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      संविधान का महासंग्राम: 25 प्रश्न, 25 जवाब!
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      संविधान का महासंग्राम: 25 प्रश्न, 25 जवाब!

      नमस्कार, भावी अध‍िकार‍ियों! भारत के जीवंत लोकतांत्रिक ढांचे की गहराई में गोता लगाने और अपने संवैधानिक ज्ञान को पैना करने के लिए तैयार हो जाइए। यह प्रश्नोत्तरी न केवल आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखेगी, बल्कि आपको भारतीय राजव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभों से फिर से जोड़ेगी। आइए, आज के इस ज्ञान यज्ञ में अपनी आहुति दें और बेहतर कल की नींव रखें!

      भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्नोत्तरी

      निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

      प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

      1. विधि के समक्ष समानता
      2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
      3. अवसर की समानता
      4. वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

      उत्तर: (b)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल नागरिकों को प्राप्त है। यह मौलिक अधिकार सुनिश्चित करता है कि राज्य किसी भी नागरिक के साथ केवल इन आधारों पर भेदभाव नहीं करेगा।
      • संदर्भ एवं विस्तार: अन्य विकल्प, जैसे विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14), अवसर की समानता (अनुच्छेद 16), और वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19), नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त हैं (हालांकि अनुच्छेद 19 की स्वतंत्रता केवल नागरिकों के लिए है, लेकिन यह एक व्यापक श्रेणी है)। अनुच्छेद 15 विशेष रूप से नागरिकता पर आधारित है।
      • गलत विकल्प: (a) विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों) को प्राप्त है। (c) अवसर की समानता (अनुच्छेद 16) हालांकि मुख्य रूप से सार्वजनिक रोजगार में है, कुछ हद तक विदेशियों पर भी लागू हो सकती है, लेकिन इसका मूल उद्देश्य नागरिकों के लिए है। (d) वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19) केवल नागरिकों को प्राप्त है, लेकिन प्रश्न पूछ रहा है ‘केवल’ भारतीय नागरिकों को प्राप्त अधिकार, और अनुच्छेद 15 इस श्रेणी में एक अधिक विशिष्ट उदाहरण है।

      प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?

      1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
      2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
      3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
      4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ (पंथनिरपेक्ष) और ‘अखंडता’ ये तीनों महत्वपूर्ण शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे।
      • संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है क्योंकि इसने संविधान में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए थे। इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत के सामाजिक और राजनीतिक दर्शन को और स्पष्ट करना था।
      • गलत विकल्प: (b) 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया और कुछ अन्य सुरक्षात्मक उपाय किए। (c) 52वां संशोधन, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को संविधान की 10वीं अनुसूची में जोड़ा। (d) 73वां संशोधन, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।

      प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति को पद से हटाने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?

      1. महाभियोग
      2. अविश्वास प्रस्ताव
      3. संसदीय प्रत्यय
      4. न्यायिक पुनर्विलोकन

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को संविधान के उल्लंघन के आरोप में महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया द्वारा पद से हटाया जा सकता है। यह प्रक्रिया अनुच्छेद 61 में वर्णित है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: महाभियोग का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू किया जा सकता है। प्रस्ताव पर सदन के कुल सदस्यों के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए और इसे उस सदन के कुल सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए। फिर यह दूसरे सदन में जाता है, जहाँ आरोप की जांच की जाती है। यदि दूसरा सदन भी दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दे, तो राष्ट्रपति को पद से हटा दिया जाता है।
      • गलत विकल्प: (b) अविश्वास प्रस्ताव केवल मंत्रिपरिषद के विरुद्ध लोकसभा में लाया जाता है, राष्ट्रपति के विरुद्ध नहीं। (c) संसदीय प्रत्यय (Parliamentary Approval) एक सामान्य शब्द है, जो राष्ट्रपति को हटाने की विशिष्ट प्रक्रिया का वर्णन नहीं करता। (d) न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) न्यायपालिका की शक्ति है, जिसके द्वारा वह विधायिका और कार्यपालिका के कार्यों की संवैधानिकता की जांच करती है; यह राष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया नहीं है।

      प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी याचिका किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार की वैधता को चुनौती देती है?

