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इतिहास मंथन: 25 प्रश्नों का महासंग्राम

इतिहास मंथन: 25 प्रश्नों का महासंग्राम

इतिहास के सागर में गोता लगाने और अपने ज्ञान की गहराई को परखने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह विशेष प्रश्नोत्तरी सत्र आपको प्राचीन भारत की गौरवशाली गाथाओं से लेकर आधुनिक भारत के संघर्षों और विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं तक की यात्रा पर ले जाएगा। क्या आप अगले UPSC, SSC, या राज्य PSC परीक्षा के लिए तैयार हैं? आइए, इन 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित में से किस स्थल से एक भव्य स्नानागार (Great Bath) का साक्ष्य मिला है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मोहनजोदड़ो (अर्थात “मृतकों का टीला”) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल है, जहाँ से एक विशाल स्नानागार के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था। इसकी संरचना ईंटों से बनी थी और इसमें सीढ़ियाँ भी थीं। इस स्थल से प्राप्त अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएँ मुहरें, पुजारी-राजा की मूर्ति, और कांस्य नर्तकी की मूर्ति हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला सिंधु स्थल था जिसकी खोज हुई, लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था, और कालीबंगन से जुते हुए खेत के प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं, लेकिन भव्य स्नानागार मोहनजोदड़ो की विशिष्ट पहचान है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद में सभा और समिति को प्रजापति की दो पुत्रियाँ कहा गया है?

  1. ऋग्वेद
  2. सामवेद
  3. यजुर्वेद
  4. अथर्ववेद

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: अथर्ववेद, जो वैदिक साहित्य का अंतिम वेद है, में सभा और समिति का उल्लेख मिलता है और उन्हें प्रजापति की दो पुत्रियों के रूप में वर्णित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: सभा और समिति वैदिक काल में महत्वपूर्ण राजनीतिक संस्थाएँ थीं। सभा को परिषद या अभिजात वर्ग की सभा कहा जाता था, जबकि समिति एक सामान्य जनसभा थी। अथर्ववेद उस काल की सामाजिक और राजनीतिक मान्यताओं पर प्रकाश डालता है।
  • गलत विकल्प: ऋग्वेद में इन संस्थाओं का उल्लेख मिलता है लेकिन प्रजापति की पुत्रियों के रूप में नहीं। सामवेद और यजुर्वेद मुख्य रूप से कर्मकांडों पर केंद्रित हैं।

प्रश्न 3: चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में ‘इंडिका’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक किसने लिखी थी?

  1. मेगस्थनीज
  2. फाह्यान
  3. ह्वेन त्सांग
  4. टॉलेमी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘इंडिका’ का लेखन यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने किया था, जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेल्यूकस प्रथम द्वारा भेजा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज ने मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र में रहकर भारतीय समाज, संस्कृति, राजनीति और प्रशासन का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। यद्यपि ‘इंडिका’ का मूल ग्रंथ खो गया है, लेकिन इसके उद्धरण अन्य लेखकों के कार्यों में मिलते हैं, जो मौर्यकालीन भारत के अध्ययन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
  • गलत विकल्प: फाह्यान और ह्वेन त्सांग चीनी यात्री थे जो क्रमशः गुप्त और हर्यक वंश के काल में भारत आए थे। टॉलेमी एक यूनानी भूगोलवेत्ता था।

प्रश्न 4: गुप्त काल को “भारत का स्वर्ण युग” क्यों कहा जाता है?

  1. क्योंकि इस काल में सोने के सिक्के सर्वाधिक प्रचलित थे।
  2. क्योंकि इस काल में कला, विज्ञान, साहित्य और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
  3. क्योंकि इस काल में साम्राज्य का विस्तार अपने चरमोत्कर्ष पर था।
  4. क्योंकि इस काल में शांति और समृद्धि का माहौल था।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गुप्त काल को “भारत का स्वर्ण युग” मुख्य रूप से इस अवधि के दौरान कला, विज्ञान, साहित्य, गणित, खगोल विज्ञान और वास्तुकला में हुई महत्वपूर्ण प्रगति के कारण कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञों और खगोलविदों, और वराहमिहिर जैसे विद्वानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। अजंता की गुफाओं के चित्र और सारनाथ के स्तम्भ भी इसी काल की देन हैं।
  • गलत विकल्प: हालांकि इस काल में सोने के सिक्के प्रचलित थे और साम्राज्य का विस्तार भी हुआ, तथा शांति और समृद्धि भी थी, लेकिन इन सभी का समावेशी कारण सांस्कृतिक और बौद्धिक पुनर्जागरण है, जिसे “स्वर्ण युग” की संज्ञा दी जाती है।

