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2 लाख से अधिक भारतीयों ने क्यों छोड़ी नागरिकता? 2024 के आंकड़े चौंकाने वाले, 2020 से ढाई गुना वृद्धि!

2 लाख से अधिक भारतीयों ने क्यों छोड़ी नागरिकता? 2024 के आंकड़े चौंकाने वाले, 2020 से ढाई गुना वृद्धि!

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक चौंकाने वाला आंकड़ा प्रस्तुत किया है। 2024 में, 2 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्याग दी है, जो 2020 की तुलना में ढाई गुना अधिक है। यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि भारत की सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पर गहन विचार-विमर्श का विषय भी है। UPSC परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए, यह डेटा न केवल सामान्य ज्ञान का हिस्सा है, बल्कि भारत के प्रवासन (migration), वैश्विक नागरिकता (global citizenship), अर्थव्यवस्था (economy), और शासन (governance) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने का एक अवसर भी है।

यह ब्लॉग पोस्ट आपको इस घटना के पीछे के कारणों, इसके निहितार्थों, और UPSC के दृष्टिकोण से इसके महत्व को विस्तार से समझाएगा।

नागरिकता त्यागने का बढ़ता चलन: एक विस्तृत विश्लेषण (The Growing Trend of Renouncing Citizenship: A Detailed Analysis)

जब कोई व्यक्ति अपनी राष्ट्रीयता छोड़ता है, तो इसे ‘नागरिकता त्यागना’ (Renunciation of Citizenship) कहा जाता है। यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसके कई कारण हो सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीयों द्वारा नागरिकता त्यागने के आंकड़ों में लगातार वृद्धि देखी गई है, और 2024 के आंकड़े इस प्रवृत्ति को और भी बल देते हैं।

आंकड़े क्या कहते हैं? (What do the Statistics Say?)

  • 2024: 2 लाख से अधिक भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी।
  • 2020 की तुलना में: ढाई गुना वृद्धि।
  • पिछले 5 साल के आंकड़े: केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किए गए।

यह वृद्धि कई सवालों को जन्म देती है: क्या यह केवल आर्थिक अवसरों की तलाश है? या इसके पीछे सामाजिक, राजनीतिक, या व्यक्तिगत कारण भी हैं? UPSC के दृष्टिकोण से, हमें इन कारणों की तह तक जाना होगा और इसके दूरगामी परिणामों का विश्लेषण करना होगा।

नागरिकता त्यागने के प्रमुख कारण (Key Reasons for Renouncing Citizenship)

किसी भी व्यक्ति के लिए अपनी मातृभूमि की नागरिकता छोड़ना एक बड़ा निर्णय होता है। इसके पीछे कई बहुआयामी कारण हो सकते हैं, जिन्हें हम निम्नलिखित श्रेणियों में बाँट सकते हैं:

1. आर्थिक अवसर और बेहतर जीवन शैली (Economic Opportunities and Better Lifestyle)

  • उच्च वेतन और करियर विकास: कई विकसित देश, जैसे कि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और पश्चिमी यूरोपीय देश, भारतीय पेशेवरों को उच्च वेतन, बेहतर करियर के अवसर और कार्य-जीवन संतुलन (work-life balance) प्रदान करते हैं।
  • उच्च जीवन स्तर: इन देशों में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, और सामाजिक सुरक्षा का स्तर भी अक्सर भारत की तुलना में बेहतर माना जाता है।
  • व्यवसाय के अवसर: कुछ उद्यमी भी विदेशी बाजारों में विस्तार या नए व्यापारिक अवसरों का लाभ उठाने के लिए नागरिकता त्यागते हैं।

उदाहरण: डॉक्टर, इंजीनियर, आईटी पेशेवर, और वैज्ञानिक अक्सर अपने ज्ञान और कौशल का बेहतर उपयोग करने के लिए विदेशों का रुख करते हैं। कई बार, वे ऐसे देशों में बस जाते हैं जहाँ उनके बच्चों के लिए शिक्षा और भविष्य के बेहतर अवसर हों।

2. शिक्षा और अनुसंधान (Education and Research)

  • विश्व स्तरीय शिक्षा: कई भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में जाते हैं और वहीं बस जाते हैं।
  • अनुसंधान के अवसर: उन्नत अनुसंधान सुविधाओं और फंडिंग तक पहुंच भी एक महत्वपूर्ण कारक है।

