इतिहास की परख: ज्ञान की यात्रा आज ही शुरू करें!
नमस्कार, भावी जन! समय के गलियारों में गोता लगाने और अपने ऐतिहासिक ज्ञान को धार देने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा। आज हम आपके लिए लाए हैं 25 सवालों का एक ऐसा जखीरा, जो आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक विश्व तक की एक रोमांचक सैर पर ले जाएगा। तो कमर कस लीजिए और इतिहास के इस महासंग्राम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कीजिए!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित में से किस स्थल पर एक विशाल अन्नागार (granary) पाया गया था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो, जो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है, को विशाल अन्नागारों के लिए जाना जाता है। यहाँ मिले दो बड़े अन्नागार मोहनजोदड़ो की शहरी योजना और कृषि अधिशेष के प्रबंधन की ओर इशारा करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा शहर था। यहाँ ग्रेट बाथ (महास्नानगार) के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण संरचनाएं भी मिली हैं, जो इसकी उन्नत जल निकासी प्रणाली और शहरी नियोजन को दर्शाती हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा भी एक प्रमुख स्थल था जहाँ अन्नागार मिले थे, लेकिन मोहनजोदड़ो में मिले अन्नागार अधिक विशाल थे। लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ डॉकयार्ड के प्रमाण मिले हैं, और कालीबंगा में जुते हुए खेत के प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द का प्रयोग किस पशु के लिए किया गया है?
- घोड़ा
- गाय
- बैल
- भेड़
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’। यह शब्द गाय के लिए प्रयोग किया गया है, जो उस काल में आर्थिक और सामाजिक जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग थी। गायों का महत्व इतना अधिक था कि वे संपत्ति का प्रतीक मानी जाती थीं।
- संदर्भ और विस्तार: वैदिक काल में गायों को पवित्र माना जाता था और उनका वध वर्जित था। युद्धों के कारण भी अक्सर गायों का अपहरण होता था, जैसा कि ‘गविष्टि’ (गायों की खोज) जैसे शब्दों से पता चलता है।
- गलत विकल्प: घोड़ा रथों और युद्धों के लिए महत्वपूर्ण था, लेकिन उसे ‘अघ्न्य’ नहीं कहा गया। बैल कृषि कार्य में सहायक थे, और भेड़ ऊन तथा मांस के लिए पाली जाती थीं, पर उन्हें भी यह विशेषण नहीं मिला।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस राजवंश ने ‘शिलालेखों का काल’ (Age of Epigraphy) माना जाता है?
- मौर्य
- गुप्त
- कुषाण
- सातवाहन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मौर्य काल को ‘शिलालेखों का काल’ कहा जाता है क्योंकि सम्राट अशोक ने अपने धर्मोपदेशों और शासन-संबंधी आदेशों को शिलाओं, स्तंभों और गुफाओं पर खुदवाया था। ये शिलालेख उस समय की प्रशासनिक व्यवस्था, सामाजिक जीवन और अशोक के धम्म के प्रसार की जानकारी देते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक के शिलालेख ब्राह्मी, खरोष्ठी और ग्रीक जैसी लिपियों में पाए गए हैं। ये भारतीय इतिहास में पहली बार बड़े पैमाने पर जनता तक संदेश पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम थे।
- गलत विकल्प: गुप्त काल में भी सिक्के और ताम्रपत्र मिले हैं, लेकिन अशोक के शिलालेखों की व्यापकता और महत्व को देखते हुए मौर्य काल को यह उपाधि अधिक उपयुक्त है। कुषाणों ने भी शिलालेख जारी किए, पर मौर्यकालीन शिलालेखों जितने व्यापक नहीं। सातवाहन काल में भी अभिलेख मिलते हैं, विशेषकर राजाओं के दान से संबंधित।
प्रश्न 4: ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ के लेखक कौन हैं?
