समाजशास्त्र की दैनिक चुनौती: अवधारणाओं की परख
नमस्ते, समाजशास्त्र के जिज्ञासुओं! आज आपकी समाजशास्त्रीय समझ को और गहरा करने और परीक्षा की तैयारी को धार देने का दिन है। हम लाए हैं 25 विशेष प्रश्न जो आपको समाजशास्त्र के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी पकड़ जांचने का अवसर देंगे। अपनी अवधारणात्मक स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल का परीक्षण करने के लिए तैयार हो जाइए!
समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: “वर्ग संघर्ष” (Class Struggle) की अवधारणा किस समाजशास्त्री से सर्वाधिक मजबूती से जुड़ी हुई है?
- इमाइल दुर्खीम
- मैक्स वेबर
- कार्ल मार्क्स
- हर्बर्ट स्पेंसर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: कार्ल मार्क्स ने अपनी कृति ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) और ‘कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ (Communist Manifesto) में ‘वर्ग संघर्ष’ को इतिहास की गतिशीलता का मुख्य इंजन बताया। उनका मानना था कि पूँजीवादी समाज में उत्पादन के साधनों के स्वामित्व को लेकर बुर्जुआ (पूँजीपति) और सर्वहारा (श्रमिक) वर्गों के बीच निरंतर संघर्ष होता है।
- संदर्भ और विस्तार: मार्क्स के लिए, यह संघर्ष ही सामाजिक परिवर्तन और अंततः साम्यवाद की ओर ले जाने वाली शक्ति है। यह द्वंद्वात्मक भौतिकवाद (Dialectical Materialism) का एक केंद्रीय तत्व है।
- गलत विकल्प: दुर्खीम ने ‘सामाजिक एकता’ (Social Solidarity) और ‘एनेमी’ (Anomie) पर ध्यान केंद्रित किया। वेबर ने ‘वर्ग’, ‘दर्जा’ (Status) और ‘शक्ति’ (Power) के बहुआयामी विश्लेषण पर जोर दिया, जबकि स्पेंसर ने ‘सामाजिक विकास’ (Social Evolution) और ‘योग्यतम की उत्तरजीविता’ (Survival of the Fittest) के विचारों को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 2: एम.एन. श्रीनिवास द्वारा प्रस्तुत “संस्कृति-करण” (Sanskritization) की अवधारणा किस सामाजिक प्रक्रिया का वर्णन करती है?
- पश्चिमीकरण को अपनाना
- निम्न जातियों द्वारा उच्च जातियों की रीति-रिवाजों और मान्यताओं को अपनाना
- शहरीकरण के कारण जीवनशैली में बदलाव
- आधुनिकीकरण की प्रक्रिया
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: एम.एन. श्रीनिवास ने अपनी पुस्तक “Religion and Society Among the Coorgs of South India” में “संस्कृति-करण” को परिभाषित किया। यह वह प्रक्रिया है जिसके तहत निम्न हिंदू जातियाँ या जनजातियाँ किसी उच्च हिंदू जाति के अनुष्ठानों, कर्मकांडों, जीवन-शैली और मान्यताओं को अपनाती हैं ताकि वे जाति पदानुक्रम में अपनी स्थिति को सुधार सकें।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक प्रकार की सांस्कृतिक गतिशीलता है, न कि संरचनात्मक गतिशीलता। यह अक्सर धर्म, खान-पान, वेश-भूषा और पारिवारिक प्रथाओं में परिवर्तन के रूप में प्रकट होता है।
- गलत विकल्प: पश्चिमीकरण पश्चिमी संस्कृतियों के तत्वों को अपनाने से संबंधित है। शहरीकरण शहरी क्षेत्रों में प्रवास और संबंधित जीवनशैली परिवर्तन हैं। आधुनिकीकरण एक व्यापक शब्द है जिसमें तकनीकी, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन शामिल हैं।
प्रश्न 3: इमाइल दुर्खीम के अनुसार, समाज में व्यक्तियों को एक-दूसरे से बांधने वाला “सामाजिक सामंजस्य” (Social Cohesion) किस प्रकार के समाजों में मुख्य रूप से “यांत्रिक एकता” (Mechanical Solidarity) पर आधारित होता है?
