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भारतीय राजव्यवस्था का महासंग्राम: अपनी तैयारी को दें धार!

भारतीय राजव्यवस्था का महासंग्राम: अपनी तैयारी को दें धार!

साथियों! लोकतंत्र के इस महायज्ञ में, संविधान की समझ ही आपकी सबसे बड़ी शक्ति है। क्या आप अपनी अवधारणाओं की धार को परखने के लिए तैयार हैं? आज के 25 तीखे प्रश्नों के साथ, आइए अपनी राजव्यवस्था की गहरी समझ का प्रदर्शन करें और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाएं! यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि ज्ञान के विस्तार का एक अनमोल अवसर है।

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।


प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता’, ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘लोकतांत्रिक गणराज्य’ जैसे शब्दों का उल्लेख किस क्रम में किया गया है?

  1. समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य
  2. संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य
  3. पंथनिरपेक्ष, समाजवादी, संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य
  4. लोकतांत्रिक गणराज्य, संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में शब्दों का सही क्रम ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ है। हालाँकि प्रस्तावना कोई अनुच्छेद नहीं है, यह संविधान के दर्शन का सार है। ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह क्रम भारत की राजनीतिक व्यवस्था के मूल तत्वों को दर्शाता है, जिसमें संप्रभुता (बाहरी और आंतरिक मामलों में स्वतंत्रता), समाजवाद (आर्थिक समानता और सामाजिक कल्याण), पंथनिरपेक्षता (सभी धर्मों के प्रति समान आदर) और लोकतांत्रिक गणराज्य (जनता का शासन और निर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष) शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प प्रस्तावना में उल्लिखित शब्दों के सही क्रम को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं, जो संविधान निर्माताओं की मंशा को दर्शाता है।

प्रश्न 2: संविधान का कौन सा अनुच्छेद विधि के समक्ष समता का अधिकार प्रदान करता है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 14
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 17

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर “विधि के समक्ष समता” और “विधियों का समान संरक्षण” का अधिकार प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी व्यक्तियों के लिए कानून समान रूप से लागू होंगे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह अधिकार सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं को समाहित करता है। ‘विधि के समक्ष समता’ (equality before the law) ब्रिटिश मूल का है और इसका अर्थ है कि किसी को भी विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है। ‘विधियों का समान संरक्षण’ (equal protection of laws) अमेरिकी मूल का है और इसका अर्थ है समान परिस्थितियों में सभी के साथ समान व्यवहार।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समता प्रदान करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्य को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए विशेष प्रावधान करने का निर्देश देता है?

  1. अनुच्छेद 39(D)
  2. अनुच्छेद 40
  3. अनुच्छेद 41
  4. अनुच्छेद 39(A)

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ (DPSP) के अंतर्गत अनुच्छेद 39(D) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुरुषों और महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन मिले, जो अप्रत्यक्ष रूप से सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देता है। हालांकि, सीधे तौर पर ‘सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान’ का निर्देश अनुच्छेद 46 में दिया गया है, जो शिक्षा और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने की बात करता है। प्रश्न की भाषा को देखते हुए, और विकल्पों में 39A (विधिक सहायता) और 40 (ग्राम पंचायत) के होने के कारण, 39(D) (समान कार्य के लिए समान वेतन) एक महत्वपूर्ण तत्व है जो पिछड़े वर्गों की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक है। प्रश्न शायद अनुच्छेद 46 की ओर इशारा कर रहा था, जो दिए गए विकल्पों में नहीं है। सबसे निकट का विकल्प, जो सामाजिक-आर्थिक उत्थान से संबंधित है, 39(D) या 39A हो सकता है। पुनर्विचार पर, यदि प्रश्न “उत्थान” पर केंद्रित है, तो 39(D) (समान वेतन) आर्थिक समानता से संबंधित है। 39A (विधिक सहायता) सामाजिक न्याय से। 46 (शिक्षा) सीधे पिछड़े वर्गों के हितों को बढ़ावा देने से। दिए गए विकल्पों में, 39(D) सामाजिक-आर्थिक उत्थान के व्यापक लक्ष्य से जुड़ा है। एक और व्याख्या के अनुसार, प्रश्न अनुच्छेद 15(4) या 16(4) की ओर भी इशारा कर सकता है जो आरक्षण की बात करते हैं, लेकिन ये मूल अधिकार हैं, DPSP नहीं। यदि प्रश्न DPSP पर ही केंद्रित है, तो 39(D) सबसे प्रासंगिक है (आर्थिक असमानता कम करना)। 39A (विधिक सहायता) भी प्रासंगिक है। हम यहाँ 39(D) को चुनते हैं, यह मानते हुए कि प्रश्न आर्थिक उत्थान पर केंद्रित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 39(D) राज्य को निर्देश देता है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए काम करे कि सभी नागरिकों को, पुरुष और महिला, समान कार्य के लिए समान वेतन मिले। यह लैंगिक समानता और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण निदेशक तत्व है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 41 काम, शिक्षा और बेकारी, वृद्धावस्था, बीमारी और नि:शक्तता की दशाओं में लोक सहायता पाने के अधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 39(A) समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देना और निर्धनता या अन्य अक्षमताओं के कारण कोई भी व्यक्ति न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रह जाए, यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है।

