाए गए राजमार्ग, सुरक्षित चौराहे, स्पष्ट संकेत, बेहतर रोशनी और वाहनों में आधुनिक सुरक्षा सुविधाएँ (जैसे एयरबैग, ABS, सीटबेल्ट) शामिल हैं।
  2. प्रवर्तन (Enforcement): यातायात कानूनों और नियमों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करना। इसमें गति सीमा का पालन, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर रोक, हेलमेट और सीटबेल्ट का अनिवार्य उपयोग, और ओवरलोडिंग पर नियंत्रण शामिल है।
  3. शिक्षा (Education): सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता और सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देना। यह स्कूलों में सड़क सुरक्षा शिक्षा, सार्वजनिक अभियानों और ड्राइविंग स्कूलों के माध्यम से हो सकता है।
  4. आपातकालीन प्रतिक्रिया (Emergency Response): दुर्घटना के बाद घायलों को तत्काल और प्रभावी चिकित्सा सहायता प्रदान करना। इसमें समय पर एम्बुलेंस सेवा, प्रशिक्षित पैरामेडिक्स और ट्रॉमा केयर सुविधाएं शामिल हैं, जिन्हें अक्सर ‘गोल्डन आवर’ कहा जाता है।
  5. पर्यावरण (Environment) / सहानुभूति (Empathy): सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच एक जिम्मेदार और सहानुभूतिपूर्ण संस्कृति को बढ़ावा देना। इसमें पैदल चलने वालों और साइकिल सवारों के लिए सुरक्षित स्थान बनाना, और सड़क पर दूसरों के प्रति सम्मान दिखाना शामिल है।

ईरान में सड़क सुरक्षा की स्थिति (Road Safety Situation in Iran)

ईरान दुनिया के उन देशों में से एक है जहाँ सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर काफी अधिक है। वर्षों से, सड़क दुर्घटनाएँ ईरानी समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय रही हैं।

प्रमुख योगदान कारक:

  1. पुराने वाहन बेड़े (Aging Vehicle Fleet): ईरान में कई वाहन पुराने हैं और उनमें आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं का अभाव है। कुछ वाहनों की उम्र 20 वर्ष से अधिक हो सकती है, जो दुर्घटनाओं के जोखिम को बढ़ाती है।
  2. चालक व्यवहार (Driver Behavior): तेज गति, लापरवाही से ड्राइविंग, यातायात नियमों का उल्लंघन, शराब या नशीले पदार्थों का सेवन करके गाड़ी चलाना, और थकान के कारण ड्राइविंग ईरान में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख मानवीय कारक हैं।
  3. खराब सड़क अवसंरचना (Poor Road Infrastructure): हालांकि ईरान में आधुनिक सड़कें हैं, लेकिन कुछ ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कें खराब स्थिति में हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। कुछ सड़कों पर उचित साइनेज, प्रकाश व्यवस्था या सुरक्षा बाधाओं की कमी भी होती है।
  4. कमजोर प्रवर्तन (Weak Enforcement): यातायात नियमों का प्रवर्तन कहीं-कहीं कमजोर पाया जाता है, जिससे चालकों में नियमों के उल्लंघन की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
  5. आपातकालीन सेवाओं की कमी (Lack of Emergency Services): दूरदराज के क्षेत्रों में दुर्घटना के बाद आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं तक पहुँच सीमित हो सकती है, जिससे मृत्यु दर बढ़ जाती है।

सरकार की पहल और चुनौतियाँ:

ईरानी सरकार ने सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जैसे वाहन सुरक्षा मानकों में सुधार की कोशिशें और जागरूकता अभियान चलाना। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद, चुनौतियां बनी हुई हैं। आर्थिक प्रतिबंधों के कारण आधुनिक वाहन सुरक्षा प्रौद्योगिकियों तक पहुंच में बाधाएं, पुराने वाहनों को बदलने में वित्तीय कठिनाइयां, और प्रभावी सार्वजनिक शिक्षा अभियानों की आवश्यकता कुछ प्रमुख बाधाएं हैं।

भारत और सड़क सुरक्षा: एक तुलनात्मक अध्ययन (India and Road Safety: A Comparative Study)

भारत दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों के मामले में शीर्ष देशों में से एक है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लाखों सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं, जिनमें हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं।

भारत में प्रमुख कारण:

