Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

कालचक्र में आपका ज्ञान: आज की इतिहास की विशेष प्रश्नोत्तरी!

कालचक्र में आपका ज्ञान: आज की इतिहास की विशेष प्रश्नोत्तरी!

तैयार हो जाइए ज्ञान के एक रोमांचक सफ़र के लिए! समय की धाराओं में गोता लगाएं और अपनी ऐतिहासिक समझ की परीक्षा लें। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, विभिन्न युगों और सभ्यताओं के 25 बेहतरीन प्रश्न, जो आपकी परीक्षा की तैयारी को नई धार देंगे। तो पेन उठाइए और शुरू हो जाइए!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से घोड़े के अवशेष मिलने का दावा किया गया है, हालाँकि यह दावा विवादास्पद है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. सुरकोटदा
  4. लोथल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सुरकोटदा। गुजरात में स्थित सुरकोटदा से मिले कुछ अस्थि अवशेषों की पहचान घोड़ों के रूप में की गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह खोज महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले सिंधु घाटी सभ्यता में घोड़े के व्यापक उपयोग के पुख्ता सबूत नहीं थे। हालाँकि, पुरातत्वविदों के बीच इन अवशेषों की पहचान पर मतभेद हैं, और यह अभी भी बहस का विषय है कि क्या ये वास्तव में घरेलू घोड़ों के थे या किसी अन्य जानवर के। सिंधु घाटी सभ्यता की मुख्य विशेषताएँ शहरी नियोजन, जल निकासी व्यवस्था और लिपि का विकास हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहर थे जहाँ से कई महत्वपूर्ण कलाकृतियाँ मिली हैं, लेकिन घोड़े के अवशेषों के पुख्ता दावे सुरकोटदा से जुड़े हैं। लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था।

प्रश्न 2: “अमुक्तमाल्यादा” नामक महाकाव्य के लेखक कौन थे, जो तेलुगु साहित्य का एक महत्वपूर्ण कार्य है?

  1. तिनना
  2. नन्नय
  3. एर्रा प्रेगडा
  4. कृष्णदेवराय

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कृष्णदेवराय। कृष्णदेवराय विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे (शासनकाल 1509-1529 ई.) और उन्होंने तेलुगु में “अमुक्तमाल्यादा” की रचना की।
  • संदर्भ और विस्तार: “अमुक्तमाल्यादा” का अर्थ है ‘वह फूल जिसने माला पहनी हो’, और यह विष्णु के अवतार गोदा देवी (आंडाल) और उनके विवाह की कहानी पर आधारित है। कृष्णदेवराय स्वयं एक कुशल विद्वान और कवि थे, और उनके दरबार को तेलुगु साहित्य का ‘स्वर्ण युग’ माना जाता है।
  • गलत विकल्प: तिनना, नन्नय और एर्रा प्रेगडा तेलुगु साहित्य के अन्य महत्वपूर्ण कवि थे, जिन्होंने “महाभारत” का तेलुगु में अनुवाद किया था, लेकिन “अमुक्तमाल्यादा” कृष्णदेवराय की कृति है।

प्रश्न 3: किस मुगल बादशाह ने ‘आलमी मजहर’ (विश्व का एकीकरण) की नीति अपनाई थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच समन्वय स्थापित करना था?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अकबर। अकबर (शासनकाल 1556-1605 ई.) अपनी ‘सुलह-ए-कुल’ (सबके लिए शांति) की नीति के लिए जाने जाते थे, जिसे ‘आलमी मजहर’ के रूप में भी समझा जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस नीति के तहत, अकबर ने सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता दिखाई, इबादतखाना की स्थापना की जहाँ विभिन्न धर्मों के विद्वान चर्चा करते थे, और दीन-ए-इलाही नामक एक समन्वित धर्म की शुरुआत भी की। इसका उद्देश्य साम्राज्य में धार्मिक सद्भाव और स्थिरता बनाए रखना था।
  • गलत विकल्प: जहाँगीर ने अपने पिता की नीति को जारी रखा, शाहजहाँ कला और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध थे, और औरंगजेब ने धार्मिक नीतियों में अधिक रूढ़िवादी दृष्टिकोण अपनाया।

प्रश्न 4: पुनर्जागरण काल (Renaissance) का प्रारंभ किस यूरोपीय देश में हुआ?