प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मुहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मुहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल 1325-1351 ई.) ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक कृषि विभाग की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य उद्देश्य कृषि का विस्तार करना, किसानों को ऋण (सौंदर/सौदागर) देना और बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना था। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादन को बढ़ाना और राज्य की आय में वृद्धि करना था।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्काने-ए-चहलगानी) की स्थापना की, बलबन ने राजत्व के सिद्धांत को लागू किया, और अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु कवियों के एक समूह को संरक्षण दिया था?

  1. देवराय प्रथम
  2. कृष्णदेवराय
  3. सदाशिव राय
  4. देवराय द्वितीय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध शासक कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ई.) ने तेलुगु साहित्य को अत्यधिक संरक्षण दिया और उनके दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ (आठ महान कवि) सुशोभित थे।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टदिग्गज में पिंगलि सूदन, धुरजटी, अलसानी पेद्दाना, मल्लाना, भट्टमूर्ति, धुरजटी, तेनाली राम कृष्ण आदि प्रमुख थे। कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु काव्य की रचना की थी।
  • गलत विकल्प: अन्य शासकों ने भी साहित्य को संरक्षण दिया, लेकिन ‘अष्टदिग्गज’ की उपाधि विशेष रूप से कृष्णदेवराय से जुड़ी है।

प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह के दौरान, निम्नलिखित में से किस नेता ने कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. बेगम हजरत महल
  3. नाना साहेब
  4. कुंवर सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से नेतृत्व नाना साहेब ने किया था, जो पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे।
  • संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अपनी पेंशन बंद करने और बाजीराव द्वितीय की उपाधि समाप्त करने के कारण विद्रोह में भाग लिया। उन्होंने कानपुर पर अधिकार कर लिया और खुद को पेशवा घोषित किया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से, और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से नेतृत्व किया था।

प्रश्न 8: ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में की गई थी?

  1. 1929 लाहौर अधिवेशन
  2. 1931 कराची अधिवेशन
  3. 1937 फैजपुर अधिवेशन
  4. 1942 बम्बई अधिवेशन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) की मांग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 में लाहौर अधिवेशन में की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे। यहीं पर कांग्रेस ने यह निर्णय लिया कि 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस अधिवेशन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा को और अधिक स्पष्ट किया।
  • गलत विकल्प: कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित हुआ, फैजपुर अधिवेशन (1937) पहला अधिवेशन था जो किसी गाँव में हुआ, और बम्बई अधिवेशन (1942) में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ था।

प्रश्न 9: किस वायसराय के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कर्जन
  3. लॉर्ड मिंटो
  4. लॉर्ड हार्डिंग

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लॉर्ड कर्जन (शासनकाल 1900-1905 ई.) के कार्यकाल में 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: कर्जन ने प्रशासनिक सुविधा का हवाला देते हुए पूर्वी और पश्चिमी बंगाल को अलग कर दिया था, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राष्ट्रवादी भावना को कमजोर करना था। इस विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन चलाया गया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड मिंटो (द्वितीय) ने मार्ले-मिंटो सुधारों (1909) में भूमिका निभाई, और लॉर्ड हार्डिंग (द्वितीय) के काल में राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित हुई।

प्रश्न 10: ‘नमक सत्याग्रह’ (Dandi March) कब शुरू हुआ था?

