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संविधान का रण: क्या आप इन 25 कठिन प्रश्नों का सामना कर सकते हैं?

संविधान का रण: क्या आप इन 25 कठिन प्रश्नों का सामना कर सकते हैं?

नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! भारतीय राजनीति और संविधान के आपके ज्ञान को परखने का दिन आ गया है। हमारी जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की बारीकियों को समझना सफलता की कुंजी है। क्या आप अपने अवधारणात्मक स्पष्टता को परखने और परीक्षा के लिए पूरी तरह तैयार होने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में गोता लगाएँ!

भारतीय राजनीति और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का क्या अर्थ है? (What is the meaning of ‘Fraternity’ in the Preamble of the Indian Constitution?)

  1. सभी नागरिकों के बीच समानता
  2. सभी वर्गों के लोगों के बीच भाईचारे की भावना
  3. बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए समान अवसर
  4. देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का अर्थ है भाईचारे की भावना। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिक एक राष्ट्र के सदस्य के रूप में महसूस करें और उनके बीच एकता और भाईचारे को बढ़ावा मिले। यह समानता और स्वतंत्रता को भी पोषित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ को ‘व्यक्ति की गरिमा’ और ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ की आश्वासन के साथ जोड़ा गया है (अनुच्छेद 1(1) भी राष्ट्र की एकता पर जोर देता है)। इसका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक सामूहिक भावना को बढ़ावा देना है।
  • गलत विकल्प: (a) समानता का अर्थ है कानून के समक्ष और कानून के समान संरक्षण। (c) समान अवसर DPPSPs (Directive Principles of State Policy) में उल्लिखित है, विशेषकर अनुच्छेद 39(d) के तहत। (d) देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना प्रस्तावना में दिया गया एक आश्वासन है, जो बंधुत्व का परिणाम है, लेकिन यह स्वयं बंधुत्व का अर्थ नहीं है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है? (Which of the following Fundamental Rights are available only to citizens of India?)

  1. अनुच्छेद 14: कानून के समक्ष समानता
  2. अनुच्छेद 15: धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
  3. अनुच्छेद 20: अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
  4. अनुच्छेद 21: प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त मौलिक अधिकार हैं। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार केवल नागरिकों के लिए है, जबकि अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण), अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण) और अनुच्छेद 22 (कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 20 और 21 सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, न कि केवल नागरिकों के लिए।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी संसदीय समिति लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) का अग्रगामी मानी जाती है? (Which of the following parliamentary committees is considered the precursor to the Public Accounts Committee?)

  1. अनुमान समिति (Estimates Committee)
  2. तदर्थ समिति (Ad Hoc Committee)
  3. विशेषाधिकार समिति (Committee of Privileges)
  4. प्राक्कलन समिति (Committee on Estimates)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्राक्कलन समिति (Committee on Estimates), जिसे 1921 में स्थापित किया गया था, लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) का अग्रगामी मानी जाती है। PAC मूल रूप से 1919 के भारत सरकार अधिनियम के तहत स्थापित की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: प्राक्कलन समिति का मुख्य कार्य अनुमानों की जाँच करना और यह सुझाव देना है कि क्या अनुमानों में उल्लिखित नीति के अनुरूप लागत को स्वीकार किया जा सकता है। PAC सार्वजनिक व्यय की विधिवत जाँच के लिए 1921 में बनाई गई थी। ये दोनों ही स्थायी समितियाँ हैं जो संसद के वित्तीय कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • गलत विकल्प: अनुमान समिति (a) और प्राक्कलन समिति (d) दोनों एक ही हैं (Estimates Committee)। विशेषाधिकार समिति (c) सदस्यों के विशेषाधिकारों से संबंधित है। तदर्थ समितियाँ (b) विशिष्ट मुद्दों के लिए बनाई जाती हैं।

प्रश्न 4: राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में उत्पन्न होने वाले सभी विवादों की जाँच और निर्णय किस के द्वारा किया जाता है? (Who investigates and decides all disputes arising out of or in connection with the election of the President?)

