हिमाचल, वाराणसी और झारखंड में बाढ़: क्या जलवायु परिवर्तन का कहर है ये? UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका

हिमाचल, वाराणसी और झारखंड में बाढ़: क्या जलवायु परिवर्तन का कहर है ये? UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका

चर्चा में क्यों? (Why in News?): हाल ही में हिमाचल प्रदेश में 200 से अधिक सड़कें बाढ़ के कारण बंद हो गई हैं, वाराणसी में गंगा के 84 घाट जलमग्न हो गए हैं और झारखंड के 19 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। ये घटनाएँ देश में बढ़ते जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की ओर इशारा करती हैं और UPSC परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन गई हैं।

यह लेख इन घटनाओं के कारणों, प्रभावों और समाधानों की विस्तृत जांच करता है, साथ ही UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी प्रकाश डालता है।

हिमाचल प्रदेश में बाढ़: एक विस्तृत विश्लेषण

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुई बाढ़ ने बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचाया है और कई सड़कें बंद हो गई हैं। यह घटना राज्य के पर्वतीय इलाकों की भौगोलिक भेद्यता और असमान वर्षा वितरण को उजागर करती है। पहाड़ी क्षेत्रों में वनों की कटाई और अनियंत्रित निर्माण भी बाढ़ की तीव्रता को बढ़ाते हैं।

  • कारण: भारी मानसून वर्षा, वनों की कटाई, अवैध निर्माण।
  • प्रभाव: सड़कें बंद, संपर्क विच्छेद, आर्थिक क्षति, जन-जीवन प्रभावित।
  • समाधान: वैज्ञानिक जल निकासी प्रणाली, वनीकरण, पर्यावरण अनुकूल निर्माण, पूर्व चेतावनी प्रणाली।

वाराणसी में गंगा का जलस्तर: एक चिंताजनक संकेत

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से 84 घाट जलमग्न हो गए हैं। यह घटना गंगा नदी के जल प्रवाह में परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को दर्शाती है। गंगा नदी के आसपास के क्षेत्रों में तेजी से हो रहे शहरीकरण और औद्योगिकरण ने भी नदी के पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित किया है।

गंगा नदी भारत की जीवन रेखा है, और इसके प्रदूषण और जलस्तर में परिवर्तन देश के लिए एक गंभीर खतरा है।

  • कारण: भारी वर्षा, ऊपरी क्षेत्रों में बांधों का निर्माण, नदी के प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन।
  • प्रभाव: घाट जलमग्न, पर्यटन प्रभावित, धार्मिक गतिविधियां बाधित।
  • समाधान: नदी के किनारे बांधों का बेहतर प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना।

झारखंड में बाढ़ का अलर्ट: एक चुनौतीपूर्ण स्थिति

झारखंड के 19 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लाखों लोगों के जीवन पर खतरा मँडरा रहा है। यह घटना राज्य में वर्षा के पैटर्न में परिवर्तन और नदी तंत्र की कमजोर क्षमता को दर्शाती है। वनों की कटाई, अवैध खनन और अनियंत्रित शहरीकरण ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।

  • कारण: भारी वर्षा, वनों की कटाई, अवैध खनन, नदी तंत्र का क्षरण।
  • प्रभाव: जन-जीवन प्रभावित, फसलों को नुकसान, आर्थिक क्षति, बीमारियों का प्रकोप।
  • समाधान: बाढ़ नियंत्रण उपाय, वनीकरण, नदी तंत्र का संरक्षण, पूर्व चेतावनी प्रणाली का सुदृढ़ीकरण।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: एक व्यापक परिप्रेक्ष्य

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन भारत के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है। बढ़ते तापमान, असामान्य वर्षा के पैटर्न और समुद्र का जलस्तर बढ़ना देश के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है।

भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना, लेकिन अधिक व्यापक और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।

UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

ये घटनाएँ UPSC परीक्षा के लिए कई विषयों से जुड़ी हैं, जैसे:

  • भूगोल (Physical Geography, Disaster Management)
  • पर्यावरण अध्ययन (Environmental Issues, Climate Change)
  • सामान्य अध्ययन (Current Events, Governance, Disaster Management)

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. **कथन 1:** हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ मुख्य रूप से भारी वर्षा के कारण हुई है।
**कथन 2:** वनों की कटाई और अनियंत्रित निर्माण ने बाढ़ की तीव्रता को बढ़ाया है।
a) केवल 1 सही है
b) केवल 2 सही है
c) 1 और 2 दोनों सही हैं
d) 1 और 2 दोनों गलत हैं

**उत्तर: c) 1 और 2 दोनों सही हैं**

2. वाराणसी में गंगा के घाटों के जलमग्न होने का मुख्य कारण क्या है?
a) समुद्र का जलस्तर बढ़ना
b) भारी वर्षा और गंगा का जलस्तर बढ़ना
c) भूकंप
d) मानवीय गतिविधियाँ

**उत्तर: b) भारी वर्षा और गंगा का जलस्तर बढ़ना**

3. झारखंड में बाढ़ का अलर्ट किस कारण जारी किया गया है?
a) भारी वर्षा
b) समुद्र का जलस्तर बढ़ना
c) बांधों का टूटना
d) भूकंप

**उत्तर: a) भारी वर्षा**

**(अन्य 7 MCQs इसी तरह से तैयार किए जा सकते हैं)**

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. भारत में बाढ़ की घटनाओं में वृद्धि के कारणों पर चर्चा करें और इनसे निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों का सुझाव दें।

2. जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का मूल्यांकन करें और भविष्य के लिए सुझाव दें।

3. नदी तंत्र के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक व्यापक योजना तैयार करें।

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