सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: आयरन एज इतिहास को फिर से लिखने वाली धातु खोज के इर्द-गिर्द प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है, जो भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों की आपकी समझ का परीक्षण करता है। स्वीडन में लौह युग के इतिहास को फिर से लिखने वाली एक रहस्यमय धातु खोज की हालिया खबर हमें इन विषयों से जुड़े ज्ञान का अभ्यास करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। यहाँ, हम 25 बहुविकल्पीय प्रश्न प्रस्तुत करते हैं जो विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं को शामिल करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि आप परीक्षा के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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धातु निष्कर्षण की वह कौन सी प्रक्रिया है जो अयस्क को उसके गलनांक से नीचे पिघलाने के लिए हवा की अनुपस्थिति में या सीमित हवा में गर्म करने पर आधारित है?
- (a) प्रगलन (Smelting)
- (b) निस्तापन (Calcination)
- (c) भर्जन (Roasting)
- (d) निक्षालन (Leaching)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): निस्तापन एक थर्मल उपचार प्रक्रिया है जिसमें अयस्क को उसके गलनांक से नीचे गर्म किया जाता है, विशेष रूप से हवा की अनुपस्थिति में या सीमित हवा में। इसका उद्देश्य अयस्क से वाष्पशील अशुद्धियों को दूर करना और धातु ऑक्साइड बनाना है, जिससे धातु निष्कर्षण आसान हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): प्रगलन में पिघलाना शामिल है, भर्जन में हवा की उपस्थिति में गर्म करना शामिल है (आमतौर पर सल्फाइड अयस्कों के लिए), और निक्षालन एक विलायक का उपयोग करके अयस्क से धातु को घोलने की प्रक्रिया है। निस्तापन ठीक इसी प्रक्रिया का वर्णन करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आयरन एज के दौरान पाए जाने वाले एक अज्ञात धातु के बारे में खबरों के संदर्भ में, लौह (Iron) का रासायनिक प्रतीक क्या है?
- (a) Au
- (b) Ag
- (c) Fe
- (d) Cu
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तत्वों को उनके रासायनिक प्रतीकों द्वारा दर्शाया जाता है, जो अक्सर उनके लैटिन नामों से लिए जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): लोहा (Iron) का रासायनिक प्रतीक ‘Fe’ है, जो इसके लैटिन नाम ‘Ferrum’ से लिया गया है। Au सोने का प्रतीक है, Ag चांदी का, और Cu तांबे का।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि नई धातु का घनत्व लोहे के घनत्व (लगभग 7.874 g/cm³) से अधिक पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि धातु में निम्नलिखित में से कौन सा गुण हो सकता है?
- (a) कम परमाणु संख्या
- (b) प्रति इकाई आयतन अधिक द्रव्यमान
- (c) कम अंतर-परमाणु बल
- (d) कम क्रिस्टल घनत्व
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): घनत्व (Density) को द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन (mass per unit volume) के रूप में परिभाषित किया गया है।
व्याख्या (Explanation): उच्च घनत्व का तात्पर्य है कि दिए गए आयतन में अधिक द्रव्यमान समाहित है। यह या तो परमाणुओं के सघन रूप से पैक होने (उच्च क्रिस्टल घनत्व) या परमाणुओं के बहुत भारी होने (उच्च परमाणु द्रव्यमान) के कारण हो सकता है, जिससे प्रति इकाई आयतन अधिक द्रव्यमान होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि स्वीडन में खोजी गई धातु के परमाणुओं के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या लोहे से भिन्न है, तो इसका मतलब है कि वह धातु _________ है।
- (a) एक अपरूप (Allotrope)
- (b) एक समस्थानिक (Isotope)
- (c) एक भिन्न तत्व (Different Element)
- (d) एक मिश्रधातु (Alloy)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी तत्व का परमाणु क्रमांक (atomic number) उसके नाभिक में प्रोटॉन की संख्या से परिभाषित होता है। प्रोटॉन की संख्या भिन्न होने का अर्थ है कि वह एक अलग तत्व है।
व्याख्या (Explanation): अपरूप एक ही तत्व के विभिन्न भौतिक रूप हैं (जैसे ग्रेफाइट और हीरा)। समस्थानिक एक ही तत्व के परमाणु होते हैं जिनके नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है, इसलिए प्रोटॉन की संख्या समान रहती है। मिश्रधातु दो या दो से अधिक धातुओं का मिश्रण है। प्रोटॉन की संख्या में परिवर्तन से तत्व बदल जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि नई धातु की तार खींचने की क्षमता (ductility) लोहे से अधिक हो, तो इसका अर्थ है कि इसके परमाणु _________।
- (a) शिथिल रूप से बंधे हुए हैं और आसानी से एक-दूसरे पर सरक सकते हैं।
- (b) कसकर बंधे हुए हैं और आसानी से अपनी स्थिति नहीं बदलते हैं।
- (c) आयनिक बंधों द्वारा जुड़े हुए हैं।
- (d) धातु बंधों की मजबूत जाली बनाते हैं।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): धातु की तन्यता (ductility) और लचीलापन (malleability) धातु बंधों की प्रकृति और परमाणुओं के एक-दूसरे पर फिसलने की क्षमता पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): उच्च तन्यता वाली धातुओं में, धातु के बंध मजबूत होते हैं लेकिन परतों को एक-दूसरे पर फिसलने की अनुमति देते हैं। यह शिथिल बंधन और परमाणुओं के आसानी से खिसकने की क्षमता के कारण होता है, जिससे बिना टूटे पतले तारों में खींचा जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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आयरन एज में धातु के उपयोग से संबंधित, “मिश्र धातु” (Alloy) शब्द का क्या अर्थ है?
- (a) एक शुद्ध धातु
- (b) दो या दो से अधिक धातुओं का मिश्रण, या एक धातु और एक अधातु का मिश्रण
- (c) अयस्क से निकाली गई धातु
- (d) धातु ऑक्साइड
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मिश्र धातुएं धातु विज्ञान में महत्वपूर्ण हैं और अक्सर शुद्ध धातुओं की तुलना में बेहतर या अद्वितीय गुण प्रदान करती हैं।
व्याख्या (Explanation): एक मिश्र धातु एक ऐसी सामग्री है जो दो या दो से अधिक रासायनिक तत्वों से बनी होती है, जिनमें से कम से कम एक धातु होनी चाहिए। यह मुख्य रूप से धातु के अन्य तत्वों के साथ मिलाकर बनाया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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स्वीडन में पाई गई धातु, यदि हवा में उजागर होने पर ऑक्साइड नहीं बनाती है, तो यह निम्नलिखित में से किस गुण को प्रदर्शित करती है?
- (a) उच्च अभिक्रियाशीलता
- (b) संक्षारण प्रतिरोध
- (c) निम्न गलनांक
- (d) विद्युत का कुचालक
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): धातुओं की हवा (ऑक्सीजन) के साथ प्रतिक्रिया करके ऑक्साइड बनाने की प्रवृत्ति उनकी अभिक्रियाशीलता पर निर्भर करती है। जो धातुएँ आसानी से ऑक्साइड नहीं बनाती हैं, वे संक्षारण के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती हैं।
व्याख्या (Explanation): ऑक्साइड का निर्माण धातुओं के संक्षारण का एक सामान्य रूप है। यदि कोई धातु आसानी से ऑक्साइड नहीं बनाती है, तो यह संकेत देता है कि वह रासायनिक रूप से अपेक्षाकृत स्थिर है और संक्षारण का प्रतिरोध करती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आयरन एज के इतिहास को फिर से लिखने की खोज में, यदि खोजी गई धातु के परमाणु विद्युत ऋणात्मकता (electronegativity) में बहुत भिन्न हैं, तो यह _________ का संकेत दे सकता है।
- (a) यह एक उत्कृष्ट गैस है।
- (b) यह एक अकार्बनिक यौगिक बना सकती है।
- (c) यह एक अत्यधिक अभिक्रियाशील धातु है।
- (d) यह एक अधातु है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत ऋणात्मकता तत्वों के बीच रासायनिक बंधों के प्रकार को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
व्याख्या (Explanation): विभिन्न विद्युत ऋणात्मकता मान वाले तत्व अक्सर आयनिक यौगिक बनाने के लिए प्रतिक्रिया करते हैं, जहाँ एक तत्व इलेक्ट्रॉन खो देता है और दूसरा प्राप्त करता है। उत्कृष्ट गैसें बहुत कम अभिक्रियाशील होती हैं। अत्यधिक अभिक्रियाशील धातुएं आमतौर पर समान विद्युत ऋणात्मकता वाले तत्वों के साथ यौगिक नहीं बनाती हैं। एक अधातु की विद्युत ऋणात्मकता आमतौर पर धातुओं से अधिक होती है, जिससे आयनिक या सहसंयोजक बंध बनते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि नई खोजी गई धातु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d⁶ 4s² है, तो यह _________ से संबंधित है।
- (a) आवर्त सारणी का पहला समूह
- (b) आवर्त सारणी का दूसरा समूह
- (c) संक्रमण धातु (Transition Metal)
- (d) क्षारीय पृथ्वी धातु (Alkaline Earth Metal)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास आवर्त सारणी में उनकी स्थिति और उनके रासायनिक गुणों को निर्धारित करता है। 3d उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति संक्रमण धातुओं की विशेषता है।
व्याख्या (Explanation): इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d⁶ 4s² में 3d उपकोश का अपूर्ण भरना संक्रमण धातुओं की एक विशिष्ट विशेषता है। पहले समूह (क्षारीय धातु) में ns¹ होता है, दूसरे समूह (क्षारीय पृथ्वी धातु) में ns² होता है, और 4s² खाली या पूर्ण हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि स्वीडन में खोजी गई धातु का गलनांक (melting point) बहुत अधिक है, तो यह _________ की उपस्थिति का संकेत दे सकता है।
- (a) कमजोर धातु बंधन
- (b) छोटे और सघन रूप से पैक किए गए परमाणु
- (c) मजबूत अंतर-परमाणु बल
- (d) कम वाष्प दबाव
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का गलनांक अंतर-परमाणु बलों की मजबूती का प्रत्यक्ष माप है।
व्याख्या (Explanation): उच्च गलनांक का तात्पर्य है कि परमाणुओं या अणुओं को एक साथ रखने वाले बलों को तोड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। मजबूत अंतर-परमाणु बल (जैसे मजबूत धातु बंधन या सहसंयोजक बंधन) उच्च गलनांक का कारण बनते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आयरन एज के संदर्भ में, यदि नई धातु लौह (Iron) की तुलना में अधिक चुंबकीय है, तो यह __________ की उपस्थिति का संकेत दे सकता है।
- (a) कम तापमान पर एक फेरोमैग्नेटिक अवस्था
- (b) एक बड़ी संख्या में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन (unpaired electrons)
- (c) एक मजबूत विद्युत चालकता
- (d) एक कम गलनांक
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): धातुओं का चुंबकीय व्यवहार उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, विशेष रूप से अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या से प्रभावित होता है।
व्याख्या (Explanation): फेरोमैग्नेटिज्म (चुंबकीयकरण) अक्सर अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति से जुड़ा होता है जो व्यक्तिगत परमाणुओं के चुंबकीय द्विध्रुवों को संरेखित करने की अनुमति देते हैं। लौह एक फेरोमैग्नेटिक धातु है, लेकिन एक भिन्न धातु में अधिक चुंबकीय गुण होने का अर्थ है कि इसमें चुंबकीयकरण को बढ़ावा देने के लिए अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों या संरचनात्मक व्यवस्था का एक अलग विन्यास हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि स्वीडन में पाई गई नई धातु से बना उपकरण लोहे के उपकरण की तुलना में अधिक कठोर (harder) है, तो यह __________ की एक विशेषता हो सकती है।
- (a) कम भंगुरता (brittleness)
- (b) अधिक तन्यता (ductility)
- (c) मजबूत अंतर-परमाणु बंधन
- (d) अधिक विद्युत चालकता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी सामग्री की कठोरता परमाणुओं के बीच बंधन की ताकत और क्रिस्टल जाली में विकृतियों के प्रतिरोध से संबंधित है।
व्याख्या (Explanation): कठोरता का अर्थ है खरोंच या घर्षण के प्रतिरोध का उच्च स्तर। यह आमतौर पर मजबूत अंतर-परमाणु बंधनों के कारण होता है जो परमाणुओं को उनके स्थान से विस्थापित करना अधिक कठिन बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आयरन एज में धातु के उपयोग को समझने के लिए, **कार्बन (Carbon)**, जो लोहे के साथ मिलकर स्टील (Steel) बनाता है, आवर्त सारणी के किस समूह से संबंधित है?
- (a) समूह 14 (Group 14)
- (b) समूह 15 (Group 15)
- (c) समूह 16 (Group 16)
- (d) समूह 17 (Group 17)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आवर्त सारणी तत्वों को उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और रासायनिक गुणों के आधार पर समूहीकृत करती है। कार्बन समूह 14 का सदस्य है।
व्याख्या (Explanation): समूह 14 में कार्बन (C), सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge), टिन (Sn), और लेड (Pb) जैसे तत्व शामिल हैं। इन तत्वों में बाहरी शेल में 4 वैलेंस इलेक्ट्रॉन होते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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यदि नई खोजी गई धातु जल के साथ धीरे-धीरे प्रतिक्रिया करती है, तो इसकी अभिक्रियाशीलता (reactivity) के बारे में क्या कहा जा सकता है?
