इतिहास की गूंज: 25 प्रश्न – ज्ञान का महासंग्राम!
नमस्कार, युवा इतिहासवीरों! आज हम समय के गलियारों से एक रोमांचक यात्रा पर निकल रहे हैं। क्या आप अपने ज्ञान की तलवारों को तेज करने और बीते युगों के रहस्यों को सुलझाने के लिए तैयार हैं? पेश हैं 25 बहुविकल्पीय प्रश्न, जो आपकी तैयारी को नई दिशा देंगे!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद काल’ का सबसे प्रमुख राज्य कौन सा था, जिसने बाद में एक बड़े साम्राज्य की नींव रखी?
- कौशल
- अवंती
- मगध
- वत्स
उत्तर: (ग)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मगध प्राचीन भारत में महाजनपद काल का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली राज्य था। इसकी भौगोलिक स्थिति, उपजाऊ भूमि, लोहे के संसाधन और कुशल शासकों ने इसके उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: मगध ने शिशुनाग, नंद और मौर्य जैसे शक्तिशाली राजवंशों को जन्म दिया, जिन्होंने अंततः एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की। पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) इसकी राजधानी बनी, जो राजनीतिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र था।
- गलत विकल्प: कौशल, अवंती और वत्स भी महत्वपूर्ण महाजनपद थे, लेकिन मगध की तरह वे एक अखिल भारतीय साम्राज्य स्थापित करने में सफल नहीं हुए।
प्रश्न 2: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें उनके भारतीय इतिहासकार वी. ए. स्मिथ द्वारा दी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया और अपने शासनकाल में अनेक सैन्य विजयें प्राप्त कीं। उनके प्रशस्तिकार हरिषेण द्वारा रचित ‘प्रयाग प्रशस्ति’ (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उनकी विजयों का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) भी एक महान शासक थे जिन्होंने कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया, लेकिन उनकी सैन्य उपलब्धियां समुद्रगुप्त के समान नहीं थीं। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दासों का विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- फिरोज शाह तुगलक
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (ग)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फिरोज शाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की थी। यह विभाग गुलामों (बंदगानों) की देखभाल और उनके प्रशिक्षण के लिए बनाया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक ने अपने शासनकाल में कई जनकल्याणकारी कार्य किए, जिनमें से एक दास व्यवस्था का संगठित रूप से प्रबंधन था। ये दास अक्सर सैन्य और प्रशासनिक कार्यों में लगाए जाते थे।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्काने-चहलगानी) का गठन किया था। बलबन ने राजत्व के सिद्धांत को मजबूत किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना की व्यवस्था की।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी पुस्तक अमीर खुसरो द्वारा नहीं लिखी गई है?
- मिफ्ताह-उल-फुतूह
- खज़ाइन-उल-फुतूह
- तुगलकनामा
- तारीख-ए-फिरोजशाही
उत्तर: (घ)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ जियाउद्दीन बरनी द्वारा लिखी गई है।
- संदर्भ और विस्तार: अमीर खुसरो एक प्रसिद्ध कवि, संगीतकार और इतिहासकार थे, जिन्हें ‘भारत का तोता’ भी कहा जाता है। उन्होंने अलाउद्दीन खिलजी के काल को नजदीक से देखा था। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘मिफ्ताह-उल-फुतूह’, ‘खज़ाइन-उल-फुतूह’ (जलालुद्दीन खिलजी और अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल का इतिहास), ‘नुह सिपह’ और ‘तुगलकनामा’ (गयासुद्दीन तुगलक के प्रारंभिक जीवन पर) शामिल हैं।
- गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प अमीर खुसरो की प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसे ‘आंध्र भोज’ के नाम से भी जाना जाता है?
