सूर्य मिशन, धूमकेतु और सामान्य विज्ञान: आपकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए निरंतर अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से सामान्य विज्ञान, जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे विषय शामिल हैं, अक्सर मेरिट तय करने में निर्णायक भूमिका निभाता है। यह अभ्यास श्रृंखला आपको उन महत्वपूर्ण अवधारणाओं से परिचित कराने के लिए डिज़ाइन की गई है जो अक्सर परीक्षाओं में पूछी जाती हैं, और यह आपको सूर्य मिशन से जुड़े नवीनतम वैज्ञानिक तथ्यों के साथ-साथ उन मौलिक सिद्धांतों को भी समझने में मदद करेगी।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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सौर मिशन (Solar Mission) किस प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न करता है?
- (a) नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion)
- (b) नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission)
- (c) रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy)
- (d) भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूर्य की ऊर्जा का मुख्य स्रोत नाभिकीय संलयन है, जहाँ हाइड्रोजन के नाभिक मिलकर हीलियम के नाभिक बनाते हैं और भारी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है।
व्याख्या (Explanation): सूर्य के कोर में अत्यधिक तापमान और दबाव के कारण, हाइड्रोजन परमाणु आपस में मिलकर हीलियम बनाते हैं। इस प्रक्रिया में आइंस्टीन के प्रसिद्ध समीकरण E=mc² के अनुसार ऊर्जा की एक बड़ी मात्रा निकलती है। नाभिकीय विखंडन परमाणुओं के टूटने से होता है, रासायनिक ऊर्जा रासायनिक बंधों के बनने या टूटने से, और भूतापीय ऊर्जा पृथ्वी की आंतरिक गर्मी से उत्पन्न होती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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सूर्य से पृथ्वी तक ऊष्मा का संचरण मुख्य रूप से किस विधि द्वारा होता है?
- (a) चालन (Conduction)
- (b) संवहन (Convection)
- (c) विकिरण (Radiation)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूर्य से ऊर्जा विद्युत चुम्बकीय तरंगों के रूप में निकलती है, जिसे विकिरण कहते हैं। यह विधि निर्वात में भी ऊष्मा का संचरण कर सकती है।
व्याख्या (Explanation): चालन में ऊष्मा ठोस माध्यमों से कणों के कंपन द्वारा फैलती है। संवहन में ऊष्मा तरल या गैस के कणों की गति द्वारा फैलती है। पृथ्वी और सूर्य के बीच निर्वात होने के कारण, ऊष्मा केवल विकिरण विधि से ही संचरित हो सकती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर मिशन द्वारा खोजे गए धूमकेतु (Comets) मुख्य रूप से किन पदार्थों से बने होते हैं?
- (a) चट्टान और धातु (Rock and Metal)
- (b) बर्फ, धूल और चट्टानी कण (Ice, Dust, and Rocky Particles)
- (c) केवल गैसें (Only Gases)
- (d) तरल पानी (Liquid Water)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): धूमकेतु सौरमंडल के निर्माण के समय बचे हुए बर्फीले और धूल भरे अवशेष हैं।
व्याख्या (Explanation): धूमकेतुओं को “गंदे हिमखंड” (dirty snowballs) भी कहा जाता है। वे मुख्य रूप से जमे हुए पानी, मीथेन, अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों के साथ-साथ धूल और चट्टानी कणों से बने होते हैं। जब धूमकेतु सूर्य के करीब आते हैं, तो बर्फ पिघलने लगती है और गैसें उत्सर्जित होती हैं, जिससे एक चमकदार पूंछ बनती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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धूमकेतु की पूंछ सूर्य की ओर क्यों नहीं होती?