- आधुनिक औद्योगिक समाज
- पारंपरिक, सरल समाज जहाँ श्रम विभाजन कम हो
- जटिल, अत्यधिक विशिष्ट समाज
- पूँजीवादी समाज
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘The Division of Labour in Society’ में यांत्रिक एकता की अवधारणा प्रस्तुत की। यह पारंपरिक और छोटे समाजों में पाई जाती है जहाँ लोग काफी हद तक समान जीवन जीते हैं, समान मान्यताएँ साझा करते हैं, और श्रम विभाजन न्यूनतम होता है। यहाँ एकता साझा चेतना (Collective Conscience) पर आधारित होती है।
- संदर्भ और विस्तार: यांत्रिक एकता का आधार समानता और घनिष्ठ संबंध है। इसके विपरीत, आधुनिक समाजों में ‘कार्बनिक एकता’ (Organic Solidarity) पाई जाती है, जो श्रम के विभाजन और परस्पर निर्भरता पर आधारित होती है।
- गलत विकल्प: आधुनिक औद्योगिक समाज और जटिल, अत्यधिक विशिष्ट समाज कार्बनिक एकता के उदाहरण हैं। पूँजीवादी समाज भी कार्बनिक एकता की श्रेणी में आते हैं, हालाँकि वे अपनी जटिलताओं के कारण एनेमी (Anomie) जैसी समस्याओं को भी जन्म दे सकते हैं।
प्रश्न 4: “एनेमी” (Anomie) की अवधारणा, जो सामाजिक मानदंडों के विघटन और व्यक्ति में दिशाहीनता की भावना को दर्शाती है, किस समाजशास्त्री द्वारा विकसित की गई है?
- कार्ल मार्क्स
- मैक्स वेबर
- हरबर्ट स्पेंसर
- इमाइल दुर्खीम
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: इमाइल दुर्खीम ने “एनेमी” की अवधारणा को अपराध (Crime) और आत्महत्या (Suicide) जैसे सामाजिक तथ्यों का विश्लेषण करने के लिए अपनी कृतियों ‘The Rules of Sociological Method’ और ‘Suicide’ में महत्वपूर्ण रूप से प्रयोग किया। एनेमी तब उत्पन्न होती है जब सामाजिक नियम कमजोर पड़ जाते हैं या गायब हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति को मार्गदर्शन नहीं मिलता।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने विशेष रूप से उन अवधियों में एनेमी का संबंध देखा जब समाज में तीव्र आर्थिक परिवर्तन होते हैं (जैसे आर्थिक संकट या boom) या जब सामाजिक संस्थाएं कमजोर हो जाती हैं।
- गलत विकल्प: मार्क्स ने अलगाव (Alienation) और वर्ग संघर्ष पर ध्यान केंद्रित किया। वेबर ने शक्ति, अधिकार और तर्कसंगतता (Rationality) पर काम किया। स्पेंसर ने विकासवाद और सामाजिक डार्विनवाद पर जोर दिया।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा समाजशास्त्र का एक महत्वपूर्ण ‘तर्कसंगत’ (Rational) दृष्टिकोण है, जो समाज को एक प्रणाली के रूप में देखता है जिसके विभिन्न अंग एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं?
- प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद (Symbolic Interactionism)
- संघर्ष सिद्धांत (Conflict Theory)
- संरचनात्मक-प्रकार्यवादी सिद्धांत (Structural-Functionalism)
- नारीवाद (Feminism)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: संरचनात्मक-प्रकार्यवादी सिद्धांत (Functionalism) समाज को एक जटिल तंत्र के रूप में देखता है, जिसके विभिन्न अंग (जैसे परिवार, शिक्षा, धर्म) विभिन्न प्रकार्यों (Functions) को पूरा करते हैं ताकि समाज बना रह सके। तालबर्ट पार्सन्स (Talcott Parsons) और रॉबर्ट के. मर्टन (Robert K. Merton) इसके प्रमुख प्रस्तावक हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत मानता है कि समाज के प्रत्येक हिस्से का एक विशेष कार्य होता है जो पूरे तंत्र के संतुलन और स्थिरता में योगदान देता है।
- गलत विकल्प: प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद व्यक्ति-से-व्यक्ति स्तर पर सामाजिक संपर्क और प्रतीकों के अर्थ पर केंद्रित है। संघर्ष सिद्धांत समाज को शक्ति संघर्ष के मैदान के रूप में देखता है। नारीवाद लैंगिक असमानता और पितृसत्तात्मक संरचनाओं पर केंद्रित है।
प्रश्न 6: मैक्स वेबर के अनुसार, ‘आदर्श प्रारूप’ (Ideal Type) क्या है?