  1. 6 अप्रैल 1930
  2. 12 मार्च 1930
  3. 5 मार्च 1931
  4. 30 मार्च 1930

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी मार्च की शुरुआत की, जिसे नमक सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के नमक कानून को तोड़ना था। 6 अप्रैल 1930 को गांधीजी ने दांडी पहुँचकर समुद्र के पानी से नमक बनाकर इस कानून को तोड़ा।
  • गलत विकल्प: 6 अप्रैल 1930 वह तिथि थी जब नमक कानून तोड़ा गया था, 5 मार्च 1931 को गांधी-इर्विन समझौता हुआ था, और 30 मार्च 1930 गलत तिथि है।

प्रश्न 11: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sindh) के रूप में जाना जाता था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. कोट दीजी
  4. चन्हुदड़ो

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मोहनजोदड़ो को ‘सिंधु का बाग’ या ‘सिंधु का नखलिस्तान’ भी कहा जाता है, जो इसके बड़े आकार और विकसित शहरी नियोजन को दर्शाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो का अर्थ है “मृतकों का टीला”। यह सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े शहरों में से एक था और यहाँ से महान स्नानागार, पुरोहित की मूर्ति, मुहरें और विशाल अन्न भंडार जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था, कोट दीजी एक प्रारंभिक हड़प्पाकालीन स्थल था, और चन्हुदड़ो में मनके बनाने का कारखाना मिला था।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: समुद्रगुप्त (शासनकाल 335-380 ई.) को भारतीय इतिहासकार स्मिथ ने ‘भारत का नेपोलियन’ कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उन्हें उनके विशाल सैन्य अभियानों, साम्राज्य के विस्तार और दक्षिण भारत सहित अनेक राज्यों पर विजय प्राप्त करने के कारण दी गई। प्रयाग प्रशस्ति में उनकी विजयों का विस्तृत विवरण मिलता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने अपने काल में कला और साहित्य को बहुत बढ़ावा दिया, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की।

प्रश्न 13: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने सर्वप्रथम ‘राज्यादेश’ (Royal Edict) जारी किए थे?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ग्यासुद्दीन बलबन (शासनकाल 1266-1287 ई.) ने सुल्तान के पद की गरिमा को पुनः स्थापित करने और अपनी शक्ति को सुदृढ़ करने के लिए ‘राज्यादेश’ जारी किए।
  • संदर्भ और विस्तार: बलबन ने ‘सिजदा’ (सुल्तान के चरणों को चूमना) और ‘पैबोस’ (सुल्तान के पैर चूमना) जैसी फारसी प्रथाओं को दरबारी शिष्टाचार के रूप में अपनाया। उसने ‘लोह और रक्त’ की नीति का पालन किया और शक्तिशाली सरदारों पर अंकुश लगाया।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने तुर्काने-ए-चहलगानी का गठन किया, अलाउद्दीन खिलजी ने प्रशासनिक सुधार किए, और फिरोजशाह तुगलक ने अपनी नीतियों में कुछ हद तक उदारता बरती।

प्रश्न 14: ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605 ई.) ने 1582 ई. में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही एक सर्वधर्म समन्वय का प्रयास था, जिसमें विभिन्न धर्मों के सिद्धांतों को मिलाकर एक नए विचार का प्रतिपादन किया गया था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ाना था। हालांकि, यह ज़्यादा सफल नहीं हो पाया और केवल कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
  • गलत विकल्प: जहांगीर कला और चित्रकला का संरक्षक था, शाहजहाँ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, और औरंगजेब ने धार्मिक कट्टरता की नीति अपनाई थी।

प्रश्न 15: प्लासी का युद्ध (1757) किसके बीच लड़ा गया था?

  1. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा
  2. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और नवाब सिराजुद्दौला
  3. फ्रांसीसी और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी
  4. मुगल सम्राट और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में) और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में सिराजुद्दौला की हार हुई, जिसका मुख्य कारण उसके सेनापति मीर जाफर का विश्वासघात था। इस युद्ध ने भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व की नींव रखी और ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल पर नियंत्रण प्रदान किया।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प सही नहीं हैं क्योंकि युद्ध का मुख्य पक्ष कंपनी और सिराजुद्दौला थे।

प्रश्न 16: ‘संथाल विद्रोह’ (1855-56) का नेतृत्व किन दो भाइयों ने किया था?

