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आज का समाजशास्त्रीय रण: अपनी अवधारणाओं को चुनौती दें!

आज का समाजशास्त्रीय रण: अपनी अवधारणाओं को चुनौती दें!

समाजशास्त्र के ज्ञान के सागर में गोता लगाने का एक और दिन! अपनी विश्लेषणात्मक क्षमता और अवधारणात्मक स्पष्टता को आज फिर से परखें। यह 25 प्रश्नों की प्रश्नोत्तरी आपकी तैयारी को नई दिशा देगी और आपको मुख्य समाजशास्त्रीय विचारों से जोड़ेगी। तो, कमर कस लीजिए और इस बौद्धिक चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो जाइए!

समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: ‘वेरस्टेहेन’ (Verstehen) की अवधारणा, जिसका अर्थ है ‘समझना’, किस समाजशास्त्री के काम का केंद्रीय तत्व है और यह किस पद्धति पर जोर देती है?

  1. कार्ल मार्क्स – ऐतिहासिक भौतिकवाद
  2. एमिल दुर्खीम – सामाजिक तथ्य
  3. मैक्स वेबर – व्याख्यात्मक समझ
  4. अगस्त कॉम्त – प्रत्यक्षवाद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मैक्स वेबर ने ‘वेरस्टेहेन’ की अवधारणा को प्रस्तुत किया, जो समाजशास्त्रियों से अपेक्षा करती है कि वे उन व्यक्तिपरक अर्थों को समझें जिन्हें लोग अपने कार्यों से जोड़ते हैं। यह व्याख्यात्मक समाजशास्त्र का आधार है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनके कार्य ‘Economy and Society’ में विस्तृत है। वेबर का मानना था कि सामाजिक क्रियाओं को समझने के लिए, हमें कर्ताओं के इरादों, विश्वासों और भावनाओं को समझना होगा, जो केवल बाहरी अवलोकन से संभव नहीं है।
  • गलत विकल्प: (a) कार्ल मार्क्स मुख्य रूप से वर्ग संघर्ष और आर्थिक निर्धारणवाद पर केंद्रित थे। (b) एमिल दुर्खीम ने ‘सामाजिक तथ्यों’ के अध्ययन पर जोर दिया, जिन्हें बाहरी और बाध्यकारी के रूप में देखा जाता है, और उन्होंने ‘वेरस्टेहेन’ की व्यक्तिपरक समझ को उतना महत्व नहीं दिया। (d) अगस्त कॉम्त समाजशास्त्र को एक विज्ञान के रूप में स्थापित करने वाले प्रत्यक्षवाद (Positivism) के प्रस्तावक थे, जो अवलोकन और प्रयोग पर आधारित था।

प्रश्न 2: एम.एन. श्रीनिवास द्वारा दी गई ‘संस्कृतिकरण’ (Sanskritization) की अवधारणा किसे संदर्भित करती है?

  1. पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण
  2. स्थानीय जनजातियों का अपनी पारंपरिक जीवनशैली को अपनाना
  3. निम्न जाति या जनजाति द्वारा उच्च जाति की रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और विश्वासों को अपनाकर अपनी सामाजिक स्थिति में सुधार की प्रक्रिया
  4. शहरी जीवन शैली का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘संस्कृतिकरण’ एम.एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ा गया शब्द है। यह उस प्रक्रिया को दर्शाता है जिसमें एक निम्न जाति या जनजाति, उच्च जाति के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों, कर्मकांडों और जीवन शैली को अपनाकर जाति पदानुक्रम में ऊपर उठने का प्रयास करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: श्रीनिवास ने अपनी पुस्तक ‘Religion and Society Among the Coorgs of South India’ में पहली बार इस अवधारणा का प्रस्ताव रखा था। यह एक प्रकार की सांस्कृतिक गतिशीलता है, न कि संरचनात्मक गतिशीलता।
  • गलत विकल्प: (a) ‘पश्चिमीकरण’ (Westernization) पश्चिमी सांस्कृतिक तत्वों को अपनाने से संबंधित है। (b) यह एक सामान्यीकरण है जो संस्कृतिकरण के विशिष्ट अर्थ को नहीं दर्शाता। (d) शहरीकरण या शहरी जीवन शैली का प्रसार एक अलग प्रक्रिया है।

प्रश्न 3: समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से, ‘सामाजिक संरचना’ (Social Structure) का सबसे सटीक अर्थ क्या है?