- देवराय प्रथम
- कृष्ण देवराय
- देवराय द्वितीय
- अच्युत देवराय
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कृष्ण देवराय विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे और उन्हें ‘आंध्र भोज’ की उपाधि से भी नवाजा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देवराय (शासनकाल 1509-1529) तुलुव राजवंश के थे। उन्होंने कला, साहित्य और वास्तुकला को खूब संरक्षण दिया। उनके दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वान रहते थे, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था। उन्होंने हम्पी में कई भव्य स्मारकों का निर्माण करवाया।
- गलत विकल्प: देवराय प्रथम और द्वितीय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्ण देवराय की ख्याति सर्वाधिक है। अच्युत देवराय उनके उत्तराधिकारी थे।
प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के समय ब्रिटिश भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड डफरिन
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1857 के विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे।
- संदर्भ और विस्तार: कैनिंग का कार्यकाल 1856 से 1862 तक रहा। 1857 के विद्रोह को दबाने के बाद, भारत का शासन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन कर दिया गया, और लॉर्ड कैनिंग ही भारत के पहले वाइसरॉय बने।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी उस समय गवर्नर-जनरल थे जब विद्रोह की चिंगारी भड़की थी (1848-1856), लेकिन विद्रोह के दौरान कैनिंग पद पर थे। लॉर्ड लिटन वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट के लिए जाने जाते हैं, और लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।
प्रश्न 7: ‘सूती वस्त्रों की राजधानी’ के रूप में किस भारतीय शहर को जाना जाता था, विशेषकर ब्रिटिश काल में?
- मुंबई
- अहमदाबाद
- कानपुर
- कोलकाता
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अहमदाबाद को ‘सूती वस्त्रों की राजधानी’ के रूप में जाना जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: अहमदाबाद, गुजरात में स्थित, अपनी उन्नत कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध था। ब्रिटिश काल में, यह शहर कई बड़े सूती वस्त्र मिलों का घर बन गया था, जिसने इसे एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित किया।
- गलत विकल्प: मुंबई भी एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर था, लेकिन अहमदाबाद सूती वस्त्रों के लिए विशेष रूप से जाना जाता था। कानपुर चमड़ा और अन्य उद्योगों के लिए प्रसिद्ध था, और कोलकाता एक प्रमुख बंदरगाह और प्रशासनिक केंद्र था।
प्रश्न 8: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
- लखनऊ अधिवेशन, 1916
- कलकत्ता अधिवेशन, 1920
उत्तर: (क)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे। यहीं पर कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किया और 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
- गलत विकल्प: कराची अधिवेशन, 1931 में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों का प्रस्ताव पारित हुआ था। लखनऊ अधिवेशन, 1916 ‘कांग्रेस-लीग समझौता’ के लिए जाना जाता है, और कलकत्ता अधिवेशन, 1920 में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव स्वीकार किया गया था।
प्रश्न 9: ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना किसने की थी?
- भगत सिंह
- चंद्रशेखर आजाद
- खुदीराम बोस
- विनायक दामोदर सावरकर
उत्तर: (घ)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने अपने भाई गणेश दामोदर सावरकर के साथ मिलकर ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगठन 1904 में नासिक, महाराष्ट्र में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति की तैयारी करना था। यह पहले ‘मित्र मेला’ के नाम से जाना जाता था।
- गलत विकल्प: भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और खुदीराम बोस अन्य महत्वपूर्ण क्रांतिकारी थे, लेकिन उन्होंने ‘अभिनव भारत’ की स्थापना नहीं की थी।
प्रश्न 10: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु नदी’ पर स्थित नहीं था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- रोपड़
- लोथल
उत्तर: (घ)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लोथल सिंधु नदी पर स्थित नहीं था।
- संदर्भ और विस्तार: लोथल, जो एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, गुजरात में भोगवा नदी के तट पर स्थित था। हड़प्पा रावी नदी के तट पर, मोहनजोदड़ो सिंधु नदी के तट पर, और रोपड़ (रूपनगर) सतलुज नदी के तट पर स्थित थे।
- गलत विकल्प: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और रोपड़ क्रमशः रावी, सिंधु और सतलुज नदियों के तट पर अवस्थित थे, जबकि लोथल भोगवा नदी के तट पर था।
प्रश्न 11: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (क)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मुगल बादशाह अकबर ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक धर्म की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संवादपूर्ण और सहिष्णु धार्मिक व्यवस्था थी जिसे अकबर ने विभिन्न धर्मों के अच्छे विचारों को मिलाकर चलाया था। इसका उद्देश्य धार्मिक सद्भाव स्थापित करना था, हालांकि यह बहुत लोकप्रिय नहीं हो सका और इसे स्वीकार करने वाले बहुत कम लोग थे, जिनमें बीरबल भी एक थे।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस धर्म को जारी नहीं रखा। जहाँगीर ने अपने आत्मकथा ‘तुजुके-जहाँगीरी’ लिखी, शाहजहाँ वास्तुकला (जैसे ताजमहल) के लिए प्रसिद्ध है, और औरंगजेब ने अपनी धार्मिक नीतियों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 12: 1942 में महात्मा गांधी द्वारा ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान दिया गया प्रसिद्ध नारा क्या था?
- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
- करो या मरो
- आराम हराम है
- सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘करो या मरो’ (Do or Die) का प्रसिद्ध नारा महात्मा गांधी ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: बॉम्बे के ग्वालिया टैंक मैदान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में बोलते हुए, गांधीजी ने लोगों से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया, भले ही इसका मतलब अपना जीवन बलिदान करना पड़े।
- गलत विकल्प: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ बाल गंगाधर तिलक का नारा था। ‘आराम हराम है’ जवाहरलाल नेहरू का प्रसिद्ध वाक्य था। ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ राम प्रसाद बिस्मिल से जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा कथन इंडस वैली सिविलाइजेशन (सिंधु घाटी सभ्यता) के बारे में गलत है?
- यह एक शहरी सभ्यता थी।
- यहां के लोग मातृदेवी की पूजा करते थे।
- यहां लोहे का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था।
- यह हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसे सुनियोजित शहरों के लिए जानी जाती थी।
उत्तर: (ग)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता में लोहे का व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: सिंधु घाटी सभ्यता एक कांस्य युगीन (Bronze Age) सभ्यता थी। यहां के लोग तांबे और कांसे के औजारों और हथियारों का प्रयोग करते थे। लोहे का ज्ञान उन्हें बाद में हुआ।
- गलत विकल्प: अन्य सभी कथन सही हैं। यह एक शहरी सभ्यता थी जिसमें सुनियोजित शहर, जल निकासी व्यवस्था, मातृदेवी की पूजा और पाशुपति मोहरों के साक्ष्य मिलते हैं।
प्रश्न 14: ‘अष्टध्यायी’ नामक प्रसिद्ध व्याकरण ग्रंथ के लेखक कौन हैं?
- पाणिनि
- पतंजलि
- कात्यायन
- वराहमिहिर
उत्तर: (क)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘अष्टध्यायी’ के लेखक महर्षि पाणिनि हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ‘अष्टध्यायी’ संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और व्यवस्थित ग्रंथ है, जिसे प्राचीन भारत में भाषा के अध्ययन का आधार माना जाता है। यह लगभग 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में लिखा गया था।
- गलत विकल्प: पतंजलि ने ‘महाभाष्य’ की रचना की, जो पाणिनि के ‘अष्टध्यायी’ पर एक प्रसिद्ध टीका है। कात्यायन ने ‘वार्तिक’ लिखे। वराहमिहिर एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे जिन्होंने ‘बृहत् संहिता’ लिखी।
प्रश्न 15: प्रसिद्ध ‘गांधार कला शैली’ का विकास किन दो सभ्यताओं के मिश्रण से हुआ?
- भारतीय और फारसी
- ग्रीक (यूनानी) और भारतीय
- रोमन और भारतीय
- चीनी और भारतीय
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गांधार कला शैली का विकास यूनानी (ग्रीक) और भारतीय कला शैलियों के मिश्रण से हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह कला शैली ईसा पूर्व पहली शताब्दी से लेकर ईसा की पांचवी शताब्दी तक विकसित हुई, विशेष रूप से कुषाण काल में। इसमें बुद्ध की मूर्तियों में यूनानी देवों की शैली और भारतीय बौद्ध परंपरा का समन्वय दिखाई देता है।
- गलत विकल्प: यह शैली विशेष रूप से यूनानी प्रभाव को दर्शाती है, न कि केवल फारसी, रोमन या चीनी।
प्रश्न 16: मध्यकालीन भारत में ‘बंदगान-ए-मुगल’ (मुगलों के दास) शब्द किसके लिए प्रयोग किया जाता था?
- सैन्य दास/गुलाम
- कृषि दास
- धार्मिक दास
- शाही कारीगर
उत्तर: (क)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मध्यकालीन भारत में ‘बंदगान-ए-मुगल’ या ‘बंदगान’ शब्द मुख्य रूप से सैन्य दास या गुलामों के लिए प्रयोग किया जाता था, जिन्हें खरीदकर या युद्धबंदी बनाकर प्रशिक्षित किया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: गुलामों की एक प्रशिक्षित सेना रखना दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य की सैन्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। ये दास स्वामी के प्रति अत्यंत वफादार होते थे और महत्वपूर्ण प्रशासनिक तथा सैन्य पदों पर भी आसीन होते थे।
- गलत विकल्प: वे कृषि दास, धार्मिक दास या केवल शाही कारीगर नहीं थे; उनका प्राथमिक उद्देश्य सेना और प्रशासन में सेवा करना था।
प्रश्न 17: तैमूर लंग ने भारत पर कब आक्रमण किया?
- 1398 ईस्वी
- 1211 ईस्वी
- 1336 ईस्वी
- 1498 ईस्वी
उत्तर: (क)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: तैमूर लंग ने 1398 ईस्वी में भारत पर आक्रमण किया था।
- संदर्भ और विस्तार: तैमूर, जो मध्य एशिया का एक शक्तिशाली विजेता था, ने दिल्ली सल्तनत के अंतिम चरण में भारत पर हमला किया। उसने दिल्ली को लूटा और भारी विनाश किया, जिससे दिल्ली सल्तनत और कमजोर हो गई।
- गलत विकल्प: 1211 ईस्वी इल्तुतमिश के गद्दी पर बैठने का वर्ष है। 1336 ईस्वी विजयनगर साम्राज्य की स्थापना का वर्ष है। 1498 ईस्वी में वास्को डी गामा भारत आया था।
प्रश्न 18: ‘जजिया’ कर क्या था?
- भूमि कर
- गैर-मुसलमानों पर धार्मिक कर
- व्यापार कर
- नमक कर
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: जजिया एक प्रकार का धार्मिक कर था जो मुस्लिम शासकों द्वारा अपने मुस्लिम राज्य में रहने वाले गैर-मुसलमानों (जिम्मी) पर लगाया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: यह कर उन्हें राज्य की सुरक्षा के बदले में लिया जाता था। दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य में इसका प्रचलन था। कुछ शासकों, जैसे अकबर ने इसे समाप्त कर दिया था, लेकिन बाद में इसे फिर से लागू किया गया।
- गलत विकल्प: यह भूमि कर (खराज), व्यापार कर या नमक कर से भिन्न था।
प्रश्न 19: किस मराठा पेशवा को ‘अंतिम महान पेशवा’ कहा जाता है?
- बाजीराव प्रथम
- बालाजी विश्वनाथ
- माधवराव
- बाजीराव द्वितीय
उत्तर: (ग)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: माधवराव को अक्सर ‘अंतिम महान पेशवा’ माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: माधवराव (शासनकाल 1761-1772) ने पानीपत के तीसरे युद्ध में मराठाओं की हार के बाद साम्राज्य को फिर से संगठित किया और उसकी प्रतिष्ठा को बहाल किया। उन्होंने कुशल प्रशासन और सैन्य सफलताओं से मराठा शक्ति को मजबूत किया।
- गलत विकल्प: बाजीराव प्रथम एक महान पेशवा थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया। बालाजी विश्वनाथ मराठा संघ के संस्थापक माने जाते हैं। बाजीराव द्वितीय सबसे अंतिम पेशवा थे और उनकी अयोग्यता ने मराठा शक्ति के पतन में योगदान दिया।
प्रश्न 20: ‘फArray’ (फArray) नामक पुस्तक किसने लिखी थी, जो भारत में फ्रांसीसी प्रभाव पर प्रकाश डालती है?
- फ्रांस्वा बर्नियर
- जीन-बैप्टिस्ट टवेर्नियर
- मार्को पोलो
- निकोलस मनुची
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: ‘फArray’ (Voyages en Perse et aux Indes) या ‘ट्रेवल्स इन पर्शिया एंड इंडिया’ जैसी यात्रा वृतांतों के लेखक जीन-बैप्टिस्ट टवेर्नियर थे।
- संदर्भ और विस्तार: टवेर्नियर एक फ्रांसीसी जौहरी और यात्री थे जिन्होंने 17वीं शताब्दी में भारत की यात्रा की थी। उनके वृतांतों में उस समय के भारत, विशेष रूप से व्यापार, अर्थव्यवस्था, समाज और यूरोपीय (विशेष रूप से फ्रांसीसी) वाणिज्यिक हितों के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिलती है।
- गलत विकल्प: फ्रांस्वा बर्नियर ने ‘ट्रैवेल्स इन द मुगल एम्पायर’ लिखा था, जिसमें मुगल दरबार का विस्तृत वर्णन है। मार्को पोलो 13वीं शताब्दी में भारत आए थे। निकोलस मनुची ने ‘स्टोरियो डो मोगोर’ लिखा, जिसमें मुगल काल का वर्णन है।
प्रश्न 21: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) की शुरुआत किसने की थी?