      1. बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
      2. परमादेश (Mandamus)
      3. प्रतिषेध (Prohibition)
      4. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)

      उत्तर: (d)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) याचिका तब जारी की जाती है जब कोई व्यक्ति ऐसे लोक पद पर आसीन हो जाता है, जिस पर उसका कोई कानूनी अधिकार नहीं है। यह याचिका उस व्यक्ति से यह पूछती है कि वह किस अधिकार के तहत उस पद पर कार्य कर रहा है। यह शक्ति सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 32 और हाई कोर्ट को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: इस याचिका का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक पद पर केवल योग्य व्यक्ति ही नियुक्त हों और कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से पद धारण न करे।
      • गलत विकल्प: (a) बन्दी प्रत्यक्षीकरण किसी गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायालय में प्रस्तुत करने की मांग करती है। (b) परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य निभाने का आदेश देती है। (c) प्रतिषेध का प्रयोग उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय या न्यायाधिकरण को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए किया जाता है।

      प्रश्न 5: भारत में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ (DPSP) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

      1. आयरलैंड
      2. संयुक्त राज्य अमेरिका
      3. कनाडा
      4. ऑस्ट्रेलिया

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (DPSP) आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं। ये सिद्धांत संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) में उल्लिखित हैं।
      • संदर्भ एवं विस्तार: आयरलैंड के संविधान ने अपने ‘निर्देशात्मक सिद्धांत’ स्पेनिश संविधान से लिए थे, जिन्होंने फिर अमेरिकी संविधान के ‘निर्देशात्मक उपबंधों’ (Directive Principles of the American Constitution) से प्रेरणा ली थी। DPSP गैर-न्यायसंगत (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि इन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती, लेकिन सरकार के लिए कानून बनाते समय इनका ध्यान रखना अनिवार्य है।
      • गलत विकल्प: (b) संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) और न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) की अवधारणा ली गई है। (c) कनाडा से संघीय व्यवस्था, अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत और केंद्र की ओर झुकी संघीय प्रणाली ली गई है। (d) ऑस्ट्रेलिया से प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची (Concurrent List) और व्यापार, वाणिज्य एवं समागम की स्वतंत्रता ली गई है।

      प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति करता है?

      1. भारत के राष्ट्रपति
      2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
      3. प्रधानमंत्री
      4. कानून मंत्री

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। वह कोई अन्य व्यवसाय नहीं कर सकता। राष्ट्रपति महान्यायवादी को तब तक पद पर बनाए रखता है जब तक कि वह उनकी कृपा (pleasure) पर हो, अर्थात उसे कभी भी हटाया जा सकता है।
      • गलत विकल्प: (b) भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) न्यायपालिका के प्रमुख हैं और उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, न कि वे महान्यायवादी की नियुक्ति करते हैं। (c) प्रधानमंत्री (Prime Minister) सरकार के प्रमुख होते हैं, लेकिन महान्यायवादी की नियुक्ति सीधे प्रधानमंत्री द्वारा नहीं की जाती, यद्यपि वे सलाह दे सकते हैं। (d) कानून मंत्री (Law Minister) न्याय विभाग के प्रभारी होते हैं, लेकिन नियुक्ति का संवैधानिक अधिकार राष्ट्रपति के पास है।

      प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?

      1. भाग IX
      2. भाग IX-A
      3. भाग VII
      4. भाग XI

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, पंचायती राज संस्थाओं (Gram Panchayats) के प्रावधानों से संबंधित है। इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
      • संदर्भ एवं विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज की संरचना, सदस्यों का चुनाव, शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व आदि का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस भाग ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
      • गलत विकल्प: (b) भाग IX-A नगर पालिकाओं (Municipalities) से संबंधित है, जिसे 74वें संशोधन, 1992 द्वारा जोड़ा गया था। (c) भाग VII को 7वें संशोधन, 1956 द्वारा निरस्त कर दिया गया था। (d) भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है।

      प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन भारत की संसद का अनन्य अंग नहीं है?