  1. समाज में व्यक्तियों का कुल योग
  2. मानव व्यवहार के निरंतर अवलोकन योग्य पैटर्न
  3. समाज के विभिन्न भागों (जैसे संस्थाएँ, समूह, वर्ग) के बीच अपेक्षाकृत स्थायी संबंध और व्यवस्था
  4. समाज में शक्ति का वितरण

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सामाजिक संरचना से तात्पर्य समाज के विभिन्न तत्वों (जैसे परिवार, शिक्षा, सरकार, वर्ग, स्थिति) के बीच संबंधों और प्रतिमानों की एक स्थायी व्यवस्था से है, जो व्यक्ति के व्यवहार को आकार देती है।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम, पार्सन्स जैसे समाजशास्त्रियों ने सामाजिक संरचना के महत्व पर जोर दिया है। यह व्यक्तियों के व्यवहार को सीमित और निर्देशित करती है, लेकिन परिवर्तनशील भी हो सकती है।
  • गलत विकल्प: (a) व्यक्तियों का योग एक समग्रता है, लेकिन संरचना उनके बीच के संबंधों को परिभाषित करती है। (b) व्यवहार पैटर्न संरचना का परिणाम हो सकते हैं, लेकिन वे स्वयं संरचना नहीं हैं। (d) शक्ति का वितरण सामाजिक संरचना का एक महत्वपूर्ण पहलू हो सकता है, लेकिन यह संरचना का पूर्ण अर्थ नहीं है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी अवधारणा कार्ल मार्क्स के अलगाव (Alienation) के सिद्धांत का हिस्सा नहीं है?

  1. उत्पाद से अलगाव
  2. उत्पादन प्रक्रिया से अलगाव
  3. अन्य मनुष्यों से अलगाव
  4. आर्थिक असमानता से अलगाव

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कार्ल मार्क्स ने पूंजीवादी उत्पादन व्यवस्था में श्रमिकों के चार प्रमुख प्रकार के अलगाव का वर्णन किया: स्वयं प्रजाति-सार (species-being) से अलगाव, उत्पाद से अलगाव, उत्पादन प्रक्रिया से अलगाव, और अन्य मनुष्यों से अलगाव। ‘आर्थिक असमानता’ अलगाव का एक कारण या परिणाम हो सकती है, लेकिन यह स्वयं अलगाव की एक श्रेणी नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा मार्क्स के ‘Economic and Philosophic Manuscripts of 1844’ में मिलती है। मार्क्स के अनुसार, अलगाव तब होता है जब श्रमिक अपने श्रम के उत्पाद, अपनी श्रम क्रिया, अपने स्वयं के सार और अन्य मनुष्यों से कट जाते हैं।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) ये सभी मार्क्स द्वारा वर्णित अलगाव के प्रत्यक्ष रूप हैं।

प्रश्न 5: समाजशास्त्रीय अनुसंधान में, ‘अनॉमी’ (Anomie) की अवधारणा का संबंध मुख्य रूप से किस समाजशास्त्री से है?

  1. मैक्स वेबर
  2. एमिल दुर्खीम
  3. रॉबर्ट मर्टन
  4. ताल्कोट पार्सन्स

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अनॉमी’ की अवधारणा एमिल दुर्खीम से सबसे अधिक जुड़ी हुई है। दुर्खीम के अनुसार, अनॉमी एक ऐसी स्थिति है जहाँ समाज में कोई स्पष्ट मानदंड या नियम नहीं होते, जिससे व्यक्ति में दिशाहीनता और अनिश्चितता की भावना पैदा होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘The Division of Labour in Society’ और ‘Suicide’ में इस अवधारणा का उपयोग किया। उन्होंने तर्क दिया कि सामाजिक व्यवस्था के लिए मानदंडों का एक साझा सेट आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: (a) वेबर ने ‘वेरस्टेहेन’ और ‘आदर्श प्रारूप’ जैसी अवधारणाएं दीं। (c) रॉबर्ट मर्टन ने दुर्खीम के अनॉमी के सिद्धांत को विस्तार देते हुए ‘अनुपालन’ (Conformity) और ‘विचलन’ (Deviance) के प्रतिमान (Strain Theory) में इसका उपयोग किया, लेकिन मूल अवधारणा दुर्खीम की है। (d) पार्सन्स ने सामाजिक व्यवस्था और एकीकरण पर काम किया, लेकिन अनॉमी उनकी केंद्रीय अवधारणा नहीं थी।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी सामाजिक संस्था व्यक्तियों के प्रजनन, समाजीकरण और भावनात्मक समर्थन के प्राथमिक कार्य के लिए जिम्मेदार है?

