परीक्षा की तैयारी का अचूक मंत्र: समाजशास्त्र के 25 महत्वपूर्ण प्रश्न
समाजशास्त्र के अध्ययन में गहराई और स्पष्टता की आवश्यकता होती है। अपनी अवधारणाओं, सिद्धांतों और विचारकों की समझ को परखने के लिए आज के इस विशेष प्रश्नोत्तरी सत्र में आपका स्वागत है। इन 25 प्रश्नों के माध्यम से अपनी तैयारी को एक नई धार दें और परीक्षा के लिए अपनी क्षमता का आकलन करें।
समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: ‘आदर्श प्रारूप’ (Ideal Type) की अवधारणा समाजशास्त्रीय विश्लेषण में किस प्रमुख विचारक से संबंधित है?
- कार्ल मार्क्स
- एमिल दुर्खीम
- मैक्स वेबर
- ताल्कॉट पार्सन्स
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मैक्स वेबर ने ‘आदर्श प्रारूप’ की अवधारणा को विकसित किया। यह एक विश्लेषणात्मक उपकरण है जो सामाजिक वास्तविकता के कुछ विशिष्ट गुणों को अत्यधिक स्पष्ट करके बनाया जाता है, जिससे तुलना और विश्लेषण आसान हो जाता है। यह एक ‘शुद्ध’ या ‘आदर्श’ रूप है, जो कभी भी पूरी तरह से वास्तविकता में मौजूद नहीं होता।
- संदर्भ और विस्तार: वेबर ने इस अवधारणा का उपयोग नौकरशाही (Bureaucracy) और पूंजीवाद (Capitalism) जैसी जटिल सामाजिक घटनाओं को समझने के लिए किया। यह अनुभवजन्य अनुसंधान को व्यवस्थित करने में मदद करता है।
- गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स द्वंद्वात्मक भौतिकवाद और वर्ग संघर्ष पर केंद्रित थे। एमिल दुर्खीम ने सामाजिक तथ्य (Social Fact) और सामूहिक चेतना (Collective Consciousness) जैसी अवधारणाएं दीं। ताल्कॉट पार्सन्स ने सामाजिक व्यवस्था (Social System) और प्रकारवाद (Functionalism) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा समाजशास्त्री ‘अनाचार’ (Anomie) की अवधारणा से सबसे अधिक जुड़ा हुआ है?
- मैक्स वेबर
- कार्ल मार्क्स
- एमिल दुर्खीम
- जॉर्ज हर्बर्ट मीड
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: एमिल दुर्खीम ने ‘अनाचार’ (Anomie) की अवधारणा का गहन विश्लेषण किया। यह समाज में मूल्यों, नियमों और सामाजिक मानदंडों की कमी या क्षरण की स्थिति को दर्शाता है, जिससे व्यक्ति दिशाहीन और विचलित महसूस करता है।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी कृतियों ‘समाज विभाजन’ (The Division of Labour in Society) और ‘आत्महत्या’ (Suicide) में इस अवधारणा का प्रयोग किया। उन्होंने दर्शाया कि कैसे अनाचार सामाजिक विघटन और व्यक्तिगत संकट का कारण बन सकता है।
- गलत विकल्प: मैक्स वेबर ने ‘विरतेहेन’ (Verstehen) पर जोर दिया। कार्ल मार्क्स ने ‘अलगाव’ (Alienation) और वर्ग संघर्ष की बात की। जॉर्ज हर्बर्ट मीड प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद (Symbolic Interactionism) के प्रमुख विचारक हैं।
प्रश्न 3: ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) का मुख्य ध्यान किस पर होता है?
- बड़े पैमाने पर सामाजिक संरचनाएं
- व्यक्तियों के बीच सूक्ष्म-स्तरीय अंतःक्रियाएं और अर्थ निर्माण
- आर्थिक असमानता और वर्ग संबंध
- समाज के विभिन्न भागों के प्रकार्य
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद व्यक्तियों के बीच होने वाली छोटी-छोटी अंतःक्रियाओं और इन अंतःक्रियाओं के माध्यम से प्रतीकों (जैसे भाषा, हावभाव) के अर्थ निर्माण पर केंद्रित है। यह मानता है कि समाज इन अर्थों और अंतःक्रियाओं का परिणाम है।
- संदर्भ और विस्तार: इस दृष्टिकोण के प्रमुख विचारकों में जॉर्ज हर्बर्ट मीड, हर्बर्ट ब्लूमर और अर्ल्विंग गोफमैन शामिल हैं। वे आत्म (Self), समाज और पहचान के निर्माण में प्रतीकों की भूमिका पर बल देते हैं।
- गलत विकल्प: (a) बड़े पैमाने पर सामाजिक संरचनाएं संरचनात्मक प्रकारवाद और मार्क्सवाद जैसे दृष्टिकोणों का विषय हैं। (c) आर्थिक असमानता और वर्ग संबंध मार्क्सवाद के केंद्रीय बिंदु हैं। (d) समाज के विभिन्न भागों के प्रकार्य प्रकार्यवाद (Functionalism) का मूल तत्व है।
प्रश्न 4: एम.एन. श्रीनिवास द्वारा प्रस्तुत ‘संस्कृति-अनुकूलन’ (Sanskritization) की अवधारणा क्या दर्शाती है?
