प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण सामान्य विज्ञान प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए सामान्य विज्ञान पर मजबूत पकड़ अत्यंत आवश्यक है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के मौलिक सिद्धांतों की गहरी समझ उम्मीदवारों को मेरिट सूची में शीर्ष स्थान पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस खंड में, हमने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे SSC, Railways, State PSCs आदि के लिए 25 उच्च-गुणवत्ता वाले बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) संकलित किए हैं। प्रत्येक प्रश्न को केवल एक उत्तर नहीं बल्कि एक विस्तृत वैज्ञानिक स्पष्टीकरण के साथ प्रस्तुत किया गया है, ताकि आप अवधारणाओं को गहराई से समझ सकें और अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकें। आइए, अपने वैज्ञानिक ज्ञान को परखें और मजबूत करें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरे की चमक का मुख्य कारण क्या है?
- (a) उच्च अपवर्तनांक
- (b) प्रकाश का प्रकीर्णन
- (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
- (d) प्रकाश का अवशोषण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection – TIR) एक प्रकाशीय घटना है जहाँ प्रकाश की किरण दो माध्यमों की सीमा पर पूर्ण रूप से परावर्तित हो जाती है, बशर्ते वह सघन माध्यम से विरल माध्यम में जा रही हो और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो। हीरे का उच्च अपवर्तनांक इसके क्रांतिक कोण को बहुत कम (लगभग 24.4 डिग्री) कर देता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण चमक का प्राथमिक कारण पूर्ण आंतरिक परावर्तन है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो उसके उच्च अपवर्तनांक के कारण वह कई बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है, जिससे प्रकाश बाहर निकलने से पहले कई बार हीरे के भीतर ही उछलता है। यह गुण, हीरे के विशिष्ट कटिंग और पॉलिशिंग के साथ मिलकर, अधिकतम प्रकाश को बनाए रखता है और उसे बाहर निकलने से पहले कई बार परावर्तित करता है, जिससे वह चमकता हुआ दिखाई देता है। यद्यपि उच्च अपवर्तनांक (a) और प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (जो ‘आग’ या रंगों का बिखराव पैदा करता है) भी महत्वपूर्ण हैं, चमक का मुख्य कारण बार-बार होने वाला पूर्ण आंतरिक परावर्तन है। प्रकीर्णन (b) नीले आकाश या बादलों जैसे प्रभावों से संबंधित है, और अवशोषण (d) चमक को कम करेगा।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मोह्स कठोरता पैमाने पर हीरे की कठोरता क्या है?
- (a) 7
- (b) 8
- (c) 9
- (d) 10
उत्तर: (d)
हल (Solution):
मोह्स कठोरता पैमाना खनिजों की खरोंच प्रतिरोध को मापने का एक गुणात्मक पैमाना है। इस पैमाने पर, हीरा (Diamond) को सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक खनिज माना जाता है और इसे उच्चतम मूल्य 10 दिया गया है। इसका अर्थ है कि हीरा किसी भी अन्य प्राकृतिक खनिज को खरोंच सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा तत्व हीरे का मुख्य घटक है?
- (a) सिलिकॉन
- (b) कार्बन
- (c) ऑक्सीजन
- (d) लोहा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
हीरा कार्बन (Carbon) का एक अपररूप (allotrope) है। अपररूप किसी तत्व के विभिन्न संरचनात्मक रूप होते हैं जिनमें परमाणु अलग-अलग तरीकों से व्यवस्थित होते हैं। कार्बन के अन्य प्रसिद्ध अपररूपों में ग्रेफाइट और फुलरीन शामिल हैं। हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) द्वारा चतुष्फलकीय (tetrahedral) रूप से जुड़ा होता है, जिससे एक बहुत मजबूत और कठोर 3D नेटवर्क संरचना बनती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे में कार्बन परमाणु एक-दूसरे से किस प्रकार के रासायनिक बंधन से जुड़े होते हैं?