  1. शिक्षा
  2. धर्म
  3. परिवार
  4. राजनीति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: परिवार को समाज की प्राथमिक संस्था माना जाता है जो मुख्य रूप से सदस्यों के प्रजनन, बच्चों के समाजीकरण, भावनात्मक सुरक्षा और सदस्यों की देखभाल के लिए जिम्मेदार है।
  • संदर्भ और विस्तार: विभिन्न समाजशास्त्रियों ने परिवार की भूमिकाओं का विश्लेषण किया है, जिसमें जैविक प्रजनन, भावनात्मक संतुष्टि, आर्थिक सहायता और समाजीकरण शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: (a) शिक्षा ज्ञान और कौशल प्रदान करती है। (b) धर्म आध्यात्मिक मार्गदर्शन और नैतिक ढाँचा देता है। (d) राजनीति शक्ति और शासन से संबंधित है। ये संस्थाएँ भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन परिवार इन प्राथमिक कार्यों का प्रमुख वाहक है।

प्रश्न 7: समाजशास्त्र में ‘सामाजिक स्तरीकरण’ (Social Stratification) का क्या अर्थ है?

  1. समाज में विभिन्न व्यक्तियों का एक-दूसरे से संवाद करने का तरीका
  2. समाज का ऊँच-नीच या श्रेणीबद्ध क्रम में विभाजन, जहाँ संसाधनों और विशेषाधिकारों तक पहुँच असमान होती है
  3. समूहों के बीच संघर्ष और प्रतिस्पर्धा
  4. सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सामाजिक स्तरीकरण समाज में व्यक्तियों और समूहों को उनकी आय, धन, शक्ति, प्रतिष्ठा और अन्य सामाजिक संसाधनों के आधार पर एक पदानुक्रमित या स्तरित व्यवस्था में व्यवस्थित करने की प्रक्रिया है।
  • संदर्भ और विस्तार: स्तरीकरण प्रणालियों (जैसे जाति, वर्ग, लिंग) का अध्ययन समाजशास्त्र का एक मुख्य क्षेत्र है। इसके प्रमुख सिद्धांतकारों में मार्क्स (वर्ग), वेबर (वर्ग, स्थिति, शक्ति) और दुर्खीम (श्रम विभाजन) शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: (a) यह सामाजिक संपर्क का वर्णन करता है। (c) संघर्ष स्तरीकरण का परिणाम या कारण हो सकता है, लेकिन यह स्तरीकरण की परिभाषा नहीं है। (d) सामाजिक परिवर्तन स्तरीकरण में परिवर्तन ला सकता है या स्तरीकरण के कारण हो सकता है।

प्रश्न 8: रॉबर्ट मर्टन के विचलन (Deviance) के ‘तनाव सिद्धांत’ (Strain Theory) के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन सा अनुपालन का एक रूप है जहाँ व्यक्ति सांस्कृतिक लक्ष्यों को अस्वीकार करता है लेकिन संस्थागत साधनों को स्वीकार करता है?

  1. अनुरूपता (Conformity)
  2. नवाचार (Innovation)
  3. अनुष्ठानवाद (Ritualism)
  4. पलायनवाद (Retreatism)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: रॉबर्ट मर्टन के तनाव सिद्धांत में, ‘अनुष्ठानवाद’ वह अनुपालन का रूप है जहाँ व्यक्ति समाज द्वारा निर्धारित सांस्कृतिक लक्ष्यों (जैसे धन कमाना) को प्राप्त करने में अपनी आशा खो देता है, लेकिन वह उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निर्धारित संस्थागत साधनों (जैसे कड़ी मेहनत, नियम-पालन) का पालन करना जारी रखता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मर्टन ने पांच प्रकार के अनुपालन का वर्णन किया: अनुरूपता (लक्ष्य और साधन दोनों स्वीकार), नवाचार (लक्ष्य स्वीकार, साधन अस्वीकार), अनुष्ठानवाद (लक्ष्य अस्वीकार, साधन स्वीकार), पतन (लक्ष्य और साधन दोनों अस्वीकार), और विद्रोह (लक्ष्य और साधन दोनों को बदलना)।
  • गलत विकल्प: (a) अनुरूपता में लक्ष्य और साधन दोनों स्वीकार किए जाते हैं। (b) नवाचार में लक्ष्य स्वीकार होते हैं लेकिन साधन अस्वीकार। (d) पतन (Retreatism) में व्यक्ति लक्ष्यों और साधनों दोनों को अस्वीकार कर देता है। (नोट: प्रश्न में ‘पलायनवाद’ लिखा है, जो ‘Retreatism’ का हिंदी अनुवाद है, लेकिन मर्टन के वर्गीकरण में ‘पतन’ (Rebellion) और ‘पलायन’ (Retreatism) दो अलग-अलग रूप हैं। दिए गए विकल्पों में, (c) अनुष्ठानवाद, सही उत्तर है यदि प्रश्न का आशय ‘Retreatism’ न होकर ‘Ritualism’ है। यदि प्रश्न में ‘Retreatism’ का अनुवाद ‘पलायनवाद’ किया गया है, तो यह एक संभावित भ्रम है। मान लेते हैं कि प्रश्न का उद्देश्य ‘Ritualism’ का परीक्षण करना है, जहाँ साधनों को स्वीकार किया जाता है।) – *त्रुटि सुधार*: मर्टन के सिद्धांत में “Retreatism” का अनुवाद “पलायनवाद” या “परायनता” होता है, और इसमें व्यक्ति लक्ष्यों और साधनों दोनों को अस्वीकार करता है। “Ritualism” का अनुवाद “अनुष्ठानवाद” है, और इसमें व्यक्ति लक्ष्य को अस्वीकार कर साधनों पर टिका रहता है। प्रश्न के अनुसार, “साधनों को स्वीकार करता है” लेकिन “लक्ष्यों को अस्वीकार करता है”, यह ‘अनुष्ठानवाद’ (Ritualism) है।