- (a) गुरुत्वाकर्षण खिंचाव (Gravitational pull)
- (b) सौर पवन और विकिरण दबाव (Solar wind and radiation pressure)
- (c) वायुमंडलीय प्रतिरोध (Atmospheric resistance)
- (d) धूमकेतु की गति (Speed of the comet)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूर्य से निकलने वाली आवेशित कणों की धारा (सौर पवन) और प्रकाश के दबाव (विकिरण दबाव) धूमकेतु के पदार्थ को सूर्य से दूर धकेलते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब धूमकेतु सूर्य के पास आता है, तो सूर्य की तीव्र गर्मी और विकिरण धूल और गैसों को वाष्पीकृत करती है। सौर पवन (charged particles) और सूर्य के प्रकाश का दबाव (radiation pressure) इन वाष्पीकृत कणों को सूर्य से दूर, धूमकेतु की कक्षा के विपरीत दिशा में धकेलता है, जिससे पूंछ बनती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर मिशन के दौरान, यदि कोई यान किसी तीव्र गुरुत्वाकर्षण वाले पिंड के पास से गुजरता है, तो उसकी गति में वृद्धि को क्या कहते हैं?
- (a) गुरुत्वाकर्षण सहायता (Gravitational Assist)
- (b) डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect)
- (c) जड़त्वीय त्वरण (Inertial Acceleration)
- (d) गुरुत्वाकर्षण तरंग (Gravitational Wave)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गुरुत्वाकर्षण सहायता (जिसे स्लिंगशॉट प्रभाव भी कहते हैं) एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग अंतरिक्ष यानों को गति देने या धीमा करने के लिए ग्रहों या अन्य बड़े खगोलीय पिंडों के गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): जब कोई अंतरिक्ष यान किसी ग्रह के पास से गुजरता है, तो वह ग्रह के गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होता है। यदि यान सही कोण पर आता है, तो वह ग्रह की कक्षीय गति से ऊर्जा प्राप्त कर सकता है, जिससे उसकी अपनी गति बढ़ जाती है। यह मिशनों के लिए ईंधन बचाने का एक प्रभावी तरीका है। डॉपलर प्रभाव ध्वनि या प्रकाश की आवृत्ति में परिवर्तन से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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सौर मिशन से संबंधित “डिसैस्टर” (Disaster) का संदर्भ इनमें से किससे हो सकता है?
- (a) सूर्य से अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन
- (b) यान का सूर्य के अत्यधिक करीब आ जाना
- (c) सौर तूफानों (Solar Flares) या कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) से खतरा
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अंतरिक्ष यानों को सूर्य के वातावरण की चरम स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिससे वे विभिन्न प्रकार के खतरों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): सूर्य से निकलने वाली तीव्र ऊर्जा, अत्यधिक तापमान, और सौर तूफानों (जो आवेशित कणों के विशाल विस्फोट होते हैं) से यानों को गंभीर क्षति पहुँच सकती है। यान के डिजाइन और मिशन की योजना को इन संभावित “आपदाओं” को ध्यान में रखकर बनाया जाता है ताकि वे जीवित रह सकें और अपना कार्य पूरा कर सकें।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर मिशन किस प्रकार के रेडिएशन (Radiation) का अध्ययन करते हैं?
- (a) दृश्य प्रकाश (Visible Light)
- (b) अवरक्त किरणें (Infrared Rays)
- (c) पराबैंगनी किरणें (Ultraviolet Rays)
- (d) एक्स-रे और गामा किरणें (X-rays and Gamma Rays)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूर्य न केवल प्रकाश और गर्मी उत्सर्जित करता है, बल्कि उच्च-ऊर्जा वाले विकिरण (जैसे एक्स-रे और गामा किरणें) भी उत्सर्जित करता है, जो सौर मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय होते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर मिशन सूर्य के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते हैं, जिसमें उसके वायुमंडल से निकलने वाली उच्च-ऊर्जा विकिरणें भी शामिल हैं। ये विकिरण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल द्वारा रोके जाते हैं, लेकिन अंतरिक्ष यानों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और सूर्य की गतिविधियों को समझने में महत्वपूर्ण हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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रसायन विज्ञान में, सूर्य के कोर में होने वाली मुख्य प्रक्रिया का नाम क्या है?