      1. राष्ट्रपति
      2. लोकसभा
      3. राज्यसभा
      4. प्रधानमंत्री

      उत्तर: (d)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसद के तीन अंग हैं: राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा। यह अनुच्छेद 79 में परिभाषित है। प्रधानमंत्री संसद का सदस्य होता है (या तो लोकसभा या राज्यसभा का), लेकिन वह संसद का एक ‘अंग’ (component) नहीं है, बल्कि कार्यपालिका का प्रमुख है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति की भूमिका विधायी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है, जैसे कि विधेयक को सहमति देना। लोकसभा और राज्यसभा विधायी निकाय हैं। प्रधानमंत्री, जो अक्सर बहुमत दल का नेता होता है, विधायिका का नेतृत्व करता है लेकिन संसद के ‘अंग’ होने की परिभाषा में फिट नहीं बैठता।
      • गलत विकल्प: (a) राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग है। (b) लोकसभा संसद का निम्न सदन है। (c) राज्यसभा संसद का उच्च सदन है। ये सभी संसद के परिभाषित अंग हैं।

      प्रश्न 9: भारत में वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?

      1. अनुच्छेद 360
      2. अनुच्छेद 356
      3. अनुच्छेद 352
      4. अनुच्छेद 320

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत में वित्तीय आपातकाल की घोषणा अनुच्छेद 360 के तहत की जा सकती है। इस घोषणा का आधार यह होना चाहिए कि भारत की वित्तीय स्थिरता या साख खतरे में है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 360 के तहत घोषित वित्तीय आपातकाल दो महीने से अधिक समय तक लागू नहीं रह सकता, जब तक कि उस अवधि के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा उसका अनुमोदन न कर दिया जाए। यदि यह लागू होता है, तो राष्ट्रपति राज्यों को अपने वित्तीय औचित्य के मानकों को बनाए रखने के लिए आवश्यक उपायों के आदेश दे सकते हैं, जिसमें धन की कमी वाले सार्वजनिक कर्मचारियों के वेतन में कटौती भी शामिल है। भारत में आज तक कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं हुआ है।
      • गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 356 ‘राष्ट्रपति शासन’ (राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता) से संबंधित है। (c) अनुच्छेद 352 ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ (युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह) से संबंधित है। (d) अनुच्छेद 320 लोक सेवा आयोगों (Public Service Commissions) के कार्यों से संबंधित है।

      प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था संवैधानिक निकाय नहीं है?

      1. चुनाव आयोग (Election Commission)
      2. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
      3. नीति आयोग (NITI Aayog)
      4. वित्त आयोग (Finance Commission)

      उत्तर: (c)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक संवैधानिक निकाय नहीं है। यह एक कार्यकारी आदेश (executive order) द्वारा 1 जनवरी, 2015 को स्थापित एक थिंक टैंक है। यह योजना आयोग का स्थान लेगा।
      • संदर्भ एवं विस्तार: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित वैधानिक (संवैधानिक) निकाय हैं, जिनके लिए संविधान में विशिष्ट प्रावधान हैं।
      • गलत विकल्प: (a) चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324) एक संवैधानिक निकाय है। (b) संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) एक संवैधानिक निकाय है। (d) वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) एक संवैधानिक निकाय है।

      प्रश्न 11: भारतीय संविधान के अनुसार, अवशिष्ट शक्तियां (Residuary Powers) किसमें निहित हैं?

      1. केंद्र सरकार
      2. राज्य सरकार
      3. केंद्र और राज्य सरकार दोनों
      4. न्यायपालिका

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में, अवशिष्ट शक्तियों (अर्थात वे शक्तियां जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं हैं) का अधिकार केंद्र सरकार में निहित है। यह अनुच्छेद 248 में उल्लिखित है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 248 के अनुसार, संसद को अवशिष्ट विधायी शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार है। यह भारत की संघीय व्यवस्था की एक विशिष्ट विशेषता है, जो कनाडा के संविधान से प्रभावित है, जहाँ केंद्र को अधिक मजबूत बनाया गया है।
      • गलत विकल्प: (b) राज्य सरकार को केवल राज्य सूची में सूचीबद्ध विषयों पर कानून बनाने की शक्ति है। (c) केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का वितरण स्पष्ट रूप से संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों में किया गया है; अवशिष्ट शक्तियां इन सूचियों से बाहर हैं। (d) न्यायपालिका शक्तियों के प्रयोग में सर्वोच्च है, लेकिन अवशिष्ट विधायी शक्तियां उसके पास नहीं हैं।

      प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस अधिनियम ने भारत में द्वैध शासन (Dyarchy) की शुरुआत की?