  1. सर्वोच्च न्यायालय
  2. संसद की एक विशेष समिति
  3. भारत का चुनाव आयोग
  4. संसद के दोनों सदन संयुक्त रूप से

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित किसी भी प्रश्न का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है। यह प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 71(1) में निहित है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 71(1) कहता है कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में उत्पन्न होने वाले या उससे संबंधित किसी भी प्रश्न का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय में ही किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अंतिम होता है। यदि किसी उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द कर दी जाती है, तो चुनाव आयोग इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय को संदर्भित करता है।
  • गलत विकल्प: भारत का चुनाव आयोग (c) चुनाव आयोजित करता है लेकिन विवादों का निर्णय नहीं करता। संसद (b, d) के पास यह विशिष्ट शक्ति नहीं है; यह न्यायिक क्षेत्र में आता है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संघवाद (Indian Federalism) के संबंध में सही नहीं है? (Which of the following statements is NOT correct regarding Indian Federalism?)

  1. भारत एक ‘संघ’ है, लेकिन इसके संघवाद में एकात्मक प्रवृत्तियाँ (unitary tendencies) हैं।
  2. संवैधानिक रूप से, भारत राज्यों का एक ‘अविनाशी संघ’ है।
  3. राज्यों को संघ से अलग होने का अधिकार नहीं है।
  4. संघवाद केवल विधायी शक्तियों के विभाजन तक ही सीमित है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संघवाद केवल विधायी शक्तियों के विभाजन तक सीमित नहीं है। इसमें प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों का भी विभाजन शामिल है। संविधान ने संघ और राज्यों के बीच शक्तियों को स्पष्ट रूप से विभाजित किया है, जैसा कि सातवीं अनुसूची में सूचीबद्ध संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में देखा जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय संघवाद को अक्सर ‘अर्ध-संघीय’ (quasi-federal) या ‘एकात्मक झुकाव वाले संघ’ (federalism with unitary bias) के रूप में वर्णित किया जाता है। भारत को ‘राज्यों का अविनाशी संघ’ कहा गया है (अनुच्छेद 1), जिसका अर्थ है कि राज्य अलग नहीं हो सकते। इसके विपरीत, अमेरिका में, राज्यों को संघ से अलग होने का अधिकार है। संघवाद विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय आयामों को समाहित करता है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) तीनों ही भारतीय संघवाद की विशेषताओं का सही वर्णन करते हैं।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के लिए विशेष प्रावधान हैं? (Which of the following schedules contains special provisions for the states of Assam, Meghalaya, Tripura, and Mizoram?)

  1. तीसरी अनुसूची
  2. पांचवीं अनुसूची
  3. छठी अनुसूची
  4. आठवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की छठी अनुसूची (Article 244(2) और 275(1)) में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: छठी अनुसूची इन राज्यों में स्वायत्त जिला परिषदों (Autonomous District Councils – ADCs) और क्षेत्रीय परिषदों (Regional Councils) के गठन का प्रावधान करती है। ये परिषदें स्थानीय शासन, भूमि, वन, विवाह, सामाजिक रीति-रिवाजों आदि से संबंधित कानूनों को विनियमित करने का अधिकार रखती हैं। पांचवीं अनुसूची (Article 244(1)) अन्य अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: तीसरी अनुसूची शपथ और प्रतिज्ञान के प्रारूप से संबंधित है। पांचवीं अनुसूची अन्य राज्यों के लिए है। आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है।

प्रश्न 7: ‘नीति निदेशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं? (From the constitution of which country are the ‘Directive Principles of State Policy’ inspired?)

  1. यूनाइटेड किंगडम
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका
  3. आयरलैंड
  4. कनाडा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का विचार आयरिश संविधान से लिया गया है। ये तत्व संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: आयरलैंड के संविधान ने स्पेनिश संविधान से इन तत्वों को अपनाया था। DPSP को सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत माना जाता है, जिनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है। ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय (enforceable) नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में मौलिक माने जाते हैं (अनुच्छेद 37)।
  • गलत विकल्प: यूके (a) ने संसदीय प्रणाली और कानून का शासन प्रदान किया। अमेरिका (b) ने मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन और प्रस्तावना के विचार दिए। कनाडा (d) ने एक मजबूत केंद्र के साथ संघवाद का ढाँचा प्रदान किया।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा ‘संवैधानिक संशोधन’ (Constitutional Amendment) मौलिक अधिकारों को सीमित या समाप्त कर सकता है? (Which ‘Constitutional Amendment’ can limit or abolish Fundamental Rights?)