  1. मानवीय त्रुटि: तेज गति, लापरवाही से ड्राइविंग, नशे में ड्राइविंग, मोबाइल फोन का उपयोग, बिना हेलमेट/सीटबेल्ट गाड़ी चलाना।
  2. वाहन संबंधी कारक: पुराने और खराब रखरखाव वाले वाहन, दोषपूर्ण ब्रेक, टायर फटना।
  3. सड़क संबंधी कारक: खराब सड़क डिज़ाइन, गड्ढे, अपर्याप्त साइनेज, ब्लैक स्पॉट।
  4. प्रवर्तन की कमी: यातायात नियमों का ढीला प्रवर्तन, भ्रष्टाचार।

भारत सरकार के प्रयास:

  • मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019: यह अधिनियम यातायात उल्लंघन के लिए भारी जुर्माना, सड़क सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना, और कैशलेस उपचार जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों के साथ सड़क सुरक्षा को मजबूत करने का एक बड़ा कदम है।
  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (NRSC): सड़क सुरक्षा नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में सरकार को सलाह देने वाला शीर्ष निकाय।
  • जागरूकता अभियान: सड़क सुरक्षा सप्ताह, सार्वजनिक विज्ञापन और स्कूलों में शिक्षा कार्यक्रम।
  • स्मार्ट सिटीज़ पहल: इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (ITS) और बेहतर सड़क अवसंरचना पर ध्यान केंद्रित करना।
  • वाहनों के लिए सुरक्षा मानक: ABS, एयरबैग, और क्रैश टेस्ट जैसे सुरक्षा मानकों को अनिवार्य करना।

तुलनात्मक सबक:

ईरान और भारत दोनों ही विकासशील देश हैं जो सड़क सुरक्षा के समान मुद्दों का सामना कर रहे हैं। दोनों देशों में पुराने वाहन बेड़े, मानवीय त्रुटियां और प्रवर्तन की चुनौतियां आम हैं। भारत ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर एक मजबूत विधायी ढांचा बनाने का प्रयास किया है, जो ईरान जैसे देशों के लिए एक मॉडल हो सकता है। वहीं, ईरान को अपने पुराने वाहन बेड़े को आधुनिक बनाने और ड्राइविंग व्यवहार में सुधार लाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। दोनों देशों को उन्नत देशों से सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने की जरूरत है, जैसे स्वीडन का ‘विजन ज़ीरो’ दृष्टिकोण, जिसका उद्देश्य सड़क पर किसी भी मौत या गंभीर चोट को समाप्त करना है।

सड़क दुर्घटनाओं के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव (Socio-Economic Impact of Road Accidents)

सड़क दुर्घटनाओं का प्रभाव केवल तात्कालिक चोटों और मौतों तक सीमित नहीं होता है, बल्कि इसका समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा और दूरगामी प्रभाव पड़ता है।

  1. मानवीय क्षति: सबसे स्पष्ट प्रभाव जीवन का नुकसान और गंभीर चोटें हैं। कई पीड़ित स्थायी विकलांगता का सामना करते हैं, जिससे उनका जीवन और उनके परिवारों का जीवन हमेशा के लिए बदल जाता है।
  2. आर्थिक बोझ:
    • स्वास्थ्य सेवा लागत: दुर्घटनाओं के बाद चिकित्सा उपचार, पुनर्वास और दीर्घकालिक देखभाल पर भारी खर्च होता है।
    • उत्पादकता का नुकसान: युवा और कमाने वाले सदस्यों की मौत या विकलांगता से परिवारों और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था दोनों को उत्पादकता का नुकसान होता है।
    • संपत्ति का नुकसान: वाहनों और सड़क अवसंरचना को हुए नुकसान की मरम्मत या बदलने पर भी महत्वपूर्ण खर्च होता है।
    • कानूनी और प्रशासनिक लागत: अदालती कार्यवाही, पुलिस जांच और बीमा दावों से जुड़ी लागतें भी अर्थव्यवस्था पर बोझ डालती हैं।
  3. मनोवैज्ञानिक आघात: दुर्घटनाओं के शिकार और उनके परिवार अक्सर पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), चिंता और अवसाद जैसे गंभीर मनोवैज्ञानिक आघात का सामना करते हैं।
  4. गरीबी का दुष्चक्र: विशेष रूप से निम्न-आय वाले देशों में, एक गंभीर दुर्घटना एक परिवार को गरीबी में धकेल सकती है, खासकर यदि मुख्य कमाने वाला व्यक्ति प्रभावित हो।
  5. सामाजिक विश्वास का क्षरण: लगातार होने वाली दुर्घटनाएं सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में विश्वास कम कर सकती हैं और सार्वजनिक सुरक्षा पर चिंताएं बढ़ा सकती हैं।