- (a) आयनीकरण (Ionization)
- (b) संलयन (Fusion)
- (c) विखंडन (Fission)
- (d) ऊष्मीकरण (Thermalization)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूर्य के कोर में, अत्यधिक दबाव और तापमान के कारण हल्के नाभिक मिलकर भारी नाभिक बनाते हैं, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते हैं।
व्याख्या (Explanation): सूर्य के कोर में, प्रोटॉन-प्रोटॉन श्रृंखला (Proton-Proton Chain) के माध्यम से हाइड्रोजन के नाभिक मिलकर हीलियम के नाभिक बनाते हैं। यह संलयन अभिक्रिया सूर्य को उसकी ऊर्जा प्रदान करती है। विखंडन भारी नाभिकों के टूटने से होता है। आयनीकरण परमाणुओं से इलेक्ट्रॉनों को अलग करने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि किसी धूमकेतु की कक्षा सूर्य के बहुत करीब से गुजरती है, तो उसके वाष्पीकरण की दर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- (a) दर कम हो जाएगी
- (b) दर बढ़ जाएगी
- (c) दर अपरिवर्तित रहेगी
- (d) दर अप्रत्याशित रूप से परिवर्तित होगी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु को दी गई ऊष्मा की मात्रा तापमान के अंतर और वस्तु की दूरी पर निर्भर करती है। सूर्य के करीब आने पर तापमान बहुत बढ़ जाता है।
व्याख्या (Explanation): सूर्य के करीब आने पर, धूमकेतु को अधिक तीव्र ऊष्मा और विकिरण प्राप्त होता है। यह बढ़ी हुई ऊर्जा धूमकेतु में मौजूद बर्फ और अन्य वाष्पशील पदार्थों को तेजी से पिघलाती और वाष्पीकृत करती है, जिससे उसकी पूंछ अधिक चमकदार और लंबी हो जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पृथ्वी पर जीवन के लिए सूर्य की कौन सी किरणें सबसे अधिक हानिकारक मानी जाती हैं?
- (a) दृश्य प्रकाश (Visible Light)
- (b) अवरक्त किरणें (Infrared Rays)
- (c) पराबैंगनी-बी (UV-B) और पराबैंगनी-सी (UV-C) किरणें
- (d) रेडियो तरंगें (Radio Waves)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पराबैंगनी (UV) विकिरण, विशेष रूप से UV-B और UV-C, डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं और त्वचा कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): पृथ्वी का ओजोन परत UV-B और UV-C विकिरण के अधिकांश हिस्से को अवशोषित कर लेता है, जिससे वे सतह तक नहीं पहुँच पाते। हालाँकि, UV-A विकिरण (जो कम हानिकारक है) और कुछ मात्रा में UV-B सतह तक पहुँचते हैं। अत्यधिक पराबैंगनी विकिरण त्वचा को नुकसान पहुंचाता है, मोतियाबिंद का कारण बन सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब कोई सौर यान सूर्य के कोर के बहुत करीब जाने की कोशिश करता है, तो उसे किस प्रकार की धातु का उपयोग गर्मी से बचाने के लिए किया जाता है?
- (a) एल्यूमीनियम (Aluminum)
- (b) टाइटेनियम (Titanium)
- (c) टैंटलम (Tantalum) या सिरेमिक कोटिंग (Ceramic Coating)
- (d) सोना (Gold)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अंतरिक्ष यानों को अत्यधिक तापमान से बचाने के लिए विशेष ताप-ढाल (heat shields) सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो उच्च गलनांक और ऊष्मा प्रतिरोध वाली होती हैं।
व्याख्या (Explanation): सूर्य के बहुत करीब जाने वाले अंतरिक्ष यानों को अत्यंत उच्च तापमान का सामना करना पड़ता है। ऐसे मिशनों के लिए, अक्सर विशेष रूप से डिज़ाइन की गई सिरेमिक कोटिंग्स या टैंटलम जैसी धातुओं का उपयोग किया जाता है, जो अत्यधिक गर्मी को झेल सकती हैं और यान के अंदरूनी हिस्सों को सुरक्षित रख सकती हैं। एल्यूमीनियम और टाइटेनियम की तुलना में ये सामग्रियाँ अधिक गर्मी प्रतिरोधी होती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) कोशिका को संरचनात्मक सहारा देना
- (b) कोशिका के अंदर और बाहर पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करना
- (c) आनुवंशिक सामग्री (DNA) को संग्रहीत करना
- (d) प्रोटीन का संश्लेषण करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली एक अर्ध-पारगम्य (semi-permeable) अवरोध है जो कोशिका के आंतरिक वातावरण को बाहरी वातावरण से अलग करता है और पदार्थों के प्रवेश और निकास को नियंत्रित करता है।
व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली का मुख्य कार्य चयनात्मक पारगम्यता (selective permeability) है, जिसका अर्थ है कि यह नियंत्रित करती है कि कौन से अणु कोशिका में प्रवेश कर सकते हैं और कौन से बाहर निकल सकते हैं। यह कोशिका को पोषक तत्व प्राप्त करने और अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने में मदद करता है। कोशिका को संरचनात्मक सहारा कोशिका भित्ति (plant cells) या साइटोस्केलेटन (cytoskeleton) से मिलता है। DNA नाभिक में संग्रहीत होता है। प्रोटीन संश्लेषण राइबोसोम द्वारा होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर मंडल में धूमकेतुओं के अलावा, और कौन से छोटे खगोलीय पिंड पाए जाते हैं?