प्रश्न 9: समाजशास्त्रीय शोध विधियों में, ‘प्रश्नावली’ (Questionnaire) का प्रयोग मुख्य रूप से किस प्रकार के डेटा संग्रह के लिए किया जाता है?

  1. अवलोकन (Observation)
  2. साक्षात्कार (Interviews)
  3. सर्वेक्षण (Surveys)
  4. मामला अध्ययन (Case Studies)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रश्नावली का उपयोग मुख्य रूप से सर्वेक्षण अनुसंधान में बड़ी संख्या में उत्तरदाताओं से मात्रात्मक (quantitative) डेटा एकत्र करने के लिए किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रश्नावली संरचित (structured) या अर्ध-संरचित (semi-structured) हो सकती है और इसमें बंद-छोर (closed-ended) या खुले-छोर (open-ended) प्रश्न शामिल हो सकते हैं। यह कम लागत और व्यापक पहुँच के कारण लोकप्रिय है।
  • गलत विकल्प: (a) अवलोकन में सीधे व्यवहार को देखा जाता है। (b) साक्षात्कार में शोधकर्ता सीधे उत्तरदाताओं से बात करता है, जो अधिक गहराई से जानकारी दे सकता है। (d) मामला अध्ययन किसी विशेष व्यक्ति, समूह या घटना का गहन विश्लेषण होता है।

प्रश्न 10: भारतीय समाज के संदर्भ में, ‘वर्ग’ (Class) की अवधारणा मुख्य रूप से किस पर आधारित है, जबकि ‘जाति’ (Caste) मुख्य रूप से किस पर?

  1. धन; जन्म
  2. जन्म; धन
  3. शिक्षा; व्यवसाय
  4. क्षेत्र; धर्म

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: आधुनिक भारतीय समाज में, ‘वर्ग’ की अवधारणा मुख्य रूप से आर्थिक स्थिति, आय और धन पर आधारित होती है, जबकि ‘जाति’ जन्म से निर्धारित होती है और इसमें कठोर पदानुक्रम, अंतर्विवाह (endogamy) और पारंपरिक व्यवसायों की व्यवस्था होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भेद मार्क्सवादी और गैर-मार्क्सवादी दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है। हालांकि जाति व्यवस्था में भी आर्थिक आयाम हो सकते हैं, इसका मुख्य आधार जन्म और धार्मिक शुद्धता-अशुद्धता है। वर्ग अधिक खुला और गतिशील होता है।
  • गलत विकल्प: (b), (c), और (d) यह वर्ग और जाति के मूल आधारों को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं।

प्रश्न 11: ‘आत्म’ (Self) के विकास के सिद्धांत में, जॉर्ज हर्बर्ट मीड (George Herbert Mead) के अनुसार, बच्चा समाज के ‘अन्य’ (Others) के प्रति अपनी भूमिकाओं को समझने के लिए किन चरणों से गुजरता है?

