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दीपावली का राष्ट्रीय उत्सव: अयोध्या की आस्था, गोवा का परम्परा और बाज़ारों की उमंग

दीपावली का राष्ट्रीय उत्सव: अयोध्या की आस्था, गोवा का परम्परा और बाज़ारों की उमंग

चर्चा में क्यों? (Why in News?):

दीपावली, जिसे ‘दीपोत्सव’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्योहार है। यह न केवल अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण संगम भी है। इस वर्ष, दिवाली ने विशेष रूप से कई आयामों को छुआ: अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़, गोवा में पारंपरिक ‘नरकासुर’ वध का उत्सव, और देशभर के बाज़ारों में देखी गई अभूतपूर्व रौनक। यह घटनाएँ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक आस्थाओं की गहराई और गतिशील अर्थव्यवस्था का एक जीवंत प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह घटनाएँ भारतीय समाज, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और शासन के विभिन्न पहलुओं को समझने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती हैं।

दीपावली: एक बहुआयामी उत्सव

दीपावली का उत्सव केवल एक रात का आयोजन नहीं है; यह विचारों, परंपराओं और गतिविधियों का एक विस्तृत ताना-बाना है जो पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में इसके मनाने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसका मूल भाव सर्वव्यापी है।

1. अयोध्या: आस्था का ज्वार और राष्ट्र का केंद्र

इस वर्ष की दिवाली ने अयोध्या को एक विशेष महत्व दिया, जो सदियों से चले आ रहे राम जन्मभूमि विवाद के समाधान के बाद बने भव्य राम मंदिर के निर्माण का केंद्र है। दिवाली के शुभ अवसर पर, मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जो न केवल एक धार्मिक पुनरुत्थान का प्रतीक है, बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की भावना का भी प्रतिनिधित्व करता है।

  • ऐतिहासिक महत्व: राम मंदिर का निर्माण और दिवाली पर भक्तों का आगमन एक ऐसे ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक है जहाँ दशकों की प्रतीक्षा और विवाद का समाधान हुआ है। यह भारत की न्याय प्रणाली, सामाजिक सद्भाव और धार्मिक सहिष्णुता के विकास को दर्शाता है।
  • धार्मिक पर्यटन और अर्थव्यवस्था: अयोध्या अब भारत के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है। मंदिर के खुलने के बाद, तीर्थयात्रियों की भारी संख्या ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है, जिससे होटल, रेस्तरां, परिवहन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
  • सांस्कृतिक पुनर्जागरण: राम मंदिर का निर्माण और उससे जुड़ा उत्सव भारत में एक प्रकार के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संकेत देता है, जहाँ प्राचीन मान्यताओं और परंपराओं को आधुनिक संदर्भ में महत्व दिया जा रहा है। यह ‘देखो अपना देश’ जैसी पहलों को भी बल देता है।
  • UPSC प्रासंगिकता: यह अयोध्या की घटनाएँGS-I (भारतीय संस्कृति, आधुनिक भारतीय इतिहास), GS-II (सरकार की नीतियाँ और हस्तक्षेप, न्यायपालिका की भूमिका) और GS-III (अर्थव्यवस्था, पर्यटन) के लिए महत्वपूर्ण हैं।

2. गोवा: नरकासुर वध की परम्परा का प्रतीक

गोवा में दिवाली मनाने का एक अनूठा तरीका है, जहाँ ‘नरकासुर’ नाम के राक्षस के पुतले जलाए जाते हैं। यह परंपरा बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है, जो दिवाली के मूल संदेश से मेल खाती है।

  • सांस्कृतिक विविधता: नरकासुर वध की परंपरा गोवा की अनूठी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है, जो इसे भारत के अन्य हिस्सों से अलग करती है। यह दर्शाता है कि कैसे क्षेत्रीय विविधताएं राष्ट्रीय त्योहारों को अपना रंग देती हैं।
  • स्थानीय लोककथाएं और पौराणिक कथाएं: यह परंपरा भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस का वध करने की पौराणिक कथा से जुड़ी है, जो हर साल दिवाली की सुबह मनाई जाती है। यह लोककथाओं और पौराणिक कथाओं के संरक्षण और प्रसार का एक माध्यम है।
  • सामुदायिक भागीदारी: इन पुतलों का निर्माण और दहन अक्सर स्थानीय समुदायों द्वारा मिलकर किया जाता है, जो सामाजिक एकता और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देता है।
  • UPSC प्रासंगिकता: गोवा की यह परंपरा GS-I (भारतीय संस्कृति, कला और वास्तुकला) के अंतर्गत सांस्कृतिक विविधीकरण को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

3. बाज़ारों में रौनक: आर्थिक तेज़ी का संकेत

दिवाली हमेशा से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि रही है। इस वर्ष भी, ‘बाज़ारों में रौनक’ देखी गई, जो उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार का स्पष्ट संकेत है।

  • उपभोक्ता खर्च में वृद्धि: त्योहारी सीजन में लोग खरीदारी, उपहार देने और परिवार के साथ समय बिताने पर अधिक खर्च करते हैं। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, आभूषण, घरेलू सामान और मिठाइयों जैसे क्षेत्रों में बिक्री में भारी वृद्धि होती है।
  • अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: त्योहारी बिक्री न केवल खुदरा विक्रेताओं के लिए बल्कि निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए भी राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) के लिए भी एक बड़ा बढ़ावा है।
  • ‘फेस्टिवल बूम’ का प्रभाव: इस ‘फेस्टिवल बूम’ का समग्र जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह आर्थिक विकास को गति देने में मदद करता है और निवेश को प्रोत्साहित करता है।
  • आधुनिक उपभोक्तावाद: बाज़ारों की रौनक में ऑनलाइन खरीदारी (ई-कॉमर्स) का भी महत्वपूर्ण योगदान है, जिसने पारंपरिक खरीदारी के तरीकों को पूरक बनाया है।
  • UPSC प्रासंगिकता: बाज़ारों की रौनक GS-III (भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्तीय समावेशन, खुदरा क्षेत्र) और GS-IV (नैतिकता – उपभोक्तावाद का प्रभाव, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) के लिए प्रासंगिक है।

दीपावली से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलू

  • पर्यावरण संबंधी चिंताएँ: पटाखों से होने वाला वायु और ध्वनि प्रदूषण, और प्लास्टिक व अन्य कचरे का निपटान दिवाली से जुड़ी गंभीर पर्यावरणीय चिंताएं हैं। सरकार और नागरिक समाज इन मुद्दों पर जागरूकता बढ़ा रहे हैं। “ग्रीन दिवाली” जैसे अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
  • सुरक्षा संबंधी मुद्दे: आग लगने की घटनाओं और भीड़ प्रबंधन जैसे सुरक्षा पहलू भी दिवाली के दौरान महत्वपूर्ण हो जाते हैं। प्रशासन को विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।
  • महिला सशक्तिकरण: कई स्वयं सहायता समूह और महिला उद्यमी दिवाली को अपने उत्पादों (जैसे दीये, सजावटी सामान, मिठाइयां) को बेचने और आय अर्जित करने के अवसर के रूप में उपयोग करते हैं।
  • डिजिटल इंडिया का प्रभाव: ऑनलाइन भुगतान, डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने दिवाली की खरीदारी को पहले से कहीं अधिक सुलभ और कुशल बना दिया है।

UPSC परीक्षा के लिए गहराई से तैयारी

यह घटनाएँ UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों के लिए महत्वपूर्ण हैं:

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims):

  • GS-I (भारतीय संस्कृति, इतिहास): धार्मिक उत्सवों की प्रकृति, क्षेत्रीय विविधताएं, ऐतिहासिक संदर्भ (राम मंदिर)।
  • GS-II (शासन, राजनीति): सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, सरकारी नीतियाँ (जैसे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना), न्यायपालिका का निर्णय (राम मंदिर)।
  • GS-III (अर्थव्यवस्था): उपभोक्ता व्यय, खुदरा क्षेत्र, त्योहारी सीजन का आर्थिक प्रभाव, MSMEs, पर्यटन।
  • GS-IV (नैतिकता, शासन): पर्यावरण पर त्योहारों का प्रभाव (ग्रीन दिवाली), सार्वजनिक व्यवस्था (भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा)।

मुख्य परीक्षा (Mains):

  • निबंध (Essay): “भारतीय समाज में त्योहारों की भूमिका”, “सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता”, “आस्था, परंपरा और आधुनिकता का संगम”।
  • GS-I: “भारतीय त्योहारों की विविधता में एकता का विश्लेषण करें, विशेष रूप से दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों के उदाहरणों के साथ।”
  • GS-II: “राम मंदिर जैसे संवेदनशील सांस्कृतिक स्थलों के प्रबंधन में सरकार और न्यायपालिका की भूमिका की जांच करें।”
  • GS-III: “भारत में त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ता खर्च में वृद्धि का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले बहुआयामी प्रभावों का विश्लेषण करें।”

निष्कर्ष (Conclusion):

दीपावली, अपने हर रूप में, भारत की आत्मा को दर्शाती है – आस्था, परंपरा, उल्लास और प्रगति का एक जीवंत मिश्रण। अयोध्या में भक्तों की भीड़, गोवा में नरकासुर वध की परंपरा और बाज़ारों की उमंग, ये सभी मिलकर भारत की सांस्कृतिक गहराई, सामाजिक जुड़ाव और आर्थिक गतिशीलता की कहानी कहते हैं। UPSC उम्मीदवारों के लिए, इन घटनाओं का अध्ययन न केवल सामान्य ज्ञान को बढ़ाता है, बल्कि भारतीय समाज और राष्ट्र के जटिल ताने-बाने की गहरी समझ भी विकसित करता है, जो परीक्षा में सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है। इन उत्सवों के दौरान उभरने वाली चुनौतियों (जैसे पर्यावरण, सुरक्षा) और अवसरों (जैसे आर्थिक विकास, पर्यटन) का संतुलित विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. दीपावली का उत्सव अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
2. गोवा में दिवाली के अवसर पर ‘नरकासुर’ वध की परंपरा मनाई जाती है।
3. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हाल के वर्षों में पूरा हुआ है।
उपरोक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
a) केवल 1 और 2
b) केवल 2 और 3
c) केवल 1 और 3
d) 1, 2 और 3
उत्तर: d) 1, 2 और 3
व्याख्या: तीनों कथन सत्य हैं। दीपावली का मूल अर्थ ही अंधकार पर प्रकाश की विजय है। गोवा में नरकासुर वध एक प्रसिद्ध परंपरा है, और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ है और प्राण प्रतिष्ठा हुई है।

2. ‘नरकासुर वध’ की परंपरा मुख्य रूप से भारत के किस राज्य से संबंधित है?
a) महाराष्ट्र
b) पश्चिम बंगाल
c) गोवा
d) तमिलनाडु
उत्तर: c) गोवा
व्याख्या: नरकासुर वध की परंपरा विशेष रूप से गोवा में दिवाली से पहले मनाई जाती है, जो इस क्षेत्र की एक विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान है।

3. हालिया दिनों में अयोध्या चर्चा में रहा है। यह किस नदी के तट पर स्थित है?
a) सरयू
b) गोदावरी
c) गंगा
d) यमुना
उत्तर: a) सरयू
व्याख्या: अयोध्या, भगवान राम की जन्मस्थली, पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित है।

4. दीपावली के त्योहार से जुड़ा कौन सा आर्थिक पहलू सबसे प्रमुख है?
a) कृषि उत्पादन में वृद्धि
b) उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और खुदरा क्षेत्र में तेज़ी
c) शेयर बाज़ार में गिरावट
d) निर्यात में भारी कमी
उत्तर: b) उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और खुदरा क्षेत्र में तेज़ी
व्याख्या: दिवाली के दौरान, लोग उपहार, सजावट, कपड़े आदि पर अधिक खर्च करते हैं, जिससे उपभोक्ता मांग बढ़ती है और खुदरा क्षेत्र में रौनक आती है।

5. ‘ग्रीन दिवाली’ अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) पटाखों का अधिक उपयोग
b) पर्यावरण प्रदूषण को कम करना
c) बिजली की खपत बढ़ाना
d) केवल मीठे पकवानों पर ध्यान केंद्रित करना
उत्तर: b) पर्यावरण प्रदूषण को कम करना
व्याख्या: ‘ग्रीन दिवाली’ का उद्देश्य पटाखों से होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करना, पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाना है।

6. निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘राम मंदिर, अयोध्या’ के निर्माण से संबंधित नहीं है?
a) यह भारतीय न्यायपालिका के एक ऐतिहासिक निर्णय का परिणाम है।
b) इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत के पुनरुद्धार के रूप में देखा जाता है।
c) यह मुख्य रूप से एक वास्तुशिल्प चमत्कार पर केंद्रित है, न कि धार्मिक महत्व पर।
d) इसके निर्माण ने अयोध्या को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है।
उत्तर: c) यह मुख्य रूप से एक वास्तुशिल्प चमत्कार पर केंद्रित है, न कि धार्मिक महत्व पर।
व्याख्या: राम मंदिर का निर्माण धार्मिक महत्व पर केंद्रित है, हालांकि यह वास्तुशिल्प की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

7. भारत में त्योहारों को अक्सर ‘फेस्टिवल बूम’ कहा जाता है। इसका अर्थ क्या है?
a) त्योहारों के दौरान आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि
b) त्योहारों के दौरान मौसम का अचानक बदलना
c) त्योहारों के दौरान राजनीतिक अस्थिरता
d) त्योहारों के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कमी
उत्तर: a) त्योहारों के दौरान आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि
व्याख्या: ‘फेस्टिवल बूम’ का तात्पर्य त्योहारी सीजन के दौरान होने वाली आर्थिक गतिविधियों (खरीददारी, खर्च, उत्पादन) में तेजी से है।

8. नरकासुर की पौराणिक कथा किस हिंदू देवता से जुड़ी है?
a) शिव
b) विष्णु (कृष्ण अवतार)
c) ब्रह्मा
d) इंद्र
उत्तर: b) विष्णु (कृष्ण अवतार)
व्याख्या: नरकासुर का वध भगवान कृष्ण द्वारा किया गया था, जो भगवान विष्णु के अवतार थे।

9. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. ऑनलाइन शॉपिंग (ई-कॉमर्स) का दिवाली की बिक्री पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
2. छोटे और मध्यम उद्योग (MSMEs) त्योहारी बिक्री से लाभान्वित होते हैं।
उपरोक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
a) केवल 1
b) केवल 2
c) 1 और 2 दोनों
d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: c) 1 और 2 दोनों
व्याख्या: ई-कॉमर्स ने खरीदारी को आसान बनाया है, और MSMEs त्योहारी सीजन में अपने उत्पादों को बेचकर लाभ कमाते हैं।

10. दीपावली का उत्सव किस सामाजिक मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है?
a) भौतिकवाद का अतिरेक
b) सामाजिक सद्भाव और पारिवारिक बंधन
c) अलगाववाद और प्रतिस्पर्धा
d) केवल व्यक्तिगत लाभ
उत्तर: b) सामाजिक सद्भाव और पारिवारिक बंधन
व्याख्या: दिवाली परिवार और दोस्तों के साथ जुड़ने, मेल-मिलाप करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने का त्योहार है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. “दीपावली एक ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जो भारत की सांस्कृतिक विविधता में एकता को प्रदर्शित करता है।” इस कथन का विश्लेषण करें, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर की विशिष्ट घटना, गोवा की नरकासुर वध परंपरा और राष्ट्रीय बाज़ारों की रौनक के उदाहरणों को शामिल किया गया हो। (250 शब्द)
(Analyze the statement: “Diwali is a national festival that showcases unity in India’s cultural diversity.” Include examples from the specific event of the Ram Mandir in Ayodhya, the Narkasur Vadh tradition in Goa, and the nationwide market boom.)

2. “त्योहारी सीजन, विशेष रूप से दीपावली, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण ‘बूस्टर’ का काम करता है।” इस कथन के आलोक में, उपभोक्ता खर्च में वृद्धि, खुदरा क्षेत्र पर प्रभाव और छोटे व मध्यम उद्योगों (MSMEs) के लिए अवसरों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। (250 शब्द)
(In light of the statement: “The festive season, particularly Diwali, acts as a significant ‘booster’ for the Indian economy.” Critically evaluate the increase in consumer spending, its impact on the retail sector, and the opportunities for Micro, Small, and Medium Enterprises (MSMEs).)

3. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और उससे जुड़े उत्सव भारत की सामाजिक-धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित करते हैं? इसके संभावित सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों का विस्तार से वर्णन करें। (200 शब्द)
(How does the construction and associated celebrations of the Ram Mandir in Ayodhya impact India’s socio-religious and cultural landscape? Describe its potential positive and negative impacts in detail.)

4. दीपावली के दौरान पर्यावरण प्रदूषण (वायु और ध्वनि) एक गंभीर चिंता का विषय रहा है। ‘ग्रीन दिवाली’ जैसी पहलें इस समस्या का समाधान कैसे कर सकती हैं? इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कदमों का सुझाव दें। (150 शब्द)
(Environmental pollution (air and noise) during Diwali has been a serious concern. How can initiatives like ‘Green Diwali’ address this problem? Suggest steps necessary for its effective implementation.)

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