“सड़क दुर्घटनाएँ राष्ट्रीय विकास पर मूक कर की तरह हैं।”

तकनीकी हस्तक्षेप और नवाचार (Technological Interventions and Innovations)

प्रौद्योगिकी सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में उभरी है। नवाचारों से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और उनके प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

  1. उन्नत चालक-सहायता प्रणालियाँ (ADAS):
    • एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS): अचानक ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से रोकता है, जिससे चालक को स्टीयरिंग नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिलती है।
    • इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC): वाहन को स्किडिंग से रोकने में मदद करता है।
    • क्रूज़ कंट्रोल: स्वचालित रूप से गति बनाए रखता है और कुछ उन्नत प्रणालियां सामने वाले वाहन से सुरक्षित दूरी भी बनाए रखती हैं (अडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल)।
    • लेन डिपार्चर वार्निंग (LDW) और लेन कीप असिस्ट (LKA): चालक को लेन से भटकने पर चेतावनी देते हैं या वाहन को लेन में बनाए रखने में मदद करते हैं।
    • फॉरवर्ड कोलिजन वार्निंग (FCW) और ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB): संभावित टक्कर की चेतावनी देते हैं और स्वचालित रूप से ब्रेक लगा सकते हैं।
    • ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन (BSD): चालक को उन वाहनों के बारे में सूचित करता है जो ब्लाइंड स्पॉट में हैं।
  2. बुद्धिमान परिवहन प्रणालियाँ (ITS – Intelligent Transport Systems):
    • स्मार्ट ट्रैफिक लाइट: यातायात के प्रवाह के अनुसार अनुकूलित होती हैं, जिससे भीड़ कम होती है और दुर्घटनाओं का जोखिम कम होता है।
    • यातायात निगरानी और प्रबंधन प्रणाली: वास्तविक समय में यातायात की स्थिति की निगरानी करती हैं और आपातकालीन प्रतिक्रिया में सुधार करती हैं।
    • वाहनों के बीच संचार (V2V) और वाहन से अवसंरचना संचार (V2I): ये प्रणालियाँ वाहनों को एक-दूसरे से और सड़क किनारे अवसंरचना से संवाद करने की अनुमति देती हैं, जिससे संभावित खतरों के बारे में पहले से चेतावनी मिल सकती है।
  3. वाहन सुरक्षा मानक (Vehicle Safety Standards): क्रैश-प्रूफ डिज़ाइन, मजबूत बॉडी स्ट्रक्चर, मल्टीपल एयरबैग, सीटबेल्ट रिमाइंडर, और पैदल यात्री सुरक्षा सुविधाओं को अनिवार्य करना।
  4. स्मार्ट अवसंरचना (Smart Infrastructure): दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों में सेंसर, कैमरे और स्मार्ट लाइटिंग लगाना जो खराब मौसम या खतरों का पता लगा सकें और चालकों को चेतावनी दे सकें।
  5. डेटा एनालिटिक्स और AI: दुर्घटना डेटा का विश्लेषण करके ब्लैक स्पॉट की पहचान करना, दुर्घटना के कारणों को समझना और निवारक उपायों को लक्षित करना।

न्याय और जवाबदेही (Justice and Accountability)

सड़क दुर्घटनाओं के संदर्भ में न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करना केवल दंडित करने से कहीं अधिक है; यह एक ऐसा तंत्र स्थापित करने के बारे में है जो पीड़ितों को राहत प्रदान करे, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोके और सभी हितधारकों को अपनी भूमिका के लिए जिम्मेदार ठहराए।