  1. खेल अवस्था (Play Stage) और सामान्यीकृत अन्य अवस्था (Generalized Other Stage)
  2. नकल अवस्था (Imitation Stage) और खेल अवस्था (Play Stage)
  3. खेल अवस्था (Play Stage) और विशिष्ट अन्य अवस्था (Significant Other Stage)
  4. अनुष्ठानवाद (Ritualism) और नवाचार (Innovation)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जॉर्ज हर्बर्ट मीड के अनुसार, आत्म (Self) सामाजिक अंतःक्रिया का परिणाम है। आत्म के विकास के दो मुख्य चरण हैं: खेल अवस्था (Play Stage), जहाँ बच्चा महत्वपूर्ण अन्य (significant others) की भूमिकाओं की नकल करना सीखता है, और सामान्यीकृत अन्य अवस्था (Generalized Other Stage), जहाँ बच्चा समाज के सामान्य दृष्टिकोण और अपेक्षाओं को आत्मसात करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मीड का यह सिद्धांत प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद (Symbolic Interactionism) का एक प्रमुख हिस्सा है, जो दर्शाता है कि हमारा आत्म समाज के साथ हमारी बातचीत से बनता है।
  • गलत विकल्प: (b) नकल अवस्था (Imitation Stage) आत्म-विकास का प्रारंभिक बिंदु हो सकती है, लेकिन खेल और सामान्यीकृत अन्य अवस्थाएँ अधिक केंद्रीय हैं। (c) विशिष्ट अन्य अवस्था (Significant Other Stage) खेल अवस्था का हिस्सा है, लेकिन सामान्यीकृत अन्य अवस्था समाज के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाती है। (d) यह समाजशास्त्रीय अवधारणाएँ नहीं हैं।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सी सामाजिक समस्या शहरीकरण और औद्योगीकरण की प्रक्रिया से सीधे जुड़ी हुई है?

  1. बढ़ती बेरोजगारी
  2. प्रदूषण और भीड़भाड़
  3. अपराध दर में वृद्धि
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: शहरीकरण और औद्योगीकरण अनेक सामाजिक समस्याओं को जन्म देते हैं। बढ़ती बेरोजगारी (प्रवासी श्रमिकों के कारण), प्रदूषण और भीड़भाड़ (जनसंख्या घनत्व के कारण), और अपराध दर में वृद्धि (सामाजिक असमानता, गुमनामी के कारण) सभी इस प्रक्रिया के प्रत्यक्ष परिणाम हो सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इन समस्याओं का अध्ययन ग्रामीण और शहरी समाजशास्त्र, और सामाजिक समस्याओं के क्षेत्र में किया जाता है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) ये सभी शहरीकरण और औद्योगीकरण से जुड़ी सामाजिक समस्याएं हैं, इसलिए (d) सबसे व्यापक और सही उत्तर है।

प्रश्न 13: समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में, ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) का मुख्य जोर किस पर होता है?

  1. बड़े पैमाने पर सामाजिक संरचनाओं और संस्थानों का विश्लेषण
  2. व्यक्तियों के बीच अर्थपूर्ण अंतःक्रियाओं और प्रतीकों के माध्यम से समाज का निर्माण
  3. सामाजिक व्यवस्था और एकीकरण के तंत्र
  4. आर्थिक असमानता और वर्ग संघर्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद, जॉर्ज हर्बर्ट मीड, हर्बर्ट ब्लूमर जैसे समाजशास्त्रियों से जुड़ा है। यह उपागम व्यक्तियों के बीच सूक्ष्म-स्तरीय (micro-level) अंतःक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करता है, जहाँ वे प्रतीकों (जैसे भाषा, हावभाव) का उपयोग करके अर्थ उत्पन्न करते हैं और समाज का निर्माण करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस उपागम के अनुसार, हमारा आत्म (self), हमारी पहचान और हमारी सामाजिक वास्तविकताएं अंतःक्रियाओं के माध्यम से निर्मित होती हैं।
  • गलत विकल्प: (a) यह वृहद-स्तरीय (macro-level) सिद्धांतों (जैसे संरचनात्मक प्रकार्यवाद) की विशेषता है। (c) यह भी संरचनात्मक प्रकार्यवाद से जुड़ा है। (d) यह मार्क्सवाद की केंद्रीय अवधारणा है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सी व्यवस्था भारत में पारंपरिक सामाजिक स्तरीकरण का प्रमुख आधार रही है?

  1. वर्ग (Class)
  2. जाति (Caste)
  3. लिंग (Gender)
  4. धर्म (Religion)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारतीय समाज में ऐतिहासिक रूप से और आज भी, जाति व्यवस्था सामाजिक स्तरीकरण का सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली आधार रही है। इसने सामाजिक स्थिति, व्यवसाय, विवाह और सामाजिक अंतःक्रियाओं को निर्धारित किया है।
  • संदर्भ और विस्तार: जाति व्यवस्था एक जटिल प्रणाली है जो शुद्धता/अशुद्धता, जन्म, पदानुक्रम, अंतर्विवाह और व्यवसाय से जुड़ी है।
  • गलत विकल्प: (a) वर्ग भी एक महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन जाति की तरह पारंपरिक रूप से इतना कठोर और व्यापक नहीं था। (c) लिंग भी एक स्तरीकरण का आधार है, लेकिन जाति जितनी प्रणालीबद्ध नहीं। (d) धर्म महत्वपूर्ण है, लेकिन जाति पदानुक्रम ने विभिन्न धार्मिक समूहों के भीतर भी स्तरीकरण को प्रभावित किया है।

प्रश्न 15: ‘सामाजिक तथ्य’ (Social Facts) की अवधारणा, जिसे बाहरी और बाध्यकारी के रूप में परिभाषित किया गया है, किस समाजशास्त्री से संबंधित है?