- (a) ग्रह (Planets)
- (b) तारे (Stars)
- (c) क्षुद्रग्रह (Asteroids) और बौने ग्रह (Dwarf Planets)
- (d) नीहारिकाएँ (Nebulae)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर मंडल में सूर्य के चारों ओर विभिन्न प्रकार के खगोलीय पिंड परिक्रमा करते हैं, जिनमें ग्रह, बौने ग्रह, क्षुद्रग्रह, धूमकेतु, और अन्य छोटे पिंड शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): क्षुद्रग्रह मुख्य रूप से मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट (Asteroid Belt) में पाए जाते हैं, जबकि धूमकेतु बर्फीले पिंड होते हैं जो बाहरी सौर मंडल से आते हैं। प्लूटो जैसे बौने ग्रह भी सौर मंडल का हिस्सा हैं। ग्रह अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण गोलाकार आकार प्राप्त कर चुके होते हैं और अपनी कक्षा को साफ कर चुके होते हैं, जबकि क्षुद्रग्रह अक्सर अनियमित आकार के होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि किसी रसायन का pH मान 7 से कम है, तो वह क्या है?
- (a) क्षार (Base)
- (b) अम्ल (Acid)
- (c) उदासीन (Neutral)
- (d) लवण (Salt)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): pH पैमाना किसी विलयन की अम्लता या क्षारीयता को मापता है। 7 से कम pH मान अम्लता को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): pH पैमाना 0 से 14 तक होता है। 7 pH मान उदासीन होता है (जैसे शुद्ध पानी)। 7 से कम pH मान वाले पदार्थ अम्लीय होते हैं, और 7 से अधिक pH मान वाले पदार्थ क्षारीय (या भास्मिक) होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान में, प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया पौधों में किस अंगक (organelle) में होती है?
- (a) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
- (b) नाभिक (Nucleus)
- (c) रिक्तिका (Vacuole)
- (d) हरितलवक (Chloroplast)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे सूर्य के प्रकाश, जल और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके अपना भोजन (ग्लूकोज) बनाते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। यह प्रक्रिया हरितलवकों में होती है।
व्याख्या (Explanation): हरितलवक (chloroplasts) में क्लोरोफिल नामक एक हरा वर्णक होता है जो सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है। इसी प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और जल को शर्करा (glucose) में बदला जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया श्वसन के लिए जिम्मेदार होते हैं, नाभिक आनुवंशिक सामग्री रखता है, और रिक्तिकाएं पानी और अन्य पदार्थों को संग्रहित करती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सूर्य की सतह का तापमान लगभग कितना होता है?
- (a) 1000°C
- (b) 5500°C
- (c) 15,000,000°C
- (d) 1,000,000°C
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूर्य की सतह, जिसे प्रकाशमंडल (photosphere) कहते हैं, एक निश्चित तापमान पर होती है जो इसके विकिरण को निर्धारित करता है।
व्याख्या (Explanation): सूर्य की प्रकाशमंडल का औसत तापमान लगभग 5500 डिग्री सेल्सियस (या 9932 डिग्री फारेनहाइट) होता है। सूर्य के कोर का तापमान लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस होता है, और कोरोना (सबसे बाहरी वायुमंडल) का तापमान लाखों डिग्री तक पहुँच सकता है, लेकिन सतह का तापमान कम होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर मिशन के डिजाइन में, यान के सौर पैनलों (Solar Panels) का मुख्य कार्य क्या होता है?