- विशाखदत्त
- बाणभट्ट
- कालिदास
- भरतमुनि
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ भारत के महान कवि और नाटककार कालिदास की एक उत्कृष्ट कृति है। यह संस्कृत साहित्य का एक अनमोल रत्न है और राजा दुष्यंत तथा शकुंतला की प्रेम कहानी पर आधारित है।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास गुप्त काल के प्रमुख साहित्यकार माने जाते हैं। उनकी रचनाओं में ‘मेघदूतम्’, ‘कुमारसंभवम्’ और ‘रघुवंशम्’ भी शामिल हैं। ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ को कालिदास की सर्वोत्कृष्ट रचना माना जाता है।
- गलत विकल्प: विशाखदत्त ने ‘मुद्राराक्षस’ लिखा, बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ लिखी, जबकि भरतमुनि नाट्यशास्त्र के रचयिता माने जाते हैं।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मुहम्मद बिन तुगलक (शासनकाल 1325-1351 ई.) ने कृषि के विकास और विस्तार के उद्देश्य से ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए विभाग की स्थापना की थी। इसका मुख्य कार्य भूमि का सर्वेक्षण करना, किसानों को ऋण (सौंन) प्रदान करना और नई कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना था।
- संदर्भ और विस्तार: मुहम्मद बिन तुगलक अपनी महत्वाकांक्षी और प्रायः असफल परियोजनाओं के लिए जाना जाता है। कृषि में सुधार का उसका यह प्रयास भी उसकी कई योजनाओं में से एक था, जिसका उद्देश्य राजस्व बढ़ाना और किसानों की स्थिति सुधारना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्काने-चहलगानी) नामक सरदारों का दल बनाया। बलबन ने राजत्व सिद्धांत और ‘लोह एवं रक्त’ नीति अपनाई। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना की व्यवस्था की।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
- 1336 ई.
- 1347 ई.
- 1400 ई.
- 1492 ई.
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम, जो संगम वंश के थे, द्वारा की गई थी। यह साम्राज्य दक्षिण भारत के इतिहास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय है।
- संदर्भ और विस्तार: विजयनगर का अर्थ है ‘विजय का शहर’। इस साम्राज्य ने लगभग 200 वर्षों तक शासन किया और अपनी कला, साहित्य, वास्तुकला और व्यापार के लिए प्रसिद्ध रहा। कृष्णदेवराय इसके सबसे प्रतापी शासकों में से एक थे।
- गलत विकल्प: 1347 ई. में बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई थी। 1400 ई. और 1492 ई. विजयनगर के साम्राज्य काल के महत्वपूर्ण वर्ष रहे, लेकिन यह स्थापना के वर्ष नहीं हैं।
प्रश्न 7: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?
- जियाउद्दीन बरनी
- अमीर खुसरो
- इब्न बतूता
- मिन्हाजुद्दीन सिराज
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ के लेखक जियाउद्दीन बरनी हैं। यह पुस्तक दिल्ली सल्तनत के ग्यासुद्दीन तुगलक (1320-1325) से लेकर फिरोजशाह तुगलक (1351-1388) के शासनकाल के शुरुआती वर्षों तक का विस्तृत विवरण प्रदान करती है।
- संदर्भ और विस्तार: बरनी ने अपनी रचनाओं में तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था पर भी प्रकाश डाला है। यह पुस्तक इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्रोत मानी जाती है, हालांकि इसमें बरनी के अपने विचार और पक्षपात भी परिलक्षित होते हैं।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो को ‘भारत का तोता’ कहा जाता है और उन्होंने ‘तुगलकनामा’, ‘खजाइन-उल-फुतूह’ जैसी रचनाएँ कीं। इब्न बतूता एक मोरक्को यात्री था जिसने ‘रेहला’ लिखी। मिन्हाजुद्दीन सिराज ने ‘तबकाते-नासिरी’ की रचना की।
प्रश्न 8: ‘पानीपत का दूसरा युद्ध’ कब लड़ा गया था?
- 1526 ई.
- 1556 ई.
- 1761 ई.
