कालचक्र में गोता: दैनिक इतिहास चुनौती
नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासु! क्या आप अपने ज्ञान को परखने और बीते युगों की गहराई में उतरने के लिए तैयार हैं? आज हम समय के उस विशाल सागर में गोता लगाएंगे जहाँ हर प्रश्न अतीत की एक नई कहानी बयां करेगा। अपनी तैयारी को धार देने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि यह सिर्फ एक प्रश्नोत्तरी नहीं, बल्कि ऐतिहासिक यात्रा का एक रोमांचक पड़ाव है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से प्राप्त एक मुहर पर एक पुरुष देवता को योग मुद्रा में दर्शाया गया है, जिसके चारों ओर हाथी, गैंडा, भैंसा और हिरण जैसे जानवर हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो। मोहनजोदड़ो से प्राप्त एक प्रसिद्ध मुहर को “पशुपति मुहर” के रूप में जाना जाता है। इस पर एक त्रिमूर्ति (तीन मुख वाले) देवता को योग मुद्रा में बैठे हुए दिखाया गया है, जिसके चारों ओर विभिन्न जानवर हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस मुहर की खोज ने सिंधु घाटी सभ्यता के धार्मिक जीवन पर प्रकाश डाला है। कुछ विद्वान इसे आदिशिव (भगवान शिव) का प्रारंभिक रूप मानते हैं। मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिंधु नदी के तट पर स्थित था और हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े शहरों में से एक था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘स्टीलिएट मैन’ की मूर्ति मिली है। लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ गोदी (dockyard) के साक्ष्य मिले हैं। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं।
प्रश्न 2: प्राचीन भारत में, ‘धर्मशास्त्र’ का प्रमुख कार्य क्या था?
- सैन्य रणनीति का वर्णन
- राज्य के शासन और कानूनों का निरूपण
- खगोल विज्ञान का अध्ययन
- संगीत और कला का संकलन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: राज्य के शासन और कानूनों का निरूपण। धर्मशास्त्र ग्रंथ हिंदू परंपरा में महत्वपूर्ण हैं जो सामाजिक आचार संहिता, कर्तव्य, कानून और शासन के नियमों को निर्धारित करते हैं। मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति आदि प्रमुख धर्मशास्त्र हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये ग्रंथ समाज को विभिन्न वर्णों और आश्रमों में विभाजित करते थे और उनके कर्तव्यों का विस्तृत वर्णन करते थे। ये प्राचीन भारतीय न्याय प्रणाली और शासन की नींव थे।
- गलत विकल्प: सैन्य रणनीति का वर्णन ‘अर्थशास्त्र’ (कौटिल्य) में मिलता है। खगोल विज्ञान का अध्ययन ‘ज्योतिष’ से संबंधित है। संगीत और कला का संकलन विभिन्न शास्त्रों में मिलता है, लेकिन यह धर्मशास्त्र का मुख्य फोकस नहीं था।
प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-कोही’ (कृषि विभाग) की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- मुहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मुहम्मद बिन तुगलक। मुहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल 1325-1351 ई.) ने कृषि के विकास के लिए ‘दीवान-ए-कोही’ नामक एक कृषि विभाग की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य उद्देश्य बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाना, किसानों को बीज और अन्य सहायता प्रदान करना और कृषि उत्पादन को बढ़ाना था। इसका उद्देश्य किसानों की स्थिति सुधारना भी था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश को सल्तनत का वास्तविक संस्थापक माना जाता है और उसने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चिहलगानी) की स्थापना की। बलबन ने ‘चालीसा’ को समाप्त किया और राजत्व के दैवीय सिद्धांत को अपनाया। फिरोजशाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (गुलामों का विभाग) और ‘दीवान-ए-इश्तिहाक’ (पेंशन विभाग) जैसे विभाग स्थापित किए।
प्रश्न 4: भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के दौरान, ‘सती प्रथा’ के उन्मूलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले समाज सुधारक कौन थे?