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड कार्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 में बंगाल में ‘स्थायी बंदोबस्त’ की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को जमीन का मालिक माना गया और उनसे राजस्व की एक निश्चित राशि हमेशा के लिए वसूलने का अधिकार ब्रिटिश सरकार को प्राप्त हुआ। इससे जमींदार वर्ग ब्रिटिश सत्ता का समर्थक बन गया, लेकिन किसानों का शोषण बढ़ा।
- गलत विकल्प: अन्य गवर्नर-जनरलों की नीतियां भूमि सुधार से भिन्न थीं। लॉर्ड वेलेस्ली ‘सहायक संधि’ के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक सती प्रथा के उन्मूलन से जुड़े हैं। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 22: ‘हरिजन’ पत्रिका के संस्थापक कौन थे, जिसका उद्देश्य दलितों के उत्थान के लिए कार्य करना था?
- महात्मा गांधी
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- ज्योतिबा फुले
- पेरियार ई. वी. रामासामी
उत्तर: (क)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: महात्मा गांधी ने ‘हरिजन’ पत्रिका की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: गांधीजी ने छुआछूत (अस्पृश्यता) को समाप्त करने और दलितों (जिन्हें वे ‘हरिजन’ यानी ईश्वर के लोग कहते थे) के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए यह पत्रिका निकाली थी। पहली बार यह पत्रिका 1933 में पुणे से प्रकाशित हुई थी।
- गलत विकल्प: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘मूकनायक’ और ‘बहिष्कृत भारत’ जैसी पत्रिकाएं निकालीं। ज्योतिबा फुले ने ‘दीनबंधु’ नामक पत्रिका का समर्थन किया। पेरियार ने ‘कुडिआरसु’ जैसी पत्रिकाएं निकालीं।
प्रश्न 23: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) में कौन सा प्रमुख देश शामिल नहीं था?
- ब्रिटेन
- फ्रांस
- रूस
- संयुक्त राज्य अमेरिका
उत्तर: (ग)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: रूस प्रथम विश्व युद्ध के अंतिम चरणों में मित्र राष्ट्रों से अलग हो गया था।
- संदर्भ और विस्तार: मित्र राष्ट्रों में मुख्य रूप से ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली (1915 में शामिल हुआ), जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका (1917 में शामिल हुआ) शामिल थे। 1917 में रूसी क्रांति के बाद, रूस ने मित्र राष्ट्रों से एक अलग शांति संधि (ब्रेस्ट-लिटोव्स्क की संधि) कर ली और युद्ध से बाहर हो गया।
- गलत विकल्प: ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका मित्र राष्ट्रों के प्रमुख सदस्य थे।
प्रश्न 24: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?
- रक्त और लौह
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- राष्ट्र की एकता
- सैन्य सर्वोच्चता
उत्तर: (ख)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति का प्रमुख नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य के आदर्शों और क्रांति के मुख्य लक्ष्यों का प्रतिनिधित्व करता है। इसने पूरे यूरोप और दुनिया भर में मुक्ति आंदोलनों को प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: ‘रक्त और लौह’ बिस्मार्क से जुड़ा नारा है। अन्य विकल्प क्रांति के मुख्य नारे का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
प्रश्न 25: भारत के किस वायसराय के कार्यकाल में ‘बंगाल का विभाजन’ हुआ था?
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो द्वितीय
उत्तर: (ग)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन, जो 1899 से 1905 तक भारत के वायसराय रहे, ने प्रशासनिक सुविधा के आधार पर बंगाल का विभाजन कर दिया, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य बंगाल में बढ़ते राष्ट्रवाद को कमजोर करना था। इस विभाजन के कारण देशव्यापी विरोध हुआ, जिसे ‘स्वदेशी आंदोलन’ के नाम से जाना जाता है।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू किया था। लॉर्ड मिंटो द्वितीय कर्जन के बाद वायसराय बने और उनके समय में मार्ले-मिंटो सुधार आए।
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