- पश्चिमी जीवन शैली का अनुकरण
- उच्च जातियों की धार्मिक और सामाजिक प्रथाओं को निम्न जातियों द्वारा अपनाना
- तकनीकी और संस्थागत परिवर्तन
- शहरीकरण की प्रक्रिया
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: एम.एन. श्रीनिवास ने ‘संस्कृति-अनुकूलन’ (Sanskritization) की अवधारणा दी, जो बताती है कि कैसे निचली जातियाँ सामाजिक गतिशीलता (Social Mobility) प्राप्त करने के लिए उच्च जातियों की रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और विश्वासों को अपनाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा विशेष रूप से भारतीय जाति व्यवस्था के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि कैसे सामाजिक पदानुक्रम (Social Hierarchy) को बदलने का प्रयास सांस्कृतिक अनुकरण के माध्यम से किया जाता है।
- गलत विकल्प: (a) पश्चिमी जीवन शैली का अनुकरण ‘पश्चिमीकरण’ (Westernization) कहलाता है। (c) तकनीकी और संस्थागत परिवर्तन ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) का हिस्सा हैं। (d) शहरीकरण शहरों के विस्तार और ग्रामीण आबादी के शहरों की ओर स्थानांतरण को संदर्भित करता है।
प्रश्न 5: किस समाजशास्त्री ने ‘वर्ग संघर्ष’ (Class Struggle) को इतिहास की मुख्य प्रेरक शक्ति माना है?
- मैक्स वेबर
- एमिल दुर्खीम
- कार्ल मार्क्स
- अगस्त कॉम्टे
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कार्ल मार्क्स ने अपने द्वंद्वात्मक भौतिकवाद (Dialectical Materialism) के सिद्धांत में, वर्ग संघर्ष को समाज के विकास और परिवर्तन का मूल कारण बताया। उन्होंने पूंजीपति वर्ग (Bourgeoisie) और सर्वहारा वर्ग (Proletariat) के बीच संघर्ष की भविष्यवाणी की।
- संदर्भ और विस्तार: उनकी प्रसिद्ध कृति ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) और ‘कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ (The Communist Manifesto) में यह विचार प्रमुखता से व्यक्त किया गया है।
- गलत विकल्प: मैक्स वेबर ने वर्ग, दर्जा (Status) और शक्ति (Power) के आधार पर स्तरीकरण को समझाया। एमिल दुर्खीम ने सामाजिक एकता (Social Solidarity) पर ध्यान केंद्रित किया। अगस्त कॉम्टे को समाजशास्त्र का जनक माना जाता है और उन्होंने प्रत्यक्षवाद (Positivism) का प्रतिपादन किया।
प्रश्न 6: ‘सामाजिक पूंजी’ (Social Capital) की अवधारणा का क्या अर्थ है?
- व्यक्ति की वित्तीय संपत्ति
- समाज में व्यक्तियों के बीच संबंधों, विश्वास और नेटवर्क से उत्पन्न होने वाले लाभ
- समाज द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सार्वजनिक सेवाएं
- व्यक्ति का शिक्षा स्तर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सामाजिक पूंजी उन संसाधनों को संदर्भित करती है जो किसी व्यक्ति या समूह को उनके सामाजिक नेटवर्क और संबंधों के माध्यम से प्राप्त होते हैं। इसमें विश्वास, आपसी समझ और सहयोग की भावना शामिल है, जो सामूहिक क्रियाओं को संभव बनाती है।
- संदर्भ और विस्तार: पियरे बॉर्डियू (Pierre Bourdieu), रॉबर्ट पुटनम (Robert Putnam) और जेम्स कॉलमैन (James Coleman) जैसे समाजशास्त्रियों ने इस अवधारणा के विकास में योगदान दिया है।
- गलत विकल्प: (a), (c), और (d) व्यक्ति की व्यक्तिगत या सार्वजनिक संपत्ति, सेवाओं या शैक्षिक स्थिति से संबंधित हैं, न कि उसके सामाजिक संबंधों से।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘पारिवारिक संरचना’ (Family Structure) के अध्ययन से संबंधित नहीं है?
