ऐतिहासिक ज्ञान का महासंग्राम: दैनिक अभ्यास
नमस्कार, भविष्य के कर्णधारों! इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाने और अपने ज्ञान को पैना करने का समय आ गया है। आज का यह अभ्यास सत्र आपको समय की यात्रा पर ले जाएगा, जहाँ आप प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक युग के निर्णायक मोड़ों तक का सामना करेंगे। क्या आप अपनी ऐतिहासिक सूझबूझ को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, शुरू करें यह ज्ञान का महासंग्राम!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु सभ्यता का प्रवेश द्वार’ कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धौलावीरा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: हड़प्पा को अक्सर ‘सिंधु घाटी सभ्यता का प्रवेश द्वार’ कहा जाता है क्योंकि यह सिंधु नदी के पूर्व में स्थित सबसे प्रमुख और प्रारंभिक उत्खनित स्थलों में से एक था। यह स्थल वर्तमान पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा की खोज 1921 में दयाराम साहनी द्वारा की गई थी, जिसने सिंधु घाटी सभ्यता के अस्तित्व को आधिकारिक तौर पर स्थापित किया। यह शहर अपने सुनियोजित नगर नियोजन, ईंटों के बने मकानों और उन्नत जल निकासी प्रणाली के लिए जाना जाता है। मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला) एक अन्य महत्वपूर्ण स्थल है, जो अपनी विशाल स्नानागार के लिए प्रसिद्ध है। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था।
- गलत विकल्प: मोहनजोदड़ो एक महत्वपूर्ण शहर था, लेकिन ‘प्रवेश द्वार’ के रूप में हड़प्पा को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। लोथल एक बंदरगाह था, और धौलावीरा एक उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली के लिए जाना जाता था।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा वेद ‘साम गान’ का स्रोत है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सामवेद भारतीय शास्त्रीय संगीत का उद्गम माना जाता है और यह ‘साम गान’ का स्रोत है। सामवेद के मंत्रों का उच्चारण देवताओं की स्तुति में गायन के रूप में किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: सामवेद का अर्थ है ‘साम (गान) का ज्ञान’। इसमें ऋग्वेद के लगभग 1875 छंद हैं, जिनमें से अधिकांश ऋग्वेद से ही लिए गए हैं, लेकिन उन्हें संगीतमय रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह भारतीय संगीत परंपरा की जड़ों को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है और इसमें भजनों का संग्रह है। यजुर्वेद में यज्ञों के नियमों और मंत्रों का संकलन है, और अथर्ववेद में जादू-टोना, औषधि और दैनिक जीवन से संबंधित मंत्र हैं।
प्रश्न 3: मौर्य काल में ‘अशोक’ को ‘धर्म’ का प्रसार करने के लिए किस प्रमुख धर्म ग्रंथ की रचना की गई?
- विनय पिटक
- सुत्त पिटक
- अभिधम्म पिटक
- त्रिपिटक (सभी का समूह)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अशोक के ‘धर्म’ के प्रसार में बौद्ध धर्म के त्रिपिटक (विनय पिटक, सुत्त पिटक, अभिधम्म पिटक) का महत्वपूर्ण योगदान था। हालाँकि त्रिपिटक सीधे तौर पर अशोक द्वारा नहीं रचे गए थे, बल्कि अशोक ने बौद्ध धर्म के सिद्धांतों (जो त्रिपिटक में संकलित हैं) को अपने साम्राज्य में प्रचारित किया।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक के शासनकाल में तीसरी बौद्ध संगीति (250 ईसा पूर्व) पाटलिपुत्र में आयोजित हुई थी, जिसकी अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्स ने की थी। इस संगीति में अभिधम्म पिटक को अंतिम रूप दिया गया और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को शुद्ध तथा प्रचारित करने पर बल दिया गया। अशोक ने अपने शिलालेखों के माध्यम से भी ‘धर्म’ (नैतिक आचरण, सहिष्णुता, अहिंसा) का प्रचार किया।