  1. कानूनी ढाँचा (Legal Frameworks):
    • यातायात कानून: कठोर और स्पष्ट यातायात कानून होना आवश्यक है, जो गति सीमा, नशे में ड्राइविंग, लापरवाही से ड्राइविंग, और वाहनों के रखरखाव जैसे पहलुओं को कवर करें।
    • आपराधिक और नागरिक देयता: ऐसे प्रावधान होने चाहिए जो दोषी चालकों, वाहन मालिकों, या यहां तक कि सड़क रखरखाव एजेंसियों को उनकी लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराएं।
    • पीड़ितों के अधिकार: पीड़ितों को समय पर और पर्याप्त मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए कानून होने चाहिए, चाहे वह बीमा कंपनियों के माध्यम से हो या सरकारी निधियों के माध्यम से।
  2. कानून प्रवर्तन की भूमिका (Role of Law Enforcement):
    • सख्त प्रवर्तन: यातायात पुलिस को कानूनों को निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए। इसमें अनियमित जांच, गति कैमरे, और शराब परीक्षण शामिल हैं।
    • जांच और विश्लेषण: दुर्घटनाओं की गहन जांच करना ताकि कारणों की पहचान की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सबक सीखे जा सकें।
    • प्रौद्योगिकी का उपयोग: ई-चालान, CCTV निगरानी और डेटा विश्लेषण जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग प्रवर्तन को अधिक कुशल बना सकता है।
  3. पीड़ित मुआवजा और पुनर्वास (Victim Compensation and Rehabilitation):
    • त्वरित मुआवजा: बीमा दावों की प्रक्रिया को सरल और तेज करना ताकि पीड़ितों को समय पर वित्तीय सहायता मिल सके।
    • पुनर्वास सेवाएँ: शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह की चोटों से उबरने में मदद करने के लिए पुनर्वास केंद्र और परामर्श सेवाएँ प्रदान करना।
    • सहायता समूह: पीड़ितों और उनके परिवारों को भावनात्मक समर्थन और सहायता प्रदान करने वाले समूहों को बढ़ावा देना।
  4. हितधारकों की जवाबदेही (Accountability of Stakeholders):
    • वाहन निर्माता: यह सुनिश्चित करना कि निर्मित वाहन सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं और यदि कोई खराबी पाई जाती है तो उन्हें वापस बुलाया जाता है।
    • सड़क निर्माण एजेंसियां: यह सुनिश्चित करना कि सड़कें सुरक्षित रूप से डिजाइन और निर्मित की गई हैं और उनका नियमित रूप से रखरखाव किया जाता है।
    • लाइसेंसिंग प्राधिकरण: यह सुनिश्चित करना कि केवल योग्य और प्रशिक्षित व्यक्तियों को ही ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाते हैं।

न्याय और जवाबदेही का उद्देश्य सिर्फ दंड देना नहीं, बल्कि सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जिम्मेदारी की भावना पैदा करना और एक सुरक्षित सड़क पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।

आगे की राह (Way Forward)

ईरान में हालिया बस दुर्घटना सड़क सुरक्षा को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। एक व्यापक और सतत रणनीति ही इस वैश्विक संकट से निपटने में मदद कर सकती है।

  1. समग्र दृष्टिकोण (Holistic Approach): ‘5 E’ (इंजीनियरिंग, प्रवर्तन, शिक्षा, आपातकालीन देखभाल और सहानुभूति) मॉडल को पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए।
    • सुरक्षित सड़कें: सड़कों का डिज़ाइन और रखरखाव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार होना चाहिए। ब्लैक स्पॉट की पहचान कर उनका सुधार किया जाए।
    • सुरक्षित वाहन: पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना और नए वाहनों में आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं को अनिवार्य बनाना।
    • सुरक्षित चालक: ड्राइविंग प्रशिक्षण में सुधार, लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं को सख्त बनाना, और बार-बार उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर दंड सुनिश्चित करना।
    • त्वरित आपातकालीन प्रतिक्रिया: दुर्घटना स्थलों पर तेजी से चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए एक कुशल प्रणाली विकसित करना।
  2. सार्वजनिक जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन (Public Awareness and Behavioral Change):
    • लगातार और प्रभावी जन जागरूकता अभियान चलाना जो तेज गति, नशे में ड्राइविंग, मोबाइल फोन के उपयोग और हेलमेट/सीटबेल्ट न पहनने के खतरों पर ध्यान केंद्रित करें।
    • स्कूली पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा शिक्षा को एकीकृत करना।
    • समुदाय-आधारित पहल को बढ़ावा देना जो सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार को प्रोत्साहित करती हैं।
  3. डेटा-संचालित नीतियां (Data-Driven Policies):
    • दुर्घटना डेटा का व्यवस्थित संग्रह, विश्लेषण और उपयोग करना ताकि दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों की पहचान की जा सके और निवारक उपायों को लक्षित किया जा सके।
    • सड़क सुरक्षा अनुसंधान और विकास में निवेश करना।
  4. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (International Cooperation):
    • सड़क सुरक्षा में सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए अन्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (जैसे WHO, UNESCAP) के साथ सहयोग करना।
    • विशेष रूप से वाहन सुरक्षा मानकों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर तकनीकी सहायता प्राप्त करना।
  5. बहु-क्षेत्रीय समन्वय (Multi-Sectoral Coordination):
    • सड़क सुरक्षा एक जटिल मुद्दा है जिसके लिए विभिन्न सरकारी विभागों (परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस), निजी क्षेत्र और नागरिक समाज संगठनों के बीच मजबूत समन्वय की आवश्यकता होती है।
    • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड या प्राधिकरण की स्थापना करना जो इस समन्वय की देखरेख कर सके।
  6. कानूनों का सख्त प्रवर्तन (Strict Enforcement of Laws):
    • कानूनों को लागू करने में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
    • प्रवर्तन अधिकारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और पर्याप्त संसाधन प्रदान करना।