- पितृसत्ता (Patriarchy)
- मातृवंशीयता (Matrilineality)
- समवयस्क समूह (Peer Group)
- एकविवाह (Monogamy)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: समवयस्क समूह (Peer Group) सामाजिकरण की एक प्रक्रिया है जहाँ समान आयु और सामाजिक स्थिति वाले व्यक्ति एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। यह सीधे तौर पर पारिवारिक संरचना (जैसे वंशानुक्रम, नेतृत्व, या विवाह के प्रकार) का अंग नहीं है, बल्कि यह परिवार के बाहर एक महत्वपूर्ण सामाजिक इकाई है।
- संदर्भ और विस्तार: पितृसत्ता, मातृवंशीयता और एकविवाह ये सभी परिवार में शक्ति, वंश और विवाह की प्रकृति से संबंधित हैं, जो पारिवारिक संरचना का हिस्सा हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) प्रत्यक्ष रूप से पारिवारिक संरचना के विभिन्न पहलुओं (जैसे सत्ता का वितरण, वंशानुक्रम का आधार, विवाह का स्वरूप) से संबंधित हैं।
प्रश्न 8: ‘अलगाव’ (Alienation) की अवधारणा, जो श्रमिक के अपने श्रम, उत्पाद, स्वयं और अन्य मनुष्यों से दूरी को दर्शाती है, किस विचारक का केंद्रीय विचार है?
- एमिल दुर्खीम
- मैक्स वेबर
- अगस्त कॉम्टे
- कार्ल मार्क्स
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कार्ल मार्क्स ने पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली में श्रमिकों के अलगाव (Alienation) की विस्तृत व्याख्या की। उन्होंने बताया कि कैसे औद्योगिक श्रमिक अपने काम, उसके उत्पाद, अपनी मानवता और अपने साथी मनुष्यों से कट जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा मार्क्स के प्रारंभिक लेखन, विशेष रूप से ‘आर्थिक और दार्शनिक पांडुलिपियाँ 1844’ (Economic and Philosophic Manuscripts of 1844) में प्रमुख है।
- गलत विकल्प: दुर्खीम ने अनाचार और सामाजिक एकता पर, वेबर ने नौकरशाही और तर्कसंगतता पर, और कॉम्टे ने प्रत्यक्षवाद पर कार्य किया।
प्रश्न 9: ‘सामाजिक स्तरीकरण’ (Social Stratification) का अर्थ क्या है?
- समाज में व्यक्तियों की गतिशीलता की क्षमता
- समाज में विभिन्न समूहों के बीच सहयोग की मात्रा
- समाज में असमानता की व्यवस्थित परतबंदी (Layering)
- सामाजिक नियमों और मानदंडों का समूह
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सामाजिक स्तरीकरण समाज में मौजूद असमानता की एक पदानुक्रमित व्यवस्था है, जहाँ विभिन्न समूहों (जैसे वर्ग, जाति, लिंग, नस्ल) को उनकी संपत्ति, शक्ति, प्रतिष्ठा या अन्य सामाजिक संसाधनों के आधार पर विभिन्न स्तरों में विभाजित किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक सार्वभौमिक सामाजिक घटना है जो विभिन्न रूपों में पाई जाती है, जैसे दासता, जाति, वर्ग और एस्टेट व्यवस्था।
- गलत विकल्प: (a) सामाजिक गतिशीलता स्तरीकरण के भीतर संभव है लेकिन स्वयं स्तरीकरण नहीं है। (b) सहयोग स्तरीकरण का परिणाम हो भी सकता है और नहीं भी। (d) यह सामाजिक नियंत्रण (Social Control) से संबंधित है।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा ‘धर्म’ (Religion) के समाजशास्त्रीय अध्ययन का एक प्रमुख कार्य नहीं है?