- 1576 ई.
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर 1556 ईस्वी को मुगल सम्राट अकबर और हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य) के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में अकबर की जीत हुई और इसने भारत में मुगल शासन की नींव को और मजबूत किया।
- संदर्भ और विस्तार: हेमू ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया था और खुद को सम्राट घोषित करने की तैयारी में था। बैरम खान के नेतृत्व में मुगल सेना ने हेमू को निर्णायक रूप से हराया। इस युद्ध में हेमू की हार के बाद उसे पकड़कर मार दिया गया।
- गलत विकल्प: 1526 ई. में पानीपत का पहला युद्ध हुआ था, जिसमें बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराया था। 1761 ई. में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था, जिसमें अहमद शाह अब्दाली ने मराठों को हराया था। 1576 ई. में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था।
प्रश्न 9: किस मुगल बादशाह ने ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: औरंगजेब ने 1679 ईस्वी में हिंदुओं पर ‘जजिया’ कर को पुनः लागू किया था। यह कर धार्मिक आधार पर गैर-मुस्लिमों से लिया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर ने 1564 ईस्वी में जजिया कर को समाप्त कर दिया था। औरंगजेब की धार्मिक नीति अधिक कट्टरपंथी थी, और उसने इस कर को लागू करके गैर-मुस्लिमों पर एक अतिरिक्त बोझ डाला।
- गलत विकल्प: अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई थी और जजिया समाप्त किया था। जहाँगीर और शाहजहाँ के शासनकाल में भी जजिया लागू नहीं था।
प्रश्न 10: ‘अष्टप्रधान’ का गठन किस मराठा शासक ने किया था?
- शिवाजी
- संभाजी
- बाजीराव प्रथम
- बालाजी बाजीराव
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मराठा शासक शिवाजी महाराज ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था। ये मंत्री राजा को सलाह देते थे और अपने-अपने विभागों का प्रमुख होते थे।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्म प्रमुख),मंत्री (लखाधिकारी),सेनापति (सैन्य प्रमुख) और न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) शामिल थे। यह व्यवस्था प्रशासन में विशेषज्ञता लाती थी।
- गलत विकल्प: संभाजी, बाजीराव प्रथम और बालाजी बाजीराव ने भी मराठा साम्राज्य का विस्तार किया, लेकिन अष्टप्रधान व्यवस्था की शुरुआत शिवाजी ने ही की थी।
प्रश्न 11: 1857 के विद्रोह के संबंध में, निम्नलिखित में से किस स्थान पर रानी लक्ष्मीबाई ने नेतृत्व किया था?
- लखनऊ
- कानपुर
- झांसी
- इलाहाबाद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 के विद्रोह का नेतृत्व झांसी से किया था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अपने दत्तक पुत्र को उत्तराधिकार न मानने के कारण उन्होंने विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: रानी लक्ष्मीबाई को ‘भारतीय विद्रोह की एक मात्र पुरुष’ के रूप में सराहा गया था। उन्होंने ग्वालियर के पास युद्ध करते हुए वीरगति प्राप्त की।
- गलत विकल्प: लखनऊ का नेतृत्व बेगम हजरत महल ने किया, कानपुर का नाना साहब और तात्या टोपे ने, जबकि इलाहाबाद का नेतृत्व मौलवी लियाकत अली ने किया था।
प्रश्न 12: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ – यह प्रसिद्ध नारा किसने दिया था?
- महात्मा गांधी
- बाल गंगाधर तिलक
- लाला लाजपत राय
- बिपिन चंद्र पाल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: यह गर्जनापूर्ण नारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दिया था। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जन-जागरण का कार्य किया और स्वराज की मांग को प्रमुखता से उठाया।
- संदर्भ और विस्तार: बाल गंगाधर तिलक ने ‘केसरी’ (मराठी) और ‘The Mahratta’ (अंग्रेजी) समाचार पत्रों के माध्यम से अपने विचारों का प्रचार किया। उन्होंने गणपति और शिवाजी उत्सवों की शुरुआत कर लोगों को एकजुट किया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ और ‘भारत छोड़ो’ जैसे नारे दिए। लाला लाजपत राय ‘साइमन गो बैक’ आंदोलन के प्रमुख नेता थे। बिपिन चंद्र पाल भी गरम दल के प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 13: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?