  1. साधारण बहुमत (Simple Majority)
  2. विशेष बहुमत (Special Majority)
  3. विशेष बहुमत और राज्यों के अनुसमर्थन (Special Majority and Ratification by States)
  4. कोई भी संवैधानिक संशोधन यह नहीं कर सकता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक अधिकारों को सीमित या समाप्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत ‘विशेष बहुमत’ (Special Majority) की आवश्यकता होती है। हालांकि, कुछ विशिष्ट संशोधन, जैसे कि मौलिक अधिकारों से संबंधित, जिन्हें राज्यों के अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है (अनुच्छेद 368(2)), विशेष बहुमत और राज्यों के अनुसमर्थन (विशेष बहुमत) द्वारा पारित किए जाने चाहिए।
  • संदर्भ और विस्तार: केशवानंद भारती मामले (1973) में, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संसद के पास संविधान में संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के ‘मूल ढांचे’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती। मौलिक अधिकारों को सीमित करने वाला कोई भी संशोधन, जो मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता, विशेष बहुमत से पारित हो सकता है। हालांकि, मौलिक अधिकारों को पूरी तरह समाप्त करना मूल ढांचे के विपरीत होगा। (उदाहरण: 44वां संशोधन, जिसने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया)।
  • गलत विकल्प: साधारण बहुमत (a) केवल कुछ विधायी मामलों के लिए होता है। राज्यों का अनुसमर्थन (c) तभी आवश्यक है जब संशोधन राज्यों को प्रभावित करता हो, लेकिन मौलिक अधिकारों के मामले में, यह अक्सर मूल ढांचे के कारण अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा होता है। (d) गलत है क्योंकि संशोधन संभव है, पर उसकी सीमाएं हैं।

प्रश्न 9: भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग (Impeachment) चलाने की प्रक्रिया किस अनुच्छेद में वर्णित है? (In which article is the process of Impeachment of the President of India described?)

  1. अनुच्छेद 56
  2. अनुच्छेद 61
  3. अनुच्छेद 58
  4. अनुच्छेद 60

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 61 में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 61 के अनुसार, राष्ट्रपति पर महाभियोग संविधान के उल्लंघन के आधार पर लगाया जा सकता है। यह प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू की जा सकती है, जब उस सदन के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित आरोप-पत्र दिया जाता है और उस पर सदन की कुल सदस्यता के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाता है। फिर, दूसरे सदन को आरोप की जांच करने या करवाने का अवसर दिया जाता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 58 राष्ट्रपति के लिए योग्यताएं बताता है। अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान से संबंधित है।

प्रश्न 10: किस वर्ष में ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ (National Human Rights Commission – NHRC) की स्थापना की गई थी? (In which year was the ‘National Human Rights Commission’ established?)

  1. 1990
  2. 1992
  3. 1993
  4. 1995

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 (Protection of Human Rights Act, 1993) के तहत की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC एक प्रहरी संस्था है जिसका उद्देश्य मानव अधिकारों का संरक्षण और संवर्धन करना है। यह स्वशासी है और संसद के एक अधिनियम द्वारा गठित है, इसलिए इसे ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) माना जाता है, न कि ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body)।
  • गलत विकल्प: अन्य दिए गए वर्ष NHRC की स्थापना के वर्ष नहीं हैं।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के ‘मूल क्षेत्राधिकार’ (Original Jurisdiction) के अंतर्गत आता है? (Which of the following comes under the ‘Original Jurisdiction’ of the Supreme Court?)

  1. अपीलीय क्षेत्राधिकार के माध्यम से निर्णय
  2. राज्यों के बीच विवाद, या केंद्र और राज्यों के बीच विवाद
  3. किसी उच्च न्यायालय से मामले का हस्तांतरण
  4. राष्ट्रपति को कानूनी सलाह देना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 131 के अनुसार, मूल क्षेत्राधिकार में वे मामले आते हैं जहाँ भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच, या भारत सरकार और किसी राज्य के बीच, या दो या अधिक राज्यों के बीच कोई विवाद उत्पन्न होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल क्षेत्राधिकार का अर्थ है कि कोई मामला पहली बार सीधे सर्वोच्च न्यायालय में ही सुना जा सकता है, न कि किसी अन्य न्यायालय में। यह क्षेत्राधिकार भारत के संघीय चरित्र की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: (a) अपीलीय क्षेत्राधिकार के माध्यम से निर्णय, (c) मामलों का हस्तांतरण (अनुच्छेद 139A), और (d) राष्ट्रपति को कानूनी सलाह देना (अनुच्छेद 143) क्रमशः अपीलीय क्षेत्राधिकार, सलाहकार क्षेत्राधिकार और अन्य क्षेत्राधिकारों के अंतर्गत आते हैं।