- (a) यान को ठंडा रखना
- (b) सौर विकिरण को अवशोषित करके विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करना
- (c) संचार संकेतों को भेजना
- (d) गुरुत्वाकर्षण खिंचाव को नियंत्रित करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर पैनल, जिन्हें फोटोवोल्टेइक (photovoltaic) सेल भी कहते हैं, सूर्य के प्रकाश को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सौर पैनलों में विशेष सामग्री होती है जो सूर्य के फोटॉन (प्रकाश के कण) को अवशोषित करती है और इलेक्ट्रॉनों को मुक्त करती है, जिससे विद्युत धारा प्रवाहित होती है। यह विद्युत ऊर्जा यान के संचालन, उपकरणों को चलाने और संचार प्रणालियों के लिए आवश्यक होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब धूमकेतु सूर्य के पास से गुजरता है, तो उससे उत्सर्जित होने वाली गैसें और धूल कण क्या कहलाते हैं?
- (a) नाभिक (Nucleus)
- (b) कोमा (Coma)
- (c) कोर (Core)
- (d) क्षुद्रग्रह (Asteroid)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): धूमकेतु के सूर्य के पास आने पर, उसकी बर्फीली कोर से वाष्पशील पदार्थ निकलते हैं, जिससे एक कोमा और पूंछ बनती है।
व्याख्या (Explanation): कोमा धूमकेतु के नाभिक (ठोस, बर्फीला कोर) के चारों ओर गैस और धूल का एक विशाल, पारदर्शी वायुमंडल है। यह तब बनता है जब सूर्य की गर्मी नाभिक से बर्फ को वाष्पीकृत करती है। धूमकेतु की पूंछ इसी कोमा से निकलने वाले कणों और गैसों से बनती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी में, ‘ऊर्जा संरक्षण का नियम’ (Law of Conservation of Energy) क्या कहता है?
- (a) ऊर्जा को बनाया या नष्ट नहीं किया जा सकता, केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
- (b) किसी बंद निकाय में कुल ऊर्जा स्थिर रहती है।
- (c) यांत्रिक ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊर्जा संरक्षण का नियम ब्रह्मांड का एक मौलिक सिद्धांत है जो बताता है कि ऊर्जा की कुल मात्रा स्थिर रहती है।
व्याख्या (Explanation): ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, यह केवल विभिन्न रूपों (जैसे गतिज, स्थितिज, रासायनिक, ऊष्मीय) में परिवर्तित हो सकती है। किसी भी बंद प्रणाली (closed system) में, ऊर्जा का कुल योग हमेशा वही रहेगा, भले ही वह आंतरिक रूप से रूपांतरित हो। सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा, चाहे वह प्रकाश या ऊष्मा के रूप में हो, ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत का पालन करती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर मिशन के दौरान, अत्यधिक गर्मी से यान को बचाने के लिए किस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है?
- (a) विकिरण (Radiation)
- (b) चालन (Conduction)
- (c) ऊष्मीय अवरोध (Thermal Insulation) और शील्डिंग (Shielding)
- (d) संवहन (Convection)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अंतरिक्ष यानों को अत्यधिक तापमान से बचाने के लिए विशेष प्रकार के ऊष्मीय अवरोधक और परिरक्षण (shielding) तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): यान की सतह पर विशेष कोटिंग्स, इन्सुलेटिंग सामग्री और रिफ्लेक्टिव शील्ड का उपयोग किया जाता है जो सूर्य की तीव्र गर्मी को यान के अंदरूनी हिस्सों तक पहुँचने से रोकते हैं। ये यान को अत्यधिक गर्म होने से बचाते हैं, जिससे उसके उपकरण सुरक्षित रहते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘ऑक्सीकरण’ (Oxidation) का क्या अर्थ है?
- (a) इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना
- (b) इलेक्ट्रॉन खोना
- (c) प्रोटॉन प्राप्त करना
- (d) प्रोटॉन खोना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऑक्सीकरण एक रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें एक परमाणु, अणु या आयन इलेक्ट्रॉन खो देता है।
व्याख्या (Explanation): ऑक्सीकरण और अपचयन (reduction) रेडॉक्स (Redox) अभिक्रियाओं के दो भाग हैं। ऑक्सीकरण में एक प्रजाति के ऑक्सीकरण अवस्था में वृद्धि होती है, जो इलेक्ट्रॉन खोने से होता है। इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने की प्रक्रिया को अपचयन कहते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर मिशन द्वारा खोजे गए 5,000 धूमकेतु क्या संकेत देते हैं?