- लाहौर, 1929
- कलकत्ता, 1906
- फैजपुर, 1936
- त्रिपुरी, 1939
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज’ का लक्ष्य घोषित किया गया था। इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी 1930 को मनाया जाएगा।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रस्ताव ने कांग्रेस के राजनीतिक उद्देश्यों को एक नई दिशा दी और सविनय अवज्ञा आंदोलन को गति प्रदान की। इससे पूर्व कांग्रेस का लक्ष्य ‘डोमिनियन स्टेटस’ (औपनिवेशिक स्वराज्य) प्राप्त करना था।
- गलत विकल्प: कलकत्ता 1906 में ‘स्वराज’ का प्रस्ताव स्वीकार किया गया था, लेकिन यह पूर्ण स्वराज नहीं था। फैजपुर (1936) और त्रिपुरी (1939) के अधिवेशन भी महत्वपूर्ण थे, पर पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लाहौर में ही पारित हुआ।
प्रश्न 14: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929 ई.
- 1930 ई.
- 1931 ई.
- 1932 ई.
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 ईस्वी को महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। इस समझौते के फलस्वरूप सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते में गांधीजी ने गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने की सहमति दी, बदले में सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और नमक सत्याग्रह को शांतिपूर्ण ढंग से जारी रखने की अनुमति दी।
- गलत विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत और गोलमेज सम्मेलन की घोषणा हुई थी, जबकि 1932 में सांप्रदायिक पंचाट और पूना समझौता हुआ था।
प्रश्न 15: ‘फारवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना किसने की थी?
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- सुभाष चंद्र बोस
- एम. एन. राय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 ईस्वी में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय आंदोलन को और अधिक क्रांतिकारी दिशा देना था।
- संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तरह एक अनुशासित संगठन के रूप में काम करने का प्रयास किया, हालांकि यह कांग्रेस की तुलना में बहुत छोटा था। बोस का मानना था कि भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए सशस्त्र संघर्ष आवश्यक है।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, जबकि एम. एन. राय एक क्रांतिकारी विचारक थे।
प्रश्न 16: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) कब लागू किया गया था?
- 1765 ई.
- 1790 ई.
- 1793 ई.
- 1800 ई.
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 ईस्वी में बंगाल, बिहार, उड़ीसा और मद्रास के कुछ हिस्सों में ‘स्थायी बंदोबस्त’ लागू किया था। इस व्यवस्था के तहत जमींदारों को भूमि का स्वामी माना गया और उनसे निश्चित भू-राजस्व वसूल किया जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: इस बंदोबस्त का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के लिए एक स्थिर राजस्व स्रोत सुनिश्चित करना था। इसने जमींदारी प्रथा को बढ़ावा दिया और किसानों की स्थिति अक्सर दयनीय हो गई।
- गलत विकल्प: 1765 ई. में रॉबर्ट क्लाइव के समय में ‘द्वैत शासन’ की शुरुआत हुई थी। 1790 ई. और 1800 ई. में अन्य भू-राजस्व सुधार हुए, लेकिन स्थायी बंदोबस्त 1793 में लागू हुआ।
प्रश्न 17: ‘गीत गोविंद’ का लेखक कौन है?