  1. फ्रांस
  2. स्पेन
  3. इटली
  4. इंग्लैंड

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: इटली। पुनर्जागरण, जो ‘पुनर्जन्म’ का अर्थ रखता है, 14वीं शताब्दी में इटली में शुरू हुआ और 16वीं शताब्दी तक पूरे यूरोप में फैल गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इटली, विशेष रूप से फ्लोरेंस, वेनिस और रोम जैसे शहर, प्राचीन रोमन और ग्रीक कला, साहित्य और दर्शन के केंद्र थे। इटली की आर्थिक समृद्धि, व्यापारिक संपर्क और प्राचीन सभ्यताओं के अवशेषों ने पुनर्जागरण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन में नए विचारों और नवाचारों का काल था।
  • गलत विकल्प: फ्रांस, स्पेन और इंग्लैंड में भी पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसकी शुरुआत इटली से ही हुई थी।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी उपाधि समुद्रगुप्त के अभिलेखों में नहीं मिलती?

  1. विक्रम
  2. पराक्रमांक
  3. सर्वराजोच्छेत्ता
  4. महाराजाधिराज

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: विक्रम। समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-375 ई.) को उनके सिक्कों और अभिलेखों में ‘पराक्रमांक’, ‘सर्वराजोच्छेत्ता’ (सभी राजाओं को उखाड़ फेंकने वाला) और ‘महाराजाधिराज’ जैसी उपाधियों से सम्मानित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया था। ‘विक्रम’ एक सामान्य उपाधि थी जो गुप्त शासकों द्वारा प्रयोग की जाती थी, विशेष रूप से चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) से जुड़ी है, लेकिन समुद्रगुप्त के प्रमुख अभिलेखों में यह उपाधि प्रमुखता से नहीं मिलती।
  • गलत विकल्प: पराक्रमांक (पराक्रम से युक्त), सर्वराजोच्छेत्ता (उत्तर भारत के राजाओं को हराकर) और महाराजाधिराज (राजाओं का राजा) ये सभी समुद्रगुप्त की विजयों और शक्ति को दर्शाती उपाधियाँ हैं जो उनके अभिलेखों (जैसे प्रयाग प्रशस्ति) में पाई जाती हैं।

प्रश्न 6: 1857 के विद्रोह के दौरान, किस भारतीय नेता को ‘हिंदुस्तान का सम्राट’ घोषित किया गया?

  1. तात्या टोपे
  2. रानी लक्ष्मीबाई
  3. बहादुर शाह ज़फ़र
  4. कुंवर सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बहादुर शाह ज़फ़र। 1857 के विद्रोह के फैलने के बाद, मेरठ के सिपाहियों ने दिल्ली की ओर कूच किया और मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र द्वितीय को विद्रोह का नेता घोषित कर दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि बहादुर शाह ज़फ़र उस समय वृद्ध और शक्तिहीन थे, लेकिन शाही वंश के होने के कारण उन्हें एक प्रतीकात्मक नेता के रूप में चुना गया। इसने विद्रोह को एक राष्ट्रीय रंग दिया और भारतीय शासकों व जनता के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी। बाद में, उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर रंगून भेज दिया, जहाँ उनकी मृत्यु हो गई।
  • गलत विकल्प: तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई और कुंवर सिंह विद्रोह के महत्वपूर्ण नेता थे, लेकिन सम्राट की उपाधि बहादुर शाह ज़फ़र को दी गई थी।

प्रश्न 7: “सर्वेन्ट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी” की स्थापना किसने की थी?

  1. एम.जी. रानाडे
  2. गोपाल कृष्ण गोखले
  3. बाल गंगाधर तिलक
  4. ज्योतिबा फुले

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: गोपाल कृष्ण गोखले। गोपाल कृष्ण गोखले, जो महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु भी थे, ने 1905 में पुणे में ‘सर्वेन्ट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी’ की स्थापना की।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संस्था का मुख्य उद्देश्य भारत में राष्ट्रीय शिक्षा का प्रसार करना, लोगों में राष्ट्रवाद की भावना जगाना और भारत के नागरिकों को सामाजिक सेवा के लिए प्रशिक्षित करना था। गोखले का मानना था कि राष्ट्र के उत्थान के लिए भारतीयों को स्वयं आगे आना होगा।
  • गलत विकल्प: एम.जी. रानाडे गोखले के गुरु थे, बाल गंगाधर तिलक एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे, और ज्योतिबा फुले ने समाज सुधार के लिए ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की थी।

प्रश्न 8: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल गुजरात में स्थित है?