      1. भारत सरकार अधिनियम, 1919
      2. भारत सरकार अधिनियम, 1935
      3. भारतीय परिषद अधिनियम, 1909
      4. भारत का स्वतंत्रता अधिनियम, 1947

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार) ने प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की शुरुआत की।
      • संदर्भ एवं विस्तार: इस अधिनियम के तहत, प्रांतीय विषयों को दो भागों में बांटा गया था: हस्तांतरित (Transferred) और आरक्षित (Reserved)। हस्तांतरित विषयों का प्रशासन राज्यपाल और निर्वाचित मंत्रियों की सहायता से करता था, जबकि आरक्षित विषयों का प्रशासन राज्यपाल और उसकी कार्यकारी परिषद द्वारा किया जाता था। हालाँकि, केंद्र में द्वैध शासन नहीं था।
      • गलत विकल्प: (b) भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने केंद्र और प्रांतों दोनों में द्वैध शासन (प्रांतों में समाप्त और केंद्र में लागू) की शुरुआत की, लेकिन प्रश्न ‘शुरुआत’ पूछ रहा है। (c) भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (मार्ले-मिंटो सुधार) ने सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की शुरुआत की। (d) भारत का स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 ने भारत को स्वतंत्रता दी और भारत के विभाजन का प्रावधान किया।

      प्रश्न 13: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची ‘दल-बदल’ (Defection) के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है?

      1. दसवीं अनुसूची
      2. नौवीं अनुसूची
      3. बारहवीं अनुसूची
      4. सातवीं अनुसूची

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) दल-बदल के आधार पर संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित है। इसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
      • संदर्भ एवं विस्तार: इस अनुसूची का उद्देश्य विधायकों को दल-बदल की राजनीति से रोकना और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना है। हालाँकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, जैसे कि यदि किसी दल के एक-तिहाई सदस्य दल बदलें तो वे अयोग्य घोषित नहीं होंगे। (बाद में 91वें संशोधन द्वारा यह सीमा दो-तिहाई कर दी गई)।
      • गलत विकल्प: (b) नौवीं अनुसूची में कुछ केंद्रीय और राज्य विधानों की सूची है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट दी गई है। (c) बारहवीं अनुसूची में नगर पालिकाओं की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तरदायित्व सूचीबद्ध हैं। (d) सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है, जिसमें तीन सूचियाँ (संघ, राज्य, समवर्ती) हैं।

      प्रश्न 14: ‘कानून के शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा किस देश के संविधान से प्रभावित है?

      1. ब्रिटेन
      2. संयुक्त राज्य अमेरिका
      3. फ्रांस
      4. जर्मनी

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘कानून का शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा ब्रिटिश संवैधानिक प्रणाली से प्रभावित है और भारतीय संविधान में अनुच्छेद 14 के माध्यम से समाहित है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: कानून का शासन का अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। सभी कानून के अधीन हैं और सभी के लिए कानून समान रूप से लागू होता है। इसमें तीन सिद्धांत शामिल हैं: विधि का शासन, कानून के समक्ष समानता, और समान संरक्षण।
      • गलत विकल्प: (b) संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार और न्यायिक पुनर्विलोकन जैसी अवधारणाएं ली गई हैं। (c) फ्रांस से स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्श लिए गए हैं। (d) जर्मनी से आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों के निलंबन का प्रावधान लिया गया है।

      प्रश्न 15: भारत के उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में, राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन कौन करता है?

      1. भारत के मुख्य न्यायाधीश
      2. लोकसभा का अध्यक्ष
      3. राज्यसभा का उप-सभापति
      4. महान्यायवादी

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की अनुपस्थिति या बीमारी की स्थिति में, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकते हैं (अनुच्छेद 65)। यदि उपराष्ट्रपति भी अनुपस्थित या कार्य करने में असमर्थ हों, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन करेंगे। (यह व्यवस्था 1969 में डॉ. जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद एक अस्थायी व्यवस्था के रूप में हुई थी, जब वी.वी. गिरि राष्ट्रपति बने थे।)
      • संदर्भ एवं विस्तार: यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि देश के सर्वोच्च पद पर कभी भी खालीपन न रहे। मुख्य न्यायाधीश तब तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेंगे जब तक कि कोई नया राष्ट्रपति पद ग्रहण नहीं कर लेता।
      • गलत विकल्प: (b) लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker) सदन की कार्यवाही का संचालन करता है, न कि राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन। (c) राज्यसभा का उप-सभापति (Deputy Chairman) राज्यसभा की अध्यक्षता करता है, लेकिन राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन नहीं। (d) महान्यायवादी (Attorney General) सरकार का कानूनी सलाहकार होता है।

      प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ का रक्षक माना जाता है?