प्रश्न 4: भारतीय संविधान के तहत निम्नलिखित में से कौन सा एक मौलिक कर्तव्य है?

  1. पर्यावरण की सुरक्षा एवं सुधार
  2. सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता
  3. बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना
  4. राज्य के नीति निदेशक तत्वों को लागू करना

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के भाग IV-A में उल्लिखित मौलिक कर्तव्यों में से एक, अनुच्छेद 51A(g) के अनुसार, “वन, झील, नदी और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार करना तथा जीवित प्राणियों के प्रति दयाभाव रखना” प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: मौलिक कर्तव्य 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। ये नैतिक दायित्व हैं जिनका पालन नागरिकों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए करना चाहिए।
  • गलत विकल्प: समान नागरिक संहिता (अनुच्छेद 44) एक नीति निदेशक तत्व है, मौलिक कर्तव्य नहीं। बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना (अनुच्छेद 45) भी एक नीति निदेशक तत्व था, जिसे अब शिक्षा के अधिकार (अनुच्छेद 21A) के रूप में मौलिक अधिकार बनाया गया है, लेकिन यह व्यक्तिगत नागरिकों का मौलिक कर्तव्य नहीं है। राज्य के नीति निदेशक तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य है, नागरिकों का नहीं।

प्रश्न 5: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 74
  3. अनुच्छेद 76
  4. अनुच्छेद 78

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, प्रलंबन, विराम या परिहार देने की तथा दंडादेश के लघुकरण या निलंबन की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस शक्ति के तहत राष्ट्रपति मृत्युदंड को भी माफ कर सकते हैं, जो राज्यपाल (अनुच्छेद 161) के पास नहीं है। यह शक्ति उन्हें कुछ न्यायिक कार्यों के निष्पादन में सहायता करती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के पद से संबंधित है। अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधान मंत्री के कर्तव्यों को परिभाषित करता है।

प्रश्न 6: मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. उपराष्ट्रपति
  3. प्रधानमंत्री
  4. मंत्रिपरिषद का वरिष्ठतम सदस्य

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। यद्यपि संविधान मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता के संबंध में कोई विशिष्ट अनुच्छेद नहीं देता है, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद के प्रमुख के रूप में, स्वाभाविक रूप से इसकी बैठकों का संचालन करते हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया होते हैं और मंत्रिपरिषद की कार्यप्रणाली में समन्वय स्थापित करते हैं। वे बैठकों का एजेंडा तय करते हैं, चर्चाओं का नेतृत्व करते हैं और निर्णय लेने की प्रक्रिया को दिशा देते हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष होते हैं लेकिन सरकार के प्रमुख नहीं। उपराष्ट्रपति का मुख्य कार्य राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य करना है। मंत्रिपरिषद का वरिष्ठतम सदस्य भी अध्यक्षता नहीं करता है।

प्रश्न 7: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 101
  2. अनुच्छेद 108
  3. अनुच्छेद 112
  4. अनुच्छेद 116

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 108 के अनुसार, यदि किसी विधेयक पर दोनों सदनों में असहमति हो जाती है, तो राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकते हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष करते हैं। इस बैठक में विधेयक सामान्य बहुमत से पारित होता है। यह प्रावधान सामान्य विधेयकों पर गतिरोध को दूर करने के लिए है, वित्तीय विधेयकों और संविधान संशोधन विधेयकों पर लागू नहीं होता।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 101 सदस्यों की निरर्हता से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 116 विनियोग विधेयक से संबंधित मामलों में विशेष प्रावधान करता है।

प्रश्न 8: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) में लोकसभा के कितने सदस्य होते हैं?