- गलत विकल्प: विनय पिटक भिक्षुओं के अनुशासन से संबंधित है, सुत्त पिटक बुद्ध की शिक्षाओं से, और अभिधम्म पिटक बौद्ध दर्शन से। ये तीनों मिलकर त्रिपिटक कहलाते हैं। अशोक ने इन धर्मग्रंथों के सार को अपने ‘धर्म’ के रूप में प्रचारित किया।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘सर्व-कर’ (सर्व-कर) की प्रथा को समाप्त किया और ‘भूमि-कर’ (खराज) को स्थापित किया?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दिल्ली सल्तनत के शासक इल्तुतमिश ने ‘सर्व-कर’ (जो आम तौर पर गैर-मुस्लिमों पर लगाया जाता था) के स्थान पर ‘खराज’ (भूमि-कर) की व्यवस्था स्थापित की, जो उत्पादन का एक निश्चित भाग होता था।
- संदर्भ और विस्तार: इल्तुतमिश (शासनकाल 1211-1236) ने तुर्की सत्ता को मजबूत करने और प्रशासनिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने खराज को एक व्यवस्थित भू-राजस्व प्रणाली के रूप में लागू किया, जिसने सल्तनत की आय को स्थिर किया। इससे पहले, कर प्रणाली उतनी व्यवस्थित नहीं थी।
- गलत विकल्प: बलबन ने ‘दिवानी-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया। अलाउद्दीन खिलजी ने अपनी ‘बाजार नियंत्रण’ नीतियों और ‘दीनार’ (सिक्का) की शुरूआत के लिए जाना जाता है। फिरोज शाह तुगलक ने नहरों का निर्माण और जकात कर जैसे धार्मिक करों पर जोर दिया।
प्रश्न 5: बहमनी साम्राज्य के किस शासक ने राजधानी को गुलबर्ग (आहसानबाद) से बीदर स्थानांतरित किया?
- अलाउद्दीन बहमन शाह
- मोहम्मद शाह प्रथम
- फिरोज शाह बहमनी
- अहमद शाह प्रथम
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बहमनी सुल्तान अहमद शाह प्रथम (शासनकाल 1422-1436) ने बहमनी साम्राज्य की राजधानी को गुलबर्ग (जिसे उसने ‘आहसानबाद’ नाम दिया था) से बीदर स्थानांतरित किया।
- संदर्भ और विस्तार: अहमद शाह प्रथम को ‘वली’ (संत) के रूप में भी जाना जाता है। उसने बीदर में कई सुंदर इमारतों का निर्माण करवाया, जिनमें बीदर किला और मोहम्मद गवाँ का मदरसा शामिल हैं। राजधानी का स्थानांतरण संभवतः रणनीतिक और प्रशासनिक कारणों से किया गया था।
- गलत विकल्प: अलाउद्दीन बहमन शाह बहमनी साम्राज्य का संस्थापक था। मोहम्मद शाह प्रथम ने देवगिरी और वारंगल के खिलाफ सैन्य अभियान चलाए। फिरोज शाह बहमनी अपनी प्रजा के प्रति उदारता और खगोल विज्ञान में रुचि के लिए जाना जाता था।
प्रश्न 6: ‘सिजदा’ और ‘पैबोस’ जैसी प्रथाओं को किस मध्यकालीन भारतीय शासक ने दरबार में शुरू किया?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दिल्ली सल्तनत के शासक ग्यासुद्दीन बलबन (शासनकाल 1266-1287) ने अपने दरबार में ईरानी संस्कृति से प्रभावित होकर ‘सिजदा’ (शासक के सामने घुटने टेककर झुकना) और ‘पैबोस’ (शासक के पैरों को चूमना) जैसी राजसी प्रथाओं को शुरू किया।
- संदर्भ और विस्तार: इन प्रथाओं का उद्देश्य सुल्तान की शक्ति और गरिमा को बढ़ाना और उसे ईश्वर का प्रतिनिधि (ज़िल-ए-इलाही) के रूप में स्थापित करना था। बलबन ने ‘नौरोज’ (फारसी नव वर्ष) का उत्सव भी दरबार में धूमधाम से मनाना शुरू किया। उसने गुप्तचर प्रणाली (बरीद) को भी मजबूत किया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने सल्तनत को संगठित किया। अलाउद्दीन खिलजी ने आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी महत्वाकांक्षी लेकिन असफल योजनाओं के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘गजपति’ (हाथियों का स्वामी) की उपाधि धारण की?