  1. मैक्स वेबर
  2. कार्ल मार्क्स
  3. एमिल दुर्खीम
  4. अगस्त कॉम्त

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: एमिल दुर्खीम ने ‘सामाजिक तथ्य’ को समाजशास्त्र के अध्ययन की इकाई के रूप में परिभाषित किया। उनके अनुसार, सामाजिक तथ्य वे विचार, भावनाएँ और कार्य हैं जो व्यक्ति पर बाहरी रूप से थोपे जाते हैं और जिनमें एक बाध्यकारी शक्ति होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘The Rules of Sociological Method’ में इस अवधारणा को स्पष्ट किया। उदाहरण के लिए, कानून, नैतिकता, रीति-रिवाज, सामाजिक मान्यताएँ सामाजिक तथ्य हैं।
  • गलत विकल्प: (a) वेबर ने ‘सामाजिक क्रिया’ (Social Action) पर जोर दिया। (b) मार्क्स ने ‘वर्ग चेतना’ और ‘उत्पादन संबंध’ पर ध्यान केंद्रित किया। (d) कॉम्त ने ‘सामाजिक स्थैतिकी’ और ‘गतििकी’ की बात की।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सी प्रथा ‘संयुक्त परिवार’ (Joint Family) की विशेषता नहीं है?

  1. एक ही छत के नीचे कई पीढ़ियों का निवास
  2. साझा रसोई और साझा भोजन
  3. संपत्ति का व्यक्तिगत स्वामित्व
  4. साझा पूजा और अनुष्ठान

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: संयुक्त परिवार की एक प्रमुख विशेषता संपत्ति का साझा स्वामित्व (shared ownership of property) होता है, न कि व्यक्तिगत स्वामित्व। परिवार के सदस्य मिलकर आय अर्जित करते हैं और साझा व्यय वहन करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय समाजशास्त्र में संयुक्त परिवार एक महत्वपूर्ण संस्था है, जो सामुदायिक जीवन, भावनात्मक सुरक्षा और आर्थिक सहयोग प्रदान करती है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (d) ये सभी संयुक्त परिवार की विशिष्ट विशेषताएँ हैं।

प्रश्न 17: समाजशास्त्रीय अनुसंधान में ‘प्रतिभागी अवलोकन’ (Participant Observation) विधि क्या है?

  1. शोधकर्ता द्वारा बिना किसी हस्तक्षेप के सामाजिक घटनाओं का दूर से अवलोकन करना।
  2. शोधकर्ता द्वारा किसी समूह या समुदाय का सदस्य बनकर, उनके जीवन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए उनका अध्ययन करना।
  3. उत्तरदाताओं को संरचित प्रश्नावली भरना।
  4. साक्षात्कार के माध्यम से डेटा एकत्र करना।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रतिभागी अवलोकन एक गुणात्मक (qualitative) शोध विधि है जिसमें शोधकर्ता उस समूह का हिस्सा बन जाता है जिसका वह अध्ययन कर रहा है। इससे उन्हें अंदरूनी दृष्टिकोण (insider’s perspective) और गहराई से समझ प्राप्त होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विधि नृवंशविज्ञान (ethnography) में विशेष रूप से उपयोगी है, जैसे कि मैलिनोवस्की द्वारा ट्रोब्रियंड द्वीप समूह का अध्ययन।
  • गलत विकल्प: (a) यह ‘गैर-प्रतिभागी अवलोकन’ (Non-participant Observation) है। (c) यह प्रश्नावली विधि है। (d) यह साक्षात्कार विधि है।

प्रश्न 18: ताल्कोट पार्सन्स (Talcott Parsons) ने समाज को किस रूप में देखा?

  1. निरंतर संघर्षरत समूहों का एक मैदान
  2. एक जटिल प्रणाली जिसमें विभिन्न भाग सामंजस्य और संतुलन के लिए कार्य करते हैं
  3. एक ऐसी व्यवस्था जहाँ व्यक्तिगत स्वार्थ ही एकमात्र प्रेरक शक्ति है
  4. एक अस्थिर संरचना जो हमेशा विघटित होने के कगार पर है