- (a) आयनिक बंधन
- (b) धात्विक बंधन
- (c) सहसंयोजक बंधन
- (d) हाइड्रोजन बंधन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ दृढ़ता से सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) से जुड़ा होता है। सहसंयोजक बंधन तब बनते हैं जब परमाणु अपने बाहरी इलेक्ट्रॉन साझा करते हैं। हीरे में यह त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क संरचना इसकी असाधारण कठोरता, उच्च गलनांक और विद्युत कुचालकता के लिए जिम्मेदार है। आयनिक बंधन आमतौर पर धातुओं और अधातुओं के बीच होते हैं, धात्विक बंधन धातुओं में होते हैं, और हाइड्रोजन बंधन ध्रुवीय अणुओं के बीच होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में हरे पौधे किस गैसीय कार्बन यौगिक का उपयोग करते हैं?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड
- (c) मीथेन
- (d) इथेन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे, शैवाल और कुछ बैक्टीरिया सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) को ग्लूकोज (एक प्रकार की चीनी) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल से पत्तियों के स्टोमेटा के माध्यम से अवशोषित की जाती है और कार्बोहाइड्रेट के निर्माण के लिए कार्बन के स्रोत के रूप में कार्य करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा प्राकृतिक पदार्थ अपनी असाधारण उच्च तापीय चालकता (thermal conductivity) के लिए जाना जाता है?
- (a) तांबा
- (b) चांदी
- (c) एल्यूमीनियम
- (d) हीरा
उत्तर: (d)
हल (Solution):
हीरा न केवल सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है, बल्कि इसकी तापीय चालकता भी किसी भी अन्य ज्ञात सामग्री की तुलना में असाधारण रूप से उच्च होती है (लगभग 900-2320 W/(m·K), जो तांबे से भी कई गुना अधिक है)। यह गुण इसकी क्रिस्टल जाली में परमाणुओं की कुशल कंपन गति (lattice vibrations) के कारण होता है। इस उच्च तापीय चालकता के कारण, हीरे का उपयोग अक्सर गर्मी को नष्ट करने वाले अनुप्रयोगों (जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स में हीट सिंक) में किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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विद्युत चालकता के संदर्भ में, हीरा आमतौर पर क्या होता है?
- (a) सुचालक
- (b) अर्धचालक
- (c) कुचालक
- (d) अतिचालक
उत्तर: (c)
हल (Solution):
हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक (Insulator) होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने सभी चार बाहरी इलेक्ट्रॉनों को सहसंयोजक बंध बनाने में उपयोग करता है, जिससे कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन विद्युत चालन के लिए उपलब्ध नहीं होता है। ग्रेफाइट, जो कार्बन का एक और अपररूप है, विद्युत का सुचालक होता है क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु किस प्रकार के संकरण (hybridization) में होता है?
- (a) sp
- (b) sp2
- (c) sp3
- (d) sp3d
उत्तर: (c)
हल (Solution):
हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार एकल सहसंयोजक बंध बनाता है, जो उसे चार पड़ोसी कार्बन परमाणुओं से जोड़ते हैं। यह चतुष्फलकीय ज्यामिति (tetrahedral geometry) sp3 संकरण (hybridization) का परिणाम है। sp3 संकरण में, एक s-कक्षक और तीन p-कक्षक मिलकर चार समान sp3 संकर कक्षक बनाते हैं, जो एक-दूसरे से 109.5° के कोण पर व्यवस्थित होते हैं। यह व्यवस्था हीरे की कठोर और स्थिर संरचना में योगदान करती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीवन के लिए आवश्यक प्रमुख वृहद-अणु (macromolecules) जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड और न्यूक्लिक एसिड में कौन सा तत्व मुख्य रूप से मौजूद होता है?
- (a) सल्फर
- (b) नाइट्रोजन
- (c) कार्बन
- (d) फास्फोरस
उत्तर: (c)
हल (Solution):
कार्बन को ‘जीवन का आधार’ माना जाता है क्योंकि यह सभी प्रमुख जैविक वृहद-अणुओं (प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड और न्यूक्लिक एसिड) का मुख्य घटक है। कार्बन परमाणु की अनूठी क्षमता (टेट्रावैलेंसी) लंबी श्रृंखलाएं, शाखाएं और वलय बनाने की अनुमति देती है, जिससे विभिन्न प्रकार के जटिल और स्थिर कार्बनिक यौगिक बन सकते हैं। यह बहुमुखी प्रतिभा पृथ्वी पर जीवन की विविधता और जटिलता के लिए आवश्यक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन डेटिंग विधि का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाता है?