प्रश्न 12: ‘राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956’ (States Reorganisation Act, 1956) के तहत कितने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया था? (How many states and Union Territories were formed under the ‘States Reorganisation Act, 1956’?)

  1. 14 राज्य और 6 केन्द्र शासित प्रदेश
  2. 15 राज्य और 7 केन्द्र शासित प्रदेश
  3. 16 राज्य और 5 केन्द्र शासित प्रदेश
  4. 17 राज्य और 4 केन्द्र शासित प्रदेश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के परिणामस्वरूप भारत में 14 राज्यों और 6 केन्द्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भाषाई आधार पर राज्यों की सीमाओं का पुनर्गठन करना था। इसने भारत के राजनीतिक मानचित्र को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया और राज्यों के पुनर्गठन की दिशा में एक बड़ा कदम था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प उस समय गठित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सही संख्या नहीं दर्शाते हैं।

प्रश्न 13: ‘संविधान की प्रस्तावना’ (Preamble of the Constitution) को किसके द्वारा संशोधित किया जा सकता है? (By whom can the ‘Preamble of the Constitution’ be amended?)

  1. भारत की संसद
  2. भारत का सर्वोच्च न्यायालय
  3. राष्ट्रपति, संसद की सलाह पर
  4. उपराष्ट्रपति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना को संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संसद द्वारा संशोधित किया जा सकता है, क्योंकि इसे संविधान का हिस्सा माना जाता है। केशवानंद भारती मामले (1973) ने स्थापित किया कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है और इसे विशेष बहुमत से संशोधित किया जा सकता है, जब तक कि इसके मूल ढांचे को नष्ट न किया जाए।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में अब तक केवल एक बार (42वें संशोधन, 1976) संशोधन किया गया है, जिसमें ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को जोड़ा गया था।
  • गलत विकल्प: सर्वोच्च न्यायालय (b) केवल व्याख्या कर सकता है, संशोधन नहीं। राष्ट्रपति (c) या उपराष्ट्रपति (d) के पास यह शक्ति नहीं है।

प्रश्न 14: कौन सा अनुच्छेद ‘राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति’ (Power of Pardon of the President) से संबंधित है? (Which article relates to the ‘Power of Pardon of the President’?)

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 74
  3. अनुच्छेद 161
  4. अनुच्छेद 123

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति की क्षमादान, लघुकरण, परिहार, विराम या परिहार की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को मृत्युदंड को क्षमा करने, उसे आजीवन कारावास में बदलने, या किसी भी दंड को कम करने या स्थगित करने का अधिकार देती है। यह शक्ति मंत्रिपरिषद की सलाह पर प्रयोग की जाती है। राज्य के राज्यपाल के पास अनुच्छेद 161 के तहत इसी तरह की शक्तियाँ हैं, लेकिन वे मृत्युदंड को क्षमा नहीं कर सकते और न ही सेना न्यायालयों द्वारा दिए गए दंड को।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सलाह और सहायता के लिए मंत्रिपरिषद से संबंधित है। अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान में ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) किसे सौंपी गई हैं? (To whom are the ‘Residuary Powers’ vested in the Indian Constitution?)

  1. राष्ट्रपति
  2. संसद
  3. सर्वोच्च न्यायालय
  4. संघ और राज्य दोनों

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची (Union List) में अवशिष्ट शक्तियों का उल्लेख है, जो संसद को सौंपी गई हैं (अनुच्छेद 248)।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि वे सभी विषय जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में सूचीबद्ध नहीं हैं, अवशिष्ट विषयों की श्रेणी में आते हैं और उन पर कानून बनाने का अधिकार केवल संसद के पास है। यह भारत के संघीय ढांचे में एक एकात्मक झुकाव को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति (a) केवल कार्यकारी प्रमुख हैं। सर्वोच्च न्यायालय (c) का कार्य न्यायपालिका है। संघ और राज्य दोनों (d) के पास इन शक्तियों का स्पष्ट विभाजन नहीं है, ये विशेष रूप से संसद को दी गई हैं।

प्रश्न 16: भारत के संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किस निकाय को ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) के रूप में वर्गीकृत किया गया है? (According to the Constitution of India, which of the following bodies is classified as a ‘Constitutional Body’?)