- चंडीदास
- जयदेव
- विद्यापति
- कबीर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘गीत गोविंद’ के लेखक जयदेव हैं। यह संस्कृत साहित्य की एक महत्वपूर्ण कृति है, जो भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम प्रसंग का वर्णन करती है।
- संदर्भ और विस्तार: जयदेव पाल वंश के शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। ‘गीत गोविंद’ भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य के लिए भी प्रेरणा का स्रोत रही है।
- गलत विकल्प: चंडीदास और विद्यापति मध्यकालीन बंगाल और मिथिला के प्रमुख कवि थे, जिन्होंने भक्ति और प्रेम पर आधारित रचनाएं कीं। कबीर एक महान संत कवि थे।
प्रश्न 18: हर्यक वंश का वह कौन सा शासक था, जिसे ‘पितृहंता’ कहा जाता है?
- बिम्बिसार
- अजातशत्रु
- उदायिन
- नागदशक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: हर्यक वंश का शासक अजातशत्रु अपने पिता बिम्बिसार की हत्या करके गद्दी पर बैठा था, इसलिए उसे ‘पितृहंता’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार को बंदी बना लिया और उसकी हत्या करके मगध का राजा बना। इसके बाद उसके पुत्र उदायिन ने भी अपने पिता अजातशत्रु की हत्या की थी, जिससे हर्यक वंश को ‘पितृहंता वंश’ के नाम से भी जाना जाता है।
- गलत विकल्प: बिम्बिसार हर्यक वंश का संस्थापक था। उदायिन ने अपने पिता अजातशत्रु की हत्या की और नागदशक हर्यक वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 19: सिंधु घाटी सभ्यता में, ‘हल से जुते हुए खेत’ के प्राचीनतम प्रमाण कहाँ से मिले हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कालीबंगा (राजस्थान) से ‘हल से जुते हुए खेत’ के प्राचीनतम प्रमाण मिले हैं। यह दर्शाता है कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कृषि में उन्नत थे और जुताई का प्रयोग करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: कालीबंगा में मिट्टी की ईंटों के बने हुए घर, आग की वेदी और अलंकृत ईंटें भी मिली हैं। यह स्थल भूकंप के भी प्रमाण देता है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहरी केंद्र थे, जबकि लोथल एक बंदरगाह था। जुते हुए खेत के प्रमाण विशेष रूप से कालीबंगा से जुड़े हैं।
प्रश्न 20: ‘गौतम बुद्ध’ का जन्म कब हुआ था?
- 563 ई.पू.
- 483 ई.पू.
- 540 ई.पू.
- 327 ई.पू.
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भगवान गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में लुम्बिनी (वर्तमान नेपाल में) नामक स्थान पर हुआ था। उनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था।
- संदर्भ और विस्तार: गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उन्हें ज्ञान की प्राप्ति बोधगया में हुई और उन्होंने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया। उनकी मृत्यु 483 ई.पू. में कुशीनगर में हुई।
- गलत विकल्प: 483 ई.पू. उनके महापरिनिर्वाण (मृत्यु) का वर्ष है। 540 ई.पू. महावीर स्वामी का जन्म वर्ष माना जाता है। 327 ई.पू. सिकंदर के भारत आक्रमण का काल है।
प्रश्न 21: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक पुस्तक का लेखक कौन है?
- जीन-जैक्स रूसो
- जॉन लॉक
- चार्ल्स डी मोंटेस्क्यू
- वोल्टेयर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘The Spirit of Laws’ (डी ल’एस्प्रिट डेस लोईस) के लेखक फ्रांसीसी विचारक चार्ल्स डी मोंटेस्क्यू हैं। यह पुस्तक 1748 में प्रकाशित हुई थी और इसने शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Powers) के सिद्धांत को प्रस्तुत किया।
- संदर्भ और विस्तार: मोंटेस्क्यू के इस सिद्धांत ने आधुनिक संवैधानिक सरकारों के विकास को गहराई से प्रभावित किया, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान को। उन्होंने सरकार की तीन शाखाओं – विधायी, कार्यकारी और न्यायिक – को स्वतंत्र रखने की वकालत की।
- गलत विकल्प: रूसो ने ‘The Social Contract’ लिखी, लॉक ने ‘Two Treatises of Government’ लिखी, और वोल्टेयर ने धार्मिक सहिष्णुता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जोर दिया।
प्रश्न 22: किस घटना को ‘फ्रांसीसी क्रांति’ की शुरुआत माना जाता है?