केस स्टडी: एक युवा भारतीय वैज्ञानिक, जिसने भारत में पीएचडी की, को अमेरिका की एक प्रतिष्ठित संस्था से पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप मिली। वहां उसे अत्याधुनिक शोध करने का मौका मिला और अंततः उसने अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर दिया, क्योंकि वहां उसके शोध का भविष्य उज्ज्वल था।

3. सामाजिक और व्यक्तिगत कारक (Social and Personal Factors)

  • पारिवारिक कारण: यदि किसी व्यक्ति का जीवनसाथी या परिवार दूसरे देश का नागरिक है, तो वह भी नागरिकता बदलने का निर्णय ले सकता है।
  • सामाजिक सुरक्षा और अधिकार: कुछ लोग अपने अधिकारों, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, या सामाजिक सुरक्षा के उच्च स्तर के कारण दूसरे देशों की नागरिकता स्वीकार करते हैं।
  • राजनीतिक अस्थिरता या असंतोष: दुर्लभ मामलों में, यदि कोई व्यक्ति देश की राजनीतिक स्थिति या सामाजिक वातावरण से असंतुष्ट है, तो वह भी नागरिकता छोड़ने पर विचार कर सकता है।

4. दोहरी नागरिकता की उपलब्धता (Availability of Dual Citizenship)

भारत सरकार Overseas Citizenship of India (OCI) की सुविधा प्रदान करती है, जो एक प्रकार की स्थायी निवास अनुमति है, लेकिन यह पूर्ण नागरिकता नहीं है। हालांकि, कई अन्य देश दोहरी नागरिकता (dual citizenship) की अनुमति देते हैं। ऐसे में, जब कोई भारतीय नागरिक किसी ऐसे देश की नागरिकता लेता है जो दोहरी नागरिकता की अनुमति देता है, तो उसे भारतीय कानून के तहत अपनी भारतीय नागरिकता स्वतः ही छोड़नी पड़ती है (Except in specific cases governed by law).

इसे ऐसे समझें: कल्पना कीजिए कि आप एक क्लब के सदस्य हैं। यदि कोई दूसरा क्लब आपको सदस्यता देता है और कहता है कि आप केवल एक क्लब के सदस्य रह सकते हैं, तो आपको चुनना होगा। भारत में, आप एक समय में एक से अधिक नागरिकता नहीं रख सकते।

नागरिकता त्याग के निहितार्थ (Implications of Renouncing Citizenship)

भारतीय नागरिकों द्वारा नागरिकता छोड़ने के इस बढ़ते चलन के कई महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं, जिनका विश्लेषण UPSC के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है:

1. जनसांख्यिकीय प्रभाव (Demographic Impact)

  • प्रतिभा पलायन (Brain Drain): यह सबसे महत्वपूर्ण चिंताओं में से एक है। भारत के सबसे योग्य और कुशल नागरिक देश छोड़ रहे हैं, जिससे ‘प्रतिभा पलायन’ की समस्या गहरा रही है।
  • कार्यबल पर प्रभाव: विशेष रूप से आईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में कुशल कार्यबल की कमी हो सकती है।
  • जनसांख्यिकीय पिरामिड: यह युवा और कामकाजी आबादी के प्रवासन को दर्शाता है, जो देश के जनसांख्यिकीय पिरामिड को प्रभावित कर सकता है।

2. आर्थिक प्रभाव (Economic Impact)

  • राजस्व का नुकसान: जो नागरिक विदेश में कमाते हैं, वे वहां कर चुकाते हैं, जिससे भारत को प्रत्यक्ष कर राजस्व (direct tax revenue) का नुकसान होता है।
  • निवेश पर प्रभाव: कुशल पेशेवरों का जाना अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और नवाचार (innovation) को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि ये लोग अक्सर अपने मूल देशों में निवेश करते हैं या व्यवसाय शुरू करते हैं।
  • प्रेषण (Remittances): हालांकि, एक सकारात्मक पहलू यह है कि विदेश में बसे भारतीय अक्सर अपने परिवारों को धन भेजते हैं (remittances), जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा स्रोत है।

3. सामाजिक और राष्ट्रीय पहचान (Social and National Identity)

  • राष्ट्रीय पहचान का क्षरण: जब बड़ी संख्या में लोग अपनी नागरिकता छोड़ते हैं, तो यह राष्ट्रीय पहचान और एकजुटता की भावना को कमजोर कर सकता है।
  • डायस्पोरा का विकास: दूसरी ओर, यह दुनिया भर में भारतीय डायस्पोरा (Indian Diaspora) को मजबूत करता है, जो सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हो सकता है।