  1. बिरसा मुंडा और गणेश मुंडा
  2. सिद्धू और कान्हू
  3. तिलका मांझी और जात्रा भगत
  4. वीर सुरेंद्र साय और रघुनाथ महतो

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: संथाल विद्रोह (1855-56) का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो संथाल भाइयों ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह वर्तमान झारखंड और पश्चिम बंगाल के संथाल परगना क्षेत्र में ब्रिटिश सरकार, जमींदारों और साहूकारों के शोषण के विरुद्ध हुआ था। विद्रोह का दमन ब्रिटिश सरकार द्वारा बेरहमी से किया गया था, लेकिन इसने संथालों को एकजुट किया और भविष्य के आंदोलनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
  • गलत विकल्प: बिरसा मुंडा ने ‘उलगुलान’ विद्रोह का नेतृत्व किया, तिलका मांझी भी एक महत्वपूर्ण आदिवासी नेता थे, और वीर सुरेंद्र साय ने संबलपुर से विद्रोह किया था।

प्रश्न 17: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘स्वदेशी’ और ‘बहिष्कार’ के प्रस्ताव पारित किए गए थे?

  1. 1905 बनारस अधिवेशन
  2. 1906 कोलकाता अधिवेशन
  3. 1907 सूरत अधिवेशन
  4. 1909 मद्रास अधिवेशन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1906 में कोलकाता अधिवेशन में दादाभाई नौरोजी की अध्यक्षता में ‘स्वदेशी’ और ‘बहिष्कार’ के प्रस्ताव पारित किए गए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिवेशन 1905 के बंगाल विभाजन के विरोध में चलाए जा रहे स्वदेशी आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन देने के लिए महत्वपूर्ण था। इन प्रस्तावों का उद्देश्य विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना था।
  • गलत विकल्प: बनारस अधिवेशन (1905) में गोखले ने स्वदेशी का समर्थन किया, लेकिन प्रस्ताव कोलकाता में पारित हुए। सूरत अधिवेशन (1907) में कांग्रेस का विभाजन हो गया था।

प्रश्न 18: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?

  1. 1913, सैन फ्रांसिस्को
  2. 1913, बर्लिन
  3. 1914, लंदन
  4. 1915, टोरंटो

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल के नेतृत्व में सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। गदर पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक पत्रिका भी प्रकाशित की, जिसने प्रवासी भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
  • गलत विकल्प: अन्य स्थान और वर्ष गलत हैं। बर्लिन में भी भारतीय स्वतंत्रता समिति थी, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को था।

प्रश्न 19: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान भारत में कौन सी प्रमुख घटनाएँ हुईं?

  1. खिलाफत आंदोलन
  2. होम रूल आंदोलन
  3. गांधी-इर्विन समझौता
  4. भारत छोड़ो आंदोलन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में होम रूल आंदोलन (1916) प्रमुखता से चला।
  • संदर्भ और विस्तार: एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक के नेतृत्व में होम रूल आंदोलन ने भारतीयों को स्वशासन के अधिकार की माँग के लिए संगठित किया। युद्ध के कारण ब्रिटिश सरकार पर दबाव बढ़ा, जिससे भविष्य में सुधारों की उम्मीद जगी।
  • गलत विकल्प: खिलाफत आंदोलन 1919 के बाद हुआ, गांधी-इर्विन समझौता 1931 में हुआ, और भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में हुआ, ये सभी प्रथम विश्व युद्ध के बाद की घटनाएँ हैं।

प्रश्न 20: 1942 में कांग्रेस द्वारा चलाए गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का क्या नारा था?

  1. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
  2. तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा
  3. करो या मरो
  4. सारे जहाँ से अच्छा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान महात्मा गांधी ने “करो या मरो” (Do or Die) का नारा दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन भारत को तुरंत ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने की माँग पर केंद्रित था। गांधीजी ने इस नारे के माध्यम से लोगों को स्वतंत्रता के लिए अंतिम और निर्णायक संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।
  • गलत विकल्प: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ तिलक का नारा था, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा’ सुभाष चंद्र बोस का नारा था, और ‘सारे जहाँ से अच्छा’ इकबाल की रचना है।

प्रश्न 21: किस गुप्त शासक को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से विभूषित किया गया था?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: चंद्रगुप्त द्वितीय (शासनकाल 380-415 ई.) को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि से जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने शकों पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में यह उपाधि धारण की थी। उनके दरबार में कालिदास, आर्यभट्ट और वराहमिहिर जैसे विद्वान थे। उनके काल को गुप्त साम्राज्य का चरमोत्कर्ष माना जाता है।
  • गलत विकल्प: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है, चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त संवत् चलाया, और स्कंदगुप्त ने हूणों को कई बार पराजित किया था।

प्रश्न 22: ‘किताब-उल-हिंद’ (Tahqiq-e-Hind) नामक प्रसिद्ध ग्रंथ का लेखक कौन है?