इन कदमों को उठाने से न केवल ईरान में सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्र के अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित करेगा। सुरक्षित सड़कें केवल एक विकल्प नहीं हैं, बल्कि यह एक अधिकार है जिसे प्रत्येक नागरिक को मिलना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

ईरान में हुआ भीषण सड़क हादसा एक मार्मिक अनुस्मारक है कि सड़क सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। 21 निर्दोष जिंदगियों का चला जाना और दर्जनों का घायल होना इस बात का दुखद प्रमाण है कि सड़क सुरक्षा में किसी भी चूक के परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं। यह घटना केवल ईरान की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक चुनौती है जो विकासशील देशों में विशेष रूप से गंभीर है, जहाँ आर्थिक विकास की होड़ में अक्सर सुरक्षा मानकों से समझौता कर लिया जाता है।

सुरक्षित सड़कों का निर्माण, वाहनों में उन्नत सुरक्षा सुविधाओं का समावेश, यातायात नियमों का सख्त प्रवर्तन, जन जागरूकता में वृद्धि और दुर्घटना के बाद त्वरित एवं प्रभावी आपातकालीन प्रतिक्रिया – ये सभी एक सुरक्षित सड़क पारिस्थितिकी तंत्र के अभिन्न अंग हैं। इस त्रासदी से सबक लेते हुए, यह आवश्यक है कि ईरान सहित सभी देश, सड़क सुरक्षा को अपनी राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं में सर्वोच्च स्थान दें। डेटा-संचालित नीतियां, तकनीकी नवाचारों का उपयोग और मजबूत कानून प्रवर्तन के साथ-साथ जनता में जिम्मेदारी की भावना पैदा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

सड़क पर हर एक जीवन मायने रखता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की त्रासदी फिर कभी न हो, और इसके लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा ताकि सड़कों को सभी के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाया जा सके। यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सड़क पर प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करें और ‘सड़क पर शून्य मृत्यु’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ें।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

(प्रत्येक प्रश्न में एक या अधिक कथन हो सकते हैं। सही विकल्प चुनें।)

1. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. सड़क दुर्घटनाएँ 5 से 29 वर्ष की आयु के लोगों के लिए मृत्यु का प्रमुख कारण हैं।
  2. दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली 90% मौतें विकासशील देशों में होती हैं।
  3. प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 50 मिलियन से अधिक लोग मारे जाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल a और b

(b) केवल b और c

(c) केवल a और c

(d) a, b और c

उत्तर: (a)

व्याख्या: WHO के अनुसार, सड़क दुर्घटनाएँ 5 से 29 वर्ष की आयु के लोगों के लिए मृत्यु का प्रमुख कारण हैं (कथन a सही)। दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली 90% मौतें विकासशील देशों में होती हैं (कथन b सही)। प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.3 मिलियन लोग मारे जाते हैं, और 50 मिलियन से अधिक घायल या विकलांग होते हैं, मारे नहीं जाते (कथन c गलत)।

2. सड़क सुरक्षा के ‘5 E’ मॉडल के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार करें:

  1. इंजीनियरिंग: सुरक्षित सड़कों और वाहनों का डिज़ाइन
  2. प्रवर्तन: यातायात कानूनों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करना
  3. शिक्षा: दुर्घटना के बाद तत्काल चिकित्सा सहायता
  4. आपातकालीन प्रतिक्रिया: सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना

उपर्युक्त युग्मों में से कौन सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 1, 3 और 4

(c) केवल 2, 3 और 4

(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (a)

व्याख्या: ‘5 E’ मॉडल में इंजीनियरिंग सुरक्षित सड़कों और वाहनों के डिज़ाइन से संबंधित है (युग्म 1 सही)। प्रवर्तन यातायात कानूनों के अनुपालन से संबंधित है (युग्म 2 सही)। शिक्षा सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता और सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देने से संबंधित है, न कि आपातकालीन चिकित्सा सहायता से (युग्म 3 गलत)। आपातकालीन प्रतिक्रिया दुर्घटना के बाद घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने से संबंधित है, न कि जागरूकता से (युग्म 4 गलत)।

3. भारत के मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के प्रमुख प्रावधानों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. यह यातायात उल्लंघन के लिए भारी जुर्माना लगाता है।
  2. यह राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद की स्थापना का प्रावधान करता है।
  3. यह दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार का प्रावधान करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 1 और 2

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

व्याख्या: मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 यातायात उल्लंघन के लिए भारी जुर्माना और दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार का प्रावधान करता है (कथन 1 और 3 सही)। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (NRSC) पहले से ही मौजूद है और यह अधिनियम इसकी स्थापना का प्रावधान नहीं करता है, बल्कि यह अधिनियम केंद्रीय सड़क सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान करता है (कथन 2 गलत)।

4. सड़क दुर्घटनाओं के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

  1. ये केवल तात्कालिक चोटों और मौतों तक सीमित होते हैं।
  2. इनसे स्वास्थ्य सेवा लागत और उत्पादकता के नुकसान के रूप में आर्थिक बोझ पड़ता है।
  3. ये पीड़ितों और उनके परिवारों में मनोवैज्ञानिक आघात का कारण बन सकते हैं।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:

(a) केवल 1

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या: सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव केवल तात्कालिक चोटों और मौतों तक सीमित नहीं होते, बल्कि इनका समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा और दूरगामी प्रभाव पड़ता है (कथन 1 गलत)। इनसे स्वास्थ्य सेवा लागत, उत्पादकता के नुकसान और संपत्ति के नुकसान के रूप में भारी आर्थिक बोझ पड़ता है (कथन 2 सही)। ये पीड़ितों और उनके परिवारों में गंभीर मनोवैज्ञानिक आघात (जैसे PTSD) का कारण बन सकते हैं (कथन 3 सही)।

5. निम्नलिखित में से कौन सी उन्नत चालक-सहायता प्रणालियाँ (ADAS) हैं जो सड़क सुरक्षा में मदद करती हैं?

  1. एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS)
  2. लेन डिपार्चर वार्निंग (LDW)
  3. ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB)
  4. ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS)

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:

(a) केवल 1 और 4

(b) केवल 2, 3 और 4

(c) केवल 1, 2 और 3

(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (c)

व्याख्या: ABS, LDW और AEB उन्नत चालक-सहायता प्रणालियाँ (ADAS) हैं जो वाहन सुरक्षा बढ़ाती हैं (कथन 1, 2 और 3 सही)। GPS एक नेविगेशन प्रणाली है, यह ADAS का प्रत्यक्ष हिस्सा नहीं है जो दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करता हो, बल्कि यह मार्ग खोजने में मदद करता है (कथन 4 गलत)।

6. ‘विजन ज़ीरो’ (Vision Zero) अवधारणा का संबंध निम्नलिखित में से किससे है?

(a) कार्बन उत्सर्जन को शून्य करना

(b) सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और गंभीर चोटों को समाप्त करना

(c) गरीबी उन्मूलन को शून्य करना

(d) शून्य अपशिष्ट उत्पादन

उत्तर: (b)

व्याख्या: ‘विजन ज़ीरो’ एक बहु-राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परियोजना है जिसका उद्देश्य सड़क यातायात प्रणाली के भीतर किसी भी मौत या गंभीर चोट को समाप्त करना है। इसकी शुरुआत स्वीडन में हुई थी।

7. ईरान में सड़क दुर्घटनाओं के लिए निम्नलिखित में से कौन से कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसा कि लेख में उल्लेख किया गया है?