- सामाजिक एकता को बढ़ावा देना
- सामूहिक चेतना को मजबूत करना
- व्यक्तिगत मोक्ष के लिए दैवीय हस्तक्षेप की गारंटी देना
- सामाजिक परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से, धर्म का अध्ययन सामाजिक कार्यों (Social Functions) जैसे सामाजिक एकता को बढ़ावा देना, सामूहिक चेतना को मजबूत करना और कभी-कभी सामाजिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करना है। यह व्यक्तिगत मोक्ष की गारंटी देने जैसे अलौकिक दावों पर ध्यान केंद्रित नहीं करता, बल्कि समाज पर धर्म के प्रभाव का विश्लेषण करता है।
- संदर्भ और विस्तार: एमिल दुर्खीम ने धर्म को ‘सामूहिक चेतना’ और ‘सामाजिक एकता’ के स्रोत के रूप में देखा। मैक्स वेबर ने ‘प्रोटेस्टेंट धर्म-नीति और पूंजीवाद की भावना’ में धर्म और आर्थिक परिवर्तन के बीच संबंध का अध्ययन किया।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) समाजशास्त्रियों द्वारा धर्म के प्रमुख सामाजिक कार्यों के रूप में पहचाने गए हैं। (c) व्यक्तिगत मोक्ष की गारंटी देना धर्मशास्त्र (Theology) का विषय है, समाजशास्त्र का नहीं।
प्रश्न 11: ‘नोमास’ (Nomos) की अवधारणा, जो समाज के व्यवस्थित और स्थिर होने की आवश्यक शर्त है, किस विचारक द्वारा प्रस्तुत की गई?
- पीटर एल. बर्जर और थॉमस लकमैन
- इर्विंग गोफमैन
- ए. आर. रेडक्लिफ-ब्राउन
- जैक्स लकान
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: पीटर एल. बर्जर और थॉमस लकमैन ने अपनी पुस्तक ‘द सोशल कंस्ट्रक्शन ऑफ रियलिटी’ (The Social Construction of Reality) में ‘नोमास’ की अवधारणा को विकसित किया। नोमास का अर्थ है कि समाज एक मानवीय निर्माण है जो मनुष्यों द्वारा निर्मित अर्थों की एक संरचित और सुसंगत प्रणाली से बना है, जो उन्हें दुनिया को समझने और उसमें कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: वे बताते हैं कि समाजशास्त्रियों का कार्य यह समझना है कि मनुष्य कैसे अपनी वास्तविकता का निर्माण करते हैं।
- गलत विकल्प: इर्विंग गोफमैन ‘नाटकशास्त्र’ (Dramaturgy) के लिए जाने जाते हैं। ए. आर. रेडक्लिफ-ब्राउन संरचनात्मक प्रकारवाद (Structural Functionalism) से जुड़े हैं। जैक्स लकान एक मनोविश्लेषक हैं।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सी समाजशास्त्रीय अनुसंधान विधि ‘गहन साक्षात्कार’ (In-depth Interview) के अंतर्गत आती है?
- सर्वेक्षण (Survey)
- प्रश्नावली (Questionnaire)
- सहभागी अवलोकन (Participant Observation)
- व्यक्ति अध्ययन (Case Study)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: व्यक्ति अध्ययन (Case Study) विधि में किसी एक व्यक्ति, समूह, घटना या समुदाय का गहन और विस्तृत अध्ययन किया जाता है। इस प्रक्रिया में अक्सर गहन साक्षात्कार, अवलोकन और दस्तावेज़ विश्लेषण जैसी विधियों का उपयोग होता है।
- संदर्भ और विस्तार: व्यक्ति अध्ययन अनुसंधानकर्ता को विषय की जटिलताओं और बारीकियों को समझने का अवसर देता है, जो मात्रात्मक विधियों से संभव नहीं हो पाता।
- गलत विकल्प: सर्वेक्षण और प्रश्नावली मुख्य रूप से मात्रात्मक (Quantitative) डेटा संग्रह की विधियाँ हैं जिनमें मानकीकृत प्रश्न होते हैं। सहभागी अवलोकन गुणात्मक (Qualitative) विधि है, लेकिन यह समूह या समुदाय के संदर्भ में होती है, न कि किसी एकल इकाई के गहन अध्ययन के रूप में।
प्रश्न 13: ‘सामाजिक गतिशीलता’ (Social Mobility) से आप क्या समझते हैं?