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ताल्कोट पार्सन्स संरचनात्मक प्रकार्यवाद (Structural Functionalism) के प्रमुख प्रस्तावक थे। उन्होंने समाज को एक जटिल प्रणाली के रूप में देखा, जिसके विभिन्न उप-प्रणालियाँ (जैसे परिवार, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, राजनीति) एक-दूसरे के साथ समन्वय स्थापित करते हुए समग्र समाज के स्थायित्व और संतुलन को बनाए रखती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: पार्सन्स ने AGIL (Adaptation, Goal Attainment, Integration, Latency) मॉडल प्रस्तुत किया, जो किसी भी सामाजिक प्रणाली के आवश्यक कार्यों का वर्णन करता है।
  • गलत विकल्प: (a) यह संघर्ष सिद्धांत (Conflict Theory) का दृष्टिकोण है। (c) यह व्यक्तिगत अर्थशास्त्र या कुछ उदारवादी विचारों का हो सकता है। (d) यह अराजकतावाद या तीव्र सामाजिक उथल-पुथल के सिद्धांतकारों का विचार हो सकता है।

प्रश्न 19: भारत में ‘आदिवासी समाज’ (Tribal Society) के अध्ययन के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता सामान्यतः पाई जाती है?

  1. लिखित संविधान और उच्च शिक्षा प्रणाली
  2. विशिष्ट संस्कृति, भाषा और भौगोलिक अलगाव
  3. मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में पूर्ण एकीकरण
  4. औपचारिक नौकरशाही संरचना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: आदिवासी समुदायों को अक्सर उनकी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान, एक अद्वितीय भाषा, और ऐतिहासिक रूप से मुख्यधारा के समाज से भौगोलिक या सामाजिक अलगाव की विशेषता से पहचाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन समुदायों में अपनी पारंपरिक सामाजिक संरचनाएं, धार्मिक विश्वास और आजीविका के तरीके होते हैं। हालांकि, वे भी परिवर्तन और एकीकरण की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।
  • गलत विकल्प: (a) लिखित संविधान और उच्च शिक्षा मुख्य रूप से राष्ट्रीय राज्यों की विशेषताएँ हैं, न कि सभी आदिवासी समुदायों की। (c) पूर्ण एकीकरण की बजाय, अक्सर अलगाव या आंशिक एकीकरण देखा जाता है। (d) औपचारिक नौकरशाही संरचना अक्सर राज्य-आधारित समाजों की विशेषता है, न कि पारंपरिक आदिवासी समाजों की।

प्रश्न 20: समाजशास्त्र में, ‘सामाजिक गतिशीलता’ (Social Mobility) का क्या अर्थ है?

  1. समाज में व्यक्तियों का शारीरिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना।
  2. एक व्यक्ति या समूह का एक सामाजिक स्तर से दूसरे सामाजिक स्तर पर या एक स्थिति से दूसरी स्थिति में ऊपर या नीचे की ओर स्थानांतरण।
  3. समाज में विचारों और संस्कृति का प्रसार।
  4. सामाजिक परिवर्तन की दर।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सामाजिक गतिशीलता किसी व्यक्ति या समूह के एक सामाजिक स्तरीकरण प्रणाली के भीतर एक स्तर से दूसरे स्तर तक जाने को संदर्भित करती है। यह ऊर्ध्वाधर (ऊपर या नीचे) या क्षैतिज (समान स्तर पर) हो सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: गतिशीलता का अध्ययन समाज में अवसरों की समानता और सामाजिक न्याय के विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: (a) यह प्रवासन (migration) है। (c) यह सांस्कृतिक प्रसार है। (d) यह सामाजिक परिवर्तन की गति को दर्शाता है।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा समाजशास्त्री ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) से सबसे अधिक जुड़ा हुआ है?

  1. एमिल दुर्खीम
  2. कार्ल मार्क्स
  3. मैक्स वेबर
  4. जॉर्ज हर्बर्ट मीड

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जॉर्ज हर्बर्ट मीड को प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद का संस्थापक माना जाता है। उन्होंने आत्म (self) और समाज के निर्माण में प्रतीकों और अंतःक्रियाओं की भूमिका पर जोर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: हर्बर्ट ब्लूमर ने मीड के विचारों को व्यवस्थित किया और ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ शब्द गढ़ा।
  • गलत विकल्प: (a) दुर्खीम संरचनात्मक प्रकार्यवाद और सामाजिक तथ्यों से जुड़े हैं। (b) मार्क्स वर्ग संघर्ष और ऐतिहासिक भौतिकवाद से जुड़े हैं। (c) वेबर व्याख्यात्मक समाजशास्त्र और शक्ति से जुड़े हैं।

प्रश्न 22: ‘सामाजिक पूंजी’ (Social Capital) की अवधारणा का तात्पर्य निम्नलिखित में से किससे है?