  1. बनावली
  2. कालिंगन
  3. रोपड़
  4. लोथल

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लोथल। लोथल, जो खंभात की खाड़ी के पास स्थित है, एक प्रमुख हड़प्पाकालीन बंदरगाह शहर था।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल में एक उत्कृष्ट गोदी (dockyard) के अवशेष मिले हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि यह समुद्री व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहाँ से प्राप्त बाट और मापक भी इस शहर के व्यापारिक महत्व को दर्शाते हैं। लोथल वर्तमान गुजरात राज्य में स्थित है।
  • गलत विकल्प: बनावली हरियाणा में, रोपड़ पंजाब में और कालिंगन (संभवतः कालीबंगा का गलत स्पेलिंग) राजस्थान में स्थित थे।

प्रश्न 9: किस सूफी संत के मकबरे को ‘चिश्ती के ताज’ के रूप में जाना जाता है?

  1. शेख सलीम चिश्ती
  2. निजामुद्दीन औलिया
  3. ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती
  4. बख्तियार काकी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती (1143-1236 ई.) भारत में चिश्ती सिलसिले के संस्थापक थे और अजमेर में उनका मकबरा स्थित है।
  • संदर्भ और विस्तार: उनकी दरगाह लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, जहाँ हिंदू और मुस्लिम दोनों ही बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं। उनकी आध्यात्मिक शिक्षाओं और विनम्रता के कारण उन्हें ‘चिश्ती के ताज’ (Taj of the Chishtis) और ‘गरीब नवाज़’ (Gharib Nawaz – ज़रूरतमंदों का रक्षक) जैसे उपनामों से भी जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: शेख सलीम चिश्ती का मकबरा फतेहपुर सीकरी में है, निजामुद्दीन औलिया का दिल्ली में है, और बख्तियार काकी का भी दिल्ली में है। ये सभी महत्वपूर्ण सूफी संत थे, लेकिन ‘चिश्ती के ताज’ की उपाधि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती से जुड़ी है।

प्रश्न 10: भारत के विभाजन की माउंटबेटन योजना को कब स्वीकार किया गया?

  1. 3 जून 1947
  2. 15 जून 1947
  3. 4 जुलाई 1947
  4. 15 अगस्त 1947

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 3 जून 1947। 3 जून 1947 को ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत के विभाजन की माउंटबेटन योजना (जिसे 3 जून प्लान भी कहा जाता है) प्रस्तुत की गई और भारतीय नेताओं द्वारा स्वीकार की गई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस योजना के अनुसार, भारत को दो स्वतंत्र डोमिनियन – भारत और पाकिस्तान – में विभाजित किया जाना था। इसने पंजाब और बंगाल के प्रांतों के विभाजन का भी प्रावधान किया। इसी योजना के आधार पर भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 पारित किया गया, जिसने 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्रदान की।
  • गलत विकल्प: अन्य तिथियाँ योजना से संबंधित हैं लेकिन प्रस्ताव और स्वीकृति की तारीख 3 जून 1947 ही है। 4 जुलाई को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम ब्रिटिश संसद में पेश हुआ था।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश के शासक धनानंद को पराजित कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
  2. अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था।
  3. समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
  4. कनिष्क ने द्वितीय बौद्ध संगति का आयोजन किया था।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कनिष्क ने द्वितीय बौद्ध संगति का आयोजन किया था। यह कथन गलत है। कनिष्क ने चौथी बौद्ध संगति का आयोजन कश्मीर में किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य ने धनानंद को हराया था। अशोक ने कलिंग युद्ध (लगभग 261 ईसा पूर्व) में हुए भयंकर रक्तपात के बाद बौद्ध धर्म अपनाया और शांति एवं धम्म का प्रचार किया। समुद्रगुप्त की सैन्य विजयों के कारण उसे ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। दूसरी बौद्ध संगति वैशाली में कालाशोक के शासनकाल में हुई थी।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी सही कथन हैं।