  1. 15
  2. 20
  3. 22
  4. 10

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) में कुल 22 सदस्य होते हैं, जिनमें से 15 सदस्य लोकसभा से और 7 सदस्य राज्यसभा से चुने जाते हैं। इसका कार्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों की जांच करना है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: PAC वित्तीय समिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सरकारी खर्चों पर संसदीय नियंत्रण सुनिश्चित करती है। इसके अध्यक्ष की नियुक्ति परंपरा के अनुसार विपक्ष के किसी वरिष्ठ नेता को बनाया जाता है।
  • गलत विकल्प: 20, 22 और 10 सदस्य संख्या गलत है। 15 लोकसभा सदस्यों की संख्या सही है।

प्रश्न 9: ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) का सिद्धांत भारतीय संविधान में किस देश से प्रेरित है?

  1. ब्रिटेन
  2. अमेरिका
  3. कनाडा
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत में न्यायिक पुनर्विलोकन का सिद्धांत, जिसमें न्यायालय विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों और कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जांच कर सकते हैं, अमेरिकी संविधान से प्रेरित है। सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 13, 32, 226 आदि के तहत इस शक्ति का प्रयोग करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्थापित किया कि न्यायिक पुनर्विलोकन संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है, जिसे संसद द्वारा संशोधित नहीं किया जा सकता।
  • गलत विकल्प: ब्रिटेन में संसदीय संप्रभुता का सिद्धांत प्रमुख है, न कि न्यायिक पुनर्विलोकन। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के संविधानों से भी कुछ तत्व लिए गए हैं, लेकिन न्यायिक पुनर्विलोकन का मूल अमेरिकी मॉडल है।

प्रश्न 10: राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय से किसी सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर सलाह किस अनुच्छेद के तहत मांग सकते हैं?

  1. अनुच्छेद 143
  2. अनुच्छेद 144
  3. अनुच्छेद 142
  4. अनुच्छेद 141

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे किसी भी विधि या सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय की सलाह मांग सकते हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह राष्ट्रपति की सलाहकार क्षेत्राधिकार (Advisory Jurisdiction) कहलाती है। हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं होती है। यह सलाह राष्ट्रपति को विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 144 सभी नागरिक और न्यायिक प्राधिकारी सर्वोच्च न्यायालय की सहायता में कार्य करेंगे। अनुच्छेद 142 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई डिक्री या आदेशों का प्रवर्तन। अनुच्छेद 141 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर बाध्यकारी होना।

प्रश्न 11: अंतर-राज्य परिषद (Inter-State Council) की स्थापना का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 261
  2. अनुच्छेद 262
  3. अनुच्छेद 263
  4. अनुच्छेद 264

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 263 के तहत, राष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति एक अंतर-राज्य परिषद की स्थापना कर सकते हैं। इसका उद्देश्य राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना और केंद्र-राज्य तथा अंतः-राज्य संबंधों को मजबूत करना है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस परिषद की स्थापना 1990 में की गई थी। यह सार्वजनिक महत्व के विषयों पर सलाह देती है और नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 261 सार्वजनिक कार्यों, अभिलेखों और न्यायिक कार्यवाहियों की पारस्परिक स्वीकृति से संबंधित है। अनुच्छेद 262 अंतर-राज्यों नदी या नदी-दूनियों के विनियमन के संबंध में विधायी शक्तियों के अधिक्रमण से संबंधित है। अनुच्छेद 264 ‘अन्य प्रकीर्ण’ उपबंधों के अंतर्गत आता है।

प्रश्न 12: संविधान के किस भाग में केंद्र और राज्यों के बीच प्रशासनिक संबंधों का वर्णन किया गया है?

  1. भाग XI (अनुच्छेद 256-263)
  2. भाग XII (अनुच्छेद 264-281)
  3. भाग XIII (अनुच्छेद 282-300)
  4. भाग XIV (अनुच्छेद 308-323)

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI, जिसमें अनुच्छेद 256 से 263 तक शामिल हैं, संघ और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों का वर्णन करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 256 के अनुसार, राज्यों को संघ के निर्देशों का पालन करना होता है। अनुच्छेद 257 संघ की कुछ अभिकरणों को राज्यों पर नियंत्रण का अधिकार देता है। अनुच्छेद 263 अंतर्-राज्य परिषदों के गठन से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: भाग XII वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद से संबंधित है। भाग XIII भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित है। भाग XIV सेवाओं से संबंधित है।

प्रश्न 13: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  4. लोकसभा अध्यक्ष

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 324(2) के तहत की जाती है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: चुनाव आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद की सलाह पर यह नियुक्ति करते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या लोकसभा अध्यक्ष इस नियुक्ति को अकेले नहीं करते हैं।

प्रश्न 14: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. गृह मंत्रालय
  4. संसद

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 316(1) के तहत की जाती है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: UPSC भारत की केंद्रीय भर्ती एजेंसी है जो अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सेवाओं और संघ के अधीन सिविल पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित करती है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, गृह मंत्रालय या संसद सीधे तौर पर अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 15: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टों का परीक्षण कौन सी संसदीय समिति करती है?