- (a) चट्टानों की आयु निर्धारित करने के लिए
- (b) प्राचीन जीवाश्मों और कलाकृतियों की आयु निर्धारित करने के लिए
- (c) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की शक्ति को मापने के लिए
- (d) वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को मापने के लिए
उत्तर: (b)
हल (Solution):
कार्बन डेटिंग, जिसे रेडियोकार्बन डेटिंग भी कहा जाता है, एक रेडियोमेट्रिक डेटिंग विधि है जिसका उपयोग कार्बनिक पदार्थों की आयु निर्धारित करने के लिए किया जाता है। यह वायुमंडल में कार्बन-14 (C-14) के स्थिर आइसोटोप, कार्बन-12 (C-12) के अनुपात पर आधारित है। जीवित जीव अपने पूरे जीवनकाल में C-14 का आदान-प्रदान करते हैं, लेकिन मरने के बाद, C-14 का क्षय एक ज्ञात दर (अर्ध-जीवन) पर होता है। C-14 और C-12 के अनुपात को मापकर, वैज्ञानिक 50,000 वर्ष तक की पुरानी जैविक सामग्री (जैसे जीवाश्म, लकड़ी, कपड़ा) की आयु का अनुमान लगा सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कोशिकीय श्वसन की प्रक्रिया में, ऊर्जा मुक्त करने के लिए ग्लूकोज जैसे कार्बनिक यौगिकों के टूटने पर कौन सी गैस एक उप-उत्पाद के रूप में निकलती है?
- (a) ऑक्सीजन
- (b) नाइट्रोजन
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड
- (d) हाइड्रोजन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
कोशिकीय श्वसन (Cellular Respiration) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोशिकाएं भोजन (आमतौर पर ग्लूकोज) को ऊर्जा में बदलती हैं, जिसका उपयोग वे अपनी चयापचय गतिविधियों को चलाने के लिए करती हैं। इस प्रक्रिया में, ग्लूकोज ऑक्सीजन की उपस्थिति में टूटता है, जिससे एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के रूप में ऊर्जा, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उप-उत्पाद के रूप में उत्पन्न होते हैं। यह कार्बन डाइऑक्साइड बाद में सांस लेने की प्रक्रिया के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल दी जाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से किस विधि का उपयोग प्रयोगशाला में सिंथेटिक हीरे बनाने के लिए किया जाता है?
- (a) फ्रैकशनल डिस्टिलेशन (Fractional Distillation)
- (b) उच्च दबाव और उच्च तापमान (HPHT)
- (c) इलेक्ट्रोप्लेटिंग (Electroplating)
- (d) क्रोमैटोग्राफी (Chromatography)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिंथेटिक हीरे बनाने के लिए दो मुख्य विधियाँ हैं: उच्च दबाव और उच्च तापमान (High-Pressure/High-Temperature – HPHT) और रासायनिक वाष्प जमाव (Chemical Vapor Deposition – CVD)। HPHT विधि में, कार्बन युक्त सामग्री को अत्यंत उच्च दबाव (5.5 GPa तक) और उच्च तापमान (1600°C तक) के अधीन किया जाता है, जो पृथ्वी की पपड़ी में हीरे के प्राकृतिक गठन की स्थितियों की नकल करता है। अन्य विकल्प रासायनिक पृथक्करण या सतह कोटिंग तकनीकें हैं, जिनका उपयोग हीरा संश्लेषण के लिए नहीं किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का अपवर्तनांक लगभग कितना होता है, जो इसकी चमक में योगदान देता है?