प्रश्न 12: ‘गुप्तकाल’ को भारतीय इतिहास का ‘स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ।
  2. इस काल में विदेशी आक्रमणों से साम्राज्य पूर्णतः सुरक्षित रहा।
  3. इस काल में समाज पूरी तरह से समानता पर आधारित था।
  4. इस काल में दशमलव प्रणाली का आविष्कार हुआ।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: इस काल में कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ। गुप्त काल (लगभग 320-550 ई.) को भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है क्योंकि इस दौरान साहित्य (जैसे कालिदास की रचनाएँ), विज्ञान (जैसे आर्यभट्ट का खगोल विज्ञान और गणित), कला (जैसे अजंता की चित्रकला), और वास्तुकला (जैसे देवगढ़ का दशावतार मंदिर) में महान प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, विदेशी आक्रमणों से पूर्ण सुरक्षा नहीं थी (जैसे हूणों के आक्रमण) और समाज में समानता पूरी तरह स्थापित नहीं थी। दशमलव प्रणाली का आविष्कार गुप्त काल से पहले या उसके आसपास हुआ था, लेकिन इसे स्वर्ण युग का मुख्य कारण नहीं माना जाता, बल्कि समग्र सांस्कृतिक और बौद्धिक उन्नति को माना जाता है।
  • गलत विकल्प: (b), (c), और (d) में या तो अतिशयोक्ति है या वे इस काल को स्वर्ण युग कहने के प्राथमिक कारण नहीं हैं।

प्रश्न 13: मराठा शासन में ‘अष्टप्रधान’ का क्या अर्थ था?

  1. आठ प्रमुख किले
  2. आठ प्रमुख सैन्य अधिकारी
  3. आठ मंत्रियों की एक परिषद
  4. आठ प्रमुख राजस्व संग्रहकर्ता

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: आठ मंत्रियों की एक परिषद। छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित ‘अष्टप्रधान’ एक आठ मंत्रियों की परिषद थी जो राज्य के प्रशासन में उनकी सहायता करती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस परिषद के प्रत्येक मंत्री के पास एक विशिष्ट विभाग का कार्यभार होता था, जैसे पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सचिव (शाही पत्र व्यवहार), पंडितराव (धार्मिक मामले), न्यायाधीश (न्यायपालिका), सेनापति (सेना प्रमुख) और सुरनवीस/चिटनिस (शाही सचिव)। यह शिवाजी की कुशल शासन व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प अष्टप्रधान के कार्यक्षेत्र से संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 14: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?

  1. कलकत्ता अधिवेशन, 1928
  2. लाहौर अधिवेशन, 1929
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. लखनऊ अधिवेशन, 1916

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लाहौर अधिवेशन, 1929। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में, जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन ने 26 जनवरी 1930 को ‘प्रथम स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह प्रस्ताव भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, क्योंकि इसने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता को अपना लक्ष्य घोषित किया।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1928) में नेहरू रिपोर्ट पर विचार हुआ, कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित हुआ, और लखनऊ अधिवेशन (1916) मुस्लिम लीग के साथ समझौता (लखनऊ समझौता) के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 15: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के लिए निम्नलिखित में से कौन सा एक मुख्य कारण नहीं था?

  1. साम्राज्यवाद
  2. सैन्यवाद
  3. गठबंधन प्रणाली (Alliance System)
  4. राष्ट्र संघ (League of Nations) की स्थापना

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: राष्ट्र संघ (League of Nations) की स्थापना। राष्ट्र संघ की स्थापना प्रथम विश्व युद्ध के बाद, 1920 में हुई थी, जिसका उद्देश्य भविष्य में ऐसे युद्धों को रोकना था। इसलिए, यह प्रथम विश्व युद्ध का कारण नहीं हो सकता।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध के प्रमुख कारणों में साम्राज्यवाद (देशों द्वारा अपने साम्राज्य का विस्तार करने की होड़), सैन्यवाद (लगातार हथियारों की होड़), गुप्त संधियाँ और गठबंधन प्रणाली (जैसे मित्र राष्ट्र और केंद्रीय शक्तियाँ) तथा उग्र राष्ट्रवाद शामिल थे। आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या को युद्ध का तात्कालिक कारण माना जाता है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) प्रथम विश्व युद्ध के महत्वपूर्ण कारण थे।

प्रश्न 16: सिंधु घाटी सभ्यता में **’नर्तकी’** की प्रसिद्ध कांस्य प्रतिमा कहाँ से प्राप्त हुई है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. कालीबंगा
  4. धौलावीरा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो (वर्तमान पाकिस्तान में) से **’नर्तकी’** की प्रसिद्ध कांस्य प्रतिमा मिली है, जो उस काल की कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतीक है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह 4 इंच ऊंची प्रतिमा तांबे और टिन की मिश्र धातु (कांस्य) से बनी है और अपनी सजीवता, मुद्रा और आत्मविश्वासपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए जानी जाती है। यह प्रतिमा सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों की उन्नत धातु कला और सौंदर्य बोध को दर्शाती है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘प्रीस्ट-किंग’ (पुजारी-राजा) की मूर्ति मिली है, जबकि कालीबंगा और धौलावीरा से अन्य महत्वपूर्ण पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं, लेकिन प्रसिद्ध नर्तकी की प्रतिमा मोहनजोदड़ो से ही प्राप्त हुई है।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन से यात्री ने भारत की यात्रा की और ‘इंडिका’ नामक पुस्तक लिखी?

