इतिहास की गहराइयों में एक ज़ोरदार छलांग: अपनी तैयारी को परखें!
नमस्कार, भविष्य के अधिकारियों! इतिहास की यात्रा पर एक रोमांचक सफ़र शुरू करने के लिए तैयार हो जाइए। आज की यह विशेष प्रश्नोत्तरी आपको प्राचीन साम्राज्यों से लेकर आधुनिक युग के महत्वपूर्ण मोड़ों तक ले जाएगी। आइए, अतीत के ज्ञान की अपनी समझ को परखें और अपनी परीक्षा की तैयारी को एक नया आयाम दें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल को ‘सिंधु का बाघ’ (Gibraltar of Indus) कहा जाता है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- चन्हुदड़ो
- सुत्कागेंडोर
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सुत्कागेंडोर को ‘सिंधु का बाघ’ कहा जाता है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे पश्चिमी स्थल था, जो डास्क नदी के किनारे स्थित था। इसकी मजबूत किलेबंदी और सामरिक महत्व के कारण इसे यह उपनाम दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: सुत्कागेंडोर का उद्भव हड़प्पा काल (लगभग 2600-1900 ईसा पूर्व) से जुड़ा है। यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था, जो फारस की खाड़ी से व्यापार में संलग्न था। इसकी मजबूत दीवारें शहर को प्राकृतिक आपदाओं और बाहरी खतरों से बचाती थीं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो महत्वपूर्ण शहर थे, लेकिन उनकी विशिष्ट पहचान ‘सिंधु का बाघ’ वाली नहीं है। चन्हुदड़ो एक महत्वपूर्ण शिल्प केंद्र था, लेकिन इसका सैन्य महत्व सुत्कागेंडोर जितना नहीं था।
प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयोग किया गया है?
- घोड़ा
- बैल
- गाय
- भेड़
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ऋग्वेद में ‘अघन्य’ शब्द गाय के लिए प्रयोग किया गया है। इसका अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’।
- संदर्भ और विस्तार: प्राचीन भारतीय समाज में गाय का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान था। यह आर्थिक समृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा और धार्मिक अनुष्ठानों का प्रतीक थी। ऋग्वेद में गायों की बहुतायत को समृद्धि का सूचक माना जाता था, और उन्हें देवता तुल्य सम्मान दिया जाता था।
- गलत विकल्प: घोड़ा युद्ध और यातायात के लिए महत्वपूर्ण था, लेकिन ‘अघन्य’ विशेषण गाय के लिए ही प्रयुक्त होता था। बैल कृषि कार्यों के लिए उपयोगी था, जबकि भेड़ ऊन और मांस का स्रोत थी, परंतु इन्हें ‘अघन्य’ नहीं कहा जाता था।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा सिद्धांत बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्यों में शामिल नहीं है?
- दुख है
- दुख का कारण है
- दुख का निरोध संभव है
- अष्टांगिक मार्ग
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 4: सम्राट अशोक ने अपने शिलालेखों में स्वयं को किस रूप में संबोधित किया है?
- मगधराज
- प्रियदर्शी राजा
- देवपुत्र
- सम्राट
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अशोक ने अपने अधिकांश शिलालेखों में स्वयं को ‘प्रियदर्शी राजा’ (प्रिय दिखने वाला राजा) के रूप में संबोधित किया है।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक के अधिकांश शिलालेखों में, विशेषकर लघु शिलालेखों और स्तंभ लेखों में, उसे ‘प्रियदर्शी’ (प्रिय देखने वाला) या ‘देवता नाम प्रिय’ (देवताओं को प्रिय) कहा गया है। ‘राजा’ शब्द का भी प्रयोग होता है। यह उपाधि उसकी लोकप्रियता और प्रजा के प्रति उसके स्नेह को दर्शाती है। अशोक के नाम का स्पष्ट उल्लेख केवल मास्की, गुर्जर, नेटूर और उडेगोलम के शिलालेखों में मिलता है।
- गलत विकल्प: ‘मगधराज’ उसके शासन क्षेत्र को दर्शाता है, लेकिन यह उसका स्वयं का उपाधि नहीं था। ‘देवपुत्र’ उपाधि कुषाण शासकों द्वारा अपनाई गई थी। ‘सम्राट’ एक सामान्य शब्द है, जबकि ‘प्रियदर्शी राजा’ उसकी विशिष्ट अभिलेखीय उपाधि थी।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारतीय नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: समुद्रगुप्त को ‘भारतीय नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने समुद्रगुप्त की सैन्य विजयों और विस्तृत साम्राज्य के कारण उसे यह उपाधि दी थी। समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) ने उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों को जीता और दक्षिणापथ के कई शासकों को भी पराजित किया। उसके इलाहाबाद स्तंभ लेख में उसकी विजयों का विस्तृत विवरण है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) का शासनकाल गुप्त काल का स्वर्ण युग माना जाता है, लेकिन उसकी सैन्य विजयें समुद्रगुप्त जितनी व्यापक नहीं थीं। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: बलबन ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: बलबन (शासनकाल 1266-1287 ई.) ने अपनी सल्तनत को मजबूत करने और मंगोल आक्रमणों से बचाव के लिए एक शक्तिशाली केंद्रीय सेना का गठन किया। उसने ‘दीवान-ए-आरिज’ की स्थापना की, जो सेना के संगठन, भर्ती, प्रशिक्षण और वेतन के लिए जिम्मेदार था। यह विभाग सीधे सुल्तान को रिपोर्ट करता था और बलबन के शासनकाल में एक महत्वपूर्ण अंग बन गया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने चालीसा (तुर्क-ए-चहलगानी) का गठन किया था। अलाउद्दीन खिलजी ने अपनी सेना को स्थायी और नकद वेतन देने की प्रथा शुरू की थी और दाग (घोड़ों पर निशान लगाना) व हुलिया (सैनिकों का विवरण) जैसी व्यवस्थाएं लागू की थीं, लेकिन ‘दीवान-ए-आरिज’ की स्थापना का श्रेय बलबन को जाता है। मोहम्मद बिन तुगलक के सुधारों में यह विभाग शामिल नहीं था।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- बुक्का प्रथम
- हरिहर और बुक्का
- देवराय द्वितीय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम (दोनों 14वीं शताब्दी के मध्य) ने 1336 ईस्वी में तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने वारंगल के काकतीय वंश के पतन के बाद उभरे अवसरों का लाभ उठाते हुए अपने राज्य का विस्तार किया। विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो अपनी कला, वास्तुकला, साहित्य और सुशासन के लिए जाना जाता है।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने 16वीं शताब्दी की शुरुआत में शासन किया। देवराय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे। बुक्का प्रथम ने साम्राज्य के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन स्थापना का श्रेय दोनों भाइयों को संयुक्त रूप से जाता है।
प्रश्न 8: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किस मराठा शासक ने किया था?
- शिवाजी महाराज
- संभाजी
- बाजीराव प्रथम
- माधवराव
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: शिवाजी महाराज (शासनकाल 1630-1680 ई.) ने अपने राज्य को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रशासनिक व्यवस्था लागू की। ‘अष्टप्रधान’ परिषद में आठ मंत्री होते थे, जिनमें प्रत्येक एक विशिष्ट विभाग का प्रमुख होता था, जैसे पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), सचिव (शाही पत्र व्यवहार), वाकयानिष (गृह मंत्री), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), सेनापति (सेना प्रमुख) और न्यायाधीश (न्याय अधिकारी)। यह व्यवस्था राज्य के शासन में कुशलता लाने के लिए थी।
- गलत विकल्प: संभाजी, बाजीराव प्रथम और माधवराव भी मराठा साम्राज्य के महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ व्यवस्था की शुरुआत शिवाजी महाराज ने की थी।
प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह के दौरान, निम्नलिखित में से किसने इलाहाबाद को संभाला था?
- खान बहादुर खान
- कुंवर सिंह
- लियाकत अली
- रानी लक्ष्मीबाई
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1857 के विद्रोह के दौरान, लियाकत अली ने इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) को संभाला था।
- संदर्भ और विस्तार: लियाकत अली, एक मौलवी, ने विद्रोहियों का नेतृत्व किया और इलाहाबाद को ब्रिटिश नियंत्रण से मुक्त कराने का प्रयास किया। हालांकि, जनरल रेनॉल्ड के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सेना ने जल्द ही शहर पर पुनः कब्जा कर लिया। लियाकत अली को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और रंगून (म्यांमार) भेज दिया गया।
- गलत विकल्प: खान बहादुर खान बरेली से, कुंवर सिंह जगदीशपुर (बिहार) से और रानी लक्ष्मीबाई झाँसी से विद्रोह का नेतृत्व कर रही थीं।
प्रश्न 10: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक कौन थे?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के लेखक स्वामी दयानंद सरस्वती थे।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883) एक महान समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक थे। ‘सत्यार्थ प्रकाश’ उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना है, जो हिंदी में लिखी गई है। इस पुस्तक में उन्होंने वेदों के महत्व, सामाजिक बुराइयों (जैसे जाति प्रथा, बाल विवाह) की आलोचना और धार्मिक सुधारों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। यह पुस्तक भारतीय पुनर्जागरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। राजा राम मोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे। ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक प्रमुख समाज सुधारक थे जिन्होंने विधवा पुनर्विवाह और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रश्न 11: ‘नील दर्पण’ नाटक का लेखक कौन था, जो नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों पर किए गए अत्याचारों को दर्शाता है?
- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
- दीनबंधु मित्र
- शरत चंद्र चट्टोपाध्याय
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे।
- संदर्भ और विस्तार: दीनबंधु मित्र (1830-1873) ने 1860 में ‘नील दर्पण’ लिखा था, जो नील की खेती करने वाले किसानों पर ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा किए गए क्रूर अत्याचारों का सजीव चित्रण करता है। इस नाटक ने 1859-60 के नील विद्रोह को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह नाटक बांग्ला भाषा में लिखा गया था और इसका अंग्रेजी में अनुवाद भी हुआ, जिससे इसके संदेश का व्यापक प्रसार हुआ।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंद मठ’ लिखा था। शरत चंद्र चट्टोपाध्याय और रवींद्रनाथ टैगोर बीसवीं सदी के महान साहित्यकार थे।
प्रश्न 12: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?
- 1928, कोलकाता
- 1929, लाहौर
- 1930, कराची
- 1931, कराची
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिवेशन जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ था। इसी अधिवेशन में कांग्रेस ने घोषणा की कि उसका लक्ष्य ब्रिटिश सरकार से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है, न कि केवल डोमिनियन स्टेटस। 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाया गया, और इसी दिन भारतीय स्वतंत्रता का झंडा फहराया गया। इस प्रस्ताव ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी।
- गलत विकल्प: 1928 का कोलकाता अधिवेशन साइमन कमीशन के बहिष्कार का गवाह बना। 1930 और 1931 के कराची अधिवेशन में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम का प्रस्ताव पारित किया गया था।
प्रश्न 13: भारत के विभाजन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष कौन थे?
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- जे. बी. कृपलानी
- महात्मा गांधी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भारत के विभाजन (1947) के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे. बी. कृपलानी थे।
- संदर्भ और विस्तार: जे. बी. कृपलानी, जो अचर्य कृपलानी के नाम से भी जाने जाते हैं, 1947 में मेरठ में हुए कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष थे। यह वह समय था जब भारत स्वतंत्रता प्राप्त कर रहा था, लेकिन देश के विभाजन का दुखद निर्णय भी लिया जा रहा था। कृपलानी ने विभाजन का विरोध किया था।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महात्मा गांधी उस समय कांग्रेस के सर्वोच्च नेता थे, लेकिन वे औपचारिक रूप से अध्यक्ष नहीं थे।
प्रश्न 14: किस घटना के कारण गांधीजी ने असहयोग आंदोलन को अचानक स्थगित कर दिया था?
- जलियांवाला बाग हत्याकांड
- चौरी-चौरा कांड
- साइमन कमीशन का आगमन
- दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: चौरी-चौरा कांड (फरवरी 1922) के कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को अचानक स्थगित कर दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: चौरी-चौरा (गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) में भीड़ ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। चूंकि असहयोग आंदोलन अहिंसक आंदोलन था, इसलिए गांधीजी इस हिंसा से बहुत दुखी हुए और उन्होंने आंदोलन को वापस लेने का फैसला किया। उनका मानना था कि जनता अभी भी अहिंसा के सिद्धांत के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है। इस फैसले से कांग्रेस के कई नेता भी नाराज थे।
- गलत विकल्प: जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) ने असहयोग आंदोलन को प्रेरित किया था। साइमन कमीशन 1928 में भारत आया था, और दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे विभिन्न समयों पर हुए थे, लेकिन चौरी-चौरा कांड ही वह विशिष्ट घटना थी जिसने आंदोलन को रोका।
प्रश्न 15: ‘गदर’ पार्टी की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1913, बर्लिन
- 1913, सैन फ्रांसिस्को
- 1915, लंदन
- 1917, मॉस्को
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘गदर’ पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: ‘गदर’ पार्टी (The Ghadar Party), जिसे ‘हिन्द संघ’ (Hindustan Association) के नाम से भी जाना जाता था, की स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराने के लिए सशस्त्र संघर्ष को संगठित करना था। ‘गदर’ नामक साप्ताहिक पत्रिका इस पार्टी का मुखपत्र थी, जो भारतीय सैनिकों और जनता में स्वतंत्रता की भावना जगाने का काम करती थी।
- गलत विकल्प: बर्लिन में जर्मनी में भारतीय स्वतंत्रता समिति (German Indian Committee) का गठन हुआ था, न कि गदर पार्टी। लंदन और मॉस्को अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र रहे, लेकिन गदर पार्टी का जन्मस्थान सैन फ्रांसिस्को ही था।
प्रश्न 16: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किस संधि ने रूस को युद्ध से बाहर कर दिया?
- वर्साय की संधि
- सेंट-जर्मेन की संधि
- ब्रेस्ट-लिटोव्स्क की संधि
- ट्रायनोन की संधि
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ब्रेस्ट-लिटोव्स्क की संधि (Treaty of Brest-Litovsk) ने रूस को प्रथम विश्व युद्ध से बाहर कर दिया।
- संदर्भ और विस्तार: 1917 की रूसी क्रांति के बाद, बोल्शेविक सरकार ने युद्ध से हटने का निर्णय लिया। 3 मार्च 1918 को, नई बोल्शेविक सरकार ने जर्मनी और उसके सहयोगियों के साथ ब्रेस्ट-लिटोव्स्क की संधि पर हस्ताक्षर किए। इस संधि के तहत, रूस को बड़े पैमाने पर क्षेत्र (जैसे फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, यूक्रेन) जर्मनी को सौंपने पड़े, लेकिन इसने रूस को प्रथम विश्व युद्ध से बाहर निकलने की अनुमति दी।
- गलत विकल्प: वर्साय की संधि प्रथम विश्व युद्ध को समाप्त करने वाली मुख्य संधि थी (1919)। सेंट-जर्मेन की संधि ऑस्ट्रिया से संबंधित थी, और ट्रायनोन की संधि हंगरी से संबंधित थी।
प्रश्न 17: फ्रांसीसी क्रांति का नारा क्या था?
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- राष्ट्रवाद, लोक कल्याण, प्रगति
- एक राष्ट्र, एक सम्राट, एक धर्म
- शांति, व्यवस्था, समृद्धि
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति का मुख्य नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी क्रांति के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है, जो 1789 में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य पुरानी राजशाही व्यवस्था को उखाड़ फेंकना और एक ऐसे समाज का निर्माण करना था जहाँ सभी नागरिक स्वतंत्र हों, समान अधिकारों के हकदार हों और एक-दूसरे के प्रति बंधुत्व की भावना रखते हों। यह नारा आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प ऐतिहासिक रूप से फ्रांसीसी क्रांति से जुड़े नहीं हैं। ‘एक राष्ट्र, एक सम्राट, एक धर्म’ जैसी बातें अक्सर तानाशाही व्यवस्थाओं से जुड़ी होती हैं।
प्रश्न 18: चीन में ‘सांस्कृतिक क्रांति’ का नेतृत्व किसने किया था?
- चियांग काई-शेक
- माओ ज़ेडोंग
- देन श्याओपिंग
- सन यात-सेन
- सही उत्तर: चीन में ‘सांस्कृतिक क्रांति’ (Great Proletarian Cultural Revolution) का नेतृत्व माओ ज़ेडोंग ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: माओ ज़ेडोंग (1966-1976) ने चीन में साम्यवादी शासन की स्थापना की थी। उन्होंने 1966 में ‘महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति’ का शुभारंभ किया। इसका घोषित उद्देश्य चीनी समाज से पूंजीवादी और पारंपरिक तत्वों को खत्म करना और साम्यवाद को मजबूत करना था, लेकिन इसने देश में भारी उथल-पुथल, हिंसा और सामाजिक-सांस्कृतिक विनाश को जन्म दिया। लाखों लोग मारे गए या प्रताड़ित हुए।
- गलत विकल्प: चियांग काई-शेक चीन गणराज्य के नेता थे और माओ के विरोधी थे। देन श्याओपिंग ने सांस्कृतिक क्रांति के बाद चीन में आर्थिक सुधारों का नेतृत्व किया। सन यात-सेन को ‘आधुनिक चीन का जनक’ कहा जाता है, जिन्होंने 1911 की क्रांति का नेतृत्व किया था।
- 4 जुलाई, 1775
- 4 जुलाई, 1776
- 4 जुलाई, 1783
- 4 जुलाई, 1789
- सही उत्तर: अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा 4 जुलाई, 1776 को की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस घोषणा को फिलाडेल्फिया में महाद्वीपीय कांग्रेस (Continental Congress) द्वारा अपनाया गया था। थॉमस जेफरसन इस घोषणापत्र के मुख्य लेखक थे। यह घोषणा ब्रिटिश शासन से तेरह अमेरिकी उपनिवेशों की स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा थी। 4 जुलाई को अब संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
- गलत विकल्प: 1775 में अमेरिकी क्रांति शुरू हुई थी। 1783 में पेरिस की संधि द्वारा अमेरिकी स्वतंत्रता को मान्यता दी गई थी, और 1789 में अमेरिकी संविधान लागू हुआ था।
- लोकतांत्रिक शासन
- सेना का संगठन
- राजनीतिक दर्शन और सत्ता
- आर्थिक सिद्धांत
- सही उत्तर: मैकियावेली की प्रसिद्ध पुस्तक ‘द प्रिंस’ (The Prince) राजनीतिक दर्शन और सत्ता के अधिग्रहण, रखरखाव और उपयोग से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: निकोलो मैकियावेली (1469-1527) एक इतालवी राजनयिक, दार्शनिक और लेखक थे। ‘द प्रिंस’, जो 1513 में लिखी गई और 1532 में प्रकाशित हुई, एक राजनीतिक ग्रंथ है जो बताता है कि एक शासक को सत्ता कैसे प्राप्त करनी चाहिए और उसे कैसे बनाए रखना चाहिए, भले ही इसके लिए उसे क्रूर या अनैतिक तरीकों का सहारा लेना पड़े। यह पुस्तक यथार्थवादी राजनीति (Realpolitik) की नींव मानी जाती है।
- गलत विकल्प: यह पुस्तक लोकतांत्रिक शासन, सेना संगठन या आर्थिक सिद्धांतों पर केंद्रित नहीं है, बल्कि शासक के लिए सत्ता की व्यवहारिक राजनीति पर है।
- अशोक
- कालाशोक
- अजातशत्रु
- कनिष्क
- सही उत्तर: प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन मगध के राजा अजातशत्रु के शासनकाल में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह संगीति बुद्ध की मृत्यु के तुरंत बाद, लगभग 483 ईसा पूर्व में राजगृह (वर्तमान राजगीर) में आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (धर्म) और भिक्षुओं के नियमों (विनय) को संकलित करना था। महाकश्यप इसके अध्यक्ष थे।
- गलत विकल्प: कालाशोक के शासनकाल में द्वितीय बौद्ध संगीति (वैशाली में) हुई थी। अशोक के शासनकाल में तृतीय बौद्ध संगीति (पाटलिपुत्र में) और कनिष्क के शासनकाल में चतुर्थ बौद्ध संगीति (कुंडलवन, कश्मीर में) हुई थी।
- टॉलेमी
- फाह्यान
- ह्वेन त्सांग
- मेगस्थनीज
- सही उत्तर: ‘इंडिका’ का लेखक मेगस्थनीज है।
- संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज एक यूनानी राजदूत था जिसे सेल्यूकस प्रथम निकेटर ने मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा था। उसने भारत में अपने प्रवास के दौरान भारत का विस्तृत विवरण अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में लिखा। हालांकि मूल पुस्तक अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके उद्धरण अन्य यूनानी लेखकों (जैसे एरियन, प्लिनी, स्ट्राबो) की रचनाओं में मिलते हैं। ‘इंडिका’ से हमें मौर्यकालीन समाज, राजनीति और संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
- गलत विकल्प: टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता था। फाह्यान और ह्वेन त्सांग चीनी यात्री थे जिन्होंने भारत का दौरा किया और महत्वपूर्ण विवरण लिखे, लेकिन ‘इंडिका’ मेगस्थनीज की रचना है।
- राजाराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- विजयालय
- कुलतुंग प्रथम
- सही उत्तर: राजेंद्र चोल प्रथम (शासनकाल 1014-1044 ई.) को चोल साम्राज्य का सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र प्रथम, राजाराज प्रथम के पुत्र थे, जिन्होंने अपने पिता के साम्राज्य को और अधिक विस्तृत किया। उन्होंने उत्तर भारत में गंगा नदी तक सैन्य अभियान किया, जिसके उपलक्ष्य में उन्होंने ‘गंगईकोंड चोल’ की उपाधि धारण की। उन्होंने एक शक्तिशाली नौसेना का भी निर्माण किया और मलाया, सुमात्रा और जावा के कुछ हिस्सों पर विजय प्राप्त की। उनके शासनकाल में चोल साम्राज्य अपने चरम पर था।
- गलत विकल्प: राजाराज प्रथम ने तंजावुर में बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया और चोल शक्ति की नींव रखी, लेकिन राजेंद्र प्रथम ने साम्राज्य को अधिक विस्तृत किया। विजयालय चोल वंश का संस्थापक था, और कुलतुंग प्रथम भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन राजेंद्र प्रथम की ख्याति सर्वाधिक है।
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- सही उत्तर: कुतुबुद्दीन ऐबक को ‘सर-ए-जहान’ (सर-ए-जहान, यानि कि ‘विश्व का मुखिया’ या ‘ज्ञान का खजाना’ के अर्थ में) के रूप में जाना जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210 ई.) दिल्ली सल्तनत का संस्थापक और गुलाम वंश का पहला सुल्तान था। वह एक विद्वान व्यक्ति था और साहित्य तथा कला का संरक्षक था। इसी कारण उसे ‘लाख बख्श’ (लाखों का दान करने वाला) और ‘कुरान ख्वान’ (कुरान का पाठ करने वाला) जैसे उपाधियों से भी जाना जाता था। ‘सर-ए-जहान’ उसकी विद्वता और ज्ञान के प्रति झुकाव को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश, बलबन और अलाउद्दीन खिलजी सभी महत्वपूर्ण सुल्तान थे, लेकिन ‘सर-ए-जहान’ उपाधि मुख्य रूप से ऐबक से जुड़ी है।
- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है
- करो या मरो
- जय जवान जय किसान
- सारे जहाँ से अच्छा
- सही उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) का नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा महात्मा गांधी द्वारा दिया गया था। 8 अगस्त 1942 को मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया था। गांधीजी ने इस आंदोलन के दौरान देशवासियों से आह्वान किया था कि वे या तो भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करें या इस प्रयास में अपने प्राणों का बलिदान दें। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को भारत से तुरंत समाप्त करना था।
- गलत विकल्प: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ बाल गंगाधर तिलक का प्रसिद्ध नारा था। ‘जय जवान जय किसान’ लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था, और ‘सारे जहाँ से अच्छा’ इकबाल की एक प्रसिद्ध कविता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 19: अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा कब की गई थी?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 20: मैकियावेली की प्रसिद्ध पुस्तक ‘द प्रिंस’ किससे संबंधित है?
उत्तर: (c)
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प्रश्न 21: प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किसके शासनकाल में हुआ था?
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 22: ‘इंडिका’ का लेखक कौन है?
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 23: चोल साम्राज्य का सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक कौन था?
उत्तर: (b)
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प्रश्न 24: ‘सर-ए-जहान’ (सिर का ताज) के नाम से किस सुल्तान को जाना जाता था?
उत्तर: (a)
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प्रश्न 25: भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) का नारा क्या था?
उत्तर: (b)
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