- वास्तील का पतन
- स्टेट्स-जनरल का आह्वान
- टेरिस कोर्ट की शपथ
- मानव अधिकारों की घोषणा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 14 जुलाई 1789 को वास्तील (Bastille) के किले पर भीड़ का हमला और उसका पतन फ्रांसीसी क्रांति की एक महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक शुरुआत मानी जाती है। वास्तील उस समय राजशाही के दमन का प्रतीक था।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना के बाद पेरिस और पूरे फ्रांस में क्रांति की लहर फैल गई, जिससे सदियों पुरानी राजशाही समाप्त हुई और गणराज्य की स्थापना हुई।
- गलत विकल्प: स्टेट्स-जनरल का आह्वान क्रांति का एक कारण बना, टेरिस कोर्ट की शपथ राष्ट्रीय सभा की दृढ़ता को दर्शाती थी, और मानव अधिकारों की घोषणा क्रांति के बाद का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था।
प्रश्न 23: ‘औद्योगिक क्रांति’ का आरंभ सर्वप्रथम किस देश में हुआ?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- फ्रांस
- जर्मनी
- ग्रेट ब्रिटेन
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: औद्योगिक क्रांति की शुरुआत 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (ब्रिटेन) में हुई थी। अनेक अनुकूल परिस्थितियाँ, जैसे कि पूंजी की उपलब्धता, नए आविष्कारों (जैसे भाप इंजन), कच्चे माल की आपूर्ति और एक मजबूत औपनिवेशिक साम्राज्य, इसके लिए सहायक सिद्ध हुईं।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रिटेन में कपड़ा उद्योग, कोयला और लौह उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई, जिसने उत्पादन के तरीकों में आमूलचूल परिवर्तन ला दिया। इसने न केवल ब्रिटेन, बल्कि पूरी दुनिया को बदल दिया।
- गलत विकल्प: अन्य देशों में भी औद्योगीकरण हुआ, लेकिन उसकी शुरुआत ब्रिटेन में हुई थी।
प्रश्न 24: ‘प्रथम विश्व युद्ध’ का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
- ब्रिटेन का जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा
- रूस की सेनाओं का जुटाव
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की 28 जून 1914 को साराजेवो (बोस्निया) में सर्बियाई राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप द्वारा की गई हत्या प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण बनी।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को चेतावनी दी, जिससे एक कूटनीतिक संकट उत्पन्न हो गया। यह घटना विभिन्न यूरोपीय देशों के बीच पहले से मौजूद तनावों और गठबंधनों की एक श्रृंखला को सक्रिय करने वाली चिंगारी साबित हुई, जो अंततः एक वैश्विक युद्ध में परिणत हुई।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का कारण था। ब्रिटेन की घोषणा और रूस का जुटना युद्ध के परिणामी कदम थे, तात्कालिक कारण आर्कड्यूक की हत्या ही थी।
प्रश्न 25: ‘शीत युद्ध’ (Cold War) का काल कब से कब तक माना जाता है?
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1945-1991
- 1917-1939
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: शीत युद्ध, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ तथा उनके सहयोगियों के बीच वैचारिक, राजनीतिक और आर्थिक संघर्ष की अवधि थी, आमतौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के अंत (1945) से लेकर सोवियत संघ के विघटन (1991) तक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध सीधे सैन्य टकराव के बजाय प्रॉक्सी युद्धों, हथियारों की दौड़, जासूसी और प्रचार के माध्यम से लड़ा गया था। शीत युद्ध ने दुनिया की भू-राजनीति को आकार दिया और कई देशों के विकास पथ को प्रभावित किया।
- गलत विकल्प: 1914-1918 प्रथम विश्व युद्ध की अवधि थी। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि थी। 1917-1939 रूसी क्रांति से लेकर द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत तक की अवधि को दर्शाता है।