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
- राजा राम मोहन राय
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: राजा राम मोहन राय। राजा राम मोहन राय (1772-1833) आधुनिक भारत के अग्रदूत माने जाते हैं और उन्होंने सती प्रथा के खिलाफ एक अथक अभियान चलाया।
- संदर्भ और विस्तार: उनके प्रयासों और लॉर्ड विलियम बेंटिंक के दृढ़ संकल्प से 1829 ई. में विनियमन XVII द्वारा सती प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया गया। उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना भी की, जिसने सामाजिक और धार्मिक सुधारों पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: ईश्वर चंद्र विद्यासागर विधवा पुनर्विवाह के लिए प्रसिद्ध थे और उन्होंने 1856 में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘शुद्धि आंदोलन’ चलाया और ‘बैक टू वेदास’ का नारा दिया। स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और पश्चिमी देशों में हिंदू धर्म और भारतीय दर्शन का प्रचार किया।
प्रश्न 5: विश्व इतिहास में, ‘लॉ ऑफ द इक्वल्स’ (Law of the Equals) किस क्रांति से संबंधित था?
- फ्रांसीसी क्रांति
- अमेरिकी क्रांति
- रूसी क्रांति
- चीनी क्रांति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति। फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, विशेष रूप से जैकोबिन्स के शासनकाल में, ‘समानता’ के सिद्धांत पर बहुत जोर दिया गया था। ‘लॉ ऑफ द इक्वल्स’ (Loi des Suspects के समकक्ष, या उस भावना को दर्शाता हुआ) समानतावादी विचारों का एक हिस्सा था, हालाँकि यह एक निश्चित कानून का नाम नहीं था। हालांकि, फ्रांसीसी क्रांति का एक प्रमुख नारा “स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व” था।
- संदर्भ और विस्तार: समानता के विचार ने क्रांति के दौरान बड़े पैमाने पर सामाजिक और आर्थिक सुधारों को प्रेरित किया, जैसे कि कुलीन विशेषाधिकारों का उन्मूलन।
- गलत विकल्प: अमेरिकी क्रांति ने ‘स्वतंत्रता’ पर अधिक जोर दिया। रूसी क्रांति (1917) का उद्देश्य समानता लाना था, लेकिन इसका संबंध ‘सर्वहारा वर्ग की तानाशाही’ से अधिक था। चीनी क्रांति का भी उद्देश्य समानता था, लेकिन इसका संबंध माओवाद से है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित गुप्त शासकों में से किसे ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: समुद्रगुप्त। समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) को उनकी असाधारण सैन्य विजयों और विशाल साम्राज्य के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि प्रसिद्ध इतिहासकार ए.एल. श्रीवास्तव ने दी थी। समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के कई राज्यों को विजित किया और दक्षिणापथ के कई राजाओं को अपने अधीन किया। प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख) में उसकी विजयों का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी और ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने अपनी विजयों से साम्राज्य का विस्तार किया और ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया।
प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह के समय ब्रिटिश भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड रिपन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड कैनिंग। लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) भारत के पहले वायसराय भी बने, जब 1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश ताज ने भारत का सीधा शासन अपने हाथ में ले लिया।
- संदर्भ और विस्तार: 1857 के विद्रोह के दौरान उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी, जब उन्होंने विद्रोह को कुचलने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी की ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) को विद्रोह के कारणों में से एक माना जाता है। लॉर्ड लिटन के समय वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट आया। लॉर्ड रिपन ने स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 8: ‘सांख्य दर्शन’ के प्रणेता कौन माने जाते हैं?
- पतंजलि
- कपिल
- गौतम
- जैमिनी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कपिल। सांख्य भारतीय दर्शन की छह आस्तिक (अर्थात वेदों को मानने वाली) प्रणालियों में से एक है, और इसके मूल प्रणेता महर्षि कपिल माने जाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सांख्य दर्शन ईश्वर को सृष्टि का कर्ता नहीं मानता, बल्कि यह प्रकृति और पुरुष के द्वैतवाद पर आधारित है। यह आत्मा के पुनर्जन्म और मोक्ष की अवधारणाओं को भी स्वीकार करता है।
- गलत विकल्प: पतंजलि योग दर्शन के प्रणेता हैं। गौतम न्याय दर्शन के प्रणेता हैं। जैमिनी मीमांसा दर्शन के प्रणेता हैं।
प्रश्न 9: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्ण देवराय
- हरिहर और बुक्का
- देवराय प्रथम
- बुक्का प्रथम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: हरिहर और बुक्का। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर नामक शहर बसाया, जो बाद में साम्राज्य की राजधानी बना। यह साम्राज्य अपनी कला, साहित्य, संस्कृति और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध था, और इसने दक्कन में लंबे समय तक इस्लामी राज्यों का मुकाबला किया।
- गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने 1509-1530 ई. तक शासन किया। देवराय प्रथम और बुक्का प्रथम भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन साम्राज्य के संस्थापक हरिहर और बुक्का थे।
प्रश्न 10: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1925
- 1930
- 1931
- 1935
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1931। गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता महात्मा गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। इस समझौते के तहत, सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया गया और इरविन ने गांधी की कुछ मांगों को स्वीकार किया, जैसे कि नमक कानून को शिथिल करना और गिरफ्तार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रिहा करना। इस समझौते के बाद ही गांधी द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने लंदन गए।
- गलत विकल्प: 1925 में कानपुर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था। 1935 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ था।
प्रश्न 11: ऋग्वेद में ‘अघन्या’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त हुआ है?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- हाथी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गाय। ऋग्वेद में गाय को ‘अघन्या’ कहा गया है, जिसका अर्थ है ‘जिसे मारा न जाए’।
- संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल में गाय को अत्यंत पवित्र और मूल्यवान माना जाता था। यह संपत्ति का प्रतीक थी और विनिमय का माध्यम भी थी। गायों का महत्व इतना अधिक था कि उन्हें न मारने की आज्ञा थी।
- गलत विकल्प: घोड़े का प्रयोग रथों में और युद्धों में होता था। बैल कृषि कार्यों के लिए महत्वपूर्ण थे। हाथी का उल्लेख बाद के कालों में अधिक मिलता है।
प्रश्न 12: ‘सल्तनत काल’ में ‘बाजार नियंत्रण’ की विस्तृत प्रणाली किसने लागू की थी?
- इल्तुतमिश
- गयासुद्दीन तुगलक
- मुहम्मद बिन तुगलक
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी। अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316 ई.) ने अपनी महत्वाकांक्षी सैन्य और आर्थिक सुधारों के तहत कठोर बाजार नियंत्रण की व्यवस्था लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: उसने खाद्यान्नों, कपड़ों, घोड़ों और अन्य वस्तुओं की कीमतों को निश्चित किया था। इसके लिए उसने ‘दीवान-ए-रियासत’ नामक एक विभाग और ‘सहना-ए- मंडी’ नामक बाजार अधीक्षक नियुक्त किए थे। इसका उद्देश्य सेना को कम वेतन पर बनाए रखना और जनता के लिए वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने सल्तनत की नींव रखी। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की शुरुआत की। मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी विभिन्न प्रयोगधर्मी नीतियों के लिए जाना जाता है, लेकिन बाजार नियंत्रण अलाउद्दीन खिलजी की विशिष्ट नीति थी।
प्रश्न 13: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वह अधिवेशन जो ‘पूर्ण स्वराज्य’ के प्रस्ताव के लिए जाना जाता है, कहाँ हुआ था?
- लाहौर
- दिल्ली
- लखनऊ
- कलकत्ता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लाहौर। 1929 ई. में लाहौर में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसी अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज्य’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था और 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी।
- गलत विकल्प: दिल्ली में 1918 (विशेष अधिवेशन), 1923 (विशेष अधिवेशन) और 1931 (जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में) अधिवेशन हुए। लखनऊ में 1916 का अधिवेशन प्रसिद्ध है जहाँ कांग्रेस और मुस्लिम लीग में समझौता हुआ था। कलकत्ता में कांग्रेस के कई अधिवेशन हुए, जिनमें 1920 (असहयोग प्रस्ताव) और 1928 (साइमन कमीशन विरोधी प्रस्ताव) प्रमुख हैं।
प्रश्न 14: ‘अमर नायक’ व्यवस्था का संबंध किस दक्षिण भारतीय साम्राज्य से था?
- चोल
- पल्लव
- होयसल
- विजयनगर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: विजयनगर। ‘अमर नायक’ व्यवस्था विजयनगर साम्राज्य की एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और सैन्य व्यवस्था थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें प्रदेशों को ‘नायक’ नामक सैन्य कमांडरों को आवंटित किया जाता था, जिन्हें अपनी सेना बनाए रखनी होती थी और अपने क्षेत्र से राजस्व एकत्र करना होता था। वे साम्राज्य को सैनिक और आर्थिक सहायता प्रदान करते थे। यह व्यवस्था साम्राज्य के विस्तार और प्रशासन में महत्वपूर्ण थी।
- गलत विकल्प: चोल, पल्लव और होयसल दक्षिण भारत के अन्य महत्वपूर्ण साम्राज्य थे, जिनकी अपनी प्रशासनिक व्यवस्थाएं थीं, लेकिन ‘अमर नायक’ व्यवस्था विशेष रूप से विजयनगर से जुड़ी है।
प्रश्न 15: प्रसिद्ध ‘The Spirit of Laws’ पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- जीन-जैक्स रूसो
- मॉन्टेस्क्यू
- वॉल्टेयर
- जॉन लॉक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: मॉन्टेस्क्यू। बैरन डी मॉन्टेस्क्यू (1689-1755) एक फ्रांसीसी दार्शनिक थे जिन्होंने अपनी 1748 की पुस्तक ‘द स्पिरिट ऑफ लॉज’ (De l’esprit des lois) में सत्ता के पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक का अमेरिकी संविधान और कई अन्य देशों के संवैधानिक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ा। इसने सरकार के तीन मुख्य अंगों – विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका – के बीच शक्तियों के विभाजन की वकालत की।
- गलत विकल्प: जीन-जैक्स रूसो ने ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ लिखी। वॉल्टेयर ज्ञानोदय काल के एक प्रमुख लेखक थे। जॉन लॉक ने ‘टू ट्रीटीज ऑफ गवर्नमेंट’ लिखी, जिसमें प्राकृतिक अधिकारों और सीमित सरकार की बात की गई।
प्रश्न 16: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से ‘घोड़े के अवशेष’ प्राप्त हुए हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- सुरकोटदा
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 17: ‘कनवंश’ के संस्थापक कौन थे?
- सिमुक
- पुष्यमित्र शुंग
- वासुदेव
- ईशान वर्मन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: वासुदेव। वासुदेव कंव (या कण्व) ने 73 ईसा पूर्व में शुंग वंश के अंतिम शासक देवभूति की हत्या करके कनवंश की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: कनवंश एक अल्पकालिक राजवंश था जिसने लगभग 45 वर्षों तक (73 ईसा पूर्व – 28 ईसा पूर्व) मगध पर शासन किया। उन्होंने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया।
- गलत विकल्प: सिमुक सातवाहन वंश के संस्थापक थे। पुष्यमित्र शुंग शुंग वंश के संस्थापक थे। ईशान वर्मन गुप्त साम्राज्य के बाद मौखरी वंश के एक महत्वपूर्ण शासक थे।
प्रश्न 18: 1905 में बंगाल के विभाजन का विरोध करने के लिए कौन सा आंदोलन शुरू किया गया था?
- भारत छोड़ो आंदोलन
- असहयोग आंदोलन
- स्वदेशी आंदोलन
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: स्वदेशी आंदोलन। 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा किए गए बंगाल विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन शुरू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश माल का बहिष्कार करना और भारतीय उत्पादों, विशेषकर स्वदेशी वस्त्रों के उपयोग को बढ़ावा देना था। यह राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने और ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध का एक शक्तिशाली माध्यम बना।
- गलत विकल्प: भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुआ। असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ। सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में शुरू हुआ।
प्रश्न 19: ‘महमूद गजनवी’ के दरबारी इतिहासकार कौन थे, जिन्होंने ‘शाहनामा’ की रचना की?
- अल-बिरूनी
- फिरदौसी
- उत्बी
- हसन निजामी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: फिरदौसी। अबुल कासिम फिरदौसी (लगभग 940-1020 ई.) फारसी कवि थे और वे महमूद गजनवी के दरबारी थे। उन्होंने फारसी साहित्य के महानतम कार्यों में से एक ‘शाहनामा’ की रचना की।
- संदर्भ और विस्तार: ‘शाहनामा’ फारसी में लिखी गई महाकाव्य की तरह एक ऐतिहासिक पुस्तक है, जिसमें प्राचीन फारसी साम्राज्यों और राजाओं की कथाएं हैं।
- गलत विकल्प: अल-बिरूनी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था और उसने ‘किताब-उल-हिंद’ लिखी। उत्बी भी महमूद गजनवी का दरबारी इतिहासकार था जिसने ‘तारीख-ए-यामिनी’ लिखी। हसन निजामी इल्तुतमिश के काल का इतिहासकार था जिसने ‘ताज-उल-मासिर’ लिखी।
प्रश्न 20: **’वन टेररिस्ट एंड इन इंडिया’ (One Terrorist and in India) नामक पुस्तक किसने लिखी है, जो ब्रिटिश काल के दौरान भारत में आतंकवाद से संबंधित है?**
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुरेन्द्र नाथ बनर्जी
- लाला लाजपत राय
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लाला लाजपत राय। लाला लाजपत राय, जो एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे, ने ब्रिटिश भारत में क्रांतिकारी आंदोलनों और आतंकवाद पर अपनी पुस्तक ‘वन टेररिस्ट एंड इन इंडिया’ में विचार व्यक्त किए।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक ब्रिटिश सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ‘आतंकवाद’ शब्द की व्याख्या पर सवाल उठाती है, खासकर जब वे राष्ट्रवादी आंदोलनों को दबाने के लिए इसका उपयोग करते थे। लाला लाजपत राय ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से ब्रिटिश शासन की आलोचना की।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सुरेंद्र नाथ बनर्जी ने भी महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं, लेकिन यह विशेष पुस्तक लाला लाजपत राय से संबंधित है।
प्रश्न 21: ‘बुद्धचरित’ के लेखक कौन हैं, जिसे बौद्ध धर्म का ‘एपिक’ (महाकाव्य) कहा जाता है?
- नागार्जुन
- वशिष्ठ
- अश्वघोष
- वसुमित्र
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: अश्वघोष। अश्वघोष, जो कनिष्क के समकालीन थे, एक महान बौद्ध दार्शनिक, कवि और नाटककार थे। उन्होंने ‘बुद्धचरित’ की रचना की।
- संदर्भ और विस्तार: ‘बुद्धचरित’ बुद्ध के जीवन पर आधारित एक संस्कृत काव्य है, जो उनकी जीवनी और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को काव्यात्मक शैली में प्रस्तुत करता है। इसे अक्सर बौद्ध धर्म का ‘एपिक’ कहा जाता है।
- गलत विकल्प: नागार्जुन एक प्रमुख बौद्ध दार्शनिक थे जिन्हें ‘शून्यवाद’ के लिए जाना जाता है। वशिष्ठ वैदिक ऋषि थे। वसुमित्र ने चतुर्थ बौद्ध संगीति की अध्यक्षता की थी।
प्रश्न 22: **13वीं शताब्दी में, इल्तुतमिश ने किस नए राजवंश की स्थापना की, जिसने दिल्ली सल्तनत पर शासन किया?**
- खिलजी वंश
- सैय्यद वंश
- लोदी वंश
- गुलाम वंश (ममलुक वंश)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: गुलाम वंश (ममलुक वंश)। इल्तुतमिश (शासनकाल 1211-1236 ई.) दिल्ली सल्तनत का तीसरा शासक था और उसने ‘गुलाम वंश’ या ‘ममलुक वंश’ को स्थापित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इल्तुतमिश ने कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद गद्दी संभाली और दिल्ली को सल्तनत की स्थायी राजधानी बनाया। उसने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चिहलगानी) का गठन किया और अपनी प्रशासनिक तथा सैन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया।
- गलत विकल्प: खिलजी वंश जलालुद्दीन खिलजी ने स्थापित किया। सैय्यद वंश खिजर खान ने स्थापित किया। लोदी वंश बहलोल लोदी ने स्थापित किया।
प्रश्न 23: **1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड के समय भारत का वायसराय कौन था?**
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड हार्डिंग्ज
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
- लॉर्ड विलिंगडन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: लॉर्ड चेम्सफोर्ड। 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग में हुए नरसंहार के समय लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत के वायसराय थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना में जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। इस घटना ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को और अधिक उग्र बना दिया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905 तक) ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड हार्डिंग्ज (1910-1916) के समय दिल्ली भारत की राजधानी बनी। लॉर्ड विलिंगडन (1931-1936) के समय सविनय अवज्ञा आंदोलन अपने चरम पर था।
प्रश्न 24: **’अमुक्तमाल्यदा’ नामक प्रसिद्ध तेलुगु काव्य की रचना किसने की थी, जिसे ‘देवताओं का हार’ भी कहा जाता है?**
- एल्लना
- तिनाली राम कृष्ण
- कृष्ण देवराय
- पेड्दाना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: कृष्ण देवराय। विजयनगर साम्राज्य के महान शासक कृष्ण देवराय (शासनकाल 1509-1530 ई.) एक कुशल कवि और लेखक भी थे। उन्होंने तेलुगु में ‘अमुक्तमाल्यदा’ की रचना की।
- संदर्भ और विस्तार: यह रचना भगवान विष्णु के एक भक्त, आंडाल (जिन्हें गोदा देवी भी कहा जाता है) के जीवन और विष्णु से उनके विवाह पर आधारित है। यह विजयनगर काल की साहित्यिक उपलब्धियों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- गलत विकल्प: पेड्डाना कृष्ण देवराय के दरबार के प्रमुख कवि थे और उन्होंने ‘मनुचरित्रम’ लिखी। तिनाली राम कृष्ण एक प्रसिद्ध तेलुगु कवि थे, लेकिन ‘अमुक्तमाल्यदा’ कृष्ण देवराय की रचना है। एल्लना भी एक तेलुगु कवि थे।
प्रश्न 25: **फ्रांस में **’आतंक का शासन’** (Reign of Terror) किस अवधि के दौरान हुआ था?**
- 1789-1791
- 1791-1792
- 1793-1794
- 1795-1799
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर: 1793-1794। फ्रांस की क्रांति के दौरान, विशेष रूप से 1793 के मध्य से 1794 के अंत तक, ‘आतंक का शासन’ (La Terreur) का दौर चला।
- संदर्भ और विस्तार: इस अवधि में, मैक्सीमिलियन रोबेस्पिएरे के नेतृत्व वाली जैकोबिन सरकार ने क्रांति के दुश्मनों के रूप में माने जाने वाले हजारों लोगों को गिलोटिन (सिर कलम) द्वारा मौत की सजा दी। यह क्रांति के सबसे हिंसक और विवादास्पद चरणों में से एक था।
- गलत विकल्प: 1789-1791 क्रांति का प्रारंभिक चरण था जिसमें राजशाही को सीमित किया गया। 1791-1792 संवैधानिक राजशाही का काल था। 1795-1799 डायरेक्टरी का शासनकाल था।