  1. अल-बरूनी
  2. अल-इदरीसी
  3. इब्न बतूता
  4. अल-मसूदी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘किताब-उल-हिंद’ (जिसे ‘तारीख-ए-हिंद’ या ‘तहकीक-ए-हिंद’ भी कहा जाता है) का लेखन ग्यारहवीं शताब्दी के फ़ारसी इतिहासकार अल-बरूनी ने किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अल-बरूनी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था। उसने भारतीय इतिहास, संस्कृति, धर्म, भूगोल, विज्ञान और दर्शन का विस्तृत और निष्पक्ष अध्ययन प्रस्तुत किया। यह ग्रंथ मध्यकालीन भारत के अध्ययन के लिए एक अमूल्य स्रोत है।
  • गलत विकल्प: अल-इदरीसी एक भूगोलवेत्ता थे, इब्न बतूता मोरक्को के यात्री थे जिन्होंने ‘रेहला’ लिखी, और अल-मसूदी भी एक मुस्लिम इतिहासकार थे।

प्रश्न 23: किस दिल्ली सल्तनत के सुल्तान ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की स्थापना की थी?

  1. अलाउद्दीन खिलजी
  2. ग्यासुद्दीन तुगलक
  3. मुहम्मद बिन तुगलक
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388 ई.) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक विशेष विभाग की स्थापना की थी, जो दासों (गुलामों) के कल्याण और प्रबंधन से संबंधित था।
  • संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक ने दासों की संख्या को बढ़ाने और उन्हें विभिन्न प्रशासनिक तथा सैन्य कार्यों में लगाने पर जोर दिया। इस विभाग का उद्देश्य दासों को प्रशिक्षित करना और उनकी देखरेख करना था।
  • गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की, ग्यासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की स्थापना की, और मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि सुधारों पर ध्यान दिया।

प्रश्न 24: ‘सती प्रथा’ का अंत किस अधिनियम द्वारा और किस वायसराय के कार्यकाल में किया गया था?

  1. 1829 का अधिनियम, लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  2. 1833 का अधिनियम, लॉर्ड कैनिंग
  3. 1856 का अधिनियम, लॉर्ड डलहौजी
  4. 1872 का अधिनियम, लॉर्ड लिटन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारत में सती प्रथा का अंत 1829 के बंगाल सती विनियमन (Bengal Sati Regulation Act) द्वारा किया गया था, जो लॉर्ड विलियम बेंटिंक के कार्यकाल में प्रभावी हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: राजा राम मोहन राय के अथक प्रयासों से यह अधिनियम पारित हुआ, जिसने इस अमानवीय प्रथा को गैरकानूनी घोषित किया। लॉर्ड विलियम बेंटिंक एक सुधारवादी वायसराय थे जिन्होंने कई सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया।
  • गलत विकल्प: अन्य अधिनियम और वायसराय गलत कालखंडों से जुड़े हैं।

प्रश्न 25: इटली के एकीकरण (Unification of Italy) का प्रमुख सूत्रधार किसे माना जाता है?

  1. नेपोलियन बोनापार्ट
  2. कावूर
  3. गैरीबाल्डी
  4. मैजिनी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: इटली के एकीकरण का प्रमुख सूत्रधार काउन्ट कैमिलो बेन्सो डी कावूर (Cavour) को माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कावूर, सार्डिनिया-पीडमोंट के प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने कूटनीति, आर्थिक सुधार और सैन्य शक्ति के माध्यम से इटली के विभिन्न राज्यों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गैरीबाल्डी और मैजिनी जैसे अन्य नेताओं के प्रयासों को भी प्रभावी ढंग से समन्वित किया।
  • गलत विकल्प: नेपोलियन बोनापार्ट ने इटली के कुछ हिस्सों पर अधिकार किया और एकीकरण की दिशा में अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दिया, मैजिनी ‘यंग इटली’ के संस्थापक थे जिन्होंने एक एकीकृत इटली का सपना देखा, और गैरीबाल्डी ने दक्षिणी इटली को एकीकृत करने में सैन्य भूमिका निभाई। लेकिन कावूर की कूटनीति सबसे निर्णायक साबित हुई।

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