  1. फाह्यान
  2. ह्वेन त्सांग
  3. मेगास्थनीज
  4. इब्न बतूता

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मेगास्थनीज। मेगास्थनीज एक यूनानी यात्री और चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था।
  • संदर्भ और विस्तार: मेगास्थनीज ने भारत में अपने प्रवास के दौरान देखे गए सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन का वर्णन अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में किया। यद्यपि मूल ‘इंडिका’ अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन बाद के लेखकों (जैसे एरियन, प्लिनी) के उद्धरणों से इसके अंश हमें मिलते हैं, जो मौर्यकालीन भारत के अध्ययन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
  • गलत विकल्प: फाह्यान (गुप्त काल), ह्वेन त्सांग (हर्षवर्धन काल) और इब्न बतूता (दिल्ली सल्तनत काल) अन्य प्रसिद्ध विदेशी यात्री थे जिन्होंने महत्वपूर्ण रचनाएँ कीं, लेकिन ‘इंडिका’ मेगास्थनीज ने लिखी थी।

प्रश्न 18: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था?

  1. हरिहर
  2. बुक्का
  3. कृष्णदेवराय
  4. देवराय द्वितीय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कृष्णदेवराय। कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ई.) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान और सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक माने जाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: उनके शासनकाल को साम्राज्य का स्वर्ण युग कहा जाता है। उन्होंने तुंगभद्रा नदी पर बांध बनवाए, भव्य मंदिरों का निर्माण कराया (जैसे विट्ठल मंदिर) और साहित्य, कला एवं संस्कृति को बढ़ावा दिया। वे स्वयं एक विद्वान कवि थे और उन्होंने ‘अमुक्तमाल्यादा’ की रचना की।
  • गलत विकल्प: हरिहर और बुक्का विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे, और देवराय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्णदेवराय की प्रसिद्धि और योगदान सबसे अधिक है।

प्रश्न 19: ‘इस्तमरारी बंदोबस्त’ (स्थायी बंदोबस्त) किसके द्वारा लागू किया गया था?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड कॉर्नवालिस
  4. वारेन हेस्टिंग्स

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड कॉर्नवालिस। लॉर्ड कॉर्नवालिस, जो 1786 से 1793 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे, ने 1793 में ‘इस्तमरारी बंदोबस्त’ या ‘स्थायी बंदोबस्त’ को बंगाल, बिहार, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का स्वामी माना गया और उनसे यह अपेक्षा की गई कि वे सरकार को निश्चित राजस्व का भुगतान करें। यह भू-राजस्व प्रणाली ब्रिटिश भारत में राजस्व का एक प्रमुख स्रोत बन गई, लेकिन इसके कारण किसानों का शोषण भी बढ़ा।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन बंगाल विभाजन के लिए, लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए, और वारेन हेस्टिंग्स ने 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट और दोहरी शासन प्रणाली को समाप्त करने जैसे कार्य किए।

प्रश्न 20: भारत में ‘स्वदेशी आंदोलन’ की शुरुआत किस घटना के विरोध में हुई थी?

  1. जलियांवाला बाग हत्याकांड
  2. लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल का विभाजन
  3. साइमन कमीशन का बहिष्कार
  4. गांधी-इरविन समझौता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल का विभाजन। 1905 में ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल के विभाजन के निर्णय के विरोध में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन में भारतीयों ने ब्रिटिश निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार किया और अपने देश में बने माल (स्वदेशी) के उपयोग को बढ़ावा दिया। इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव बनाना था। यह भारतीय राष्ट्रवाद के विकास में एक महत्वपूर्ण चरण था।
  • गलत विकल्प: जलियांवाला बाग हत्याकांड 1919 में हुआ, साइमन कमीशन 1928 में आया, और गांधी-इरविन समझौता 1931 में हुआ, जो स्वदेशी आंदोलन के बाद की घटनाएँ हैं।

प्रश्न 21: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर कौन थे?