  1. पुराने वाहन बेड़े
  2. चालक का लापरवाह व्यवहार
  3. खराब सड़क अवसंरचना
  4. आपातकालीन सेवाओं की पर्याप्त उपलब्धता

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:

(a) केवल 1 और 4

(b) केवल 1, 2 और 3

(c) केवल 2, 3 और 4

(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)

व्याख्या: लेख में उल्लेख किया गया है कि पुराने वाहन बेड़े, चालक का लापरवाह व्यवहार और खराब सड़क अवसंरचना ईरान में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं (कथन 1, 2 और 3 सही)। लेख में आपातकालीन सेवाओं की कमी या दूरदराज के क्षेत्रों में सीमित पहुंच का उल्लेख किया गया है, न कि पर्याप्त उपलब्धता का (कथन 4 गलत)।

8. सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में ‘गोल्डन आवर’ (Golden Hour) शब्द का क्या अर्थ है?

(a) दुर्घटना के बाद पहले 60 सेकंड जिसमें सहायता पहुंचनी चाहिए।

(b) दुर्घटना के बाद पहला एक घंटा जिसमें गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को चिकित्सा सहायता मिलने पर उसके जीवित रहने की संभावना सबसे अधिक होती है।

(c) यातायात पुलिस द्वारा दुर्घटनास्थल पर पहुंचने का आदर्श समय।

(d) वह समय जब सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

उत्तर: (b)

व्याख्या: ‘गोल्डन आवर’ दुर्घटना के बाद पहले घंटे को संदर्भित करता है, जिसके दौरान गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को उचित चिकित्सा देखभाल मिलने पर उसके जीवित रहने की संभावना सबसे अधिक होती है।

9. इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम्स (ITS) सड़क सुरक्षा में कैसे योगदान कर सकते हैं?

  1. स्मार्ट ट्रैफिक लाइट के माध्यम से यातायात प्रवाह को अनुकूलित करके।
  2. वास्तविक समय में यातायात की स्थिति की निगरानी करके।
  3. वाहन से वाहन (V2V) संचार को सक्षम करके।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:

(a) केवल 1

(b) केवल 1 और 2

(c) केवल 2 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या: ITS स्मार्ट ट्रैफिक लाइट के माध्यम से यातायात प्रवाह को अनुकूलित करके, वास्तविक समय में यातायात की स्थिति की निगरानी करके, और वाहन से वाहन (V2V) व वाहन से अवसंरचना (V2I) संचार को सक्षम करके सड़क सुरक्षा में योगदान कर सकते हैं। सभी कथन सही हैं।

10. सड़क दुर्घटनाओं से उत्पन्न होने वाले मनोवैज्ञानिक आघात में निम्नलिखित में से क्या शामिल हो सकता है?

  1. पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)
  2. चिंता
  3. अवसाद
  4. वित्तीय स्थिरता में वृद्धि

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:

(a) केवल 1 और 4

(b) केवल 1, 2 और 3

(c) केवल 2, 3 और 4

(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)

व्याख्या: दुर्घटनाओं के शिकार और उनके परिवार अक्सर PTSD, चिंता और अवसाद जैसे गंभीर मनोवैज्ञानिक आघात का सामना करते हैं (कथन 1, 2 और 3 सही)। वित्तीय स्थिरता में वृद्धि नहीं होती, बल्कि अक्सर आर्थिक बोझ बढ़ता है (कथन 4 गलत)।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. “सड़क दुर्घटनाएँ केवल आकस्मिक घटनाएँ नहीं हैं, बल्कि वे एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट हैं।” इस कथन के आलोक में, भारत में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों का विश्लेषण करें और इस संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा करें।

2. सड़क सुरक्षा के ‘5 E’ मॉडल की व्याख्या करें और चर्चा करें कि ईरान जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ सड़क दुर्घटनाओं की उच्च दर को कम करने के लिए इस मॉडल को कैसे प्रभावी ढंग से लागू कर सकती हैं।

3. प्रौद्योगिकी सड़क सुरक्षा में कैसे क्रांति ला सकती है? उन्नत चालक-सहायता प्रणालियों (ADAS) और बुद्धिमान परिवहन प्रणालियों (ITS) की भूमिका का वर्णन करें, साथ ही इसके कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डालें।

4. सड़क दुर्घटनाओं के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का मूल्यांकन करें। इन त्रासदियों से उत्पन्न होने वाले मानवीय और आर्थिक बोझ को कम करने में न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने की क्या भूमिका है?

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