4. शासन और नीति निर्माण (Governance and Policy Making)

  • नीतियों पर पुनर्विचार: सरकार को उन कारणों पर पुनर्विचार करना होगा जिनके चलते नागरिक देश छोड़ रहे हैं। क्या शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, या सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है?
  • “ब्रांड इंडिया” की छवि: यह प्रवृत्ति भारत की वैश्विक छवि को भी प्रभावित कर सकती है।

UPSC के लिए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण (Crucial Perspectives for UPSC)

UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए, इस मुद्दे को केवल एक समाचार के रूप में नहीं, बल्कि एक जटिल नीति और सामाजिक-आर्थिक समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं जिन पर आपको ध्यान केंद्रित करना चाहिए:

1. भारत के प्रवासन मॉडल (India’s Migration Model)

  • आप्रवासन बनाम उत्प्रवास (Immigration vs. Emigration): भारत एक तरफ प्रवासियों को आकर्षित करता है, वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में अपने नागरिकों को खो रहा है। इस दोहरे परिदृश्य का विश्लेषण महत्वपूर्ण है।
  • कुशल बनाम अकुशल प्रवासन: यह मुख्य रूप से कुशल और शिक्षित वर्ग का प्रवासन है, जिसे ‘ब्रांड ब्रेन’ (brain drain) के रूप में देखा जाता है।

2. शासन की भूमिका (Role of Governance)

  • सरकार की नीतियां: सरकार को देश के भीतर उन कारकों को बेहतर बनाने की आवश्यकता है जो लोगों को विदेश जाने के लिए प्रेरित करते हैं। इसमें रोज़गार सृजन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवा, और सामाजिक सुरक्षा शामिल हैं।
  • “मेक इन इंडिया” और “स्किल इंडिया” जैसे कार्यक्रमों का प्रभाव: ये कार्यक्रम किस हद तक लोगों को देश में रोकने में सफल रहे हैं, इसका मूल्यांकन।

3. अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रतिस्पर्धा (Economy and Global Competition)

  • वैश्विक प्रतिभा युद्ध: दुनिया के देश कुशल प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। भारत को इस प्रतियोगिता में कैसे बने रहना है?
  • अप्रवासियों की भूमिका: जो भारतीय विदेश में बसे हैं, वे कैसे भारत के विकास में योगदान दे सकते हैं? (जैसे निवेश, ज्ञान हस्तांतरण)।

4. नागरिकता और राष्ट्रवाद (Citizenship and Nationhood)

  • नागरिकता का अर्थ: नागरिकता केवल कानूनी दर्जा नहीं है, बल्कि राष्ट्र के प्रति जुड़ाव और योगदान का भी प्रतीक है। जब लोग नागरिकता छोड़ते हैं, तो इसका राष्ट्रीय भावना पर क्या असर पड़ता है?
  • दोहरी नागरिकता पर बहस: क्या भारत को दोहरी नागरिकता के नियमों में ढील देनी चाहिए? इसके फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं? (हालांकि, यह वर्तमान में एक संवेदनशील विषय है)।

चुनौतियाँ और आगे की राह (Challenges and The Way Forward)

इस बढ़ती प्रवृत्ति को रोकना अपने आप में एक चुनौती है। इसके लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है:

  • देश के भीतर अवसरों का सृजन: रोज़गार के अधिक अवसर पैदा करना, विशेषकर उच्च-कुशल नौकरियों में।
  • शिक्षा प्रणाली में सुधार: ऐसी शिक्षा प्रदान करना जो वैश्विक मानकों के अनुरूप हो और नवाचार को बढ़ावा दे।
  • अनुसंधान और विकास (R&D) में निवेश: वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को देश में रुकने और काम करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • जीवन की गुणवत्ता में सुधार: स्वास्थ्य सेवा, शहरी नियोजन, और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना।
  • नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का विकास: स्टार्टअप्स और उद्यमियों को समर्थन देना।
  • डायस्पोरा के साथ जुड़ाव: विदेश में बसे भारतीयों को भारत के विकास में सक्रिय भागीदार बनाना।

एक उपमा: सोचिए कि एक बगीचा है और उसमें से सबसे उपजाऊ मिट्टी उड़ रही है। बगीचे को हरा-भरा रखने के लिए, हमें मिट्टी को उड़ने से रोकना होगा और साथ ही, बगीचे में नई जान डालने के लिए पानी और खाद भी डालनी होगी। इसी तरह, सरकार को कुशल प्रतिभा को देश में रोकना होगा और साथ ही, देश में रहने वालों के लिए बेहतर अवसर बनाने होंगे।

निष्कर्ष (Conclusion)

2 लाख से अधिक भारतीयों द्वारा 2024 में नागरिकता छोड़ना कोई सामान्य घटना नहीं है। यह एक गंभीर संकेत है जो भारत की सामाजिक-आर्थिक वास्तविकताओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दबावों को दर्शाता है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, इस मुद्दे का विश्लेषण भारत के भविष्य, इसकी प्रतिभा प्रबंधन रणनीतियों, और वैश्विक मंच पर इसकी स्थिति को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार को इस चुनौती का सामना करने के लिए ठोस नीतियों और प्रभावी कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना होगा, ताकि भारत अपनी सबसे बड़ी संपत्ति – अपने लोगों – को बनाए रख सके और विकसित हो सके।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. हाल के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में लगभग कितने भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी?

    a) 50,000
    b) 1 लाख
    c) 2 लाख से अधिक
    d) 5 लाख

    उत्तर: c) 2 लाख से अधिक

    व्याख्या: समाचार के अनुसार, 2024 में 2 लाख से अधिक भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी है।
  2. 2024 में नागरिकता त्यागने वाले भारतीयों की संख्या 2020 की तुलना में लगभग कितनी गुना अधिक है?

    a) डेढ़ गुना
    b) दोगुना
    c) ढाई गुना
    d) तिगुना

    उत्तर: c) ढाई गुना

    व्याख्या: समाचार में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह वृद्धि 2020 की तुलना में ढाई गुना है।
  3. भारतीय नागरिकता त्यागने के संदर्भ में, ‘प्रतिभा पलायन’ (Brain Drain) का क्या अर्थ है?

    a) देश के सभी कुशल पेशेवरों का विदेश चले जाना।
    b) देश के सबसे योग्य और कुशल नागरिकों का विदेश चले जाना।
    c) देश के छात्रों का विदेश में शिक्षा प्राप्त करना।
    d) देश से अकुशल श्रमिकों का पलायन।

    उत्तर: b) देश के सबसे योग्य और कुशल नागरिकों का विदेश चले जाना।

    व्याख्या: प्रतिभा पलायन का तात्पर्य देश के शिक्षित, कुशल और योग्य व्यक्तियों का बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश जाना है।
  4. निम्नलिखित में से कौन सा भारत में नागरिकता त्यागने का एक प्रमुख आर्थिक कारण है?

    a) खराब सार्वजनिक परिवहन
    b) बेहतर वेतन और करियर के अवसर
    c) कम इंटरनेट स्पीड
    d) अधिक जनसंख्या घनत्व

    उत्तर: b) बेहतर वेतन और करियर के अवसर

    व्याख्या: बेहतर वेतन, करियर विकास और उच्च जीवन स्तर की तलाश आर्थिक कारणों में प्रमुख है।
  5. Overseas Citizenship of India (OCI) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
    1. OCI धारकों को भारत में रहने और काम करने की अनुमति है।
    2. OCI धारक पूर्ण भारतीय नागरिक माने जाते हैं और उन्हें मतदान का अधिकार प्राप्त है।
    3. OCI भारत सरकार द्वारा जारी की जाने वाली एक प्रकार की स्थायी निवास अनुमति है, जो पूर्ण नागरिकता नहीं है।
    उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

    a) केवल 1
    b) 1 और 2
    c) 1 और 3
    d) 2 और 3

    उत्तर: c) 1 और 3

    व्याख्या: OCI धारक भारत में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं, लेकिन वे पूर्ण नागरिक नहीं माने जाते हैं और उन्हें मतदान या सरकारी पद धारण करने का अधिकार नहीं है। यह एक स्थायी निवास अनुमति है।
  6. भारत में नागरिकता त्यागने के सामाजिक और व्यक्तिगत कारणों में निम्नलिखित में से कौन शामिल हो सकता है?
    1. बेहतर स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच।
    2. परिवार के सदस्यों का विदेश में निवास।
    3. उच्च जीवन स्तर की चाहत।
    4. राजनीतिक असंतोष।
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:

    a) 1, 2 और 3
    b) 2, 3 और 4
    c) 1, 3 और 4
    d) 1, 2, 3 और 4

    उत्तर: d) 1, 2, 3 और 4

    व्याख्या: ये सभी कारक नागरिकता त्यागने के सामाजिक और व्यक्तिगत कारणों में शामिल हो सकते हैं।
  7. जब भारतीय नागरिक किसी ऐसे देश की नागरिकता स्वीकार करते हैं जो दोहरी नागरिकता की अनुमति देता है, तो भारतीय कानून के तहत क्या होता है?

    a) वे अपनी भारतीय नागरिकता बनाए रख सकते हैं।
    b) उन्हें भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ती है।
    c) यह विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
    d) वे OCI कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।

    उत्तर: b) उन्हें भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ती है।

    व्याख्या: भारतीय कानून के तहत, यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार करता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है।
  8. “ब्रांड ब्रेन” (Brand Brain) शब्द का प्रयोग आमतौर पर किस घटना के संदर्भ में किया जाता है?

    a) देश के अंदर प्रतिभा का विकास।
    b) देश से कुशल पेशेवरों का विदेश जाना।
    c) विदेश से कुशल पेशेवरों का देश में आना।
    d) देश में नवाचार और अनुसंधान का अभाव।

    उत्तर: b) देश से कुशल पेशेवरों का विदेश जाना।

    व्याख्या: “ब्रांड ब्रेन” या प्रतिभा पलायन का तात्पर्य देश के सबसे प्रतिभाशाली और कुशल नागरिकों का बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश चले जाना है।
  9. निम्नलिखित में से कौन सा अप्रत्यक्ष आर्थिक प्रभाव नागरिकता त्यागने से संबंधित है?

    a) प्रत्यक्ष कर राजस्व में वृद्धि।
    b) प्रत्यक्ष कर राजस्व में कमी।
    c) देश के भीतर अधिक निवेश।
    d) कुशल श्रमिकों की उपलब्धता में वृद्धि।

    उत्तर: b) प्रत्यक्ष कर राजस्व में कमी।

    व्याख्या: जब नागरिक विदेश में कमाते हैं, तो वे वहां कर देते हैं, जिससे भारत को प्रत्यक्ष कर राजस्व का नुकसान होता है।
  10. भारत सरकार द्वारा “मेक इन इंडिया” और “स्किल इंडिया” जैसी पहलों का उद्देश्य क्या है?

    a) भारतीयों को विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित करना।
    b) देश के भीतर विनिर्माण और कौशल विकास को बढ़ावा देना।
    c) विदेशी निवेश को हतोत्साहित करना।
    d) केवल सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ाना।

    उत्तर: b) देश के भीतर विनिर्माण और कौशल विकास को बढ़ावा देना।

    व्याख्या: इन पहलों का मुख्य उद्देश्य भारत को विनिर्माण और कौशल विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करना है, ताकि देश के भीतर ही रोजगार के अवसर पैदा हों और प्रतिभा को देश में रोका जा सके।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. 2024 में भारतीयों द्वारा नागरिकता त्यागने के बढ़ते आंकड़ों का विश्लेषण करें। इन प्रवृत्तियों के पीछे के प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत कारकों की चर्चा करें और इसके दीर्घकालिक निहितार्थों पर प्रकाश डालें। (250 शब्द)
  2. “प्रतिभा पलायन” (Brain Drain) भारत के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। हाल के आंकड़ों के आलोक में, इस घटना को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों और नीतियों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। (250 शब्द)
  3. नागरिकता त्यागने का बढ़ता चलन राष्ट्रीय पहचान, सामाजिक सामंजस्य और शासन प्रणाली को कैसे प्रभावित करता है? इस मुद्दे को एक नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण से कैसे संबोधित किया जा सकता है, इस पर अपने विचार व्यक्त करें। (150 शब्द)
  4. भारत में अप्रवास (Immigration) और उत्प्रवास (Emigration) दोनों एक साथ हो रहे हैं। कुशल भारतीयों के देश छोड़ने की बढ़ती प्रवृत्ति के संदर्भ में, भारत को अपनी ‘मानव पूंजी’ (Human Capital) को बनाए रखने और विकसित करने के लिए क्या रणनीतियाँ अपनानी चाहिए? (150 शब्द)

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