  1. महावीर
  2. पारश्वनाथ
  3. ऋषभनाथ
  4. नेमिनाथ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ऋषभनाथ। जैन परंपरा के अनुसार, ऋषभनाथ (जिन्हें आदिनाथ भी कहा जाता है) जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर थे।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋषभनाथ को जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है और उन्हें जैन पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु का अवतार भी बताया गया है। उन्होंने अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह (संग्रह न करना) जैसे सिद्धांतों का उपदेश दिया, जिन्हें बाद के तीर्थंकरों ने जारी रखा।
  • गलत विकल्प: महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे, जबकि पारश्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे। नेमिनाथ 22वें तीर्थंकर थे।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ ‘पंचतंत्र’ के लेखक हैं?

  1. कालिदास
  2. पाणिनी
  3. विष्णु शर्मा
  4. भरत मुनि

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: विष्णु शर्मा। विष्णु शर्मा प्राचीन भारत के एक महान विद्वान थे जिन्होंने कहानियों के संग्रह **’पंचतंत्र’** की रचना की।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘पंचतंत्र’ पाँच भागों (मित्रभेद, मित्रलाभ, काकोलुक्यम्, लब्धप्रणाशम्, अपरीक्षितकारित्वम्) में विभाजित है और इसमें जानवरों पर आधारित मनोरंजक कहानियाँ हैं, जिनके माध्यम से जीवन के नैतिक और व्यावहारिक पाठ सिखाए गए हैं। यह विश्व की सर्वाधिक अनुवादित पुस्तकों में से एक है।
  • गलत विकल्प: कालिदास महान कवि और नाटककार थे, पाणिनी ने संस्कृत व्याकरण पर ‘अष्टाध्यायी’ लिखी, और भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र की रचना की।

प्रश्न 23: ‘आज़ाद हिन्द फ़ौज’ (Indian National Army – INA) का गठन किसने किया था?

  1. सुभाष चंद्र बोस
  2. मोहन सिंह
  3. शाहनवाज़ ख़ान
  4. रणबीर सिंह

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मोहन सिंह। आज़ाद हिन्द फ़ौज (INA) का गठन मूल रूप से सितंबर 1942 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक पूर्व सदस्य मोहन सिंह ने मलाया (अब मलेशिया) में ब्रिटिश सेना के भारतीय युद्धबंदियों को संगठित करके किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, शुरुआत में यह प्रयास सफल नहीं हुआ। बाद में, 1943 में, सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में INA का पुनर्गठन किया और उसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख सैन्य बल बनाया। इसलिए, जबकि मोहन सिंह ने प्रारंभिक गठन किया, सुभाष चंद्र बोस इसके प्रमुख नेता और पुनर्गठक बने। प्रश्न ‘गठन’ पर केंद्रित है, इसलिए मोहन सिंह सही उत्तर हैं।
  • गलत विकल्प: सुभाष चंद्र बोस INA के सबसे प्रसिद्ध नेता और पुनर्गठक थे, शाहनवाज़ ख़ान INA के एक प्रमुख अधिकारी थे।

  • प्रश्न 24: ‘सत्यमेव जयते’ (सत्य की ही जीत होती है) कहाँ से लिया गया है?

    1. ऋग्वेद
    2. भगवद्गीता
    3. मुंडक उपनिषद
    4. रामायण

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: मुंडक उपनिषद। ‘सत्यमेव जयते’ (सत्य की ही जीत होती है) का उल्लेख मुंडक उपनिषद में मिलता है, जो अथर्ववेद का एक भाग है।
    • संदर्भ और विस्तार: मुंडक उपनिषद सत्य, ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार के महत्व पर जोर देता है। यह वाक्यांश भारतीय गणराज्य के राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) के नीचे अंकित है और यह भारत के आदर्शों का प्रतीक है।
    • गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है, भगवद्गीता महाभारत का एक अंश है, और रामायण एक महाकाव्य है, लेकिन ‘सत्यमेव जयते’ का मूल मुंडक उपनिषद में है।

    प्रश्न 25: जलियांवाला बाग नरसंहार कब हुआ था?

    1. 13 अप्रैल 1919
    2. 10 मार्च 1918
    3. 14 अप्रैल 1920
    4. 5 मई 1919

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर: 13 अप्रैल 1919। जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था।
    • संदर्भ और विस्तार: रौलेट एक्ट के विरोध में एक शांतिपूर्ण जनसभा पर जनरल रेजिनाल्ड डायर के आदेश पर ब्रिटिश सैनिकों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें हजारों निहत्थे पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए या घायल हुए। इस क्रूर घटना ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को और तेज कर दिया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ व्यापक रोष पैदा किया।
    • गलत विकल्प: अन्य तिथियाँ इस घटना से संबंधित नहीं हैं।

    Leave a Comment