- बुक्का प्रथम
- देवराय द्वितीय
- कृष्ण देवराय
- सदाशिव राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के शासक देवराय द्वितीय (शासनकाल 1424-1446) ने ‘गजपति’ (हाथियों का स्वामी) की उपाधि धारण की थी।
- संदर्भ और विस्तार: देवराय द्वितीय को ‘प्रौढ़ देवराय’ के नाम से भी जाना जाता है। उसने अपनी सेना को बहुत शक्तिशाली बनाया, विशेष रूप से घुड़सवार सेना और हाथी दल को। उसने ओडिशा के गजपतियों के खिलाफ सफल सैन्य अभियान चलाए, जिससे उसकी ‘गजपति’ उपाधि और भी सार्थक हो गई। उसने अपनी सेना में बड़ी संख्या में मुस्लिम तीरंदाजों को भी शामिल किया था।
- गलत विकल्प: बुक्का प्रथम ने रायचूर दोआब पर नियंत्रण के लिए संघर्ष किया। कृष्ण देवराय विजयनगर का महानतम शासक था, जिसने तेलुगु साहित्य को संरक्षण दिया। सदाशिव राय के शासनकाल में तालीकोटा का युद्ध हुआ था।
प्रश्न 8: ‘अकाल-तकख्त’ (ईश्वर का सिंहासन) की स्थापना किस सिख गुरु ने की थी?
- गुरु नानक देव
- गुरु अंगद देव
- गुरु हरगोबिंद
- गुरु तेग बहादुर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद (शासनकाल 1606-1644) ने अमृतसर में ‘अकाल-तख्त’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: गुरु हरगोबिंद ने सिख धर्म में आध्यात्मिक और सैन्य दोनों पहलुओं को विकसित किया। उन्होंने सिखों को हथियार चलाने और युद्ध कौशल सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। अकाल-तख्त, जो हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के सामने स्थित है, सिख धर्म की सर्वोच्च अस्थायी अधिकारिता का प्रतीक है, जहाँ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं।
- गलत विकल्प: गुरु नानक देव संस्थापक थे। गुरु अंगद देव ने गुरुमुखी लिपि को विकसित किया। गुरु तेग बहादुर ने अपनी शहादत से सिख धर्म को बचाया।
प्रश्न 9: 1793 का ‘कॉर्नवालिस कोड’ किस प्रणाली से संबंधित था?
- व्यापारिक नीतियां
- सैनिक सुधार
- न्यायिक सुधार
- भूमि राजस्व व्यवस्था
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1793 का ‘कॉर्नवालिस कोड’ मुख्य रूप से भारत में न्यायिक सुधारों से संबंधित था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कॉर्नवालिस (गवर्नर-जनरल 1786-1793) ने शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत को लागू करने का प्रयास किया। इस कोड के तहत, जिलाधीशों (District Collectors) को उनके प्रशासनिक और राजस्व संबंधी कार्यों से अलग कर दिया गया और उन्हें केवल राजस्व एकत्र करने का अधिकार रह गया। न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग कर दिया गया, और प्रत्येक जिले में दीवानी और फौजदारी अदालतें स्थापित की गईं। इसने भारतीय न्याय प्रणाली की नींव रखी।
- गलत विकल्प: हालांकि भू-राजस्व (जैसे स्थायी बंदोबस्त) और सैनिक सुधार भी कॉर्नवालिस के कार्यकाल में हुए, ‘कॉर्नवालिस कोड’ विशेष रूप से न्यायिक पुनर्गठन से जुड़ा था।
प्रश्न 10: ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक कौन थे, जिन्होंने ‘सती प्रथा’ के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: राजा राम मोहन राय (1772-1833) ने 1828 में ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की और वे सती प्रथा के उन्मूलन के प्रबल समर्थक थे।
- संदर्भ और विस्तार: राजा राम मोहन राय को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ भी कहा जाता है। उन्होंने एकेश्वरवाद का प्रचार किया और सामाजिक कुरीतियों जैसे सती प्रथा, बाल विवाह और बहुविवाह का विरोध किया। उनके अथक प्रयासों के फलस्वरूप 1829 में लॉर्ड विलियम बेंटिक द्वारा सती प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया गया।
- गलत विकल्प: स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘आर्य समाज’ की स्थापना की। स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह अधिनियम लागू करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 11: 1857 के विद्रोह को ‘सिपाहियों का विद्रोह’ कहने वाले इतिहासकार कौन थे?
- वीर सावरकर
- जेम्स आउट्रम
- सर जॉन लॉरेंस
- आर.सी. मजूमदार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ब्रिटिश इतिहासकार सर जॉन लॉरेंस (पूर्व में भारत के वायसराय) और सी. आउट्रम ने 1857 के विद्रोह को केवल ‘सिपाहियों का विद्रोह’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: यह ब्रिटिश इतिहासकारों का एक वर्ग था जो इस विद्रोह की व्यापक प्रकृति को स्वीकार नहीं करना चाहता था और इसे केवल सेना के असंतोष का परिणाम बताना चाहता था। उनका तर्क था कि इसमें आम जनता की भागीदारी सीमित थी और यह राष्ट्रव्यापी या स्वतंत्रता संग्राम नहीं था।
- गलत विकल्प: वीर सावरकर ने इसे ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ कहा। आर.सी. मजूमदार भी इसे राष्ट्रीय आंदोलन मानने से हिचकते थे, लेकिन उन्होंने इसके राष्ट्रीय चरित्र पर जोर दिया।
प्रश्न 12: ‘दक्कन एग्रीकल्चर रिलीफ एक्ट’ 1879 क्यों पारित किया गया था?
- किसानों को साहूकारों के कर्ज से मुक्ति दिलाने हेतु।
- खेती के नए तरीकों को बढ़ावा देने हेतु।
- कृषि उत्पादों के निर्यात को नियंत्रित करने हेतु।
- भूमि का पुनर्वितरण करने हेतु।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘दक्कन एग्रीकल्चर रिलीफ एक्ट’, 1879, दक्कन क्षेत्र (मुख्यतः महाराष्ट्र) के किसानों को अत्यधिक ब्याज दर वसूलने वाले साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: 1875 में दक्कन क्षेत्र में किसानों का व्यापक विद्रोह हुआ था, जो मुख्यतः साहूकारों के शोषण के कारण हुआ था। इस कानून ने किसानों को साहूकारों के साथ किए गए सौदों को अदालतों में चुनौती देने का अधिकार दिया और ऋणों की पुनर्गठित करने की व्यवस्था की।
- गलत विकल्प: यह एक्ट किसानों को कर्ज से राहत दिलाने से संबंधित था, न कि खेती के नए तरीकों, निर्यात नियंत्रण या भूमि पुनर्वितरण से।
प्रश्न 13: ‘ऑल इंडिया हरिजन सेवक संघ’ की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई?
- 1932, महात्मा गांधी
- 1933, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
- 1930, जवाहरलाल नेहरू
- 1931, सरदार पटेल
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘ऑल इंडिया हरिजन सेवक संघ’ की स्थापना महात्मा गांधी ने 1932 में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: पूना समझौते (1932) के बाद, दलितों (जिन्हें गांधीजी ‘हरिजन’ कहते थे) के उत्थान और अस्पृश्यता के उन्मूलन के उद्देश्य से इस संघ की स्थापना की गई। गांधीजी ने इसके लिए धन जुटाया और देश भर में इसके माध्यम से छुआछूत के खिलाफ अभियान चलाया।
- गलत विकल्प: डॉ. अम्बेडकर दलितों के नेता थे और उन्होंने स्वतंत्र रूप से दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल भी स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे, लेकिन इस संघ की स्थापना का श्रेय गांधीजी को जाता है।
प्रश्न 14: गांधी-इरविन समझौता किस वर्ष हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में महात्मा गांधी और भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। इस समझौते के परिणामस्वरूप, कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) को स्थगित कर दिया और दूसरे गोलमेज सम्मेलन (Second Round Table Conference) में भाग लेने के लिए सहमत हो गई। गांधीजी ने नमक सत्याग्रह को समाप्त करने पर सहमति जताई।
- गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन हुआ, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ, और 1932 में पूना समझौता हुआ।
प्रश्न 15: ‘क्रिप्स मिशन’ भारत कब आया था?
- 1940
- 1941
- 1942
- 1945
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटिश सरकार ने युद्ध में भारतीय सहयोग प्राप्त करने के लिए मार्च 1942 में सर स्टैफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में एक मिशन भारत भेजा था, जिसे ‘क्रिप्स मिशन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत को डोमिनियन स्टेटस (Dominion Status) का वादा करना और युद्ध के बाद एक संविधान सभा के गठन का प्रस्ताव देना था। हालाँकि, मिशन असफल रहा क्योंकि इसके प्रस्तावों में भारत को पूर्ण स्वतंत्रता का वादा नहीं था और कांग्रेस ने इसे स्वीकार नहीं किया।
- गलत विकल्प: 1940 में ‘अगस्त प्रस्ताव’ आया था, 1941 में कोई प्रमुख मिशन नहीं था, और 1945 में शिमला सम्मेलन (जो असफल रहा) और फिर कैबिनेट मिशन आया।
प्रश्न 16: फ्रांसीसी क्रांति का प्रमुख नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- न्याय, स्वतंत्रता, प्रगति
- राष्ट्र, धर्म, राजा
- अधिकार, शांति, समृद्धि
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का सबसे प्रसिद्ध नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य के आदर्शों का प्रतीक बन गया और आज भी फ्रांसीसी राष्ट्रीय आदर्श के रूप में स्वीकार किया जाता है। यह नारा फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य उद्देश्यों को दर्शाता है: पुरानी राजशाही और सामंती व्यवस्था से स्वतंत्रता, सभी नागरिकों के लिए समानता, और राष्ट्र के सदस्यों के बीच भाईचारा।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प क्रांति के सिद्धांतों को उतने व्यापक रूप से या सटीकता से नहीं दर्शाते हैं।
प्रश्न 17: औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सबसे पहले किस देश में हुई?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- फ्रांस
- जर्मनी
- ग्रेट ब्रिटेन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: औद्योगिक क्रांति की शुरुआत 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: ग्रेट ब्रिटेन में अनुकूल परिस्थितियाँ थीं, जिनमें प्राकृतिक संसाधनों (कोयला, लौह अयस्क) की उपलब्धता, राजनीतिक स्थिरता, एक मजबूत औपनिवेशिक साम्राज्य, नवाचार के लिए प्रोत्साहन और पर्याप्त पूंजी शामिल थी। जेम्स वॉट द्वारा स्टीम इंजन में सुधार, स्पिनिंग जेनी जैसे आविष्कारों ने कपड़ा उद्योग में क्रांति ला दी, जिसने औद्योगिक क्रांति की गति को तेज किया।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी बाद में औद्योगिक रूप से विकसित हुए।
प्रश्न 18: ‘लौह चांसलर’ (Iron Chancellor) के रूप में किस यूरोपीय नेता को जाना जाता है?
- ऑटो वॉन बिस्मार्क
- गैरीबाल्डी
- नेपोलियन बोनापार्ट
- कैमिलो कैवूर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ओटो वॉन बिस्मार्क (Otto von Bismarck) को ‘लौह चांसलर’ के रूप में जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: बिस्मार्क 19वीं शताब्दी में जर्मन एकीकरण के पीछे प्रमुख शक्ति थे। उन्होंने कूटनीति, सैन्य शक्ति और यथार्थवादी राजनीति (Realpolitik) का उपयोग करके विभिन्न जर्मन राज्यों को एकजुट किया और 1871 में जर्मन साम्राज्य की स्थापना की। उनकी दृढ़ नीति और कठोर निर्णय लेने की क्षमता के कारण उन्हें यह उपाधि मिली।
- गलत विकल्प: गैरीबाल्डी इतालवी एकीकरण के एक प्रमुख व्यक्ति थे। नेपोलियन बोनापार्ट एक फ्रांसीसी सम्राट थे, और कैमिलो कैवूर इतालवी एकीकरण के एक अन्य महत्वपूर्ण वास्तुकार थे।
प्रश्न 19: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- जीन-जैक्स रूसो
- वॉल्टेयर
- चार्ल्स-लुई डी सेकोंडा, बैरन डी ला ब्रेट (मोंटेस्क्यू)
- डेनिस डिडेरोट
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘द स्पिरिट ऑफ लॉज’ (The Spirit of Laws), 1748 में प्रकाशित, फ्रांसीसी दार्शनिक मोंटेस्क्यू (Montesquieu) द्वारा लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में मोंटेस्क्यू ने शक्तियों के पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसने बाद में कई देशों के संविधानों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान को प्रभावित किया। उन्होंने तर्क दिया कि सरकार की शक्ति को विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शाखाओं में विभाजित किया जाना चाहिए ताकि किसी एक शाखा को बहुत अधिक शक्ति प्राप्त न हो।
- गलत विकल्प: रूसो ‘सामाजिक अनुबंध’ के लिए जाने जाते हैं, वॉल्टेयर स्वतंत्रता और सहिष्णुता के समर्थक थे, और डिडेरोट ‘इनसाइक्लोपीडी’ के मुख्य संपादक थे।
प्रश्न 20: रूस की क्रांति (1917) के बाद, लेनिन के नेतृत्व वाली बोल्शेविक पार्टी ने किस सरकार को अपदस्थ किया?
- ज़ारशाही शासन
- अस्थायी सरकार
- कम्युनिस्ट पार्टी
- ज़ारशाही पुलिस
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1917 की अक्टूबर क्रांति के दौरान, व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व वाली बोल्शेविक पार्टी ने तत्कालीन ‘अस्थायी सरकार’ (Provisional Government) को अपदस्थ किया था।
- संदर्भ और विस्तार: फरवरी 1917 में हुई क्रांति के बाद, ज़ार निकोलस द्वितीय को गद्दी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, और एक अस्थायी सरकार का गठन हुआ था। हालाँकि, इस सरकार की लोकप्रियता कम हुई क्योंकि यह युद्ध जारी रखे हुए थी और सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं कर पाई। बोल्शेविकों ने ‘शांति, भूमि और रोटी’ का नारा दिया, जिसने उन्हें जनता का समर्थन दिलाया और अक्टूबर 1917 में उन्होंने सत्ता पर कब्जा कर लिया, जिससे सोवियत संघ की नींव पड़ी।
- गलत विकल्प: ज़ारशाही शासन फरवरी 1917 की क्रांति में समाप्त हो चुका था। बोल्शेविक पार्टी स्वयं सत्ता में आई।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता गुप्तकालीन समाज की नहीं थी?
- कला और साहित्य का चरमोत्कर्ष
- दास प्रथा का व्यापक प्रचलन
- शिक्षा के केंद्रों का विकास
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ई.) को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ कहा जाता है, लेकिन इस काल में दास प्रथा का उतना व्यापक प्रचलन नहीं था जितना कि कुछ अन्य कालों में। हालाँकि दासता मौजूद थी, यह गुप्तकालीन समाज की परिभाषित या केंद्रीय विशेषता नहीं थी।
- संदर्भ और विस्तार: गुप्त काल में कला (जैसे अजंता की गुफाएँ), साहित्य (जैसे कालिदास के नाटक), खगोल विज्ञान (जैसे आर्यभट्ट), गणित (शून्य की अवधारणा) और चिकित्सा (सुश्रुत, चरक) के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई। शिक्षा के केंद्र जैसे नालंदा और तक्षशिला (तक्षशिला का प्रभाव पहले से था) विकसित हुए।
- गलत विकल्प: कला, साहित्य, शिक्षा और विज्ञान-प्रौद्योगिकी गुप्त काल की प्रमुख विशेषताएं थीं। दास प्रथा प्राचीन भारत में मौजूद थी, लेकिन यह गुप्त काल की सबसे प्रमुख विशेषता नहीं थी, और विशेष रूप से ‘व्यापक प्रचलन’ कहना अतिशयोक्ति हो सकती है।
प्रश्न 22: ‘बक्सर का युद्ध’ (1764) किन-किन के मध्य हुआ था?
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल का नवाब
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मैसूर का शासक
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और अवध, बंगाल व मुगल बादशाह की संयुक्त सेना
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय, बंगाल के नवाब मीर कासिम और अवध के नवाब शुजाउद्दौला की संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की निर्णायक जीत हुई, जिसका नेतृत्व हेक्टर मुनरो ने किया था। इस जीत ने भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व को मजबूत किया और 1765 में इलाहाबाद की संधि (Treaty of Allahabad) का मार्ग प्रशस्त किया, जिसके तहत कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी (राजस्व वसूली) अधिकार प्राप्त हुए।
- गलत विकल्प: प्लासी का युद्ध (1757) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब (सिराजुद्दौला) के बीच हुआ था। मैसूर के युद्ध अंग्रेजों और हैदर अली/टीपू सुल्तान के बीच हुए थे। मराठों के साथ भी अंग्रेजों के कई युद्ध हुए।
प्रश्न 23: ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ (Vernacular Press Act) किस वायसराय के कार्यकाल में पारित हुआ था?
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’, 1878, लॉर्ड लिटन (गवर्नर-जनरल 1876-1880) के कार्यकाल में पारित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीय भाषाओं (वर्नाक्युलर) में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों पर कड़ा नियंत्रण लगाना था, जो ब्रिटिश सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे थे। इसने समाचार पत्रों को बिना पूर्व चेतावनी के जब्त करने और किसी भी प्रकार के प्रकाशन पर रोक लगाने की शक्ति दी। इस अधिनियम को ‘गैग एक्ट’ भी कहा जाता था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड रिपन ने 1882 में इस अधिनियम को रद्द कर दिया था, इसलिए वे इससे जुड़े नहीं हैं। लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ था, और लॉर्ड डलहौजी व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 24: किस आयोग की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय रेलवे की शुरुआत हुई?
- वुड का डिस्पैच
- हंटर आयोग
- लॉर्ड डलहौजी की नीतियां (Railways & Telegraphs)
- रैले आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: यद्यपि कोई विशिष्ट ‘आयोग’ नहीं था जिसने रेलवे की शुरुआत की संस्तुति की हो, भारतीय रेलवे की शुरुआत का श्रेय मुख्य रूप से लॉर्ड डलहौजी (गवर्नर-जनरल 1848-1856) की नीतियों और दूरदृष्टि को जाता है। उन्होंने रेलवे, टेलीग्राफ और डाक व्यवस्था के विकास पर विशेष जोर दिया।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड डलहौजी ने भारत में ब्रिटिश शासन को मजबूत करने और संचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए रेलवे के निर्माण को बढ़ावा दिया। पहली यात्री ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को बॉम्बे (मुंबई) से ठाणे तक चली थी। रेलवे का उद्देश्य सैन्य तैनाती, माल परिवहन और कच्चे माल को बंदरगाहों तक पहुंचाना था।
- गलत विकल्प: वुड का डिस्पैच (1854) शिक्षा से संबंधित था, हंटर आयोग (1882) शिक्षा में सुधार से, और रैले आयोग (1902) विश्वविद्यालय शिक्षा से संबंधित था।
प्रश्न 25: ‘कुशीनगर’ किस धर्म के लिए एक पवित्र स्थल है?
- हिंदू धर्म
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
- सिख धर्म
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कुशीनगर (वर्तमान उत्तर प्रदेश में स्थित) बौद्ध धर्म के लिए एक अत्यंत पवित्र स्थल है, क्योंकि इसी स्थान पर भगवान बुद्ध ने ‘महापरिनिर्वाण’ (अंतिम श्वास) प्राप्त किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह वह स्थान है जहाँ महात्मा बुद्ध ने अपना पार्थिव शरीर त्यागा था और निर्वाण प्राप्त किया था। इसलिए, यह बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थस्थलों (लुम्बिनी – जन्मस्थान, बोधगया – ज्ञान प्राप्ति, सारनाथ – प्रथम उपदेश, और कुशीनगर – महापरिनिर्वाण) में से एक है। दुनिया भर से बौद्ध अनुयायी इस स्थान की यात्रा करते हैं।
- गलत विकल्प: हिंदू धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म के महत्वपूर्ण स्थल भारत में अन्यत्र स्थित हैं।
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