- (a) सौर मंडल का विकास (Evolution of the Solar System)
- (b) क्षुद्रग्रहों की प्रचुरता (Abundance of Asteroids)
- (c) सौर पवन की शक्ति (Power of Solar Winds)
- (d) ग्रहों का निर्माण (Formation of Planets)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): धूमकेतु सौर मंडल के निर्माण के समय के अवशेष माने जाते हैं, और उनका अध्ययन हमें प्रारंभिक सौर मंडल की संरचना और विकास के बारे में जानकारी देता है।
व्याख्या (Explanation): धूमकेतु, जो बर्फीले पिंड होते हैं, सौर मंडल के निर्माण के शुरुआती चरणों से बचे हुए हैं। उनकी रासायनिक संरचना और समस्थानिक (isotopes) हमें यह समझने में मदद करते हैं कि सौर मंडल कैसे बना, ग्रह कैसे विकसित हुए, और क्या जीवन के लिए आवश्यक तत्व (जैसे पानी) पृथ्वी पर धूमकेतुओं से आए थे।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीव विज्ञान में, मानव शरीर में सबसे बड़ा अंग (Organ) कौन सा है?
- (a) मस्तिष्क (Brain)
- (b) यकृत (Liver)
- (c) त्वचा (Skin)
- (d) हृदय (Heart)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अंग शरीर की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाइयाँ होती हैं। त्वचा पूरे शरीर को ढकती है और सबसे बड़ा अंग मानी जाती है।
व्याख्या (Explanation): त्वचा शरीर की सबसे बाहरी परत है और यह सुरक्षा, संवेदन, तापमान नियंत्रण और विटामिन डी के संश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण कार्य करती है। इसके क्षेत्रफल और वजन दोनों के आधार पर, इसे मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग माना जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी में, ‘न्यूटन का गति का तीसरा नियम’ (Newton’s Third Law of Motion) किससे संबंधित है?
- (a) जड़त्व (Inertia)
- (b) त्वरण (Acceleration)
- (c) क्रिया और प्रतिक्रिया (Action and Reaction)
- (d) गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): न्यूटन का गति का तीसरा नियम कहता है कि प्रत्येक क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
व्याख्या (Explanation): इसका मतलब है कि जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती है। यह सिद्धांत रॉकेट के प्रणोदन (propulsion) या किसी वस्तु को धक्का देने जैसी कई घटनाओं की व्याख्या करता है। पहला नियम जड़त्व से संबंधित है, और दूसरा नियम त्वरण को बल और द्रव्यमान से जोड़ता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर मिशन को डिज़ाइन करते समय, उपकरणों के तापमान को नियंत्रित करने के लिए किसका उपयोग किया जाता है?
- (a) केवल वायुमंडलीय शीतलन (Atmospheric Cooling)
- (b) निष्क्रिय ताप नियंत्रण प्रणाली (Passive Thermal Control Systems)
- (c) केवल सक्रिय ताप नियंत्रण प्रणाली (Active Thermal Control Systems)
- (d) उपर्युक्त (b) और (c) दोनों
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अंतरिक्ष में तापमान का प्रबंधन एक जटिल कार्य है, और इसके लिए निष्क्रिय और सक्रिय दोनों प्रकार की प्रणालियों का उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): निष्क्रिय प्रणालियों में ऐसे सामग्री का उपयोग शामिल होता है जो गर्मी को परावर्तित या अवशोषित करती है (जैसे विशेष कोटिंग्स)। सक्रिय प्रणालियों में ऐसे घटक होते हैं जो गर्मी को सक्रिय रूप से हटाते हैं या जोड़ते हैं, जैसे कि हीट पाइप, पंप और रेडिएटर। सौर मिशनों को विभिन्न तापमानों का सामना करना पड़ता है, इसलिए दोनों प्रकार की प्रणालियाँ आवश्यक होती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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