- (a) 1.33
- (b) 1.52
- (c) 2.05
- (d) 2.42
उत्तर: (d)
हल (Solution):
हीरे का अपवर्तनांक (Refractive Index) लगभग 2.42 होता है, जो अधिकांश अन्य पारदर्शी सामग्रियों की तुलना में काफी अधिक है। अपवर्तनांक यह मापता है कि प्रकाश एक माध्यम में कितना धीमा होता है। हीरे का उच्च अपवर्तनांक प्रकाश को अत्यधिक मोड़ता है और उसे हीरे के भीतर अधिक बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरने के लिए प्रेरित करता है, जिससे उसकी प्रसिद्ध चमक और “आग” (प्रकाश के रंगों में बिखराव) का निर्माण होता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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कार्बन की कौन सी विशेषता इसे विविध और जटिल जैविक अणुओं को बनाने में सक्षम बनाती है?
- (a) इसकी उच्च गलनांक
- (b) इसकी उत्कृष्ट विद्युत चालकता
- (c) इसकी चतुष्फलकीय संयोजकता और श्रृंखला बनाने की क्षमता
- (d) इसकी अक्रिय गैस विन्यास प्राप्त करने की प्रवृत्ति
उत्तर: (c)
हल (Solution):
कार्बन की अद्वितीय जैविक भूमिका इसकी चतुष्फलकीय संयोजकता (tetravalency) और कैटिनेशन (catenation) की क्षमता में निहित है। चतुष्फलकीय संयोजकता का अर्थ है कि एक कार्बन परमाणु चार अन्य परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बना सकता है। कैटिनेशन का अर्थ है कि कार्बन परमाणु आपस में जुड़कर लंबी और स्थिर श्रृंखलाएं, शाखित संरचनाएं और वलय (rings) बना सकते हैं। ये दोनों गुण कार्बन को असंख्य और विविध जटिल कार्बनिक अणुओं (जैसे प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड) के निर्माण की अनुमति देते हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (Dispersion of light) हीरे के किस गुण को प्रदर्शित करता है, जिसे अक्सर “आग” (fire) कहा जाता है?
- (a) परावर्तन
- (b) व्यतिकरण
- (c) वर्ण-विक्षेपण
- (d) ध्रुवीकरण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
हीरे की “आग” (fire) प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण (Dispersion of light) के कारण होती है। वर्ण-विक्षेपण वह घटना है जहाँ सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों (इंद्रधनुष के रंग) में विभाजित हो जाता है क्योंकि सामग्री का अपवर्तनांक विभिन्न तरंग दैर्ध्य (यानी, विभिन्न रंगों) के लिए थोड़ा भिन्न होता है। हीरे का उच्च वर्ण-विक्षेपण मूल्य इसे एक प्रिज्म की तरह कार्य करने की अनुमति देता है, जो अंदर प्रवेश करने वाले सफेद प्रकाश को तोड़ता है और उसे एक इंद्रधनुषी चमक के रूप में बाहर निकालता है, जिसे आमतौर पर हीरे की “आग” कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कार्बन का अपररूप (allotrope) नहीं है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) हीरा
- (c) फुलरीन
- (d) सिलिका
उत्तर: (d)
हल (Solution):
अपररूप (allotropes) एक ही तत्व के विभिन्न संरचनात्मक रूप होते हैं जिनमें परमाणु अलग-अलग तरीकों से व्यवस्थित होते हैं। कार्बन के प्रसिद्ध अपररूपों में ग्रेफाइट, हीरा और फुलरीन (जैसे बकमिनस्टरफुलरीन या Buckyballs) शामिल हैं। सिलिका (Silicon dioxide, SiO2) सिलिकॉन और ऑक्सीजन से बना एक यौगिक है, यह कार्बन का अपररूप नहीं है। यह रेत और क्वार्ट्ज का मुख्य घटक है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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पर्यावरण में कार्बन का एक महत्वपूर्ण स्रोत कौन सा है, जो प्रकाश संश्लेषण के दौरान पौधों द्वारा अवशोषित किया जाता है?
- (a) मीथेन
- (b) वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड
- (c) कोयला
- (d) पेट्रोलियम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
पर्यावरण में कार्बन का सबसे महत्वपूर्ण और गतिशील स्रोत वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में, हरे पौधे और अन्य प्रकाश संश्लेषक जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके इस गैसीय कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और इसे ग्लूकोज जैसे कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया कार्बन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वायुमंडल से कार्बन को हटाकर जैविक पदार्थों में एकीकृत करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ग्रेफाइट के विपरीत, हीरा क्यों विद्युत का कुचालक होता है?
- (a) इसमें मुक्त प्रोटॉन की अनुपस्थिति के कारण
- (b) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण
- (c) इसमें अत्यधिक उच्च गलनांक के कारण
- (d) इसमें मजबूत आयनिक बंधों के कारण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
विद्युत चालकता मुख्य रूप से सामग्री में मुक्त या गतिशील आवेश वाहकों (जैसे इलेक्ट्रॉन) की उपस्थिति पर निर्भर करती है। ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है, जिससे एक इलेक्ट्रॉन अप्रबंधित (“मुक्त”) रहता है जो पूरे नेटवर्क में घूम सकता है, जिससे ग्रेफाइट विद्युत का अच्छा सुचालक बनता है। इसके विपरीत, हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने सभी चार बाहरी इलेक्ट्रॉनों का उपयोग चार मजबूत सहसंयोजक बंध बनाने में करता है, जिससे कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन विद्युत चालन के लिए उपलब्ध नहीं होता है। यही कारण है कि हीरा विद्युत का कुचालक होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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नैनो-हीरे (nanodiamonds) का उपयोग किस उभरते हुए क्षेत्र में संभावित रूप से किया जा रहा है, खासकर दवा वितरण और जैव-इमेजिंग के लिए?
- (a) एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
- (b) कृषि विज्ञान
- (c) बायोमेडिकल अनुप्रयोग
- (d) मौसम विज्ञान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
नैनो-हीरे (nanodiamonds) हीरे के नैनोस्केल कण (कुछ नैनोमीटर व्यास) होते हैं। उनके अद्वितीय गुणों जैसे जैव-संगतता (biocompatibility), रासायनिक जड़ता (chemical inertness) और सतह संशोधन की क्षमता के कारण, वे बायोमेडिकल अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण क्षमता दिखाते हैं। विशेष रूप से, उनका उपयोग दवा वितरण प्रणाली (ड्रग डिलीवरी), जैव-इमेजिंग (बायो-इमेजिंग), और यहां तक कि कैंसर के उपचार में भी शोध किया जा रहा है, क्योंकि वे कोशिकाओं में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं और विशिष्ट स्थानों पर दवाओं को लक्षित कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरा किस क्रिस्टल प्रणाली में क्रिस्टलीकृत होता है?
- (a) हेक्सागोनल
- (b) टेट्रागोनल
- (c) क्यूबिक (घनाकार)
- (d) मोनोक्लिनिक
उत्तर: (c)
हल (Solution):
हीरा एक क्यूबिक (घनाकार) क्रिस्टल प्रणाली में क्रिस्टलीकृत होता है। इसकी क्रिस्टल संरचना को ‘डायमंड क्यूबिक’ संरचना के रूप में जाना जाता है, जिसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु एक चतुष्फलकीय विन्यास में चार अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है। यह संरचना उच्च समरूपता और कठोरता प्रदान करती है, जो हीरे के भौतिक गुणों में योगदान करती है। ग्रेफाइट, इसके विपरीत, हेक्सागोनल प्रणाली में क्रिस्टलीकृत होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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उच्च तापमान पर ऑक्सीजन की उपस्थिति में हीरा जलने पर क्या उत्पन्न करता है?
- (a) मीथेन
- (b) कार्बन मोनोऑक्साइड
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड
- (d) सल्फर डाइऑक्साइड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
हीरा शुद्ध कार्बन का अपररूप है। जब कार्बन ऑक्सीजन की उपस्थिति में उच्च तापमान पर जलता है (अर्थात दहन होता है), तो यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस उत्पन्न करता है। यह एक रासायनिक अभिक्रिया है जहाँ कार्बन (C) ऑक्सीजन (O2) के साथ अभिक्रिया करके CO2 बनाता है। यही कारण है कि उच्च तापमान पर हीरे को जलाने से वह पूरी तरह से वाष्पीकृत होकर अदृश्य हो जाता है, कोई राख नहीं छोड़ता।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन मुख्य रूप से किस तत्व के यौगिकों से बने होते हैं?
- (a) नाइट्रोजन
- (b) फास्फोरस
- (c) कार्बन
- (d) सल्फर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) लाखों वर्षों में मृत पौधों और जानवरों के अवशेषों से बनते हैं, जो पृथ्वी की सतह के नीचे अत्यधिक गर्मी और दबाव के अधीन होते हैं। ये ईंधन मुख्य रूप से हाइड्रोकार्बन (हाइड्रोजन और कार्बन के यौगिक) से बने होते हैं। कोयला लगभग शुद्ध कार्बन होता है, जबकि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विभिन्न हाइड्रोकार्बन के मिश्रण होते हैं। इसलिए, कार्बन इन सभी जीवाश्म ईंधनों का एक अनिवार्य घटक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को काटने या तराशने के लिए आमतौर पर किस उपकरण या तकनीक का उपयोग किया जाता है?
- (a) साधारण स्टील ब्लेड
- (b) सिरेमिक कटिंग टूल
- (c) हीरे के धूल से लेपित ब्लेड या लेजर
- (d) कांच काटने वाला उपकरण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
हीरा पृथ्वी पर सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थ है (मोह्स स्केल पर 10)। इस असाधारण कठोरता के कारण, हीरे को काटने या तराशने के लिए केवल दूसरे हीरे या हीरे की धूल का उपयोग किया जा सकता है। आधुनिक तकनीकों में, हीरे के कणों से लेपित आरी के ब्लेड या लेजर का उपयोग हीरे को सटीक रूप से काटने और आकार देने के लिए किया जाता है। स्टील, सिरेमिक या कांच काटने वाले उपकरण हीरे को नहीं काट सकते।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपनी संरचना के कारण, हीरा अधिकांश रसायनों के प्रति कैसा होता है?
- (a) अत्यधिक प्रतिक्रियाशील
- (b) थोड़ा प्रतिक्रियाशील
- (c) निष्क्रिय (inert)
- (d) उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
हीरा रासायनिक रूप से काफी निष्क्रिय (inert) होता है। इसकी असाधारण स्थिरता इसकी मजबूत, नियमित सहसंयोजक बंधन संरचना के कारण होती है, जिसमें सभी बाहरी इलेक्ट्रॉन पूरी तरह से बंधों में लगे होते हैं। यह संरचना रासायनिक आक्रमण के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है। यह न तो एसिड, न ही क्षार, और न ही अधिकांश अन्य रासायनिक अभिकर्मकों के साथ आसानी से प्रतिक्रिया करता है (उच्च तापमान पर ऑक्सीजन या कुछ बहुत ही आक्रामक परिस्थितियों को छोड़कर)। यही रासायनिक जड़ता इसके स्थायित्व और उपयोगिता में योगदान करती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अल्ट्रासोनिक तरंगों के लिए किस पदार्थ का उपयोग उच्च-आवृत्ति ट्रांसड्यूसर बनाने में किया जा सकता है, जो इसकी कठोरता और ध्वनिक गुणों के कारण होता है?
- (a) रबर
- (b) सोना
- (c) क्वार्ट्ज
- (d) हीरा
उत्तर: (d)
हल (Solution):
उच्च-आवृत्ति वाले अल्ट्रासोनिक ट्रांसड्यूसर के लिए, ऐसे पदार्थ की आवश्यकता होती है जो ध्वनि तरंगों को कुशलता से उत्पन्न और पता लगा सके, साथ ही अत्यधिक कठोर और टिकाऊ हो। हीरा अपने अद्वितीय भौतिक गुणों, विशेष रूप से अपनी असाधारण कठोरता, उच्च ध्वनिक वेग, और उत्कृष्ट तापीय चालकता के कारण उच्च-आवृत्ति अल्ट्रासोनिक ट्रांसड्यूसर के लिए एक आदर्श सामग्री के रूप में उभर रहा है। यह उच्च आवृत्तियों पर ऊर्जा हानि को कम करने में मदद करता है और संवेदनशीलता बढ़ाता है। जबकि क्वार्ट्ज (c) भी पीजोइलेक्ट्रिक प्रभाव के लिए उपयोग किया जाता है, हीरे की क्षमता उच्च आवृत्ति अनुप्रयोगों में अधिक है।
अतः, सही उत्तर (d) है।