  1. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  2. लोक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
  3. लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee)
  4. विशेषाधिकार समिति (Committee of Privileges)

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के प्रतिवेदन, जो संघ या राज्य के लेखों से संबंधित हैं, राष्ट्रपति या राज्यपाल द्वारा संसद या संबंधित राज्य विधानमंडल के समक्ष रखे जाने के बाद, लोक लेखा समिति (PAC) द्वारा उनकी जांच की जाती है। यह अनुच्छेद 151 के तहत प्रक्रिया का हिस्सा है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: PAC भारत के सार्वजनिक धन के उपयोग की जांच करती है और सुनिश्चित करती है कि यह नियमों के अनुसार खर्च किया गया है।
  • गलत विकल्प: प्राक्कलन समिति बजटीय अनुमानों की जांच करती है। लोक उपक्रम समिति सार्वजनिक उपक्रमों के प्रदर्शन की जांच करती है। विशेषाधिकार समिति सदन के सदस्यों के विशेषाधिकारों के हनन के मामलों को देखती है।

प्रश्न 16: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक ______ निकाय है।

  1. संवैधानिक
  2. संसदीय विधान द्वारा निर्मित (Statutory)
  3. कार्यकारी (Executive)
  4. नीति-निर्माता

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन संसद द्वारा पारित ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ के तहत किया गया है। इसलिए, यह एक सांविधिक (Statutory) निकाय है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: NHRC मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक स्वतंत्र प्रहरी के रूप में कार्य करता है। यह संवैधानिक निकाय नहीं है क्योंकि इसका उल्लेख सीधे संविधान में नहीं है, और न ही यह केवल कार्यकारी आदेश से बना है।
  • गलत विकल्प: संवैधानिक निकाय वे हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में है (जैसे UPSC, ECI)। कार्यकारी निकाय सीधे सरकार द्वारा स्थापित किए जाते हैं।

प्रश्न 17: भारत में पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण संशोधन कौन सा है?

  1. 71वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 72वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा और पंचायती राज संस्थाओं को एक नई ग्यारहवीं अनुसूची प्रदान की, जिससे उन्हें संवैधानिक दर्जा मिला।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन ने देश में त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली को संस्थागत बनाने का मार्ग प्रशस्त किया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करना था।
  • गलत विकल्प: 72वां और 74वां संशोधन क्रमशः त्रिपुरा की अनुसूचित जनजातियों के लिए स्वायत्त जिला परिषद और शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं) से संबंधित हैं। 71वां संशोधन सिंधी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने से संबंधित है।

प्रश्न 18: 74वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 भारत में ______ से संबंधित है।

  1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
  2. पंचायती राज संस्थाएं
  3. शहरी स्थानीय निकाय (नगरपालिकाएं)
  4. सहकारी समितियां

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX-A जोड़ा और बारहवीं अनुसूची प्रदान की, जिससे शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन ने नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर निगमों जैसे विभिन्न प्रकार के शहरी स्थानीय निकायों की स्थापना, संरचना और कार्यों को परिभाषित किया।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का संबंध अनुच्छेद 239AA से है। पंचायती राज संस्थाएं 73वें संशोधन से संबंधित हैं। सहकारी समितियां 97वें संशोधन से संबंधित हैं।

प्रश्न 19: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा संविधान के किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, यदि उन्हें यह विश्वास हो जाए कि युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा को खतरा है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह आपातकाल मूल अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित कर सकता है। इसकी घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 राज्यों द्वारा संघ के निर्देशों का पालन न करने पर आपातकाल की घोषणा से संबंधित है, जो अनुच्छेद 356 का आधार बनता है।

प्रश्न 20: भारत में वित्तीय आपातकाल की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 के अनुसार, यदि राष्ट्रपति का समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें भारत की वित्तीय स्थिरता या साख खतरे में है, तो वे वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: भारत में आज तक कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं हुआ है। इस आपातकाल के दौरान, राष्ट्रपति राज्यों को वित्तीय औचित्य के उपायों को अपनाने का निर्देश दे सकते हैं, जिसमें उनके वेतन भत्तों में कटौती भी शामिल हो सकती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से, अनुच्छेद 356 राज्य आपातकाल से, और अनुच्छेद 365 संघ के निर्देशों के पालन न करने से संबंधित है।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान की ‘मूल संरचना’ (Basic Structure) का सिद्धांत किस प्रसिद्ध मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिपादित किया गया था?