      1. बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
      2. परमादेश (Mandamus)
      3. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
      4. उत्प्रेषण (Certiorari)

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) को ‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता का रक्षक’ माना जाता है। यह याचिका किसी भी नागरिक को अवैध गिरफ्तारी या कारावास से मुक्ति दिलाने का सबसे प्रभावी साधन है। यह न्यायालय को यह आदेश देने का अधिकार देती है कि गिरफ्तार व्यक्ति को अदालत के समक्ष पेश किया जाए। यह शक्ति सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 32 और हाई कोर्ट को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: यदि न्यायालय संतुष्ट हो जाता है कि व्यक्ति को अवैध रूप से बंदी बनाया गया है, तो उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दिया जाता है।
      • गलत विकल्प: (b) परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य निभाने का आदेश देता है। (c) अधिकार-पृच्छा किसी व्यक्ति से उसके सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार की वैधता पूछती है। (d) उत्प्रेषण (Certiorari) किसी निम्न न्यायालय या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है।

      प्रश्न 17: भारत में ‘संविधान दिवस’ किस तिथि को मनाया जाता है?

      1. 26 नवंबर
      2. 26 जनवरी
      3. 15 अगस्त
      4. 2 अक्टूबर

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत में ‘संविधान दिवस’ 26 नवंबर को मनाया जाता है। इसी दिन, 26 नवंबर, 1949 को, संविधान सभा ने इसे पारित किया था और यह भारत के लिए लागू हुआ था।
      • संदर्भ एवं विस्तार: 26 नवंबर को ‘विधि दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता था, लेकिन 2015 में भारत सरकार ने इसे ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिन को संविधान के निर्माता डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए चुना गया है।
      • गलत विकल्प: (b) 26 जनवरी, 1950 को संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ था और इस दिन ‘गणतंत्र दिवस’ मनाया जाता है। (c) 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली थी, इस दिन ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाया जाता है। (d) 2 अक्टूबर महात्मा गांधी का जन्मदिवस है, जिसे ‘गांधी जयंती’ के रूप में मनाया जाता है।

      प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन ‘संघवाद’ (Federalism) की विशेषता नहीं है?

      1. लिखित संविधान
      2. शक्तियों का विभाजन
      3. एकल नागरिकता
      4. स्वतंत्र न्यायपालिका

      उत्तर: (c)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: एकल नागरिकता (Single Citizenship) संघवाद की विशेषता नहीं है। संघवाद में आमतौर पर दोहरी नागरिकता (केंद्र और राज्य) होती है। भारत ने एकात्मक झुकाव वाली संघीय प्रणाली अपनाई है, जहाँ एकल नागरिकता की व्यवस्था है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: संघवाद की मुख्य विशेषताएँ हैं: लिखित और कठोर संविधान, केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन, और एक स्वतंत्र न्यायपालिका। भारत में, हालाँकि, संघात्मक ढांचे के बावजूद, केंद्र सरकार को अधिक मजबूत बनाने के लिए एकल नागरिकता, राज्यपाल की नियुक्ति, अखिल भारतीय सेवाओं आदि जैसी एकात्मक विशेषताएँ भी शामिल की गई हैं।
      • गलत विकल्प: (a) एक लिखित और कठोर संविधान संघवाद की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। (b) केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन संघवाद का मूल आधार है। (d) स्वतंत्र न्यायपालिका संघवाद को बनाए रखने और विवादों को हल करने के लिए आवश्यक है।

      प्रश्न 19: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?