- एक पूर्ण आदर्श समाज का मॉडल
- वास्तविकता का अतिरंजित, तार्किक रूप से सुसंगत निर्माण, जो विश्लेषण के लिए एक उपकरण है
- समाजशास्त्रियों द्वारा प्राप्त किए जाने वाले अंतिम लक्ष्य
- अधिकांश लोगों द्वारा स्वीकार किए गए सामान्य मूल्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: मैक्स वेबर ने ‘आदर्श प्रारूप’ को एक वैचारिक उपकरण (Conceptual Tool) के रूप में प्रस्तुत किया। यह वास्तविकता का एक सरलीकृत, तर्कसंगत और अक्सर अतिरंजित (exaggerated) खाका होता है, जिसे किसी विशेष सामाजिक घटना (जैसे नौकरशाही, पूंजीवाद) के विश्लेषण में मदद के लिए बनाया जाता है। यह स्वयं में आदर्श या वांछनीय नहीं है, बल्कि शोध का एक सहायक साधन है।
- संदर्भ और विस्तार: वेबर ने अपनी पद्धति में ‘वेरस्टेहेन’ (Verstehen) या सहानुभूतिपूर्ण समझ पर जोर दिया, और आदर्श प्रारूप इस समझ को व्यवस्थित करने में मदद करते हैं।
- गलत विकल्प: यह एक पूर्ण आदर्श समाज का मॉडल नहीं है, बल्कि एक विश्लेषणात्मक उपकरण है। यह समाजशास्त्रियों का अंतिम लक्ष्य नहीं है, बल्कि उनके काम का एक साधन है। यह सामान्य मूल्यों का प्रतिनिधित्व भी नहीं करता।
प्रश्न 7: निम्न में से कौन सी सामाजिक स्तरीकरण (Social Stratification) की एक विशेषता नहीं है?
- यह एक समाज की विशेषता है, न कि व्यक्ति की।
- यह सार्वभौमिक (Universal) है लेकिन परिवर्तनशील (Variable) है।
- यह व्यक्तिगत गुणों पर आधारित है।
- यह एक सामाजिक निर्माण (Social Construct) है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: सामाजिक स्तरीकरण किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत गुणों (जैसे प्रतिभा, कड़ी मेहनत) पर आधारित होने के बजाय, समाज द्वारा विभिन्न समूहों को प्रदान की गई स्थिति और संसाधनों के आधार पर होता है। यह अक्सर जन्म, जाति, वर्ग, लिंग आदि पर आधारित होता है।
- संदर्भ और विस्तार: स्तरीकरण यह दर्शाता है कि समाज में असमानताएँ व्यवस्थित रूप से मौजूद हैं। यह एक सामाजिक निर्माण है क्योंकि समाज तय करता है कि कौन से गुण या विशेषताएँ स्तरीकरण का आधार बनेंगी।
- गलत विकल्प: स्तरीकरण एक समाज की विशेषता है, क्योंकि यह समूहों और उनके बीच की असमानताओं से संबंधित है। यह लगभग सभी समाजों में पाया जाता है, इसलिए सार्वभौमिक है, लेकिन समय और स्थान के साथ इसके रूप और आधार बदलते रहते हैं, इसलिए परिवर्तनशील है। यह निश्चित रूप से एक सामाजिक निर्माण है।
प्रश्न 8: जॉर्ज हर्बर्ट मीड (George Herbert Mead) के अनुसार, ‘मैं’ (I) और ‘मुझे’ (Me) का द्वंद्व व्यक्ति के किस सामाजिक-मनोवैज्ञानिक विकास से संबंधित है?
- आत्म (Self) का विकास
- नैतिक विकास
- संज्ञानात्मक विकास
- सामाजिक नियंत्रण
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: जॉर्ज हर्बर्ट मीड, जो प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद के प्रमुख विचारकों में से एक थे, ने ‘आत्म’ (Self) के विकास में ‘मैं’ (I) और ‘मुझे’ (Me) की अवधारणाएँ प्रस्तुत कीं। ‘मुझे’ समाज के संगठित दृष्टिकोणों (generalized other) का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि ‘मैं’ उस पर प्रतिक्रिया करने वाला व्यक्ति का तत्काल, व्यक्तिगत और कभी-कभी अप्रत्याशित पक्ष है। इन दोनों के बीच बातचीत से व्यक्ति का ‘आत्म’ विकसित होता है।
- संदर्भ और विस्तार: मीड के अनुसार, समाज और आत्म अविभाज्य हैं। ‘मुझे’ वह है जो हम समाज से सीखते हैं, और ‘मैं’ वह है जो हम उस सीख पर प्रतिक्रिया के रूप में करते हैं, जो हमारे व्यवहार में नवीनता लाता है।
- गलत विकल्प: यह अवधारणा नैतिक विकास (जो कोहलबर्ग से जुड़ा है), संज्ञानात्मक विकास (जो पियाजे से जुड़ा है) या सामाजिक नियंत्रण से सीधे संबंधित नहीं है, बल्कि आत्म-निर्माण की प्रक्रिया से है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा मेर्टन का ‘अनुकूली व्यवहार’ (Adaptive Behavior) का एक प्रकार है, जिसमें व्यक्ति समाज के लक्ष्यों (Goals) को अस्वीकार करता है लेकिन उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के साधनों (Means) को स्वीकार करता है?