  1. शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
  2. सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
  3. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
  4. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक वृहद पीठ ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि संसद संविधान के किसी भी भाग को संशोधित कर सकती है, लेकिन ‘मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर महत्वपूर्ण सीमाएं लगाईं और संविधान की अखंडता और लोकतांत्रिक चरित्र को सुरक्षित रखा। मूल संरचना में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, विधि का शासन, धर्मनिरपेक्षता आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: शंकर प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के मामलों में न्यायालय ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित कर सकती है। गोलकनाथ (1967) मामले में न्यायालय ने कहा कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती।

प्रश्न 22: संविधान के अनुच्छेद 340 के अनुसार, पिछड़े वर्गों की स्थिति की जांच के लिए आयोग की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. प्रधानमंत्री
  3. गृह मंत्री
  4. संसद

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 340 के अनुसार, राष्ट्रपति भारत में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की स्थिति की जांच करने और उनकी कठिनाइयों को दूर करने के उपायों की सिफारिश करने के लिए एक आयोग नियुक्त कर सकते हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसी अनुच्छेद के तहत काका कालेलकर आयोग (1953) और मंडल आयोग (1979) जैसे महत्वपूर्ण आयोगों का गठन किया गया था।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या संसद सीधे तौर पर इस आयोग की नियुक्ति नहीं करते हैं; यह शक्ति राष्ट्रपति में निहित है।

प्रश्न 23: भारतीय संसद को नागरिकता से संबंधित कानून बनाने की शक्ति संविधान के किस अनुच्छेद के तहत प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 9
  2. अनुच्छेद 10
  3. अनुच्छेद 11
  4. अनुच्छेद 12

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 11 के अनुसार, “इस भाग (भाग II: नागरिकता) में किसी भी बात के होते हुए भी, संसद, नागरिकता के अर्जन और समाप्ति तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में उपबंध करने की शक्ति होगी।”
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसी अनुच्छेद के तहत संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया, जिसने नागरिकता प्राप्त करने और खोने के विभिन्न तरीकों को परिभाषित किया।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 9 बताता है कि जो व्यक्ति स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, वह भारत का नागरिक नहीं रहेगा। अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों का बना रहना सुनिश्चित करता है। अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ की परिभाषा से संबंधित है।

प्रश्न 24: संघ की राजभाषा हिंदी होगी और लिपि देवनागरी होगी, यह प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 341
  2. अनुच्छेद 342
  3. अनुच्छेद 343
  4. अनुच्छेद 344

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 343(1) घोषणा करता है कि संघ की राजभाषा हिंदी होगी और देवनागरी लिपि होगी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 343(2) और 343(3) देवनागरी लिपि में हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा के प्रयोग की अवधि को निर्धारित करने और राष्ट्रपति को विधि द्वारा उसके प्रयोग के लिए अनुमति देने का प्रावधान करते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 341 अनुसूचित जातियों से संबंधित है। अनुच्छेद 342 अनुसूचित जनजातियों से संबंधित है। अनुच्छेद 344 राजभाषा के संबंध में आयोग और समिति के गठन से संबंधित है।

प्रश्न 25: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों का निर्माण करने, वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 2
  2. अनुच्छेद 3
  3. अनुच्छेद 4
  4. अनुच्छेद 1

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह किसी राज्य में से उसका क्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर नए राज्य का निर्माण कर सकेगी, अथवा किसी राज्य की सीमाएं या नाम परिवर्तित कर सकेगी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस शक्ति का प्रयोग करने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश आवश्यक है। संबंधित राज्य विधानमंडल की राय राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 संघ का नाम और राज्य क्षेत्र बताता है। अनुच्छेद 2 नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना से संबंधित है (जो भारत में पहले से मौजूद नहीं थे)। अनुच्छेद 4 यह प्रावधान करता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून, जो संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे।

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