  1. किसी व्यक्ति या समूह के पास मौजूद वित्तीय संसाधन।
  2. किसी व्यक्ति या समूह के पास मौजूद ज्ञान और कौशल।
  3. सामाजिक नेटवर्क, विश्वास और आपसी सहयोग के माध्यम से प्राप्त लाभ।
  4. भौतिक संपत्ति और अचल संपत्ति।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सामाजिक पूंजी उन संसाधनों को संदर्भित करती है जो किसी व्यक्ति या समूह को उनके सामाजिक नेटवर्क (जैसे परिवार, मित्र, सहकर्मी) में शामिल होने से प्राप्त होते हैं। इसमें विश्वास, सहयोग, और संबंधों से उत्पन्न होने वाले अवसर शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: पियरे बॉर्डियू (Pierre Bourdieu), जेम्स कोलमन (James Coleman) और रॉबर्ट पुटनम (Robert Putnam) जैसे समाजशास्त्रियों ने इस अवधारणा को विकसित किया है।
  • गलत विकल्प: (a) यह वित्तीय पूंजी है। (b) यह मानव पूंजी है। (d) यह भौतिक पूंजी है।

प्रश्न 23: भारत में, ‘भूमि सुधार’ (Land Reforms) का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित में से किसे संबोधित करना था?

  1. शहरीकरण की प्रक्रिया को तेज करना।
  2. कृषि उत्पादकता बढ़ाना और ग्रामीण असमानताओं को कम करना।
  3. औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना।
  4. शिक्षा के प्रसार को बढ़ाना।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत में भूमि सुधारों का मुख्य उद्देश्य ज़मींदारी प्रथा को समाप्त करना, भूमिहीनों को भूमि का वितरण करना, कृषि जोतों को सुसंगत बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों में धन और शक्ति के असमान वितरण को कम करना था, जिससे कृषि उत्पादकता भी बढ़े।
  • संदर्भ और विस्तार: स्वतंत्रता के बाद भारतीय सरकार की यह एक प्रमुख नीति रही है, जिसके विभिन्न चरण और परिणाम रहे हैं।
  • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) ये अन्य विकास लक्ष्य रहे हैं, लेकिन भूमि सुधारों का प्राथमिक ध्यान कृषि और ग्रामीण असमानता पर था।

प्रश्न 24: समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से, ‘प्रारूप’ (Ideal Type) की अवधारणा को किसने विकसित किया, जिसका उपयोग सामाजिक वास्तविकताओं को व्यवस्थित रूप से समझने के लिए एक विश्लेषणात्मक उपकरण के रूप में किया जाता है?

  1. एमिल दुर्खीम
  2. कार्ल मार्क्स
  3. मैक्स वेबर
  4. अगस्त कॉम्त

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मैक्स वेबर ने ‘प्रारूप’ (Ideal Type) की अवधारणा विकसित की। यह वास्तविक दुनिया की एक अतिरंजित या आदर्शित प्रस्तुति है, जो एक विशेष सामाजिक घटना के प्रमुख लक्षणों को स्पष्ट रूप से सामने लाने के लिए बनाई जाती है, ताकि उसकी तुलना की जा सके और उसे समझा जा सके।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक अनुभवजन्य (empirical) उपकरण है, न कि एक नैतिक आदर्श। वेबर ने नौकरशाही, पूंजीवाद जैसे प्रारूपों का उपयोग किया।
  • गलत विकल्प: (a) दुर्खीम ने ‘सामाजिक तथ्य’ और ‘सामूहिक चेतना’ पर काम किया। (b) मार्क्स ने ‘वर्ग’ और ‘पूंजीवाद’ के विश्लेषण पर जोर दिया। (d) कॉम्त ने प्रत्यक्षवाद की रूपरेखा प्रस्तुत की।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सी सामाजिक समस्या ‘पारिवारिक विघटन’ (Family Disorganization) का एक संकेतक हो सकती है?

  1. संयुक्त परिवार का एकाकी परिवार में बदलना
  2. तलाक की दर में वृद्धि
  3. बाल अपराध में वृद्धि
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: पारिवारिक विघटन वह प्रक्रिया है जिसमें परिवार अपने पारंपरिक कार्यों को करने में असमर्थ हो जाता है। संयुक्त परिवार का एकाकी परिवार में बदलना, तलाक की दर में वृद्धि, और बाल अपराध में वृद्धि – ये सभी परिवार की संरचनात्मक और कार्यात्मक क्षीणता के संकेत माने जाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आधुनिक समाजों में होने वाले सामाजिक परिवर्तनों, व्यक्तिवाद में वृद्धि और आर्थिक दबावों का परिणाम हो सकता है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) ये सभी व्यक्तिगत रूप से पारिवारिक विघटन के संकेतक हैं, इसलिए (d) सबसे व्यापक और सही उत्तर है।

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