- अभिनवता (Innovation)
- अनुष्ठानवाद (Ritualism)
- पलायनवाद (Retreatism)
- विद्रोह (Rebellion)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही क्यों: रॉबर्ट के. मर्टन ने अपनी ‘तनाव-सांस्कृतिक सिद्धांत’ (Strain Theory) में यह बताया कि जब समाज में सांस्कृतिक रूप से स्वीकृत लक्ष्य और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संस्थागत साधन (Institutionalized Means) के बीच बेमेल होता है, तो तनाव उत्पन्न होता है। इस तनाव के प्रति व्यक्ति के पाँच संभावित अनुकूलन होते हैं। ‘अनुष्ठानवाद’ वह स्थिति है जहाँ व्यक्ति समाज द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की परवाह किए बिना, केवल नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करता है (जैसे एक क्लर्क जो केवल नौकरी बचाए रखना चाहता है)।
- संदर्भ और विस्तार: मर्टन के अन्य प्रकार हैं: परंपरावाद (Conformity – लक्ष्य और साधन दोनों स्वीकार), अभिनवता (Innovation – लक्ष्य स्वीकार, साधन अस्वीकार), पलायनवाद (Retreatism – लक्ष्य और साधन दोनों अस्वीकार), और विद्रोह (Rebellion – लक्ष्य और साधन दोनों को नए से बदलना)।
- गलत विकल्प: अभिनवता लक्ष्यों को स्वीकार करती है लेकिन साधनों को अस्वीकार करती है (जैसे अपराधी)। पलायनवाद दोनों को अस्वीकार करता है (जैसे ड्रग एडिक्ट)। विद्रोह दोनों को अस्वीकार करके नए सामाजिक व्यवस्था के लिए प्रयास करता है।
प्रश्न 10: भारत में, “दर्शन” (Dowry) की प्रथा किस प्रकार के सामाजिक स्तरीकरण से सबसे अधिक जुड़ी हुई है?
- वर्ग स्तरीकरण
- जाति स्तरीकरण
- लिंग स्तरीकरण
- आयु स्तरीकरण
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था भारतीय समाज में विवाह (Marriage) से संबंधित है?
- परिवर्तन (Mobility)
- kinship (संबंध/नातेदारी)
- मानकीकरण (Standardization)
- पर्यावरण (Environment)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 12: समाजशास्त्रीय शोध में, “प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद” (Symbolic Interactionism) का मुख्य ध्यान किस पर होता है?
- बड़े पैमाने पर सामाजिक संरचनाएँ और संस्थाएँ
- व्यक्तियों के बीच दैनिक अंतःक्रियाएँ और उन अंतःक्रियाओं में प्रतीकों (जैसे भाषा, हावभाव) के माध्यम से अर्थ का निर्माण
- सामाजिक परिवर्तन के लिए संघर्ष और शक्ति संरचनाएँ
- सांख्यिकीय डेटा का विश्लेषण
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 13: “सांस्कृतिक विलंब” (Cultural Lag) की अवधारणा, जिसका अर्थ है कि समाज के विभिन्न हिस्से (जैसे भौतिक संस्कृति और अभौतिक संस्कृति) अलग-अलग गति से बदलते हैं, किस समाजशास्त्री से जुड़ी है?
- विलियम ग्राहम समनर (William Graham Sumner)
- लेस्ली व्हाइट (Leslie White)
- विलियम एफ. ओगबर्न (William F. Ogburn)
- एल्बर्ट वीज़र (Albert Weiser)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 14: भारत में, “अस्पृश्यता” (Untouchability) किस प्रकार की सामाजिक समस्या का एक प्रमुख उदाहरण है?
- आर्थिक असमानता
- सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव
- धार्मिक असहिष्णुता
- पर्यावरणीय गिरावट
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 15: मैक्स वेबर ने सत्ता (Authority) को तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया है। इनमें से कौन सा एक नहीं है?
- तर्कसंगत-कानूनी सत्ता (Rational-Legal Authority)
- पारंपरिक सत्ता (Traditional Authority)
- करिश्माई सत्ता (Charismatic Authority)
- सैन्यवादी सत्ता (Militaristic Authority)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 16: भारतीय समाज में “संयुक्त परिवार” (Joint Family) की संरचना के संदर्भ में, किस शब्द का प्रयोग परिवार के मुखिया (आमतौर पर सबसे बड़े पुरुष सदस्य) द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका या स्थिति को दर्शाने के लिए किया जाता है?