- (a) यह बहुत अभिक्रियाशील है।
- (b) यह अपेक्षाकृत अक्रियाशील है।
- (c) यह एक उत्कृष्ट गैस है।
- (d) यह अत्यधिक अस्थिर है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जल के साथ अभिक्रिया की दर किसी तत्व की अभिक्रियाशीलता का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
व्याख्या (Explanation): जल के साथ धीमी प्रतिक्रिया का तात्पर्य है कि धातु बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करने या पानी के साथ हिंसक प्रतिक्रिया करने के लिए पर्याप्त अभिक्रियाशील नहीं है। यह तुलनात्मक रूप से कम अभिक्रियाशीलता को दर्शाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आयरन एज के संदर्भ में, **एसिड (Acid)**, जो धातुओं को घोलने और शुद्ध करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं, में आम तौर पर ______ होता है।
- (a) धनात्मक रूप से चार्ज आयन
- (b) प्रोटॉन (H⁺ आयन) दान करने की प्रवृत्ति
- (c) इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने की प्रवृत्ति
- (d) तटस्थ अणु
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्रोंस्टेड-लोरी सिद्धांत के अनुसार, एक एसिड एक प्रोटॉन (H⁺ आयन) दाता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि कुछ एसिड में इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है (लुईस एसिड), सबसे आम परिभाषा प्रोटॉन दान करने की क्षमता है, जो जलीय घोल में H⁺ आयनों की सांद्रता को बढ़ाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि खोजी गई धातु में एक विशिष्ट परमाणु द्रव्यमान (atomic mass) है, तो यह _________ से निर्धारित होता है।
- (a) केवल प्रोटॉन की संख्या
- (b) प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्या का योग
- (c) केवल न्यूट्रॉन की संख्या
- (d) प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या का योग
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु द्रव्यमान किसी तत्व के एक परमाणु के औसत द्रव्यमान का माप है, जो मुख्य रूप से नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान के कारण होता है।
व्याख्या (Explanation): प्रोटॉन और न्यूट्रॉन नाभिक में पाए जाते हैं और परमाणु के द्रव्यमान में सबसे अधिक योगदान करते हैं। इलेक्ट्रॉन बहुत हल्के होते हैं और परमाणु द्रव्यमान में नगण्य योगदान करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आयरन एज में धातु विज्ञान (metallurgy) के संदर्भ में, **धातु ऑक्साइड (Metal Oxide)** क्या है?
- (a) एक शुद्ध धातु
- (b) एक धातु और ऑक्सीजन का यौगिक
- (c) एक धातु और हाइड्रोजन का यौगिक
- (d) एक धातु और सल्फर का यौगिक
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऑक्साइड रासायनिक यौगिक होते हैं जिनमें ऑक्सीजन परमाणु किसी अन्य तत्व से बंधा होता है।
व्याख्या (Explanation): धातु ऑक्साइड वे यौगिक होते हैं जो तब बनते हैं जब कोई धातु ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करती है। उदाहरणों में लोहे का जंग (आयरन ऑक्साइड) और तांबे का हरापन (कॉपर ऑक्साइड) शामिल हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि खोजी गई धातु में बहुत कम चालकता (conductivity) है, तो यह _________ का संकेत दे सकता है।
- (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन (free electrons) कम हैं।
- (b) यह एक उत्कृष्ट ऊष्मीय संवाहक है।
- (c) इसमें मजबूत आयनिक बंधन हैं।
- (d) यह एक धातु है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता सामग्री में मुक्त इलेक्ट्रॉनों या आयनों की गति से उत्पन्न होती है।
व्याख्या (Explanation): धातुओं में उच्च चालकता होती है क्योंकि उनके पास मुक्त इलेक्ट्रॉनों का एक “समुद्र” होता है जो आसानी से विद्युत आवेश ले जा सकते हैं। कम चालकता का अर्थ है कि मुक्त इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता सीमित है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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आयरन एज के इतिहास को फिर से लिखने वाली खोज में, **डीएनए (DNA)**, जो जीवन का आनुवंशिक पदार्थ है, में निम्नलिखित में से कौन सा एक नाइट्रोजनस बेस (nitrogenous base) नहीं है?