      1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
      2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
      3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
      4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था। ये संविधान के भाग IV-A (अनुच्छेद 51-A) में उल्लिखित हैं।
      • संदर्भ एवं विस्तार: मौलिक कर्तव्यों की सिफारिश स्वर्ण सिंह समिति ने की थी। इन्हें संविधान में शामिल करने का उद्देश्य नागरिकों को उनके अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करना था। प्रारंभ में 10 कर्तव्य जोड़े गए थे, और बाद में 86वें संशोधन, 2002 द्वारा 11वां कर्तव्य जोड़ा गया।
      • गलत विकल्प: (b) 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। (c) 52वां संशोधन, 1985 ने दल-बदल विरोधी कानून जोड़ा। (d) 61वां संशोधन, 1989 ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

      प्रश्न 20: भारत के प्रधानमंत्री अपना त्यागपत्र किसे सौंपते हैं?

      1. भारत के राष्ट्रपति
      2. लोकसभा के अध्यक्ष
      3. राज्यसभा के सभापति
      4. भारत के मुख्य न्यायाधीश

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के प्रधानमंत्री अपना त्यागपत्र भारत के राष्ट्रपति को सौंपते हैं।
      • संदर्भ एवं विस्तार: यद्यपि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, लेकिन वे राष्ट्रपति की कृपा (pleasure) तक ही पद धारण करते हैं। यदि प्रधानमंत्री अपना त्यागपत्र दे देते हैं, तो सरकार स्वतः ही अपना बहुमत खो देती है और यह देश की व्यवस्था को स्थिर रखने के लिए एक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रावधान है।
      • गलत विकल्प: (b) लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) सदन की कार्यवाही के संचालन के लिए जिम्मेदार होते हैं, न कि प्रधानमंत्री से इस्तीफा स्वीकार करने के लिए। (c) राज्यसभा के सभापति (Chairman) भी इसी तरह प्रधानमंत्री से इस्तीफा स्वीकार नहीं करते। (d) भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) न्यायपालिका के प्रमुख हैं और उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

      प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन संसद की वित्तीय समितियों में शामिल नहीं है?

      1. लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee)
      2. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
      3. सरकारी उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
      4. सरकारी आश्वासन समिति (Committee on Government Assurances)

      उत्तर: (d)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं संदर्भ: लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति और सरकारी उपक्रम समिति संसद की प्रमुख वित्तीय समितियाँ हैं। सरकारी आश्वासन समिति एक अन्य महत्वपूर्ण समिति है, लेकिन इसे आमतौर पर वित्तीय समिति नहीं माना जाता है; यह सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के अनुपालन की जांच करती है।
      • संदर्भ एवं विस्तार:
        • लोक लेखा समिति: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट की जांच करती है।
        • प्राक्कलन समिति: व्यय की मितव्ययिता और दक्षता में सुधार हेतु सुझाव देती है।
        • सरकारी उपक्रम समिति: सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज की जांच करती है।
        • सरकारी आश्वासन समिति: संसद में सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों की पूर्ति की जांच करती है।

        वित्तीय समितियों का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक धन के उचित उपयोग को सुनिश्चित करना है।

      • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) स्पष्ट रूप से वित्तीय समितियाँ हैं। (d) सरकारी आश्वासन समिति वित्तीय समिति के बजाय प्रशासनिक या निगरानी समिति के रूप में अधिक कार्य करती है।

      प्रश्न 22: भारतीय संविधान में ‘संविधान की आत्मा’ किसे कहा जाता है, जब तक कि डॉ. अम्बेडकर ने इसे व्यक्तिगत रूप से न कहा हो?

      1. प्रस्तावना (Preamble)
      2. मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
      3. नीति निदेशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy)
      4. भाग III (मौलिक अधिकार)

      उत्तर: (d)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने **भाग III (मौलिक अधिकार)** को “संविधान का हृदय और आत्मा” (Heart and Soul of the Constitution) कहा था, विशेष रूप से **अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार)** को।
      • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 32 व्यक्तियों को अपने मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है, जो इसे मौलिक अधिकारों की रक्षा का सबसे शक्तिशाली साधन बनाता है। प्रस्तावना को भी संविधान का ‘आत्मा’ कहा जाता है, लेकिन डॉ. अम्बेडकर के विशिष्ट कथन का संबंध सीधे तौर पर मौलिक अधिकारों और अनुच्छेद 32 से था।
      • गलत विकल्प: (a) प्रस्तावना को भी संविधान का ‘आत्मा’ कहा जाता है (ठाकुरदास भार्गव के अनुसार), लेकिन अम्बेडकर का सीधा संदर्भ मौलिक अधिकारों से था। (b) मौलिक अधिकार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन ‘संविधान की आत्मा’ वाक्यांश सीधे तौर पर अनुच्छेद 32 सहित पूरे भाग III से जोड़ा गया था। (c) नीति निदेशक सिद्धांत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इन्हें ‘आत्मा’ नहीं कहा गया।

      प्रश्न 23: भारतीय संविधान में ‘राज्य के महाधिवक्ता’ (Advocate General of the State) की नियुक्ति कौन करता है?