  1. नीति आयोग (NITI Aayog)
  2. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
  3. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  4. राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) एक संवैधानिक निकाय है जिसका उल्लेख संविधान के भाग XIV (अनुच्छेद 315 से 323) में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में होता है और उनकी शक्तियों, कार्यों और संरचना को संविधान द्वारा परिभाषित किया जाता है। UPSC संघ की सेवाओं के लिए नियुक्तियों और परीक्षाओं के संचालन के लिए जिम्मेदार है।
  • गलत विकल्प: नीति आयोग (a) 2015 में स्थापित एक कार्यकारी आदेश द्वारा बनाया गया एक गैर-संवैधानिक, गैर-सांविधिक निकाय है। CBI (b) पुलिस अधिनियम के तहत एक सांविधिक निकाय है, जिसका अपना कोई विशिष्ट कानून नहीं है। राष्ट्रीय विकास परिषद (d) एक कार्यकारी प्रस्ताव द्वारा 1952 में गठित एक गैर-संवैधानिक निकाय है।

प्रश्न 17: ‘ग्राम सभा’ (Gram Sabha) को भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता और शक्ति प्रदान की गई? (Through which amendment of the Indian Constitution was ‘Gram Sabha’ formally recognized and empowered?)

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 70वां संशोधन अधिनियम, 1991

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा दिया। इस संशोधन ने ग्राम सभा को ग्राम स्तर पर एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में मान्यता दी, जैसा कि अनुच्छेद 243(b) में परिभाषित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा पंचायती राज की आधारशिला है और इसमें किसी गांव की मतदाता सूची में पंजीकृत सभी व्यक्ति शामिल होते हैं। यह स्थानीय शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जैसे कि ग्राम पंचायत की योजनाओं की मंजूरी और सामाजिक ऑडिट।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है। 64वां और 70वां संशोधन पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने में प्रारंभिक प्रयास थे, लेकिन 73वां संशोधन अंतिम और प्रभावी रहा।

प्रश्न 18: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) के दौरान, कौन से मौलिक अधिकार निलंबित नहीं किए जा सकते? (During a National Emergency, which Fundamental Rights cannot be suspended?)

  1. अनुच्छेद 20 और 21
  2. अनुच्छेद 19
  3. अनुच्छेद 14 और 15
  4. अनुच्छेद 22

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 359 के अनुसार, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के दौरान मौलिक अधिकारों को निलंबित कर सकते हैं। हालाँकि, अनुच्छेद 358 के अनुसार, अनुच्छेद 19 द्वारा गारंटीकृत अधिकार स्वतः ही निलंबित हो जाते हैं जब राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जाती है (सिर्फ युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर)। अनुच्छेद 359 के तहत, राष्ट्रपति अन्य मौलिक अधिकारों को भी निलंबित करने का आदेश दे सकते हैं, लेकिन अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण) को कभी भी निलंबित नहीं किया जा सकता।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 20 और 21 मानवीय गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए मौलिक हैं, इसलिए इन्हें किसी भी परिस्थिति में छीना नहीं जा सकता।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 (b) राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान (युद्ध/बाहरी आक्रमण के आधार पर) स्वतः निलंबित हो जाता है। अनुच्छेद 14 और 15 (c) को अनुच्छेद 359 के तहत निलंबित किया जा सकता है, जैसा कि 44वें संशोधन के बाद केवल युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर घोषित आपातकाल में ही अनुच्छेद 19 के साथ किया जा सकता है। अनुच्छेद 22 (d) भी निलंबित किया जा सकता है।

प्रश्न 19: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (Comptroller and Auditor General – CAG) की नियुक्ति कौन करता है? (Who appoints the ‘Comptroller and Auditor General’ – CAG in India?)

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. वित्त मंत्री
  4. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और भारत की संचित निधि, सार्वजनिक व्यय और सरकारी कंपनियों के खातों की ऑडिटिंग के लिए जिम्मेदार होता है। CAG का पद स्वतंत्र और निष्पक्ष होता है, और इसे हटाना राष्ट्रपति द्वारा महाभियोग जैसी प्रक्रिया द्वारा ही संभव है, जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए होता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री (b), वित्त मंत्री (c) या सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (d) CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 20: किस संसदीय समिति को ‘सरकार की वित्तीय गतिविधियों का प्रहरी’ (Watchdog of Government’s financial activities) कहा जाता है? (Which parliamentary committee is called the ‘Watchdog of Government’s financial activities’?)

  1. आश्वासन समिति (Committee on Government Assurances)
  2. लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee)
  3. सरकारी उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
  4. विशेषाधिकार समिति (Committee of Privileges)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) को अक्सर ‘सरकार की वित्तीय गतिविधियों का प्रहरी’ कहा जाता है। यह समिति भारत की संचित निधि से निकाले गए धन के विनियोग की जांच करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: PAC का मुख्य कार्य CAG की ऑडिट रिपोर्टों की जांच करना है, जिसमें भारत की संचित निधि से निकाले गए धन के व्यय की औचित्य, अर्थव्यवस्था और लोक लेखा की जांच शामिल है। यह वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • गलत विकल्प: आश्वासन समिति (a) सरकारी आश्वासनों के कार्यान्वयन की निगरानी करती है। सरकारी उपक्रम समिति (c) सार्वजनिक उपक्रमों के प्रदर्शन का ऑडिट करती है। विशेषाधिकार समिति (d) सदस्यों के विशेषाधिकारों से संबंधित है।

प्रश्न 21: भारत के उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए किस प्रकार के बहुमत की आवश्यकता होती है? (What kind of majority is required to remove the Vice-President of India from his office?)

  1. साधारण बहुमत (Simple Majority)
  2. प्रभावी बहुमत (Effective Majority)
  3. पूर्ण बहुमत (Absolute Majority)
  4. संविधान संशोधन के लिए विशेष बहुमत (Special Majority for Constitutional Amendment)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए राज्यसभा में ‘प्रभावी बहुमत’ (Effective Majority) की आवश्यकता होती है। संविधान के अनुच्छेद 67(b) के अनुसार, उपराष्ट्रपति को ऐसे प्रस्ताव द्वारा हटाया जा सकता है जो राज्यसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत से पारित हो और जिसे लोकसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत द्वारा समर्थित किया गया हो। राज्यसभा में प्रभावी बहुमत का मतलब है उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का बहुमत, जो कुल सदस्यों के बहुमत से कम से कम एक अधिक हो, लेकिन यह कुल सदस्यता के बहुमत (Absolute Majority) से अधिक न हो।
  • संदर्भ और विस्तार: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 के बाद, उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए राज्यसभा में ‘प्रभावी बहुमत’ (Effective Majority) ही पर्याप्त है, और लोकसभा में भी ऐसे प्रस्ताव को समर्थन देना होता है। ‘प्रभावी बहुमत’ का अर्थ है सदन की कुल सदस्यता के बहुमत से एक अधिक। (यह ‘तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत’ से भिन्न है।)
  • गलत विकल्प: साधारण बहुमत (a) पर्याप्त नहीं है। पूर्ण बहुमत (c) कुल सदस्यता का बहुमत है, जिसकी आवश्यकता नहीं है। विशेष बहुमत (d) संविधान संशोधन के लिए है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) रिट के तहत संरक्षित नहीं है? (Which of the following rights is NOT protected under the writ of ‘Habeas Corpus’?)