- (a) एडेनिन (Adenine)
- (b) गुआनिन (Guanine)
- (c) थाइमिन (Thymine)
- (d) यूरेसिल (Uracil)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डीएनए में चार प्रमुख नाइट्रोजनस बेस होते हैं: एडेनिन (A), गुआनिन (G), साइटोसिन (C), और थाइमिन (T)।
व्याख्या (Explanation): आरएनए (RNA) में, यूरेसिल (U) थाइमिन (T) का स्थान लेता है। इसलिए, यूरेसिल डीएनए का एक घटक नहीं है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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यदि खोजी गई धातु के परमाणु में 8 प्रोटॉन और 8 न्यूट्रॉन हैं, तो उसका द्रव्यमान संख्या (mass number) कितनी होगी?
- (a) 8
- (b) 16
- (c) 0
- (d) 64
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): द्रव्यमान संख्या (Mass Number) एक परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या है।
व्याख्या (Explanation): द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या = 8 + 8 = 16।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आयरन एज में धातुओं के उपयोग का अध्ययन करने के लिए, **कार्बन डेटिंग (Carbon Dating)** विधि का उपयोग करके किसी कार्बनिक वस्तु की आयु का अनुमान लगाया जाता है, जो _____ पर आधारित है।
- (a) कार्बन-12 (¹²C) का क्षय
- (b) कार्बन-14 (¹⁴C) का क्षय
- (c) कार्बन-13 (¹³C) का क्षय
- (d) कार्बन के सभी समस्थानिकों का क्षय
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन डेटिंग रेडियोधर्मी समस्थानिक कार्बन-14 (¹⁴C) के ज्ञात अर्ध-आयु (half-life) पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन-14 एक रेडियोधर्मी समस्थानिक है जो जीवों के मरने के बाद क्षय होना शुरू कर देता है। क्षय की दर का उपयोग करके, कार्बनिक पदार्थों की आयु निर्धारित की जा सकती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि खोजी गई धातु में बहुत अधिक विशिष्ट ऊष्मा (specific heat) है, तो इसका मतलब है कि _________।
- (a) इसे गर्म होने में कम ऊर्जा लगती है।
- (b) इसे गर्म होने में अधिक ऊर्जा लगती है।
- (c) यह गर्मी को अच्छी तरह से संचालित करती है।
- (d) इसका गलनांक बहुत कम है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विशिष्ट ऊष्मा किसी पदार्थ के तापमान को 1 डिग्री सेल्सियस (या केल्विन) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा है।
व्याख्या (Explanation): उच्च विशिष्ट ऊष्मा वाली सामग्री को तापमान में समान वृद्धि के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि इसे गर्म होने में अधिक समय लगता है या अधिक ऊष्मा अवशोषित होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आयरन एज में तकनीकी प्रगति को समझने के लिए, **धातु विज्ञान (Metallurgy)** क्या है?
- (a) धातुओं के निष्कर्षण, निर्माण और उपयोग का विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- (b) पौधों के अध्ययन का विज्ञान
- (c) चट्टानों और खनिजों का अध्ययन
- (d) जीवों के अध्ययन का विज्ञान
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): धातु विज्ञान धातुओं से संबंधित वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग विषयों का एक व्यापक क्षेत्र है।
व्याख्या (Explanation): धातु विज्ञान में धातुओं के गुणों, उनके अयस्कों से निष्कर्षण, उन्हें मिश्र धातुओं में बदलना और विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उन्हें आकार देना शामिल है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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यदि खोजी गई धातु में **क्वथनांक (boiling point)** लोहे से बहुत अधिक है, तो यह _________ का संकेत हो सकता है।
- (a) कमजोर अंतर-परमाणु बल
- (b) कम आणविक भार
- (c) मजबूत अंतर-आणविक बल
- (d) कम वाष्प दबाव
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का क्वथनांक अंतर-आणविक बलों (या अंतर-परमाणु बलों) की ताकत से संबंधित होता है।
व्याख्या (Explanation): उच्च क्वथनांक इंगित करता है कि अवस्थाओं के बीच संक्रमण के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि कणों को एक साथ रखने वाले बल मजबूत होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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आयरन एज से संबंधित, **जीवाश्म (Fossil)** क्या है?
- (a) एक जीवित जीव
- (b) एक चट्टान में संरक्षित पौधे या जानवर के अवशेष
- (c) एक खनिज़
- (d) एक ग्रह
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवाश्म भूविज्ञान और जीवाश्म विज्ञान के अध्ययन में महत्वपूर्ण हैं।
व्याख्या (Explanation): जीवाश्म एक ऐसे जीव के संरक्षित अवशेष या निशान हैं जो किसी जीवाश्म के तलछट में दब जाने और लाखों वर्षों में चट्टान में परिवर्तित होने के बाद विलुप्त हो गए हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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