- कन्यका (Kanyaka)
- कर्ता (Karta)
- पुत्रिका (Putrika)
- मातृसत्ता (Matriarchy)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 17: समाजशास्त्रीय अनुसंधान में, “जनसांख्यिकी” (Demography) मुख्य रूप से किसका अध्ययन करती है?
- सामाजिक संस्थाएँ और उनके प्रकार्य
- जनसंख्या की संरचना, गतिशीलता (जन्म, मृत्यु, प्रवास) और विशेषताओं का सांख्यिकीय अध्ययन
- सामाजिक स्तरीकरण और वर्ग संरचना
- सांस्कृतिक मूल्य और विश्वास
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा समाजीकरण (Socialization) की प्रक्रिया से सबसे कम संबंधित है?
- भाषा सीखना
- सामाजिक मानदंडों और मूल्यों को अपनाना
- निजी राय बनाना
- मानसिक रोग विकसित करना
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 19: “संरचनात्मक हिंसा” (Structural Violence) की अवधारणा, जो अन्यायपूर्ण सामाजिक संरचनाओं या संस्थानों के कारण होने वाली हानि या नुकसान को दर्शाती है, किस समाजशास्त्री से सबसे अधिक जुड़ी हुई है?
- जॉन गैल्टुंग (Johan Galtung)
- मैन्युअल कैस्टल्स (Manuel Castells)
- अल्थूसर (Althusser)
- पियरे बोरदिए (Pierre Bourdieu)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 20: भारतीय संदर्भ में, “आदिवासी समुदाय” (Tribal Communities) की एक प्रमुख विशेषता क्या है?
- लिखित संविधान और एक केंद्रीयकृत सरकार
- औद्योगिक अर्थव्यवस्था में पूर्ण एकीकरण
- उनकी अपनी विशिष्ट संस्कृति, सामाजिक संरचना, और अक्सर मुख्यधारा की भारतीय समाज से अलग भौगोलिक अलगाव
- उच्च स्तर की शहरीकरण
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 21: “धर्मनिरपेक्षता” (Secularism) की अवधारणा, विशेष रूप से भारतीय संदर्भ में, क्या दर्शाती है?
- धर्म का पूर्ण बहिष्कार
- सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान और राज्य का सभी धर्मों से तटस्थ रहना
- केवल एक धर्म को राजकीय धर्म मानना
- धर्म को पूरी तरह से निजी मामला मानना, सार्वजनिक जीवन में कोई भूमिका न देना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 22: “सामाजिक पूंजी” (Social Capital) की अवधारणा, जो सामाजिक नेटवर्क, विश्वास और सहयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों को संदर्भित करती है, किस समाजशास्त्री से प्रमुख रूप से जुड़ी है?
- कार्ल मार्क्स
- जेम्स कॉलमैन (James Coleman) और पियरे बोरदिए (Pierre Bourdieu)
- एंथोनी गिडेंस (Anthony Giddens)
- ज़िगमुंट बॉमन (Zygmunt Bauman)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 23: भारत में, “बहुसंस्कृतिवाद” (Multiculturalism) की अवधारणा का क्या अर्थ है?
- सभी सांस्कृतिक मतभेदों को समाप्त करना
- विभिन्न सांस्कृतिक समूहों को अपने रीति-रिवाजों और पहचानों को बनाए रखते हुए एक ही समाज में सह-अस्तित्व में रहना
- किसी एक प्रमुख संस्कृति का सभी पर प्रभुत्व
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान को हतोत्साहित करना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 24: “सामाजिक पूंजी” (Social Capital) की अवधारणा का एक उदाहरण क्या हो सकता है?
- किसी व्यक्ति के पास बैंक में जमा धन
- किसी व्यक्ति की नौकरी की तलाश में मदद करने वाले दोस्तों का एक मजबूत नेटवर्क
- किसी व्यक्ति के पास स्वामित्व वाली विशेषज्ञता या डिग्री
- किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत कौशल सेट
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 25: ग्रामीण समाजशास्त्र (Rural Sociology) के अध्ययन में, “हरित क्रांति” (Green Revolution) ने मुख्य रूप से किस प्रकार के परिवर्तन को लाया?
- कृषि पद्धतियों में सुधार और उत्पादन में वृद्धि
- ग्रामीणों के पलायन में कमी
- कृषि आय में समानता
- भूमि सुधारों का पूर्ण कार्यान्वयन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण: