समय यात्रा: इतिहास के रणक्षेत्र में उतरें
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासुओं! क्या आप अपने ज्ञान की सीमाओं को परखने के लिए तैयार हैं? आज हम आपको इतिहास की गहराइयों में ले चलेंगे, जहाँ मौर्यों के साम्राज्य से लेकर मुगलों के वैभव और स्वतंत्रता संग्राम की अग्नि तक, अनगिनत कहानियाँ छिपी हैं। यह सिर्फ एक प्रश्नोत्तरी नहीं, बल्कि अतीत की उन धाराओं में गोता लगाने का अवसर है जिसने वर्तमान को आकार दिया है। अपने पेन और रजिस्टर तैयार रखें, क्योंकि इतिहास का यह महासंग्राम शुरू हो चुका है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘मोहनजोदड़ो’ का स्थानीय नाम था?
- मेहरगढ़
- ल thờल
- मृतकों का टीला
- हड़प्पा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘मोहनजोदड़ो’ का सिंधी भाषा में अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल है, जो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, हड़प्पा के साथ, सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े शहरों में से एक था। यहाँ महान स्नानागार, कांस्य की नर्तकी की मूर्ति और टेराकोटा की विभिन्न आकृतियाँ मिली हैं, जो तत्कालीन उन्नत शहरी नियोजन और कलात्मकता को दर्शाती हैं।
- गलत विकल्प: मेहरगढ़ नवपाषाण काल का स्थल है, न कि सिंधु घाटी सभ्यता का। ल thờल सिंधु घाटी सभ्यता का एक बंदरगाह शहर था, जबकि हड़प्पा इसी सभ्यता का एक अन्य महत्वपूर्ण शहर था।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद में गायत्री मंत्र का उल्लेख है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गायत्री मंत्र, जो सूर्य देव (सावित्री) को समर्पित है, का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। यह वैदिक साहित्य का सबसे प्रसिद्ध मंत्रों में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वैदिक ग्रंथ है और इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और लगभग 10,600 ऋचाएँ हैं। यह भारोपयी भाषाओं में सबसे पुराना लिखित ग्रंथ भी माना जाता है।
- गलत विकल्प: यजुर्वेद में यज्ञों और मंत्रों का संकलन है, सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्र हैं, और अथर्ववेद में जादू-टोने, भूत-प्रेत और चिकित्सा से संबंधित मंत्र हैं।
प्रश्न 3: मौर्य वंश का संस्थापक कौन था?
- बिंदुसार
- चंद्रगुप्त मौर्य
- अशोक
- बृहद्रथ
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश के संस्थापक थे। उन्होंने नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को हराकर 322 ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य (कौटिल्य) की सहायता से मगध में शक्तिशाली मौर्य साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने अपने शासनकाल में उत्तर-पश्चिमी भारत को यूनानी शासकों से मुक्त कराया और एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया।
- गलत विकल्प: बिंदुसार चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र और उत्तराधिकारी थे। अशोक बिंदुसार के पुत्र और एक महान मौर्य सम्राट थे। बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 4: प्रसिद्ध ‘अष्टाध्यायी’ के लेखक कौन हैं?
- कालिदास
- पाणिनि
- विष्णु शर्मा
- भारवि
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘अष्टाध्यायी’ के लेखक महर्षि पाणिनि हैं। यह संस्कृत भाषा के व्याकरण पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और मौलिक ग्रंथ है।
- संदर्भ और विस्तार: पाणिनि ने ‘अष्टाध्यायी’ में संस्कृत भाषा के ध्वन्यात्मक और रूपात्मक (morphological) नियमों का व्यवस्थित रूप से वर्णन किया है। यह रचना ईसा पूर्व 5वीं या 6वीं शताब्दी की मानी जाती है और भारतीय भाषा विज्ञान का आधार स्तंभ है।
- गलत विकल्प: कालिदास प्राचीन भारत के महान कवियों में से एक थे (जैसे ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’)। विष्णु शर्मा ने ‘पंचतंत्र’ की रचना की, और भारवि एक प्रसिद्ध कवि थे (जैसे ‘किरातारजुनीयम्’)।
प्रश्न 5: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- गुप्तों द्वारा सोने के सिक्कों का अधिक प्रचलन
- कला, साहित्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व प्रगति
- विशाल सैन्य विजयें
- कृषि का तीव्र विकास
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गुप्त काल (लगभग 320 ईस्वी से 550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान साहित्यकार हुए, आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली और पाई (π) के मान की गणना की, और वराहमिहिर ने खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अजंता की गुफाओं की चित्रकलाएँ भी इसी काल की उत्कृष्ट कृतियाँ हैं।
- गलत विकल्प: जबकि सोने के सिक्के जारी किए गए थे (a), यह एकमात्र कारण नहीं है। सैन्य विजयें (c) और कृषि विकास (d) भी हुए, लेकिन स्वर्ण युग की उपाधि मुख्य रूप से सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियों के कारण है।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गयासुद्दीन बलबन (शासनकाल 1266-1287 ईस्वी) ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक स्वतंत्र सैन्य विभाग की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य सेना को संगठित और मजबूत बनाना था।
- संदर्भ और विस्तार: बलबन, जो एक शक्तिशाली इल्बारी तुर्क शासक था, ने मंगोल आक्रमणों से साम्राज्य की रक्षा के लिए एक मजबूत सैन्य व्यवस्था की आवश्यकता महसूस की। इस विभाग का मुख्य कार्य सैनिकों की भर्ती, उनका प्रशिक्षण, हथियारों का प्रबंधन और वेतन का वितरण सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) की स्थापना की थी। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए, लेकिन दीवान-ए-आरिज की स्थापना बलबन ने की थी। मुहम्मद बिन तुगलक ने कई महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू कीं, पर यह विभाग पहले से था।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई थी?
- 1336 ईस्वी, हरिहर और बुक्का
- 1565 ईस्वी, कृष्ण देवराय
- 1478 ईस्वी, देवराय प्रथम
- 1347 ईस्वी, अलाउद्दीन बहमन शाह
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों द्वारा की गई थी। उन्होंने अपने गुरु विद्यारण्य के आशीर्वाद से तुंगभद्रा नदी के किनारे इस साम्राज्य की नींव रखी।
- संदर्भ और विस्तार: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य था जिसने दिल्ली सल्तनत के विस्तार को रोका। यह कला, साहित्य और संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र बना। हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम इसके पहले शासक थे।
- गलत विकल्प: 1565 ईस्वी में तालीकोटा का युद्ध हुआ था। कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने बाद में शासन किया। अलाउद्दीन बहमन शाह ने बहमनी साम्राज्य की स्थापना की थी।
प्रश्न 8: ‘इबादत खाना’ (प्रार्थना कक्ष) का निर्माण किसने करवाया था?
- बाबर
- हुमायूँ
- अकबर
- शाहजहाँ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मुगल सम्राट अकबर ने 1575 ईस्वी में फतेहपुर सीकरी में ‘इबादत खाना’ का निर्माण करवाया था। यह एक ऐसी जगह थी जहाँ विभिन्न धर्मों के विद्वान और प्रतिनिधि धार्मिक चर्चाओं के लिए एकत्र होते थे।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर का उद्देश्य विभिन्न धर्मों के प्रति सहिष्णुता को बढ़ावा देना और सत्य की खोज करना था। इबादत खाने में मुस्लिम, हिंदू, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के विद्वान अपनी-अपनी मान्यताओं पर विचार-विमर्श करते थे। इसने बाद में अकबर के ‘दीन-ए-इलाही’ जैसे विचारों को जन्म दिया।
- गलत विकल्प: बाबर मुगल वंश का संस्थापक था। हुमायूँ ने शासन संभाला, और शाहजहाँ अपने निर्माण कार्यों (जैसे ताजमहल) के लिए प्रसिद्ध है।
प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1857 के भारतीय विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे। विद्रोह के बाद, 1858 में भारत का शासन ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया और कैनिंग भारत के प्रथम वाइसरॉय बने।
- संदर्भ और विस्तार: कैनिंग ने विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बाद में उन्होंने प्रशासन में कई सुधार लागू किए, जैसे कि भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) का निर्माण।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह से पहले गवर्नर-जनरल थे और उनकी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) को विद्रोह के कारणों में से एक माना जाता है। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड कर्जन बाद के वाइसरॉय थे।
प्रश्न 10: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब प्रारंभ हुआ था?
- 1920
- 1930
- 1942
- 1947
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ 8 अगस्त, 1942 को प्रारंभ हुआ था। महात्मा गांधी ने ग्वालिया टैंक मैदान, मुंबई (तत्कालीन बंबई) में इस आंदोलन की शुरुआत करते हुए ‘करो या मरो’ का नारा दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शुरू हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारत से ब्रिटिश शासन को समाप्त करना था। आंदोलन के प्रारंभ होते ही अंग्रेजों ने प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आंदोलन देश भर में फैल गया।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन, और 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ हुआ था। 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली।
प्रश्न 11: फ्रांस की क्रांति का प्रमुख नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- गणतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्रीय एकता
- समाजवाद, साम्राज्यवाद, साम्यवाद
- आजादी, भाईचारा, प्रगति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: फ्रांस की क्रांति (1789) का प्रमुख और सबसे प्रसिद्ध नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था। यह नारा क्रांति के आदर्शों को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस नारे ने फ्रांसीसी गणराज्य के मूल सिद्धांतों को स्थापित किया और पूरी दुनिया में लोकशाही और मानवाधिकारों के आंदोलनों को प्रेरित किया। स्वतंत्रता का अर्थ था राजशाही के दमन से मुक्ति, समानता का अर्थ था सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार, और बंधुत्व का अर्थ था राष्ट्र के लोगों के बीच एकता।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प फ्रांसीसी क्रांति के संदर्भ में सटीक नहीं हैं या बाद के राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े हैं।
प्रश्न 12: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) का प्रारंभ किस देश में हुआ?
- फ्रांस
- इंग्लैंड
- इटली
- स्पेन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: पुनर्जागरण, जिसने यूरोप में कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में एक नई चेतना का संचार किया, का प्रारंभ 14वीं शताब्दी में इटली में हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इटली के फ्लोरेंस, वेनिस और रोम जैसे शहर पुनर्जागरण के प्रमुख केंद्र बने। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे कलाकारों और पेट्रार्क, दांते जैसे लेखकों ने मानवतावादी विचारों को बढ़ावा दिया, जिसने मध्ययुगीन सोच से एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित किया।
- गलत विकल्प: ये अन्य यूरोपीय देश थे जहाँ पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसका मूल इटली ही था।
प्रश्न 13: सम्राट अशोक का सबसे प्रसिद्ध शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ है?
- कालसी
- एरण
- गिरनार
- धौली
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सम्राट अशोक के प्रमुख शिलालेखों में धौली (ओडिशा) और जौगढ़ (ओडिशा) विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। इन शिलालेखों में कलिंग युद्ध के बाद अशोक के हृदय परिवर्तन और बौद्ध धर्म अपनाने का उल्लेख मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: धौली का शिलालेख अशोक के 14 शिलालेखों का हिस्सा है और इसमें पशु बलि की निंदा, धम्म के सिद्धांतों और लोगों के कल्याण के प्रति सम्राट की प्रतिबद्धता का वर्णन है। यह अशोक के अभिलेखों में सबसे विस्तृत अभिलेखों में से एक है।
- गलत विकल्प: कालसी (उत्तराखंड) और गिरनार (गुजरात) में भी अशोक के शिलालेख मिले हैं, लेकिन धौली का शिलालेख अपने भावनात्मक और नैतिक संदेश के लिए अधिक प्रसिद्ध है। एरण (मध्य प्रदेश) में अशोक के लघु शिलालेख मिले हैं।
प्रश्न 14: ‘जजिया’ कर किसके द्वारा पुनः लगाया गया था?
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
- सिकंदर लोदी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388 ईस्वी) ने गैर-मुसलमानों पर ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था और इसे अधिक व्यवस्थित रूप से वसूला। उसने ब्राह्मणों पर भी जजिया लगाया।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि कुतुबुद्दीन ऐबक के समय से ही जजिया लागू था, फिरोजशाह तुगलक ने इसे इस्लामिक कानून के अनुसार एक अनिवार्य कर घोषित किया। उसने सिंचाई कर (हक-ए-शर्ब) भी लगाया और सार्वजनिक निर्माणों पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने जजिया लागू करने की शुरुआत की थी, लेकिन फिरोजशाह तुगलक ने इसे प्रमुखता दी और इसके नियमों को कड़ा किया। अलाउद्दीन खिलजी ने कर प्रणाली में सुधार किए लेकिन जजिया को इस तरह से पुनर्जीवित नहीं किया। सिकंदर लोदी एक अफगान शासक था।
प्रश्न 15: ‘बाबरनामा’ किस भाषा में लिखा गया था?
- फ़ारसी
- तुर्की
- अरबी
- उर्दू
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘बाबरनामा’ (जिसे ‘तुजुक-ए-बाबरी’ भी कहा जाता है) मुगल सम्राट बाबर की आत्मकथा है, और यह तुर्की भाषा (चगताई तुर्क) में लिखा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: बाबर ने यह रचना अपनी जीवन यात्रा, युद्धों, अनुभवों और तत्कालीन राजनीतिक स्थितियों का वर्णन करने के लिए लिखी थी। यह आत्मकथा बाबर की व्यक्तिगत शैली, उसकी युद्ध कौशल और तत्कालीन समाज की झलक प्रस्तुत करती है। इसे बाद में फ़ारसी में अनुवादित किया गया था।
- गलत विकल्प: फ़ारसी मुगलों की दरबारी भाषा थी, लेकिन बाबर ने अपनी आत्मकथा अपनी मातृभाषा में लिखी। अरबी और उर्दू बाद में प्रमुख भाषाएँ बनीं।
प्रश्न 16: ‘सती प्रथा’ के विरुद्ध किसने सर्वप्रथम आवाज उठाई?
- राजा राममोहन राय
- ईश्वरचंद्र विद्यासागर
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- ज्योतिबा फुले
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: राजा राममोहन राय को ‘सती प्रथा’ के विरुद्ध सबसे मुखर और प्रभावी आवाज उठाने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। उन्होंने इस प्रथा को समाप्त कराने के लिए ब्रिटिश सरकार पर अथक दबाव डाला।
- संदर्भ और विस्तार: राजा राममोहन राय के प्रयासों के कारण ही तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने 1829 में ‘बंगाल सती रेगुलेशन’ पारित किया, जिसने बंगाल प्रेसीडेंसी में सती प्रथा को अवैध घोषित कर दिया। उन्होंने विधवाओं के पुनर्विवाह का भी समर्थन किया।
- गलत विकल्प: ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह अधिनियम (1856) पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘शुद्धि आंदोलन’ और ‘आर्य समाज’ की स्थापना की। ज्योतिबा फुले ने निम्न जातियों और महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया।
प्रश्न 17: ‘कैबिनेट मिशन’ भारत कब आया था?
- 1945
- 1946
- 1947
- 1948
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: तीन सदस्यीय कैबिनेट मिशन, जिसमें पैथिक लॉरेंस, स्टैफ़ोर्ड क्रिप्स और ए.वी. अलेक्जेंडर शामिल थे, भारत में मार्च 1946 में आया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत में सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को समझना और भारतीय नेताओं के साथ मिलकर एक ऐसी योजना तैयार करना था जो स्वतंत्रता के बाद भारत के लिए एक संविधान की रूपरेखा तैयार कर सके। मिशन ने भारत के विभाजन को अस्वीकार किया लेकिन एक ढीले महासंघ का प्रस्ताव रखा।
- गलत विकल्प: 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ था। 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। 1948 में भारत का विभाजन अंतिम रूप ले चुका था।
प्रश्न 18:TCP/IP मॉडल की किस परत (Layer) को ‘नेटवर्क एक्सेस लेयर’ (Network Access Layer) के नाम से भी जाना जाता है?
- एप्लिकेशन लेयर
- ट्रांसपोर्ट लेयर
- इंटरनेट लेयर
- नेटवर्क एक्सेस लेयर
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: TCP/IP मॉडल की सबसे निचली परत को ‘नेटवर्क एक्सेस लेयर’ या ‘लिंक लेयर’ (Link Layer) कहा जाता है। यह परत भौतिक (physical) और डेटा लिंक (data link) परतों के कार्यों को मिलाकर बनाई गई है।
- संदर्भ और विस्तार: यह परत नेटवर्क पर डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिए हार्डवेयर, जैसे ईथरनेट कार्ड और केबल, के साथ सीधे इंटरैक्ट करती है। यह MAC एड्रेसिंग और फ्रेमिंग जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार होती है।
- गलत विकल्प: एप्लिकेशन लेयर (जैसे HTTP, FTP), ट्रांसपोर्ट लेयर (जैसे TCP, UDP) और इंटरनेट लेयर (जैसे IP) TCP/IP मॉडल की अन्य महत्वपूर्ण परतें हैं, लेकिन नेटवर्क एक्सेस लेयर का नाम अलग है।
प्रश्न 19: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?
- अल-बरूनी
- अमीर खुसरो
- जियाउद्दीन बरनी
- इब्न बतूता
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ के लेखक जियाउद्दीन बरनी हैं। यह मध्यकालीन भारत के इतिहास, विशेषकर दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के शासनकाल का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- संदर्भ और विस्तार: बरनी ने अपनी रचना में फिरोज शाह तुगलक के प्रशासन, उसकी नीतियों, और उस समय के सामाजिक-आर्थिक जीवन का विस्तृत वर्णन किया है। यह पुस्तक 14वीं शताब्दी के भारत का एक अमूल्य ऐतिहासिक दस्तावेज है।
- गलत विकल्प: अल-बरूनी ने ‘किताब-उल-हिंद’ लिखी। अमीर खुसरो एक महान कवि और संगीतकार थे जिन्होंने विभिन्न सुल्तानों के दरबार में सेवा की। इब्न बतूता मोरक्को का यात्री था जिसने ‘रेहला’ लिखी।
प्रश्न 20: असहयोग आंदोलन के दौरान विदेशी कपड़ों का बहिष्कार एक प्रमुख तत्व था। इस बहिष्कार का नारा किस संगठन ने दिया था?
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- खुदा-ए-खिदमतगार
- हिंदू महासभा
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: असहयोग आंदोलन (1920-22) के दौरान विदेशी कपड़ों के बहिष्कार का नारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने नेतृत्व में पूरे देश में फैलाया था। यह आंदोलन की अहिंसक रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
- संदर्भ और विस्तार: विदेशी वस्तुओं, विशेषकर कपड़ों का बहिष्कार, स्वदेशी को बढ़ावा देने और ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का एक तरीका था। लोगों से विदेशी कपड़ों को जलाकर या उनका उपयोग बंद करके राष्ट्रीय भावना को व्यक्त करने का आह्वान किया गया था।
- गलत विकल्प: खुदा-ए-खिदमतगार (सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान द्वारा स्थापित) ने अहिंसक प्रतिरोध पर जोर दिया, लेकिन बहिष्कार का मुख्य नारा कांग्रेस का था। हिंदू महासभा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की भूमिका इस आंदोलन में अलग थी।
प्रश्न 21: ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ किस सिख नेता के नेतृत्व वाली अलगाववादी आंदोलन का परिणाम था?
- संत हरचंद सिंह लोंगोवाल
- जर्नेल सिंह भिंडरावाले
- शिष्य सिंह
- काला सिंह
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ (जून 1984) एक सैन्य कार्रवाई थी जो जर्नेल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले अलगाववादी आंदोलन के जवाब में की गई थी। भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर, अमृतसर को अपने समर्थकों के साथ घेर लिया था।
- संदर्भ और विस्तार: भिंडरावाले और उनके अनुयायी खालिस्तान की मांग कर रहे थे और मंदिर परिसर को अपना गढ़ बना लिया था। भारतीय सेना ने मंदिर से उग्रवादियों को निकालने के लिए यह कार्रवाई की, जिसमें काफी नुकसान हुआ और सिख समुदाय में गहरा रोष फैला।
- गलत विकल्प: संत हरचंद सिंह लोंगोवाल अलगाववादी आंदोलन के एक अन्य नेता थे, लेकिन भिंडरावाले सबसे उग्रवादी नेता थे। अन्य विकल्प इस संदर्भ से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 22: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद’ काल की शुरुआत लगभग किस शताब्दी ईसा पूर्व में हुई?
- 10वीं शताब्दी ईसा पूर्व
- 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व
- 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व
- 3री शताब्दी ईसा पूर्व
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: प्राचीन भारत में महाजनपदों (बड़े राज्यों) का उदय छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ। इस काल में वैदिक काल की जनजातीय व्यवस्था से बदलकर बड़े, संगठित राज्यों का विकास हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में 16 प्रमुख महाजनपद थे, जिनमें मगध, कोसल, वत्स, अवंती आदि प्रमुख थे। इन महाजनपदों के बीच सत्ता के लिए संघर्ष चलता रहता था, और अंततः मगध सबसे शक्तिशाली राज्य बनकर उभरा। बौद्ध धर्म और जैन धर्म का उदय भी इसी काल की महत्वपूर्ण घटनाएँ हैं।
- गलत विकल्प: 10वीं और 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व में प्रारंभिक वैदिक और उत्तर-वैदिक काल का प्रभाव था। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य साम्राज्य का काल था।
प्रश्न 23: ‘अकाल तख्त’ (ईश्वर का सिंहासन) की स्थापना किसने की थी?
- गुरु नानक देव
- गुरु रामदास
- गुरु हरगोविंद
- गुरु गोविंद सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: छठवें सिख गुरु, गुरु हरगोविंद ने 1606 ईस्वी में अमृतसर में ‘अकाल तख्त’ की स्थापना की थी। यह सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और राजनीतिक केंद्र है।
- संदर्भ और विस्तार: गुरु हरगोविंद ने सिखों को सैन्य प्रशिक्षण देने और आत्मरक्षा के लिए प्रेरित किया। अकाल तख्त की स्थापना ने सिखों को एक राजनीतिक शक्ति के रूप में संगठित करने में मदद की, जहाँ वे अपने समुदाय के मामलों पर निर्णय लेते थे।
- गलत विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु रामदास ने अमृतसर शहर की स्थापना की। गुरु गोविंद सिंह जी दसवें गुरु थे जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।
प्रश्न 24: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (American War of Independence) का मुख्य कारण क्या था?
- दास प्रथा का उन्मूलन
- ‘प्रतिनिधित्व के बिना कराधान नहीं’ (No Taxation Without Representation)
- औद्योगिक क्रांति
- फ्रांसीसी क्रांति का प्रभाव
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1775-1783) का सबसे प्रमुख कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा लागू की गई कर नीतियाँ थीं, जिनके विरुद्ध उपनिवेशों का नारा था ‘प्रतिनिधित्व के बिना कराधान नहीं’।
- संदर्भ और विस्तार: उपनिवेशवासी इस बात से नाराज़ थे कि ब्रिटिश संसद में उनका कोई प्रतिनिधित्व नहीं था, फिर भी उन पर स्टैंप अधिनियम (Stamp Act) और टाउनशेंड अधिनियम (Townshend Acts) जैसे विभिन्न कर लगाए जा रहे थे। यह नारा उनके राजनीतिक अधिकारों के उल्लंघन का प्रतीक बन गया।
- गलत विकल्प: दास प्रथा का उन्मूलन (a) एक बाद का मुद्दा था। औद्योगिक क्रांति (c) यूरोप में हो रही थी। फ्रांसीसी क्रांति (d) अमेरिकी क्रांति के बाद हुई, हालांकि दोनों में कुछ वैचारिक समानताएं थीं।
प्रश्न 25: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज्य’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कोलकाता अधिवेशन, 1928
- लखनऊ अधिवेशन, 1916
- त्रिपुरी अधिवेशन, 1939
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (दिसंबर 1929) में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज्य’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का लक्ष्य अब डोमिनियन स्टेटस (औपनिवेशिक स्वराज) प्राप्त करना नहीं, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है। 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया, जिसे आज भी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन (1928) में साइमन कमीशन के बहिष्कार का प्रस्ताव आया। लखनऊ अधिवेशन (1916) में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच ‘लखनऊ समझौता’ हुआ था। त्रिपुरी अधिवेशन (1939) में सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के बीच मतभेद उभरे थे।
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