      1. भारत के राष्ट्रपति
      2. राज्य के राज्यपाल
      3. राज्य के मुख्यमंत्री
      4. राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

      उत्तर: (b)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General for the State) की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है। यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 165 में वर्णित है।
      • संदर्भ एवं विस्तार: महाधिवक्ता उस राज्य का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। वह राज्य सरकार को कानूनी मामलों में सलाह देता है और राज्य के उच्च न्यायालयों में सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। वह भी राष्ट्रपति की तरह राज्यपाल की कृपा (pleasure) पर पद धारण करता है।
      • गलत विकल्प: (a) भारत के राष्ट्रपति केंद्र सरकार के कानूनी सलाहकार (महान्यायवादी) की नियुक्ति करते हैं, राज्य के महाधिवक्ता की नहीं। (c) राज्य के मुख्यमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, लेकिन नियुक्ति का संवैधानिक अधिकार राज्यपाल के पास है। (d) राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का इस नियुक्ति से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।

      प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा भारत की 8वीं अनुसूची में शामिल **नहीं** है?

      1. सिंधी
      2. डोगरी
      3. राजस्थानी
      4. बोडो

      उत्तर: (c)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राजस्थानी भाषा भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल **नहीं** है। 8वीं अनुसूची में भारत की आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है।
      • संदर्भ एवं विस्तार:
        • सिंधी को 21वें संशोधन, 1967 द्वारा जोड़ा गया।
        • डोगरी, बोडो, मैथिली और संथाली को 92वें संशोधन, 2003 द्वारा जोड़ा गया।

        वर्तमान में 8वीं अनुसूची में 22 भाषाएँ हैं। राजस्थानी एक महत्वपूर्ण भारतीय भाषा है, लेकिन इसे अभी तक संवैधानिक मान्यता नहीं मिली है।

      • गलत विकल्प: (a) सिंधी 8वीं अनुसूची में है। (b) डोगरी 8वीं अनुसूची में है। (d) बोडो 8वीं अनुसूची में है।

      प्रश्न 25: भारत में ‘सांप्रदायिक पंचाट’ (Communal Award) की घोषणा किसने की थी?

      1. रेमसे मैकडोनाल्ड
      2. लॉर्ड लिटन
      3. लॉर्ड कर्जन
      4. लॉर्ड डलहौजी

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सत्यता एवं संदर्भ: 1932 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री **रेमसे मैकडोनाल्ड** ने सांप्रदायिक पंचाट (Communal Award) की घोषणा की थी।
      • संदर्भ एवं विस्तार: इस पंचाट ने दलितों (जिन्हें ‘हरिजन’ कहा गया) के लिए अलग निर्वाचक मंडल का प्रस्ताव रखा था, जिसे महात्मा गांधी ने अस्वीकार कर दिया था। गांधीजी ने इसे ‘सांप्रदायिक एकता को भंग करने वाला’ बताया था। इसके विरोध में उन्होंने यरवदा जेल में अनशन किया, जिसके परिणामस्वरूप पूना पैक्ट (Poona Pact) हुआ, जिसमें दलितों के लिए आरक्षित सीटों की व्यवस्था की गई, लेकिन अलग निर्वाचक मंडल का प्रस्ताव छोड़ दिया गया।
      • गलत विकल्प: (b) लॉर्ड लिटन 1876-1880 के बीच वायसराय थे और वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट लाए थे। (c) लॉर्ड कर्जन 1899-1905 के बीच वायसराय थे और उन्होंने बंगाल का विभाजन किया था। (d) लॉर्ड डलहौजी 1848-1856 के बीच गवर्नर-जनरल थे और उन्होंने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया था।

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