- एक समाज में स्थिरता की स्थिति
- लोगों या समूहों का एक सामाजिक स्थिति से दूसरी सामाजिक स्थिति में जाना
- सामाजिक समूहों के बीच संघर्ष की प्रक्रिया
- समाज द्वारा स्थापित नियमों और विनियमों का समूह
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सामाजिक गतिशीलता व्यक्तियों या समूहों का एक सामाजिक स्तर या स्थिति से दूसरे स्तर या स्थिति में ऊपर या नीचे की ओर या क्षैतिज रूप से स्थानांतरण है। यह सामाजिक संरचना की गतिशील प्रकृति को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: गतिशीलता क्षैतिज (Horizontal – एक ही स्तर पर स्थानांतरण) या ऊर्ध्वाधर (Vertical – ऊपर या नीचे की ओर स्थानांतरण) हो सकती है। यह खुली या बंद व्यवस्थाओं में भिन्न होती है।
- गलत विकल्प: (a) स्थिरता सामाजिक गतिशीलता के विपरीत है। (c) सामाजिक संघर्ष गतिशीलता का कारण बन सकता है, लेकिन स्वयं गतिशीलता नहीं है। (d) यह सामाजिक व्यवस्था (Social Order) से संबंधित है।
प्रश्न 14: ‘जनजाति’ (Tribe) की अवधारणा को समाजशास्त्रीय दृष्टि से परिभाषित करने वाले मुख्य कारक क्या हैं?
- उनकी विशुद्ध भौगोलिक निकटता
- उनकी सांस्कृतिक समानता, साझा भाषा और विशेष राजनीतिक संगठन
- उनकी विकसित औद्योगिक अर्थव्यवस्था
- उनकी शहरी जीवन शैली
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: समाजशास्त्र में, जनजाति को आमतौर पर लोगों के एक ऐसे समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है जिनकी एक सामान्य संस्कृति, एक साझा भाषा या बोली, एक विशिष्ट राजनीतिक संगठन (जो अक्सर वंश या कबीले पर आधारित होता है), और एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में निवास होता है। ये कारक उनकी सामाजिक पहचान और एकता को बनाए रखते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: जीएस घुरिये, वेरियर एल्विन और एन. के. बोस जैसे भारतीय समाजशास्त्रियों ने जनजातियों के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- गलत विकल्प: (a) भौगोलिक निकटता एक कारक हो सकती है, लेकिन यह पूर्ण परिभाषा नहीं है। (c) और (d) आधुनिक औद्योगिक और शहरी समाजों की विशेषताएँ हैं, न कि पारंपरिक जनजातीय समाजों की।
प्रश्न 15: ‘सांस्कृतिक विलंब’ (Cultural Lag) की अवधारणा किसने प्रस्तुत की?
- विलियम एफ. ओगबर्न
- इर्विंग गोफमैन
- पियरे बॉर्डियू
- रॉबर्ट मर्टन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: विलियम एफ. ओगबर्न ने 1922 में ‘सांस्कृतिक विलंब’ की अवधारणा को प्रस्तुत किया। यह बताता है कि समाज में भौतिक संस्कृति (जैसे प्रौद्योगिकी, आविष्कार) और अभौतिक संस्कृति (जैसे रीति-रिवाज, मूल्य, कानून) के बीच परिवर्तन की दरें भिन्न होती हैं, जिससे भौतिक संस्कृति के तेजी से बदलने के कारण अभौतिक संस्कृति पिछड़ जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: ओगबर्न ने अपनी पुस्तक ‘सोशल चेंज’ में इस विचार को विकसित किया। उदाहरण के लिए, नई तकनीकों (जैसे इंटरनेट) के आगमन से पहले ही समाज में उनके उपयोग से संबंधित सामाजिक और नैतिक नियमों का विकास धीमा हो जाता है।
- गलत विकल्प: इर्विंग गोफमैन नाटकशास्त्र, पियरे बॉर्डियू सामाजिक पूंजी और सांस्कृतिक पूंजी, और रॉबर्ट मर्टन प्रकार्यवाद के विचलन (Deviance) और मध्य-श्रेणी के सिद्धांत (Middle-Range Theories) से जुड़े हैं।
प्रश्न 16: ‘समुदाय’ (Community) की अवधारणा में निम्नलिखित में से कौन सा तत्व सबसे महत्वपूर्ण है?
- औपचारिक नियम और कानून
- खुली आर्थिक प्रतिस्पर्धा
- साझा जीवन, ‘हम’ की भावना और घनिष्ठ संबंध
- व्यक्तिगत पहचान की प्रधानता
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: समुदाय की पहचान उसके सदस्यों के बीच गहरे भावनात्मक संबंध, साझा जीवन और ‘हम’ की भावना से होती है, जहाँ व्यक्तिगत पहचान अक्सर समूह पहचान में घुल जाती है। यह व्यक्तिगत लाभ से अधिक सामूहिक कल्याण पर जोर देता है।
- संदर्भ और विस्तार: फर्डीनेंड टोनीज (Ferdinand Tönnies) ने ‘गेमेन्शाफ्ट’ (Gemeinschaft – समुदाय) और ‘गेसेलशाफ्ट’ (Gesellschaft – समाज/संघ) के बीच अंतर किया, जिसमें गेमेन्शाफ्ट समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है।
- गलत विकल्प: (a) औपचारिक नियम और कानून ‘समाज’ (Gesellschaft) की विशेषता हैं। (b) आर्थिक प्रतिस्पर्धा भी ‘समाज’ की विशेषता है। (d) व्यक्तिगत पहचान की प्रधानता आधुनिक ‘समाज’ की ओर इशारा करती है।
प्रश्न 17: ‘सामाजिक परिवर्तन’ (Social Change) के सिद्धांत में, ‘चक्रीय सिद्धांत’ (Cyclical Theory) का मुख्य विचार क्या है?