  1. अवैध हिरासत से मुक्ति
  2. निवारक निरोध में व्यक्ति की रिहाई
  3. न्यायिक हिरासत से मुक्ति
  4. किसी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) रिट का अर्थ है ‘आपके पास शरीर हो’। यह किसी व्यक्ति को अवैध हिरासत से मुक्त कराने के लिए जारी किया जाता है। यह रिट उन मामलों में लागू नहीं होती जहाँ व्यक्ति को कानून के तहत वैध रूप से हिरासत में रखा गया हो, जैसे कि निवारक निरोध (Preventive Detention) के मामले में, जब तक कि हिरासत के तरीके में कोई कानूनी अनियमितता न हो।
  • संदर्भ और विस्तार: Habeas Corpus का उद्देश्य किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना है जो मनमाने ढंग से या अवैध रूप से कैद किया गया है। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी व्यक्ति को जिसने उसे गिरफ्तार किया है, उसे गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायालय के सामने प्रस्तुत करने का आदेश देता है, ताकि न्यायालय यह निर्धारित कर सके कि गिरफ्तारी वैध है या नहीं।
  • गलत विकल्प: (a), (c) और (d) Habeas Corpus के मुख्य उद्देश्य हैं। निवारक निरोध (b) कानून द्वारा अनुमत है, इसलिए Habeas Corpus सीधे तौर पर इसके आधार पर रिहाई नहीं करवाता, जब तक कि प्रक्रियात्मक खामी न हो।

प्रश्न 23: ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) का प्रावधान भारतीय संविधान में किस देश के संविधान से प्रेरित है? (The provision of the ‘Concurrent List’ in the Indian Constitution is inspired by the constitution of which country?)

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. फ्रांस

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में समवर्ती सूची (Concurrent List) का प्रावधान ऑस्ट्रेलिया के संविधान से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची में ऐसे विषय शामिल हैं जिन पर संघ और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं। यदि किसी समवर्ती सूची विषय पर दोनों के बनाए कानूनों में विरोधाभास होता है, तो संघ द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है (अनुच्छेद 254)। यह ढाँचा ऑस्ट्रेलिया के संघवाद से लिया गया है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका (a) ने शक्तियों के विभाजन (संघ सूची, राज्य सूची) का मॉडल दिया, लेकिन समवर्ती सूची नहीं। कनाडा (b) ने अवशिष्ट शक्तियों को केंद्र को देने का मॉडल दिया। फ्रांस (d) ने गणतंत्रवाद और कुछ सामाजिक न्याय के विचारों को प्रभावित किया।

प्रश्न 24: किस संवैधानिक संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और भाग IX तथा ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी? (Which constitutional amendment provided constitutional status to Panchayati Raj Institutions (PRIs) and added Part IX and the Eleventh Schedule?)

  1. 72वां संशोधन अधिनियम, 1991
  2. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 80वां संशोधन अधिनियम, 2000

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 (जो 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ) भारतीय संविधान में भाग IX (पंचायती राज) और ग्यारहवीं अनुसूची को जोड़ा। यह अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं की संरचना, शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को अधिक स्वायत्तता और संवैधानिक मान्यता प्रदान करना था, जिससे वे स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
  • गलत विकल्प: 72वां संशोधन (a) इसे पारित करने से पहले का प्रयास था। 74वां संशोधन (c) शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 80वां संशोधन (d) कराधान में राज्यों के हिस्से के वितरण से संबंधित था।

प्रश्न 25: ‘अल्पसंख्यकों के वर्गों के शिक्षा संबंधी अधिकार’ (Educational Rights of Minorities) किस अनुच्छेद के तहत सुरक्षित हैं? (Under which article are the ‘Educational Rights of Minorities’ protected?)

  1. अनुच्छेद 28
  2. अनुच्छेद 29
  3. अनुच्छेद 30
  4. अनुच्छेद 32

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 30 विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की रक्षा करता है। इसके अनुसार, सभी अल्पसंख्यकों को, चाहे वे धर्म पर आधारित हों या भाषा पर, अपनी पसंद की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति को बनाए रखने और बढ़ावा देने में मदद करता है। अनुच्छेद 29 (b) भी अल्पसंख्यकों को उनकी भाषा, लिपि और संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार देता है, लेकिन यह अधिकार केवल अल्पसंख्यकों तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों के किसी भी वर्ग को यह अधिकार प्राप्त है। अनुच्छेद 30 एक पूर्ण अधिकार है जो केवल अल्पसंख्यकों के लिए है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 28 (a) धार्मिक शिक्षा में उपस्थिति से संबंधित स्वतंत्रता देता है। अनुच्छेद 29 (b) संस्कृति और शिक्षा के अधिकार का हिस्सा है, लेकिन यह अनुच्छेद 30 की तरह केवल अल्पसंख्यकों के लिए विशिष्ट नहीं है। अनुच्छेद 32 (d) संवैधानिक उपचारों का अधिकार है।

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