- समाज रैखिक (Linear) रूप से एक अवस्था से दूसरी अवस्था में विकसित होता है।
- समाज इतिहास में बार-बार आने वाले चक्रों (उत्थान, पतन, पुनर्जन्म) से गुजरता है।
- सामाजिक परिवर्तन एक अप्रत्याशित और अराजक प्रक्रिया है।
- सामाजिक परिवर्तन मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित होता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: चक्रीय सिद्धांत के अनुसार, सामाजिक परिवर्तन एक सीधी रेखा में नहीं होता, बल्कि यह बार-बार दोहराए जाने वाले चक्रों (जैसे उत्थान, चर्मोत्कर्ष, पतन और फिर पुनर्जन्म) से होकर गुजरता है। ओसवाल्ड स्पेंगलर (Oswald Spengler) और अर्नोल्ड टोयनबी (Arnold Toynbee) जैसे विचारकों ने इस दृष्टिकोण का समर्थन किया।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत सभ्यताओं के जीवन चक्र पर केंद्रित होते हैं, जो मानव इतिहास को एक बार-बार आने वाली लय के रूप में देखते हैं।
- गलत विकल्प: (a) रैखिक विकास रैखिक सिद्धांत (Linear Theory) का है। (c) अप्रत्याशित और अराजक प्रक्रिया किसी व्यवस्थित सिद्धांत में फिट नहीं बैठती। (d) प्रौद्योगिकी को परिवर्तन का मुख्य चालक रैखिक या विकासवादी सिद्धांत (Evolutionary Theory) मानते हैं।
प्रश्न 18: ‘शक्ति’ (Power) और ‘सत्ता’ (Authority) के बीच मैक्स वेबर द्वारा किए गए अंतर का मुख्य आधार क्या है?
- शक्ति बल का उपयोग है, जबकि सत्ता नैतिक स्वीकृति है।
- शक्ति अवैध है, जबकि सत्ता वैध है।
- शक्ति व्यक्तिगत इच्छा पर आधारित है, जबकि सत्ता सामाजिक नियमों पर।
- शक्ति संयोग है, जबकि सत्ता व्यवस्थित है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मैक्स वेबर के अनुसार, शक्ति (Power) वह क्षमता है जिससे एक कर्ता अपनी इच्छा को लागू कर सकता है, भले ही दूसरों का प्रतिरोध हो। इसके विपरीत, सत्ता (Authority) को शक्ति का वह रूप माना जाता है जिसे प्राप्तकर्ता द्वारा वैध (Legitimate) माना जाता है। वे सत्ता के तीन आदर्श प्रारूप बताते हैं: पारंपरिक (Traditional), करिश्माई (Charismatic) और तर्कसंगत-कानूनी (Rational-Legal)।
- संदर्भ और विस्तार: वेबर ने इस भेद को नौकरशाही और राजनीतिक व्यवस्थाओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण माना।
- गलत विकल्प: (a) यह एक सरलीकरण है; शक्ति में भी स्वीकृति का तत्व हो सकता है। (c) यह आंशिक रूप से सही हो सकता है, लेकिन वेबर का मुख्य जोर वैधता पर था। (d) संयोग और व्यवस्था शक्ति के बजाय परिवर्तन की प्रकृति से अधिक संबंधित हो सकते हैं।
प्रश्न 19: ‘औद्योगिकीकरण’ (Industrialization) का समाज पर निम्नलिखित में से कौन सा एक प्रमुख प्रभाव है?
- पारंपरिक और कृषक समाजों का विस्तार
- ग्रामीण समुदायों का विघटन और शहरीकरण में वृद्धि
- पारिवारिक इकाइयों का मजबूत होना
- व्यक्तिगत जीवन में अधिक स्थिरता
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: औद्योगिकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो बड़े पैमाने पर उत्पादन, मशीनीकरण और कारखानों के विकास को बढ़ावा देती है। इसका एक प्रमुख परिणाम यह है कि लोग रोजगार की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन करते हैं, जिससे शहरीकरण बढ़ता है और पारंपरिक ग्रामीण समुदाय कमजोर पड़ते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: औद्योगिकीकरण ने सामाजिक वर्गों, पारिवारिक संरचनाओं और जीवन शैली में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए हैं।
- गलत विकल्प: (a) औद्योगिकीकरण पारंपरिक समाजों को विघटित करता है, उनका विस्तार नहीं करता। (c) औद्योगिकीकरण अक्सर संयुक्त परिवारों को एकल परिवारों में बदल देता है। (d) औद्योगिक समाज अधिक गतिशील और परिवर्तनशील होता है, जिससे व्यक्तिगत जीवन में अक्सर अधिक अस्थिरता आती है।
प्रश्न 20: ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) की प्रक्रिया के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा एक महत्वपूर्ण तत्व नहीं माना जाता है?
- तर्कसंगतता (Rationality) का प्रसार
- धर्मनिरपेक्षीकरण (Secularization)
- तकनीकी विकास
- जाति व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: आधुनिकीकरण की प्रक्रिया आम तौर पर तर्कसंगतता, वैज्ञानिक सोच, धर्मनिरपेक्षीकरण, तकनीकी विकास, शहरीकरण और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसे तत्वों से जुड़ी होती है। इसके विपरीत, जाति व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण (Reinforcement) आधुनिकीकरण के बजाय पारंपरिक समाजों या सामाजिक परिवर्तन के प्रतिरोध का संकेत है।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि आधुनिकीकरण के दौरान जाति व्यवस्था के नए रूप सामने आ सकते हैं, लेकिन ‘सुदृढ़ीकरण’ को मुख्यधारा की आधुनिकीकरण प्रक्रिया का हिस्सा नहीं माना जाता।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) आधुनिकीकरण के प्रमुख संकेतक और घटक माने जाते हैं।
प्रश्न 21: ‘सामाजिक नियंत्रण’ (Social Control) का तात्पर्य क्या है?
- समाज में व्यक्तियों की संख्या को नियंत्रित करना
- सामाजिक मानदंडों और मूल्यों को बनाए रखने के लिए समाज द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रियाएँ
- समाज के सदस्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना
- सरकार द्वारा लागू किए गए नियम
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सामाजिक नियंत्रण वे सभी तरीके और प्रक्रियाएँ हैं जिनका उपयोग समाज अपने सदस्यों के व्यवहार को विनियमित करने और वांछित मानदंडों, मूल्यों और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए करता है। इसमें औपचारिक (कानून, पुलिस) और अनौपचारिक (परंपरा, जनमत, परिवार) दोनों तरीके शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ई. ए. रॉस (E. A. Ross) ने सामाजिक नियंत्रण को ‘समाजशास्त्र का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र’ बताया।
- गलत विकल्प: (a) जनसंख्या नियंत्रण एक जनसांख्यिकीय (Demographic) मुद्दा है। (c) सहयोग सामाजिक नियंत्रण का एक परिणाम हो सकता है, लेकिन स्वयं सामाजिक नियंत्रण नहीं है। (d) सरकारी नियम सामाजिक नियंत्रण का एक हिस्सा हैं, लेकिन यह पूरी अवधारणा नहीं है।
प्रश्न 22: ‘कृषि-आधारित ग्रामीण समाज’ (Agrarian Rural Society) की मुख्य विशेषता क्या है?
- उच्च स्तर का औद्योगिकीकरण
- मुख्य रूप से कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था और साझा सामुदायिक जीवन
- बड़े पैमाने पर शहरीकरण
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अत्यधिक गतिशीलता
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कृषि-आधारित ग्रामीण समाजों की पहचान उनकी अर्थव्यवस्था के मुख्य रूप से कृषि पर निर्भरता, भूमि के महत्व, घनिष्ठ सामुदायिक संबंधों, संयुक्त परिवार प्रणाली की प्रबलता और धीमी गति से होने वाले सामाजिक परिवर्तन से होती है।
- संदर्भ और विस्तार: इन समाजों में अक्सर एक मजबूत परंपरावादी ढांचा होता है और संबंध अधिक घनिष्ठ और अनौपचारिक होते हैं।
- गलत विकल्प: (a) और (c) औद्योगिक और शहरी समाजों की विशेषताएँ हैं। (d) व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अत्यधिक गतिशीलता आधुनिक, औद्योगिक समाजों की अधिक विशेषता है।
प्रश्न 23: ‘अलगाव’ (Alienation) के संदर्भ में, मार्क्स के अनुसार, श्रमिक का अपने ‘उत्पाद’ (Product) से अलगाव का अर्थ क्या है?
- श्रमिक अपने द्वारा बनाए गए उत्पाद से भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस नहीं करता।
- श्रमिक को अपने द्वारा बनाए गए उत्पाद पर कोई नियंत्रण नहीं होता और वह अक्सर उसे बेचता भी नहीं।
- श्रमिक अपने द्वारा बनाए गए उत्पाद को नहीं देख पाता।
- श्रमिक उत्पाद की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं होता।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मार्क्स के अनुसार, पूंजीवादी उत्पादन में, श्रमिक अपने श्रम से एक वस्तु (उत्पाद) का निर्माण करता है, लेकिन यह उत्पाद उसका अपना नहीं होता। यह पूंजीपति का होता है और उसे बाजार में बेचा जाता है। श्रमिक का उत्पाद पर कोई स्वामित्व या नियंत्रण नहीं होता, जिससे वह अपने ही कर्म के फल से अलग-थलग महसूस करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अलगाव के चार प्रकारों में से एक है, जिसमें श्रमिक अपने श्रम, उत्पाद, उत्पादन की प्रक्रिया और स्वयं से अलगाव महसूस करता है।
- गलत विकल्प: (a) यह सही हो सकता है, लेकिन यह अलगाव का एक परिणाम है, मूल कारण नहीं। (c) और (d) विशिष्ट परिस्थितियों में सत्य हो सकते हैं, लेकिन ये मार्क्स के ‘उत्पाद से अलगाव’ की मूल परिभाषा को पूरी तरह व्यक्त नहीं करते।
प्रश्न 24: ‘सामाजिक अनुसंधान’ (Social Research) में ‘वस्तुनिष्ठता’ (Objectivity) का क्या महत्व है?
- शोधकर्ता को अपने व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों और विश्वासों को अध्ययन में शामिल करना चाहिए।
- शोधकर्ता को अपने निष्कर्षों को व्यक्तिगत भावनाओं के आधार पर प्रस्तुत करना चाहिए।
- शोधकर्ता को निष्पक्ष रहना चाहिए और अपने व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों को निष्कर्षों को प्रभावित न करने देना चाहिए।
- शोधकर्ता को केवल उन्हीं निष्कर्षों को प्रस्तुत करना चाहिए जो उसकी अपेक्षाओं के अनुरूप हों।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सामाजिक अनुसंधान में वस्तुनिष्ठता का अर्थ है कि शोधकर्ता को अध्ययन के विषय के प्रति निष्पक्ष रहना चाहिए, अपने व्यक्तिगत विश्वासों, भावनाओं या पूर्वाग्रहों को डेटा संग्रह, विश्लेषण और निष्कर्षों को प्रभावित नहीं करने देना चाहिए। यह वैज्ञानिक वैधता के लिए आवश्यक है।
- संदर्भ और विस्तार: समाजशास्त्र जैसे विज्ञान में, वस्तुनिष्ठता का लक्ष्य सामाजिक वास्तविकता का सटीक और विश्वसनीय चित्रण प्रस्तुत करना है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) सभी वस्तुनिष्ठता के सिद्धांत के विपरीत हैं और अनुसंधान की वैधता को कम करते हैं।
प्रश्न 25: ‘विविधता का सहिष्णुता’ (Tolerance for Diversity) और ‘सहिष्णुता’ (Pluralism) किस प्रकार के समाज की विशेषताएँ हैं?
- एक सजातीय (Homogeneous) समाज
- एक विविध (Heterogeneous) या बहुलवादी (Pluralistic) समाज
- एक एकात्मक (Monolithic) समाज
- एक पारंपरिक (Traditional) समाज
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: विविध या बहुलवादी समाज वे होते हैं जहाँ विभिन्न संस्कृतियाँ, जातीय समूह, धर्म और जीवन शैलियाँ एक साथ मौजूद होती हैं। ऐसे समाज में, इन विभिन्नताओं के प्रति सहिष्णुता और स्वीकृति एक महत्वपूर्ण विशेषता बन जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: बहुलवादी समाज में, विभिन्न समूह अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखते हुए भी व्यापक सामाजिक व्यवस्था का हिस्सा बनते हैं।
- गलत विकल्प: (a) सजातीय समाज में कम विविधता होती है, इसलिए सहिष्णुता का प्रश्न कम उठता है। (c) एकात्मक समाज भी विविधता के विपरीत है। (d) पारंपरिक समाजों में अक्सर कठोर सामाजिक संरचनाएँ और कम सहिष्णुता हो सकती है।
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